गुरुवार, 30 मई 2013

CBSE 10वीं के नतीजे घोषित, देखें Result..



केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं क्‍लास का रिजल्‍ट जारी होने में अब कुछ ही वक्‍त का फासला रह गया है. ऐसे में परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों के दिलों की धड़कनें तेज होना स्‍वाभाविक ही है. परीक्षा के परिणाम 30 मई को सुबह 10 बजे जारी किए जाएंगे, जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतजार है.

स्कूल 

वेबसाइट पर स्कूल कोड और ई-मेल आईडी से पूरा परिणाम हासिल कर सकते हैं, वहीं विद्यार्थी 243006999 (दिल्ली के लिए) या 011-24300699 (देश के अन्य हिस्सों) पर कॉल कर अपना परिणाम जान सकते हैं.

परीक्षा का रिजल्‍ट एसएमएस के जरिए भी जाना जा सकता है. गौरतलब ह‍ै कि चेन्नई क्षेत्र का दसवीं का परिणाम 26 मई को ही घोषित किया जा चुका है.

फेसबुक पर बने दोस्त पर रेप का आरोप



नई दिल्ली।। अठारह साल की एक लड़की की करीब दो साल पहले फेसबुक पर एक लड़के से दोस्ती हुई जो बाद में शारीरिक संबंधों में बदल गई। इस बीच लड़की ने लड़के को कई बार रुपये और अन्य गिफ्ट भी दिए। मगर अब लड़की ने उसी दोस्त पर रेप का आरोप लगाया है।
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यह मामला आउटर दिल्ली के रोहिणी नॉर्थ थाना इलाके का है। पुलिस ने बताया कि लड़की की दोस्ती आरोपी लड़के से 2011 में फेसबुक पर हुई थी। इसके बाद दोनों मिलने लगे। लड़की ने आरोप लगाया है कि इस बीच लड़का उसे सागरपुर और आरके पुरम आदि कई जगह ले जाकर उसके साथ रेप करता रहा। यह गंदा काम वह अपने दोस्तों के यहां करता था। उसे जान से मारने की धमकी दी गई जिस वजह से वह चुप रही। मगर अब उसने यह बात अपने परिजनों को बताई।

मंगलवार रात रोहिणी पुलिस से इसकी शिकायत की गई। लड़की का मेडिकल कराया गया। उसमें रेप की पुष्टि होने पर मामला दर्ज किया गया।दूसरी घटना में पंजाबी बाग थाना इलाके में 13 साल की एक लड़की से उस घर के चौकीदार ने रेप किया। पुलिस ने बताया कि पीड़ित लड़की पंजाबी बाग में एक घर में नौकरी करती थी। वहां 30 साल का एक शख्स चौकीदारी का काम करता था। आरोप है कि चौकीदार ने उससे घर में उस वक्त रेप किया जब घर में और कोई नहीं था। इसके बाद वह भाग गया। लड़की वेस्ट बंगाल की रहने वाली है।

सिगरेट पीने वालों से शादी नहीं करना चाहती हैं लड़कियां

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नई दिल्ली।। स्मोकिंग करने वाले युवाओं की शादी खतरे में पड़ सकती है। दिल्ली की लड़कियों ने स्मोकिंग करने वालों से शादी नहीं करने का फैसला किया है।

स्कूली लड़कियों के बीच की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई है। 26 पर्सेंट लड़कियों ने ऐसे युवक से शादी नहीं करने की बात कही है। इस स्टडी में 16 कॉन्वेंट स्कूलों की 195 लड़कियों को शामिल किया गया था, जिसमें दसवीं क्लास की 15 से 16 साल की उम्र की लड़कियां शामिल थीं।

स्टडी में शामिल लड़कियां स्मोकिंग नहीं करतीं, लेकिन 26 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि वो अपने घर में पैसिव स्मोकिंग का सामना करती हैं। इनमें से 80 पर्सेंट लड़कियों ने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों पर ऐसा नहीं करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन 20 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि वो डर की वजह से अपने परिजनों को कुछ नहीं कह पातीं।72 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि अगर शादी से पहले पता चल गया कि उसका पार्टनर स्मोकिंग करता है, तो वो इसे बंद करने के लिए कहेंगी। हालांकि, 2 पर्सेंट लड़कियों ने स्मोकिंग की बात जानकर भी शादी करने की बात स्वीकार की। स्टडी में 58 पर्सेंट लड़कियों ने माना कि अगर पब्लिक प्लेस पर उनके सामने कोई स्मोकिंग करता है तो वह इसका विरोध करेंगी। जबकि 38 पर्सेंट का कहना था कि विरोध के बजाय वह उस जगह से हट जाना पसंद करेंगी। 4 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि उनके आसपास कौन क्या कर रहा है?
95 पर्सेंट लड़कियां इस बात से सहमत थीं कि वो अपने फ्रेंड या बॉयफ्रेंड के कहने पर स्मोकिंग स्टार्ट नहीं करेंगी। भले ही वह सिर्फ एक बार ही ऐसा करने के लिए क्यों नहीं कह रहा हो। लेकिन 5 पर्सेंट का कहना था कि वो ऐसा कर भी सकती हैं। अच्छी बात यह है कि 86 पर्सेंट लड़कियों ने स्मोकिंग को हेल्थ के लिए हानिकारक बताया। लेकिन 14 पर्सेंट ने कहा कि स्मोकिंग करने से डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है, ऐसा उन्होंने सुना है। सबसे अलग 2 पर्सेंट ने कहा कि अगर वो डॉक्टर को पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करते देखती हैं, तो उनका नजरिया बदल जाता है कि स्मोकिंग हेल्थ के लिए हानिकारक है या नहीं?

यह स्टडी हार्ट केयर फाउंडेशन द्वारा कराई गई थी। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि स्मोकिंग के प्रति युवाओं का क्या नजरिया है, इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। स्मोकिंग के खिलाफ एक आंदोलन चलाने की जरूरत है, ताकि शुरू से ही युवाओं को इस आदत से दूर रखा जा सके।

अंतरराज्यीय वाहन चोरों का गिरोह पकड़ में आया

पुलिस ने विभिन्न राज्यों में चार पहिया वाहन चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए छह जनों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में एक मिस्त्री और एक कबाड़ी भी शामिल है। मुख्य रूप से तीन शातिर बदमाशों ने विभिन्न स्थानों पर करीब तीन दर्जन वारदातें करना स्वीकार किया है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने दो लग्जरी गाडिय़ां और एक इंजन बरामद किया है। डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि वाहन चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए स्पेशल टीम के प्रभारी राजवीर सिंह, प्रताप नगर थानाधिकारी देरावरसिंह और रातानाडा एसएचओ सुगनसिंह को लगाया गया। इस टीम ने नाकाबंदी के दौरान बाड़मेर के गुढ़ामालानी निवासी अनिल कुमार विश्नोई (21) पुत्र भाखराराम, गुढ़ामालानी के नया नगर निवासी जयरामाराम विश्नोई पुत्र नारायणराम और जालोर के बागोड़ा थानांतर्गत रंगाला निवासी मोहनराम जाट (25) पुत्र दीपाराम को पकड़ा। इनके कब्जे से चोरी की एक लग्जरी सफारी डेकोर कार बरामद हुई। यह दो दिन पूर्व गुजरात से चुराई गई थी और आरोपी इसे बेचने और शहर से कोई और गाड़ी चुराने की फिराक में थे। पुलिस के अनुसार तीनों बदमाशों ने राजस्थान के कई शहरों के अलावा महाराष्ट्र व गुजरात से भी कई गाडिय़ां चुराई थीं। पुलिस की विशेष टीम में एएसआई सुखराम, कांस्टेबल मनोज, स्वरूपराम, महेंद्र, दौलाराम, पोकरमल, बीजाराम, भीमसिंह, ओमप्रकाश ढाका, अमराराम, छोटाराम, कृष्णचन्द व मानवेंद्रसिंह सहित अन्य को सम्मानित किया जाएगा।

क्षतिग्रस्त वाहनों के दस्तावेज खरीदते थे : पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वाहन चोर अन्य राज्यों से लग्जरी गाड़ी चोरी करने के बाद कबाड़ी के यहां से एक्सीडेंट में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी गाडिय़ों के दस्तावेज खरीदते हैं। इन कागजों की कीमत क्षतिग्रस्त गाड़ी के कबाड़ से कई गुना अधिक होती है। इन दस्तावेज में अंकित नंबर चोरी किए गए वाहन पर लगाते और वही इंजन व चैसिस नंबर मिस्त्री की मदद से बदल कर आगे बेच देते हैं। पुलिस ने गिरोह के इस गोरखधंधे में शामिल रातानाडा गणेशपुरा निवासी मिस्त्री लालाराम प्रजापत पुत्र घूसाराम को भी गिरफ्तार किया। इसकी झालामंड क्षेत्र में श्रीकृष्ण मोटर्स वर्कशॉप है। बाद में पुलिस ने चोरी की गाड़ी खरीदने वाले राईकाबाग निवासी किशनलाल पुत्र नेमाराम को भी गिरफ्तार कर लिया। उसकी सूचना के आधार पर प्रताप नगर जगदंबा कॉलोनी निवासी कबाड़ी अली (29) पुत्र कालू खां को गिरफ्तार कर चोरी की गाड़ी का एक इंजन बरामद किया।

टंकी पर चढ़ी महिलाएं, किया प्रदर्शन

टंकी पर चढ़ी महिलाएं, किया प्रदर्शन

मूण्डवा। मूण्डवा में लम्बे समय से लड़खड़ाई पेयजल व्यवस्था को लेकर कस्बेवासियों ने अब तक सभी अधिकारियों के समक्ष खूब फरियाद की है। पर समस्या बरकरार है। बुधवार को पेयजल समस्या से त्रस्त तेलियों के मोहल्ले की महिलाएं पार्षद रही गीता काला के नेतृत्व में सहायक अभियंता कार्यालय पहुंची। जहां अधिकारियों के नहीं मिलने से महिलाएं बिफर गई। उनका कहना था कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद समाधान क्यों नहीं हो रहा। एक तरफ जलदाय विभाग पानी नहीं दे रहा। उन्हें निजी नलकूपों से पानी लाना पड़ता है।

फिटर को सुनाई खरी-खरी
सुबह करीब 10 बजे सहायक अभियंता कार्यालय पहुंची महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने कर्मचारियों व फिटर को खरी-खरी सुनाई। अधिकारी नहीं होने से कर्मचारी उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाए। महिलाओं के हंगामे से कार्यालय का काम काज प्रभावित हुआ।

कठे गिया साहब काम नहीं हुवे तो चुडियां पहनो
परेशान महिलाएं जब सहायक अभियंता के पास समस्या लेकर पहुंची तो वे कार्यालय में नहीं मिले। नाराज महिलाओं ने कहा कि जिती बार आवां साहब एकर ही कोनी मिलिया। कठे गया साहब काम नहीं हुवे तो चुडियां पहरो। ओ चुडियां पहरावण को काम म्हें करां। सूत्रों के अनुसार महिलाओं के आने की भनक लगने पर सहायक अभियंता आवास में ही रूक गए तथा बाहर से ताला लगवा लिया।

चढ़ गई टंकी पर
माकूल जवाब नहीं मिलने से नाराज महिलाएं सहायक अभियंता कार्यालय मे बनी टंकी पर चढ़ने लगी। महिलाओं को टंकी पर चढ़ते देख जलदाय कर्मियों के हाथ-पांव फूल गए। उन्होंने महिलाओं को जैसे-तैसे नीचे उतारने का प्रयास किया। वे नहीं मानी तो आनन-फानन मे पुलिस को सूचना दी गई। इस पर पुलिस सहायक अभियंता कार्यालय पहुंची। उन्होंने महिलाओं को अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान करवाने का भरोसा दिलाया तथा उन्हें टंकी से नीचे उतारा।

इनका कहना है
महिलाएं पानी की समस्या लेकर आई थी। मैं सुबह चेनार चला गया था। एक-दो व्यक्ति आकर बात करे तो पूरी बात समझी-सुनी जा सकती है। भीड़ में कोई अभद्र आचरण भी कर दे तो ठीक नहीं रहता। कस्बे में 48 घंटे में पानी दिया जा रहा है। एक-एक परिवार में 20-20 सदस्य हैं। पानी की मांग अधिक है। फिर भी हम एकान्तरे से करीब 10 लाख लीटर पानी दे रहे हैं।
- रामप्रसाद मौर्य सहायक अभियंता जलदाय विभाग, मूण्डवा

सात साल की मासूम से दुष्कर्म

सात साल की मासूम से दुष्कर्म

जैतारण(पाली)। आनंदपुर कालू थाना क्षेत्र में एक सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का प्रकरण सामने आया है। तीन दिन पुरानी घटना की आनंदपुर कालू पुलिस ने जांच प्रारंभ करते हुए आरोपित की तलाश में दल भेजा है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया।

सहायक उप निरीक्षक अमरसिंह ने बताया कि 25 मई की रात्रि को एक सात वर्षीय किशोरी अपने घर मे अकेली सो रही थी तथा उनके माता व पिता अपने घर से थोड़ी दूर एक शादी में बंदोली देखने के लिए हुए थे। इस दौरान पड़ोसी छोटूराम (25) पुत्र भंवरूराम ने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। घर लौटे परिजनों को जब घटना की जानकारी मिली तो वे घबरा गए। सूचना मिलने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की है। मंगलवार को पीडिता का मेडिकल करवाया गया और आरोपित की तलाश में टीम भेजी है।

मौत' का दूसरा नाम बना अंबेडकर का रिश्तेदार!

नई दिल्ली. दंडकारण्य। संस्कृत में इस शब्द का मतलब होता है, ऐसा जंगल जहां सज़ा मिलती है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश की सीमाओं तक फैले दंडकारण्य (इसे नक्सली डीके कहते हैं) के करीब 93 हजार वर्ग किलोमीटर के इलाके में 'समानांतर' सरकार चला रहे नक्सलियों के बीच 47 साल के मिलिंद तेलतुम्बदे का नाम 'इज्जत' के साथ लिया जाता है। मिलिंद के भाई और जाने माने मैनेजमेंट पेशेवर आनंद की शादी अंबेडकर की पोती से हुई है। मिलिंद महाराष्ट्र में सीपीई (माओवादी) का सेक्रेटरी है और इनदिनों वह फरार चल रहा है।
'मौत' का दूसरा नाम बना अंबेडकर का रिश्तेदार!
मिलिंद का जन्म यवतमाल जिले के राजुर गांव के एक दलित परिवार में हुआ था। मिलिंद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। और उसके बाद वह वेस्टर्न कोल फील्ड्स में नौकरी करने लगा। गढ़चिरौली के एसपी हक के मुताबिक, '80 के दशक में मिलिंद वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के मजदूर यूनियन में सक्रिय था। इस दौरान वह माओवादी नेताओं के संपर्क में आया। माओवादी नेता गढ़चिरौली समेत महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों की पैठ बनाना चाहते थे।'

पहली बार मां-बेटी ने मिलकर दिया पोर्न फिल्म में सीन, बाप-बेटे की जोड़ी के लिए चल रहा ऑडिशन

अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत की पोर्न स्टार मां और बेटी अपनी फिल्म के लिए बाप-बेटों का ऑडिशन ले रहे हैं। मां-बेटी एक ऐसी पोर्न फिल्म बनाना चाहती हैं जिसमें वे और कोई बाप-बेटे एक साथ काम करें। पोर्न फिल्मों के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ है कि किसी पोर्न फिल्म में एक ही परिवार के सदस्यों ने एक साथ काम किया हो। मां-बेटी जेसिका सेक्सटन (56) और उसकी बेटी मोनिका (22) दोनों करीब डेढ़ साल से अपने नाम की वेबसाइट चलाती हैं। इसमें वे कुछ मिनट के पोर्न वीडियो अपलोड करती हैं। कई वीडियो में तो दोनों ने काम किया है। मां-बेटी के द्वारा देश भर के लोगों से लिए जा रहे ऑडिशन फादर्स डे (16 जून) तक चलेंगे। उनका कहना है कि अगर उन्हें अपनी पोर्न फिल्म में काम करने के लिए कोई पार्टनर (बाप-बेटे) नहीं मिले तो वे फिल्म नहीं बनाएंगी।
पहली बार मां-बेटी ने मिलकर दिया पोर्न फिल्म में सीन, बाप-बेटे की जोड़ी के लिए चल रहा ऑडिशन
मां जेसिका बताती हैं कि उन्होंने और उनकी बेटी ने बाप-बेटों के साथ कभी भी एक रियल लाइफ या रील लाइफ में रोमांस नहीं किया है। हालांकि एक बार करीब दो साल के लिए उन्होंने दो भाइयों के साथ डेटिंग की थी लेकिन वे दोनों मोनिका की उम्र के थे। हालांकि मोनिका ने अपनी फिल्म के लिए एक सीन भी दिमाग में तैयार किया है। उनके मुताबिक अगर उनके बच्चे पहले मिलते हैं तो लड़का अपने पिता से कहेगा, पापा मेरी गर्लफ्रेंड की मॉम बहुत हॉट है। हालांकि ज्यादा संभावना इस बात की है कि फिल्म में पहले मां और बाप की मुलाकात होगी और इसके बाद वे अपने बच्चों को एक-दूसरे से मिलाएंगे। कुछ दिनों पहले उन्होंने एक बाप और बेटे के साथ कुछ सीन शूट भी किए थे लेकिन वे सीन अच्छे नहीं बन सके। इसकी एक वजह यह भी थी कि फिल्म में जो बाप था उसकी शक्ल काफी हद तक 'मेन इन ब्लैक' के 'कॉक्रोच' की तरह थी। इस के बाद मां-बेटी ने बड़े स्तर पर कास्टिंग करने का फैसला किया और देश भर में बाप-बेटे को ढूंढने का अभियान छेड़ दि

रेवड़ी बन गया आयुक्त का पद?

रेवड़ी बन गया आयुक्त का पद?

बाड़मेर। नगर परिष्ाद बाड़मेर में आयुक्त का पद रेवड़ी बनकर रह गया है। इस पद पर आर ए एस अधिकारी व प्रथम श्रेणी अधिशासी अधिकारी की बजाय कर निर्घारक, राजस्व अधिकारी व अधिशासी अभियंता को दायित्व सौंपने की परम्परा बन गई है। इन अधिकारियों के यह किसी तोहफे से कम नहीं है क्योंकि उन्हें अपनी पात्रता से उच्च श्रेणी के पद पर काम करने का मौका जो मिल रहा है।

नगरपरिषद में आयुक्त के पद पर आर ए एस अधिकारियों का कार्यकाल कम ही रहा है। जबकि सरकार ने आयुक्त पद पर आर ए एस अधिकारी लगाने की व्यवस्था तय कर रखी है। इसके अलावा प्रथम श्रेणी अधिशासी अधिकारी को भी इस पद पर नियमित नियुक्ति देने का प्रावधान है। इसके अलावा इससे निचले स्तर के अधिकारियों को वैकल्पिक तौर पर आयुक्त का पदभार सौंपने की व्यवस्था है। हैरत की बात यह है कि नगरपरिषद बाड़मेर में आयुक्त पद पर वैकल्पिक व्यवस्था ही काम आई है।

फिलहाल स्थिति यह है कि पिछले बीस दिन से अधिशासी अभियंता के जिम्मे आयुक्त का पद है। इससे पहले करीब एक वर्ष तक आयुक्त का पद कर निर्घारक स्तर के अधिकारी के जिम्मे रहा। प्रथम श्रेणी के अधिशासी अधिकारी ने वर्ष 2011-12 में पांच माह तक आयुक्त का पदभार संभाला। इससे पहले तो राजस्व अधिकारी ने आयुक्त के पद पर कामकाज किया।

वैकल्पिक के सहारे चला अभियान
प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगरपरिषद में आयुक्त का दायित्व कर निर्घारक बी एल सोनी के पास रहा। यह एक वैकल्पिक व्यवस्था थी, लेकिन पूरा अभियान ही निकल गया। इस अवधि में नगरपरिषद के दो कार्मिक रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। स्वयं आयुक्त के खिलाफ भी थाने में मामले दर्ज हुए। हालांकि पट्टे देने के मामले में नगरपरिषद राज्य में अव्वल रही, लेकिन पट्टों में कई तरह की गड़बडियां उजागर हुई। ऎसे में जिस आयुक्त को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया, उसे ही ए पी ओ करना पड़ा।