गुरुवार, 30 मई 2013
सिगरेट पीने वालों से शादी नहीं करना चाहती हैं लड़कियां
नई दिल्ली।। स्मोकिंग करने वाले युवाओं की शादी खतरे में पड़ सकती है। दिल्ली की लड़कियों ने स्मोकिंग करने वालों से शादी नहीं करने का फैसला किया है।
स्कूली लड़कियों के बीच की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई है। 26 पर्सेंट लड़कियों ने ऐसे युवक से शादी नहीं करने की बात कही है। इस स्टडी में 16 कॉन्वेंट स्कूलों की 195 लड़कियों को शामिल किया गया था, जिसमें दसवीं क्लास की 15 से 16 साल की उम्र की लड़कियां शामिल थीं।
स्टडी में शामिल लड़कियां स्मोकिंग नहीं करतीं, लेकिन 26 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि वो अपने घर में पैसिव स्मोकिंग का सामना करती हैं। इनमें से 80 पर्सेंट लड़कियों ने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों पर ऐसा नहीं करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन 20 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि वो डर की वजह से अपने परिजनों को कुछ नहीं कह पातीं।72 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि अगर शादी से पहले पता चल गया कि उसका पार्टनर स्मोकिंग करता है, तो वो इसे बंद करने के लिए कहेंगी। हालांकि, 2 पर्सेंट लड़कियों ने स्मोकिंग की बात जानकर भी शादी करने की बात स्वीकार की। स्टडी में 58 पर्सेंट लड़कियों ने माना कि अगर पब्लिक प्लेस पर उनके सामने कोई स्मोकिंग करता है तो वह इसका विरोध करेंगी। जबकि 38 पर्सेंट का कहना था कि विरोध के बजाय वह उस जगह से हट जाना पसंद करेंगी। 4 पर्सेंट लड़कियों का कहना था कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि उनके आसपास कौन क्या कर रहा है?
95 पर्सेंट लड़कियां इस बात से सहमत थीं कि वो अपने फ्रेंड या बॉयफ्रेंड के कहने पर स्मोकिंग स्टार्ट नहीं करेंगी। भले ही वह सिर्फ एक बार ही ऐसा करने के लिए क्यों नहीं कह रहा हो। लेकिन 5 पर्सेंट का कहना था कि वो ऐसा कर भी सकती हैं। अच्छी बात यह है कि 86 पर्सेंट लड़कियों ने स्मोकिंग को हेल्थ के लिए हानिकारक बताया। लेकिन 14 पर्सेंट ने कहा कि स्मोकिंग करने से डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है, ऐसा उन्होंने सुना है। सबसे अलग 2 पर्सेंट ने कहा कि अगर वो डॉक्टर को पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करते देखती हैं, तो उनका नजरिया बदल जाता है कि स्मोकिंग हेल्थ के लिए हानिकारक है या नहीं?
यह स्टडी हार्ट केयर फाउंडेशन द्वारा कराई गई थी। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि स्मोकिंग के प्रति युवाओं का क्या नजरिया है, इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए। स्मोकिंग के खिलाफ एक आंदोलन चलाने की जरूरत है, ताकि शुरू से ही युवाओं को इस आदत से दूर रखा जा सके।
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