नई दिल्ली. दंडकारण्य। संस्कृत में इस शब्द का मतलब होता है, ऐसा जंगल जहां सज़ा मिलती है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्य प्रदेश की सीमाओं तक फैले दंडकारण्य (इसे नक्सली डीके कहते हैं) के करीब 93 हजार वर्ग किलोमीटर के इलाके में 'समानांतर' सरकार चला रहे नक्सलियों के बीच 47 साल के मिलिंद तेलतुम्बदे का नाम 'इज्जत' के साथ लिया जाता है। मिलिंद के भाई और जाने माने मैनेजमेंट पेशेवर आनंद की शादी अंबेडकर की पोती से हुई है। मिलिंद महाराष्ट्र में सीपीई (माओवादी) का सेक्रेटरी है और इनदिनों वह फरार चल रहा है।
मिलिंद का जन्म यवतमाल जिले के राजुर गांव के एक दलित परिवार में हुआ था। मिलिंद ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। और उसके बाद वह वेस्टर्न कोल फील्ड्स में नौकरी करने लगा। गढ़चिरौली के एसपी हक के मुताबिक, '80 के दशक में मिलिंद वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के मजदूर यूनियन में सक्रिय था। इस दौरान वह माओवादी नेताओं के संपर्क में आया। माओवादी नेता गढ़चिरौली समेत महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों की पैठ बनाना चाहते थे।'
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