रविवार, 30 सितंबर 2012

जैसलमेर रासला गांव के पास स्थित देगराय माता मंदिर


देगराय  में भजन संध्या आयोजित


 जैसलमेर  रासला गांव के पास स्थित देगराय माता मंदिर में शुक्रवार को रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें राजेंद्र रंगा एवं पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। साथ ही सत संगियों ने भी रात्रि जागरण में अपनी सहभागिता निभाई। इस अवसर पर भगवानदास बिसानी, चानणमल, रमेशचन्द्र, कमल बिसानी, धूड़चंद, भगवान चांडक, दुर्जनसिंह, राजेन्द्र कुमार व्यास आदि उपस्थित थे। भजन संध्या में अचला, मूलाणा, करडा आदि गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। भक्ति संध्या में कलाकारों द्वारा देवी माता के विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। पूरी रात चले भजनों का सभी ने आनंद लिया। रात्रि जागरण में खेम चन्द्र, मानसिंह, जितेन्द्र व कैलाश आदि गायकों ने प्रस्तुतियां दी।

जैसलमेर  रासला गांव के पास स्थित देगराय माता मंदिर 

राजस्थान का विविध रंगी लोक जीवन अपने वैविध्य के सौंदर्य से किसी का भी मन मोह सकता है और जब जीवन के हर क्षेत्र में रंगों का वैविध्य हो तो भला आस्था का क्षेत्र अछूता कैसे रह सकता है. शायद इसीलिए राजस्थान में अनेक लोक देवताओं और लोक देवियों की अमूल्य उपस्थिति जन-जीवन से अभिन्न जुड़ाव रखती है रामदेव,गोगाजी,पाबूजी,भैरूंजी,देवनारायण,हड़बूजी,मल्लिनाथ,तेजाजी , कल्लाजी,मेहाजी जैसे अनेक लोक देवता राजस्थानी जन मानस को गहरे तक प्रभावित करते हैं.और उतनी ही महत्वपूर्ण है लोक देवियों की उपस्थिति . करणी माता,ऊंठाला माता,आवरी माता,हिंगलाज माता,आवड़ माता,इडाणा माता और आई माता जैसे विश्वास के अनेक सोपान हैं जहां आस्था निरंतर दीप प्रज्जवलित कर श्रद्धा को जन-जन में जीवंत बनाये रखती है. इसी परंपरा का एक जागृत शक्ति-पुंज है - देगराय . देगराय आवड़ माता का ही एक रूप है कहते हैं जब सिंध के शासक उमर सूमरा ने आवड़ माता से विवाह का प्रस्ताव रखा तो देवी ने उसका वध करके जैसलमेर की ओर प्रस्थान किया उस शक्ति पुंज ने एक स्थान पर भैंसे के सिर को देग बनाकर उसमे अपनी चुनरी रंगी तब से उनका एक नाम देगराय भी हुआ. भाटी राजवंश पर आवड़ माता की विशेष कृपा रही और भाटी राजवंश के ही जैसलमेर से बाड़मेर जाने के रास्ते में ही देवीकोट से कुछ दूरी पर है देगराय का प्रकृति के सानिध्य में बसा एक खूबसूरत सा मंदिर। किसी भी स्थान के लोक देवी-देवता इसलिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये अपने दौर के वो नायक हैं जिन्होंने जनमानस के लिए संघर्ष किया और शुभ की स्थापना का साहस दिखाया आप पूरे भारत में कहीं भी चले जाइए लोक देवता हर जगह होंगे और साथ ही होंगी बुराई के विरुद्ध उनके संघर्ष की अनेक कहानियां . कालांतर में जनमानस उन्हें देवी-देवता बनाकर पूजता भी इसीलिए है क्योंकि वो भी सदैव शुभ और सत्य की सत्ता का आग्रही है. दूसरी बात जो बेहद महत्वपूर्ण है वो है लोक देवी-देवताओं का प्रकृति से अमिट जुड़ाव अधिकांश लोक देवी-देवताओं का किसी वृक्ष से जोड़ा जाना भी शायद जन-जन में प्रकृति से जुड़ाव की भावना का संचार करने का कोई भारतीय विचार ही रहा होगा. देगराय के मंदिर में मुझे सबसे अधिक आकर्षित किया वहां की शांति ने. साथ ही मंदिर के पीछे एक झील भी थी जिसे देखकर तो मैं भूल ही गया कि मैं मरुभूमि का यात्री हूँ . 

गोचर भूमि पर सेना के अतिक्रमण को लेकर बवाल



गोचर भूमि पर सेना के अतिक्रमण को लेकर बवाल



जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने जताया विरोध, दांता गांव का मामला, प्रशासन की आदेश भी बेअसर, सेना ने कर रखा है अतिक्रमण

बाड़मेर सैन्य स्टेशन जसाई के पास ग्राम पंचायत मारूड़ी के राजस्व गांव दांता की गोचर भूमि पर सेना के कब्जे को लेकर ग्रामीण लामबद्ध हो गए हैं। कलेक्टर की ओर से सेना के अतिक्रमण की पुष्टि करने के साथ सेना के कमांडर को पत्र भेजने के बावजूद उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जा रहा है। इससे गांव के लोगों में रोष है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सेना की ओर से गोचर भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने की मांग रखी है। साथ ही चेतावनी दी है कि समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो ग्रामीण आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगे।

राजस्व रिकार्ड के अनुसार ग्राम दांता के खसरा संख्या 111/26 में 2042 बीघा जमीन सेना को रक्षा प्रयोजनार्थ आवंटित की गई थी। लेकिन सेना की ओर से पास में स्थित गोचर भूमि खसरा न. 110/26 पर पिलर लगाकर कब्जा किया गया है। यह बात प्रशासन भी स्वीकार चुका है कि अतिक्रमण हुआ है। दांता के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि सेना की ओर से गोचर भूमि पर अतिक्रमण के बाद निर्माण शुरू किया जा रहा है। इस बारे में एतराज जताने के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कलक्टर ने स्टेशन कमांडर को भेजा था पत्र

सेना की ओर से गोचर भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आने पर तत्कालीन कलेक्टर गौरव गोयल ने स्टेशन कमांडर जसाई को पत्र भेजकर तहसीलदार से सीमाज्ञान करवाने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने को कहा था ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो सके। इसके बावजूद सेना की ओर से सीमाज्ञान करवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

तहसीलदार ने माना अतिक्रमण

बाड़मेर तहसीलदार ने 13 सितंबर को स्टेशन हैड क्वाटर जसाई को पत्र भेजकर आगाह किया कि पूर्व में कलेक्टर की ओर से गोचर भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने व पिलरों का निर्माण नहीं करने की हिदायत दी गई थी। बावजूद उसके उक्त भूमि पर चार दीवारी का निर्माण शुरू किया गया है जो अवैध है। इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए। साथ ही हल्का पटवारी को निर्देश दिए गए कि सेना की ओर से कार्य बंद नहीं किए जाने पर राजस्व की धारा 91 के तहत कार्रवाई की जाए।

जसोल धाम पर भजन संध्या का आयोजन


जसोल धाम पर भजन संध्या का आयोजन


जसोल में वार्षिक भजन संध्या 'एक शाम माजीसा के नाम' का आयोजन

 जसोल  मालाणी के प्रमुख शक्तिपीठ जसोल गढ़ स्थित माजीसा दरबार में शुक्रवार रात भजन संध्या का शुभारंभ पुजारी राजू महाराज ने आरती से किया। आरती की अखंड ज्योत गाजे-बाजे के साथ निज मंदिर से भजन संध्या स्थल पर लाई गई। इसके बाद भजन गायक प्रकाश माली ने गजानंद गौरी के नंदलाल भजन शुरू कर एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद बेंगलूरु से आए संदीप बरडिय़ा ने तूने मुझे बुलाया माता माजीसा, लो आया मैं आया माता माजीसा..., स्वर्ग से सुंदर-सपनों से प्यारा है माजीसा का दरबार..., सहित अनेक गीत की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को दोनों हाथ उठा भक्तिरस में समाहित कर दिया। वहीं गायिका आशा वैष्णव ने तेरस आई चांदणी माजीसा हो के साथ अनेक भजनों की प्रस्तुतियां देकर दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं देर रात तक झूमने पर मजबूर कर दिया। वही मनोर-रिया एंड पार्टी ने ऊंचा गढ़ मां थारो देवरो..., म्हारो हैलो सुणीजो माजीसा..., सहित कई भजनों की प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी।

भजनों की प्रस्तुतियों पर रामप्रकाश कुंबावत कलाकारों की ओर से नृत्य की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। एसएन वोहरा उमावि परिसर में आयोजित भजन संध्या में बड़ी संख्या में मां के भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। भजन संध्या स्व. श्रीमती अयोध्या देवी धर्मपत्नी ओमप्रकाश चौहान रायपुर(पाली) की स्मृति में आयोजित की गई। भजन संध्या में राजस्थान शासन उप सचिव खेल विभाग राजेश चौहान, नगरपालिका अध्यक्ष महेश बी चौहान, पूर्व चेयरमेन प्रभा सिंघवी, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के ज्वॉइंट रजिस्ट्रार जवाहरलाल परिहार, जोधपुर तहसीलदार गोपाल परिहार, लेक्चरर बसंत परिहार, जसोल सरपंच मंजूदेवी बारासा, पूर्व सरपंच ईश्वरसिंह चौहान, भंवर भंसाली, नायब तहसीलदार दलपतसिंह रामसर, किशोर सिंघवी, रमेश गुप्ता, भंवरलाल भाटी, इम्तियाज अली, छगन जोगसन, श्याम माली, कैलाश चौधरी, राजू भाई वोहरा व लॉयन्स क्लब जसोल अध्यक्ष कांतिलाल ढेलडिय़ा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। भक्ति संध्या के आयोजन में श्री माजीसा मित्र मंडल के अध्यक्ष रमेश भंसाली सहित उनकी टीम का सहयोग रहा। कार्यक्रम के दौरान मित्र मंडल की ओर से आयोजनकर्ता चौहान परिवार का बहुमान किया गया। कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश महावार ने किया।

वांकलधाम विरातरा, मेले में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार

वांकलधाम विरातरा, मेले में उमड़ा श्रद्धा का ज्वार

चौहटन. वांकलधाम के तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन शनिवार को मेले में सुबह से ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। पैदल संघ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां वांकल के जैकारे लगाते हुए श्रद्धा से वांकलधाम पहुंचे। दोपहर में मां के दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लग गईं। दूसरे भादवा माह के तीन दिवसीय मेले के दूसरे दिन मुख्य मंदिर के अलावा गढ़ मंदिर, जूना विरातरा, तोरणिया मंदिर, वैर माता मंदिर सहित ट्रस्ट के अधीन आनेवाले 12 मंदिरों में पूरे दिन श्रद्धालुओं की रेलमपेल रही। मेला स्थल पर लगी दुकानों पर खरीदारी को लेकर बच्चों व महिलाओं की भीड़ रही। विरातरा ट्रस्ट अध्यक्ष भैरसिंह सोढ़ा ने बताया कि इस बार भादवा माह के तीन दिवसीय मेले में विशेषकर नवविवाहित जोड़े अपने सफल जीवन की कामना को लेकर ट्रस्ट के अधीन आने वाले 12 मंदिरों की परिक्रमा कर रात्रि विश्राम वांकलधाम पर करते हैं। वांकलधाम पर आनेवाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ठहरने, भोजन तथा पानी की माकूल व्यवस्था की गई है। चौहटन से वांकलधाम आने वाले यात्रियों के लिए रोडवेज की नियमित बसों के अलावा मेला स्पेशल बसों की व्यवस्था भी की गई हैं। प्रशासन की ओर से जलदाय, चिकित्सा एवं पुलिस की टीमें चौबीस घंटे सेवाएं दे रही हैं। इस तीन दिवसीय मेले में शाम को रोजाना भजन संध्या का आयोजन हो रहा है जिसमें भजन कलाकार एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दे रहे हैं। शनिवार को राजस्थान-अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल ने विरातरा धाम में मां वांकल के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। ट्रस्ट की ओर से उनका स्वागत किया गया।

जसवंत सिंह अगला चुनाव राजस्थान से लड़ेंगे?


नई दिल्ली.भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता जसवंत सिंह ने कहा है अगला विधानसभा चुनाव प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। 

वे ही प्रदेश में पार्टी की प्रमुख नेता हैं। उन्होंने कहा कि वे खुद भी अपना अगला लोकसभा चुनाव राजस्थान से ही लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किस क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरेंगे। उनसे बेबाक बातचीत के अंश :

आज के राजस्थान पर आप क्या कहेंगे?

>राजनीति का स्वरूप बहुत बदल गया है। इस प्रदेश की राजनीति की एक बड़ी कमी है। सुखाड़िया पूरे राजस्थान के नेता गिने गए। उनकी पहचान प्रदेश से बाहर भी रही। शेखावत की साख भी पूरे देश और प्रदेश में रही। मैं तो शुरू से ही राजस्थान के बाहर देश की राजनीति में रहा, लेकिन आज प्रदेश की राजनीति सूबाई ही नहीं, जिलों में सिमटकर रह गई। ..इसे आत्म स्तुति नहीं गिनना ..कि भारत में ऐसे कितने नाम हैं, जिनके पास वित्त, विदेश और रक्षा जैसे मंत्रालय रहे। मुझे इसका सौभाग्य मिला। मैं पहला और केवल एक राजस्थानी हूं, जिसे ईश्वर ने यह सौभाग्य दिया।

इस कसौटी पर आप अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को कहां रखेंगे?

>अशोक तो बहुत ही ..टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वे मेरे सामने भी कभी प्रत्याशी थे। संसदीय सीट पर। मुझे ज्यादा वोट मिले थे तो..। वे कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में सफल नहीं हो पाए थे। जहां तक वसुंधरा राजे की बात है, वे आज भाजपा की नेता हैं। आने वाले चुनाव में पार्टी इन्हीं के नेतृत्व में लड़ेगी। दुनिया आज के कांग्रेसी राज से थक गई है!

वसुंधरा राजे को राजस्थान में लाने वाले नेताओं में आपका नाम आता है, लेकिन बाद में आपका उनसे विवाद हो गया..

>मैं किसी को नहीं लाया था। ईश्वर लाता है।

जसोल में आपने रियाण किया था तो अफीम को लेकर तत्कालीन सरकार ने आपके और आपकी पार्टी के प्रमुख नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था?

>छोड़ो उस बात को। मैं कुछ न भी कहूं तो घटनाएं और तत्कालीन परिस्थितियां तो उस बारे में स्वयं टिप्पणियां करती ही हैं।

राजस्थान भाजपा आज भी दो खेमों में बंटी है?

>एक धागे से बंधी हुई हमकदम होकर वह अभी चलने में असमर्थ-सी है। नेतृत्व इस पर विचार करे। सही समय पर सही समाधान निकाले।

आप किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे?
>यह राजस्थान की जनता बताएगी कि वह मुझे कहां से चुनाव लड़ाना चाहती है।

क्या आप प्रधानमंत्री पद के दावेदार हैं?
>मैं कुछ नहीं चाहता। यह मेरा आखिरी चुनाव होगा। मैं 15 साल की उम्र में कैडेट हो गया था। तब से देश की सेवा में ही लगा रहा हूं। कुछ हासिल किया, कुछ नहीं। मैं चाहूंगा कि मुझे देश सेवा का एक मौका दें, किसी भी रूप में।

आपने किस पार्टी से पहला चुनाव लड़ा था?
>मुझे भैरोंसिंह शेखावत ने कहा था कि जनसंघ से लड़ लो। मैंने कहा-मैं नहीं आ सकूंगा। मुझे गायत्री देवी ने कहा : स्वतंत्र पार्टी के लिए। मैंने क्षमा मांग ली। मैं निर्दलीय ही लड़ा। मैंने जीवन में कई बेवकूफियां की हैं। जनता पार्टी बनी और टूटी और फिर जब भाजपा बनी तो मुझे अटल बिहारी वाजपेयी और भैरोंसिंह शेखावत ने कहा। फिर भाजपा में आया।

क्या आप बताएंगे कि और कौन-सी बेवकूफियां आपने कीं?
>वे गलतियां नहीं थीं। अनुभव थे। एक रास्ते से चले, गिरे-पड़े, उठे और फिर चल दिए। ..संसद में मेरा यह नौवां टर्म है। नौ टर्म वाला संसद में राजस्थान से आज तक कोई और नहीं रहा। राज्यसभा और लोकसभा में बराबर। मैंने 1967 में पहला चुनाव ओसियां से लड़ा। फौज से इस्तीफा देकर आया था। मैंने फौज से पेंशन नहीं पाई। मैंने आर्मी से कोई टर्मिनल बेनीफिट भी नहीं पाया। फौज ने जो मुझे सिखाया, वह मेरे लिए अमूल्य पेंशन है।

क्या आपको भैरोंसिंह शेखावत राजनीति में नहीं लाए?
>वे नहीं लाए। मैं स्वयं को स्वयं लाया था। मुझे कोई राजनीति में नहीं लाया। राजनीति में मेरा कोई माई-बाप नहीं है, लेकिन राजनीति में किसी ने मेरा हाथ पकड़ा तो वे दो ये थे।

क्या आप अगला चुनाव राजस्थान से लड़ेंगे?
वहीं लौट आना चाहता हूं। मैं जिस लक्ष्य को लेकर दार्जिलिंग आमंत्रित किया गया था, वह पूर्ण नहीं तो बहुत कुछ हासिल हो गया है। गोरखालैंड बन-सा गया है। मैं अब अगला चुनाव राजस्थान से ही लड़ना चाहता हूं।

प्रदेश की राजनीति में जातिवाद बहुत बढ़ गया है।
गांव-गांव में विषाक्तता आ गई है। प्रदेश की सांस्कृतिक-सामाजिक एकरूपता और एकरसता थी। उसे हमने टुच्ची राजनीति के तराजू में वोट की तोल के आगे बेच दिया है। यह प्रदेश की सबसे बड़ी राजनीतिक अवनति हुई है। प्रार्थना करूंगा कि राजस्थान की सियासत को उबारें, वरना हम कहीं के नहीं रहेंगे।

गणेश प्रतिमा विसर्जित करते हुए तीन युवक डूबे


जोधपुर. शहर के विभिन्न क्षेत्रों से शनिवार को गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करने गए तीन युवक डूब गए। मालवीय बंधुओं ने उम्मेदसागर से दो और बालसमंद से एक का शव बाहर निकाला। मृतकों में एक युवक बैंक कर्मचारी था। दोनों ही स्थानों पर कोई प्रशिक्षित गोताखोर तैनात नहीं था। 

डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि चौहाबो थानांतर्गत उम्मेद सागर में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कार्यक्रम चल रहा था। शाम को करीब साढ़े पांच बजे मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों से सूचना मिली कि यहां एक युवक डूब गया। पुलिस ने तत्काल गोताखोर मालवीय बंधुओं को मौके पर बुलवाया।

तब तक यहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। इस बीच चौहाबो थानाधिकारी अमित सिहाग, प्रताप नगर थानाधिकारी देरावर सिंह व अन्य की टीम भी मौके पर पहुंची। यहां पहुंचे गोताखोर दाऊलाल मालवीय, सुनील, जितेंद्र, मंगल दास, सुनील वाल्मीकि और बाबूलाल की टीम ने ढूंढ़ना शुरू किया तो उन्हें एक अन्य युवक का शव मिला।

कुछ देर और मशक्कत कर गोताखोरों ने दूसरे युवक का शव भी निकाल लिया। इनकी पहचान कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी युधिष्ठिर उर्फ शुधिष्ठर यादव पुत्र रघुवीर सिंह और चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 18 में रहने वाले पाक विस्थापित राणाराम पुत्र स्वरूप चंद माली के रूप में हुई।

परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने राणाराम का शव बिना पोस्टमार्टम के सौंप दिया। युधिष्ठिर का शव एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। इसी तरह शाम करीब पौने छह बजे सूचना मिली कि बालसमंद झील में भी एक युवक प्रतिमा विसर्जन के दौरान डूब गया है।

सूचना मिलने पर मंडोर थानाधिकारी कमल सिंह, पुलिस के गोताखोर भरत मालवीय व अन्य के साथ मौके पर पहुंचे। यहां दुर्गम रास्ते से होते हुए बालसमंद झील के पिछले हिस्से में यह हादसा हुआ था।

गोताखोरों ने यहां से बालसमंद रॉयल्टी नाका के निकट रहने वाले पदमसिंह कच्छवाहा के बेटे दिलीप कच्छवाहा का शव बाहर निकाला। इस घटना पर दुख: व्यक्त करते हुए युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक एलएन जालानी ने पीड़ित परिवार को नियमानुसार आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की है। जालानी के अनुसार दिलीप मार्च में ही भोपालगढ़ एसबीबीजे में नियुक्त हुए थे।

16 आईएएस और 66 एएसपी बदले

16 आईएएस और 66 एएसपी बदले

जयपुर। राज्य सरकार ने शनिवार देर रात 16 आईएएस और 66 एएसपी का तबादला कर दिया गया। निरंजन कुमार आर्य को मुख्यमंत्री का सचिव, तपेश पंवार को प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और दीपक उप्रेती को प्रमुख स्वास्थ्य सचिव लगाया गया है। आर्य सहित मुख्यमंत्री सचिवालय में दो सचिव और एक प्रमुख सचिव हो गए हैं।

ये आईएएस इधर से उधर
नाम नवीन पद
बी.बी. मोहन्ती अध्यक्ष, सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण
ओमप्रकाश मीणा एसीएस परिवहन एवं परिवहन आयुक्त
राजहंस उपाध्याय प्रमुख सचिव, श्रम
आशुतोष भार्गव विभागीय जांच आयुक्त
दामोदर शर्मा सीएमडी स्पिनफैड
बालकृष्ण मीणा प्रमुख सचिव, टीएडी
तपेश पंवार प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा
मुकेश कुमार शर्मा प्रमुख सचिव, पशुपालन, मत्स्य, डेयरी
ललित मेहरा प्रमुख सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति
किरण सोनी गुप्ता सम्भागीय आयुक्त, अजमेर
दीपक उप्रेती प्रमुख सचिव, चिकित्सा-स्वास्थ्य
पी.के. गोयल पंजीयक, सहकारिता
निरंजन कुमार आर्य सचिव, मुख्यमंत्री
रमेश कुमार जैन सदस्य, राजस्व मंडल
अश्विनी भगत सम्भागीय आयुक्त, कोटा
राजेश कुमार यादव प्रबन्ध निदेशक, आर.एस.एल.डी.सी.
एवं आयुक्त, उद्योग विभाग
प्रमुख विधि सचिव प्रकाश गुप्ता न्याय विभाग का अतिरिक्त कार्य भी देखेंगे, अतिरिक्त श्रम आयुक्त को श्रम आयुक्त का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।

ये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बदले
आदेश के अनुसार राजकुमार चौधरी को एएसपी चुरू, राजेन्द्र कुमार वर्मा को डूंगरपुर, सुरेश चन्द्र मीणा करौली, किशन सहाय धौलपुर, सीताराम प्रजापति सीआईडी एसएसबी जयपुर, राममूर्ति जोशी फलौदी जिला जोधपुर ग्रामीण आशाराम चौधरी चित्तौडगढ़, प्रभुदयाल धानियां विभागीय जांच प्रकोष, पुलिस मुख्यालय जयपुर, विशनाराम विश्नोई अति. पुलिस उपायुक्त (यातायात) आयुक्तालय जयपुर, जयनारायण मीना अपराध एवं सतर्कता बीकानेर रेंज बीकानेर, सैयद हैदर अली जैदी अति.पुलिस अधीक्षक एसीबी, गणपति महावर एसीबी, पीयूष दीक्षित एसीबी, राजेन्द्र प्रसाद खौथ ए.सी.बी, प्रसन्न कुमार खमेसरा एसीबी, संदीप सिंह चौहान सीआईडी एस.एस.बी (स्टेट कंट्रोल रूम) जयपुर, रतन सिंह जिला बारां, पृथ्वीराज मीना जालौर, गणपत लाल डिस्कॉम अजमेर, राम सिंह जैसलमेर, नरेन्द्र सिंह बाड़मेर, शशिकांत जोशी डिप्टी कमांडेट चौथी बटालियन आरएसी जयपुर, जयनारायण शेर डिप्टी कमांडेट 11 वीं बटालियन आरएसी नई दिल्ली, रामस्वरूप शर्मा अपराध एवं सतर्कता उदयपुर रेंज, ज्ञानेन्द्र सिंह विधि प्रकोष पुलिस मुख्यालय जयपुर, राजेन्द्र कुमार चारण बीकानेर शहर, सतीश कुमार जांगिड़, डिप्टी कमांडेट सातवीं बटालियन आरएसी भरतपुर, लक्ष्मण गौड़ भीलवाड़ा, राजेन्द्र सिंह कोटा शहर, वी.के गौड़ कमांडेट एमबीसी खैरवाड़ा, सौभाग सिंह डिप्टी कमांडेट हाडी रानी महिला बटालियन अजमेर, प्यारेलाल शिवरान नागौर, ललित माहेश्वरी कमांडेट पीएमडीएस बीकानेर, किशोरी लाल मीणा डिप्टी कमांडेट द्वितीय बटालियन आरएसी कोटा, ओमप्रकाश दायमा अलवर ग्रामीण, राजेश भारद्वाज मुख्यालय कोटा शहर, मनीष अग्रवाल अपराध एवं सतर्कता आईजीरेंज कोटा, शंकर दत्त शर्मा आयुक्तालय जयपुर (कंट्रोल रूम), महेन्द्र कुमार हिंगोनिया डिप्टी कमांडेट पांचवी बटालियन आरएसी जयपुर, रमेश मौर्य सवाई माधोपुर, राजेश सिंह यातायात आयुक्तालय जोधपुर, हेमन्त कुमार शर्मा भादरा जिला हनुमानगढ़, मामन सिंह यादव पाली, करण शर्मा सीआईडी सीबी जयपुर भेजे गए है। इसके अलावा नरपत सिंह एसीबी, जगदीश चन्द्र शर्मा सीआईडी एसएसबी उदयपुर, विनोद कुमार बांगड़ सीआईडी एसएसबी जोधपुर, प्रद्युम्न कुमार शर्मा सीआईडी एसएसबी जयपुर शहर, सुखदेव सिंह चारण सीआईडी एसएसबी बीकानेर, तेजराज सिहं सीआईडी एसएसबी भरतपुर, रतनलाल भार्गव सीआईडी एसएसबी जयपुर ग्रामीण, सुनील कुमार विश्नोई सीआईडी एसएसबी अजमेर, गोविन्दे देथा सीआईडी सीबी (सीआर) जयपुर, अवनीश कुमार शर्मा सीआईडी सीबी अजमेर रेंज, रामजीलाल चन्देल सीआईडी सीबी जयपुर, महेश मीणा बांसवाड़ा, एस.के.खुराना डीग भरतपुर, कैलाश सिंह कृष्णिया अतिरिक्त उपायुक्त (दक्षिण) जयपुर, भंवर सिंह सिरोही, कैलाश दान रत्नू अतिरिक्त उपायुक्त (इंटेलिजेंस एवं सुरक्षा) जोधपुर कमिश्नरेट, नारायण लाल डिस्कॉम जयपुर, केसर सिंह शेखावत विधि प्रकोष्ठ जोधपुर, अनिल
कुमार कयाल भिवाड़ी अलवर, उच्छब लाल छानवाल डिप्टी कमाण्डेंट नौवीं बटा.आरएसी टोंक, मनोज कुमार कानून व्यवस्था उदयपुर, रामदेव सिंह को अजमेर ग्रामीण लगाया है।

शनिवार, 29 सितंबर 2012

अगले बरस जल्दी आने े वादे े साभगवान गणपति का विर्जनस थ दी विदाई









अगले बरस जल्दी आने े वादे े साथ दी विदाई

ढोल की थाप और जयकारों से गूंजा शहर


करीब दो किलोमीटर लम्बी रही शोभायात्रा 





बाड़मेर 29 सितम्बर। अगले बरस तु जल्दी आ े गगन चुम्बी जयकारों े साथ भगवान गणपति का विर्जनस स्थानीय जसदेर नाडी में किया गया। करीब 30 से अधिक गणेश प्रतिमाओं और सैकड़ो घर में पूजें गये मूर्तियों का विर्जसन किया गया। विसर्जन से पहले स्वामी प्रतापुरी महाराज ने 108 दिप की आरती की ओर उसे बाद ढोल की ढोल की थाप और गगन चुम्बी जयकारो े साथ जसदेर नाडी में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इससे पहले शहर े अलग अलग मौहल्लो की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। जो गांधी चौक आकर मिली गुलाल की बोच्छार और ढोल थाप नाचते गाते युवको की टोलियो ने शहर े पुरे माहौल का भक्ती मय कर दिया। करीब 1 घन्टे े बाद यहां से सामुहिक शोभायात्रा प्रारम्भ जिसकी लम्बाई दो किलोमीटर थी। सामुहिक शोभायात्रा का नेतृत्व आजाद युवा ग्रुप ने किया। इसे पहले आजाद युवा ग्रुप की ओर से शोभायात्रा स्थानीय आजाद चौक से प्रारम्भ हुई जो पुरानी सब्जी मण्डी ,लक्ष्मी बाजार, जवाहर चौ , प्रताप जी की पोल, आराधना भवन, कल्याणपुरा होती हुई गांधी चौक पहुंची वहा पर डीजे और ढोल की थाप पर युवाओं ने जमकर रंग जमाया और गणपति बाबा मोरीयां े नारो से शहर को गुंजयामान कर दिया।


पहली बार 2005 में निकली थी शोभायात्रा- आजाद युवा ग्रुप की ओर से पहली बार बाड़मेर में गणपति स्थापना की गइर थी। आठ साल बाद शहर भर में हर गली- मौहल्ले में गणपति भगवान की 11 दिवसीय महोत्सव का आयोजन रहा। और इस बार करीब शहर े सभी वाडोर में गणपति महोत्वस का आयोजन हुआ जिसका नजार आज गांधी चौक में देखने को मिला। 




ढोल की थाप पर जमकर थिरे युवा- गणपति महोत्वस को लेकर जोश अपने पुरे चरम पर था। युवाओं े साथ साथ महिलाओं और बुजुगो का भी उत्साह देखने लायक था। 11 दिन चले इस माहोत्सव में सुबह-शाम को आरती और रात्री में भजन संध्याओं का दौर 11 दिनो तक चला। स्थानीय जसदेर तालाब पर मेले से माहौल नजर आया।




गुलाल से सनी सड़े- शहर े जिस मार्ग से शोभायात्रा निकली उस मार्ग पर गुलाल से सड़को का रंग ही बदला नजर आया। इसे साथ ही शहर भर में सभी जगहो पर गणपति े प्रसाद का वितरण भी किया गया।




पंजाबी ढोल ने मन मौहा- सुरतगढ से आये पंजाबी ढोल वालो े कार्यक्रमो ने सभी का मन मौह लिया। उनके द्वारा दिखाये गये करतब ने देखने वालो का मन मौह लिया। इस ग्रुप की ओर से कई तरह े करतब दिखाये गये।




विर्सजन में झलका उत्साह-जसदेर तालाब पर मेले से माहौल नजर आया। गणेश भक्तो में विर्सजन को लेकर जबरदस्त उत्साह नजर आया। हजारों की ताताद में लोगो ने भगवान गणेश े जयकारो े साथ अगल बरस जल्दी आने के वादे े साथ भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विर्सजन किया। वही घरो में पुजी गई गणेश प्रतिमाओं को लेकर महिलाओं ने उत्साह े साथ विर्सजन किया।




पुलिस की रही चाक चौबद- शोभायात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन की व्यवस्था चाक चौबद रही। शहर कोतवाल देवाराम चौधरी स्वयं मय जाब्ते के पुरी शोभायात्रा े दौरान साथ रहे और समय समय पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

















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गणपति प्रतिमा विसर्जन श्रद्धालु उमड़े

गणपति प्रतिमा विसर्जन श्रद्धालु उमड़े


बाड़मेर अनंत चतुर्दशी पर गली-मोहल्लों से गणपति प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभायात्राएं निकली। इनमें श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखा। श्रद्धा में युवक-युवतियों का जोश और उत्साह शोभायात्रा की रवानगी से शुरू हुआ जो जलस्रोतों पर प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ थमा। इस बीच गुलाल इतना उड़ा कि शोभायात्रा के रास्ते भी गुलाल से सराबोर हो उठे।
जिला मुख्यालय पर में करीब तीस प्रतिमाओं की एक साथ शोभायात्रा निकली। जस्दर तालाब पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस बीच श्रद्धालु खूब झूमे। मुख्यालय शहर से करीब छोटी बड़ी अस्सी प्रतिमाएं विसर्जन के लिए ले जाई गई। शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शरीक हुए। रास्ते में लोगों ने छतों से पुष्पवर्षा कर गणपति की वंदना की।
यात्रा मार्ग गणपति मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ... के जयकारों से गूंज उठे। करीब एक घंटे की शोभायात्रा के बाद प्रतिमाओं को तालाब पर विसर्जन के लिए ले जाया गया।। तालाब पर क्रेन की सहायता से प्रतिमा का विसर्जन किया गया।