रविवार, 30 सितंबर 2012

गोचर भूमि पर सेना के अतिक्रमण को लेकर बवाल



गोचर भूमि पर सेना के अतिक्रमण को लेकर बवाल



जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने जताया विरोध, दांता गांव का मामला, प्रशासन की आदेश भी बेअसर, सेना ने कर रखा है अतिक्रमण

बाड़मेर सैन्य स्टेशन जसाई के पास ग्राम पंचायत मारूड़ी के राजस्व गांव दांता की गोचर भूमि पर सेना के कब्जे को लेकर ग्रामीण लामबद्ध हो गए हैं। कलेक्टर की ओर से सेना के अतिक्रमण की पुष्टि करने के साथ सेना के कमांडर को पत्र भेजने के बावजूद उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जा रहा है। इससे गांव के लोगों में रोष है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर सेना की ओर से गोचर भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने की मांग रखी है। साथ ही चेतावनी दी है कि समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो ग्रामीण आंदोलन का रूख अख्तियार करेंगे।

राजस्व रिकार्ड के अनुसार ग्राम दांता के खसरा संख्या 111/26 में 2042 बीघा जमीन सेना को रक्षा प्रयोजनार्थ आवंटित की गई थी। लेकिन सेना की ओर से पास में स्थित गोचर भूमि खसरा न. 110/26 पर पिलर लगाकर कब्जा किया गया है। यह बात प्रशासन भी स्वीकार चुका है कि अतिक्रमण हुआ है। दांता के ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि सेना की ओर से गोचर भूमि पर अतिक्रमण के बाद निर्माण शुरू किया जा रहा है। इस बारे में एतराज जताने के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कलक्टर ने स्टेशन कमांडर को भेजा था पत्र

सेना की ओर से गोचर भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आने पर तत्कालीन कलेक्टर गौरव गोयल ने स्टेशन कमांडर जसाई को पत्र भेजकर तहसीलदार से सीमाज्ञान करवाने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने को कहा था ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो सके। इसके बावजूद सेना की ओर से सीमाज्ञान करवाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

तहसीलदार ने माना अतिक्रमण

बाड़मेर तहसीलदार ने 13 सितंबर को स्टेशन हैड क्वाटर जसाई को पत्र भेजकर आगाह किया कि पूर्व में कलेक्टर की ओर से गोचर भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने व पिलरों का निर्माण नहीं करने की हिदायत दी गई थी। बावजूद उसके उक्त भूमि पर चार दीवारी का निर्माण शुरू किया गया है जो अवैध है। इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए। साथ ही हल्का पटवारी को निर्देश दिए गए कि सेना की ओर से कार्य बंद नहीं किए जाने पर राजस्व की धारा 91 के तहत कार्रवाई की जाए।

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