शुक्रवार, 2 दिसंबर 2011

भंवरी के पति अमरचंद का आरोप, सीबीआई ने जबरन सोने की चैन की पहचान करवाई



जोधपुर। भंवरी अपहरण प्रकरण में शुक्रवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब भंवरी के पति अमरचंद ने सीबीआई पर गलत जांच करने का आरोप लगा दिया। अमरचंद का कहना है कि आबूरोड़ से बरामद सोने के चेन-लॉकेट उसकी पत्नी भंवरी का नहीं है, सीबीआई ने जबर्दस्ती उससे चेन-लॉकेट की पहचान कराई और खाली कागजात पर हस्ताक्षर कराए हैं।




सीबीआई ने अपहरण की कहानी में बदलाव करते हुए यह माना था कि आरोपी सोहनलाल और शहाबुद्दीन ने ही भंवरी को खत्म कर दिया था। फिर सीबीआई ने इससे जुड़े सबूत एकत्र करने आरंभ किए। फरारी के दौरान शहाबुद्दीन ने चेन-लॉकेट आबूरोड़ के एक सुनार को बेचे थे। इस चेन-लॉकेट को शहाबुद्दीन ने अपनी बेटी गुडिय़ा के बताए थे, मगर सीबीआई ने उन्हें भंवरी का माना था।



सीबीआई ने चेन-लॉकेट का फोटो दिखा कर पहले भंवरी के बेटे साहिल से पहचान कराई, फिर अमरचंद को सर्किट हाउस बुला कर भी पहचान कराई। इस कार्रवाई के तीन दिन बाद अमरचंद ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि सीबीआई गलत जांच कर रही है और उससे चेन-लॉकेट की जबरन पहचान करा रही है। जबकि यह चेन-लॉकेट भंवरी के नहीं है।


सीबीआई ने फिर बुलाया मदेरणा और विश्नोई को सीबीआई ने भंवरी अपहरण प्रकरण में चार्जशीट पेश करने के महज दो दिन पहले पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और लूणी विधायक के भाई परसराम विश्नोई को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुला लिया है। अंतिम दौर में होने वाली इस पूछताछ को काफी अहम माना जा रहा है। संभवत: सीबीआई चार्जशीट फ्रेम करने के लिए उनसे महत्वपूर्ण सबूत जुटा सकती है।




सीबीआई मदेरणा से यह पांचवीं बार और पूर्व पीसीसी सदस्य परसराम विश्नोई से छठी बार पूछताछ कर रही है। दोनों को सुबह फोन कर सर्किट हाउस बुलाया गया था। परसराम सुबह करीब 11 बजे सर्किट हाउस पहुंच गए और दोपहर करीब साढ़े बारह बजे महिपाल मदेरणा भी आ गए। दोनों से अलग-अलग कमरे में पूछताछ हो रही है।



इसके अलावा सीबीआई-ने शुक्रवार को सोजत में जलदाय के एक एलडीसी और पाली में रहने वाले व्यवसायी अशोक गुप्ता से भी पूछताछ कर रही है। गुप्ता ने बताया कि सीबीआई उनसे अब तक पांच-छह बार पूछताछ कर चुकी है। वह मदेरणा का परिचित है इसलिए उससे पूछताछ की जा रही है।

कपड़े सोहनलाल के, खून भंवरी का! सीबीआई को मिला सुराग

जोधपुर. भंवरी मामले की चार्जशीट पेश करने के लिए सीबीआई ने अहम सबूत जुटा लिए हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई को खून से सने कपड़े मिले हैं। मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को भंवरी के पति अमरचंद और राजस्थान के पूर्व जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा से पूछताछ भी की।

ये कपड़े आरोपी सोहनलाल और खून भंवरी का होने की आशंका है। खून का मिलान भंवरी के ब्लड ग्रुप से कराया जाएगा। इसके लिए सीबीआई ने उम्मेद अस्पताल से भंवरी का प्रसव का टिकट भी लिया है, जिसमें उसका ब्लड ग्रुप ओ-नेगेटिव है।

सीबीआई ब्लड ग्रुप के अलावा भंवरी के चेन व लॉकेट की केमिकल टेस्ट रिपोर्ट से यह सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है कि सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने ही तो भंवरी की हत्या नहीं कर दी।

सीबीआई अब तक की जांच से यह मान रही है कि एक सितंबर को सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने अपहरण के बाद भंवरी को खत्म कर दिया। सोहनलाल ने पीपाड़ में एक रेडीमेड शोरूम से शर्ट खरीदा था। सीबीआई ने उस शोरूम संचालक से भी पूछताछ की है।

सरकारी गवाह बन सकता है निलंबित थानेदार

भंवरी मामले में फंसा निलंबित थानेदार लाखाराम संभवतया सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया है। बोरुंदा पुलिस चौकी प्रभारी रहने के दौरान उसका संपर्क भंवरी से हुआ था। ओसियां ट्रांसफर होने पर भी उसका भंवरी से संपर्क लगातार बना हुआ था।

लाखाराम ने भंवरी और बर्खास्त मंत्री महिपाल मदेरणा में सुलह कराने के लिए भी मध्यस्थता की थी। अब वह नियमित रूप से रोजाना सुबह सर्किट हाउस आता है और पूरे दिन सीबीआई की मदद करता है। गुरुवार को लाखाराम के अलावा दो-तीन ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई।

आरोपियों की आवाज के नमूने लेंगे

सीबीआई की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक एसएस यादव ने गुरुवार को एसीजेएम महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई) के समक्ष आरोपी सोहनलाल व शहाबुद्दीन की आवाज के नमूने लेने की अर्जी लगाई है।

दोनों आरोपियों के वकीलों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि ये दोनों अभी मुल्जिम नहीं हैं, इसलिए इसके लिए उनकी सहमति जरूरी है।

उन्होंने शक जताया कि सीबीआई इन नमूनों की आड़ में दोनों पर दबाव डाल सकती है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दलील सुनने के बाद फैसला शुक्रवार तक सुरक्षित रख लिया।

भंवरी और सोहनलाल तथा शहाबुद्दीन व उसकी प्रेमिका रेहाना की बातचीत के बाजार में आए टेपों की जांच के लिए सीबीआई इनकी आवाज के नमूने चाहती है।

भंवरी मामले में मदेरणा से फिर पूछताछ

भंवरी मामले में मदेरणा से फिर पूछताछ
जोधपुर। एएनएम भंवरी देवी को गायब हुए तीन महीने हो चुके हैं लेकिन सीबीआई को अभी तक इस मामले में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई है। सीबीआई 1 सितंबर से लापता भंवरी देवी के मामले में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से पूछताछ कर रही है।

सीबीआई के अधिकारी भंवरी के पति अमरचंद और लूणी विधायक मलखान सिंह विश्नोई के भाई परसराम से भी पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई तीनों से सर्किट हाउस में पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि तीनों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की जा रही है। इस मामले में तीनों से कई बार पूछताछ हो चुकी है।

एक बंगलादेशी फिर पकड़ा गया गडरा में दो बंगलादेशी गायब

एक  बंगलादेशी फिर पकड़ा  गया  गडरा में दो बंगलादेशी गायब  



बाड़मेर बाड़मेर जिले के सरहदी गडरा रोड गाँव में  पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा सुरक्षा बल जी ब्रांच की सूचना पर सरहदी गाँव बन्दासर से एक बंगलादेशी युवक को आज सुबह को पकड़ा हें गडरा पुलिस थाना अधिकारी हुकमाराम  ने बताया की गडरा रोड के समीप बान्दसर गाँव में संधिग्ध रूप से विचरण करते हुए एक जाने को पुलिस ने पकड़ा प्रारम्भिक पूछताछ में उन्होंने बताया की वे बंगलादेश से आये हें तथा पकिस्तान जाना चाहते हें पकिस्तान इस  सरहद से अवेध रूप से जाने के उद्देश्य से आज पन्हुंचे दोनों को सीमा सुरक्षा बल की सूचना पर पुलिस तथा सुरक्षा ऐजेंसियो ने उन्हें पकड़ा .पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान ५० डोलर विदेशी मुद्रा तथा १५६५ रुपये भारतीय मुद्रा बरामद हुई उसके दो साथी दो दिन पहले पकडे जा चुके हें जिनको संयुक्त पूछताछ के लिए रेलवे पुलिस बाड़मेर ले आई हें गिरफ्तार बंगलादेशियो ने बताया की वे पांच जाने साथ आये थे अब तक तीन जानो को पकड़ा जा चुका हें दो जाने गायब हें उनकी तलाश पुलिस तथा सुरक्षा एजेंसिया कर रही हे उन्होंने अपनी पहचान अब्दुल पुत्र अमीब उम्र ३९ साल बता रहा हें .इधर सरहद पर सेना के युद्धाभ्यास के चलते सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसिया सरहदी क्षेत्रो में काफी सक्रियता बारात रही हें ताकि अवांछनीय तथा घुसपेठिया सरहद में ना आ सके 

वन विभाग ने मामला न्यायलय को सुपुर्द ,मार्गदर्शन माँगा ७ दिसम्बर को होगी सुनवाई

वन विभाग ने मामला न्यायलय को सुपुर्द  ,मार्गदर्शन माँगा  ७ दिसम्बर को होगी सुनवाई

 बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के निम्बला आर्मी केम्प में सेनिको द्वारा तीन चिकारो के शिकार प्रकरण में वन विभाग ने आरोपी पांच सेनिको के खिलाफ कार्यवाही को लेकर न्यायलय से मार्ग दर्शन माँगा हें उप वन सरंक्षक पी आर भादू ने बताया की विभाग द्वारा सेना को आरोपियों को पेश करने के लिए तीन सम्मान जारी किये गए थे मगर सेना द्वारा आरोपियों को विभाग के समक्ष ना तो पेश किया नहीं संतोषजनक जवाब दिया सेना कोर्ट ऑफ़ इन्क्व्यारी की आड़ में सेना  के आरोपी जवानो को पेश करने में आना कानी कर रहे हें हमने आगे की कार्यवाही के लिए श्रीमान न्यायलय सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट कनिष्ठ खंड बाड़मेर से मार्गदर्शन मांगा हें .न्यायालय ने आगे सात दिसम्बर को सुनवाई रखी हें  

मां को बांटा महीनों में

मां को बांटा महीनों में

श्रीगंगानगर । जिन बेटों को उसने पाल-पोस कर बड़ा किया। खुद लाख तकलीफें झेल कर सुख-सुविधाओं और पढ़ाई का ख्याल रखा, आज जब उसी मां की देखभाल का वक्त आया तो चारों बेटों ने उसे महीनों में बांट दिया। चारों के घर साल में तीन-तीन महीने ठिकाना और वह भी एक साथ नहीं। यह व्यथा है असहाय वृद्धों के लिए बने तपोवन आवेदना संस्थान में गुरूवार को बदहाल अवस्था में लाई गई अस्सी वर्षीय विद्यादेवी की।

लक्ष्मीनगर कॉलोनी निवासी इस वृद्धा के चारों बेटे संपन्न हैं। इस साल 4 जनवरी को विद्यादेवी बीमार पड़ी तो एकाएक बेटों ने नजरें फेरना शुरू कर दिया। जिस बेटे के पास वह रहती थी, उसने मां के बंटवारे का प्रस्ताव रखा। आखिरकार तय हुआ कि विद्यादेवी बारी-बारी से एक-एक महीने चारों बेटों के पास रहेंगी। इसकी शुरूआत अप्रेल से हुई। आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि नवम्बर में जिस बेटे की बारी थी, वह मां को घर में रखने की बजाय पास ही दूसरे घर के बाहर चबूतरे पर छोड़ आया। यह घर विद्यादेवी के नाम ही है। बेटे-बहू का नाता सुबह और शाम को रोटी-पानी तक सीमित था। इतना सब होने के बावजूद वह अपने बहू-बेटों की करनी को "समय का फेर" बता रही है।

हमारे दिन बुरे हैं: मां का बंटवारा करने के बारे में एक बेटे लीलाधर सिंघल का कहना है कि जो कुछ हुआ है, उसके बारे में अब क्या कहें। हमारी बहुत बेइज्जती हो गई। उधर, दूसरे बेटों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने मां को वापस लाने की बात जरूर कही।

कराह से पसीजे पड़ोसी
पिछले कुछ दिनों से बीमार रहने के कारण विद्यादेवी खाना ढंग से खा नहीं पा रही थीं। उसकी कराह सुन गुरूवार को विमला वर्मा नामक महिला ने वृद्धा की सुध ली और उसकी हालत देख सन्न रह गई। उसके शोर मचाने पर मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए। सूचना पर तपोवन आवेदना संस्थान के लोग एम्बुलेंस लेकर पहुंचे और विद्यादेवी को संस्थान में लाकर उपचार शुरू करवाया।

विद्यादेवी को अब तभी उसके बेटों को सौंपा जाएगा, जब शहर के दो प्रमुख व्यक्तियों के सामने वे भविष्य में ऎसा नहीं करने का विश्वास दिलाएंगे।
महेश , अध्यक्ष, तपोवन आवेदना संस्थान

समाधियों को संरक्षण की दरकार

समाधियों को संरक्षण की दरकार

पोकरण   सामाजिक उपेक्षा एवं उचित देखरेख के अभाव में क्षेत्र की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहर बांदोलाई तालाब एवं यहां पर स्थित स्वामी डूंगरपुरी की जीवित समाधि स्थल नष्ट प्राय होने के कगार पर पहुंच गई है। एक तरफ जहां केन्द्र एवं राज्य सरकार ऐतिहासिक धरोहरों एवं पर्यटन स्थलों के विकास के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर किसी जमाने में पूरे क्षेत्र में विख्यात रहे इस स्थान के विकास की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

कभी यहां आते थे दूर-दूर से लोग: प्रसिद्घ संत डूंगरपुरी महाराज ने इसी बंादोलाई तालाब पर जीवित समाधि ली थी। पोकरण उपखण्ड सहित निकटवर्ती बाड़मेर जिले एवं फलोदी तहसील के अनेक गांवों के लोग यहां पर आते थे। जानकारी के अनुसार संत डूंगरपुरी के चमत्कारों से प्रभावित होने से यह स्थान अनेक लोगों के लिए आस्था केन्द्र बन गया। कालांतर में इस स्थान की उचित देखभाल होने के यहां पर अन्नक्षेत्र एवं एक गौशाला का भी संचालन किया जाता था। मगर धीरे-धीरे यह स्थान उपेक्षा का शिकार होने लगा। आज हालत यह है कि बांदोलोई पर स्थित महंत डूंगरपुरी की समाधि सहित अन्य संतों की समाधियां भी नष्ट प्राय होने की स्थिति में पहुंच गई है।

सैकड़ों बीघा भूमि पर हुआ अतिक्रमण : महंत के अनुसार बांदोलाई तालाब पर संत डूंगरपुरी के चमत्कारों से प्रभावित होकर तत्कालीन ठाकुर ने इस स्थान के नाम लगभग 13 सौ बीघा भूमि आवंटित की थी। उस समय यह स्थान भी डूंगरपुरी के ठिकाणे के नाम से विख्यात था। बीते लगभग तीस वर्षों के दौरान बांदोलाई की देखरेख नहीं होने के कारण सैकड़ों बीघा भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने अपने कब्जा जमा लिए।

बबूल की झाडिय़ों के चलते तालाब का अस्तित्व संकट में : एक जमाना था जब शहर के लोग बरसात के मौसम में बांदोलाई तालाब पर पिकनिक मनाने तथा गोठ घुघरी करने के लिए जाया करते थे। इस मौसम में यहां पर लोगों की हर समय चहल पहल रहती थी। धीरे धीरे यह स्थान सूना हो जाने के कारण लोगों का यहां पर आना जाना पूरी तरह बंद हो गया। उसके परिणाम स्वरूप तालाब सहित पूरे परिसर में बबूल की झाडिय़ां इस कदर फैल गई है कि वहां से अकेले व्यक्ति का निकलना भी दूभर हो गया है। लगभग बीस फुट ऊंचाई में लगी बबूल की झाडिय़ां एकदम घाट के किनारे तक फैल जाने के कारण तालाब का अस्तित्व भी खतरे में पड़ता नजर आ रहा है।

उपेक्षा से तालाब की हुई दुर्दशा : इस धरोहर के प्रति प्रशासन पूरी तरह उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है। जिसके कारण आज यह स्थान बदतर हालत में पहुंच गया है। समय समय पर चलने वाले अकाल राहत कार्यों एवं अन्य विकास योजनाओं के तहत यदि इस स्थान के विकास की ओर थोड़ा बहुत भी ध्यान दिया जाता तो यह धरोहर आज नष्ट होने के कगार पर नहीं पहुंचती। 

इन संतों ने ली जीवित समाधि

महंत शंभूपुरी के अनुसार यहां पर 52 संतो ने जीवित समाधियां ली हैं। इनमें से विक्रम संवत 1756 में संत भावपुरी, विक्रम संवत 1880 में जुगतपुरी, विक्रम संवत 1899 में गुरु जोगपुरी उसके शिष्य जगतपुरी ने जीवित समाधि ली। इसी प्रकार विक्रम संवत 1914 में संत मोतीपुरी, विक्रम संवत 1942 में दरियारपुरी, विक्रम संवत 1965 में हरदतपुरी तथा विक्रम संवत 2008 में अंतिम जीवित समाधि के रूप में चिमनपुरी ने समाधि ली। वह बताते हैं कि आज भी इन समाधियों के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

पिता की गुहार पर पुलिस पहरे में होंगे फेरे


पिता की गुहार पर पुलिस पहरे में होंगे फेरे

खौफजदा पिता ने एसपी से की सुरक्षा की मांग, मंडप से लड़की उठा ले जाने की दी धमकी, कल आएगी बारात

बाड़मेर  एक पिता ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक से अपनी बेटी के फेरे पुलिस पहरे में कराने की गुहार की है। एसपी को दिए प्रार्थना पत्र में उसने लिखा है कि बेटी का ब्याव करना पिता का बड़ा सपना होता है और मेरा सपना बिना पुलिस की मदद के हो नहीं सकता। शनिवार को बारात आनी है लेकिन उसी दिन उनकी बेटी को मंडप से उठाने की धमकी मिल रही है। ऐसे में पूरा परिवार सहमा हुआ है।
क्या है मामला

दानजी की हौदी निवासी माणकसिंह पुत्र ईश्वरसिंह रावणा राजपूत ने अपनी बेटी का रिश्ता कुड़ला निवासी पनेसिंह पुत्र विशनसिंह से तय किया। शनिवार को बारात आनी है लेकिन इस बीच कोटड़ा निवासी सुंदरसिंह पुत्र कस्तुरसिंह मंडप से लड़की को उठा ले जाने की धमकियां दे रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में सुंदरसिंह की सगाई इसी लड़की से की गई थी, जो बाद में तोड़ दी गई थी। लड़की के पिता ने एसपी को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसने बेटी का रिश्ता पहले कोटड़ा के सुंदरसिंह से किया था लेकिन गत वर्ष उसने अन्य जाति की महिला से शादी कर ली। बाद में मौजिज लोगों की साथ बैठ हुई पंचायत में उससे रिश्ता(सगाई) तोड़ अन्य जगह रिश्ता तय किया। अब जब बारात आने वाली है तो वो शादी नहीं करने की धमकी दे रहा है। पीडि़त ने एसपी को दिए प्रार्थना पत्र में कुछ अन्य लोगों पर भी धमकियां देने का आरोप लगाया है।

पत्नि को नहीं दिया सेक्स का सुख, अब देना पड़ेगा मुआवजा

फ्रांस की अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी असंतुष्ट पूर्व पत्नि को 10,000 यूरो भुगतान करने का आदेश दिया है। व्यक्ति को, अपनी पत्नि के प्रति वैवाहिक ज़िम्मेदारियां पूरी न कर पाने का दोषी पाया गया है।



इस दंपति की शादी वर्ष 1986 में हुई थी और इनके दो बच्चे भी हैं। इनका जनवरी 2009 में तलाक भी हो गया था।



51 वर्षीय पत्नि ने अपने पति पर आरोप लगाया है कि वह उसने शादीशुदा जीवन में उसकी शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने में लापरवाही की है और उसके साथ ढ़ंग से सेक्स नहीं किया।



इस मामले में पति की ओर से दलील दी गई थी कि लंबे वर्किंग ऑवर और शारीरिक बीमारियों के कारण वह पत्नि की शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करने में अक्षम रहा।



अदालत ने फैसला सुनाया कि कहीं भी यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि उसे किसी तरह की शारीरिक अक्षमता थी, इसलिए उसे सज़ा के तौर पर अपनी पत्नि को 10,000 यूरो का मुआवजा देना होगा।