मंगलवार, 2 अगस्त 2011

राजस्थान दर्शन भाग ......श्री नाकोडा तीर्थ बाड़मेर


श्री नाकोडा तीर्थ


राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र के बाड़मेर जिले के बालोतरा औद्योगिक कस्बे से १२ किलोमीटर दूर पर्वतीय श्रृंखलाओं के मध्य प्राकृतिक नयनाभिराम दृश्यों, प्राचीन स्थापत्य एवं शिल्पकला कृतियों के बेजोड़ नमूनों, आधुनिक साज सज्जा से परिपूर्ण विश्वविख्यात जैन तीर्थ श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ आया हुआ है। राजस्थान का इतिहास अपने त्याग, बलिदान, देशभक्ति एवं शूरवीरता के लिए जगत में स्थान बनाए हुए है। इस प्रदेश के साहित्य, शिल्प एवं स्थापत्य कला में जैन धर्मावलंबियों का विशेष योगदान रहा है। प्रत्येक क्षेत्र में सूक्ष्म शिल्पकलाकृतियों, गगनचुंबी इमारतों के रूप में अनेक जैन तीर्थ स्थल बने हुए हैं। इन धार्मिक श्रृंखलाओं में कड़ी जोड़ने वाला श्वेतांबर जैन तीर्थ नाकोड़ा पार्श्वनाथ आज प्राचीन वैभव सुंदर शिल्पकला, दानदाताओं की उदारता, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, त्याग मुनिवरों का प्रेरणा केंद्र, तपस्वियों की साधना भूमि, पुरातत्व विशेषज्ञों की जिज्ञासा स्थल, जैनाचार्यों द्वारा उपदेश देकर निर्मित अनेक जैन बिम्ब, सैकड़ाें प्राचीन एवं नवनिर्मित जिन प्रतिमाओं का संग्रहालय, पार्श्व प्रभु के जन्म कल्याणक मेले की पुण्य भूमि आज आधुनिक वातावरण से परिपूर्ण देश का गौरव बनी हुई है, साथ ही जन-जन की आस्था के रूप में विख्यात है। तीर्थ के अधिष्ठापक देव भैरुजी के अद्भुत चमत्कारों व मनोवांछित फल प्रदायक से देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का हजारों की संख्या में आवागमन होता है। ऐतिहासिक नाकोड़ा स्थल का प्राचीन इतिहास से गहरा संबंध है। वि. स. ३ में इस स्थान के उदय होने का आभास मिलता है, यद्यपि इस संबंध में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी कुछ प्रचीन गीतों, भजनों एवं चारण, भाटों की जनश्रुति के अनुसार वीरमदेव एवं नाकोरसेन दोनों बंधुओं ने क्रमशः वीरमपुर, वीरपुर एवं नाकार नगरों की स्थापना की थी। आचार्य एयुलि भद्रसुरि की निश्रा में वीरमपुर में श्री भगवान चंद्रप्रभु की एवं नाकार में सुविधिनाथ की जिन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा करवाई गई थी। नाकोड़ा तीर्थ के मुख्य भगवान पार्श्वनाथ मंदिर का विशाल शिखर है तथा आजू-बाजू दो छोटे शिखर हैं। मंदिर में मूल गंभारा, गूढ मंडप, सभा मंडप, नवचौकी, श्रृंगार चौकी और झरोखे बने हुए हैं, जो देखने में साधारण से हैं उन्हें संगमरमर पाषाणों की बारीक शिल्पकलाकृतियों से सजाा गया है। मंदिर में तीर्थोंद्धारक खतरगच्छ आचार्य कीर्तिरत्न सुरिजी की पीत्त पाषाण की प्रतिमा विराजमान है, जिस पर सं. १३५६ का शिलालेख विद्यमान है, इनके ठीक सामने तीर्थ के अधिष्ठायक देव भैरुजी की मनमोहक आकर्षक प्रतिमा प्रतिष्ठित है , जिनके चमत्कारों से इस तीर्थ की दिनोंदिन ख्याति हो रही है। मंदिर में निर्माण संबंधित शिलालेख सं. १६३८, १६६७, १६८२, १८६४ एवं १८६५ के भी मौजूद हैं। मुख्य मंदिर के पीछे ऊंचाई पर प्रथम तीर्थंकर आदेश्वर भगवान का शिल्पकलाकृतियों का खजाना लिए हुए मंदिर विद्यमान है। इस मंदिर का निर्माण वीरमपुर के सेठ मालाशाह की बहिन लाछीबाई ने करवाकर इसकी प्रतिष्ठा सं. १५१२ में करवाई। उस समय इस मंदिर में विमलनाथ स्वामी की प्रतिमा थी, लेकिन अब मूलनायक के रूप में श्वेत पाषाण की राजा संप्रति के काल में बी ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा विराजमान है।
मंदिर के विशाल शिखर व खंभों पर विभिन्न आकृतियों की सुंदर प्रतिमाएं शिल्पकला के बेजोड़ नमूने को श्रद्धालु घंटों तक निहारने के बावजूद थकान महसूस नहीं करते। इसके समीप भारत पाक विभाजन के समय सिधु प्रदेश के हानानगर से आई प्रतिमाओं का भव्य चौमुखा मंदिर कांच की कारीगरी का बेजोड़ नमूना है। तीर्थ का तीसरा मुख्य मंदिर १६ वें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथजी का है, जिसका निर्माण सुखमालीसी गांव के सेठ मालाशाह संखलेचा ने अपनी माता की इच्छा पर करवाया। मंदिर के खंभों पर आबू व देलवाड़ा के मंदिरों की कारीगरी का आभास मिलता है। सूरजपोल में प्रवेश करते ही बाईं ओर सफेद संगमरमर की बारीक नक्काशीदार सीढ़यों से मंदिर का मुख्य मार्ग है तथा मंदिर के मुख्य मार्ग पर कलात्मक पटवों की हवेली जैसलमेर जैसे झरोखे बनाए हुए हैं। इस मंदिर की प्रतिष्ठा वि.स. १५१८ में गुरुदेव श्री जिनदत्त सूरि म. सा. ने एक बड़े महोत्सव में करवाई। मंदिर के प्रवेश द्वार बारीक नक्काशीदार के ठीक ऊपर श्रृंगार चौकी बनी हुई है जहां पीत पाषाण से निर्मित देव पुतलिकाएं विभिन्न वाद्य यंत्रों, नृत्य मुद्राओं के साथ संगीतमय उत्सव की झांकी प्रस्तुत करती हैं। इसी के पास नवचौकी के नीचे ही एक पीत पाषाण पर बारीकी कलाकृतिाें के बीच लक्ष्मीदेवी की मूर्ति उत्कीर्ण है। मंदिर के मूल गंभारे में भगवान शांतिनाथ की ३४ इंच प्रतिमा के दाईं ओर भगवान सुपार्श्वनाथजी की २७ इंच व बाईं ओर भगवान चंद्रप्रभुजी की २७ इंच प्रतिमा विराजमान है, जहां की उत्कृष्ट स्थापत्य कला को निहारते हुए सभी पुलकित हो उठते हैं। मूल गंभारे के बाईं ओर गोखले (आलेय) में दादा जिनदत्तसूरिजी विराजमान हैं, जिनकी निश्रा में इस मंदिर की प्रतिष्ठा हुई थी। ऐसे यशस्वी दादा गुरुदेव के पावन पागलिये बाईं ओर के गोखले में सफेद संगमरमर पर स्वर्ण निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं एवं पगलियों की प्रतिष्ठा २००८ में दादा जिनदत्त सूरिजी म.सा. ने करवाई थी। मंदिर के पिछवाड़े में श्रीपाल मेयनासुंदरी भव्य अनुपम चौमुखा मंदिर है। इसके आगे चलने पर श्रृंखलाबद्ध खंभों की कतार के मध्य विविध चित्रों के माध्यम से भगवान शांतिनाथजी के १२ भवों के पठों को कलात्मक चित्रों द्वारा उल्लेखित किया गया है। सूरजपोल के बाहर एक ओर महावीर स्मृति भवन स्थित है, जब महावीर स्वामी का २५०० वां निर्वाण महोत्सव वर्ष १९७५ में मनाया गया था तब ट्रस्ट मंडल द्वारा इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इशके भीतर भगवान श्री महावीर स्वामी की आदमकद प्रतिमा विराजमान है। प्रतिमा के दोनों ओर भव्य सुसज्जित हाथी अपने मुंह से चंवर ढुलाते, धुपकरते, कलश से जल चढ़ाते, पुष्प अर्जित करते व दीप प्रज्वलित करते दर्शाए गए हैं और साथ ही भगवान की आरती वंदना करते नर-नारी दिखाए गए हैं।
इस आधुनिक भवन निर्माण कला और सुसज्जित विशाल हॉल में दोनों ओर आकर्षक चित्रों के माध्यम से भगवान श्री महावीर स्वामी के जीवन काल की घटनाओं का चित्रण किया गया है। सुरजपोल के ठीक सामने टेकरी पर पूर्व की ओर दादा श्री जिनदत्त सूरिजी म.सा. की दादावाड़ी स्थित है। इसका निर्माण व प्रतिष्ठा संवत २००० में हुई। दादावाड़ी की सीढ़यों पर चढ़ने से पूर्व सफेद संगमरमर के पाषाण का कलात्मक तोरण द्वार है जिसे शिल्पकारों ने अपने अथक कला एवं श्रम से सजाया एवं संवारा है। दादावाड़ी में श्री जिनदत्त सूरिजी, मणिधारी स्री जिनचंद्रसूरिजी, श्री जिनकुशलसूरीजी व श्री युगप्रधान श्री चंद्रसूरिजी के छोटे चरण प्रतिष्ठित हैं। दादावाड़ी से नीचे उतरते सम एक ओर सफेद संगमरमर का श्रृंखलाबद्ध भव्य नवनिर्मित मंगल कलश दृष्टिगोचर होता है। दादावाड़ी के पीछे आचार्य लक्ष्मी सूरिजी भव्य सफेद संगमरमर का गुरु मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है, इसके आगे श्री कीर्तिरत्नसुरिजी की दादावाड़ी स्थित है। दादावाड़ी के आगे बिखरे खंडहरों की बस्ती एवं कुछ टूटे फूटे मंदिर आज भी प्राचीन वैभव, शिल्पकला एवं इतिहास का स्मरण कराते हैं। मुख्य मंदिर के पीछे १२०० फीट की उंची पहाड़ी पर सफेद रंग की आभा से सुशोभित श्री जिनकुशलसूरिजीकी दादावाड़ी स्थित है। प्राकृतिक थपेड़ाें मुगल शासकों की आक्रमण नीति के अलावा इस तीर्थ की विनाश की एक करुण कहानी भी रही है। सेठ मालाशाह संखलेचा कुल के नानक संखलेचा को स्थानीय शासक पुत्र ने उनकी लंबी सिर की चोटी को काटकर अपने घोड़े के लिए चाबुक बनाने की ठानी। सेठ परिवार ने इसे अपना अपमान समझकर इस स्थान को छोड़कर जैसलमेर की ओर चल दिए, यह घटना १७ वीं शताब्दी की है। उपर्युक्त घटना से वहां का संपूर्ण समाज यहां से विदा हो गया, जिससे तीर्थ की व्यवस्था एवं विकास दो सौ वर्ष तक रुका रहा, उसके बाद में साध्वी सुंदरश्री ने आकर इसके चहुंमुखी विकास में नई जान फूंकी। साध्वी श्री प्रतिमा सांवलिया पार्श्वनाथ जिनालय में विराजमान हैं। तीर्थ के विकास में आचार्य हिमाचलसूरिजी एवं आचार्य जिनकांतिसागर सूरिश्वरजी म.सा. के सहयोग को भी नहीं भुलाया जा सकता। मुख्य मंदिर के समीप सफेद संगमरमर के पाषाण की पेढ़ी एवं सभागार है, जहां पौष दशमी मेले एवं अन्य बैठकों का आयोजन के साथ ट्रस्ट मंडल द्वारा विभिन्न समारोह इसी प्रांगण में आयोजित किए जाते हैं। श्री जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट मंडल तीर्थ की संपूर्ण सुरक्षा, रख-रखाव, नवनिर्माण, यात्रियों को पूर्ण सुविधाएं, साधु-साध्वियों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने में हर समय सक्रिय रहते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए तीर्थ पर कमरों की लंबी श्रृंखलाओं के साथ भव्य सुविधायुक्त श्रीपाल, भवन, महावीर भवन, आदेश्वर भवन, पार्श्व यात्री निवास के साथ विशाल धर्मशालाएं बनी हुई हैं, उसके बावजूद यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ट्रस्टी मंडल द्वारा और धर्मशालाएं बनाना प्रस्तावित है। तीर्थ पर विशाल भैरव भोजनशाला बनी हुई है तथा मेले के समय विशाल भू-भाग में फैले नवकारसी भवन का उपयोग किया जाता है।

81 की उम्र में बांधेंगे सेहरा

81 की उम्र में बांधेंगे सेहरा 
 
अहमदाबाद। आप यकीन करे या न करें, लेकिन यह सच है। अहमदाबाद के 81 वर्षीय ब्रह्मरलाल जोशी छह बच्चों के पिता होने के बावजूद अब दूसरी शादी करने जा रहे हैं। हाल ही में उनकी 75 वर्षीय पत्नी का स्वर्गवास हुआ है। नई जिंदगी की शुरूआत कर वे इस गम को भुलाना चाहते हैं।

ब्रह्मरलाल ने शादी के लिए मैरिज ब्यूरो से संपर्क किया था। दो माह पहले ही इस बावत उन्होंने अपना बायोडाटा भी जमा कराया। छह उम्रदराज महिलाओं को देखने के बाद जोशी को बड़ोदरा की एक 62 वर्षीय महिला पसंद आई है। जोशी 30 साल तक यहां के स्वामीनारायण आर्ट्स कॉलेज में शिक्षक की भूमिका निभाए हैं और बीते 25 साल से वे गुजरात विश्वविद्यालय में व्याख्याता हैं। जोशी के मुताबिक, शादी के बाद उनकी इच्छा नई-नई और खूबसूरत जगहों के सैर सपाटे की है।
 

30 हजार पेंशन
बकौल जोशी, मैं अभी भी फिट और पूरी तरह स्वस्थ हूं, तो फिर मैं अपने जीवन का सूरज क्यों डुबोऊं। मैं अपने जीवन के अंतिम दिनों को बहुत अच्छी तरह जियूंगा। जोशी की बातों से कहीं भी ऎसा नहीं लग रहा था कि वे अपनी जिंदगी से उदास हैं। एक बंगला, कार के मालिक ब्रह्मरलाल को वर्तमान में 30 हजार रूपए की मासिक पेंशन भी मिलती है।
 

उनके इस फैसले को परिवार के प्रत्येक सदस्य फिर चाहे वह उनका बेटा हो या बेटी या फिर नाती-पोता, सभी ने समर्थन किया है। आज भी सभी एक संयुक्त परिवार में ही जीवन बसर कर रहे हैं। जोशी ने तय किया है कि उनकी मृत्यु के बाद पेंशन का आधा हिस्सा उनकी पत्नी को दिया जाएगा।
 


सोमवार, 1 अगस्त 2011

मिसकॉल से हुआ प्यार, गन्ने के खेत में मना रहे थे रंगरेलियां!


मेरठ। प्रेमिका अपने प्रेमी संग गन्ने के खेत में रंगरेलियां मना रही थी। उसी समय गांव के एक आदमी की नजर संदेहास्पद स्थिति में खेत से बाहर खड़े प्रेमी के भाई पर पड़ी। उसको शक हुआ तो वह उसके पास गया। इतने में राज खुल गया। आदमी ने देखा कि खेत के अंदर लड़के-लड़की निर्वस्त्र हो रंगरेलियां मना रहे थे। उसने शोर मचा कर लोगों को इकठ्ठा कर लिया।

जानकारी के मुताबिक, जिले के समौली गांव में इस प्रेमी युगल को गन्ने के खेत में आपत्तिजनक स्थिति में दबोच लिया गया। लोगों ने प्रेमी और खेत के बाहर निगरानी कर रहे उसके भाई की धुनाई कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं, प्रेमिका लोगों से विनती करके भागने में सफल रही।

लोगों ने दोनों लड़को की खूब पिटाई की। लड़की माफी मांगने लगी तो लोगों ने उसे जाने दिया। लड़कों का नाम मोहित और सोनू है। दोनों मंसूरपुर गांव के रहने वाले हैं।

मिसकॉल से परवान चढ़ा प्यार, पहुंचा खेत तक

सोनू के मुताबिक, पांच महिने पहले उसके मोबाइल पर मिस्डकॉल आयी थी। तभी से दोनों की बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। गांव के बाहर दोनों मिला करते थे। खेत में दोनों पहले से ही रंगरेलियां मनाते रहे हैं। लोगों ने लड़कों को पुलिस को सौंप दिया।

चित्तौडगढ़ : एसपी को धमकी देने वाले गिरफ्तार


उदयपुर। पिछले महीने चित्तौड़ एसपी विकास कुमार को हाथ पैर काट कर जान से मारने की धमकी देने वाले तीन आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार इस मामले में उदयपुर में मल्लातलाई निवासी मजहर खान, चित्तौड़ में महाजन मोहल्ला निवासी अखिलेश व जीतेश गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपी पेशे से अवैध रूप से गाइडिंग करते है और लपका गिरोह के सदस्य है।
पहले पुलिस ने आरोपियों को पर्यटकों को परेशान करने के मामले में पकड़ा। बाद में इनसे पूछताछ में एसपी को धमकी देने वाले में गिरफ्तार किया गया। गौरतलब है कि 4 जुलाई को चित्तौडगढ़ जिले के एसपी विकास कुमार को एक पत्र मिला। जिसमें पकड़े गए आरोपियों ने हाथ से लिखे इस पत्र में दूसरों के नाम लिख दिया। जिसमें खुद को लपका किंग बताया।
एसपी को धमकी दी गई कि पर्यटन स्थलों पर लपकों के खिलाफ कार्रवाई के कारण यह पत्र लिखा गया। पत्र में लिखा गया कि आरोपी हर माह डिप्टी व थानेदार 50 हजार रुपए रिश्वत देते हैं। अगर हमें गिरफ्तार करोगे तो पछताओगे और हम जमानत पर बाहर आने के बाद एसपी के हाथ पैर काट कर मरवा देंगे।

कृष्णधाम सांवलियाजी में मेले की धूम


मेले में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु भगवान सांवलिया सेठ के किए दर्शन

उदयपुर
। मेवाड़ के सुविख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी में दो दिवसीय मेले के दूसरे दिन बड़ी तादाद में श्रद्धालु उमड़े। जिन्होंने सांवलिया सेठ के दर्शन करने के साथ ही मेले में मनोरंजन और खरीदारी का आनंद लिया।
यहां पहुंचे मेलार्थियों में राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ ही मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं की खासी तादाद रही। मेले में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन किए। मेले में डोलर, चकरी, झूलों के साथ ही 500 से अधिक विभिन्न तरह की स्टालें सजी।

खूब जमी भजन संध्या

सांवलियाजी के यशोदा विहार चौक में मांडल के हरिशंकर पंड्या के नेतृत्व में सांवलिया मित्र मंडल द्वारा भजन संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें भजन गायकों ने कृष्ण भक्ति पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी। शाम से शुरू हुआ भजनों का दौर देर रात तक चलता रहा। लगातार 25 साल से यहां आ रहे मंडल की ओर से भजन संध्या आयोजन पर सांवलियाजी मंदिर मंडल की ओर से स्वागत किया जाता है।
द्वारिकाधीश मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारिकाधीश सोमवार को फलों के हिंडोलने में विराजित हुए। इससे पहले सुबह मंगला एवं शृंगार की झांकी तक सब्जियों के हिंडोलने के दर्शन हुए। सोमवार को फलों के हिंडोलने के दर्शनार्थ सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे और ठाकुरजी के जयकारे के साथ दर्शन किए।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि हिंडोलना के दर्शनों की श्रृंखला में आज फलों के हिंडोलना के दर्शनों में स्थानीय एवं बाहर से पधारे दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावण मास के हिंडोलना के अवसर पर आयोजित फलों के हिंडोलना मनोरथ में रतन चौक में सामने फलों से हिंडोलना को सजाया गया। उत्थापन के दर्शनों के बाद भोग आरती के भोग अरोगाए गए।
इसके पश्चात रतन चौक में सामने फलों के झूले में श्री द्वारिकाधीश प्रभु को विराजित किया गया। मुखिया भीतरियाओं ने पंखा एवं चंवर ढुलाकर तथा कीर्तनकारों ने गीत गाए। श्री द्वारिकाधीश प्रभु के सामने विभिन्न रंगों में सुसज्जित चांदी के ग्वाल-बालों, गोपियों, पशु-पक्षियों की आकर्षक झांकी सजाई गई।

हाईस्कूल की छात्रा के साथ बलात्कार

मुजफ्फरनगर। जिले के मसूंरपुर क्षेत्र में पुलिस ने हाईस्कूल की छात्रा के साथ बलात्कार करने के अरोप में दो अध्यापकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नोना गांव की 18 साल की मसूंरपुर स्थित निजी पब्लिक स्कूल में पढने वाली छात्रा के साथ 28 जुलाई को अध्यापक संजीव और सुधीर ने बलात्कार किया।

उन्होंने बताया कि पीडित छात्रा के पिता की तहरीर पर दोनों आरोपी शिक्षकों को पुलिस ने कल शाम गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार, एक आरोपी गिरफ्तार

वहीं, गाजियाबाद जिले के गढमुक्तेश्वर क्षेत्र में एक दलित युवती से सामूहिक बलात्कार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गढमुक्तेश्वर इलाके के बहादुरगढ गांव में कल अपराह्न एक 19 साल की दलित युवती के साथ बदरखा निवासी शाहिद और कल्लू ने नलकूप पर सामूहिक बलात्कार किया।

उन्होंने बताया कि युवती के परिजनों की तहरीर पर इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक आरोपी कल्लू को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य शाहिद और गफ्फा की तलाश की जा रही है।

गुरू ग्रंथ साहिब विवि के वीसी को गोली मारी

गुरू ग्रंथ साहिब विवि के वीसी को गोली मारी 
 

चंडीगढ़। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के गुरू ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को अज्ञात लोगों ने गोली मारी दी। सूत्रों के मुताबिक वीसी जसबीर सिंह को गंभीर हालत में चंडीगढ़ पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सूत्रों ने बताया कि बीच सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अज्ञात हमलावरों ने वीसी पर फायर किया। गोली मारने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि गोली काफी करीब से मारी गई। अब तक किसी हमलावर का पता नहीं चल पाया है।
 

रायसेन में बस नदी में गिरी,20 यात्रियों की मौत

रायसेन. सोमवार दोपहर बरेली के पास एनएच-12 पर भोपाल से जबलपुर जा रही एक बस पुल से बारना नदी में जा गिरी। इस घटना में 20 यात्रियों की मौत हो गई है।

पुल से गुजरने के दौरान बस टायर फटने से अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी। नदी में बहाव तेज होने से बस पूरी तरह डूब गई। सवा तीन बजे तक 20 शव निकाले जा चुके है,वहीं 16 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर बरेली अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

गायत्री बस सर्विस की दुर्घटनाग्रस्त हुई इस 52 सीटर बस में 60 से अधिक लोग सवार होना बताया जा रहा हैं। मौके पर एसपी सहित अन्य अधिकारी ने अमले के साथ पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कराया। डूबी बस में फंसे यात्रियों को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा रहा है। इस बस को नदी से बाहर निकालने के लिए चार जेसीबी मशीने मौके पर जुटी हुई हैं,वहीं बाहर से क्रेन भी बुलाई गई है। मौके पर हजारों की संख्या में लोग जमा हैं। 

बाडमेर, आज की ताजा खबर.


नगर पालिका की साप्ताहिक समीक्षा
पिचहतर सफाई कर्मियों
 की अतिशीध्र भर्ती होगी
बाडमेर, 1 अगस्त। नगर पालिका बाडमेर में सफाई व्यवस्था दुरस्त करने के लिए पिचहतर नये सफाई कर्मचारियों की अतिशीध्र भर्ती की जाएगी। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने इस संबंध में विशेष दल बनाकर आवेदनों की जांच कर तुरन्त आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टर गोयल सोमवार को नगर पालिका बाडमेर के कार्यो की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उन्होने पुख्ता सफाई व्यवस्था के लिए सफाई कर्मचारियों की नियुक्त शीध्र करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर गोयल ने नगरपालिका के कार्यो तथा सप्ताह की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में बाडमेर शहर में दो नई आवासीय योजनाओं के अनुमोदन के अलावा ट्रान्सपोर्ट नगर विकसित करने पर सहमति प्रदान की गई। 
बैठक में सीवरेज कार्यो की प्रगति, शहर में सडकों पर पशुओं के लिए हरा चरा डालने की रोकथाम,आवारा पशुओं की धरपकड़, आवासीय कॉलोनी विकसित करने के प्रकरणों, पार्किग स्थलों के निर्धारण आदि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
निर्माणाधीन कार्यो में तेजी 
जिला कलेक्टर ने कहा कि निर्माणाधीन विकास कार्यो की गति युद्धस्तर पर बढाकर उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाए ताकि लोगों को असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कलेक्ट्रेट से सर्किट हाउस तक फोर लेन के दूसरी तरफ के सडक निर्माण कार्य को भी तुरन्त पूर्ण करने के निर्देश दिएं। साथ ही उन्होने ऑवर ब्रिज निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखने की हिदायत दी ताकि मशीनों आदि से कोई दुर्धटना नहीं हो। आदर्श स्टेडियम में अपूर्ण कार्यो को भी तुरन्त पूर्ण करने को कहा।
पुख्ता सफाई व प्रकाश      
  जिला कलेक्टर ने सफाई तथा सार्वजनिक प्रकाश का कार्य बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आवारा पशुओं को पकड़ने के निर्देश देते हुए अगली बैठक में पिछले सप्ताह में पकड़े गए आवारा पशु तथा हटाए गए अतिक्रमण का ब्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होने पकडे गये आवारा पशुओं को ट्रकों के जरिये बाडमेर की सीमा से दूर भेजने के भी निर्देश दिए। 
पोलिथीन की रोकथाम
जिला कलेक्टर ने पोलिथीन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने तथा पोलिथीन की रोकथाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होने विशेष टीम बनाकर पोलिथीन को जब्त करने के निर्देश दिए।  
नया बस स्टेण्ड
जिला कलेक्टर गोयल ने शहर में नया बस स्टेण्ड बनाने के लिए शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने रोडवेज आगार में स्थित भूमि तथा नजदीक के कृषि मंडी की भूमि पर सम्मिलित प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए तथा कृषि मंडी से सहमति लेकर इस जमीन के बदले अन्य जमीन देने को कहा। 
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जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन


बाडमेर, 1 अगस्त। केन्द्रीय विद्यालय जालीपा केन्ट तथा वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को केन्द्रीय विद्यालय जालीपा में जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एक हजार पौधों की सार संभाल का संकल्प लिया गया।
 विद्यालय परिसर में सघन वृक्षारोपण अभियान का शुभारम्भ जिला कलेक्टर गौरव गोयल, जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर, केन्द्रीय विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा नामित कर्नल सरबजीतसिंह, उप वन संरक्षक बी.आर. भादू, सहायक वन संरक्षक हनुमानराम तथा विद्यालय प्राचार्य एम.एल. बेनीवाल की उपस्थिति में किया गया। 
कार्यक्रम के तहत 300 पौधे विद्यालय के बच्चों द्वारा उत्साह पूर्वक लगाये गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बच्चों को प्रेरित करते हुए वृक्षारोपण की महत्वता समझाई तथा प्रत्येक विद्यार्थी को एक पौधा गोद लेने की बाबत कही। साथ ही विद्यालय को 700 अतिरिक्त पौधे दिए जाने की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने बच्चों को पौधे से भावनात्मक रूप से जुडने का आग्रह किया। उप वन संरक्षक बी.आर. भादू ने वन महोत्सव के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए प्रत्येक पौधे की महत्वता बताते हुए वृक्षारोपण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्या एम.एल. बेनीवाल ने आगन्तुकों का स्वागत किया तथा विगत वर्षो में विद्यालय में वृक्षारोपण की प्रगति से अवगत कराया। वन महोत्सव वृक्षारोपण से पहले क्षेत्रीय वन अधिकारी नाथाराम चौधरी द्वारा विद्यार्थियों को वृक्षारोपण की तकनिकी बारिकीयां समझाई गई। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन मनोज रामावत व्याख्याता द्वारा किया गया। 
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सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग 
की वेबसाईट का पता बदला


बाडमेर, 1 अगस्त। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की विभागीय वेबसाईट ूूूण् कपचतवदसपदमण् वतह  का पता बदल गया है।
जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्रवण चौधरी ने बताया कि विभागीय वेबसाईट अब नये परिवर्तित पते ीजजचरूध्ध्कपचतण्तंरंेजींदण्हवअण्पद  के द्वारा खुलेगी। विभागीय वेबसाईट को पुराने ूमइ ।ककतमेे  से खोलने पर ूमइचंहम  पर दिये गये भ्लचमत स्पदा ीजजचरूध्ध्कपचतण्तंरंेजींदण्हवअण्पद  पर ब्सपबा  करने से यह एक माह तक संचालित होगी। तत्पश्चात् केवल नये ॅमइ ।ककतमेे ीजजचरूध्ध्कपचतण्तंरंेजींदण्हवअण्पद  से ही विभागीय वेबसाईट का संचालन संभव होगा। उन्होने बताया कि राज्य स्तर पर जारी नवीनतम समाचारों के साथ ही जिले के समाचार इस वेबसाइट पर देखे जा सकते है।
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 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित
बाड़मेर, 1 अगस्त। सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय बाडमेर में रिक्त एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर सेवा निवृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से आवेदन आमंत्रित किए गए है। 


जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्रवण चौधरी ने बताया कि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा संचालित सूचना केन्द्र में एक रिक्त पद के विरूद्ध सेवा निवृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से संविदा के आधार पर भर्ती हेतु 16 अगस्त, 2011 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए है। उन्होंने बताया कि नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को राज्य सरकार के नियमानुसार 3400 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा । 
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