सोमवार, 1 अगस्त 2011

कृष्णधाम सांवलियाजी में मेले की धूम


मेले में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु भगवान सांवलिया सेठ के किए दर्शन

उदयपुर
। मेवाड़ के सुविख्यात कृष्णधाम सांवलियाजी में दो दिवसीय मेले के दूसरे दिन बड़ी तादाद में श्रद्धालु उमड़े। जिन्होंने सांवलिया सेठ के दर्शन करने के साथ ही मेले में मनोरंजन और खरीदारी का आनंद लिया।
यहां पहुंचे मेलार्थियों में राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ ही मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं की खासी तादाद रही। मेले में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन किए। मेले में डोलर, चकरी, झूलों के साथ ही 500 से अधिक विभिन्न तरह की स्टालें सजी।

खूब जमी भजन संध्या

सांवलियाजी के यशोदा विहार चौक में मांडल के हरिशंकर पंड्या के नेतृत्व में सांवलिया मित्र मंडल द्वारा भजन संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें भजन गायकों ने कृष्ण भक्ति पर आधारित भजनों की प्रस्तुतियां दी। शाम से शुरू हुआ भजनों का दौर देर रात तक चलता रहा। लगातार 25 साल से यहां आ रहे मंडल की ओर से भजन संध्या आयोजन पर सांवलियाजी मंदिर मंडल की ओर से स्वागत किया जाता है।
द्वारिकाधीश मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारिकाधीश सोमवार को फलों के हिंडोलने में विराजित हुए। इससे पहले सुबह मंगला एवं शृंगार की झांकी तक सब्जियों के हिंडोलने के दर्शन हुए। सोमवार को फलों के हिंडोलने के दर्शनार्थ सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे और ठाकुरजी के जयकारे के साथ दर्शन किए।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि हिंडोलना के दर्शनों की श्रृंखला में आज फलों के हिंडोलना के दर्शनों में स्थानीय एवं बाहर से पधारे दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावण मास के हिंडोलना के अवसर पर आयोजित फलों के हिंडोलना मनोरथ में रतन चौक में सामने फलों से हिंडोलना को सजाया गया। उत्थापन के दर्शनों के बाद भोग आरती के भोग अरोगाए गए।
इसके पश्चात रतन चौक में सामने फलों के झूले में श्री द्वारिकाधीश प्रभु को विराजित किया गया। मुखिया भीतरियाओं ने पंखा एवं चंवर ढुलाकर तथा कीर्तनकारों ने गीत गाए। श्री द्वारिकाधीश प्रभु के सामने विभिन्न रंगों में सुसज्जित चांदी के ग्वाल-बालों, गोपियों, पशु-पक्षियों की आकर्षक झांकी सजाई गई।

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