बाड़मेर। विधायक ने चिकित्सक को लगाई फटकार बोले : सबको रेफर क्यों कर रहे हो,इलाज करो?
बाड़मेर। जहरीली शराब पीने से बेदम से हुए मरीज जिला मुख्यालय के राजकीय अस्पताल में पहुंच रहे थे। जिले के इस सबसे बड़े अस्पताल के आईसीयू वार्ड में उन्हें दाखिल कर नर्सिंग स्टाफ प्रारंभिक उपचार कर रहा था और एक चिकित्सक यहां आने वालों के नाम, पते और अन्य जानकारी लेकर रेफर की टिकट बनाने में लगे थे। एक के बाद एक मरीजों को रेफर करते देख विधायक मेवाराम जैन चिकित्सक के पास पहुंचे और बोले कि सभी को क्यों रेफर कर रहे हो? जोधपुर जाने में चार घंटे लगेंगे। बीच रास्ते में दम तोड़ देंगे। डॉक्टर का जवाब था कि रेफर नहीं करूं तो क्या करूं, यहां रोकने से कुछ हो गया तो जवाब कौन देगा? यहां है भी क्या, जो रोककर रखें। सपोर्टिंग दवाइयां दे रहे हैं, इसके अलावा जोधपुर जाने पर ही इलाज होगा।
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सोमवार सुबह ही सीमा सुरक्षा बल के जवानों को दाखिल कर दिया था। शाम तक बिशाला से दो मरीज आने के बाद यह आश्ंका बलवती हो गई थी कि अब स्थितियां और बिगड़ सकती है, लेकिन न तो चिकित्सा महकमे ने और ना ही प्रशासन ने यह सोचा कि इनका बाड़मेर में इलाज क्या होगा? राजकीय अस्पताल में इसके लिए नेफ्रो, न्यूरो और आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की जरूरत थी। इसके अलावा थोमेफिजोल एंटी बाइटिक की आवश्यकता थी, जो जहरीली शराब को निकाल सके। जांच के लिए एबीजी मशीन भी चाहिए थी। बाड़मेर में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने पर जरूरत थी जोधपुर से रात को ही स्पेशलिस्ट की एक टीम बुलाने की और उसके बाद मरीज को रेफर करने की, लेकिन यह किसी ने नहीं सोचा। मरीज को आने के बाद आधे से एक घंटा तक उपचार तो किया गया, लेकिन वो केवल प्रारंभिक जांच रही। इसके अलावा उन्हें रेफर करते रहे। गंभीर हुए इन मरीजों के लिए चार घंटे का सफर काफी चिंताजनक रहा।
बीच में फट गया टायर
एक मरीज को लेकर रवाना हुई एम्बुलेंस का बीच रास्ते ही टायर फट गया। वहां से मरीजों के परिजनों का फोन आया तो विधायक ने व्यवस्था करवाकर रवाना किया। एम्बुलेंस एक के बाद एक रवाना हो रही थी और इसके बाद निजी वाहनों से भी मरीजों को रवाना किया गया।
मोर्चरी पर भी यूं पहुंचे चिकित्सक
मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भी परिजन इंतजार कर रहे थे। यहां चिकित्सक को कॉल करने पर भी नहीं पहुंचे। विधायक ने फोन करके चिकित्सक को कहा कि जल्दी पहुंचें। जिनका पोस्टमार्टम करना है उनका करो, ताकि लोग शव लेकर रवाना हो सके। इसके बाद एक चिकित्सक पहुंचा।
जिला कलक्टर प्रशिक्षण छोड़ पहुंचे
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा दिल्ली प्रशिक्षण के लिए गए हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल बाड़मेर पहुंचने के आदेश हुए। दिल्ली से फ्लाइट से जोधपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जोधपुर में एमडीएम अस्पताल पहुंचकर दाखिल 7 मरीजों की हालत जानी। इनमें से 6 की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। एक मरीज आईसीयू में दाखिल है। जिला कलक्टर यहां से रवाना होकर देर शाम बाड़मेर पहुंचे।
शराब की काट शराब से
खून में मिथाइल एल्कोहल की मात्रा ज्यादा हो जाने से शराब का जहर इनके शरीर में फैला था। इसका प्रभाव कम करने लिए इन्हें एथेनोल पिलाया गया। यह भी एल्कोहल ही था। चिकित्सकों का मानना था कि जो शराब पी है, उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए अब यह उपचार जरूरी है। रेफर हो रहे मरीजों के साथ 500 एमएल एथोनोल दी जा रही थी।
ये भी पहुंचे अस्पताल
विधायक मेवाराम जैन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां सहित कई नेता अस्पताल पहुंचे और मरीजों के उपचार को लेकर पीएमओ से बात की। साथ ही चिकित्सकों से भी बार-बार जिरह की। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी विश्नोई ने अस्पताल पहुंचकर हालात जाने। उन्होंने किसी प्रकार के बयान से इनकार करते हुए पीएमओ को निर्देश दिए कि उपचार में कोताही नहीं बरतें।
जिले के सबसे बड़े अस्पताल में सोमवार सुबह ही सीमा सुरक्षा बल के जवानों को दाखिल कर दिया था। शाम तक बिशाला से दो मरीज आने के बाद यह आश्ंका बलवती हो गई थी कि अब स्थितियां और बिगड़ सकती है, लेकिन न तो चिकित्सा महकमे ने और ना ही प्रशासन ने यह सोचा कि इनका बाड़मेर में इलाज क्या होगा? राजकीय अस्पताल में इसके लिए नेफ्रो, न्यूरो और आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की जरूरत थी। इसके अलावा थोमेफिजोल एंटी बाइटिक की आवश्यकता थी, जो जहरीली शराब को निकाल सके। जांच के लिए एबीजी मशीन भी चाहिए थी। बाड़मेर में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने पर जरूरत थी जोधपुर से रात को ही स्पेशलिस्ट की एक टीम बुलाने की और उसके बाद मरीज को रेफर करने की, लेकिन यह किसी ने नहीं सोचा। मरीज को आने के बाद आधे से एक घंटा तक उपचार तो किया गया, लेकिन वो केवल प्रारंभिक जांच रही। इसके अलावा उन्हें रेफर करते रहे। गंभीर हुए इन मरीजों के लिए चार घंटे का सफर काफी चिंताजनक रहा।
बीच में फट गया टायर
एक मरीज को लेकर रवाना हुई एम्बुलेंस का बीच रास्ते ही टायर फट गया। वहां से मरीजों के परिजनों का फोन आया तो विधायक ने व्यवस्था करवाकर रवाना किया। एम्बुलेंस एक के बाद एक रवाना हो रही थी और इसके बाद निजी वाहनों से भी मरीजों को रवाना किया गया।
मोर्चरी पर भी यूं पहुंचे चिकित्सक
मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए भी परिजन इंतजार कर रहे थे। यहां चिकित्सक को कॉल करने पर भी नहीं पहुंचे। विधायक ने फोन करके चिकित्सक को कहा कि जल्दी पहुंचें। जिनका पोस्टमार्टम करना है उनका करो, ताकि लोग शव लेकर रवाना हो सके। इसके बाद एक चिकित्सक पहुंचा।
जिला कलक्टर प्रशिक्षण छोड़ पहुंचे
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा दिल्ली प्रशिक्षण के लिए गए हुए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तत्काल बाड़मेर पहुंचने के आदेश हुए। दिल्ली से फ्लाइट से जोधपुर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जोधपुर में एमडीएम अस्पताल पहुंचकर दाखिल 7 मरीजों की हालत जानी। इनमें से 6 की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। एक मरीज आईसीयू में दाखिल है। जिला कलक्टर यहां से रवाना होकर देर शाम बाड़मेर पहुंचे।
शराब की काट शराब से
खून में मिथाइल एल्कोहल की मात्रा ज्यादा हो जाने से शराब का जहर इनके शरीर में फैला था। इसका प्रभाव कम करने लिए इन्हें एथेनोल पिलाया गया। यह भी एल्कोहल ही था। चिकित्सकों का मानना था कि जो शराब पी है, उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए अब यह उपचार जरूरी है। रेफर हो रहे मरीजों के साथ 500 एमएल एथोनोल दी जा रही थी।
ये भी पहुंचे अस्पताल
विधायक मेवाराम जैन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां सहित कई नेता अस्पताल पहुंचे और मरीजों के उपचार को लेकर पीएमओ से बात की। साथ ही चिकित्सकों से भी बार-बार जिरह की। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी विश्नोई ने अस्पताल पहुंचकर हालात जाने। उन्होंने किसी प्रकार के बयान से इनकार करते हुए पीएमओ को निर्देश दिए कि उपचार में कोताही नहीं बरतें।