बाड़मेर में जहरीली शराब का मामला, अब तक 6 मरे
बाड़मेर। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पुराने शराब ठेकों का अनुबंध समाप्त होने व नए शराब ठेकों की शुरुआत होने के बीच की समयावधि में जिले में जहरीली शराब की आपूर्ति होने से जिले भर में जहरीली शराब का सेवन करने के मामले में लगातार पिड़ीतों की तबियत बिगडऩे के मामले सामने आ रहे है। अब तक जिले भर में 6 लोगों की मौत का आकड़ा पहुंच गया है। तड़के 3 बजे से अब तक दो दर्जन से ज्यादा पिड़ीतों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। तो कईयों को तो ज्यादा तबयित बिगडऩे से जोधपुर रैफर करने की सूचना मिल रही है।
जहरीली शराब की सप्लाई का अनुमान लगाया जा रहा है कि रातो-रात नोट छापने के चक्कर में अवैधियों ने जल्दबाजी में कोई खेल खेला है, जिससे अवैध शराब का सेवन करने वालों की जान पर बन आई है। ऐहतियात के तौर पर पुलिस ने भी अपील जारी की है कि संभवत: जिले में जहरीली शराब की आपूर्ति हुई है। जहरीली शराब में लगातार मामले को बढता देख जिले के आला अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच कर मामले को गंभीरता से ले रहे है। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन भी मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंच मामले को लेकर उचित निर्देश दिए।
कैसे बचें जहरीली शराब से
जहरीली शराब से जो मौतें हुई हैं और उसके बाद जिले भर जिस तरह से सनसनी फैली है, वह और अधिक भयावह न हो जाए, इससे बचने का एकमात्र तरीका यही है कि अवैध शराब का सेवन ही न किया जाए। जिसके पास भी अवैध शराब है, वह उसका निस्तारण कर दे। यदि गलती से कोई ऐसी शराब का सेवन कर दे और उसे आंखों में जलन, बैचेनी, ब्लड प्रेशर कम-ज्यादा होने की शिकायत हो तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार करवाए। देरी होने पर जान पर बन सकती है।
हर माह 7-8 करोड़ की अवैध शराब
सीमावर्ती बाड़मेर जिले में अवैध शराब का नेटवर्क बहुत बड़ा है, जो गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक फैला हुआ है। आबकारी विभाग ने बीते एक वर्ष में करीब डेढ़ लाख लीटर अवैध शराब बरामद की है। वहीं पुलिस ने ढाई लाख लीटर से अधिक शराब बरामद की। बरामद शराब की कीमत करीब बारह करोड़ रुपए है अर्थात हर माह एक करोड़ रुपए की अवैध शराब पकड़ी गई है। अनुमान के मुताबिक पकड़ी गई शराब से करीब सात-आठ गुणा अवैध शराब की आपूर्ति हो जाती है। कहने का आशय यह है कि बाड़मेर जिले में प्रतिमाह सात से आठ करोड़ रुपए की अवैध शराब की खपत हो रही है।
बाड़मेर। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर पुराने शराब ठेकों का अनुबंध समाप्त होने व नए शराब ठेकों की शुरुआत होने के बीच की समयावधि में जिले में जहरीली शराब की आपूर्ति होने से जिले भर में जहरीली शराब का सेवन करने के मामले में लगातार पिड़ीतों की तबियत बिगडऩे के मामले सामने आ रहे है। अब तक जिले भर में 6 लोगों की मौत का आकड़ा पहुंच गया है। तड़के 3 बजे से अब तक दो दर्जन से ज्यादा पिड़ीतों को राजकीय अस्पताल पहुंचाया जा चुका है। तो कईयों को तो ज्यादा तबयित बिगडऩे से जोधपुर रैफर करने की सूचना मिल रही है।
जहरीली शराब की सप्लाई का अनुमान लगाया जा रहा है कि रातो-रात नोट छापने के चक्कर में अवैधियों ने जल्दबाजी में कोई खेल खेला है, जिससे अवैध शराब का सेवन करने वालों की जान पर बन आई है। ऐहतियात के तौर पर पुलिस ने भी अपील जारी की है कि संभवत: जिले में जहरीली शराब की आपूर्ति हुई है। जहरीली शराब में लगातार मामले को बढता देख जिले के आला अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच कर मामले को गंभीरता से ले रहे है। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन भी मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंच मामले को लेकर उचित निर्देश दिए।
कैसे बचें जहरीली शराब से
जहरीली शराब से जो मौतें हुई हैं और उसके बाद जिले भर जिस तरह से सनसनी फैली है, वह और अधिक भयावह न हो जाए, इससे बचने का एकमात्र तरीका यही है कि अवैध शराब का सेवन ही न किया जाए। जिसके पास भी अवैध शराब है, वह उसका निस्तारण कर दे। यदि गलती से कोई ऐसी शराब का सेवन कर दे और उसे आंखों में जलन, बैचेनी, ब्लड प्रेशर कम-ज्यादा होने की शिकायत हो तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार करवाए। देरी होने पर जान पर बन सकती है।
हर माह 7-8 करोड़ की अवैध शराब
सीमावर्ती बाड़मेर जिले में अवैध शराब का नेटवर्क बहुत बड़ा है, जो गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक फैला हुआ है। आबकारी विभाग ने बीते एक वर्ष में करीब डेढ़ लाख लीटर अवैध शराब बरामद की है। वहीं पुलिस ने ढाई लाख लीटर से अधिक शराब बरामद की। बरामद शराब की कीमत करीब बारह करोड़ रुपए है अर्थात हर माह एक करोड़ रुपए की अवैध शराब पकड़ी गई है। अनुमान के मुताबिक पकड़ी गई शराब से करीब सात-आठ गुणा अवैध शराब की आपूर्ति हो जाती है। कहने का आशय यह है कि बाड़मेर जिले में प्रतिमाह सात से आठ करोड़ रुपए की अवैध शराब की खपत हो रही है।
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