भीलवाड़ा।फर्जी अंकतालिका से हथियाई नौकरी, 27 साल बाद पकड़ में आयाचिकित्सा विभाग में कूटरचित अंकतालिका लगाकर कंपाउण्डर की नौकरी पाने वाले को अब 27 साल के बाद शुक्रवार को भीमगंज थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी जिले के महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय में सेवाएं दे रहा था। विभागीय जांच में फर्जीवाडे का खुलासा होने पर सीएमएचओ ने भीमगंज थाने में मुकदमे करवाया था।पुलिस ने बताया कि आरके कॉलोनी निवासी हफीज मोहम्मद (52) ने वर्ष 1988 में विभाग में जीएनएम नर्सिंगकर्मी पद पर नौकरी हासिल करने के लिए कूटरचित शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज तैयार किए। हफीज ने माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल, मध्यप्रदेश की अंक तालिका पेश की थी। वर्ष 2011 में विभाग ने उक्त अंक तालिका की छाया प्रति भोपाल जांच के लिए भेजी तो पता चला कि अंक तालिका फर्जी है। इस पर विभाग ने तुरंत ही विभागीय कार्रवाई करते हुए हफीज को निलंबित कर मुख्यालय अजमेर कर दिया था। 14 अपे्रल 2015 को सीएमएचओ जगदीश चंद्र जीनगर ने रजिस्टर्ड डाक से भीमगंज थाने उक्त प्रकरण में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने शुक्रवार को हफीज को गिरफ्तार कर लिया है।हाईकोर्ट में जमानत याचिका खारिजहफीज ने अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट व हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई, लेकिन खारिज हो गई। पुलिस के अनुसार हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को जमानत याचिका भी खारिज कर दी। मामले में पूछताछ जारी है।
जोधपुर अब पकड़ में आई महाराष्ट्र की ईरानी ठग गैंग, गिरोह के नौ जने गिरफ्तारराह चलते लोगों को डरा-धमकाकर ठगी करने वाली महाराष्ट्र की ईरानी गैंग को महामंदिर थाना पुलिस ने राजसमन्द से पकड़ा है। गिरोह के नौ लोगों को राजसमन्द जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया है।थानाधिकारी भवानीसिंह के अनुसार प्रकरण में जलगांव जिले में आजाद नगर निवासी अमजद अली, नवाब अली, जाफर अली, पापा नगर निवासी नासिर अली, इमरान अली, युसुफ अली, अमलेर निवासी रिजवान अली, नक्सबंदी मदरसा ईरानी बस्ती सुभाष चौकी के पास भुसावल निवासी ईशा अली व खड़का निवासी कुरबान अली को राजसमन्द जेल से प्रोडक्शन वारंट पर बापर्दा गिरफ्तार कर यहां लाया गया। आरोपी ईरानी गैंग से कुख्यात हैं।आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए। आरोपियों ने महामंदिर चौराहे के पास, भीतरी शहर, प्रतापनगर तथा रातानाडा में ठगी की वारदातें करना स्वीकार किया है। आरोपियों से पुलिस ठगी की कोई राशि या आभूषण बरामद नहीं कर पाई है।राज्यभर में दिया था वारदातों को अंजामराजसमन्द जिले की पुलिस आठ माह पहले ईरानी गैंग को पकडऩे में सफल रही थी। पूछताछ में आरोपियों ने जोधपुर के अलावा मारवाड़ जंक्शन, कांकरोली, लक्ष्मणगढ़, सीकर, चूरू, नागौर, बीकानेर, झालावाड़, जालोर, सिरोही, पाली, राजसमन्द व अन्य जिलों में अनेक वारदातें कबूली हैं।
जैसलमेर आनंदपाल की तलाश में दबिशें जैसलमेर के गाँवो में जैसलमेर कुख्यात अपराधी आनन्दपाल के फरारी का मामला एटीएस और नागौर एसपी पहुंचे जैसलमेर सीमावर्ती कई गाँवो में एटीएस और पुलिस की टीमे दे रही दबिश आनंदपाल के जैसलमेर में छिपे होने की है संभावना पुलिस को इस मामले में मिल सकती है सफलता
बाड़मेर जिला कलेक्टर नेहरा की सेडवा में रात्रि चोपाल शुरू।।भारी तादाद में उमड़े फरियादी।।बाड़मेर जिला कलेक्टर एम् एल नेहरा चोहटन उप खण्ड के सेडवा में रात्रि चोपाल में आम जन की समस्याए दूँ रहे हैं।चोपाल में बड़ी तादाद में लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे।।चोपाल में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह बिष्ट सहित जिले के सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद हैं।।जिला कलेक्टर फरियादियो को निजी स्तर पर सुन उनकी समस्याओ के समाधान के निर्देश सम्बंधित अधिकारियो को दे रहे हैं। BNT@@###
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिष्ट ने स्वास्थ्य योजनाओ की समीक्षा की
बाड़मेर आरोग्य योजना और परिवार कल्याण योजनाओ के लक्ष्य हासिल करने के हिदायत दी सी एम एच ओ ने बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने आरोग्य ,परिवार कल्याण ,कुपोषणता ,इंद्रा धनुष और अन्य स्वास्थ्य योजनाओ समीक्षा बैठक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोहटन और सेडवा में ली ,बैठक में मेडिकल ऑफिसर ,परिचारिकाएं ,आशा सहयोगिनिया और अन्य मेडिकल स्टाफ उपस्थित थे ,बिष्ट ने कहा की राजस्थान सरकार की आरोग्य योजना महती योजना हे ,इस योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार सर्वे फार्म भर कर फीडिंग करे ,उन्होंने स्पस्ट कहा की सर्वे कार्य को गंभीरता से लेकर इसे निर्धारित समय में पूरा करे ,इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही न बरते ,यदि कोताही बरती तो परिणाम भुगतने होंगे ,उन्होंने परिवार कल्याण योजनाओ की समीक्षा करते हुए कहा की सेडवा में इक्यासी धोरीमना में 77 नसबंदी केस शिविरो में होना संतोषजनक हैं ,इसे और बेहतर कर सकते हैं ,उन्होंने कहा की अति कुपोषित बच्चो का चिन्हीकरण कर सूचि तैयार कर भेजे ,उन्होंने कहा की बच्चो का नाप टोल कर कुपोषित बच्चो का चिन्हिोकरण करे ,उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समस्त योजनाओ की समीक्षा की ,साथ ही प्रत्येक गांव धनि में आरोग्य योजना के तहत अब तक भरे गए सर्वे फर्मों की जानकारी ली ,
जबलपुर सीबीआई ने एसईसीएल अफसर को 1 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा
सीबीआई (जबलपुर) के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से गुरुवार को जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि बुधवार की रात सोहागपुर इलाके में स्थित एसईसीएल के कार्यालय अधीक्षक बनर्जी को उसके आवास से कलरी कर्मचारी (एसडीएल ऑपरेटर) तुलाराम प्रजापति से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
तुलाराम के खिलाफ एक जांच चल रही है, जिसके निराकरण के लिए बनर्जी ने तीन लाख रुपये की मांग की थी। बनर्जी को 70 हजार रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि किसी ने प्रजापति की सेवा संबंधी शिकायत एसईसीएल प्रबंधन की थी, जिसके बाद बनर्जी ने उसे बताया कि उसकी जांच आई है, आरोप गंभीर हैं। इसे निपटाया नहीं गया तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
इससे घबराए प्रजापति ने बनर्जी से तीन लाख रुपयों का सौदा किया और पहली किस्त के रूप में 70 हजार रुपये दे दिए।
सूत्र बताते हैं बनर्जी बाकी रकम के लिए तुलाराम पर लगातार दवाब बना रहा था, जिससे परेशान होकर उसने सीबीआई (जबलपुर) के अधिकारियों से शिकायत की। शिकायत की पुष्टि के बाद सीबीआई की टीम ने तुलाराम प्रजापति को दूसरी किस्त में एक लाख रुपये देने को कहा। प्रजापति ने जैसे ही रुपये बनर्जी की ओर बढ़ाए, सीबीआई टीम ने उसे धर दबोचा।
सीबीआई टीम ने बनर्जी से गहन पूछताछ की और उसे अपने साथ जबलपुर ले गई। उसे शुक्रवार को सीबीआई की अदालत में पेश किया जाएगा।
बाड़मेर कचरे के ढेर में हर रोज मिलती है मां की ममता#पप्पू कुमार बृजवालपूरे नौ महीने जिसे अपने खून से सींचा और उम्मीद के पंख लगाए कि जब वो इस दुनियां में आकर परवाज भरेगी तो यह जहां कितना खुशनुमा होगा। मगर जिन हाथों में उसकी परवरिश का जिम्मा था उन्हीं ने उसे पैदा होते ही मरने को छोड़ दिया। बाड़मेर शहर में पिछले छह माह में ऎसे दर्जनो मामले सामने आ चुके हैं जिसमें ममता निर्दयी नजर आई। कहीं कन्या होने का पता चलने पर उसे कोख में ही खत्म करा दिया गया, तो कहीं जन्मते ही उसे जानवरों का निवाला बनने के लिए कचरे के ढेर या अन्य कहीं डाल दिया गया। इतना बड़ा जनसख्या में अनुपात का अंतर होने के बाद भी हम अपनी किस सोच के तहत कन्या भ्रूण की हत्या करते जा रहे हैं। सब ये दिलासा देते हैं कि अब समय बदल रहा है लोगों की सोच बदल रही है लेकिन फिर एकाएक कुछ ऐसा घट जाता है हम मजबूर हो जाते हैं की हम कहाँ बदल रहे हैं? कहाँ हमारी सोच बदल रही है। हम बिना पढ़े लिखे लोगों की बात मान सकते हैं की वे लड़की को बोझ समझ रहे हैं लेकिन वे पढ़े लिखे लोग - जो डॉक्टर हैं, जो शहर में अस्पताल चला रहे हैं वे तो अनपढ़ नहीं हैं वे तो इस वास्तविकता से अच्छी तरह से वाकिफ है की लिंग अनुपात तेजी से गिरता जा रहा है और इसका परिणाम मानव जाती के लिए अच्छा नहीं है। में और मेरे अन्य पत्रकार साथी हर रोज अखबार या न्यूज़ चेन्नल पर चीख चीख कर दिखाते है की इस जाती को भी जीने का हक़ है और वे आते ही अपने अधिकारों की मांग नहीं करने लगती हैं , वे बालक की तरह से ही जीवन जीती हैं , उन्हें संतान समझ कर जीवन दीजिये और अगर नहीं देना है तो फिर अगर आपके पास कोई निश्चित पुत्र ही पैदा करने का उपाय है तो उसको अपना लीजिये लेकिन भ्रूण की हत्या का पाप मत लीजिये। लेकिन उसके बावजूद भी लोग कन्या की हत्या कर कचरे में फेंक देते है या कोख में ही खत्म करते है। बाड़मेर में लगातार मिल रहे भ्रूर्ण इस बात का प्रतीक है कि इसमें कितने लोग शामिल हैं? सिर्फ माता पिता या उनके घर वाले नहीं, इसमें शामिल है वह डॉक्टर जो इस काम को अंजाम दे रहे हैं और यहाँ खुले आम भ्रूण हत्या करवा रहे हैं। अधिकतर कचरे के ढेर या अन्य जगह मिले कन्या के भ्रूर्ण पर अस्पताल की क्लिप सबूत के तौर पर लगी हुई होती है लेकिन पुलिस ज्यादा माथापच्ची लगाने की बजाय मामले को रफा दफा कर देती है और आज दिन तक एक भी मामले की तह तक नहीं पहुँच पाई है। में पुलिस पर सवाल इस लिए खड़े कर रहा हूँ की कुछ वर्ष पहले बाड़मेर जैसलमेर में पुलिस अधीक्षक दम्पति राहुल बारहठ और ममता विश्नोई ने कन्या भ्रूर्ण हत्या के खिलाफ अभियान को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाकर ऐसे कृत्य करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाही भी की थी और उसके परिणाम भी अच्छे देखने को मिले थे। लेकिन वर्तमान में पुलिस के ढीले रवैये के चलते आये दिन कचरे के ढेर में कन्या का भ्रूर्ण मिलता है और मौके पर पुलिस पहुँच कर अपनी इतिश्री पूरी देती है। अब अगर जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में इसका परिणाम इससे भी ज्यादा मानवता को शर्मसार करने वाला होगा।
बाड़मेर मानवता मर गयी महिलाओ की भी।।महिला ने कानून को हथियार बनाया ।।निहायत झूठ मुक़दमा दर्ज।।परिषद कार्मिक पर।।बाड़मेर गुरुवार को महिला थाना बाड़मेर में नगर परिषद् के आर आई अशोक शर्मा के खिलाफ एक महिला ने छेड़छाड़ का मुक़दमा दर्ज कराया।।यह निहायत झूठ मुक़दमा।।इस महिला ने शौचालय निर्माण के लिए आवेदन कर रखा था।।जांच में यह नियमो में नही आ रहा था।।आर आई ने वस्तुस्थति की रिपोर्ट बना दी ।महिला की जिद थी की शौचालय तो लीजे रहूंगी।।कल परिषद् परिसर में इसी बात को लेकर महिला शर्मा से उलझ पड़ी।शर्मा ने स्पस्ट कहा महिला को की आयिक्त साब बेठे हे उनसे मिल लो वो कह देंगे तो कर दूंगा।मैं अपने स्तर पर नही कर सकता।उलटे महिने शर्मा पर गलियो की बौछार कर दी।इसके बावजूद अपना काम हिट न देख ।।मुक़दमे की धमकी दे डाली।।कल शाम महिला ने कोतवाली जाकर शिकायत पेश की ।जिस पर माहोल ठाणे ने मुकदमा भी दर्ज करलिया।लोगो की मानसिकता मे कितनी गिरावट आई देखने को मिली।।एक महिला महज आठ हज़ार रुपये पाने के लिए अपनी लाज शतम् दांव पे लगा बेठी।।शर्मा पर आरोप उस वक़्त लगाए जब परिषद् कार्यालय सुचारू चल रहा था।दर्जनों लोग और परिषद् कार्मिक भी उपस्थित थे।।महिला का यह कृत्यकिस श्रेणी में गिना जाए समझ नही आता।शर्मा को प्रमाण पात्र देना मेरा मकसद नही हे मगर अनावश्यक दबाव मुकदमो के जरिये बना कर का स्वीकृत करने की मांस पर सवाल जरूर खड़े करूँगा।।यह सीधे सीधे कार्मिक को ब्लैकमेल करने की साजिश नजर आई।।मिडिया और पार्षद भी मौके पे थे।।छेड़छाड़ जेसी घटना तो नजर नही आई।।।।आपसी मनमुटाव को लेकर परिषद् वेसे अखाड़ा बना हुआ हैं यह मुक़दमा उसी का एक हिस्सा प्रतीत हो रहा हैं।