सोमवार, 21 जुलाई 2014

किरोड़ी ने ओपी हुड़ला को दी जान से मारने की धमकी

जयपुर। अलवर के सिरमोली गांव में हुए बवाल पर सदन में कांग्रेस और राजपा विधायकों ने हंगामा किया।kirodi lal meena threatened to kill him to omprakash hudla in rajasthan assembly

विधायकों ने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए सदन से वाक आउट कर दिया।

बाहर आकर विधायक ओम प्रकाश हुडला ने किरोडी मीणा पर लड़की के अपहरण के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। इस पर हुड़ला और किरोड़ी में तीखी नोंक-झोंक हो गई।

दोनों में जमकर गाली गलौच हुई। नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी। हांलाकि विधायकों ने बीच बचाव से मामला शांत करवाया। हुड़ला का आरोप है कि किरोड़ी लाल मीणा ने उनको जान से मारने की धमकी दी है।

उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने धमकी दी की तू क्या चीज है तूझे तो चींटी की तरह मसल दूं, देखता हूं कब तक वसुंधरा तेरे को बचाती है। हुड़ला ने सीएम राजे और डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है और जल्द से जल्द मीणा पर कार्रवाई करने की मांग की है।

इससे पहले विधानसभा में प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद विधायक हनुमान बेनीवाल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए चार जुलाई को सिरमोली गांव में पुलिस द्वारा महिला एवं बच्चों के साथ मारपीट का अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि वहां के लोग पुलिस कार्रवाई से इतने भयभीत है कि गांव से पलायन करने की सोच रहे हैं।

बेनीवाल अपनी बात कर ही रहे थे कि विधायक किरोड़ीलाल मीणा बोलने लगे तो सत्तापक्ष एवं विपक्ष के कई सदस्यों ने बोलना शुरू कर दिया और सदन में काफी शोरगुल हुआ।

इस बीच मीणा ने दो बार आसन तक आए और अपनी बात कहने का प्रयास किया। सदन में किरोड़ी लाल के साथ विपक्ष के अन्य सदस्य भी वैल में आकर नारेबाजी करने लगे तथा दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।

इस शोरगुल के बीच ही केबिनेट मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कानून व्यवस्था के इस सवाल पर अपना जवाब दिया। कटारिया ने जवाब में पुलिस कार्यवाही को अपराधियों के खिलाफ उचित कदम बताया तथा विपक्ष पर अपराधियों को बचाने एवं पुलिस के मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की थी वे अपराधी है और उनके खिलाफ कई मामले थानों में दर्ज हैं। ऎसे लोगों को बचाने के लिए विपक्ष सदन को गुमराह कर रहा है।

जवाब के दौरान भी शोरगुल जारी रहा। इस पर निर्दलीय विधायक भागचन्द सुराणा एवं कांग्रेस के प्रद्युमनसिंह ने सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाने का प्रयास किया लेकिन अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उनकी बातों को अनसुना करते हुए सदन की कार्यवाही जारी रखी।

उल्लेखनीय है कि चार जुलाई को अलवर जिले के सिरमोली गांव में अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर लोगों द्वारा पथराव किया गया जिससे कई पुलिसकर्मियों के चोटें आई तथा एक सिपाही को तो अपनी आंख खोनी पड़ी जिसका अभी उपचार चल रहा है।

मालूम हो कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी किराड़ी और हुड़ला के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ था। इसमें किरोड़ीलाल के एक समर्थक की तो मौत भी हो गई थी। इसको लेकर महवा में किराड़ी समर्थकों ने हुड़ला के महवा स्थित होटल में जमकर तोडफोड़ की थी।

किरोड़ी समर्थक की मौत के बाद गहलोत सरकार ने मामले की सीबीआई जांच तक कराने की सिफारिश की थी जिसे हाल ही में वसुंधरा सरकार ने वापस ले लिया। -  

नौ साल के बच्चे ने की 62 साल की महिला से शादी



मपुमलंगा। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले नौ साल के एक बच्चे ने 62 साल की एक महिला से दोबारा शादी कर सबसे छोटे दूल्हे होने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। तशवाने में रहने वाले सेनेले मसीलेला नाम के इस बच्चे ने पूरे रीति रिवाज के साथ अपनी पत्नी हेलेन शाबांगु के साथ दूसरी बार शादी की। जहां एक ओर करीब 100 रिश्तेदारों ने इस शादी का आनंद उठाया, वहीं दूसरी ओर पांच बच्चों की मां हेलेन ने केक बांटा और अपने नए और छोटे से पति का अपने पति अलफ्रेड शाबांगु (66) के सामने चुंबन भी लिया।
9 year old South African boy remarries 62 year old wife
सेनेले ने एक साल पहले हेलेन से बिना रीति रिवाज के शादी की थी, जिसके बाद उसके पड़ोसियों ने उसे पागल करार दे दिया था, लेकिन अपनी मां के पांच बच्चों में सबसे छोटे सेनेले ने इस शादी को आधिकारिक शादी न बना लेने तक चैन नहीं लिया। सेनेले ने एक साल पहले इस शादी को करने का कारण अपने पूर्वजों की खुशी बताया था। उसने बताया कि उसके सपने में उसके पूर्वजों ने आकर अपने परिवार को संकट से बचाने के लिए यह शादी करने को कहा था।

इसके बाद सेनेले के माता-पिता ने इसे गंभीरता से लेते हुए उसकी शादी 62 साल की हेलेन से कराने का फैसला लिया। इस बारे में जब सेनेले के माता-पिता ने हेलन से बात की तो वह भी इस शादी के लिये राजी हो गई। मजे की बात यह है कि हेलन के खुद के बच्चों की उम्र 28 से 38 वर्ष के बीच है। हेलेन के पति अलफ्रेड ने बताया कि वह और उसके बच्चे इस शादी से खुश हैं और लोग इस बारे में क्या कहते हैं, उन्हें इस बात की भी चिन्ता नहीं है।

वहीं सेनेले की मां पेशेंस मसिलेला (47) इस शादी के बारे में कहती हैं कि यह कानून के दायरे में नहीं है और मात्र प्रतीकात्मक है तथा इस शादी से सेनेले भी बहुत खुश है। विश्व के सबसे छोटे दूल्हे सेनेले को उम्मीद है कि वह जब कानूनीरूप से शादी के लायक होगा तो अपनी उम्र की लड़की से पूरे रीति रिवाज के साथ शादी कर लेगा।

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सरकार का अहम कदम, 3 साल पहले नहीं होगा तबादला

जयपुर। राज्य सरकार पंचायती राज विभागों के कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण नीति बनाने जा रही है। इसके तहत अब विभाग के कर्मचारियों को एक ही जगह तीन साल तक काम करेंगे।

इससे पूर्व किसी का भी तबादला नहीं होगा। स्थानांतरण नीति तैयार हो चुकी है। इसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पास भेजा गया है।

सीएम की हरी झंडी के बाद जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा। पंचायत राज पहला ऎसा विभाग होगा, जिसने अपनी स्थानांतरण नीति बनाई है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने पिछले दिनों विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दिए थे।

इसका दायरा
नीति लागू होने से ग्राम सेवक कम पदेन सचिव, विभाग के एईएन-एक्सईएन, एसई, अति. मुख्य अभियंता, विभागीय लिपिक, जिला परिषदों में कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण होगा। शिक्षक इस नीति के दायरे से बाहर हैं।

ये होंगे नियम
सिर्फ शिकायतों, भ्रष्टाचार मामलों में ही तीन साल से पूर्व तबादले का प्रावधान होगा।
1 अप्रेल से कार्यकाल की अवधि तय की जाएगी।
जिसके एक अप्रेल को तीन साल पूरे होंगे वह उस एक जनवरी से 28 फरवरी तक आवेदन कर सकेगा।
3 साल के कामकाज की
रिपोर्ट व एसीआर भी आवेदन
के साथ लगानी होगी।
ऑनलाइन आवेदन होगा।
पसंद के तीन स्थान बताने
होंगे। वर्तमान में जहां काम
कर रहा है, उस जगह का
नाम भी लिख सकेगा।

इसका मकसद
कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी से काम करने का मौका मिलेगा। शिकायतें आ रही थी कि कर्मचारियों के आए दिन होने वाले तबादले से काम प्रभावित हो रहा है।

'संदिग्ध के लैपटॉप पर रेप के वीडियो'



पुलिस का कहना है कि जिस व्यक्ति को छह साल की स्कूली छात्रा के बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया है उसके लैपटॉप पर बच्चों के रेप की काफ़ी वीडियो मौजूद थीं.

 
बेंगलुरू बलात्कार संदिग्ध
ये भी दावा किया गया है कि गिरफ़्तार व्यक्ति का एक साथी भी था लेकिन पुलिस फ़िलहाल इस बारे में और कुछ बताने से इंकार कर रही है.

बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र ओरदकर ने बीबीसी हिंदी से कहा, "इन वीडियो को पोर्नोग्राफ़िक वेबसाइट्स से डाउनलोड किया गया था. उसने हमसे कहा है कि उसके पास एक और लैपटॉप है. ये बातें उसकी मानसिकता को बयान करती हैं."

आरेदकर ने कहा कि पुलिस संदिग्ध के पास से मिले मोबाइल समेत दूसरे इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जांच की जा रही है.
स्कूल का टीचर ही संदिग्ध

पुलिस ने रविवार को स्कूल के एक स्केटिंग प्रशिक्षक को बलात्कार के इलज़ाम में गिरफ्तार किया है. बच्ची के साथ कथित बलात्कार की घटना दो जुलाई की है. जिसमें दो व्यक्तियों ने उसके साथ स्कलू प्रांगण में बलात्कार किया.


पुलिस ने गिरफ़्तार शख्स का नाम मुस्तफ़ा बताया है, जो शादीशुदा है, एक बच्ची का पिता है, बिहार के दरभंगा ज़िले का है लेकिन पिछले 15 से 20 सालों से बेंगलुरू में रह रहा है.

मुस्तफ़ा ने इससे पहले भी एक अन्य स्कूल में काम किया था.

पुलिस कमिश्नर का कहना था कि पिछले स्कूल में भी यौन शोषण की शिकायतें की गई थीं हालांकि किसी ने स्कूल प्रबंधन या पुलिस से इस संबंध में लिखित शिकायत नहीं की थी.
'बैकग्राउंड की पूरी तरह से चेकिंग नहीं'

आरेदकर का कहना था कि लगता है स्कूल ने मुस्तफ़ा के बैकग्राउंड की ठीक तरह से चेकिंग नहीं की थी.

लेकिन ये पूछे जाने पर कि क्या पुलिस इस मामले में स्कलू के खिलाफ़ किसी तरह का कारवाई करेगी, आरदेकर ने कहा कि फ़िलहाल इस मामले के हित को देखते हुए मैं इसपर कुछ नहीं कहना चाहुंगा.

पुलिस का कहना है कि मुस्तफ़ा के पास से कई मंहगे मोबाइल और लैपटॉप मिले हैं.



कमिश्नर का ये भी कहना था कि वो इस बात की छानबीन करने की भी कोशिश कर रहे हैं कि 18,000 रूपये तनख़्वाह पाने वाले व्यक्ति के पास इन सारी चीज़ों को ख़रीदने के लिए पैसे कहां से आए!

सरहद पर ईद को मीठा करने के लिए सेंवइयाँ बनाने में जुटे मुस्लिम परिवार

ईद का मतलब लज़ीज़ सेवईंयों से भी है. सेवईंयां पकाने के कई तरीक़े तो आप भी जानते होंगे, लेकिन ये सेवईंयां बनती कैसे है..



ईद में मिठास घोले सेवईंयां

ईद में मिठास घोले सेवईंयां




 ईद में मिठास घोले सेवईंयां


 ईद में मिठास घोले सेवईंयां



 ईद में मिठास घोले सेवईंयां



ईद में मिठास घोले सेवईंयां 
 सरहद पर ईद को मीठा करने के लिए सेंवइयाँ बनाने में जुटे मुस्लिम परिवार 

रमजान के मुबारक महीने को लेकर सरहदी क्षेत्रो में जबरदस्त उत्साह हैं। ईद की तैयारियों को  परिवार अभी से जुट गए हैं। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में घर घर में सामूहिक रूप से सेंवइया बनाने का काम चल रहा हैं। घर की महिलाए सामूहिक रूप से आते की सेंवइयाँ बनाने  जुटी हैं ,ईद को मीठी करने के लिए घर घर में इसे बनाया जा रहा हैं ,ईद वाले दिन सेंवइयो से खीर बनाई जाएगी तो सुखी सेंवइया भी देशी घी में बना कर परोसी जाएगी ,ईद से पहले सेंवइयाँ बनाने के परंपरा बहुत पुरानी हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। कहने को इन पर भी आधुनिकता का रंग चढ़ा हैं। शहरी क्षेत्रो के पढ़े लिखे लोग बाजार से तैयार सेंवइयाँ अमूमन ले आते हैं मगर ग्रामीण इलाको में  घर पर बनाया जाता हैं। सरहदी गांव मीठे का टला में  महिलाए सेंवइयाँ बनाने में जुटी थी ,केसर ने बताया की हर साल ईद से पहले घर में सेंवइयाँ बनाते हैं ,यह गेंहू और मैदा के आते से बनती हैं ,इसके बनाने से घर में बरकत आती हैं ,पुरे गांव की महिलाए एक दूसरे के परिवार में सेंवइयाँ बनाने में मदद करती हैं। पूर्व में ईद और रक्षा बंधन का पर्व आस पास होने के कारन हिन्दू परिवारो में भी चाव के साथ सेंवइयाँ बनाई जाती थी ,मगर अब हिन्दू परिवारो में धीरे धीरे रुझान काम हो गया हैं। सेंवइयाँ खाने में बहुत स्वादिष्ट होती। हैं  



रमज़ान का महीना और निर्मल जल का दान




संयुक्त अरब अमीरात के प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मक़तूम ने दुनिया भर में पचास लाख लोगों के लिए निर्मल जल का दान करने की अपनी एक परोपकारी योजना की घोषणा की है।
रमज़ान का महीना और निर्मल जल का दान
इस उद्देश्य से संयुक्त अरब अमीरात कुएँ खुदवाने, जल-पंप स्थापित करने और जल को साफ़ करने के लिए उपकरण ख़रीदने के लिए पैसा देगा। यह पहल पवित्र मुस्लिम महीने, रमज़ान के आगमन की पूर्ववेला में की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा उपलब्ध कराए गए आँकड़ों के अनुसार, आजकल दुनिया भर में 88 करोड़ से अधिक लोगों को पीने का साफ़ पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है। इसकी वजह से हर साल लगभग पैंतीस लाख लोग मर जाते हैं जिनमें से अधिकर पांच साल की उम्र तक के बच्चे होते हैं।
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आज ही चांद पर आदमी ने रखा था पहला कदम



इतिहास के पन्नों में चांद के लिए कई कहानियां लिखी गई मगर सबसे अनूठी कहानी आज ही के दिन 21 जुलाई 1969 को लिखी गई जबकि अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा की धरती पर अपना पहला कदम रखा। नील आर्मस्ट्रांग का यह कदम चांद की जमीन पर न केवल उनका पहला कदम था बल्कि मानव जाति का भी पृथ्वी से बाहर पहला कदम था। इसके पहले अमरीका तथा यूएसएसआर (तत्कालीन अविभाजित रूस) के बीच अंतरिक्ष में कौन पहले पहुंचेगा की रोचक प्रतिस्पर्धा चल रही थी। इस दौड़ में तत्कालीन रूस आगे चल रहा था।
Today Man takes first steps on the Moon in 1969
पृथ्वी से बाहर किसी सजीव (जानवर और मानव दोनों) को भेजने का रिकॉर्ड केवल रूस के नाम था परन्तु अमरीका द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान अपोलो 11 ने नई ऊंचाई छूते हुए मानव जाति के लिए खोज की एक नई राह खोल दी। अपोलो 11 का प्रक्षेपण 16 जुलाई 1969 को किया गया था। प्रक्षेपण के ठीक पांच दिन बाद 21 जुलाई 1969 को अपोलो 11 चन्द्रमा की सतह पर उतरा।

यान के सतह पर उतरने के बाद नील आर्मस्ट्रांग ने अपना पहला कदम चन्द्रमा पर रखा। उन्होंने वहां की धरती से कुछ सैम्पल भी उठाए तथा फोटोग्राफ्स लिए। नील आर्मस्ट्रांग तथा उनके सहयात्री एडविन ने अमरीकी राष्ट्रपति निक्सन का संदेश पढ़ा, "हम यहां मानव जाति की तरफ से शांति का संदेश लेकर आए हैं।"

इस ऎतिहासिक क्षण को अमरीकी टेलीविजन पर लाइव टेलीकास्ट किया गया जिसके साथ अमरीकी राष्ट्रपति का भाषण भी दिखाया गया। चन्द्रमा तक पहुंचने की इस दौड़ में जीतने के बाद अमरीका, रूस और दुनिया के अन्य विकसित देशों में अंतरिक्ष में खोज की एक अंतहीन दौड़ शुरू हुई जो वर्तमान में पृथ्वी से बाहर सभ्यता की खोज करने में जुटी हुई है।

वॉट्सएप की दोस्ती पड़ी "जानमाल" पर भारी

जोधपुर।वॉट्सएप पर जोधपुर के युवक से दोस्ती दिल्ली की युवती को भारी पड़ गई। जोधपुर घुमाने का झांसा देकर आरोपी ने उसे जोधपुर बुलाया था। अगले दिन युवक की नीयत में खोट भांपकर युवती पहले रोडवेज बस स्टैण्ड पहुंची, लेकिन आरोपी युवक भी उसका पीछा करते हुए वहां आ पहुंचा। बाद में उसने युवती को घूमने के लिए राजी कर लिया। इसी दौरान मौका पाकर आरोपी की स्कूटी लेकर भागने के प्रयास में युवती हादसे का शिकार हो गए। आरोपी उसका सारा सामान लेकर चंपत हो गया। एमडीएमएच में दो दिन से भर्ती युवती ने प्रतापनगर थाने में लिखित शिकायत दी है।

Votsap friendship had life and property heavy

नहीं खोला दरवाजा

मूल रूप से इलाहाबाद (यूपी) निवासी युवती दिल्ली की एक एनजीओ में काम करती है। वाट्सएप पर उसकी दोस्ती जोधपुर के योगेश से हुई। योगेश के अनुरोध पर शुक्रवार को वह जोधपुर आ गई। रोडवेज बस स्टैण्ड से युवक उसे बनाड़ रोड स्थित एक होटल ले गया और कमरे में ठहरवाया। इस दौरान युवक किसी काम से होटल के बाहर निकला। अनहोनी की आशंका भांपते हुए युवती ने होटल के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। शनिवार सुबह वह चेकआउट कर सामान सहित रोडवेज बस स्टैण्ड पहुंच गई। मगर पीछे-पीछे युवक भी स्कूटी पर वहां आ पहुंचा।

स्कूटी सहित गायब

बस स्टैण्ड पर युवक के काफी आग्रह पर युवती घूमने के लिए राजी हुई। स्कूटी पर बैग, पर्स रखने के बाद वे चौपासनी रोड की तरफ निकल गए। बोम्बे मोटर्स सर्किल के पास युवक सिगरेट लेने के लिए रूका। पीछे से युवती स्कूटी लेकर भागने लगी। हड़बड़ाहट में वह सामने से आ रहे वाहन से टकराकर जख्मी हो गई। उसे आंख के पास, हाथ व पैरों में चोटें आई। युवक उसकी मदद करने की बजाय सामान सहित स्कूटी लेकर चंपत हो गया। सामान में दो मोबाइल, पर्स में बीस हजार रूपए, दो बैग में कपड़े, सोने की एक चेन तथा परिचय पत्र शामिल हैं। आसपास के लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।  

भक्ति की शक्ति ने लिया अद्भुत रूप तिनका बना साक्षात शिवलिंग स्वरूप

शिवलिंग को शिव भगवान का प्रतीक माना जाता है। 'शिव' का अर्थ है - 'परम कल्याणकारी' और 'लिंग' का अर्थ है - 'सृजन'। शिवलिंग का अर्थ होता है भगवान शंकर का यौन अंग। शिव के वास्तविक स्वरूप से अवगत होकर जाग्रत शिवलिंग का अर्थ होता है प्रमाण। वेदों और वेदान्त में लिंग शब्द सूक्ष्म शरीर के लिए आता है। यह सूक्ष्म शरीर 17 तत्वों से बना होता है।
1- मन

2- बुद्धि

3- पांच ज्ञानेन्द्रियां

4- पांच कर्मेन्द्रियां और पांच वायु।

लिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और ऊपर प्रणवाख्य महादेव स्थित हैं। केवल लिंग की पूजा करने मात्र से समस्त देवी देवताओं की पूजा हो जाती है। लिंग पूजन परमात्मा के प्रमाण स्वरूप सूक्ष्म शरीर का पूजन है। शिव के निराकार स्वरूप में ध्यान-मग्न आत्मा सद्गति को प्राप्त होती है, उसे परब्रह्म की प्राप्ति होती है तात्पर्य यह है कि हमारी आत्मा का मिलन परमात्मा के साथ कराने का माध्यम-स्वरूप है,शिवलिंग। शिवलिंग साकार एवं निराकार ईश्वर का 'प्रतीक' मात्र है, जो परमात्मा- आत्म-लिंग का द्योतक है। शिव और शक्ति का पूर्ण स्वरूप है शिवलिंग।

शिवलिंग हमें बताता है कि इस संसार में न केवल पुरुष का और न ही केवल स्त्री का वर्चस्व है बल्कि, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों ही समान हैं। शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग की पूजा करके जो भक्त शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें प्रातः काल से लेकर दोपहर से पहले ही इनकी पूजा कर लेनी चाहिए। इस दौरान शिवलिंग की पूजा विशेष फलदायी होती है। इसकी पूजा से मनुष्य को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

भक्ति की शक्ति ने लिया अद्भुत रूप तिनका बना साक्षात शिवलिंग स्वरूप

पाण्डवों को दुर्योंधन ने कपट से जुए में हरा दिया इसलिए पाण्डव 12 महीने का वनवास भोग रहे थे। पांचों भाई धर्म पर चलते थे। जंगल में भी उन्हें मंगल सा अनुभव हो रहा था। सभी भाई साथ मिलकर भोजन करते थे। यह उनका नियम था। अर्जुन प्रतिदिन स्नान करके भगवान शिव की पूजा करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करता था।

एक दिन पांचों भाई घूमते हुए बड़े घने जंगल में निकल गए। भीम को भूख लग गई। जंगल में ही कंदमूल इकट्ठे करने का निर्णय किया गया। भोजन एकत्रित करने के पश्चात भीम को चिंता होने लगी आस-पास कोई शिव मंदिर तो है ही नहीं और अर्जुन शिव पूजन किए बिना भोजन नहीं करेगा। अर्जुन भोजन नहीं करेगा तो कोई भी नहीं करेगा। युधिष्ठिर से आज्ञा लेकर भीम शिव मंदिर की खोज में निकल गए।

जब बहुत खोज करने पर भी कोई शिव मंदिर न मिला। तो वो थक हार कर वापिस आने लगे तो उन्हें शिवलिंग के आकार का एक लकड़ी का टुकड़ा दिखाई दिया। भीमसेन ने अच्छा सा स्थान देखकर उसे जमीन में गाढ़ दिया और उस पर कुछ पुष्प चढा दिए। यह सब करके वे अर्जुन के पास आए और कहा, "शिवलिंग मिल गया है चलकर उसका पूजन कर लो।"

अर्जुन के द्वारा पूजन करने के उपरांत सभी भाईयों ने भोजन किया। भोजन के पश्चात भीम ने हंसते- हंसते बताया कि," किस प्रकार एक लकड़ी के टुकड़े को जमीन में गाढ़कर उन्होंने उसे शिव प्रतिमा का रूप दिया।"

अर्जुन कहने लगे," वह तो शिवलिंग ही थे।"

युधिष्ठिर बोले," उस स्थान पर चलकर ही सही बात का पता लगाया जाए।"

सभी भाई उस स्थान पर पंहुचे जहां कृत्रिम शिवलिंग था। युधिष्ठिर भीम से बोले," यदि यह पेड़ का तना है तो इसे उखाड़ कर दिखाओ।"

भीम ने एक हाथ से उस लकड़ी के टुकड़े को हिलाया परंतु टुकड़ा नहीं हिला। भीम अपने शरीर का संपूर्ण बल लगाकर भी लकड़ी के टुकड़े को नहीं हिला सका।

युधिष्ठिर बोले," भीम तुम्हारी बात निश्चय ही सही होगी परंतु अर्जुन एक निष्ठावान साधक है। उसी निष्ठा के बल पर ही लकड़ी का टुकड़ा साक्षात शिवलिंग बन गया।"

सारांश यह है कि जो व्यक्ति जिसको जैसा समझता है। उसके सामने वह वैसा ही उपस्थित होता है। सच्ची निष्ठा श्रद्धा का ही फल है।