जयपुर। अलवर के सिरमोली गांव में हुए बवाल पर सदन में कांग्रेस और राजपा विधायकों ने हंगामा किया।
विधायकों ने पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए सदन से वाक आउट कर दिया।
बाहर आकर विधायक ओम प्रकाश हुडला ने किरोडी मीणा पर लड़की के अपहरण के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। इस पर हुड़ला और किरोड़ी में तीखी नोंक-झोंक हो गई।
दोनों में जमकर गाली गलौच हुई। नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी। हांलाकि विधायकों ने बीच बचाव से मामला शांत करवाया। हुड़ला का आरोप है कि किरोड़ी लाल मीणा ने उनको जान से मारने की धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने धमकी दी की तू क्या चीज है तूझे तो चींटी की तरह मसल दूं, देखता हूं कब तक वसुंधरा तेरे को बचाती है। हुड़ला ने सीएम राजे और डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है और जल्द से जल्द मीणा पर कार्रवाई करने की मांग की है।
इससे पहले विधानसभा में प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद विधायक हनुमान बेनीवाल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए चार जुलाई को सिरमोली गांव में पुलिस द्वारा महिला एवं बच्चों के साथ मारपीट का अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि वहां के लोग पुलिस कार्रवाई से इतने भयभीत है कि गांव से पलायन करने की सोच रहे हैं।
बेनीवाल अपनी बात कर ही रहे थे कि विधायक किरोड़ीलाल मीणा बोलने लगे तो सत्तापक्ष एवं विपक्ष के कई सदस्यों ने बोलना शुरू कर दिया और सदन में काफी शोरगुल हुआ।
इस बीच मीणा ने दो बार आसन तक आए और अपनी बात कहने का प्रयास किया। सदन में किरोड़ी लाल के साथ विपक्ष के अन्य सदस्य भी वैल में आकर नारेबाजी करने लगे तथा दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
इस शोरगुल के बीच ही केबिनेट मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कानून व्यवस्था के इस सवाल पर अपना जवाब दिया। कटारिया ने जवाब में पुलिस कार्यवाही को अपराधियों के खिलाफ उचित कदम बताया तथा विपक्ष पर अपराधियों को बचाने एवं पुलिस के मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की थी वे अपराधी है और उनके खिलाफ कई मामले थानों में दर्ज हैं। ऎसे लोगों को बचाने के लिए विपक्ष सदन को गुमराह कर रहा है।
जवाब के दौरान भी शोरगुल जारी रहा। इस पर निर्दलीय विधायक भागचन्द सुराणा एवं कांग्रेस के प्रद्युमनसिंह ने सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाने का प्रयास किया लेकिन अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उनकी बातों को अनसुना करते हुए सदन की कार्यवाही जारी रखी।
उल्लेखनीय है कि चार जुलाई को अलवर जिले के सिरमोली गांव में अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर लोगों द्वारा पथराव किया गया जिससे कई पुलिसकर्मियों के चोटें आई तथा एक सिपाही को तो अपनी आंख खोनी पड़ी जिसका अभी उपचार चल रहा है।
मालूम हो कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी किराड़ी और हुड़ला के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ था। इसमें किरोड़ीलाल के एक समर्थक की तो मौत भी हो गई थी। इसको लेकर महवा में किराड़ी समर्थकों ने हुड़ला के महवा स्थित होटल में जमकर तोडफोड़ की थी।
किरोड़ी समर्थक की मौत के बाद गहलोत सरकार ने मामले की सीबीआई जांच तक कराने की सिफारिश की थी जिसे हाल ही में वसुंधरा सरकार ने वापस ले लिया। -
बाहर आकर विधायक ओम प्रकाश हुडला ने किरोडी मीणा पर लड़की के अपहरण के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। इस पर हुड़ला और किरोड़ी में तीखी नोंक-झोंक हो गई।
दोनों में जमकर गाली गलौच हुई। नौबत मारपीट तक पहुंच गई थी। हांलाकि विधायकों ने बीच बचाव से मामला शांत करवाया। हुड़ला का आरोप है कि किरोड़ी लाल मीणा ने उनको जान से मारने की धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा ने धमकी दी की तू क्या चीज है तूझे तो चींटी की तरह मसल दूं, देखता हूं कब तक वसुंधरा तेरे को बचाती है। हुड़ला ने सीएम राजे और डीजीपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है और जल्द से जल्द मीणा पर कार्रवाई करने की मांग की है।
इससे पहले विधानसभा में प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद विधायक हनुमान बेनीवाल ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए चार जुलाई को सिरमोली गांव में पुलिस द्वारा महिला एवं बच्चों के साथ मारपीट का अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि वहां के लोग पुलिस कार्रवाई से इतने भयभीत है कि गांव से पलायन करने की सोच रहे हैं।
बेनीवाल अपनी बात कर ही रहे थे कि विधायक किरोड़ीलाल मीणा बोलने लगे तो सत्तापक्ष एवं विपक्ष के कई सदस्यों ने बोलना शुरू कर दिया और सदन में काफी शोरगुल हुआ।
इस बीच मीणा ने दो बार आसन तक आए और अपनी बात कहने का प्रयास किया। सदन में किरोड़ी लाल के साथ विपक्ष के अन्य सदस्य भी वैल में आकर नारेबाजी करने लगे तथा दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
इस शोरगुल के बीच ही केबिनेट मंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने कानून व्यवस्था के इस सवाल पर अपना जवाब दिया। कटारिया ने जवाब में पुलिस कार्यवाही को अपराधियों के खिलाफ उचित कदम बताया तथा विपक्ष पर अपराधियों को बचाने एवं पुलिस के मनोबल को तोड़ने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की थी वे अपराधी है और उनके खिलाफ कई मामले थानों में दर्ज हैं। ऎसे लोगों को बचाने के लिए विपक्ष सदन को गुमराह कर रहा है।
जवाब के दौरान भी शोरगुल जारी रहा। इस पर निर्दलीय विधायक भागचन्द सुराणा एवं कांग्रेस के प्रद्युमनसिंह ने सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाने का प्रयास किया लेकिन अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उनकी बातों को अनसुना करते हुए सदन की कार्यवाही जारी रखी।
उल्लेखनीय है कि चार जुलाई को अलवर जिले के सिरमोली गांव में अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर लोगों द्वारा पथराव किया गया जिससे कई पुलिसकर्मियों के चोटें आई तथा एक सिपाही को तो अपनी आंख खोनी पड़ी जिसका अभी उपचार चल रहा है।
मालूम हो कि विधानसभा चुनावों के दौरान भी किराड़ी और हुड़ला के समर्थकों के बीच झगड़ा हुआ था। इसमें किरोड़ीलाल के एक समर्थक की तो मौत भी हो गई थी। इसको लेकर महवा में किराड़ी समर्थकों ने हुड़ला के महवा स्थित होटल में जमकर तोडफोड़ की थी।
किरोड़ी समर्थक की मौत के बाद गहलोत सरकार ने मामले की सीबीआई जांच तक कराने की सिफारिश की थी जिसे हाल ही में वसुंधरा सरकार ने वापस ले लिया। -
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