ईद का मतलब लज़ीज़ सेवईंयों से भी है. सेवईंयां पकाने के कई तरीक़े तो आप भी जानते होंगे, लेकिन ये सेवईंयां बनती कैसे है..
सरहद पर ईद को मीठा करने के लिए सेंवइयाँ बनाने में जुटे मुस्लिम परिवार
रमजान के मुबारक महीने को लेकर सरहदी क्षेत्रो में जबरदस्त उत्साह हैं। ईद की तैयारियों को परिवार अभी से जुट गए हैं। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में घर घर में सामूहिक रूप से सेंवइया बनाने का काम चल रहा हैं। घर की महिलाए सामूहिक रूप से आते की सेंवइयाँ बनाने जुटी हैं ,ईद को मीठी करने के लिए घर घर में इसे बनाया जा रहा हैं ,ईद वाले दिन सेंवइयो से खीर बनाई जाएगी तो सुखी सेंवइया भी देशी घी में बना कर परोसी जाएगी ,ईद से पहले सेंवइयाँ बनाने के परंपरा बहुत पुरानी हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। कहने को इन पर भी आधुनिकता का रंग चढ़ा हैं। शहरी क्षेत्रो के पढ़े लिखे लोग बाजार से तैयार सेंवइयाँ अमूमन ले आते हैं मगर ग्रामीण इलाको में घर पर बनाया जाता हैं। सरहदी गांव मीठे का टला में महिलाए सेंवइयाँ बनाने में जुटी थी ,केसर ने बताया की हर साल ईद से पहले घर में सेंवइयाँ बनाते हैं ,यह गेंहू और मैदा के आते से बनती हैं ,इसके बनाने से घर में बरकत आती हैं ,पुरे गांव की महिलाए एक दूसरे के परिवार में सेंवइयाँ बनाने में मदद करती हैं। पूर्व में ईद और रक्षा बंधन का पर्व आस पास होने के कारन हिन्दू परिवारो में भी चाव के साथ सेंवइयाँ बनाई जाती थी ,मगर अब हिन्दू परिवारो में धीरे धीरे रुझान काम हो गया हैं। सेंवइयाँ खाने में बहुत स्वादिष्ट होती। हैं
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