शनिवार, 27 अगस्त 2011

यहां सभी भाई मिलकर करते हैं एक लड़की से ब्याह

बहू पत्नी प्रथा के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन हम आपकों बता रहे हैं बहू पति प्रथा के बारे में। जिस तरह महाभारत के पांच पांडवों ने द्रोपदी से शादी की थी, उसी तर्ज पर आज भी पांच भाई मिलकर एक लड़की से शादी कर रहे हैं।

ऐसा खुशी या फिर भाइयों के आपसी प्यार की वजह से नहीं बल्की मजबूरी में किया जा रहा है। मुरैना से करीब 15 किलोमीटर दूर राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा के नजदीक बसे गांव धौलपुर से कुछ दूरी पर सराय छोला गांव है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग गुर्जर और मीणा समाज के हैं।

इस समाज में लड़कियों की कमी से चलते उन लोगों ने ऐसा नियम बना लिया है कि जिस घर में लड़कों की संख्या एक से ज्यादा है वे सभी मिलकर सिर्फ एक ही लड़की से शादी करेंगे। इसके चलते ज्यादातर घरों में सिर्फ एक ही बहू है जबकि उसके पतियों की संख्या ज्यादा है।

सराय छोला के आसपास भी करीब 12 ऐसे गांव हैं जहां गुर्जर समाज बाहुल्य जनता निवास करती है। समाज में अलिखित तौर पर ये विचित्र नियम लागू हो चुका है। लोगों ने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है लेकिन आगे चलकर इसका अंजाम क्या होगा ये किसी ने नहीं सोचा है। प्राकृति के नियमों के खिलाफ इस प्रथा को शायद मेडिकल साइंस भी जायज़ नहीं ठहराएगी। फिर भी अभी तक किसी ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की है।

इस इलाके में एक ही परिवार में अगर एक से ज्यादा भाई अविवाहित हैं तो वे सभी मिलकर एक लड़की से शादी कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई भाई अकेले शादी कर दुल्हन ले आता है तो उस पर उसके भाईयों का भी उतना ही हक होगा। ऐसे में लोग झूठ का भी सहारे ले सकते हैं और लड़की वालों को धोखा भी दे सकते हैं। सराय छोला में रहने वाले रामसिंह गुर्जर ने भास्कर को अनौपचारिक तौर पर बताया है कि उनके समाज में लड़कियों की कमी है जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है।

रामसिंह के मुताबिक पूरे गांव में गिने चुने परिवार ही ऐसे हैं जिनमें किसी लड़की का एक ही पति है। वरना पिछले कुछ सालों में जिनती भी शादियां हुई हैं उनमें हर लड़की के एक से ज्यादा पति है। कई लड़कियां तो ऐसी हैं जिनके आठ पति भी हैं। गुर्जर समाज के अलावा मीणा और कुछ अन्य ऐसी जातियां हैं, जो इस प्रथा को धीरे धीरे अपना रही हैं। हालांकि राजस्थान में यह प्रथा पहले ही अपनायी जा चुकी है।

लगातार लड़कियों की हत्याओं से बढ़ा लिंगानुपात

मजबूरी में अपनाई गई इस प्रथा का कारण लोगों की संकीर्ण मानसिक्ता है। इन समाजों में पहलें लड़कियों के पैदा होते ही उनकी हत्या कर दी जाती थी। किसी के घर लड़की पैदा होने को अपशगुन माना जाता था। इस कूप्रथा के चलते इन समाजों में लिंगानुपात काफी बढ़ गया और समाज में लड़कियों की बहुत ज्यादा कमी हो गई है।

अब ये समाज अपने पूर्वजों की गलतियों को समझ चुके हैं इसलिए कन्याओं की हत्या प्रथा बंद हो चुकी है। लेकिन अब भी दूसरे समाज की लड़कियों से विवाह करने को समाज की मान्यता नहीं मिल पायी है जिसकी व-जह से इस नई प्रथा का जन्म हुआ है।

सड़के हैं पर बसें नहीं चलतीं यहां

मुरैना से धौलपुर पहुंचने के बाद जितने भी गांव आते हैं, वहां सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन तो गई हैं लेकिन आज भीं लोगों के आने-जाने का साधन सिर्फ ट्रेक्टर और बैलगाडियां ही हैं। यहां किसी तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट संचालित नहीं होता, इसकी वजह यहां होने वाली लूटपाट है। कोई अनजान अगर अकेला यहां दिख जाता है और उसके साथ गांव का कोई पहचान वाला व्यक्ति नहीं होता तो उसका लुट जाना तय है।

शिक्षा की कमी है बड़ा कारण

दो राज्यों की सीमा पर बसे इन गांवों में शिक्षा की कमी इनके सामाजिक पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण है। सुविधाओं के नाम पर गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है। आगे की पढ़ाई के लिए युवक-युवतियों को कम से कम 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। लिंगानुपात और महिला अधिकार जैसे शब्द ग्रामीणों के लिए अबूझ पहेली की तरह हैं।

सेक्स रैकेट छापा पड़ते ही महिला ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाई

सिंगापुर में एक 42 वर्षीय वेश्या तीसरे फ्लोर की खिड़की से गिरकर बुरी तरह घायल हो गई है। ये हादसा तब हुआ जब पुलिस ने वेश्यवृत्ति को भंडाफोड़ करने के लिए एक होटल में छापा मारा।



दरअसल हुआ यूं कि पुलिस को सूचना मिली कि सिंगापुर के गेयलेंग इलाके में एक होटल में अवैध गतिविधियां चल रही हैं। पुलिस सूचना मिलते ही दबिश देने होटल पहुंची। पुलिस छापे का पता चलते ही महिला ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया।



महिला ने होटल के कमरे में बाथरूम से ही एक छोटी खिड़की से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन पैर फिसलने के कारण वो तीसरी मंजिल से नीचे खड़ी पुलिस वैन पर गिर गई।



नीचे गिरते ही खून से लथपथ महिला को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया। उसके चेहरे और बांयी आंख पर गंभीर चोट लगी है। इस छापे में 17 से 42 साल की उम्र की पांच महिलाओं और एक पुरूष को गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें ग़ैरकानूनी सेक्स के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

सबसे अमीर "बप्पा" का 222 करोड़ का बीमा

सबसे अमीर "बप्पा" का 222 करोड़ का बीमा

मुंबई। गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (जीएसबी)मंडल के गणपति को सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश का सबसे अमीर गणपति माना जाता है। खबर है कि जीएसबी मंडल ने इस बार गणेशोत्सव के लिए 222 करोड़ का बीमा करावाया है। इस बीमा कवर के अंतर्गत बप्पा की मूर्ति, उनके गहनों व पंडाल के साथ ही गणपति के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को भी शामिल किया गया है।

जीएसबी सेवा सदन के ट्रस्टियों के अनुसार गणेशोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए मंडल ने 221.7 करोड़ का बीमा करवाया है। आग से नुकसान व आतंकी हमलों से सुरक्षा के 1.35 करोड़ का बीमा लिया गया है। वहीं, मंडल के सदस्यों व सोने के आभूषणों व स्टैंड्स पर 18.35 करोड़ का बीमा कराय गया है। बप्पा के दर्शन के लिए पंडाल में उमड़ने वाले भक्तों की बात करें, तो एक समय में पंडाल में तकरीबन 1820 भक्त खड़े हो सकते हैं। इस आंकड़े को ध्यान में रखते हुए प्रति भक्त 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा लिया गया है यानि कुल 182 करोड़ रूपए का बीमा कराया गया है।

गणपति उत्सव के लिए 221.7 करोड़ रूपए का बीमा कराए जाने की पुष्टि करते हुए जीएसबी ट्रस्टी सतीश नायक ने बताया कि "विभिन्न कंपनियों की ओर से बीमा के लिए मंडल को 4 कोटेशन प्राप्त हुए थे। मंडल ने सभी पक्षों पर विचार करने के बाद आखिरकार न्यू इंडिया एस्योरेंस को इंश्योरेंस की जिम्मेदारी सौंपी है। इस बीमा की अवधि 27 अगस्त से शुरू होगी और 15 दिनों तक लागू रहेगी।" गौरतलब है कि पिछले साल जीएसबी मंडल ने महज 49.5 करोड़ रूपए का बीमा करवाया था।

अन्ना की तीन मांगों पर बीजेपी, कांग्रेस जेडी (यू) और बसपा सहमत



नई दिल्ली.अन्ना की तीन मांगों पर बीजेपी,कांग्रेस जेडी (यू)और बसपा सहमत हैं। हालांकि कांग्रेस और बसपा ने इन मांगों पर ज्यादा शर्तें लगाई हैं वहीँ भाजपा और जेडी (यू) कम शर्तों के साथ अन्ना के मांगों पर राजी है।



लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने प्रभावी लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक के तीनों प्रमुख बिंदुओं पर सहमति जताई है।
अन्ना की पहली मांग एक ही कानून के मुताबित केंद्र में लोकपाल की तरह राज्यों में लोकायुक्तों को नियुक्त करना है। सुषमा ने कहा कि यह कहना कि लोकपाल एवं लोकायुक्त का एक ही कानून के अंतर्गत निर्माण असम्भव है, गलत है।



सुषमा ने कहा, "जब 1968 में पहला लोकपाल विधेयक बना था तब उसका नाम लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक था।"
नेता विपक्ष ने कहा, "संविधान की धारा 252 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि केंद्र सरकार चाहे तो दो या अधिक राज्यों की सहमति से ऐसा कानून बना सकती है, जो सहमति जताने वाले राज्यों पर भी लागू हो।"

अन्ना की दूसरी मांग शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के निर्माण से सहमति जताते हुए सुषमा ने कहा, "यह कानून नागरिक अधिकार के आधार पर निर्मित लोकसेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम मध्य प्रदेश में पहले से लागू हैं। इसके अलावा इस तरह के कानून हिमाचल प्रदेश, बिहार एवं पंजाब में पहले से लागू हैं।"

सुषमा ने कहा कि इस तरह का कानून अवश्य बनना चाहिए और समय पर काम न होने पर सम्बंधित कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर पीड़ित को भुगतान करना चाहिए।

अन्ना की तीसरी मांग कि सभी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए पर सुषमा ने कहा, "आम जनता के मन बड़े भ्रष्टाचार से क्रोध उत्पन्न अवश्य होता है लेकिन उनका रोज सामना तंत्र के निचले स्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार से होता है।"

अन्ना की इस मांग पर सहमति जताते हुए सुषमा ने कहा, "अन्ना के आंदोलन में दिनचर्या में भ्रष्टाचार का सामना करने वाले आम लोगों ने शिरकत की है। उन्हें लगा है कि जन लोकपाल विधेयक उन्हें छोटे स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगा। अगर लोकपाल के दायरे में निचले स्तर के कर्मचारियों को नहीं लाया जाएगा, तो आम नागरिक अपने को ठगा महसूस करेगा।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा ने लोकपाल विधेयक पर लोकसभा में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने लोकपाल के दायरे में आने की इच्छा जाहिर की थी। मौजूदा प्रधानमंत्री ने भी यह इच्छा जाहिर की है। लिहाजा प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सीबीआई के उपयोग और दुरुपयोग को लेकर तमाम विवाद सामने आए हैं। लिहाजा सीबीआई को भी लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए। सुषमा ने संसद में सांसदों के आचरणों को भी लोकपाल के दायरे में लाए जाने का समर्थन किया।
राष्ट्र चौराहे पर खड़ा है,लोकपाल पर निष्पक्ष चर्चा हो
इससे पहले लोकसभा में सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को लोकपाल के मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील की।

अन्ना प्रभावी लोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले 12 दिनों से अनशन पर बैठे हैं।
मुखर्जी ने अन्ना के अनशन से देश में पैदा हुई स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि 25 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और छह राजनीतिक पार्टियों की ओर से लोकपाल के मुद्दे राय प्राप्त हुई थी। सरकार ने इस मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए इस पर संसद में चर्चा कराने का फैसला लिया है।
लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को लोकपाल के मसले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आज चौराहे पर खड़ा है।
उन्होंने सदन से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी लोकपाल के मुद्दे पर संवैधानिक दायरे में रहते हुए व्यावहारिक और निष्पक्ष चर्चा करने की अपील की।
शनिवार को ऐतिहासिक विशेष सत्र में चर्चा की शुरुआत करते हुए मुखर्जी ने कहा कि अनशन पर बैठे अन्ना हजारे द्वारा उठाए गए मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हैं और संसद का ध्यान चाहते हैं।
उन्होंने आशा जताई कि अन्ना हजारे द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल विधेयक के मुद्दों पर सदन में एक राय बन सकेगी ताकि सरकारी लोकपाल विधेयक पर विचार कर रही स्थाई को सदन की भावना से अवगत कराया जा सके।
मुखर्जी ने कहा, "स्थाई समिति इन सुझावों की संवैधानिकता, व्यावहारिकता और क्रियान्वित किए जा सकने की सम्भावना पर विचार कर सकती है।"
उन्होंने कहा, "हम चौराहे पर खड़े हैं। ऐसे कम मौके आते हैं जब सदन की कार्यवाही पर न केवल देश बल्कि सम्भवत: विदेशों में भी नजर रखी जा रही होती है।"
उन्होंने कहा कि वह संसद की सर्वोच्चता से समझौता किए बिना और संविधान के दायरे में एक तथ्यपरक चर्चा की आशा करते हैं ताकि वर्तमान गतिरोध को खत्म किया जा सके।

लोकसभा में 7 घंटे तक होगी लोकपाल पर चर्चा
लोकसभा में अन्ना हजारे के जन लोकपाल विधेयक सहित अन्य विधेयकों पर चर्चा शुरू होने के बाद सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि इस मसले पर सात घंटे तक चर्चा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
कुमार से सदस्यों से कहा, "यह बहुत की गम्भीर विषय है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शुरुआत में सात घंटे का समय तय किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया जा सकता है। क्योंकि कई सदस्य चर्चा में भाग लेना चाहते हैं।"

इससे पहले कुमार ने चर्चा के लिए समय निर्धारित करने के बारे में सदस्यों की राय जानना चाहीं।

42 वर्षो से लटका है लोकपाल विधेयक : स्वराज

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि लोकपाल विधेयक पिछले 42 वर्षो से लटका हुआ है। स्वराज ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सदन को प्रभावी लोकपाल विधेयक पारित कर इतिहास रचना चाहिए।
स्वराज ने सदन में लोकपाल विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, "पहली बार लोकपाल विधेयक संसद में नहीं पेश हुआ है। इसके पहले आठ बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश हो चुका है। लेकिन किसी न किसी कारण से अब तक लटकता रहा है। अब 9वीं बार लोकपाल विधेयक सदन में पेश किया गया है।"

स्वराज ने कहा, "इसके पहले जब भी विधेयक पेश किया गया, किसी बुद्धिजीवी की ओर से आया। लेकिन आज यह विधेयक आंदोलन बन गया है।

अन्ना हजारे ने देश की जनता तक इस विधेयक को पहुंचा दिया है। लोग इसके पक्ष में सड़कों पर उतर रहे हैं। स्थिति जटिल है। जनता संसद की ओर देख रही है। आज संसद की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जनता को एक प्रभावी लोकपाल दे।"

स्वराज ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन का जिक्र करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के अनशन के कारण उपजी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन बैठक में जो प्रस्ताव पारित हुआ, सरकार उस दिशा में आगे नहीं बढ़ी।

उल्लेखनीय है कि मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा में नियम 184 और राज्यसभा में नियम 167 के तहत बहस कराने के लिए नोटिस दिया है। इन नियमों के तहत बहस के बाद मतविभाजन का प्रावधान है।

एक-दो पैग रोज लगाओ, नहीं होगा डिमेंशिया

न्यूयॉर्क। अगर आप रोज एक-दो पैग लगाते हैं तो इसका कोई नुकसान नहीं। बल्कि यह फायदा पहुंचाता है। वृद्धावस्था में ये पैग याददाश्त को दुरुस्त रखते हैं और इनसे डिमेंशिया से बचाव होता है। यह बात दो नई स्टडीज में सामने आई है। विशेषज्ञों का दावा है कि रूटीन में एक-दो पैग पीने वालों को मेमोरी में कमी का खतरा दूसरों के मुकाबले 23 फीसदी कम होता है।



अमेरिकी शोधकर्ताओं ने दावा किया कि अल्कोहल की थोड़ी मात्रा अल्जाइमर व इसके जैसी अन्य बीमारियों से बचाव करती है। लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो ने इस विषय को लेकर किए गए अध्ययनों की समीक्षा की। इस दौरान 365,000 लोगों की पीने की आदतों और उससे होने वाले परिणामों पर नजर रखी गई। इसका ना पीने वालों से तुलनात्मक अध्ययन किया गया। स्टडी में सामने आया कि बीयर से ज्यादा शराब ने फायदा पहुंचाया।

मनीषा बोली मेरा पति मेरा दुश्मन

मनीषा बोली मेरा पति मेरा दुश्मन

नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोईराला की शादीशुदा जिंदगी मंझधार में है। कुछ दिनों पहले माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर पति से तलाक लेने का टि्वट कर बयान वापस लेने वाली मनीषा एक बार फिर सुर्खियों मे है। सूत्रों के मुताबिक मनीषा का कहना है कि उनके पति उनके लिए दुश्मन बन गए हैं।

सूत्रो ने बताया कि गुरूवार को अभिनेत्री ने अपनी प्रोफाइल पर पोस्ट किया कि "मेरे पति मेर दुश्मन बन गए हैं... कोई एक महिला के इतना खराब कैसे हो सकता है? " मनीषा ने नेपाल के बिजनेसमैन सम्राट दहल से 19 जून 2010 में शादी रचाई थी। सम्राट एक्ट्रेस मनीषा से सात साल छोटे हैं। मनीषा ने शादी के कुछ महीनों बाद ही टि्वटर पर लिखा था कि वो सम्राट दहल से तलाक लेने जा रही हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि गुस्से में उन्होंने सोशल नेटवर्किग साइट पर तलाक की बातें लिखी थीं। मनीषा ने कहा था कि दहल के साथ उनकी शादीशुदा जिंदगी काफी बेहतर गुजर रही है और यदि कोई मनमुटाव हुआ भी तो वो मिलबैठ कर उसे सुलझा लेंगे। मनीषा के इस बयान के बाद माना जा रहा था कि एक्ट्रेस अपने पति दहल के साथ अपनी मैरिज लाइफ को दूसरा मौका देने की कोशिश कर रही हैं।

लोकपाल पर प्रणव ने की बहस की शुरुआत

नई दिल्ली।। लोकसभा में अन्ना हजारे की शर्तों और लोकपाल पर बहस की शुरुआत करते हुए सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर संसद और संसद के बाहर काफी बहस चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अन्ना का अनशन आज खत्म हो जाएगा। प्रणव ने कहा कि जनलोकपाल बिल के 40 में से 20 प्रावधानों पर सरकार सहमत है।

सबसे पहले लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी बयान देंगे, जिसमें अन्ना हजारे की तीन शर्तों को जिक्र होगा। इसके बाद बहस होगी और चर्चा के बाद निकले निष्कर्ष को लोकपाल कानून का अध्ययन कर रही स्टैंडिंग कमिटी में भेजा जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने कहा कि सदन में सिर्फ चर्चा होगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने लोकसभा में जाने से पहले कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आज गतिरोध खत्म हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बहस के बाद वह अन्ना हजारे को चिट्ठी भी लिखेंगे।

अन्ना का बीपी गिरा, तबीयत बिगड़ी

अन्ना का बीपी गिरा, तबीयत बिगड़ी

नई दिल्ली। जन लोकपाल के समर्थन में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे का ब्लड प्रेसर(बीपी) लगातार गिरता जा रहा है। सात किलो से ज्यादा वजन घटने और बीपी के गिरने से अन्ना की तबीयत बिगड़ने लगी है। इससे उनके समर्थकों की चिंता बढ़ गई है। शनिवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में भी डॉ. त्रेहान ने अन्ना के गिरते हुए ब्लड प्रेशर को गंभीर बताया है। अन्ना के अनशन को आज 12वां दिन है और उनका एनर्जी लेवल भी तेजी से गिर रहा है। हालांकि अन्ना की सहयोगी किरण बेदी ने कहा है कि अन्ना तबीयत ठीक है।


ब्लड और यूरीन सेम्पल लिए

अन्ना के स्वास्थ्य की जांच कर रहे डॉ. नरेश त्रेहान ने रामलीला मैदान में बताया कि अन्ना का ब्लड प्रेशर नीचे गिर रहा है और उनका एनर्जी लेवल भी घट रहा है। सतर्कता बरते हुए चिकित्सकों की टीम ने अन्ना का ब्लड व यूरीन सेम्पल लिए हैं। इन सेम्पल्स को लेबोरेट्री में जांच के लिए भेजा गया है।

अन्ना की डॉक्टरी निगरानी हुई दुगुनी

डॉ. त्रेहान के अनुसार एनर्जी लेवल के साथ बीपी गिरने के बाद से अन्ना की निगरानी को दो गुना बढ़ा दिया है। चिकित्सकों को अब शनिवार सुबह जांच के लिए ब्लड और यूरीन नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है। इन्हीं रिपोर्ट में अन्ना के स्वास्थ्य की सही स्थिति का पता लग पाएगा।

सचिन तेंडुलकर आईसीसी टेस्ट टीम में

दुबई।। टेस्ट क्रिकेट में भारत की बादशाहत खत्म होने का असर इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की साल की टेस्ट टीम पर भी पड़ा है। सिर्फ सचिन तेंडुलकर को अपना स्थान इस टीम में सुरक्षित रखने में सफल रहे हैं। तेंडुलकर ने लगातार तीसरी बार इस टीम में जगह बनाई है। वह इससे पहले 2009 और 2010 की साल की सर्वश्रेष्ठ टीम का भी हिस्सा थे। टीम का सिलेक्शन शुक्रवार को वेस्ट इंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड की अगुआई वाले पैनल ने किया। 12 सदस्यीय टीम ने भारतीय पेसर जहीर खान को 12वें खिलाड़ी के तौर पर आईसीसी टीम में रखा है।

लंदन में 12 सितंबर को होने वाले एलजी आईसीसी पुरस्कार 2011 के लिए छंटनी किए हुए खिलाडि़यों की घोषणा करते हुए लॉयड ने कहा, 'इस साल की टेस्ट टीम का चयन काफी मुश्किल था, क्योंकि सिर्फ 12 स्थानों को भरने के लिए कई दावेदार थे।' श्रीलंका के पूर्व कप्तान संगकारा को टीम का कप्तान बनाया गया है। साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन को लगातार चौथी बार आईसीसी टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। स्टेन के टीम के साथी हाशिम अमला और जैक कालिस, इंग्लैंड के ग्रेम स्वान, जेम्स ऐंडरसन को लगातार दूसरे साल इस टीम में जगह मिली है।

लॉयड ने कहा, 'टीम काफी मजबूत है, जिसमें निचले क्रम तक बल्लेबाजी करने की क्षमता है। ऐसे गेंदबाज हैं जिनमें किसी भी सतह पर विरोधी टीम को दो बार आउट करने की क्षमता है।' लायड ने कहा कि चयन की प्रक्रिया काफी मुश्किल थी, क्योंकि फाइनल टीम सिलेक्शन से पहले सभी खिलाडि़यों के दावे पर गौर किया गया। टीम का चयन करने वाले पैनल में लायड के अलावा साउथ अफ्रीका के पूर्व स्पिनर पॉल एडम्स, पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज जहीर अब्बास, न्यू जीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज और कॉमेंटेटर डैनी मॉरीसन और इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज माइक गैटिंग शामिल थे।

आईसीसी की टेस्ट टीम ऑफ द ईयर

एलिस्टेयर कुक (इंग्लैंड), हाशिम अमला (साउथ अफ्रीका), जोनाथन ट्रॉट (इंग्लैंड), सचिन तेंडुलकर (भारत), कुमार संगकारा (श्रीलंका, कप्तान, विकेटकीपर), एबी डिविलियर्स (साउथ अफ्रीका), जैक कालिस (साउथ अफ्रीका), स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड), ग्रेम स्वान (इंग्लैंड), डेल स्टेन (साउथ अफ्रीका), जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड) और जहीर खान (भारत, 12वें खिलाड़ी)।