बुधवार, 17 अगस्त 2011

सरकार ने घुटने टेके, अन्ना की सभी शर्तें मानी



नई दिल्ली। नई दिल्ली। सरकार ने लम्बी जद्दोजहद के बाद आज सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन को लेकर रखी गई सभी शर्तें मान ली हैं। सरकार ने अब अन्ना को उनकी शर्तों पर अनशन की इजाजत दे दी है।

लेकिन किरण बेदी ने जेल से बाहर आकर कहा कि पुलिस से अनशन के मुद्दे पर बातचीत चल रही है और हमारी कोशिश है कि हम अपनी सभी शर्तें मनवा कर अनशन शुरू करवाएं।

किरण बेदी ने कहा, हम पूरे 30 दिन तक अनशन करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने केवल 7 दिन के हिसाब से और उसके बाद जरूरत के अनुसार उसे बढ़ाए जाने की अनुमाति दी।

दिल्ली पुलिस इस बात पर सहमत हो गई है कि अन्ना अब जब तक चाहें, रामलीला मैदान में अनशन कर सकते हैं और वहां 25 हजार लोग भी जमा हो सकते हैं।

पुलिस ने वैसे अनशन के लिए सात दिन की इजाजत दी है, लेकिन उन्हें जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जा सकता है।

इससे पहले पुलिस ने कहा था कि उन्हें अनशन के लिए केवल सात दिन ही दिए जाएंगे और रामलीला मैदान में पांच हजार से ज्यादा लोग नहीं जमा होंगे।

अब जब सरकार ने अन्ना की सारी शर्तें मान ली हैं तो यह कयास लगाया जा रहा है कि वे जेल से कभी भी बाहर आ सकते हैं।

उधर, अन्ना के समर्थकों का एक विशाल हुजूम इंडिया गेट से तिहाड़ जेल की तरह रवाना हो चुका है।

मायावती भी अन्ना के समर्थन में

मायावती भी अन्ना के समर्थन में

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अन्ना हजारे के आन्दोलन को पूरा समर्थन देते हुए केन्द्र सरकार और सिविल सोसायटी को आम सहमति बनाने का सुझाव दिया है ताकि एक बेहतरीन कानून बनाया जा सके। मायावती ने कहा कि वह खुद और उनकी पार्टी अन्ना के भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन का समर्थन करती है।

केन्द्र सरकार की ओर से संसद में पेश लोकपाल विधेयक को लेकर उत्पन्न मतभेद को दूर करने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर आपसी सहमति बनानी चाहिए ताकि एक बेहतरीन कानून बने और भ्रष्टाचार को रोका जा सके। उन्होंने अन्ना की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि उन्हें जिस तरह पुलिस ने गिरफ्तार किया वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। बसपा सिर्फ अन्ना ही नहीं बल्कि उन सभी संगठनों का स्वागत करती है और अपना समर्थन देती है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

गुजरात: संजीव भट्ट के खिलाफ वॉरंट

जामनगर।। जिले के एक सेशन कोर्ट ने निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ 1990 में पुलिस की कथित पिटाई से एक व्यक्ति की मौत के मामले में जमानती वॉरंट जारी किया।

आरोपी भट्ट खंभालिया तालुका की अदालत में नहीं पहुंचे, जिसके बाद मंगलवार को अडिशनल सेशन जज एन.टी.सोलंकी ने वॉरंट जारी किया।

गौरतलब हैकि भट्ट ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर वर्ष 2002 के दंगों के दौरान राज्य सरकार की मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। उन्हें हाल ही में निलंबित कर दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने पिछले महीने 1990 के मामले में भट्ट और छह अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के निचली अदालत के फैसले की पुनरीक्षा याचिका को वापस ले लिया था। सरकार के वकील विमल चोटिया ने पिछले महीने 1996 में दाखिल याचिका वापस ले ली, जिसके बाद भट्ट और अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का रास्ता बना। चोटिया के अनुसार याचिका को वापस लेना था क्योंकि राज्य सरकार एक तरफ शिकायती और दूसरी और आरोपी का बचाव नहीं कर सकती। चोटिया की दलील थी कि प्रत्येक आपराधिक मामले में प्रदेश सरकार अभियोजक है और इसलिए वह अपने ही अधिकारियों का बचाव नहीं कर सकती।

गुजरात उच्च न्यायालय ने 1996 में मामले में आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी। सरकार ने तब निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षा याचिका दाखिल की थी। इतने साल तक यह हाई कोर्ट के समक्ष लंबित रही।

यह कथित अपराध 1990 में हुआ था, जब भट्ट जामनगर में डीएसपी (पुलिस) के तौर पर तैनात थे और जामखंभालिया इलाके में पुलिस बंदोबस्त के प्रभारी थे, जहां सांप्रदायिक संघर्ष हुआ था। पुलिस ने कथित तौर पर उनके आदेश पर कुछ लोगों की पिटाई की, जिसके बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

7 और 30 के चक्कर में अटकी अन्ना की रिहाई

नई दिल्ली।। बिना शर्त अनशन की इजाजत के बगैर तिहाड़ जेल से बाहर न आने पर अड़े अन्ना हजारे के सामने यूपीए सरकार और दिल्ली पुलिस घुटने टेकती नजर आ रही है। अन्ना की गिरफ्तारी के बाद जनता के दबाव केआगे झुकते हुए दिल्ली पुलिस ने अनशन की अनुमति देनेके लिए रखी गईं सभी शर्तों को वस्तुत : वापस ले लिया।हजारे की टीम रामलीला मैदान में अनशन करने के लिए तैयार है , बात सिर्फ अब अनशन की मियाद को लेकर अटकी हुई है। अन्ना की सहयोगी किरन बेदी ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत अभी जारी है।
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हजारे और उनके साथियों से चर्चा के दौरान पुलिस नेरामलीला मैदान में 7 दिन के अनशन की इजाजत देने कीपेशकश की है , जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है।अन्ना की टीम ने इसे खारिज कर दिया और एक महीने कीअनुमति देने की मांग की। शुरुआत में पुलिस जोर देती रहीकि वह सिर्फ 5 दिन के ही विरोध - प्रदर्शन की इजाजत देसकती है।

अन्ना के समर्थन में धरने, रैलियां सरहद पर भी अन्ना की हुंकार


अन्ना के समर्थन में धरने, रैलियां सरहद पर भी अन्ना की हुंकार 



जयपुर। सीमावर्ती बाड़मेर जिला मुख्यालय सहित सरहद पर भी अन्ना की हुंकार सुनाई देने लगी हें सरहद पेन अनेक संघठन अन्ना हजारे के आन्दोलन के समर्थन में आगे आये जिला मुख्यालय पर वकीलों ने अन्ना के समर्थन में पुरे दिन हड़ताल राखी वकीलों ने कोइ कार्य नहीं किया वकीलों के अन्ना के समर्थन में आगे आने से अन्ना के आन्दोलन को बड़ी संख्या मे सहयोग मिलाने के आसार हें




राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई शहरो में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के जनलोकपाल विधेयक को लेकर किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में बुधवार को दूसरे दिन भी विभिन्न सामाजिक और राजनैतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। हजारे के आंदोलन के समर्थन में जयपुर, बीकानेर, सीकर, नागौर, झुंझुनूं और भरतपुर जिले के डीग सहित कई शहरों में धरने और प्रदर्शन का दौर जारी है।




डीग में छात्रों ने रैली निकाली। बीकानेर में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवीसिंह भाटी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। भाटी तीन विधायकों तथा सैंकड़ों समर्थकों के साथ गिरफ्तारी देने पहुंचे लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। जयपुर में भाजपा की जयपुर इकाई ने बड़ी चौपड पर धरना दिया जिसमें विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी, वरिष्ठ नेता भंवर लाल शर्मा, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुनील भार्गव, युवा मोर्चा के अध्यक्ष रिषि बंसल और शैलेन्द्र भार्गव सहित अनेक पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए।




भाजपा कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की। जयपुर शहर में शासन सचिवालय के पास स्थित उद्योग मैदान में विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दूसरे दिन भी हजारे के समर्थन में धरना दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों में वकीलों ने न्यायिक कामकाज का बहिष्कार कर हजारे के समर्थन में रैली निकाली।




आधे दिन बाजार बंद

जयपुर व्यापार महासंघ के आह्वान पर राजधानी के व्यापारी बुधवार को उपवास रखेंगे और गुरूवार को आधे दिन दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखकर जनलोकपाल विधयेक को लागू करने की मांग करेंगे। महासंघ के महासचिव अजय विजयवर्गीय ने कहा कि व्यापारी भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं। व्यापारी पूरी तरह अन्ना के साथ है। गुरूवार से व्यापारी काली पट्टी बांधने के साथ ही लोगों को आंदोलन के साथ जोड़ेंगे।







अन्ना हजारे के समर्थन में जयपुर मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल प्रेक्टिसनर्स सोसायटी, प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिग होम सोसायटी जयपुर, जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एवं छात्र एसएमएस चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों ने मेडिकल कॉलेज के बाहर मानव श्रृंखला बनाकर अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया।




सामाजिक संगठन भी विरोध में

अन्ना हजारे की गिरफ्तारी का सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है। राजस्थान टैंट डीलर्स समिति के प्रदेश महामंत्री रवि जिंदल ने सरकार का आपालकाल की दिशा में बढ़ाया कदम बताया है। पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी के संयोजक दिनेश कांवट ने जयपुर बंद को समर्थन देते हुए अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध किया। समाज सेवी छोटूराम डूडी ने वैशालीनगर में सिर मंुडाकर अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध किया।




अजमेर में वकीलों विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा भाजपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करके केन्द्र सरकार का पुतला फूंका। इण्डिया अगेंस्ट करप्शन मंच के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार को सiुद्धि देने के लिए हवन किया।




नागौर में जिला बार संघ सहित कई संगठनों ने श्री हजारे की गिरफ्तारी पर रोष व्यक्त किया। इस आंदोलन से अब ग्रामीण भी जुड़ने लगे हैं। चूरू में हजारे के समर्थन में लाल घंटा घर के सामने सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। राज्य के अन्य जिलों और कस्बों से भी धरना प्रदर्शन की खबरें मिल रही हैं।

प्रधानमंती इस्तीफा दे ,अन्ना मामले में राहुल पूरी तरह जिम्मेदार ...चतुर्वेदी

प्रधानमंती इस्तीफा दे ,अन्ना मामले में राहुल पूरी तरह जिम्मेदार

 बाड़मेर राजस्थान प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा की अन्ना हज्ज़रे को गिरफ्तार कर  कांग्रेस ने जता दिया की लोकपाल बिल के प्रति वो गंभीर नहीं हें,भ्रस्ताचार का मुद्दा  कोइ अहमियत नंही  रखता हें अन्नाकी गिरफ्तारी के मामले में प्रधानमंत्री पूरी तरह दोषी हें इसे  में प्रधानमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए .चतुर्वेदी भा ज पा के जिला स्तरीय चिंतन शिविर में भाग लेने बाड़मेर आये थे जन्हा पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया की अन्ना मामले में राहुल गाँधी की अहम् भूमिका हें राहुल कोंग्रेस को हेंडल कर रहे हें राहुल के इशारो पर अन्ना की गिरफ्तारी हुई ,चतुर्वेदी ने कहा की अन्ना को भाजपा पूरा समर्थन देगी ,आज से ही अन्ना के समर्थन में धरने प्रदर्शन शुरू हो गया हे 

भाजपा ने ने अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में निकाला जुलूस



नई दिल्ली. अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में अब भारतीय जनता पार्टी भी खुलकर सड़कों पर आ गई है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार शाम को जंतर-मंतर पर सरकार के इस फैसले के खिलाफ मशाल जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।



साथ ही पार्टी ने बुधवार को देश के सभी राज्यों में जिला स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस सरकार संसद के अंदर विरोधी दलों को अपनी बात रखने का मौका नहीं देती है और संसद के बाहर पुलिसिया कार्रवाई के जरिए आम जनता की आवाज को दबाती है।



उन्होंने घोषणा की कि सरकार के खिलाफ बुधवार को भाजपा पूरे देश में शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करेगी। प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने घोषणा की कि भाजपा रोजाना सरकार के खिलाफ राजधानी के प्रत्येक हिस्से में विभिन्न माध्यमों के जरिए विरोध-प्रदर्शन करेगी।

संसद को चुनौती नहीं दे सकते अन्ना

संसद को चुनौती नहीं दे सकते अन्ना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने समाजसेवी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी पर अफसोस जताया है। लोकसभा में अन्ना के मामले पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्ना हजारे जेपी पार्क में अनशन पर अड़े हुए हैं। अन्ना ने अगर दिल्ली पुलिस की शर्ते मान ली होती तो उनको अनशन की इजाजत मिल जाती। अन्ना जब तक दिल्ली पुलिस की शर्ते नहीं मानेंगे तब तक उनको अनशन की इजाजत नहीं मिल सकती। अन्ना ऊंचे आदर्शो से प्रेरित हैं लेकिन उनके अनशन का तरीका ठीक नहीं है। संवाद से हर समस्या का हल निकल सकता है। सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। सरकार की चिंता आम आमदी को लेकर है।

पीएम ने कहा कि अन्ना हजारे के खिलाफ तब कार्रवाई की गई जब उन्होंने दिल्ली पुलिस की शर्ते मानने से इनकार कर दिया। अन्ना की टीम ने 6 शर्ते नहीं मानी। अन्ना ने हलफनाम देने से इनकार कर दिया। अन्ना बिना शर्त जेपी पार्क में अनशन की इजाजत चाहते थे। दिल्ली पुलिस ने अन्ना के 2600 समर्थकों को हिरासत में लिया। बाद में इन सभी को रिहा कर दिया गया।

अन्ना और उनके समर्थकों के खिलाफ सारी कार्रवाई दिल्ली पुलिस ने की। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अन्ना अपने बिल को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार ने सभी दलों से चर्चा के बाद संसद में पेश किया। बिल अब संसद की स्थायी समिति के पास है। अन्ना समिति के सामने अपनी बात रख सकते हैं। ससंद ने बिल जल्द से जल्द पारित करने का फैसला किया है।

पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर सरकार गंभीर है लेकिन कानून बनाना संसद का काम है। चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अपना काम करने देना चाहिए। संसद की सर्वोच्चता को चुनौती नहीं दी जा सकती। संसद और लोकतंत्र का कोई विकल्प नहीं है।

तिहाड़ के बाहर अन्ना हजारे समर्थकों का हुजूम

नई दिल्ली।। अन्ना हजारे द्वारा अपनी मांगें पूरी होने तक जेल से बाहर आने से मना करने के बाद हजारों की संख्या में उनके समर्थक तिहाड़ जेल के बाहर जमा हो गए। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने कैंडल मार्च और नारेबाजी के जरिये अन्ना हजारे के प्रति अपना समर्थन जताया।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा, 'संदेश साफ है, जनता साबित कर रही है कि देश आजाद है। यह आंदोलन का संदेश है।' पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने भी जेल के बाहर जुटे लोगों को सम्बोधित किया।

सरकारी अधिकारी, छात्र, राहगीर सभी अन्ना हजारे का समर्थन कर रहे हैं। 'मैं अन्ना हूं' लिखी हुई टोपी और कपड़े पहने जेल के बाहर जमा लोग अन्ना हजारे के समर्थन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, तिरंगा लहरा रहे हैं। भीड़ के बीच देशभक्ति गाने भी सुनाई दे रहे हैं।