संसद को चुनौती नहीं दे सकते अन्ना
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने समाजसेवी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी पर अफसोस जताया है। लोकसभा में अन्ना के मामले पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्ना हजारे जेपी पार्क में अनशन पर अड़े हुए हैं। अन्ना ने अगर दिल्ली पुलिस की शर्ते मान ली होती तो उनको अनशन की इजाजत मिल जाती। अन्ना जब तक दिल्ली पुलिस की शर्ते नहीं मानेंगे तब तक उनको अनशन की इजाजत नहीं मिल सकती। अन्ना ऊंचे आदर्शो से प्रेरित हैं लेकिन उनके अनशन का तरीका ठीक नहीं है। संवाद से हर समस्या का हल निकल सकता है। सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। सरकार की चिंता आम आमदी को लेकर है।
पीएम ने कहा कि अन्ना हजारे के खिलाफ तब कार्रवाई की गई जब उन्होंने दिल्ली पुलिस की शर्ते मानने से इनकार कर दिया। अन्ना की टीम ने 6 शर्ते नहीं मानी। अन्ना ने हलफनाम देने से इनकार कर दिया। अन्ना बिना शर्त जेपी पार्क में अनशन की इजाजत चाहते थे। दिल्ली पुलिस ने अन्ना के 2600 समर्थकों को हिरासत में लिया। बाद में इन सभी को रिहा कर दिया गया।
अन्ना और उनके समर्थकों के खिलाफ सारी कार्रवाई दिल्ली पुलिस ने की। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अन्ना अपने बिल को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार ने सभी दलों से चर्चा के बाद संसद में पेश किया। बिल अब संसद की स्थायी समिति के पास है। अन्ना समिति के सामने अपनी बात रख सकते हैं। ससंद ने बिल जल्द से जल्द पारित करने का फैसला किया है।
पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर सरकार गंभीर है लेकिन कानून बनाना संसद का काम है। चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अपना काम करने देना चाहिए। संसद की सर्वोच्चता को चुनौती नहीं दी जा सकती। संसद और लोकतंत्र का कोई विकल्प नहीं है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने समाजसेवी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी पर अफसोस जताया है। लोकसभा में अन्ना के मामले पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्ना हजारे जेपी पार्क में अनशन पर अड़े हुए हैं। अन्ना ने अगर दिल्ली पुलिस की शर्ते मान ली होती तो उनको अनशन की इजाजत मिल जाती। अन्ना जब तक दिल्ली पुलिस की शर्ते नहीं मानेंगे तब तक उनको अनशन की इजाजत नहीं मिल सकती। अन्ना ऊंचे आदर्शो से प्रेरित हैं लेकिन उनके अनशन का तरीका ठीक नहीं है। संवाद से हर समस्या का हल निकल सकता है। सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। सरकार की चिंता आम आमदी को लेकर है।
पीएम ने कहा कि अन्ना हजारे के खिलाफ तब कार्रवाई की गई जब उन्होंने दिल्ली पुलिस की शर्ते मानने से इनकार कर दिया। अन्ना की टीम ने 6 शर्ते नहीं मानी। अन्ना ने हलफनाम देने से इनकार कर दिया। अन्ना बिना शर्त जेपी पार्क में अनशन की इजाजत चाहते थे। दिल्ली पुलिस ने अन्ना के 2600 समर्थकों को हिरासत में लिया। बाद में इन सभी को रिहा कर दिया गया।
अन्ना और उनके समर्थकों के खिलाफ सारी कार्रवाई दिल्ली पुलिस ने की। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अन्ना अपने बिल को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार ने सभी दलों से चर्चा के बाद संसद में पेश किया। बिल अब संसद की स्थायी समिति के पास है। अन्ना समिति के सामने अपनी बात रख सकते हैं। ससंद ने बिल जल्द से जल्द पारित करने का फैसला किया है।
पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर सरकार गंभीर है लेकिन कानून बनाना संसद का काम है। चुने हुए जन प्रतिनिधियों को अपना काम करने देना चाहिए। संसद की सर्वोच्चता को चुनौती नहीं दी जा सकती। संसद और लोकतंत्र का कोई विकल्प नहीं है।
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