मंगलवार, 14 मई 2013

मरे हुए सैनिक का दिल खा गया "हैवान"

मरे हुए सैनिक का दिल खा गया "हैवान"
बेरूत। सीरिया में एक विद्रोही मरे हुए सैनिक का दिल निकालकर खा गया। एक वीडियो के जरिए उस विद्रोही की यह करतूत सामने आई। यू ट्यूब पर अपलोड किए गए वीडिया में दिखाया गया है कि ओमर अल फारूक अल मुस्तकिला ब्रिगेड का कथित कमांडर अबू शक्कार एक वर्दीधारी सैनिक के शव के पास खड़ा है।

वह कहता है कि खुदा की कसम हम तुम्हारे दिल और जिगर को खा जाएंगे। वह कहता है कि हम बाबा अम्र के हीरो हैं। इसके बाद शक्कार खड़ा होता है। उसके एक हाथ में छुरा होता है तो दूसरे हाथ में सैनिक का दिल। वह दिल को मुंह के करीब लाता है,इसी बीच वीडियो खत्म हो जाता है।

मानवाधिकार संगठनों और सीरिया के विपक्षी गठबंधन ने इसकी कड़ी निंदा की है। राष्ट्रीय गठबंधन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसियां और सोशल मीडिया वेबसाइटें एक ऎसा वीडियो क्लिप दिखा रही हैं जिसमें एक व्यक्ति खुद को विद्रोहियों का सदस्य बताते हुए भयानक,घिनौनी और अमानवीय हरकत करता है। अगर वीडियो सही है जो सीरिया का गठबंधन इसकी कड़ी निंदा करता है।

उस विद्रोही का बर्ताव सीरियाई लोगों के मूल्यों के खिलाफ है। साथ ही यह फ्री सीरियन आर्मी के मूल्यों और सिद्धांतों के भी खिलाफ है। ±यूमन राइट्स वॉच ने कहा है कि वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति सेन्ट्रल होम्स प्रांत में सक्रिय विद्रोही ब्रिगेड का सदस्य लग रहा है,जिसने इस साल लेबनान के एक गांव पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।

मध्य पूर्व में ±यूमन राइट्स वॉच के डिप्टी डायरेक्टर नदीम एच ने कहा कि सीरिया के विपक्षी दलों का इस बर्ताव की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है। विपक्षी ताकतों को ऎसी हरकतों को रोकने के लिए कड़ाई से कार्रवाई करनी चाहिए।

प्रेगनेंट महिला को 11 हजार में बेचा

प्रेगनेंट महिला को 11 हजार में बेचा  कटिहार। बिहार में एक गर्भवती महिला को 11 हजार रूपए में बेचे जाने का मामला सामने आया है। महिला दो बच्ची की मां है। पीडिता पूर्णिया जिले के अझोकोपा की रहने वाली है। एक महिला एजेंट ने अपने परिचित अशोक सिंह को गर्भवती महिला को बेचा। 40 साल का अशोक सिंह यूपी के इटावा का रहने वाला है। अशोक सिंह ने कब्जे में आने के बाद महिला से शादी कर ली।

जब वह पीडिता को लेकर इटावा जा रहा था तभी पुलिस ने एक एनजीओ के सहयोग से उसे छुड़ा लिया। पुलिस ने महिला एजेंट और खरीदार को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक खरीदार ने चांदपुर के दुर्गा माता मंदिर में पीडिता से कथित रूप से शादी कर ली थी। कटिहार के एसपी असगर इमाम ने सोमवार को घटना की पुष्टि की। पुलिस पूर्णिया जिले के रहने वाले दिनेश यादव की तलाश में है,जो कथित रूप से महिलाओं और लड़कियों की खरीद फरोख्त में लिप्त गैंग का मुखिया है।

महिला को बेचे जाने की घटना उस वक्त की है जब उसका पति काम से बाहर गया हुआ था। वह एक बस में क्लीनर का काम करता है। जब पीडिता को ले जाया गया तब घर में 4 और 5 साल के बच्चे ही घर पर थे। पीडिता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 11 हजार रूपए दिए और मुझे एक मंदिर लेकर गए। वहां मेरे हाथ पैर बांध दिए। इसके बाद जबरन मुझसे जबरन शादी कर ली।

बताया जाता है कि महिला की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह अपने बच्चों का पेट पालने में भी असमर्थ थी। हालांकि महिला ने मर्जी से शादी करने से इनकार किया है। पीडिता ने कहा कि मुझे लगा कि महिला मेरी मदद करना चाहती है। मुझे यह पता ही नहीं था कि मेरी शादी उसे व्यक्ति से शादी करा ली जाएगी जिसे मैंने कभी देखा भी नहीं। मेरे दो बच्चे हैं और मैं गर्भवती हूं।

ऎसे में मैं कैसे अपनी मर्जी से शादी कर सकती हूं। उधर आरोपी अशोक सिंह का कहना है कि उसने महिला एजेंट और पीडिता के साथ 11 हजार रूपए में सौदा किया था। वह महिला से शादी करने के लिए बिहार आया था इसलिए उसे अपने साथ ले गया। भूमिका विहार नामक एनजीओ की संचालिका शिल्पी सिंह ने पीडिता को आरोपी के चंगुल से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाई।

सोमवार, 13 मई 2013

जैसलमेरमेन पूरा में रियाण का आयोजन

जैसलमेर मेन पूरा में रियाण का आयोजन 

आखातीज पर देखे शगुन मिले सुकाल के संकेत 
 

 जैसलमेर सरहदी जिलो बाड़मेर जैसलमेर में आखा तीज का पर्व परंपरागत रूप से हर्सौलाश के साथ मनाया गया .आखा तीज पर्व पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में रियाण का आयोजन किया गया .स्थानीय नगर सहित आसपास ग्रामीण अंचलों में आखातीज हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मांगलिक कार्यों के इस अबूझ मुहूर्त पर विभिन्न स्थानों पर विवाह-समारोह की धूम रही। गांवों में बारिश के अनुमान के लिए शगुन देखने की परम्परा निभाई, जिसमें सुकाल के संकेत मिले। 


जैसलमेर के मेन पूरा में मोहला वासियों द्वारा रियाण का आयोजन कर अनूठी पहल की .मेन पूरा शिव मंदिर के पास सभी समाज के लोगो ने आखा तीज पर रियान कर स्नेहमिलन का आयोजन किया .रियाण में समस्त समाज के सेकड़ो लोगों ने शिरकत कर युवा वर्ग की इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की  युवाओं ने बताया की समाज के लोगो के लिए स्नेहमिलन का आयोजन था मेन पूरा के युवाओं द्वारा पहली मर्तबा मोहले में रियाण का आयोजन कर सद्भावना का परिचय दिया . इस बार युवाओं नेसभी समाज वर्ग को न्यौता देकर  रियान को नया रूप दिया जिसकी सभी ने सराहना की .परम्परागत रूप से आयोजित होने वाली रियाण से हट कर रियान को नया रूप दिया मेन पूरा  निवासियों ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया .के सेकड़ो लोगों ने रियान में शिरकर कर एक दुसरे की कुशलक्षेम पूछी और रामा शामा की . 

आखातीज होने के कारण परम्परानुसार घरों में विभिन्न पकवान बनाए गए। गृहणियों ने गुड़ की गलवानी, बाजरे का खीच तथा ग्वारफली की सब्जी बनाई। भगवान को भोग लगाकर सभी ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। अक्षय तृतीया पर लोगों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर खरीदारी एवं दानपुण्य भी किया। इस अवसर पर गांवों में कुंवारी युवतियों को दूल्हा-दुल्हन बनाकर मंगलगीत गाते हुए गांव की परिक्रमा लगवाई गई।

आखातीज पर शगुन लेने की परंपरा आज भी गांवों में निभाई जाती है। सोम वार कोशहर तथा    गांवों में ग्रामीणों ने काल व सुकाल के शगुन लिए। इसमें काल पर सकाल भारी पड़ा। परंपरा के तहत भगवान की पूजा-अर्चना के बाद दो ब'चों को आमने-सामने खड़ा कर उनके हाथों में दो बांस की लकडिय़ां दी जाती है। इनमें से एक पर काला धागा एवं दूसरे पर मोली बांधी जाती है, जिनके ऊपर या नीचे होने के अनुसार शगुन लिया जाता है।ग्रामीण क्षेत्रो में परंपरा रूप से रियान का आयोजन किया गया .रियान में गाँव के सभी लोगो ने एक दुसरे की आखा तीज की बधाई दे रामा शामा की .

जैसलमेर हजूरी समाज द्वारा अनूठी पहल नशा रहित रियाण का आयोजन

  जैसलमेर हजूरी समाज द्वारा अनूठी पहल नशा रहित
रियाण का आयोजन  

आखातीज पर देखे शगुन मिले सुकाल के संकेत 
 

 जैसलमेर सरहदी जिलो जैसलमेर में आखा तीज का पर्व परंपरागत रूप से हर्सौलाश के साथ मनाया गया .आखा तीज पर्व पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में रियाण का आयोजन किया गया .स्थानीय नगर सहित आसपास ग्रामीण अंचलों में आखातीज हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। मांगलिक कार्यों के इस अबूझ मुहूर्त पर विभिन्न स्थानों पर विवाह-समारोह की धूम रही। गांवों में बारिश के अनुमान के लिए शगुन देखने की परम्परा निभाई, जिसमें सुकाल के संकेत मिले। 


जैसलमेर के मेन पूरा में हजूरी समाज द्वारा नशा रहित रियाण का आयोजन कर अनूठी पहल की .मेन पूरा शिव मंदिर के पास समाज के लोगो ने आखा तीज पर रियान को नै शक्ल देकर स्नेहमिलन का आयोजन किया .रियाण में समाज के सेकड़ो ने शिरकत कर युवा वर्ग की इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की .रियाण में अक्सर नशीली और मादक वस्तुओं अफीम ,डोडा पोस्त ,बीडी ,सिगरेट का चलन होता हें मगर इस रियाण में शरबत और परम्परागत भोजन का आयोजन किया गया .युवाओं ने बताया की समाज के लोगो के लिए स्नेहमिलन का आयोजन था .प्रतिवर्ष रियाण का आयोजन होता हें जिसमे अफीम ,डोडा पोस्ट आदी का प्रचलन रहता हें मगर इस बार युवाओं ने नशा विरोधी मुहीम चला रियान को नया रूप दिया जिसकी सभी ने सराहना की .परम्परागत रूप से आयोजित होने वाली रियाण से हट कर रियान को नया रूप दिया ,हजूरी समाज के सेकड़ो लोगों ने रियान में शिरकर कर एक दुसरे की कुशलक्षेम पूछी और रामा शामा की . 



आखातीज होने के कारण परम्परानुसार घरों में विभिन्न पकवान बनाए गए। गृहणियों ने गुड़ की गलवानी, बाजरे का खीच तथा ग्वारफली की सब्जी बनाई। भगवान को भोग लगाकर सभी ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। अक्षय तृतीया पर लोगों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर खरीदारी एवं दानपुण्य भी किया। इस अवसर पर गांवों में कुंवारी युवतियों को दूल्हा-दुल्हन बनाकर मंगलगीत गाते हुए गांव की परिक्रमा लगवाई गई।

आखातीज पर शगुन लेने की परंपरा आज भी गांवों में निभाई जाती है। सोम वार कोशहर तथा    गांवों में ग्रामीणों ने काल व सुकाल के शगुन लिए। इसमें काल पर सकाल भारी पड़ा। परंपरा के तहत भगवान की पूजा-अर्चना के बाद दो ब'चों को आमने-सामने खड़ा कर उनके हाथों में दो बांस की लकडिय़ां दी जाती है। इनमें से एक पर काला धागा एवं दूसरे पर मोली बांधी जाती है, जिनके ऊपर या नीचे होने के अनुसार शगुन लिया जाता है।ग्रामीण क्षेत्रो में परंपरा रूप से रियान का आयोजन किया गया .रियान में गाँव के सभी लोगो ने एक दुसरे की आखा तीज की बधाई दे रामा शामा की .

चिकित्सक और जांच अधिकारी की मिलीभगत से कलेक्टर की जांच दरकिनार

चिकित्सक और जांच अधिकारी की मिलीभगत से कलेक्टर की जांच दरकिनार


बाड़मेर।  एक चिकित्सक को उसके जाति के चिकित्सक ने जांच में दोषी होने के बाद भी निर्दोष घोषित कर दिया। यह मामला बाड़मेर का हैं। बाड़मेर के लंगेरा गाँव के निवासी दुर्गसिंह राजपुरोहित ने अगस्त माह में अपने स्तर पर मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की बजाय ब्रांडेड दवाएं लिखने वाले एक चिकित्सक की करीब आठ सौ से ज्यादा पर्चियां एकत्रित करके डॉ समित शर्मा , प्रबंध निदेशक राजस्थान मेडिकल कॉरप्रेशन को शिकायती पत्र दिया गया था जिसमे कई अस्पताल में आने वाले मरीजो की पर्चियां भी संलग्न की थी। उन पर्चियों की जांच के बाद तत्कालीन बाड़मेर जिला कलक्टर डॉ वीणा प्रधान ने चिकित्सक लंगेरा रोड स्थित पीरचंद हंजारीमल डिस्पेंसरी के डॉ सुरेश माली को कारण बताओ नोटिस भी दिया था जिसमे उन्होंने स्पष्ट लिखा था कि जांच के दौरान अस्पताल की उनके द्वारा लिखी गई पर्चियों पर एक कम्पनी विशेष की दवाइयां लिखी गिया थी। तत्कालीन जिला कलेक्टर के द्वारा नोटिस देने की कार्यवाही के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से अतिआवश्यक पत्र लिख कर इस मामले की जांच के आदेश बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए गये थे। बाड़मेर के सीएमएचओ ने इस मामले की जांच के आदेश डॉ बीएस गहलोत को दिए थे, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना प्रभारी हैं। डॉ गहलोत ने परिवादी दुर्गसिंह के बयान लेकर खानापूर्ति करते हुए अंतिम रिपोर्ट में यह लिखा कि सबूतों के आभाव में मामला सत्य प्रतीत नहीं होता। इसमें पूरी जालसाजी का आरोप परिवादी ने जांच अधिकारी पर लगाते हुए जांच अधिकारी को कटघरे में खड़ा किया हैं और मुख्यमंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग निदेशालय को वापस पत्र लिख कर इस मामले की जांच ईमानदार अधिकारी से करवाने की मांग की हैं। साथ ही आरोपी चिकित्सक के अलावा जांच अधिकारी डॉ बीएस गहलोत पर इस मामले की जांच के दौरान आर्थिक लाभ लेकर डॉक्टर को बचाने का आरोप लगाते हुए जांच अधिकारी के खिलाफ भी जांच की मांग मुख्यमंत्री से की गई और बाड़मेर के सीएमएचओ को ज्ञापन देकर जांच करवाने की भी मांग की गई। परिवादी दुर्गसिंह की मांग पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस भ्रष्टाचार को गम्भीरता से लेते हुए वापस इस मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं। अब इस मामले की जांच बाड़मेर के आरसीएचओ को दी गई हैं जिसमे वे जांच अधिकारी की इस मामले में फर्जी फाइनल रिपोर्ट के आरोपों की जांच करेंगे। वहीँ इस मामले में परिवादी द्वारा पूर्व में पर्चियां देकर मामले कोई जांच की अपील करने पर ही बाड़मेर की तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान ने आरोपी चिकित्सक पर लगाए गये आरोपों की जांच करवाकर इस शिकायत को सही पाया था और नोटिस जारी किया था लेकिन उस नोटिस को जांच अधिकारी ने दरकिनार कर दिया और जिला कलेक्टर की जांच पर भी सवाल खड़े कर दिए। अब मामले की जांच वापस शुरू से की जायेगी और जांच अधिकारी को भी मामले में लीपापोती के लिए जांच से गुजरना पड़ेगा।