शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

बाड़मेर कौमी एकता दिवस पर षपथ ग्रहण



बाड़मेर कौमी एकता दिवस पर षपथ ग्रहण
डाॅ गगनदीप सिंगला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थापित समस्त अधिकारियों /कर्मचारियों व मंत्रालियक कर्मचारियों को कौमी एकता दिवस निम्न षपथ दिलाई गई कि -

‘‘ मैं सत्यनिश्ठा से प्रतिज्ञा करता हूॅ कि देष की आजादी तथा एकता बनाये रखने और उसे मजबूत करने के लिए समर्पित होकर कार्य करूॅगा ।‘‘ ‘‘ मैं यह भी प्रतिज्ञा करता हूॅ कि कभी हिंसा का सहारा नहीं लूॅगा तथा धर्म, भाशा, क्षेत्र से संबंधित भेदभाव, झगड़ों और अन्य राजनैतिक या आर्थिक षिकायतों का निपटारा षांति पूर्ण तथा संवैधानिक तरीकों से करने के लिए प्रयास करता रहूॅगा।

बाड़मेर, शहीद प्रेमसिंह के परिवार को मिलेंगे समस्त सहायता पैकेज



बाड़मेर, शहीद प्रेमसिंह के परिवार को मिलेंगे समस्त सहायता पैकेज



बाड़मेर, 18 नवंबर। शहीद प्रेमसिंह के परिवार को शहीदांे को मिलने वाली समस्त सुविधाएं एवं सहायता पैकेज बिना किसी भेदभाव तथा व्यवधान के शीघ्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन राज्य एवं केन्द्र सरकार से संपर्क मंे है। राज्य सरकार ने संबंधित बटालियन को पत्राचार के जरिए शहीद प्रेमसिंह से संबंधित दस्तावेज भिजवाने को कहा है।




जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने शहीद प्रेमसिंह के परिवार से मिलकर समस्त सहायता पैकेज संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए है। संबंधित बटालियन से दस्तावेज प्राप्त होते ही सहायता पैकेज संबंधित समस्त निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करवा ली जाएगी। राज्य सरकार ने भी इसके लिए संबंधित बटालियन से आवश्यक पत्राचार किया है। उन्हांेने बताया कि शहीद प्रेमसिंह के परिवार को केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले समस्त लाभ बिना किसी भेदभाव एवं व्यवधान के उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्हांेने बताया कि सोशियल मीडिया पर चल रही शहीद परिवार के साथ भेदभाव संबंधित समस्त खबरंे निराधार है।

बाड़मेर, स्वच्छता अभियान मंे आमजन की भागीदारी जरूरीः द्विवेदी -ग्रामीणांे को स्वच्छता अभियान मंे भागीदारी का संकल्प दिलाया



बाड़मेर, स्वच्छता अभियान मंे आमजन की भागीदारी जरूरीः द्विवेदी

-ग्रामीणांे को स्वच्छता अभियान मंे भागीदारी का संकल्प दिलाया


बाड़मेर, 18 नवंबर। स्वच्छता अभियान मंे आमजन की भागीदारी जरूरी है। हमंे इसमंे मात्र औपचारिता नहीं बल्कि सच्चे दिल से सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। खीपसर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्वच्छ भारत मिशन, केयर्न इंडिया एवं आरडीओ के संयुक्त तत्वावधान मंे आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान डा.यू.वी.द्विवेदी ने यह बात कही।

इस अवसर पर डा.द्विवेदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन देश के लिए बहुत अच्छा अभियान है। उन्हांेने कहा कि हर नागरिक की सहभागिता से ही पूरे देश को स्वच्छ बनाने का सपना साकार हो पाएगा। उन्हांेने कहा कि स्वच्छता समय की मांग है। बिना स्वच्छता अपनाए हम स्वस्थ नहीं रह सकते। खुले में शौच करने से मच्छर, मक्खी पैदा होते हैं। जिससे बीमारियां फैलती है। मच्छर, मक्खी, गंदगी ऊपर बैठकर बीमारियों को जन्म देते हैं। इसलिए हमें खुले में बिलकुल भी शौच नहीं करना चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक पुष्पेन्द्रसिंह सोढ़ा ने कहा कि आमतौर पर गाँवों के घरों में शौचालय नहीं होते हैं और शौच के लिये सभी लोग गाँव के बाहर जाते हैं। इससे गदंगी बढ़ जाती है जबकि शौचालय के इस्तेमाल से स्वच्छता बनी रहती है और बीमारियों की रोकथाम भी सम्भव है। उन्हांेने कहा कि सरकारी प्रयासांे की बदौलत अब लोगांे मंे जागरूकता आ रही है। आरडीओ के राजेश गुप्ता ने कहा कि घर मंे शौचालयांे का निर्माण होने से विशेषकर महिलाआंे को होने वाली समस्याआंे से भी राहत मिल जाती है। उन्हांेने स्वच्छता को आम आदमी की पहली जरूरत बताते हुए कहा कि आमतौर पर भोजन से पूर्व कई बार हाथ धोने की परिपाटी नहीं है। उन्हांेने कहा कि साफ-सफाई और हाथ धोने की आदत नहीं होने से भी बीमारियाँ पनपती हैं। उन्हांेने कहा कि बिना स्वच्छता के अच्छी सेहत की बात करना बेमानी है। उन्हांेने स्वच्छता को आदत बनाने की जरूरत जताई। इस दौरान सरपंच पवनी देवी ने ग्राम पंचायत को खुले मंे शौच से मुक्त कराने का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर आरडीओ के जोगाराम, पूर्व सरपंच जोगाराम जांदू, ग्रामसेवक मंजूदेवी, कनिष्ठ लिपिक उम्मेदाराम, प्रधानाचार्य धोकलाराम समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणांे को नाटक एवं विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियांे के जरिए स्वच्छता का संदेश दिया गया।


उप चुनावों के दिन सार्वजनिक अवकाश के लिए जिला कलक्टर अधिकृत

बाड़मेर, 18 नवंबर। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर 29 नवंबर (मंगलवार) को होने वाले नगरीय निकाय एवं पंचायतीराज संस्थाओं के उप चुनाव के लिए सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए संबंधित जिला कलक्टर को अधिकृत किया है।

राज्य सरकार के आदेशानुसार पुनर्मतदान की स्थिति में जहां पुनर्मतदान होगा, उस मतदान क्षेत्र में भी पुनर्मतदान की तिथि को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए संबंधित जिला कलक्टर को अधिकृत किया है। नगरीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के रिक्त स्थानों के लिए होने वाले उप चुनाव से संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने किसानों को दी राहत
बाड़मेर, 18 नवंबर। पांच सौ एवं हजार के नोट बंद होने के कारण किसानों को खाद-बीज खरीदने में आ रही समस्या दूर करने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देशों पर सहकारिता विभाग ने किसानों को राहत दी है।

सहकारिता विभाग ने व्यवस्था की है कि वे किसान जो ग्राम सेवा सहकारी समिति के ऋणी सदस्य है अब फसली ऋण खाते के माध्यम से खाद-बीज खरीद सकेंगे। ग्राम सेवा सहकारी समिति के अलावा क्रय-विक्रय सहकारी समितियां भी खाद-बीज वितरण की व्यवस्था करेंगी। वे किसान जो ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्य नहीं है अपने बैंक खाते से केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा में राशि जमा कराकर खाद-बीज ले सकते हैं। समिति को खाद-बीज के बराबर राशि एनईएफटी, पे-आर्डर या ड्राफ्ट द्वारा जमा कराई जा सकती है। गैर सदस्य किसान सदस्य किसान की चौक गारंटी से सहकारी समिति से खाद-बीज ले सकते हैं। इसकी सीमा पांच हजार रुपये तक होगी।

गुरुवार, 17 नवंबर 2016

यहां सब्जियों के भाव मिलते हैं स्मार्टफोन!

यहां सब्जियों के भाव मिलते हैं स्मार्टफोन! 
आज कल बच्चे-बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन है। अगर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है तो इसका मतलब वो दुनियादारी से काफी परे है। अगर हमें स्मार्टफोन खरीदना हो तो हम किसी मोबाइल शॉप पर जाते है लेकिन एक एेसी जगह भी है जहां स्मार्टफोन की मार्केट सब्जी मंडी की तरह लगती है। ये ही नहीं बल्कि इनका कीमत भी सब्जियों जितनी ही है। जी हां, यह मार्केट बांग्लादेश में लगती है। यहां स्मार्टफोन एेसे बिकते है जैसे हमारे यहां सब्जी बाजार। बांग्लादेश की मुद्रा है टका और वहां बेसिक फोन आप लगभग 100 टका में खरीद सकते है, जिसकी भारतीय कीमत है सिर्फ 84 रुपए।

यहां सब्जियों के भाव मिलते हैं स्मार्टफोन! (Pix)


बांग्लादेश में लगने वाले इस बाजार में स्मार्टफोन के साथ-साथ मोबाइल एक्सेसरीज भी मिलती है जैसे कि बैटरी, हेडफोन्स, चार्जर और कवर। यह एक्सेसरीज काफी कम कीमत में मिलती है। ज्यादातर आइटम मेड इन चाइना के होते है। यहां बड़े ब्रांड के स्मार्टफोन भी काफी कम कीमत में मिलते है। यहां आई फोन भी आपको सस्ती कीमत में मिल जाएगा। इस बाजार में बिकने वाले फोन यहां तो चोरी के होते है या फिर पुराने होते है। यहां पर कुछ जुगाड़ू फोन भी बेचे जाते है। इस बाजार में और भी कई इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ती कीमत में बेचे जाते है।

लंबी हाइट की लड़कियों को अक्सर सुनती पड़ती हैं ये बातें

 लंबी हाइट की लड़कियों को अक्सर सुनती पड़ती हैं ये बातें 

लंबी हाइट की लड़कियों को अक्सर सुनती पड़ती हैं ये बातें(Pix)
छोटी हाइट की लड़कियां को हमेशा लगता है कि लंबी हाइट के कई फायदे होते हैं। यही नहीं उनका मानना है कि एेसी लड़कियों को लड़के बहुत पसंद करते है। अगर यही बात आप किसी लंबी हाइट वाली लड़की से पूछ कर देखे तो आपको पता चले कि इनको भी अपनी हाइट के कारण कई समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। लंबी हाइट की लड़कियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बताते है कि लंबी हाइट की लड़कियों को कैसी बातें सुननी पड़ती हैं।




1. किसी फंक्शन पर अगर रिश्तेदार मिल जाएं तो वो कहेंगे, बेटा तेरे लिए लड़का कैसे मिलेगा?




2. अगर कहीं लंबी हाइट वाली लड़की ने हील्स पहन ली तो दोस्त कहेंगे, यार तुझे हील्स पहनने की क्या जरूरत है?




3. यही नहीं कई लोग देखकर बोलते है कि इसके तो बच्चे भी लंबे ही होंगे।




4. वहीं दूसरी लड़कियों का सोचना होता है कि इस लड़की के बॉयफ्रेंड की हाइट तो 7 फीट होगी।




5. अगर किसी भीड़ में आप आगे खड़े है तो आपकी दोस्त कहते है कि यार थोड़ा नीचे हो न मुझे कुछ दिखाएं नहीं दे रहा।




6. इसके अलावा दोस्तों का कहना होता है, यार जब सभी खड़े होते है तो तू बैठ जाया कर।




7. लंबी हाइट वाली गर्ल्स को देखकर अक्सर लोग कहते हैं, बेटा बचपन में क्या खाया था?




8. कॉलेज में लड़कियां लॉन्ग हाइट वाली गर्ल को कहती है कि यार तेरी ड्रेस छोटी नहीं है।

iबच्चे को एलर्जी होने पर अपनाएं ये तरीके!

iबच्चे को एलर्जी होने पर अपनाएं ये तरीके! 

मौसम बदल गया हैं। एेसे में बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों में छोटे बच्चों को एलर्जी हो जाती है। बच्चों को रैशेज, आंखों नें पानी आना, नाक बहना और छींक आदि की एलर्जी हो जाती है। एलर्जी होने के पीछे कई कारण हो सकते है। कई बार बच्चों को एलर्जी बड़ों से भी हो जाती है। आज हम आपको बताते है कि बच्चे को एलर्जी होने पर क्या करना चाहिए।

बच्चे को एलर्जी होने पर अपनाएं ये तरीके!(Pix)


1. बच्चों में एलर्जी के लक्षण बहुत जल्दी दिखने लग जाते हैं। अगर आपको लगता है कि अापके बच्चे की आंखों में पिछले कुछ दिनों से पानी आ रहा है तो डॉक्टर से चैकअप करवाएं।




2. बच्चे को एलर्जी होने पर डॉक्टर की दी हुई इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें। बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल करें।




3. बच्चे के कमरे को अच्छी तरह से साफ रखें। उनकी सोने की जगह और खेलने की जगह भी साफ होनी चाहिए।




4. घर में नमी न आने दें। अगर आपके घर में कोई पालतू जानवर है तो उसे बिस्तर पर चढ़ने पर रोके।

यहां शादी से पहले लड़कियां होती हैं प्रैग्नेंट!

 यहां शादी से पहले लड़कियां होती हैं प्रैग्नेंट! 


हम अक्सर देखते है कि अगर लड़की शादी से पहले प्रैग्नेंट हो जाएं तो उसे गलत माना जाता है। एेसी लड़की के परिवार वालों से लोग रिश्ता तोड़ लेते है। लड़की और उसके परिवार को समाज की कई बातें सुनने को मिलती हैं। लोग एेसे परिवार को देखना भी पसंद नहीं करते लेकिन हमारे देश में एक एेसी जनजाति भी है जहां लड़कियां शादी से पहले मां बनती है और फिर उनकी शादी होती हैं।

यहां शादी से पहले लड़कियां होती हैं प्रैग्नेंट! (Pics)


दरअसल, पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी के टोटोपड़ा कस्बे में टोटो जनजाति निवास करती है। यहां के लोगों की अपनी अलग परंपरा है। यहां लड़कियों की शादी मां बनने के बाद की जाती हैं। इस परंपरा के मुताबिक लड़का अपनी पसंद की लड़की को घर से भगाता है। इसके बाद लड़की एक साल तक लड़के के साथ उसके घर पर रहती है। इस दौरान अगर लड़की मां बनती है तो उसकी शादी उस लड़के के साथ करवा दी जाती है। वहीं अगर लड़की मां नहीं बन पाती और लड़का-लड़की अलग होना चाहते हैं तो एेसे जोड़े को इस संबंध से मुक्ति पाने के लिए सुअर की बलि देनी पड़ती है। शादी के बाद, अगर कोई लड़का या लड़की शादी तोड़ना चाहता है तो उसे विशेष महापूजा का आयोजन करना पड़ता है। आपको बता दें कि इस जनजाति की संख्या बहुत कम है। संख्या कम होने के कारण यहां के लोग एेसे नियम बनाते है ताकि उनके लोग एक दूसरे से बंधे रहे।

सुहागरात के दिन घूंघट उठाते ही इस दूल्हे के उड़ गए होश

सुहागरात के दिन घूंघट उठाते ही इस दूल्हे के उड़ गए होश

सुहागरात के दिन घूंघट उठाते ही इस दूल्हे के उड़ गए होश
बरेली: यहां सुहागरात के दिन जो सनसनीखेज खुलासा हुआ उससे लड़के के अरमानों की धज्जियां उड़ गईं। वह बड़े अरमानों से शादी करके दुल्हन को अपने घर लाया था लेकिन जब सुहागरात के दिन उसने दूल्हन का चेहरा देखने के लिए घूंघट उठाया तो उसके होश उड़ गए। दरअसल, युवक ने जिस लड़की के साथ शादी की थी वो लड़की नहीं किन्नर निकली। सच्चाई सामने आने के बाद परिवार में हड़कंप मच गया।




8 अप्रैल को सीबीगंज थाना क्षेत्र के महेशपुर अटरिया के रहने वाले हरीओम की बारात सुभाषनगर के मढ़ीनाथ गई थी जहां पर धूमधाम से शादी की सारी रस्में अदा की गई और 29 अप्रैल को लड़की विदा हो गई। ससुराल पहुंचने पर रस्म आदायगी के बाद सुहागरात के दिन जब लड़के ने अपनी दुल्हन का घूंघट उठाया तो उसने देखा कि ये तो किन्नर है। लड़के ने कमरे के बाहर आकर सारी बात परिवार को बताई। जब लड़के के परिजनों ने लड़की पक्ष से आपत्ति जताई तो लड़की पक्ष अपनी दूसरी नाबालिग लड़की से शादी करने की बात कहने लगा। लेकिन लड़का पक्ष ने बात नहीं मानी और गुरूवार को एसपी सिटी से मामले की शिकायत की।

लव मैरिज के बाद पति ने बनाए अप्राकृतिक शारीरिक संबंध, लड़की बोली...

लव मैरिज के बाद पति ने बनाए अप्राकृतिक शारीरिक संबंध, लड़की बोली...

लव मैरिज के बाद पति ने बनाए अप्राकृतिक शारीरिक संबंध, लड़की बोली...
भटिंडा: एक लड़की की लव मैरिज के बाद उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने तथा दहेज के लिए प्रताडि़त करने के आरोपों में पुलिस ने उसके पति व अन्य ससुरालियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महिमा सरजा निवासी उक्त विवाहिता ने बताया कि उसने कुछ माह पहले ही मंगल सिंह निवासी भटिंडा के साथ लव मैरिज की थी। उसने बताया कि शादी के बाद उसका पति उसके साथ अप्राकृतिक शारीरिक संबंध बनाता रहा। उसकी मर्जी के खिलाफ उसने लगातार उसका शारीरिक शोषण किया।




यही नहीं उसकी सास कुलदीप कौर, ननद सुरिंद्र कौर व सिमरन कौर ने उसे दहेज के लिए भी प्रताडि़त किया व 1 लाख रुपए की मांग की। उसके इंकार करने पर उक्त लोगों ने उससे मारपीट की। पुलिस ने शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विवाहिता के पति मंगल सिंह व अन्य ससुरालियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है व अगली कार्रवाई की जा रही है।

दहेज के लिए कर चुका ता 3 शादियां अब चौथी की तैयारी में था पति

  दहेज के लिए कर चुका ता 3 शादियां अब चौथी की तैयारी में था  पति


राहो(प्रभाकर) : गांव भारटा खुर्द की एक महिला के साथ धोखे से तीसरी शादी करवाने वाले दहेज लोभी 7 ससुरालियों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

  दहेज के लिए कर चुका ता 3 शादियां अब चौथी की तैयारी में था  पति


गांव भारटा खुर्द की रहने वाली सतनाम कौर पत्नी जसपाल सिंह ने पुलिस को बयान दर्ज करवाए थे कि उसकी शादी 25 फरवरी 2015 को जसपाल सिंह के साथ हुई थी। शादी के एक माह बाद उसके ससुराली दहेज व नकदी की मांग को लेकर उससे दुर्व्यवहार करने लग पड़े। इसी दौरान उसे पता चला कि जसपाल सिंह पहले भी कुलदीप कौर व मनप्रीत कौर से शादी कर चुका है। उसने इन दोनों को डेढ़ वर्ष के भीतर ही घर से निकाल दिया। वह दहेज की मांग को लेकर उससे मारपीट कर घर से निकालना चाहता।

ए.एस.आई. मनोहर लाल ने बताया कि सतनाम कौर के बयानों पर ससुराल के 7 मैम्बर, पति जसपाल सिंह, ससुर अवतार सिंह, देवर चरण सिंह, ननद बलजीत कौर, ननदोई जरनैल सिंह, दूसरी ननद सुखविंद्र कौर, ननदोई सतनाम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

विदेश जाने के लिए रचाई शादी,जब पति न्यूजीलैंड पहुंचा तो कारनामा अाया सामने

विदेश जाने के लिए रचाई शादी,जब पति न्यूजीलैंड पहुंचा तो कारनामा अाया सामने
विदेश जाने के लिए रचाई शादी,जब पति न्यूजीलैंड पहुंचा तो कारनामा अाया सामने

फिरोजपुरः पंजाब में अब तक एन.आर.आई दूल्हों द्वारा शादी के बाद अपनी दुल्हन को छोड़ने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन जिले के एक गांव में उलटा ही मामला सामने अाया है। एक युवती ने न्यूजीलैंड जाने के लिए पहले एक युवक से शादी रचाई और फिर वहां जाने के बाद पति के साथ रहने से इन्कार कर दिया। इस धोखे से परेशान पति की शिकायत पर थाना सदर जीरा पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। पूरे मामले में दुल्हन के माता-पिता की मिलीभगत भी बताई जाती है।

यह पूरी कहानी बेहद दिलचस्प और चौंकाने वाली है। हुआ यूं कि लड़की के माता-पिता ने कहा था कि उसकी बेटी की स्टडी वीजा मंजूर है अौर वे उसकी उसे विदेश भेजने से उसकी शादी कराना चाहते हैं। लड़की उस लड़के से शादी करेगी जो उसक साथ विदेश में रहना चाहता हो। एक बार विदेश पहुंचे कर वह पति को भी वहां बुला लेगी। लड़की और परिवार वालों की बातों में गांव महीया कलां का अवतार सिंह फंस गया और धोखे का शिकार हो गया।



अवतार सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी 2013 में गांव शाहवाला की रहने वाले अंग्रेज सिंह की बेटी राजविंदर कौर के साथ हुई। शादी के समय लड़की के पिता ओर परिजनों ने कहा कि लड़की न्यूजीलैंड जाना चाहती है और वह वहां पढ़ाई व काम करना चाहती है। वहां पहुंच कर वह पति काे भी बुला लेगी और दोनों वहीं रहेंगे। अवतार भी विदेश जाकर कमाना चाहता था, इसलिए शादी पर सहमति बन गई।

अवतार ने बताया कि उनके परिवार व उसके ससुराल पक्ष की आपसी सहमति बनी कि राजविंदर कौर के विदेश जाने का सारा खर्च उसका परिवार उठाएगा। शादी के बाद ससुराल वालों ने उसे जनवरी 2015 में न्यूजीलैंड भेज दिया। इसमें करीब 15 लाख रुपए खर्च आए। इतना ही नहीं ससुराल वालों ने राजविंदर के न्यूजीलैंड में रहने का इंतजाम भी कर दिया गया। बाद में राजविंदर स्टडी व वर्क वीजा पर न्यूजीलैंड पहुंच गई और वहां पति की एक रिश्तेदार वीरपाल कौर के यहां रहने लगी।




अवतार का कहना है कि बाद में वह पत्नी के साथ रहने के लिए न्यूजीलैंड पहुंच गया। उसने इस बारे में पत्नी को भी बता दिया था। वहां पहुंचने पर पत्नी न तो हवाई अड्डे उसे लेने आई और न ही अपने रहने के ठिकाने के बारे में बताया। इसके बाद उसने वीरपाल को फोन किया तो उसने अपने साथ काम करने वाले एक व्यक्ति को उसे लेने भेजा।

अवतार सिंह के अनुसार, वीरपाल के यहां वह पहुंचा तो कुछ दिन बाद उसकी पत्नी राजविंद वहां से कहीं और जाकर रहने लगी और इसके बाद उसके बारे में कुछ पता नहीं चला। कुछ दिन इंतजार करने के बाद वह वापस भारत आ गया। इसके बाद उसने ससुराल वालों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

एस.एस.पी. ने मामले की जांच का जिम्मा पुलिस के उच्च अधिकारी को सौंपा। आरोप सही पाए जाने पर जांच अधिकारी ने थाना सदर को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की। थाना सदर जीरा पुलिस ने राजविंदर कौर, उसके पिता अंग्रेज सिंह व उसकी मां मनपीत कौर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। अभी तक कसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

सुहागरात के दिन पति ने दुल्हन संग की ऐसी खतरनाक हरकत कि चींखे सुन आ गए पड़ोसी

सुहागरात के दिन पति ने दुल्हन संग की ऐसी खतरनाक हरकत कि चींखे सुन आ गए पड़ोसी

सुहागरात के दिन पति ने दुल्हन संग की ऐसी खतरनाक हरकत कि चींखे सुन आ गए पड़ोसी
आगरा: यहां से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने एक बार फिर इंसानियत फर्ज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला आगरा के शाहगंज थाना क्षेत्र का है। यहां एक दूल्हे ने सुहागरात पर दुल्‍हन से अननेचुरल सेक्‍स करने की कोशि‍श की और विरोध करने पर चाकू मारकर लहूलुहान कर दिया। पति के खतरनाक हमले के बाद लड़की ने चीखना शुरू कर दिया, जिसके बाद पड़ोसी एकत्र हो गए। लड़की न्यू आगरा क्षत्र के एक बिजनेसमैन की है जिसकी शादी 7 नवंबर को ट्रांसपोर्टर रितेश अरोड़ा से हुई थी।




लड़की ने शाहगंज थाने में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि दूल्हे ने शादी में जयमाला के बाद दूल्‍हे ने होंडा सिटी की डि‍मांड की थी। शादी में 24 लाख रुपए खर्च के बाद भी लड़के वालों की डि‍मांड बढ़ती गई। मेरे मां-बाप ने जब डि‍मांड पूरी करने में असमर्थता जताई तो उसने विदाई के लिए मना कर दिया। काफी मान-मनौव्‍वल और बातचीत के बाद दूल्‍हे का परिवार माना और मुझे विदा करके ले गए।




लड़की ने बताया कि सुहागरात पर पहले तो कमरे में देवर घुस आया और अश्‍लील हरकत करने लगा। जब मैंने उसका विरोध किया तो उसने मेरी पिटाई कर दी। मैंने शोर मचाया तो वो वहां से भाग निकला। रात करीब 9 बजे पति शराब पीकर कमरे में आया और मेरे कुछ बोलने से पहले मेरे साथ जबरदस्‍ती अननेचुरल सेक्‍स की कोशि‍श करने लगा। मैंने विरोध किया तो उसने मुझे चाकू मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। जब मैंने शोर मचाया तो सास-ससुर आ गए। मेरी शि‍कायत पर भी उन्‍होंने अपने बेटे का साथ देते हुए मेरी पिटाई कर दी। वहीं आईजी सुजीत पांडेय ने पीडि़‍त परिवार को मदद का आश्‍वासन देते हुए जांच कर कार्रवाई की बात कही है।

इस विवाहिता की हरकत ने चक्करों में डाला पूरा परिवार (

इस विवाहिता की हरकत ने चक्करों में डाला पूरा परिवार 

इस विवाहिता की हरकत ने चक्करों में डाला पूरा परिवार (देखें तस्वीरें)
फिल्लौर(भाखड़ी): पराए मर्दों के संपर्क में आकर कभी अपने माता-पिता व पति के साथ धोखा कर घर से भागने वाली विवाहिता की अजब कहानी सामने आई है।



प्रेमी ने रुपए लेकर बेच दिया था किसी और को

इसका खुलासा आज एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर लड़की के पिता मलकीत सिंह व पति हरीकेश सिंह ने किया। उसके पति ने बताया कि वह नजदीकी गांव मौ साहिब का रहने वाला है और पेंटर का कार्य करता है। 3 वर्ष पहले वह अपनी बहन से मिलने मोगा गया तो वहां बस स्टैंड के समीप उसे 27 वर्षीय लड़की रोती हुई मिली। उसने अपना नाम बख्शो और लुधियाना के गांव मुंडिया की रहने वाली बताया। महिला ने बताया कि वह जिस लड़के के साथ प्रेम करती थी उससे शादी करवाने के लिए घर से भाग गई परंतु उसी लड़के ने उससे शादी करने की बजाय उसे आगे रुपए लेकर दूसरे व्यक्ति के पास बेच डाला। जिसके चंगुल से वह बड़ी मुश्किल से भाग कर यहां तक पहुंची है। वह एक अच्छे घर की लड़की है।




अच्छे घर की लड़की समझ हरीकेश ने किया विवाह

हरीकेश ने बताया कि लड़की की बात सुनकर उसका दिल पसीज गया। हरीकेश ने बताया कि तब कुंवारा था और उसे अपने घर ले आया। यहां रिश्तेदारों को बुलाकर उसने पूरे रीति-रिवाजों के साथ उसके साथ विवाह करवा लिया। शादी के बाद उसके घर लड़का हुआ जो अब 2 वर्ष का है। उसकी पत्नी ने शादी से पहले उसे बताया था कि उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है और उसका कोई भाई-बहन भी नहीं है। शादी के डेढ़ वर्ष बाद उसके माता-पिता एक दिन अचानक उनके सामने आ गए। जब उन्होंने अपनी बेटी की प्रेमी संग भागने की कहानी सुनी तो उनका भी दिल पसीज गया और उन्होंने उसकी गलती को माफ कर उसको दोबारा बेटी के रूप में स्वीकार कर लिया।

गैर मर्द के चक्कर में पड़कर घर से भागी

उसके घर में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था परंतु 2 सप्ताह पहले अचानक उसकी पत्नी बख्शो अपने बेटे को छोड़ कर घर से गायब हो गई, जिसकी उसने पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज करवाई। हरीकेश ने अपने ससुर मलकीत के साथ मिलकर उसकी हर तरफ तलाश की परंतु आज तक उसका कहीं से भी कोई सुराग नहीं मिला। 5 रोज पहले उसे पता चला कि उसकी पत्नी का दोबारा किसी और व्यक्ति के साथ चक्कर चल गया था जिस कारण वह उसे तथा अपने 2 वर्ष के बच्चे को छोड़कर उसके साथ भाग गई। लड़की के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की इन हरकतों का पछतावा है।

पति ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर किया पत्नी का यह हाल

पति ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर किया पत्नी का यह हाल  



तरनतारनः गांव ड्याल राजपूत में कलयुगी पति ने अपनी पत्नी को ऐसा दर्द दिया, जिसे सुनकर हर एक महिला यही दुआ करेगी कि उसका पति ऐसा न हो। दरअसल, तरनतारन के गांव ड्याल राजपूत थाना सदर की हरविन्दर कौर के पति अंग्रेज सिंह ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसके साथ अश्लील हरकतें की।




पति के सामने दोस्तों ने कीं पत्नी से अश्लील हरकतें

अपने साथ हुई शर्मनाक हरकतों को बयान कर रही हरविन्दर कौर ने बताया कि वह अपने घर जा रही थी कि रास्ते में उसका पति उसे खेतों में ले गया और फिर उसे एक मोटे रस्से के साथ बांध दिया। इसके बाद अंग्रेज और उसके दोस्तों ने मिलकर हरविन्दर के साथ अश्लील हरकतें की। आरोपियों ने उसका इतना बुरा हाल कर दिया कि देखने वाले की रूह भी कांप जाए। यह सब कुछ देख कर कुछ लोगों ने हरविन्दर के मायके वालों को सूचित किया, जिन्होंने मौके पर पहुंच कर अपनी लड़की की जान बचार्इ और पुलिस को इस घटना के बारे सूचित किया। परिवार वालों ने जब खेतों में जाकर देखा और हरविंदर रस्सी के साथ बंधी हुर्इ थी, उसकी हालत गंभीर बनी हुर्इ थी। हरविंदर के परिवार वालों ने सारी घटना अपने मोबाइल में वीडियो बनाकर रिकार्ड कर ली, जिस दौरान हरविंदर की गंभीर हालत का पता लगता है। हरविंदर को तरनतारन के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है।




पति के अकाली दल से संबंध

पुलिस ने हरविन्दर के पति और उसके कुछ दोस्तों को पकड़ लिया है और मामला भी दर्ज कर लिया है लेकिन हरविन्दर की तरफ से दिए गए बयान में हेर-फेर किया गया है। हरविन्दर का पति उससे तलाक की मांग कर रहा है, जिस कारण उसने यह सारी घटना को अंजाम दिया। पीड़िता हरविन्दर ने मीडिया को देते हुए कहा कि ईश्वर कभी भी किसी को ऐसा पति न दे, मैं मांग करती हूं कि अंग्रेज सिंह और उस के दोस्तों को सख्त से सख्त सज़ा मिले जिससे कोई भी पति अपनी पत्नी के साथ ऐसा न करे। दूसरी तरफ़ पीड़िता के पिता ने कहा कि दामाद अंग्रेज के संबंध अकाली दल के साथ हैं, जिस कारण आरोपी अभी तक बचे हुए हैं।

इस महिला को है अपने पति से एेलर्जी

इस महिला को है अपने पति से एेलर्जी


वॉशिंगटन: दुनियाभर में कई एेसे लोग हैं जिन्हें कई चीजों से एेलर्जी होती हैं लेकिन ये एेसी महिला है जिसे अपने पति से ही एलर्जी है । सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेंगा लेकिन ये बात यच है।


इस महिला को है अपने पति से एेलर्जी

'द इंडिपेंडेंट' की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका में रहने वाली जोहाना वॉटकिन्स बीते एक साल से अपने बेडरूम में ही कैद होकर रह गई है।दरअसल महिला मास्ट सेल ऐक्टिवेशन सिंड्रॉम(एमसीएएस) से पीड़ित है।इस बीमारी की वजह से उसे लगभग हर चीज से ऐलर्जी है।जैसे धूल,खाना,तमाम तरह के कैमिकल्स तक से ऐलर्जी है।जोहाना के पति ने अपनी पत्नी के लिए एक 'सेफ जोन' बनाया है, जहां खिड़कियां बंद रहती हैं, धूप नहीं आती और रूम को प्लास्टिक से कवर कर दिया गया है।इस बीमारी में मरीज को इंसान के शरीर की गंध से भी एलर्जी होने लगती है।




ऐसे में जोहाना का पति भी उसके करीब नहीं आ सकता हैं।सिर्फ डॉक्टर के पास चैकअप करवाने के लिए ही जोहाना अपने बेडरूम से बाहर निकलती हैं।हालांकि एमसीएएस से पीड़ित अधिकतर लोगों का इलाज हो जाता है लेकिन जोहाना का मामला अलग है।लेकिन फिर भी जोहाना और उनके पति स्कॉट को उम्मीद है कि एक दिन जोहाना ठीक हो जाएंगी।

जालोर 19 से 25 नवम्बर तक होगा कौमी एकता सप्ताह का आयोजन

जालोर  19 से 25 नवम्बर तक होगा कौमी एकता सप्ताह का आयोजन


जालोर 17 नवम्बर - जिले में 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक कौमी एकता सप्ताह मनाया जायेगा जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक ‘‘कौमी एकता सप्ताह’’ (राष्ट्रीय अखण्डता सप्ताह) मनाया जायेगा जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। उन्होनें बताया कि जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी को सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जिम्मेदारी दी गई है वही सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों, विकास अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सप्ताह के दौरान निर्धारित कार्यक्रमों का आयोजन करें।
उन्होनें सप्ताह के दौरान निर्धारित कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि 19 नवम्बर राष्ट्रीय अखण्डता दिवस के रूप में मनाया जायेेगा जिसमें धर्मनिरपेक्षता, साम्प्रदायिकता विरोधी और अहिंसा सम्बन्धी विषयों पर आधारित बैठके, विचार गोष्ठियां और सेमीनार आयोजित किये जायेंगे वही 20 नवम्बर अल्पसंख्यक कल्याण दिवस के रूप मंे मनाया जायेगा जिसमें 15 सूत्राी कार्यक्रम पर जोर दिया जायेगा जबकि 21 नवम्बर को प्रातः 11.00 बजे कलेक्ट्रेट सहित विभिन्न कार्यालयों में देश की एकता एवं अखण्डता के लिए अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा शपथ ग्रहण करवाई जायेगी वही इसी दिन भाषाई सद्भावना दिवस पर साहित्यिक समारोहों और कवि सम्मेलनों का आयोजन किया जायेगा। उन्होने बताया कि इसी प्रकार 22 नवम्बर कमजोर वर्ग दिवस के रूप मंे मनाया जायेगा जिसमें विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति तथा कमजोर वर्ग के लोगों को सहायता कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार एवं बैठकें आदि की जायेगी।
उन्होंने बताया कि 23 नवम्बर सांस्कृतिक एकता दिवस के रूप में मनाया जायेगा जिसमें विविधता में एकता की भारती परम्परा को प्रस्तुत करने और संस्कृति संरक्षण तथा अखण्डता को बढावा देने के लिए सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन किया जायेगा वही 24 नवम्बर महिला दिवस के रूप में मनाया जायेगा जिसमें भारतीय समाज में महिलाओं के महत्व और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को उजागर किया जायेगा जबकि 25 नवम्बर संरक्षण दिवस के रूप मंे मनाया जायेगा जिस पर पर्यावरण सुरक्षित रखने के प्रति जागरूकता बढाने की आवश्यकता पर बल देने के लिए बैठकों और समारोहों का आयोजन किया जायेगा।
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गुरूवार को एक भी नामांकन नही, शुक्रवार को नामांकन प्रस्तुति का अन्तिम दिन
जालोर 17 नवम्बर - जिले में जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रा संख्या 31 के उप चुनावों के नाम निर्देशन प्रक्रिया के तहत गुरूवार को एक भी नामांकन पत्रा प्रस्तुत नही हुआ वही 18 नवम्बर को मध्यान्ह 3.00 बजे तक नाम निर्देशन पत्रा प्रस्तुत किये जा सकेगें।
जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) एवं रिटर्निग आफिसर अनिल गुप्ता ने बताया कि जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रा संख्या 31 (अजा महिला) के लिए 29 नवम्बर को उप चुनाव करवाये जायेगे जिसके लिए 18 नवम्बर,2016 को मध्यान्ह 3.00 बजे तक नामजदगी का पर्चा दाखिल किया जा सकेगा। उन्होनें बताया कि अब तक एक अभ्यर्थी के 2 नामांकन पत्रा प्रस्तुत हुए है।
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मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 18 को
जालोर 17 नवम्बर - जिले के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 18 नवम्बर को तथा अन्तिम प्रकाशन 16 जनवरी 2017 को किया जायेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी(कलेक्टर) अनिल गुप्ता ने बताया कि राज्य निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अर्हता तिथि 1 जनवरी, 2017 के सन्दर्भ में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है जिसके तहत संशोधित कार्यक्रम के अन्तर्गत 18 नवम्बर शुक्रवार को मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन किया जायेगा वही 9 दिसम्बर तक दावे एवं आपत्तिया प्राप्त की जायेगी जबकि 26 नवम्बर एवं 3 दिसम्बर(शनिवार) को मतदाता सूचियों के सम्बन्धित भाग की प्रविष्ठियों का ग्रामसभा व स्थानीय निकाय एवं आवासीय वेलफेयर सोसायटी के साथ बैठक आयोजित की जाकर पठन एवं सत्यापन का कार्य किया जायेगा। उन्होने बताया कि इसी प्रकार 27 नवम्बर एवं 4 दिसम्बर रविवार को राजनैतिक दलों के बूथ स्तरीय अभिकत्र्ताओं के साथ दावें एवं आपत्तियों के आवेदन पत्रा प्राप्त किये जायेगें जबकि 26 दिसम्बर सोमवार तक को दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण एवं 10 जनवरी, 2017 तक डेटाबेस अपडेट करना, फोटोग्राफ मर्ज करना, कन्ट्रोल टेबलेस को अपडेट करना एवं पूरक की तैयारी व मुद्रण आदि का कार्य किया जाकर 10 जनवरी, 2017 सोमवार को मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन किया जायेग।
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राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न
जालोर 17 नवम्बर - मतदाता सूचियों के संशोधित विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम की जानकारी दिये जाने के लिए राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों व प्रतिनिधियों की बैठक गुरूवार को सांयकाल सम्पन्न हुई जिसमें उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम की जानकारी दिये जाने के साथ ही अभियान में यथेष्ट सहयोग दिये जाने का आग्रह किया गया।
सहायक निर्वाचन अधिकारी प्रहलाद सहाय नागा ने बताया कि गुरूवार को राजनैतिक दलों को मतदाता सूचियों के संशोधित विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की जानकारी दिये जाने के लिए बैठक सम्पन्न हुई जिसमें उन्हें भारत निर्वाचन आयोग एवं राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम की जानकारी दी गई। बैठक में आई.एन.सी. के शहजाद अली, भारतीय जनता पार्टी के मंगलसिंह राजपुरोहित व नाथू सिंह बालावत एवं भाकपा के जगदीश गोदारा आदि उपस्थित थें।
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aजालोर 17 नवम्बर - श्री कान्हड़देव सोनगरा कृषि उपज मण्डी समिति जालोर के आम चुनाव के लिए अस्थाई मतदाता सूची का अस्थायी प्रकाशन किया जाकर आपत्तियां आमन्त्रिात की गई हैं।
कृषि उपज मण्डी समिति जालोर के प्राधिकृत अधिकारी व जालोर उपखण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान कृषि उपज मण्डी नियम 1953 के उपबन्धों के अनुसार मतदाता सूची तैयार कर कृषक वर्ग के 6 वार्ड एवं व्यापारी वर्ग के 1 वार्ड के चुनाव के लिए मतदाता सूची का प्रकाशन 15 नवम्बर को किया गया जिसकी प्रति निर्वाचन प्राधिकारी, कृषि उपज मण्डी समिति जालोर के कार्यालय, आहोर व जालोर पंचायत समिति तथा सायला के कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं तथा व्यापारी व दलालों की मतदाता सूची गौण मण्डी कार्यालय एवं व्यापार संघ जालोर व सायला में निरीक्षण के लिए उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों में किसी प्रकार की आपत्तियां व सुझाव 18 नवम्बर से 2 दिसम्बर को सायं 5 बजे तक प्रस्तुत किये जा सकेगे तथा इसके पश्चात् प्राप्त होने वाली आपत्ति व सुझाव पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया जायेगा।
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मदरसों में कक्षा 5 एवं कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षाओ के लिए यूजर आईडी एवं पासवर्ड शिक्षा विभाग से शीघ्र प्राप्त करे



जैसलमेर ग्रामदानी ग्राम जांवध जूनी के ग्राम सभा की कार्यपालिका समिति के 19 नवंबर को होने वाले निर्वाचन के लिए मतदान केन्द्र स्थापित

जैसलमेर, 17 नवंबर। जिला कलक्टर मातादीन शर्मा ने एक आदेष जारी कर जिलें के ग्रामदानी ग्राम जांवधजूनी के ग्राम सभा की कार्यपालिका समिति के सदस्यों के 19 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए मतदान केन्द्र घोषित किया है। आदेष के अनुसार राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जांवधजूनी के कमरा नं. 2, 3, 5 व 6 में मतदान केन्द्र स्थापित किया गया है। इसमें कमरा नम्बर 2 में स्थापित मतदान केन्द्र पर मतदाता क्रम संख्या 01 से 163 तक के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगें। इसी प्रकार कमरा नम्बर 3 में 164 से 304, कमरा नम्बर 305 से 450 तथा कमरा नम्बर 6 में 451 से 615 मतदाता क्रम संख्या के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगंे।

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ग्रामदानी गांवों के ग्राम सभाओं के अध्यक्षों एवं कार्यपालिका समितियों के मतदान के लिए फोटो युक्त 19 दस्तावेज मान्य होंगंे
जैसलमेर, 17 नवंबर। जिला कलक्टर मातादीन शर्मा ने एक आदेष जारी कर जिलें के ग्रामदानी ग्रामों के ग्राम सभाओं के अध्यक्षों एवं ग्राम सभा की कार्यपालिका समिति के निर्वाचन के लिए ग्राम सभा के रजिस्टर्ड सदस्यों(मतदाताओं) के द्वारा मतदान दिवस को मतदान के लिए मतदाताओं को मतदान अधिकारियों को अपनी पहचान के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई निर्वाचक अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो उसे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 19 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए मान्य है।

जिला कलक्टर द्वारा जारी आदेष के अनुसार पहचान प्रस्तुत करने के लिए निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त राषनकार्ड, गरीबी रेखा से नीचे के फोटोयुक्त फैमिली कार्ड, फोटोयुक्त महानरेगा पारिवारिक नौकरी प्रमाण-पत्र कार्ड,फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड, स्वतंत्रता सैनानी फोटोयुक्त पहचान पत्र, फोटोयुक्त पेेंषन दस्तावेज जैसे भूतपूर्व सैनिक पंेषन बुक/ पंेषन अदायगी आदेष/ भूतपूर्व सैनिक विधवा/ आश्रित प्रमाण पत्र/ वृद्वावस्था, विधवा पेंषन आदेष, फोटोयुक्त जाति प्रमाण पत्र, मूलनिवास प्रमाण पत्र, छात्र पहचान पत्र, शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाईसेन्स, फोटोयुक्त संपति दस्तावेज जैसे पट्टे, रजिस्टर्ड डीउ आदि, सार्वजनिक क्षेत्रों के बंैकों/डाकघर द्वारा जारी फोटायुक्त पासबुक, किसान पासबुक, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटो पहचान पत्र, आयकर पहचान पत्र, पासपोर्ट, फोटोयुक्त शस्त्र लाईसेन्स, जैसलमेर तहसील के मतदाताओं के लिए भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत जारी बहुउद्देषीय पहचान पत्र, आधार कार्ड वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में मान्य हांेगें।

परिवार के मुखिया को जारी उपर्युक्त दर्षाए गए निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सहित पहचान के वैकल्पिक दस्तावेजो के आधार पर केवल परिवार के मुखिया को अपने अन्य पारिवारिक सदस्यों की पहचान करने की अनुमति दी जायेगी बषर्ते सभी सदस्य उसके साथ आएं तथा परिवार के मुखिया द्वारा उनकी पहचान स्थापित हो सकें।

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मदरसों में कक्षा 5 एवं कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षाओ के लिए

यूजर आईडी एवं पासवर्ड शिक्षा विभाग से शीघ्र प्राप्त करे
जैसलमेर,17 नवम्बर । सचिव राजस्थान मदरसा बोर्ड जयपुर के आदेशानुसार राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर मदरसों में अध्ययनरत कक्षा 5 एवं कक्षा 8 के विधार्थियों की परीक्षाएं बोर्ड स्तर करवाये जाने के लिए आवेदन भरवाये जाने के लिए जिन मदरसों को शिक्षा विभाग द्वारा यूजर आईडी एवं पासवर्ड जारी नही किये गये है। वे सदर/सचिव एवं शिक्षा सहयोगी आवेदन भरकर शिक्षा विभाग से यूजर आईडी एवं पासवर्ड प्राप्त कर सूचना जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय को समय पर देवें।

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सांसद देवजी पटेल ने संसद में उठाया सिंचाई परियोजनाओं का मुद्दा



सांसद देवजी पटेल ने संसद में उठाया सिंचाई परियोजनाओं का मुद्दा

नई दिल्ली, 17 नवम्बर 2016 गुरुवार।


जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने सोलहवीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सिंचाई परियोजनाओं में बजट उपल्बध करवाने का मुद्दा उठाया।

जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल ने लोकसभा में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डाॅ. संजीव कुमार बलियान से प्रश्न करते हुए कहा कि सरकार ने त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रमों (एआईबीपी) के अन्तर्गत देश में कतिपय प्राथमिकता वाली सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की पहली किस्त जारी की गई है? तथा ऐसी परियोनाओं का एवं प्रदान की गई सहायता का राजस्थान सहित राज्य-वार ब्यौरा क्या है साथ ही सरकार द्वारा सभी प्राथमिकता वाली सिंचाई परियोजनाओं संबंधी कार्य को समयबद्ध तरीके से पुर्ण करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

राज्य मंत्री डाॅ. संजीव कुमार बलियान ने सांसद देवजी पटेल के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान राजस्थान राज्य के गंग नहर का पनरूद्धार के लिए राशि 5.1 करोड़ रूपये सहित देश में 44 परियोजनाओं के लिए केंन्द्रीय सहायता की पहली किश्त के रुप में 1654.62 करोड़ रुपए जारी किए गए है,

साथ ही डाॅ. संजीव कुमार बलियान ने बताया कि राज्यों के परामर्श से अभिज्ञात 99 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु एक मिशन स्थापित किया गया है। इन परियोजनाओं के लिए वांछित निधि की व्यवस्था नाबार्ड के माध्यम से की गई है। उसके अलावा इन परियोजनाओं को यथा नियोजित समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए तीसरे पक्ष की निगरानी सहित विभिन्न स्तरों पर आॅनलाईन निगरानी और वास्तविक निगरानी की परिकल्पना की गई हैं।

गुजरात के चुनाव एवं आदिवासी समस्याएं -: रामसिंह राठवा :-सांसद-लोकसभा



गुजरात के चुनाव एवं आदिवासी समस्याएं

-: रामसिंह राठवा :-




गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल सक्रिय हो गये हैं। ये चुनाव जहां भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं वहीं दूसरों दलों को भाजपा को हराने की सकारात्मक संभावनाएं दिखाई दे रही है। पिछले तीन चुनावों से शानदार जीत का सेहरा बांधने वाली भाजपा के लिए आखिर ये चुनाव चुनौती क्यों बन रहे हैं? एक अहम प्रश्न है जिसका उत्तर तलाशना जरूरी है। इस बार गुजरात के इन चुनावों में आदिवासी लोगों की महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका हो सकती है। मैं पिछले चार चुनावों से गुजरात के बड़ौदा एवं छोटा उदयपुर से जुड़े आदिवासी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता रहा हूं। आगामी चुनाव की पृष्ठभूमि में मैं आदिवासी समस्याओं और उनके समाधान में सकारात्मक वातावरण को निर्मित करने की आवश्यकता महसूस करता हूं।

आजादी के सात दशक बाद भी गुजरात के आदिवासी उपेक्षित, शोषित और पीड़ित नजर आते हैं। राजनीतिक पार्टियाँ और नेता आदिवासियों के उत्थान की बात करते हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं करते। आज इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार एवं विकास का जो वातावरण निर्मित होना चाहिए, वैसा नहीं हो पा रहा है, इस पर चिंतन अपेक्षित है। अक्सर आदिवासियों की अनदेखी कर तात्कालिक राजनीतिक लाभ लेने वाली बातों को हवा देना एक परम्परा बन गयी है। इस परम्परा को बदले बिना देश को वास्तविक उन्नति की ओर अग्रसर नहीं किया जा सकता। देश के विकास में आदिवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस भूमिका को सही अर्थाें में स्वीकार करना वर्तमान की बड़ी जरूरत है और इसके लिए चुनाव का समय निर्णायक होता है।

गुजरात में अभी भी आदिवासी दोयम दर्जे के नागरिक जैसा जीवनयापन कर रहे हैं। नक्सलवाद हो या अलगाववाद, पहले शिकार आदिवासी ही होते हैं। नक्सलवाद की समस्या आतंकवाद से कहीं बड़ी है। आतंकवाद आयातित है, जबकि नक्सलवाद देश की आंतरिक समस्या है। यह समस्या देश को अंदर ही अंदर घुन की तरह खोखला करती जा रही है। नक्सली अत्याधुनिक विदेशी हथियारों और विस्फोटकों से लैस होते जा रहे हैं। नक्सली सरकारों को मजबूती के साथ आँख भी दिखा रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों को बाहरी ताकतों से लड़ने की बातें छोड़कर पहले देश की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास और रणनीति बनाना चाहिए। उनके वादे देश को आंतरिक रूप से मजबूत करने के होने चाहिए। केंद्र सरकार आदिवासियों के नाम पर हर साल हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में करती है। इसके बाद भी 7 दशक में उनकी आर्थिक स्थिति, जीवन स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है। स्वास्थ्य सुविधाएँ, पीने का साफ पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए वे आज भी तरस रहे हैं।

गुजरात को हम भले ही समृद्ध एवं विकसित राज्य की श्रेणी में शामिल कर लें, लेकिन यहां आदिवासी अब भी समाज की मुख्य धारा से कटे नजर आते हैं। इसका फायदा उठाकर मध्यप्रदेश से सटे नक्सली उन्हें अपने से जोड़ लेते हैं। सरकार आदिवासियों को लाभ पहुँचाने के लिए उनकी संस्कृति और जीवन शैली को समझे बिना ही योजना बना लेती हैं। ऐसी योजनाओं का आदिवासियों को लाभ नहीं होता, अलबत्ता योजना बनाने वाले जरूर फायदे में रहते हैं। महँगाई के चलते आज आदिवासी दैनिक उपयोग की वस्तुएँ भी नहीं खरीद पा रहे हैं। वे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। अतः गुजरात की बहुसंख्य आबादी आदिवासियों पर विशेष ध्यान देना होगा।

अब जबकि आदिवासी क्षेत्र में भी शिक्षा को लेकर जागृति का माहौल बना है और कुछ शिक्षा के अधिकार का कानून भी आ गया है और यह अपने क्रियान्वयन की तरफ अग्रसर है तो यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि आदिवासी बच्चों की स्थिति में इससे क्या बदलाव आता है। जो पिछले 70 सालों में नहीं आ पाया। आदिवासी समुदाय में बालिका शिक्षा की स्थिति काफी बुरी है। आदिवासी समुदाय में शिक्षा की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल आबादी का 10 प्रतिशत से भी कम प्राथमिक से आगे की पढ़ाई कर पाए हैं। सरकार के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों को इस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका बनानी चाहिए। जैसाकि मेरे संसदीय क्षेत्र छोटा उदयपुर में सुखी परिवार फाउंडेशन के द्वारा गणि राजेन्द्र विजयजी के नेतृत्व में बालिका शिक्षा एवं शिक्षा की दृष्टि से एक अभिनव क्रांति घटित हुई है। लेकिन आदिवासी समुदाय की शिक्षा राज्य एवं केन्द्र सरकार के लिए एक चुनौती का प्रश्न है। आदिवासी समुदाय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाना एवं इसे सुनिश्चित करना जरूरी है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान हमें समग्रता से हल ढूंढना होगा, इसके लिए जरूरी है कि पहले हम उन समस्याओं को सुलझाएं जिनके कारण आदिवासी बच्चों का स्कूलों में ठहराव नहीं हो पा रहा है, उनका नामांकन नहीं हो पा रहा, पाठशाला से बाहर होने की दर, खासकर लड़कियों में लगातार बढ़ती जा रही है। बच्चे घरों में, होटलों या ढाबों पर या खेतों के काम कर रहे हैं। कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनका हल हमें समस्या की जड़ तक ले जाएगा। इससे निपटने के लिए समाज, राज्य एवं केन्द्र को सघन प्रयास करने होंगे।

हमें यह समझना होगा कि एक मात्र शिक्षा की जागृति से ही आदिवासियों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा। बदलाव के लिए जरूरत है उनकी कुछ मूल समस्याओं के हल ढूंढना। कोई परिवार ये नहीं चाहता कि उसके बच्चे स्कूल जाने के बजाये काम करें। ऐसे समुदाय जिन्हें विकास की सीमाओं पर छोड़ दिया गया है वो सारा दिन अपनी पूरी ताकत से सिर्फ इसलिए काम करते हैं कि वो दो वक्त का भोजन जुटा सकें पर कई बार इसमें भी सफल नहीं हो पाते हैं। अशिक्षा की समस्या एक ऐसा प्रश्न है जिसकी जड़ काफी गहरी जमीं हुई है। नीतियों ओर कानून बना देने से ही ये समस्या हल हो जाएगी ये एक बचकानी सोच है। इसके लिए पहले हमंे उन कारणों को समझना होगा जिनकी वजह से बच्चों को अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए काम करना पड़ता है। इसकी जड़ में वो व्यवस्था है जो व्यक्ति एवं समुदायों को आम और खास में बांटता है। अब इस व्यवस्था के परिवर्तन की बात होनी चाहिए।

आदिवासियों की खुदकी एक अपनी सभ्यता और संस्कृति है जिसमे वह जीते हैं। उनका एक तौर तरीका है, उनका रहन सहन खुद का है, भाषा है, बोली है, संस्कृति है तथा अपना एक अलग तरीका है जीवन को जीने तथा समझने का, वो जिस हालत में हैं, वो खुश हैं उनके अपने स्कूल या शिक्षा तंत्र हैं, उनके खुद के खेल या प्रथाएं हैं, खुद के ही देवी देवता हैं तथा खुद की ही परंपरा और सभ्यता है। इसी तरह सदियों से जंगल में रहते हुए उन्होंने खुद का ही एक स्वास्थ्य का या उपचार करने का तंत्र भी है जिससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तथाकथित विकसित स्वास्थ्य सेवाओं से वे आज भी वंचित हैं। आज भी उनके बच्चों का जन्म परम्परागत तरीकों से ही दाई ही करती है। बुखार या ऐसी ही छोटी-मोटी बीमारियों के लिए डाॅक्टरों की शरण नहीं लेते। इस तरह सरकार द्वारा उनके लिए जो सुविधाएं एवं सेवाएं सुलभ करायी जा रही हैं उनका वे लाभ नहीं ले पा रहे हैं। तकलीफ और परेशानी में जीना उनकी आदत सी है। ऐसी स्थितियों से उन्हें मुक्ति दिलाना वर्तमान समय की बहुत अपेक्षा है।

भारत के जंगल समृद्ध हैं, आर्थिक रूप से और पर्यावरण की दृष्टि से भी। देश के जंगलों की कीमत खरबों रुपये आंकी गई है। ये भारत के सकल राष्ट्रीय उत्पाद से तो कम है लेकिन कनाडा, मेक्सिको और रूस जैसे देशों के सकल उत्पाद से ज्यादा है। इसके बावजूद यहां रहने वाले आदिवासियों के जीवन में आर्थिक दुश्वारियां मुंह बाये खड़ी रहती हैं। आदिवासियों की विडंबना यह है कि जंगलों के औद्योगिक इस्तेमाल से सरकार का खजाना तो भरता है लेकिन इस आमदनी के इस्तेमाल में स्थानीय आदिवासी समुदायों की भागीदारी को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। जंगलों के बढ़ते औद्योगिक उपयोग ने आदिवासियों को जंगलों से दूर किया है। आर्थिक जरूरतों की वजह से आदिवासी जनजातियों के एक वर्ग को शहरों का रुख करना पड़ा है। विस्थापन और पलायन ने आदिवासी संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज और संस्कार को बहुत हद तक प्रभावित किया है। गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी के चलते आज का विस्थापित आदिवासी समाज, खासतौर पर उसकी नई पीढ़ी, अपनी संस्कृति से लगातार दूर होती जा रही है। आधुनिक शहरी संस्कृति के संपर्क ने आदिवासी युवाओं को एक ऐसे दोराहे पर खड़ा कर दिया है, जहां वे न तो अपनी संस्कृति बचा पा रहे हैं और न ही पूरी तरह मुख्यधारा में ही शामिल हो पा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी काॅर्निवल में आदिवासी उत्थान और उन्नयन की चर्चाएं की और वे इस समुदाय के विकास के लिए तत्पर भी हैं।

आदिवासियों का हित केवल आदिवासी समुदाय का हित नहीं है प्रत्युतः सम्पूर्ण देश व समाज के कल्याण का मुद्दा है जिस पर व्यवस्था से जुड़े तथा स्वतन्त्र नागरिकों को बहुत गम्भीरता से सोचना चाहिए। और इस बार के गुजरात चुनाव इसकी एक सार्थक पहल बनकर प्रस्तुत हो, यह अपेक्षित है।

प्रेषकः




(रामसिंह राठवा)

सांसद-लोकसभा

48-50, साउथ एवेन्यू

नई दिल्ली-110011

मो. 9013180464, 9909014490

ईमेलः ramsinhrathwa@yahoo.co.in

बाड़मेर,आमजन की समस्याआंे का प्राथमिकता से समाधान करेंः टाटिया



बाड़मेर,आमजन की समस्याआंे का प्राथमिकता से समाधान करेंः टाटिया
-मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने प्रशासनिक अधिकारियांे की बैठक लेकर लंबित प्रकरणांे की समीक्षा की।

बाड़मेर, 16 नवंबर। आमजन की समस्याआंे का प्राथमिकता से समाधान करें। मानवाधिकार से संबंधित प्रकरणांे को शीघ्र निस्तारित किया जाए। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने गुरूवार को जिला मुख्यालय पर मानवाधिकार विषयांे एवं परिवादांे संबंधित समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।

इस दौरान राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने कहा कि अधिकारियांे के पास आने वाले प्रकरणांे को स्थानीय स्तर पर निस्तारण करके आमजन को राहत पहुंचाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि कानून अपनी जगह है, लेकिन विमंदितों की सेवा दिल से करनी जरूरी है। अपने पद, डेकोरम से ऊपर उठकर मानवतावादी दृष्टिकोण से सेवा कार्य करने की आवश्यकता है। इस दौरान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष टाटिया ने प्रशासनिक अधिकारियों से लंबित प्रकरणांे एवं जिले में चल रही विभिन्न लोक कल्याणकारी आयोजनाओं के बारे में जानकारी ली। उन्हांेने संबंधित अधिकारियांे कोे लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष टाटिया ने जिले मंे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित छात्रावासांे, कूक के मानदेय, पालनहार योजना,रिक्त पदांे की सूचना, बाड़मेर जेल मंे बंदियांे की स्थिति, चालानी गार्ड की उपलब्धता, कैदियांे को उपलब्ध कराई गई सुविधाआंे, सिलिकोसिस पीडि़तांे को मिलने वाली सहायता के बारे मंे जानकारी ली। उन्हांेने आरोपियांे की गिरफ्तारी के समय उनके मोबाइल की अंतिम काल का इन्द्राज करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि बाड़मेर जेल मंे दिसंबर माह तक दो बैरक का निर्माण हो जाएगा। उन्हांेने बताया कि सिलिकोसिस के पीडि़तांे को नियमानुसार सहायता राशि स्वीकृत की जा रही है। पुलिस अधीक्षक डा.गगनदीप सिंगला ने पुलिस से संबंधित प्रकरणांे की जानकारी दी। इस दौरान नगर परिषद के आयुक्त श्रवण विश्नोई ने कारेली नाडी संबंधित प्रकरण मंे बताया कि यहां पर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत 66 लागत की लागत से पौधारोपण एवं जल संरक्षण का कार्य करवाया जाएगा। बैठक मंे पुलिस उप अधीक्षक जेल चेनसिंह महेचा, अधीक्षण अभियंता जी.आर.सिरवी,जी.आर.जीनगर, नेमाराम परिहार, नगर परिषद के आयुक्त श्रवण विश्नोई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.एस.के.एस.बिष्ट, जिला रसद अधिकारी कंवराराम चौधरी समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण शिविर आज

- प्रत्येक पंचायत समिति की दो ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर शुक्रवार को आयोजित होंगे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर।

बाड़मेर, 17 नवंबर। ग्रामीण जनता की पंचायत स्तरीय समस्याओं के समाधान के लिए शुक्रवार को बाड़मेर जिले की 34 ग्राम पंचायत मुख्यालयांे पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण शिविर लगाए जाएंगे। इसमें ग्रामीण जनता की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति की दो समीपस्थ ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर शुक्रवार को प्रातः 9.30 से प्रारंभ होंगे। इसमंे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, राजस्व, वन, आयोजना, श्रम, कृषि, पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा जनजाति क्षेत्रीय विभाग के अधिकारी शामिल होकर आम जनता की पंचायत स्तरीय समस्याओं का समाधान करेंगे।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को बाड़मेर पंचायत समिति बेरीवाला तला एवं सरली, सेड़वा की फागलिया एवं पनोरिया, बालोतरा की असाड़ा एवं माजीवाला, गुड़ामालानी की लूणवा जागीर एवं डेडावास जागीर, सिणधरी की नाकोड़ा एवं भूका भगतसिंह, सिवाना की धारणा एवं मिठोड़ा, चौहटन की आटिया एवं कापराउ,शिव की शिव एवं निंबला, धोरीमन्ना की धोरीमन्ना एवं नेड़ीनाडी, गडरारोड़ की रोहिड़ाला एवं बिजावल, धनाउ मंे बुरहान का तला एवं तालसर, बायतू की नोसर एवं नया सोमेसरा, पाटोदी की नवोड़ाबेरा एवं केशरपुरा,कल्याणपुर की घड़ोई चारणान एवं कल्याणपुर,गिड़ा की खारड़ा भारतसिंह एवं खोखसर, रामसर की चाडार मदरूप एवं चाडी, समदड़ी की खंडप एवं सरवड़ी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविरांे का आयोजन होगा।


लोकायुक्त कोठारी आज बालोतरा आएंगे

बाडमेर, 15 नवम्बर। न्यायमूर्ति एस.एस. कोठारी लोकायुक्त राजस्थान शुक्रवार को बालोतरा आएंगे।

जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि लोकायुक्त कोठारी शुक्रवार बालोतरा आएंगे। इस दौरान लोकायुक्त सचिवालय के अधिकारियों द्वारा दोपहर 12 से 1 बजे तक पंचायत समिति बालोतरा के सभाकक्ष में जन साधारण से शिकायते प्राप्त कीे जाएगी। इसके पश्चात् लोकायुक्त कोठारी पंचायत समिति बालोतरा के सभाकक्ष में दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों एवं उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक लेंगे। जिला कलक्टर शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को विभाग से संबंधित लोकायुक्त सचिवालय में विचाराधीन, लम्बित प्रकरणों की रिपोर्ट संबंेिधत विभाग को भिजवाने तथा लंबित प्रकरणों की प्रगति सूचना के साथ पंचायत समिति बालोतरा के सभाकक्ष में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।

न्याय विभाग की वेबसाईट लाईट्स

की समीक्षा बैठक 28 को

बाडमेर, 17 नवंबर। विभागीय न्यायिक प्रकरणों की प्रभावी पैरवी एवं पर्यवेक्षण हेतु न्याय विभाग की वेबसाईट लाईट्स सॉफटवेयर पर इन्द्राज एवं अपडेशन की नवीनतम प्रगति की समीक्षा बैठक अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई की अध्यक्षता में 28 नवम्बर को प्रातः 11 बजे कलक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित की जाएगी।

संबंधित अधिकारियों को लम्बित प्रकरणों एवं वेबसाईट पर प्रदर्शित होने वाले रेड केटेगरी प्रकरणों की अपडेट स्थिति के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है। उन्होने बताया कि उक्त बैठक में समीक्षा उपरान्त जिले की सूचना न्याय विभाग द्वारा आगामी 7 दिसम्बर को आयोजित होने वाली वीडियों कांफ्रेन्स में प्रस्तुत की जाएगी।

पैरोल सलाहकार समिति की बैठक 23 को

बाड़मेर, 17 नवंबर। जिला पैरोल सलाहकार समिति की मासिक बैठक 23 नवम्बर को दोपहर 12.30 बजे जिला कलक्टर सुधीर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी।

अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई ने उक्त बैठक से संबंधित सूचना 21 नवम्बर तक भिजवाने तथा निर्धारित तिथि एवं समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।