सोमवार, 10 जून 2019

जैसलमेर आयुक्त के खिलाफ एस पी से मिले जेसलमेर के जनप्रतिनिधि ,मुकदमे वापस करने की मांग

जैसलमेर आयुक्त के खिलाफ एस पी से मिले जेसलमेर के जनप्रतिनिधि ,मुकदमे वापस करने की मांग

जैसलमेर

हाल ही में नगर परिषद आयुक्त द्वारा दर्ज किए गए झूठे मुकदमों को निरस्त करने की मांग रखी गई व गड़ीसर सरोवर पर आयुक्त नगर परिषद द्वारा पेड़-पौधों पर बुलडोजर चलाया गया।वहीं झूठे मुकदमे भी दर्ज करवाए गए। नगर परिषद के तानाशाही रवैये के विरोध में आज पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते समस्त पर्यावरण प्रेमी।।पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी,पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अशोक तंवर,युथ कांग्रेस वअध्यक्ष विकास व्यास ,महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रेमलता चौहान सहित कई लोगो ने शिरकत की।।

*जैसलमेर*जिले के फलसूण्ङ क्षेत्र ग्रामपंचायत मानासर के राजस्व गांव नेतासर में 3 बच्चों को लेकर टांके में कूदी कलयूगी 'माँ'*,

*जैसलमेर*जिले के फलसूण्ङ क्षेत्र ग्रामपंचायत मानासर के राजस्व गांव नेतासर में  3 बच्चों को लेकर टांके में कूदी कलयूगी 'माँ'*,

*विवाहिता ने बच्चों के साथ की आत्महत्या, माता व 3 बच्चों की हुई मौत*,

टांके में कूदकर की आत्महत्या, फलसूंड़ थाना क्षेत्र का मामला, फलसूंड़ अस्पताल में हो रहा पोस्टमार्टम।।पुलिस एसएचओ बगतसिंह  कर रहे मामले की जांच।सामूहिक आत्महत्या के कारणों का नहीं हुअा खुलासा, नेतासर गांव |सऊओ कि ढाणी की धटना

जैसलमेर मदासर (पोकरण) तनोट राय मंदिर से नगदी व अनाज चोरी

जैसलमेर मदासर (पोकरण) तनोट राय मंदिर से नगदी व अनाज चोरी

क्षेत्र के तनोट राय मंदिर में रात्रि में चोरी की वारदात हुई ।  सुबह 6:00 बजे पुजारी हीरपुरी मंदिर पहुंचे तो ताले टूटे हुए मिले। तब उन्होंने  ग्रामीणों को सूचना दी तो 9 बजे तक ग्रामीण व तनोट राय मंदिर कमेटी के सदस्य भी एकत्रित हुए तथा पुलिस थाना नोख को सूचना दी गई.थानाधिकारी हनुमान राम सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची तत्पश्चात पड़ताल में पता लगा ₹41500 नकदी व 2 क्विंटल गेहूं चोरी हुआ अब पुलिस  संदिग्ध लोगों की पूछताछ कर रही।

बाप (जोधपुर) : टांके में डूबने से दादा पोते की मौत

बाप (जोधपुर) : टांके में डूबने से दादा पोते की मौत

जोधपुर पहले घर के आगे खेलता पोता गिरा टांके में, पोते को बचाने के चक्कर में दादा भी टांके में कूदा, डूबने से दोनों की मौत, फलोदी के गांधीसागर में हुई हृदय विदारक घटना, पुलिस पहुंच रही है मौके पर।

रविवार, 9 जून 2019

बाड़मेर किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोडूंगा- केंद्रीय मंत्री !

बाड़मेर किसान कल्याण में कोई कसर नहीं छोडूंगा- केंद्रीय मंत्री !


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री का स्थानीय हरलाल छात्रावास में राष्ट्रीय जाट एकता मंच द्वारा भव्य स्वागत हुआ मंच के सचिव नरेंद्र चौधरी ने बताया कि जो अध्यक्ष जोगेंद्र बेनीवाल के नेतृत्व में बाड़मेर जैसलमेर सांसद कैलाश चौधरी की भारत सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री बनने के पश्चात प्रथम बार बाड़मेर आने पर उनका रैली के साथ हरलाल छात्रावास में भव्य नागरिक अभिनंदन हुआ समारोह में डालूराम चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि बाड़मेर को केंद्रीय नेतृत्व मिलना यानी विकास तय हैं इस मौके पर प्रियंका चौधरी ने कहा कि भारत की जनता अब समझदार हो गई है उन्होंने सही नेतृत्व चुना है कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान भाइयों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी तथा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है इस मौके पर चौहटन की पूर्व विधायक तरुण राय कागा, आदुराम मेघवाल, चौहटन प्रधान कुंभाराम सेवर, भाजपा प्रदेश मंत्री के के बिश्नोई ,बालोतरा भाजपा अध्यक्ष महेश कुमार, रणवीर सिंह भादू ,सोनाराम के.जाट, दुर्गा राम चौधरी, भामाशाह दुर्गेश हुडा, हरीश गोदारा, ओम प्रकाश सियाग, दिनेश बिश्नोई ,नरसिंह कड़वासरा ,कैलाश कोटडिया, बाला राम मूंढ आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे

खान महाघूसकांड खनि अभियंता जैसलमेर के 29 प्रस्ताव बारमेर के तीन थे जिनकी रजिस्टर में प्रविष्टि नहीं की गई

खान महाघूसकांड खनि अभियंता जैसलमेर के 29 प्रस्ताव बारमेर के तीन थे जिनकी रजिस्टर में प्रविष्टि नहीं की गई


: खान महाघूसकांड की लोकायुक्त जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. बड़ा खुलासा यह भी हुआ है कि खान विभाग के अधिकारियों ने अपने हितों को साधने के लिए विभाग के ऑफिस कल्चर को ही खत्म कर दिया था. दूसरे कार्यालयों से आने वाली डाक न तो रिसीव की जाती थी, न ही आने वाले प्रस्ताव पुट अप किए जाते थे. ऐसा लगातार करीब डेढ माह तक हुआ. इस दौरान अधीनस्थ कार्यालयों से आने वाले प्रस्तावों को बिना रिकॉर्ड पर लिए ही डंप कर दिया जाता था. स्थिति यह है कि ये प्रस्ताव अभी तक खान निदेशालय में रिसीव नहीं हुए हैं.   एक्सक्लूसिव रिपोर्ट-

केवल चहेते लोगों के प्रस्तावों को किया जाता था पुट अप:
खान विभाग में 12 जनवरी 2015 से लागू हुए नए खान अधिनियम के दौरान खान आंवटन में बड़ा घोटाला हुआ है. लोकायुक्त सचिवालय द्वारा की गई जांच में इसे लेकर एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ है कि खान विभाग के अधिकारियों ने अपने चहेते लोगों को खान आवंटित करने के लिए ऑफिस के एक पूरे प्राेसीजर को ही खत्म कर दिया था. किसी भी विभाग में प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी कार्यालय कार्य विधि पुस्तिका आर्टिकल 1 के नियमों के तहत ही कार्य होता है. खान विभाग के लिए निदेशालय के 9 मई 2012 के आदेशों के तहत प्रधान शाखा के अधिकांश स्वीकृति प्रस्ताव केन्द्रीयकृत रिसीप्ट रिजस्टर में दर्ज किए जाते थे और इसके बाद अनुभाग अधिकारी के पास जाता था. जो डाक अपनी डायरी में दर्ज कर मुख्यालय के प्रधान खनिज अनुभाग के अधीक्षण अभियंता से मार्क करवाकर प्रस्ताव को सम्बंधित लिपिकों को देते थे. सम्बंधित लिपिक भी अपनी डायरी में इन प्रस्तावों को दर्ज करते थे. लेकिन खान विभाग में 24 नवंबर 2014 से 12 जनवरी 2015 तक यह पूरी प्रक्रिया ही खत्म कर दी गई. इस अवधि में जो भी प्रस्ताव अमल में लाए गए, उन्हें सीधे अधीक्षण खनि अभियंता या कार्यालय अधीक्षक को सीधे दस्ती पेश किया जाता था. जिसमें यह भी दर्ज नहीं किया जाता था, कि प्रस्ताव किसके मार्फत विभाग को प्राप्त हुआ. लोकायुक्त सचिवालय ने जांच में माना है कि रिसीप्ट रजिस्टर और डायरी में प्रस्तावों को दर्ज नहीं करना अधिकारियों की सोची समझी साजिश थी. इससे जो प्रस्ताव अधिकारियों की पसंद के होते थे, उन्हें ही रिकॉर्ड पर लिया जाता था. अन्य प्रस्तावों को रद्दी में डंप कर दिया जाता था।

किस तरह ऑफिस सिस्टम को किया 'कॉलेप्स':
—नवंबर 2014 में केन्द्रीयकृत डिस्पैच, रिसीप्ट रजिस्टर में प्रस्तावों की प्रविष्टि बंद कर दी
—इस कारण विभिन्न खनि अभियंता के 43 प्रस्तावों को रिकॉर्ड पर ही नहीं लिया गया
—खनि अभियंता जैसलमेर के 29 प्रस्ताव थे जिनकी रजिस्टर में प्रविष्टि नहीं की गई
—निदेशालय के मुताबिक ये प्रस्ताव आज दिनांक तक प्राप्त ही नहीं हुए हैं
—बीकानेर खनि अभियंता के 4, सिरोही खनि अभियंता के 1 प्रस्ताव को रिकॉर्ड पर नहीं लिया
—ब्यावर खनि अभियंता के 2, अजमेर खनि अभियंता के 3 प्रस्तावों की प्रविष्टि नहीं की गई
—प्रतापगढ़ के 1, बाड़मेर खनि अभियंता के 3 प्रस्तावों को रिकॉर्ड पर नहीं लिया
—लोकायुक्त जांच में बताया कि ये प्रस्ताव निदेशालय को प्राप्त ही नहीं हुए
—जबकि सम्बंधित खनि अभियंता कार्यालयों से सभी प्रस्ताव भिजवाए गए थे

डिस्पैच-रिसीप्ट रजिस्टर की प्रक्रिया को किया बंद:
24 नवंबर 2014 से 12 जनवरी 2015 की जिस अवधि में डिस्पैच-रिसीप्ट रजिस्टर की प्रक्रिया को बंद किया गया था, उसमें बड़ी बात यह है कि जो प्रस्ताव प्राप्त होते थे, उन्हें इकट्ठा कर लिया जाता था. उन्हें रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाता था, उन पर कोई प्रष्ठांकन भी नहीं किया जाता था. यदि प्रस्तावों को देखने से यह लगता था कि यह उच्च पदस्थ अधिकारियों से सिफारिश प्राप्त है, या फिर खान आवेदक ने अधिकारियों से मिलीभगत की हुई है, तो ऐसे प्रस्तावों को रिकॉर्ड पर लेकर तत्काल कमियां पूरी करवा ली जाती थीं. यदि कमी रह भी जाती थी तो ऐसे प्रस्तावों पर सशर्त खनन पट्टे जारी कर दिए जाते थे. जबकि वे प्रस्ताव जो पिछले 1 साल से या उससे पहले से भी खान निदेशालय में पड़े हुए थे और उनके लिए कोई सिफारिश नहीं आती थी, उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.

गड़बड़ी कैसी-कैसी ?
—जैसलमेर के खान पट्टा संख्या 586 से 589/2014 के प्रस्ताव को ओएस ने पुट अप किया
—प्रष्ठांकन में लिखा, मेरे द्वारा निदेशालय खान के ऑफिस में 30 अक्टूबर 2014 को प्रस्तुत किए हैं
—जबकि ये प्रस्ताव ओएस शंकरलाल को क्लर्क गणपत संह ने नहीं, एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रस्तुत किए
—पट्टा संख्या 369, 435, 448, और 482/13 में भी अज्ञात व्यक्ति ने प्रष्ठांकन के साथ प्रस्ताव दिए
—अधिकारियों ने यह भी नहीं पूछा कि 10 माह पुराने प्रस्ताव किसने प्रस्तुत किए, प्रष्ठांकन किसने किया
—12 जनवरी 2015 को खनि अभियंता भीलवाड़ा ने 39 स्वीकृति प्रस्ताव प्रेषित किए
—दस्ती आवेदकों के साथ प्रस्ताव भेजने पर भी इनमें से एक भी प्रस्ताव निदेशालय नहीं पहुंचा

खान विभाग में गड़बड़ियों को लेकर लोकायुक्त सचिवालय की ओर से जो जांच की गई है उसमें आरोप के नोटिस सम्बंधित अधिकारियों को तो जारी किए ही गए थे, साथ ही इनकी प्रतियां खान मंत्री, प्रमुख खान सचिव को भी प्रेषित की गई थीं. इन गम्भीर आरोपों के बावजूद ये अधिकारी लोकायुक्त सचिवालय में अभी भी कार्यरत हैं और विभाग के मंत्री या प्रमुख सचिव ने इन अधिकारियों पर अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।

जैसलमेर ट्रक ने बालक को कुचला ,सरहद की घटना

जैसलमेर ट्रक ने बालक को कुचला ,सरहद की घटना 

जैसलमेर सरहदी क्षेत्र रामगढ़ लोंगोवाल सड़क मार्ग पर एक ट्रक चालक ने लापरवाही से चलकर एक बालक को कुचल दिया ,जैसलमेर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की घटना हैं,आज प्रातः लोंगोवाल सड़क मार्ग पार क्र रहे दस वर्षीय मासुम को ट्रक ने कुचल दिया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई ,पुलिस ने मौके पे पहुंच मामला दर्ज क्र जाँच शुरू की 

जैसलमेर:बस रोककर 40 से 50 बदमाशों ने कंडक्टर पर किया जानलेवा हमला, बचाव करने आई वृद्धा से भी मारपीट

जैसलमेर:बस रोककर 40 से 50 बदमाशों ने कंडक्टर पर किया जानलेवा हमला, बचाव करने आई वृद्धा से भी मारपीट


जैसलमेर: जिले के लाठी कस्बे से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. जोधपुर से जैसलमेर जा रही बस को रोककर 40 से 50 बदमाशों ने बस कंडक्टर पर जानलेवा हमला कर दिया. हमले में बस कंडक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया. बीच-बचाव को आई वृद्धा के साथ भी बदमाशों ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया.

लाठी क्षेत्र के चाचा गांव के बस स्टैंड की घटना
मारपीट की घटना के बाद घायलों को लाठी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां दोनों का उपचार चल रहा है. घटना लाठी क्षेत्र के चाचा गांव के बस स्टैंड की बताई जा रही है. हालांकि अभी तक बदमाशों का बस कंडक्टर पर हमला करने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ. 

जैसलमेर: केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद क्वीन हरीश सहित मृतक आश्रितों को ढाढस बंधने पहुंचे

जैसलमेर: केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद  क्वीन हरीश सहित मृतक आश्रितों  को ढाढस बंधने पहुंचे 

जैसलमेर: केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद जैसलमेर में, मंत्री सालेह मोहम्मद पहुंचे ख्यातनाम कलाकार क्वीन हरीश के घर, स्व. हरीश सुथार के घर परिजनों को बंधाया ढाढ़स, साथी कलाकार लतीफ़ खान और रविंद्रनाथ के भी घर गए, परिजनों को हर तरह की मदद की कही बात, सड़क हादसे में हुई थी सभी की मौत.साले मोहम्मद ने परिजनों को ढाढस बँधते हुए कहा की ईश्वर की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती ,हरीश ने जैसलमेर की लोक कला को नई ऊंचाइयां दी ,हरीश के जाने से कला और पर्यटन जगत को अपूरणीय क्षति हुई ,

बाडमेर भीषण गर्मी का शिकार हुए वृद्ध,रेल में हुई मौत

बाडमेर भीषण गर्मी का शिकार हुए वृद्ध,रेल में हुई मौत


बालोतरा(बाड़मेर)
ट्रेन में अज्ञात वृद्ध की मौत,
शव को जीआरपी ने 108 द्वारा पहुचाया नाहटा अस्पताल,
सम्भवतः तेज गर्मी से हुई वृद्ध की मौत,
मृतक की नही हुई अभी तक शिनाख्त,
मालानी एक्सप्रेस में मिला वृद्ध का शव।

मध्य प्रदेश तुम्हारे पति ने गिफ्ट भेजा है' कहकर निकाला चाकू, प्रेमी की पत्नी पर कर दिया हमला

तुम्हारे पति ने गिफ्ट भेजा है' कहकर निकाला चाकू, प्रेमी की पत्नी पर कर दिया हमला
'तुम्हारे पति ने गिफ्ट भेजा है' कहकर निकाला चाकू, प्रेमी की पत्नी पर कर दिया हमला
प्रेमी की शादी होने से नाराज प्रेमिका ने प्रेमी के घर जाकर नई नवेली दुल्हन बनकर आई उसकी पत्नी पर चाकू से हमला बोल दिया दिया. गनीमत रही कि उस वक्त दुल्हन का देवर भी मौके पर मौजूद था और वह तुरंत वहां पहुंच गया. इस दौरान बीच-बचाव में वह भी घायल हो गया. परिजनों ने आनन-फानन में दोनों अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, आरोपित लड़की को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

पुलिस का कहना है कि किल्कीपुरा अंबे माता मंदिर के पीछे शहीद भगतसिंह स्कूल के पास रहने वाली रानी, पति इरशाद के घर पहुंच कर सोना (19) नाम की युवती ने उसकी गर्दन पर चाकू से हमला कर दिया. इस दौरान रानी का देवर अमन पिता शहजाद खां व घर के अन्य सदस्य दौड़ कर पहुंचे. किसी तरह रानी को सोना के चंगुल से बचाया. इस दौरान अमन के हाथ में भी चाकू से लग गई. इसके बाद दोनों देवर-भाभी को शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दो महीने पहले हुई थी शादी-

जानकारी के मुताबिक सोना और इरशाद एक दूसरे से प्रेम करते थे. लेकिन दो महीने पहले इरशाद ने शादी कर ली. इरशाद के इस कदम की वजह से सोना नाराज हो गई. शनिवार दोपहर वह इरशाद के घर पहुंची और उसकी बहन के बारे में पूछा तो परिजनों उसके जावरा जाने की बात कही. इसके बाद सोना ने इरशाद की पत्नी के बारे में पूछा और घर के अंदर चली गई.


तुम्हारे पति ने गिफ्ट भेजा है-

घर में घूसने के बाद सोना ने रानी से कहा कि तुम्हारे पति ने गिफ्ट भेजा है. जैसे ही रानी आगे बढ़ी सोना ने चाकू निकाल कर उसपर वार कर दिया. रानी की चीख-पुकार सुनकर परिजन घर के अंदर पहुंचे और किसी तरह बीच-बचाव कर रानी को छुड़ाया.

दो समुदायों से जुड़ा है मामला-

मामले में आरोति सोना और कथित प्रेमी इरशाद अलग-अलग समुदाय से आते हैं. वहीं, दो समुदाय का मामला होने से एहतियातन पुलिस ने आरोपित के घर के बाहर सुरक्षा के लिए बल तैनात किया है.

PHOTOS: अलवर में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, अंतरंग हालत में मिली 9 महिलाओं सहित 20 गिरफ्तार

PHOTOS: अलवर में सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, अंतरंग हालत में मिली 9 महिलाओं सहित 20 गिरफ्तार

अलवर जिले के बहरोड थाना पुलिस ने देह व्यापार के अड्डे पर कार्यवाही करते हुए 9 महिलाओं, एक दलाल और 10 ग्राहकों सहित 20 लोगो को  पकड़ा 

बाड़मेर महाविद्यालयों में रिक्त पद अतिशीघ्र भरे जाएंगेःभाटी

बाड़मेर  महाविद्यालयों में रिक्त पद अतिशीघ्र भरे जाएंगेःभाटी


बाड़मेर ,09 जून। प्रदेश में महाविद्यालयों में रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए प्रयासरत है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी ने स्थानीय लोगों की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी बजट में बाड़मेर के महिला महाविद्यालय को अपग्रेड करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्रो में भी बालिकाओं की शिक्षा के लिए सरकार प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालयांे मंे रिक्त 832 पदों को भरने के लिए आरपीएससी को अभ्यर्थना भेज रखी है। आचार संहिता की वजह से उन पर कार्य आगे नहीं बढ़ सका था। आने वाले कुछ दिनों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अच्छी सरकार चला रहे हैं और सभी वर्ग युवा, किसान, व्यापारी, बेरोजगारों के कल्याण और विकास के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के परिणाम के सवाल पर पत्रकारों से कहा कि लोकतंत्र में हार या जीत सिक्के के दो पहलू है। उन्होंने कहा कि वे जनता के इस फैसले को स्वीकार करते हुए आमजन के हितार्थ कार्य करते रहेंगे। बाड़मेर प्रवास के दौरान उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विद्यालयों की स्थिति एवं शिक्षा के स्तर के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

जैसलमेर आखिर आयुक्त चाहते क्या है,ट्रांसफर चाहते है तो जनप्रतिनिधियों को इन्हें यही रख काम करवाना चाहिए*

जैसलमेर आखिर आयुक्त चाहते क्या है,ट्रांसफर चाहते है तो जनप्रतिनिधियों को इन्हें यही रख काम करवाना चाहिए*
जैसलमेर नगर परिषद के लिए इमेज परिणाम
*जेसलमेर किसी सक्षम अधिकारी को रुतबे से कम पोस्ट मिलती है तो कैसे जनता और जनहित कार्यो पर अपनी खुनस निकलते है यह जेसलमेर में नगर परिषद के वरिष्ठ आर ए एस अधिकारी दिखा रहे।।जनाब इससे पहले पाली जैसे जिले में अतिरिक्त जिला कलेक्टर पद पर कार्यरत थे।विधानसभा चुनावों के बाद इन्हें जेसलमेर लगाया।।इनके लगने के बाद नगर परिषद की स्थति बद से बदतर हो गई।।जनहित के कार्यो को अनदेखा करना।जनता के अधिकारों का हनन करना आम हो गया।।।गत दिनों पर्यावरण सरंक्षण की मुहिम के खिलाफ खलनायक बनकर उभरे।बड़ी मेहनत,लग्न और निष्ठा के साथ दो वर्ष पूर्व जेसलमेर के युवाओ द्वारा गड़ीसर की पाल पर रोपित पौधों को बिना किसी ठोस वजह के उखाड़ फेंका पर्यावरण सरंक्षण के अभियान में न केवल गतिरोध पैदा कीट बल्कि पर्यावरण के लिए कार्य कर रहे हज़ारो लोगो को निराश कर उन्हें सोचने पर विवश कर डित की वो किसके लिए पौधे लगाए ।जब लगाए पौधे ही उखड़े जा रहे ।इतने से आयुक्त रुके नहीं। सत्ताधारी नेताओ से जानबूझ कर टकराहट की स्थतिया पैदा की ताकि शिकायत करें ट्रांसफर हो जाये।उन्होंने युवाओ के खुलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर दी क्योंकि ये युवा पौधे उखाड़ने का विरोध करने मौके पर पहुंचे थे।इनमें  जिला युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विकास व्यास भी शामिल है।जिनके साथ न केवल अभद्रता की बल्कि राजकीय कार्य मे बाधा जा मुकदमा दर्ज करवा दिया।।जबकि आयुक्त की इस जनविरोधी कार्यवाही का प्रभारी मंत्री बी डी कल्ला,काबीना मंत्री साले मोहम्मद और जिला कलेक्टर अनुचित मान चुके है ऐसे में आयुक्त द्वारा आने द्वारा की गई गलत कार्यवाही पर पर्दा डालने के लिए युवा वर्ग पर मुकदमे करवा दिए।इतनी हठधर्मिता ब्यूरोक्रेसी में उचित नही।आयुक्त को शायद गुमान है कि उनका ट्रांसफर ही जाएगया ऐसी वैसी हरकते करने से।।स्थानीय जन प्रतिनिधियों को चाहिए ऐसे बदमिजाज आयुक्त को यही इसी पद और रख जनहित के कार्य करवाए जाए।।आयुक्त महोदय ने निंदनीय कृत्य किया।।इस मुद्दे को स्थानीय युवा सही ढंग से रख नहीं पाए। वन एवम ओआर्यवर्ण सरंक्षण अधियम और एन जी टी में मामले को ले जाना चाहिए।बात पौधों की नहीं भविष्य में फिर को ऐसा दुःसाहस नही कर सके। आयुक्त की सत्ताधारियों के साथ टकराहट जेसलमेर की जनता का नुकसान अवश्य कराएगी।।शहर में सफाई व्यवस्था किसी से छुपी नही।सड़को का पेचवर्क नहीं हो रह।विकास कार्य ठप है।।नगर परिषद में मातम छाया रहता है।पार्षदों के काम नही हो रहे।।जिला कलेक्टर को इस मामले में हस्तक्षेप कर सुलझाने का प्रयास प्रथमिकत से करना चाहिए।।

गम्भीर चिंतन का विषय :- NEET चयन और काफूर होती गरीबों की खुशियां.

 गम्भीर चिंतन का विषय :-

NEET चयन और काफूर होती गरीबों की खुशियां...
neet के लिए इमेज परिणाम
परसों जैसे ही नीट 2019 का परिणाम आया तो छात्रों व कोचिंग संस्थानों में दनादन खुशियों का दौर शुरू हो गया। अखबारों में कोचिंग संस्थानों के बड़े-बड़े विज्ञापन अखबार के मुख्य पृष्ठों पर छा गए। ऐसा माहौल बनाया गया जैसे पूरा देश ही अब डॉक्टर बन रहा है और जो थोड़े बच गए हैं उनके हाथों कुछ अपराध हो गया हो। मगर हकीकत इन सबसे कोसों दूर है।

इस बार नीट परीक्षा देने के लिए 15,19,375 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, 14,10,754 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे हैं जिसमें से 7 लाख 97 हजार पास किये गए हैं। 2016 से पहले न्यूनतम क्वालीफाइंग सामान्य के लिए 50% अंक व आरक्षित वर्ग के लिए 40% अंक होता था जिसके हिसाब से सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी को 720 में से 360 अंक व आरक्षित वर्ग को 288 अंक हासिल करने होते थे मगर अब परसेंटाइल सिस्टम के कारण जितने छात्र परीक्षा में बैठे है उसमें से 50% छात्रों को पास कर दिया जाता है। सामान्य श्रेणी से 134 नंबर वाला व आरक्षित श्रेणी से 107 नंबर वाला अभ्यर्थी क्वालीफाई मान लिया गया है।

ये सिर्फ क्वालीफाई माने गए हैं न कि इनको सीट मिली है और न ही ज्यादातर को सीट मिलने वाली है। सीटों के हिसाब से मेरिट का सिस्टम 30 हजार सरकारी सीटों तक ही सीमित है बाकी 40 हजार निजी मेडिकल कॉलेज में मेरिट ध्वस्त हो जायेगी। निजी कॉलेजों की सालाना 15 लाख रुपये फीस योग्य व गरीब बच्चे भर नहीं पाएंगे और जिन्होंने न्यूनतम अंक से क्वालीफाई किया है माँ-बाप के पास पैसे हैं उनको दाखिला मिलेगा। कुल मिलाकर देश में उपलब्ध मेडिकल की कुल 70 हजार सीटों में से 40 हजार सीटें धनपतियों के बच्चों के लिए आरक्षित करने के लिए यह परसेंटाइल सिस्टम लाया गया था और बढ़िया से काम कर रहा है।

50% व 40% अंकों के आधार पर अगर क्वालीफाई किया जाता तो 8 लाख के बजाय 2 लाख अभ्यर्थी पास होते और निजी मेडिकल कॉलेज वालों को इन्हीं में से लेने को बाध्य होना पड़ता और इनकी फीस की दरों में गिरावट करनी पड़ती। अब के हिसाब से 560 अंक तक के बच्चे सरकारी कॉलेज में जाएंगे अर्थात 7 लाख 97 हजार में से 30 हजार। बाकी 107 से लेकर 559 अंक तक के 7 लाख 67 हजार बच्चों के माँ-बाप क्रेता होंगे और निजी कॉलेज 40 हजार सीटों की बोली लगायेंगे। 70लाख रुपये जिसकी जेब मे होंगे उनको दाखिला मिल जायेगा। नंबर चाहे 559 आये हो या 107 कोई फर्क नहीं होगा।

ऑल इंडिया परीक्षा मात्र एक ढकोसला है और सही मायनों में यह सिर्फ सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले मात्र की प्रक्रिया है। निजी मेडिकल कॉलेजों को मात्र दिखावे के लिए इसके साथ जोड़ा गया है जबकि बाध्यताओं की सारी सीमाएं खत्म की हुई हैं।

अगर गरीब छात्रों को डॉक्टर बनना है तो वो 30 हजार सरकारी सीटों व 560 प्लस अंकों पर ध्यान केंद्रित करें बाकी दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

जिन बच्चों का सपना डॉक्टर बनने का है व जो माँ-बाप अपने बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहते हैं तो कृपया करके अखबारों के विज्ञापन, कोचिंग संस्थानों के जलसों-दावों में न उलझें। हर कोचिंग संस्थान दावा करता है कि मेरे यहाँ से इतने बच्चों का चयन हुआ है मगर वो सीटों के लिए नहीं बल्कि 8 लाख बच्चों की भीड़ में हुआ है।

कोचिंग संस्थानों की लूट की क्रमबद्धता को निजी मेडिकल कॉलेज बनाये रखने में योगदान देते हैं। गरीब किसी भी प्रकार से कोचिंग के लिए 2 लाख रुपये खर्च कर देंगे मगर आगे 70 लाख रुपये कहाँ से खर्च करेंगे ?

जो अभ्यर्थी 70 लाख रुपये न्यूनतम फीस भरकर डॉक्टर बनेगा अर्थात लगभग एक करोड़ रुपये में डॉक्टरी की डिग्री खरीदेगा क्या वो सेवाभाव से इस देश के करोड़ों गरीबों का इलाज करेगा ? 70 हजार में से हर साल 40 हजार चिकित्सा के नाम पर व्यापारी तैयार होंगे और अपना निवेश वसूली का धंधा करेंगे।

नीट से न चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार आने वाला है और न स्वच्छ प्रतियोगिता होती है।