गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

सचिन पायलट नहीं मान रहे, सोनिया और राहुल से बोले- मैंने बहुत मेहनत की: सूत्र

सचिन पायलट नहीं मान रहे, सोनिया और राहुल से बोले- मैंने बहुत मेहनत की: सूत्र

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए करीब 48 घंटे से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि दिल्ली में कांग्रेस के आलाकमान ने अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगा दी है. जबकि सीएम पद के एक और दावेदार सचिन पायलट पार्टी के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं.


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी भी पायलट से बात कर चुकी हैं. सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट का कहना है कि उन्होंने राजस्थान में जमकर मेहनत की है और अगर ऐसे में उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा.

बता दें कि दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही बैठकों का दौर चल रहा है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी ने घंटों बैठक की. दिल्ली से लेकर जयपुर दोनों जगह दोनों नेताओं के समर्थक लागातार नारेबाजी कर रहे हैं.

सचिन पायलट की दावेदारी
साल 2013 में बीजेपी के हाथों करारी हार के बाद सचिन पायलट को राजस्थान की कमान दी गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट गई थी. इसके बाद विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम बनाने के साथ सरकार को लगातार घेरा.


अशोक गहलोत
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति के साथ साथ राजस्थान में भी लगातार सक्रिय हैं. विधानसभा चुनावों में गहलोत लगातार स्टार प्रचारक के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रचार किया. गुजरात और कर्नाटक के चुनावों में गहलोत की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा में रही थी. अशेक गहलोत आज राजस्थान के साथ साथ कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं.



*सचिन व गहलोत के बीच नही बनी सहमति,तीसरा विकल्प हो सकता सीएम*

*सचिन व गहलोत के बीच नही बनी सहमति,तीसरा विकल्प हो सकता सीएम*

नईं दिल्ली/ *आज रात कांग्रेस का आलाकमान करेगा एक और प्रयास, गहलोत और पायलट के बीच सहमति बनाने का प्रयास, फिर भी यदि नहीं बन पाई सहमति...तो आलाकमान कर सकता किसी तीसरे नाम पर विचार, गहलोत और पायलट दोनों की सहमति से तीसरे नाम पर विचार*गहलोत और पायलट के बीच नहीं बन पा रही सहमति,पायलट अड़े हुए हैं अपने स्टैंड पर,दूसरी ओर आलाकमान बना चुका गहलोत पर अपना मन,हालांकि आलाकमान ने रोक रखी है गहलोत के नाम की घोषणा...*

बाड़मेर। आदिनाथ भगवान जिनालय में वार्षिक ध्वजारोहण कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन

बाड़मेर। आदिनाथ भगवान जिनालय में वार्षिक ध्वजारोहण कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन



रिपोर्ट :- सुनील दवे / समदड़ी 

बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बें के आदिनाथ भगवान जिनालय का ध्वज दण्ङ एव कलशारोपण का शुभ मुहूर्त आज आचार्य श्री विजय रविशेखरसूरि म.सा. के मार्गदर्शन में वार्षिक ध्वजरोहण का भव्य समारोह श्री जैन संघ को सहज पुण्यवाणी से अचलगच्छीय तपस्वीरत्न 53वे वर्षीतप के आराधक आचार्य गुणोदय सागर सुरिश्वरी म.सा. के आज्ञानुवर्तनी शासन प्रभाविका पुण्योदयश्री म.सा. की शिष्या प्रवचन प्रभाविका तीर्थगुणाश्री म.सा.आदि ठाणा 3 की पावन निश्रा में हुआ भव्य आयोजन।  श्री जैन मित्र मंडल सचिव कपिल भूरट ने बताया कि भव्य आयोजन में वार्षिक ध्वजारोहण के लाभार्थी कंकुदेवी, शांतिलाल, केवलचंद, गौतमचंद, कामलेश कुमार, अमृतलाल भंसाली परिवार के केवलचंद भंसाली, किशोर कुमार भंसाली ने शासन प्रभाविका पुण्योदयश्री म.सा.व साध्विवन्द के मंत्रोस्सार पर विधिविधान से पूजा अर्चना कर ध्वजा चढ़ाकर क्षैत्र के खुशहाली की मंगलकामना की गई।


इस दौरान श्री जैन संघ अध्यक्ष पूर्व सरपंच छगनलाल भूरट, युवा नेता एवं समाजसेवी हुकम सिंह अजीत, सचिव मनोज भंसाली, खीमराज भंडारी, राजमल पालरेसा, जुगराज भंसाली, ताराचंद भंसाली, धनराज ढ़ेलडिया, विजयराज भंसाली, प्रकाश ढ़ेलडिया, मदनलाल भंसाली, जयन्ती लाल भूरट, हितेश भंसाली, कमलेश कुमार, जवाहर लाल भंसाली एवं समस्त महिला मंडल एवं जैन मित्र मंडल अजीत के पदाधिकारी उपस्थित रहे।


भारत- पाक के बीच फ्लैग मीटिंग हुई आयोजित

भारत- पाक के बीच फ्लैग मीटिंग हुई आयोजित


बाड़मेर। बुधवार को कमांडेंट, सीमा सुरक्षा बल और विंग कमांडर, पाकिस्तान रेंजर्स सिंध के बीच मासिक बॉर्डर मीटिंग का आयोजन 1030 से 1530 बजे तक सीमा स्तम्भ संख्या 814 के पास पाकिस्तानी सीमा चौकी जीरो पॉइंट के कांफ्रेंस हॉल में सौहार्दपूर्ण माहौल में किया गया। इसमें बी एस एफ की तरफ से श्री प्रदीप कुमार शर्मा,कमांडेंट के साथ 05 अन्य अधिकारी और पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से लेफ्टिनेंट कर्नल मुहम्मद वकार नवाज़िश, विंग कमांडर के साथ 05 अन्य अधिकारी शामिल हुए। इस मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच मजबूत सीमाप्रबंधन के लिए सांझा पेट्रोलिंग, पागल आदमी व आवारा पशुओं की आवाजाही और सीमा पर चौकसी के मुद्दों पर दोनों पक्षों में सार्थक बातचीत और सहमति हुई।


एक्सक्लूसिव खबर ।। जयपुर ।। अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री...तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान

एक्सक्लूसिव खबर ।। जयपुर ।। अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री...तीसरी बार संभालेंगे प्रदेश की कमान

जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस को मिली जीत के बाद से मुख्यमंत्री के पद को लेकर बनी गुत्थी दिल्ली के दरबार में सुलझ गई है. दिल्ली में तमाम मंथन और बैठकों के बाद राजस्थान में बनने वाली अगली सरकार के सीएम के तौर पर अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लग गई है. गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे. हालांकि, इस संबध में अधिकारिक रूप से घोषणा शाम तक की जाएगी.

राजस्थान के चुनाव में मिली जीत के बाद से ही कांग्रेस के भीतर सीएम के पद को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ था. जयपुर में दो दौर में विधायक दल की बैठक के बाद भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की गुत्थी सुलझ नहीं पाई थी. जयपुर में सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के बाद इस मामले को दिल्ली हाईकमान पर छोड़ दिया गया था. जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर सुबह से बैठकों का दौर जारी रहा. दिल्ली पहुंचे गहलोत और पायलट से भी राहुल गांधी ने चर्चा की. साथ ही पार्टी स्तर पर बड़े नेताओं के साथ लंबे दौर के मंथन के बाद अंत में गहलोत के नाम पर मुहर लग गई. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस को मिली सीटों के बीच बहुमत सुई की नोक पर टिकी हुई है. इसे और मजबूत करने के लिए तथा 2019 के लोकसभा चुनाव को समीकरण को ध्यान में रखते हुए गहलोत के नाम पर हाईकमान ने सहमति जता दी है. राहुल के आवास से निकलने के दौरान गहलोत के चेहरे की मुस्कान साफ बता रही थी कि उनके नाम पर सहमति बन गई है. हालांकि, अधिकारिक रूप से एलान शाम के विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा. लेकिन, जयपुर में उनके आगमन से पहले एस्कॉर्ट सहित तमाम व्यवस्थाएं जिस हिसाब से हो रही हैं, उससे साफ संकेत मिलता है कि गहलोत तीसरी बार सूबे की कमान संभालेंगे.

राहुल गांधी के साथ बैठक खत्‍म होने के बाद अशोक गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं


राहुल गांधी के साथ बैठक खत्‍म होने के बाद अशोक गहलोत जयपुर के लिए रवाना हो गए हैं. 


13:15 (IST)
सचिन पायलट ने राहुल गांधी से लगभग 40 मिनट तक मुलाकात की. अशोक गहलोत के राहुल के घर पहुंचने के 15 मिनट बाद सचिन राहुल के घर से निकल गए. पूरे रास्ते सचिन फोन पर बात करते रहे. हालांकि इस दौरान  परेशान भी दिखे. सचिन सुबह जब अपने 5 कैनिंग लेन घर पर थे तो उनके समर्थक 24 अकबर रोड कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे थे और जब सचिन राहुल के घर पहुचे तो उनके समर्थक राहुल के घर के बाहर प्रदर्शन करते रहे और उन्हें सीएम बनाने की मांग करते रहे. 
13:13 (IST)
जयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो एस्‍कॉर्ट गाड़ियां पुलिस लाइन में तैयार हैं. सिर्फ ऐलान का इंतजार किया जा रहा है. एक बार ऐलान हो जाए तो इन एस्‍कॉर्ट वाहनों को नवनिर्वाचित सीएम के लिए भेज दिया जाएगा. 
13:13 (IST)
जयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो एस्‍कॉर्ट गाड़ियां पुलिस लाइन में तैयार हैं. सिर्फ ऐलान का इंतजार किया जा रहा है. एक बार ऐलान हो जाए तो इन एस्‍कॉर्ट वाहनों को नवनिर्वाचित सीएम के लिए भेज दिया जाएगा. 
13:09 (IST)
राहुल गांधी की सचिन और गहलोत के साथ बैठक खत्‍म हो गई है. सचिन के जाने के 20 मिनट बाद गहलोत भी सचिन आवास से बाहर निकल गए. सचिन अपने आवास पर पहुंच गए हैं. अब सीएम पर फैसले का इंतजार किया जा रहा है. 
12:57 (IST)
घटता वोट प्रतिशत बीजेपी के लिए खतरे की घंटी, बढ़ने लगे 

नई दिल्ली: MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया

नई दिल्ली: MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया


नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी जीत की घोषणा के एक दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नामों पर दुविधा में है. राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट, मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव में मुख्यमंत्री के नाम को को लेकर रेस जारी है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही लेंगे. तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम पर राहुल गांधी ने पहली प्रतिक्रिया दी है.


MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कौन होगा मुख्यमंत्री? जानें राहुल गांधी ने क्या जवाब दिया

पत्रकारों के सवालों के जवाब में कि तीनों राज्यों में कौन होगा मुख्यमंत्री, कब तक घोषणा होगी, इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है, "हम पार्टी में विभिन्न लोगों से इनपुट ले रहे हैं. हम विधायकों से, कार्यकर्ताओं से इनपुट ले रहे हैं. आपको जल्द ही मुख्यमंत्री मिल जाएगा." बता दें कि तीनों राज्यों के पर्यवेक्षकों ने राज्यों के नव निर्वाचित विधायकों से मिलने के बाद अंतिम फैसला लेने पर कहा कि अब राहुल गांधी ही अंतिम फैसला लेंगे.




इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, "सभी विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को (छत्तीसगढ़ के) कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत किया है... वह जो भी फैसला लेंगे, विधायक उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं..."




बतादें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. यहां सपा-बसपा और निर्दलीयों ने समर्थन का ऐलान किया है. राजस्थान में कांग्रेस के पास 99 सीटें हैं, बसपा ने भी उसे समर्थन का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 90 में से 67 सीटें मिली हैं.



बुधवार, 12 दिसंबर 2018

राज्यपाल से इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी का उच्चस्तरीय षिष्टमंडल मिला

राज्यपाल से इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी का उच्चस्तरीय षिष्टमंडल मिला

- जयपुर, 12 दिसम्बर। राज्यपाल श्री कल्याण सिंह से बुधवार को सांय यहां राजभवन में श्री अविनाष पाण्डे के नेतृत्व में इण्डियन नेषनल कांग्रेस पार्टी के एक उच्चस्तरीय                 षिष्टमंडल ने मुलाकात की। दल ने राज्यपाल श्री सिंह को राजस्थान प्रदेष में सरकार बनाने के दावे का पत्र प्रस्तुत किया।

     षिष्ट मंडल ने राज्यपाल श्री सिंह को आग्रह किया है कि इंण्डियन नेषनल कांग्रेस दल के दावे को स्वीकार करें। राज्यपाल श्री सिंह को श्री पाण्डेय ने बताया कि विधायक दल के नेता के नाम पर चर्चा चल रही है, जिसके संबध में जल्द ही अवगत करवा दिया जायेगा।                         

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को

बाड़मेर। एक दिवसीय निरंकारी संत समागम 18 दिसम्बर को



- समागम पंडाल में हजारों निरंकारी श्रद्धालुओं के बैठने की होगी व्यवस्था



बाड़मेर। निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में 18 दिसम्बर को शहर के आदर्श स्टेडियम में होने वाले एक दिवसीय निरंकारी संत समागम की तैयारियां श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक शुरू कर दी हैं। निरंकारी मण्डल ब्रांच बाड़मेर के मिडीया सहायक हितेश तंवर ने बताया कि, सतगुरु माता जी के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं के चेहरों पर अलौकिक खुशी देखने को मिल रही हैं। छोटे से लेकर बड़े, महिला व पुरूष श्रद्धालु तथा सेवादल के सदस्य दिन रात विभिन्न तरह के सेवा कार्यों में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि, निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का सतगुरु रूप में प्रकट होने के बाद पहली बार बाड़मेर जिले में मानव कल्याण यात्रा के तहत 18 दिसम्बर को आगमन होगा तथा उसी दिन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की छत्रछाया में सांय 5 बजे से 8 बजे तक एक दिवसीय विशाल निरंकारी संत समागम आयोजित होगा।


इस दौरान निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे। इस निरंकारी समागम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना हैं। समागम में शामिल होने वाले लोगों के लिए अल्प ठहराव, प्याऊ, कैंटीन आदि व्यवस्था की जाएगी। वहीं सत्संग के लिए एक बड़ा पंडाल स्थापित किया जाएगा जिसमें महिला व पुरूष भक्तों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था रहेंगी। पंडाल के निकट ही स्वागत कक्ष, डिस्पेंसरी, सेवादल कार्यालय, प्रकाशन आदि के कार्यालय भी बनाए जाएंगे। मानव कल्याण के लिए आयोजित इस एक दिवसीय समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज प्रवचन देंगे। 

सुदीक्षा महाराज 16 दिसम्बर को जैसलमेर में सत्संग कर फिर बाड़मेर आगमन करेगी तथा 19 दिसम्बर को जोधपुर में भी निरंकारी सत्संग में शिरकत करेगी। समागम में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा गुरु की महिमा गाई जाएगी, कुछ श्रद्धालुओं द्वारा भजन, विचार भी प्रस्तुत किये जाएँगे। सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज का संदेश प्यार, विनम्रता, सहनशीलता, एकता, मर्यादा में रहना, वचनों को कर्म में ढालना व अन्य संदेशो को आगे पहुंचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर संत समागमों का आयोजन होता हैं, जिसमें मानवता को मजबूती प्रदान करने के लिए संदेश दिए जाते हैं।

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को

बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत के चुनाव 23 दिसम्बर को


बाड़मेर। ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर द्वारा समाज के वर्ष 2018.2020 की अवधि के लिए अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी के सदस्यों के निर्वाचन हेतु चुनाव रविवार 23 दिसम्बर 2018 को होेंगे।

यह जानकरी देते हुए निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार लधड़ ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी सारंग राठी के निर्देशानुसार ढाट माहेश्वरी पंचायत बाड़मेर के अध्यक्ष एवं सदस्यों के निर्वाचन के लिए रविवार 23 दिसम्बर 2018 को चुनाव आयोजित किए जाएगें।

लधड़ ने बताया कि चुनाव हेतु नामांकन फार्म का वितरण दिनांक 14 दिसम्बर एवं 15 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। वहीं नामांकन फार्म जमा कराने की तिथि 16 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि नामांकन फार्म की वापसी दिनांक 19 दिसम्बर 2018 तक सांय 4 से 6 बजे तक की जा सकती है। लधड़ ने बताया कि प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का आंवटन 19 दिसम्बर को ही सांय 7 बजे तक कर दिया जाएगा।

संबंधित इमेज

निर्वाचन अधिकारी मुकेश केला ने बताया कि मतगणना रविवार 23 दिसम्बर 2018 सांय 5 बजे के बाद कर परिणाम की घोषणा की जाएगी। केला ने बताया कि प्रबंध कार्यकारिणी पदाधिकारियों का निर्वाचन सोमवार 24 दिसम्बर 2018 को सांय 4 से 6 बजे तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन
बुधवार 26 दिसम्बर 2018 को सांय 4 बजे किया जाएगा।

केला ने बताया कि सम्पूर्ण निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न होने की स्थिति में प्रबंध कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के चुनाव दिनांक 20 दिसम्बर को सांय 4 से 6 बजे तथा शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन 23 दिसम्बर को सांय 4 बजे किया जाएगा।

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी

परंपरागत वोट खिसके,स्वाभिमान ने लाज बचाई कांग्रेस की, नौ में से आठ सीट पर विजयी 



पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जेसलमेर में सम्पन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नो में से आठ सीट जीत कर परचम लहरा दिया मगर कांग्रेस के लिए विश्लेषण का विषय है कि इस बार कांग्रेस को उसके परंपरागत जाट और दलित वोट नही मिले मगर इन वोटों की भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान वोटरों ने कर नया जातीय समीकरण बना कांग्रेस को आठ सीट जितवा दी।



बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में मेवाराम जैन की बड़ी जीत का आधार स्वाभिमान सेना ने रखा।।मेवाराम जैन के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 2014 में हराने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी थे।।सोनाराम चौधरी की टिकट फाइनल होते ही कर्नल को हराने के लक्ष्य स्वाभिमान सेना ने रखा। कांग्रेस के परंपरागत वोट जाट और दलित का बिखराव कर्नल और निर्दलीय राहुल बामनिया के पक्ष में हो जाने के बाद स्वाभिमान सेना ने मेवाराम की बागडौर संभाल ली।।मानवेन्द्र सिंह समर्थकों के कांग्रेस से जुड़ जाने कर बाद मेवाराम की सीट सुरक्षित हो गई ।इसी तरह सबसे प्रतिष्ठा वाली शिव विधानसभा जहां मानवेन्द्र सिंह विधायक थे से वरिष्ठ नेता अमीन खान को उम्मीदवार बनाया तो उन्हें हराने के लिए आर एल डी से दलित नेता उदाराम मेघवाल को उतारा।।दलित और जाट मतदाताओं का गठबंधन उन्हें उतारा गया।


जिससे कांग्रेस के परम्पतगत वोट छिटक गए।।इसकी भरपाई मानवेन्द्र सिंह के स्वाभिमान समर्थकों ने को।।राजपूत,रावण राजपूत सहित अन्य जातियां अमीन खान के साथ जुड़ कर इसकी भरपाई कर कांग्रेस के खाते में यह सीट बड़े अंतर से जीत ली।।खुद अमीन खान ने अपनी जीत को स्वाभिमान की जीत बताया।।चोहटन ,गुड़ामालानी,पचपदरा, बायतु,में भी यही स्थति बनी।।गुडा में राजपूत रावणा राजपूत वोट कांग्रेस से जुड़े तो पचपदरा में मदन प्रजापत को जाटों और दलितों के वोट नही मिले मगर इसकी पूर्ती स्वाभिमानियो ने कर दी।।बायतु में आर एल पी ,भाजपा,बसपा ,कांग्रेस के बीच जाटों और दलित वोटों का ध्रुवीकरण होने से आर एल पी के उम्मेदाराम कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे थे।।कई राउंड में उम्मेदाराम आगे रहे।।मानवेन्द्र सिंह समर्थक पटौदी बेल्ट से कांग्रेस को वोट मिलने से हरीश चौधरी जीत पाए।

जेसलमेर में कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे को बसिया क्षेत्र जो मानवेन्द्र सिंह समर्थक बेल्ट है के वोट थोक में मिलने से बड़ी जीत दर्ज की।।पोकरण में राहुल गांधी की सभा मे स्वाभिमान अमर रहे के नारे लगे।साले मोहम्मद को यहां स्वाभिमान वोट मिले।।जिससे उनकी जीत हुई। कांग्रेस में स्वाभिमानियो के वोटों का ध्रुवीकरण होने से कांग्रेस जीत दर्ज करा पाई।।बाकी कांग्रेस के परंपरागत दलित और जाट मतदाताओं ने हराने में कोई कमी नही रखी।कोई स्वीकार करे न करे यह कड़वी सच्चाई है।

कांग्रेस को इस पर मंथन करना चाहिए कि उनके परंपरागत वोट कितने मिले। मानवेन्द्र सिंह खुद झालावाड़ से मुख्यमंत्री के सामने चुनाव लड़ रहे थे मगर उनके कार्यकरता कांग्रेस के साथ जुड़ जिताने में लगे थे इसमे सफल रहे। सिवाणा में टिकट वितरण में कमी के कारण जरूर हारे बाकी भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया।स्वाभिमानियो ने वसुंधरा राजे को सत्ताच्युत करने में सफल रहे। कर्नल सोनाराम चौधरी को हराकर जसवंत सिंह को हराने के बदला ले लिया।

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया

CM...के नाम पर...कांग्रेस का दिग्गज जाट विधायक झल्लाया...बैठक के बीच से उठकर चल दिया
   
कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव जीत तो लिया. लेकिन अब उसके लिए सीएम के नाम को लेकर परेशानी बनी हुई है. अशोक गहलोत, सचिन पायलट या फिर कोई और. इसको लेकर कश्मकश की स्थिति है. इस बीच कांग्रेस के एक दिग्गज जाट विधायक ने सीएम के नाम को लेकर आलाकमान के फैसला करने पर झल्ला गया है. बैठक को बीच में छोड़कर निकल गया.


डीग-कुम्हेर से विधायक विश्वेंद्र सिंह सीएम के नाम को लेकर चल रही बैठक के दौरान झल्ला कर बाहर चले गए. उन्होंने कहा कि जब फैसला आलाकमान को ही करना है तो फिर विधायकों की जरूरत क्या है. आखिर क्यों एक-एक विधायक की राय ली जा रही है. हालांकि बैठक से बाहर जाने के बाद उन्होंने वापस आने की बात भी कही. बैठक में एक लाइन में यह प्रस्ताव पास हुआ कि राहुल गांधी ही सीएम का फेस तय करेंगे.

विश्वेंद्र सिंह अपने बयानों को लेकर हरदम चर्चा में रहते हैं. अभी कल ही परिणाम आने के बाद विश्वेंद्र सिंह ने अपने तेवर फिर से दिखाने शुरु कर दिए हैं. विश्वेंद्रे सिंह पहली बार नहीं है कि जब आलाकमान से नाराज हुए हों. इससे पहले भी एआईसीसी से नाम कटने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की.

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गांधी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित जयपुर

विधायक दल की बैठक खत्म,राहुल गां
धी करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला,प्रस्ताव पारित

जयपुर

राजस्थान: विधायक दल की बैठक खत्म, सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत ने कही यह बात


राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद अब कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारियां शुरु कर दी है। राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में सस्पेंस बरकरार है। इसी को लेकर बुधवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें विधायकों से रायशुमारी की गई। इसके बाद राहुल गांधी की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही नाम ऐलान का ऐलान किया जाएगा।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रस्ताव रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान लेगा। इस पर सीपी जोशी ने भी समर्थन किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस मुख्यालस के बाहर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के समर्थक भारी संख्या में पहुंचे। दोनों के समर्थक अपने अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी की।

एक-एक विधायक से की रायशुमारी
मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी रायशुमारी के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस पर्यवेक्षक वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने जीते हुए सभी विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में वेणुगोपाल मुख्यमंत्री के नाम को लेकर एक-एक विधायक से उनकी राय जानी। इसकी रिपोर्ट आलाकमान को भेजी जाएगी।

सुबह निर्दलीय चुनाव जीते रामकेश मीणा सहित दो विधायक समर्थन देने गहलोत के आवास पर भी पहुंचे। बता दें कि मंगलवार को परिणाम के शुरूआती रुझान आने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अशोक गहलोत और सचिन पायलट को सीएम बनाने के नारे गूंज रहे थे।

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'


नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है. कांग्रेस राजस्थान में बहुमत के आंकड़े से भले एक सीट दूर रह गई, मगर अपने सहयोगियों के समर्पाथन से सरकार बनाने के आंकड़े को पार कर चुकी है. बीजेपी के पास मौका था राजस्थान के सियासी इतिहास को बदलने का, मगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोड़ी ने वसुंधरा राजे की सरकार को पटखनी दे दी और राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक करवा दिया. चुनावी नतीजों में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो अब बनती दिख रही है, मगर कांग्रेस के भीतर असल माथा-पच्ची अब शुरू होने वाली है. आज के परिणाम के नतीजों से यह स्पष्ट हो चुका है कि राजस्थान में कांग्रेस का राजतिलक तो होगा, मगर मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर पर होगा, यह अभी भी बड़ा सवाल है और इस सवाल पर अब तक कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, यह बात तय है कि अशोक गहलोत या फिर सचिन पायलट में से ही कोई एक राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार होगा. लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों में से किसी एक को सीएम के रूप में चुनना इतना आसान भी नही हैं.


राजस्थान में कांग्रेस का 'राजतिलक', मगर अब पार्टी के सामने है यह 'बड़ा सिरदर्द'

दरअसल, राजस्थान में कुल 199 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत के लिए 100 सीटों की जरूरत थी, जिसे कांग्रेस ने यह आंकड़ा सहयोगियों की बदौलत आसानी से पार कर लिया. कांग्रेस ने जबरदस्त चुनावी रणनीति से बीजेपी की सरकार को उखाड़ फेंका और सत्ता की चाबी अपने हाथ में रख ली. मगर अब कांग्रेस के हाईकमान के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है कि आखिर वह किसे अपना मुख्यमंत्री बनाएगी. बता दें कि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं.



दरअसल, बीते दिनों जिस तरह से अशोक गहलोत ने संकेत दिये हैं और अन्य राज्यों में जिस तरह से कांग्रेस के लिए उनकी भूमिक देखी जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में ही रह सकते हैं. क्योंकि अब कांग्रेस के लिए अगला लक्ष्य है 2019 में केंद्र से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकना. वैसे ही एनडीटीवी से बातचीत में अशोक गहलोत इस बात को कह चुके हैं कि अगर पार्टी उन्हें केंद्र की जिम्मेदारी देगी, तो वे केंद्र में रहेंगे और अगर राज्य की जिम्मेदारी देगी तो वह यहां भी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं.


वहीं, सचिन पायलट के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि न वो सिर्फ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, बल्कि वह युवा चेहरा भी हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट को सीएम के रूप में ला सकती है. इसकी वजह यह भी है कि अशोक गहलोत राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान के लिए भी पहली पसंद हो सकते हैं. हालांकि, इसका निर्णय पार्टी को ही करना है. मगर जो भी राजस्थान में सचिन पायलट या अशोक गहलोत में से किसी एक को चुनना कांग्रेस के लिए इतना आसान भी नहीं होना वाला है.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सवाल यह उठने लगा कि वहां मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि, पायलट और गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने के लिए पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. बुधवार को हुई विधायक दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि 'मुख्यमंत्री कौन होगा?' इस पर आलाकमान ही फैसला लेगा. बताया जा रहा है कि आलाकमान के हाथों में फैसला देने का प्रस्ताव अशोक गहलोत ने दिया और इसका अनुमोदन सचिन पायलट ने किया. सूत्रों की मानें तो दो तिहाई विधायक सचिन के साथ हैं और बैठक में सचिन-सचिन के नारे भी लगे हैं.

बता दें, मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों का चयन सुगमता से किया जाएगा. राहुल ने कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को हरा दिया है... मुख्यमंत्रियों (के चयन) को लेकर कोई मुद्दा नहीं होगा. यह सुगमता से किया जाएगा.'' दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछा गया था कि हिन्दी पट्टी के इन तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री कौन-कौन होंगे, जिसके जवाब में राहुल ने यह बात कही.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पर रार! आलाकमान के हाथों में फैसला, बैठक में लगे सचिन-सचिन के नारे


बता दें, राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंह देव, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत, प्रदेश पार्टी प्रमुख भूपेश बघेल और ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू इस शीर्ष पद के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.


राहुल ने यह भी कहा कि पार्टी ने चुनावों से पहले विभिन्न राज्यों में पार्टी के अंदर नेताओं के बीच तनाव को प्रभावी तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एकजुट होकर काम किया, जिसने पार्टी को हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में विजेता बनकर उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, ‘‘यह जीत कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों की जीत है. अब कांग्रेस पार्टी पर बड़ी जिम्मेदारी है.''

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, वहीं राजस्थान में 99 और मध्य प्रदेश में 114 सीटें मिली हैं. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि वह मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?