बाड़मेर, अब कृषि सुधारों में भी राजस्थान देश में आगे
बाड़मेर, 3 नवंबर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लागू किए गए सुधारों के सुखद परिणाम अब आने लगे हैं। कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों के लिए भी प्रदेश देशभर के अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है। नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी कृषि सुधार सूचकांक में राजस्थान केवल महाराष्ट्र और गुजरात से पीछे है।
नीति आयोग ने खेती के कार्यों में नवाचार, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था में सुधारों तथा कृषि व्यवसाय में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को रेखांकित करने के लिए कृषि सुधार सूचकांक जारी किया है। इस रैंकिंग में राजस्थान 70 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर है, जबकि गुजरात का स्कोर 71.5 और महाराष्ट्र 81.7 है।
राजस्थान में कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों के परिणाम स्वरूप बीते 3 वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से भी खेती फायदे का सौदा बनती जा रही है। इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों के कारण निवेशक गैर-कृषि क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के कृषि क्षेत्र में भी निवेश करना चाह रहे हैं। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2016’ का आयोजन करने की पहल की है।
गौरतलब है कि कृषि सुधार सूचकांक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण और कमियों को दूर करने में राज्यों का सहयोग करना है ताकि यह क्षेत्र स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति दे सके। किसानों और राज्य सरकारों द्वारा नवाचार अपनाने तथा मार्केटिंग की व्यवस्था में सुधार से खेती न केवल अधिक लाभ का क्षेत्र बनेगा, बल्कि यह क्षेत्र गैर-कृषि क्षेत्रों की तरह अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकेगा। राजस्थान इस दिशा में पहले ही महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है।
इन क्षेत्रों में राजस्थान देश में अव्वल
-आज राजस्थान अनेक क्षेत्रों में देश के अव्वल प्रदेशों में शामिल है।
- स्किल डवलपमेंट में दूसरी बार प्रथम
- भामाशाह योजना में गोल्ड मैडल
- सौर ऊर्जा के उत्पादन में प्रथम
- स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय निर्माण में प्रथम