मंगलवार, 3 मार्च 2015

कांग्रेस के आठ विधायक निलंबित, मार्शलों ने निकाला बाहर



जयपुर भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में विधानसभा पर प्रदर्शन कर यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज का मामला मंगलवार को सदन में गूंजा।



यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक अशोक चांदना की पुलिस द्वारा की गई पिटाई के विरोध में नारेबाजी कर रहे कांग्रेस के आठ विधायकों और एक निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल को विधानसभा अध्यक्ष ने शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया।




निलंबित किए गए विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर निकाला। इसके बाद सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।

नेता प्रतिपक्ष के अभिभाषण के दौरान हुआ मामला

बताया जा रहा है कि आज राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष अपने बयान दे रहे थे।




इसी दौरान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और हिंडौली से विधायक अशोक चांदना सदन में आए और पुलिस द्वारा उनकी पिटाई से हुए जख्म दिखाने लगे।




जिसे देखकर कांगे्रेस विधायक उत्तेजित हो गए और वैल में आ गए। इनके साथ ही निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल वैल में आ गए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।




इस पर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कुछ सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो उस पूरे घटनाक्रम की वीडियो फुटेज देखेगी और उसके बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाऊ कार्रवाई की जाएगी।




पर विपक्ष के विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। और सरकार विरोधी नारे वैल में लगा रहे थे। इस समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी सदन में मौजूद थी।




विपक्ष के विधायकों को बार-बार आग्रह करने भी वे अपनी सीट पर नहीं पहुंचे। जिस पर मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने कहा कि इससे सदन की कार्रवाई बाधित हो रही है।




इस दौरान विपक्ष के विधायकों की कालूलाल गुर्जर के साथ भी कई बार तीखी नोंक-झोंक हुई। इसके बाद सरकार ने हंगामा कर रहे कांग्रेस सहित नौ विधायकों के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव पेश कर दिया।




इसके बाद अध्यक्ष निलंबित किए गए सभी विधायकों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा लेकिन बाहर नहीं जाने पर आसन मार्शल को विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया, जिस पर मार्शल से सदन से विधायकों को बाहर निकाल दिया।

विधानसभा के इतिहास में पहला मौका

बताया जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ये पहला मौका है जब एक साथ नौ विधायकों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है।

इन्हें किया निलंबित

विधायक अशोक चांदना, हनुमान बेनीवाल, सुखराम विश्नोई, श्रवण कुमार, गिर्राज सिंह, धीरज गुर्जर, रमेश मीणा है।

जयपुर में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, कई जख्मी



जयपुर केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लाए जा रहे भूमि अधिग्रहण बिल के वरोध में विधानसभा का घेराव कर रहे यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। पुलिस की ओर से किए गए लाठीजार्ज में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक अशोक चांदना सहित कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोंटे आई हैं।




जानकारी के अनुसारमंगलवार को यूथ कांग्र्रेस के कार्यकर्ता राजधानी के उद्योग मैदान पर केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद कार्यकर्ता विधानसभा की ओर से बढऩे लगे।




इस दौरान पुलिस और यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। कार्यकर्ताओं बैरिकेट्स तोडऩे प्रयास किया। इस पर पुलिस और कार्यकर्ताओं धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं ने तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया।




लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन पायलट भी धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठ गए और दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की।




इससे पहले यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कहा कि किसान को बिजली नहीं, फसल का उचित दाम नहीं, यूरिया नहीं फिर भी किसान ने कर्ज लेकर फसल उगाई।




प्रकृति का प्रकोप हो गया और बारिश व ओलावृष्टि से किसानों का नुकसान हो गया। ऊपर से राज्य के कृषि मंत्री का गैर जिम्मेदाराना




बयान दे रहे है। यूरिया संकट के समय भी इनके बयान किसान विरोधी आते रहे हैं।




उन्होंने कहा कि राजस्थान कृषि प्रधान राज्य है इसलिए सरकार को गंभीरता दिखाते हुए अविलंब सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजे का ऐलान करना चाहिए। समझ में नहीं आता संकट के समय सरकार किसानों के आमने-सामने खड़ी दिखाई क्यों देती है।

बाड़मेर कचहरी परिसर से सरकारी खबरें जन जागृति के लिए सभी की सहभागिता जरूरी- शर्मा

बाड़मेर कचहरी परिसर से सरकारी खबरें 
मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण हेतु राष्ट्रीय अभियान का शुभारम्भ
जन जागृति के लिए सभी की सहभागिता जरूरी- शर्मा
बाडमेर, 3 मार्च। मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण हेतु राष्ट्रीय अभियान का जिला स्तर पर शुभारम्भ मंगलवार को जिला निर्वाचन अधिकारी मधुसूदन शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारी एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

इस अवसर पर जिला निर्वाचन अधिकारी शर्मा ने मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणिकरण के लिए अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा अभियान का सन्देश जन जन तक पहुंचाने का आहवान किया। उन्होने कहा कि इसके लिए सभी की सहभागिता एवं सहयोग अति महत्वपूर्ण है। उन्होने राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों से 15 मार्च तक प्रत्येक मतदान केन्द्र पर बूथ अभिकर्ता की नियुक्ति करने को कहा ताकि वे संबंधित बूथ लेवल अधिकारी से समन्वय कर अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित कर सकें।

शर्मा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अर्हता दिनांक एक जनवरी, 2015 के सन्दर्भ में 20 जनवरी, 2015 को अन्तिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूचियों में विद्यमान अशुद्धियों यथा मतदाताओं की दोहरी प्रविष्टियां, मतदाताओं को जारी दोहरे पहचान पत्र, एक ही मतदाता की फोटो का एक से अधिक बार मतदाता सूचियों में मुद्रित होना, नाम में अशुद्धि आदि को शुद्ध करने तथा आधार कार्ड नम्बर का अंकन मतदाता सूची में करने के लिए मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण हेतु विशेष सघन अभियान 3 मार्च से 31 जुलाई, 15 तक आयोजित किया जाएगा।

उन्होने बताया कि आयोग द्वारा मतदाताओं को दोहरी प्रविष्टियों के संबंध में स्वतः घोषणा की सुविधा भी दी गई है, जिसका लाभ अभियान के दौरान वे उठा सकते है। उन्होने बताया कि दोहरी प्रविष्टियों का होना काननून अपराध है तथा वे फार्म संख्या 7 के माध्यम से अपनी इच्छानुसार किसी एक स्थान से नाम हटवाने के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होने बताया कि अभियान के दौरान विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। प्रथम विशेष शिविर 12 अप्रेल, 2015 को प्रत्येक मतदान केन्द्र पर प्रातः 9.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक आयोजित किया जाएगा तत्पश्चात् प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। अभियान के दौरान मतदाता सूचियों में पंजीकृत मतदाताओं के आधार कार्ड नम्बर, मोबाईल नम्बर व ई मेल आई डी भी निर्धारित प्रपत्र में संकलित किए जाएगें।

इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी ओ.पी. बिश्नोई ने बताया कि अभियान के दौरान मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण के साथ आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोडने का कार्य किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले में आयोजित होने वाले भामाशाह शिविरों में आधार कार्ड भी बनाये जा रहे है। उन्होने मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणिकरण के अभियान के सफल संचालन के लिए सभी राजनैतिक दलों से सक्रिय सहयोग की अपील की।

इस दौरान मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण के राष्ट्रीय अभियान के शुभारम्भ के संबंध में फ्लैक्स बैनर का विमोचन भी किया गया। बैठक में स्वीप नोडल अधिकारी मुकेश पचैरी ने मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण के राष्ट्रीय अभियान के उदेृश्यों की जानकारी कराई। वहीं शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी लक्ष्मीनारायण जोशी ने मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया की विस्तार पूर्वक जानकारी कराई।

होली पर कानून व्यवस्था  के लिए निषेधाज्ञा
बाडमेर, 3 मार्च। जिला मजिस्टेªट मधुसूदन शर्मा ने होली व धुलण्डी के त्यौहार पर साम्प्रदायिक सद्भावना तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए निषेधाज्ञा जारी कर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत प्रावधानों एवं प्रतिबन्धों को लागू किया है। आदेशानुसार जिले में किसी भी सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे आॅडियो कैसेट्स आदि नहीं चलायेगा और न ही ऐसे नारे लगायेगा जिससे अन्य सम्प्रदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुचती हो। कोई भी व्यक्ति रंग इस तरह से नहीं खलेंगे जिससे किसी दूसरे सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान, दुकान पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नहीं फेकेंगे और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन, धूल, कीचड, आॅयल पेन्ट आदि का उपयोग नहीं करेंगे एवं रंग खेलने के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को न तो रंग लगायेंगे एवं न ही उन पर रंग फेंकेगे।

कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के आग्नेय शस्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बन्दूक एवं एम.एन. गन आदि तथा तेज धारदार हथियार, लाठी, स्टीक इत्यादि साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूमेगा एवं न ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शन करेगा। इसी तरह कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा न ही किसी को सेवन करवायेगा तथा अधिकृत विक्रेताओं को छोडकर कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के कारण छोडकर किसी अन्य उपयोग हेतु सार्वजनिक स्थलों मे से मदिरा आवागमन नहीं करेगा।

उक्त आदेश 10 मार्च को रात्रि 12 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह आदेश समस्त कार्यपालक मजिस्टेªट, पुलिस, सीमा सुरक्षा बल एवं अन्य एजेन्सियों के अधिकारियों/ कर्मचारियों पर जो कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा अवांछनीय गतिविधियों की रोकथाम एवं व्यवस्था की डयूटी के लिए उक्त क्षेत्र में उक्त समय के लिये तैनाती पर नियुक्त किये गए है, पर प्रभावी नहीं होगा।

-कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए क्षेत्रवार मजिस्टेªट नियुक्त
बाडमेर, 3 मार्च। जिला मजिस्टेªट मधुसूदन शर्मा द्वारा एक आदेश जारी कर 5 मार्च को होलिका दहन, 6 को धुलण्डी, 21 को चेटीचण्ड, 28 को रामनवमी, 2 अप्रेल को महावीर जयन्ती, 3 को गुड फ्राईडे, 14 अप्रेल को डाॅ. अम्बेडकर जयन्ती व बैशाखी, 16 को सैन जयन्ती, 20 को परशुराम जयन्ती एवं 21 अप्रेल को अक्षय तृतीया के धार्मिक पर्वो के आयोजन के मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 22 के तहत क्षेत्रवार मजिस्टेªट नियुक्त किए गए है।

जिला मजिस्टेªट द्वारा जारी आदेशानुसार उपखण्ड मजिस्टेªट बाडमेर को बाडमेर शहर, उपखण्ड मजिस्टेªेट बालोतरा को बालोतरा शहर, उपखण्ड मजिस्टेªट शिव को तहसील क्षेत्र शिव, उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिवाना को तहसील क्षेत्र सिवाना, उपखण्ड मजिस्टेªट रामसर को तहसील क्षेत्र रामसर, उपखण्ड मजिस्ट्रेट चैहटन को तहसील क्षेत्र चैहटन, उपखण्ड मजिस्ट्रेट बायतु को तहसील क्षेत्र बायतु एवं उपखण्ड मजिस्टेªट गुडामालानी को तहसील क्षेत्र गुडामालानी, उपखण्ड मजिस्टेªेट धोरीमना को तहसील क्षेत्र धोरीमना के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र बाडमेर (ग्रामीण), पचपदरा (ग्रामीण), सिणधरी, सेडवा व समदडी के लिए संबंधित तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्टेªटों को मजिस्टेªट नियुक्त किया गया है। उक्त मजिस्टेªट्््स को निर्देश दिये गये है कि वे उक्त पर्वो के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने की पालना सुनिश्चित करेंगे। संबंधित उपखण्ड मजिस्टेªट अपने उपखण्ड की शांति व्यवस्था एवं निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

परीक्षाओं के मद्देनजर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पाबंदी
बाड़मेर, 3 मार्च। माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, स्नातक एवं स्नातकोतर की होने वाली परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट मधुसूदन शर्मा ने जिले में सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रो के प्रयोग पर पाबन्दी लगा दी है।

जिला मजिस्ट्रेट शर्मा ने उपरोक्त परिस्थितियों के मध्यनजर राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत शक्तियों का प्रयोग कर जिले में जहां बोर्ड/ महाविद्यालय के परीक्षा केन्द्र स्थापित है, उनके आस-पास किसी भी किस्म के ध्वनि विस्तारक यन्त्र जिसमें लाऊड स्पीकर, एम्पलीफायर, ग्रामोफोन आदि शामिल है, से कोलाहल उत्पन्न करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। यदि ऐसा करते कोई व्यक्ति या समूह पाया जाता है तो राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम के अन्तर्गत वह अपराधी माना जाएगा।

आदेशानुसार विशेष आयोजनों एवं परिस्थितियों में यदि ध्वनि विस्तारक यन्त्रों को उपयोग मे लेने की आवश्यकता हो तो उस क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं थानाधिकारी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के बाद ही आदेशित शर्तो के अधीन धीमी गति से उक्त यन्त्रों का उपयोग किया जा सकेगा, लेकिन किसी भी परिस्थिति में सायं 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक किसी व्यक्ति या समूह को ध्वनि विस्तारक यन्त्र के उपयोग की अनुमति प्रदान नहीं की जावेगी। साथ ही किसी पडौसी द्वारा आपति किए जाने पर अनुमति के बावजूद ध्वनि विस्तारण यन्त्रों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा तथा उसे बन्द करवाया जा सकेंगा। यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू होगा जो 31 मई, 2015 तक प्रभावी रहेगा।

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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा परीक्षा केन्द्रों के लिए माइक्रोआॅब्जर्वर नियुक्त
बाडमेर, 3 मार्च। जिले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संवेदनशील/अति संवेदनशील घोषित किए गए परीक्षा केन्द्रों पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं सुचारू रूप से सम्पन्न कराये जाने हेतु माइक्रो आॅब्जर्वर नियुक्त किए गए है।

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट मधुसूदन शर्मा द्वारा जारी आदेश के अनुसार पशु चिकित्सक बिशाला डाॅ. अमराराम को राउमावि बिशाला, पंचायत प्रसार अधिकारी पंचायत समिति बाडमेर भेराराम को राउमावि राणीगांव, पशु चिकित्सक मेहलू डाॅ. विजय टेलर को राउमावि सनावडा, पशु चिकित्सक सोनडी डाॅ. पूनमचन्द बिश्नोई को राउमावि भूणिया, आयुर्वेद चिकित्सक बायतु, अनिल कुमार वशिष्ठ को रामावि कानोड, पशु चिकित्सक हीरा की ढाणी डाॅ. टीकमचन्द अग्रवाल को राउमावि सवाउ पदमसिंह, आयुर्वेद चिकित्सक करमावास मौजीराम शर्मा को रामावि करमावास तथा पशु चिकित्सक कल्याणपुर डाॅ. महेन्द्र कुमार शर्मा को राउमावि कल्याणपुर के लिए माइक्रो आॅब्जर्वर नियुक्त किया गया है।

उक्त माइक्रो आॅब्जर्वर को निर्देश दिए गए है कि वे परीक्षा प्रारम्भहोने से परीक्षा समाप्ति तक परीक्षा की गतिविधियों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट गोपनीय रूप से जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाडमेर तथा अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को भिजवाएगें। परीक्षा संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) बाडमेर से मोबाइल नम्बर 8696477006 व नियन्त्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 02982- 230228 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने में युवा आगे आएंः शर्मा

सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने में युवा आगे आएंः शर्मा

-गुड़ामालाानी में एक दिवसीय युवा नेतृत्व प्रशिक्षण एवं समुदाय विकास कार्यक्रम आयोजित
बाड़मेर 3.3.15। सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने में युवा आगे आएं। सभी धर्म के लोगों के आपसी भाईचारे से देश मजबूत बनता है। युवा नशे की लत छुड़ाने की दिशा में भी भूमिका निभाएं।
यह बात गुड़ामालानी सरपंच दिनेश शर्मा ने नेहरू युवा केन्द्र की ओर से मंगलवार को राउप्रावि उदाणियों का वास गुड़ामालानी में आयोजित युवा नेतृत्व प्रशिक्षण एवं समुदाय विकास कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को समाज के प्रति जागरूक होना चाहिए तथा देश हित में अपना योगदान देें।
नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा समन्वयक ओमप्रकाश जोशी ने कहा कि युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहकर मंजिल को प्राप्त करना चाहिए। युवा ही समाज विकास की धूरी है। देश का युवा जागृत हो जाए तो विकट परिस्थितियों में भी सफलता हासिल कर सकता है।
विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ अध्यापिका मोक्षसुधा जोशी ने कहा कि वर्तमान में युवतियों को पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज व देश के हित में कार्य करना होगा। वर्तमान में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे रहकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
विशिष्ठ अतिथि अध्यापक आसूराम ने कहा कि युवा ही देश का भविष्य है। युवाओं को जीवन कौशल में पारंगत होना चाहिए। कौशल विकास में दक्ष होकर युवा अपना रोजगार स्वयं के द्वारा ही प्राप्त कर सकता है।
कार्यक्रम में संदर्भ व्यक्ति के रूप में रूबी चैधरी ने युवा एवं उसका नेतृत्व तथा व्यक्तित्व विकास के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति तुलसी विश्नोई ने युवा एवं गांव, समाज व ग्राम समुदाय के बारे में विस्तृत जानकारी प्रशिक्षणार्थियांे को प्रदान की। कार्यक्रम में 50 संभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में हरदानराम चैधरी, हरखाराम भादू, हितेश बेनीवाल, राई पोटलिया, जसराज गौड़ ईसरोल, हिमांशु जोशी सहित कई युवा उपस्थित थे।

जैसलमेर कानिस्टेबल भर्ती परीक्षा शारीरिक मापतौल एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा नो मार्च से

 जैसलमेर कानिस्टेबल भर्ती परीक्षा शारीरिक मापतौल एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा नो मार्च से  

 जैसलमेरजिला जैसलमेर मे कानिस्टेबल सामान्य/ड्राईवर के पद पर भर्ती हेतु दिनांक 01.06.2014 को आयोजित की गई लिखित परीक्षा का परिणाम दिनांक 06.02.2015 को घोषित कर दिया गया है जिसमे उत्तीर्ण अभ्यार्थियों की शारीरिक मापतौल एवं शारीरिक दक्षता परीक्षा दिनांक 09.03.2015 से 14.03.2015 तक पुलिस लाईन जैसलमेर मे आयोजित की जा रही है। उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को उक्त परीक्षा के समय संबंधित मूल प्रमाण पत्र एवं उनकी एक-एक प्रमाणित फोटो प्रति साथ मे लाना आवश्यक होगा । अभ्यार्थियों को चिकित्सक द्वारा दौड़ हेतु जारी फिटनेस प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा । भर्ती कार्यक्रम प्रत्येक दिन प्रातः  5.30 बजे शुरू हो जायेगा । 

बालोतरा।सेना ने दिया संदेष-बेटी बचाओ, बेटी पढाओ


बालोतरा।सेना ने दिया संदेष-बेटी बचाओ, बेटी पढाओ
ओम प्रकाश सोनी 

बालोतरा। पष्चिमी राजस्थान में घटते लिंगानुपात ओर भ्रुण हत्या जेसी सामाजिक कुरीतियो से लोगो को अवगत करवाने ओर जागरूकता लाने के लिये भारतीय सेना ने पहल की है। सेना ने जोधपुर ओर बाड़मेर जिले में लोगो की जागरूकता के लिये गरिमां के नाम से द किलर क्वार्डस साइकिल एक्सपीडिषन 2015 सफारी का आयोजन किया है। मंगलवार को यह सफारी बालोतरा पहुची। साइकिल रैली में सेना के 15 जवान शामिल है जो जोधपुर से 2 मार्च को रवाना हुये थे। यह रेली 1350 किलोमीटर बाडमेर ओर जोधपुर जिलो में जागरूकता की अलख जगाती हुई 10 मार्च को जोधपुर में समाप्त होगी। रेली में शामिल सेना के अफसरो ने बालोतरा के विद्यालयो में सेव गल्र्स अभियान के बारे में छात्र छात्राओ को जानकारी दी साथ ही सेना में केरीयर ओर विषेषकर महिलाओ के लिये सेना में एंट्री के बारे में योग्यता ओर प्रवेष परीक्षा की जानकारी दी। बालोतरा से यह रेली बायतु होते हुये बाड़मेर की ओर जायेगी। रेली के साथ आये सेना के केप्टन अभिेषेक शर्मा ने ने बताया कि यह अभियान सेना के सामाजिक सरोकारो को निभाने का प्रयास है। सेना की सोच है कि घटते लिंगानुपात से समाज का विघटन हो रहा है ओर जब समाज ही नही रहेगा तो सेना किसकी रक्षा करेगी। सेना के इस मुहित को लोगो को रेस्पोंस भी मिल रहा है।

पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ने बताया कि:-

नागौर राजस्थान: जन्म से पहले करा दी विधायक की शादी!



नागौर
राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर नागौर जिले के मेड़ता विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखाराम की जन्म तिथि 26 मई 1957 और इनके विवाह तिथि 3 जून 1905 है।


इन दोनों तारीखों को देखते हैं तो स्थिति हास्यास्पद जैसी ही नजर आती है। आखिर जन्म से 52 साल पहले शादी कैसे हो सकती है? एमएलए सुखाराम से उनकी शादी की सही तिथि के बारे में जाना तो वे भी इसका सही जबाव नहीं दे पाए।


विधानसभा की साइट पर नागौर जिले के चार विधायकों के एक भी बच्चा नहीं दर्शा रखा है। जबकि परिवहन मंत्री यूनुस खान के तीन, जायल विधायक डॉ. मंजू बाघमार के दो, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के एक संतान व मकराना विधायक श्रीराम भींचर के चार संतान हैं।


मंत्री के तीन बच्चे, साइट पर एक भी नहीं
राज्य की सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली राजस्थान विधानसभा की साइट गड़बडियों का पुलंदा नजर आती है।

इसमें नागौर जिले के मंत्री सहित चार विधायक ऎसे हैं जिनके आंगन में तीन से चार बच्चे खेल रहे हैं, लेकिन साइट पर इन विधायकों के एक भी बच्चा नहीं है।

परिवहन मंत्री यूनुस खान के तीन संतान, जायल विधायक डॉ. मंजू बाघमार के दो संतान, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल के एक संतान व मकराना विधायक श्रीराम भींचर के चार संतान हैं। लेकिन साइट पर इन विधायकों के एक भी संतान का उल्लेख नहीं है।

मेल आईडी न व्यवसाय की जानकारी
अधिकांश विधायक फेसबुक व वाट्सअप से भी जुड़े हैं। लेकिन साइट पर इनकी मेल आईडी तक उपलब्ध नहीं है। कई विधायकों के व्यवसाय की भी जानकारी नहीं दी गई है।


सुनकर आ गई हंसी
वेबसाइट पर संतान नहीं होने संबंधी जानकारी बताने पर जायल विधायक डॉ.बाघमार हंसने लगी। बोली, अभी तो पूरी जानकारी दी थी। पता नहीं फिर सूचना अपडेट क्यों नहीं की।




इसी तरह विस की साइट पर जन्म से पहले शादी की बात बताने पर मेड़ता विधायक सुखाराम बोले, "आ तो गेली बात है।" विधायक से उनकी शादी की सही तिथि जानी तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जता दी।

राजाखेड़ा अवैध संबंधों को लेकर वृद्ध की हत्या



राजाखेड़ा क्षेत्र की उटंगन नदी के तटवर्ती गांव श्रीपाल की गढ़ी के बीहड़ों में सोमवार सुबह एक वृद्ध का शव मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने हत्या का छह घंटे में खुलासा कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।



थाना प्रभारी हरी सिंह मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर सोमवार सुबह उटंगन नदी के बीहड़ों में पुलिस को एक वृद्ध का शव मिला।




जिसकी शिनाख्त प्रताप सिंह (60) पुत्र खुन्नी निषाद के रूप में हुई। मृतक के पुत्र कैलाशी ने मामले की रिपोर्ट दर्जकराई है। जिसमें कासियापुरा निवासी सियाराम उर्फ लल्लू पुत्र भजनलाल निषाद पर हत्या का संदेह जताया।




छह घंटे में खुलासा

इसको लेकर पुलिस उपाधीक्षक रघुराज सिंह शेखावत ने उपनिरीक्षक हरी सिंह व विजय सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू की।




सीओ ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित सियाराम व मृतक प्रताप ङ्क्षसह दोनों ही वन विभाग में कर्मचारी थे।




इसके कारण घरों पर आना जाना था। इसी बीच आरोपित सियाराम के एक महिला से अवैध संबंध बन गए। जिनका प्रताप विरोध करता था।




इसी को लेकर रविवार की शाम मृतक प्रताप को आरोपित सियाराम शराब पिलाने जंगल की तरफ ले गया।




प्रताप को नशा होने पर सियाराम ने उसकी धारदार हथियार (गंडासा) से हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपित सियाराम को गिरफ्तार कर लिया।

सीकर एएसपी की बेटी ने फंदे पर झूलकर दी जान



सीकरजेतूसर में रविवार की रात एक युवती ने पंखे से अपनी चुन्नी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।  युवती का पिता दिल्ली आरएसी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात है।

युवती रविवार को ही भाई के साथ जयपुर से अपने घर जेतूसर आई थी। आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। मृतका के पिता ने आत्महत्या का मामला दर्ज करवाया है।


जयपुर में कर रही थी तैयारी

पुलिस के अनुसार जेतूसर निवासी खेमचंद मीणा दिल्ली आरएसी में एएसपी हैं। उन्होंने रिपोर्ट दी कि उसकी बेटी प्रतिभा (24) जयपुर से रविवार को अपने घर आई थी।


शाम को खाना खाकर सो गई थी। सुबह देखा तो पंखे से चुन्नी का फंदा बनाकर लटकी मिली। प्रतिभा जयपुर में भाइयों के साथ रहकर आरजेएस की तैयारी कर रही थी।

बाड़मेर सरहद पर महिला शक्ति का कैमल कारवां। होंसलो की उड़ान



बाड़मेर सरहद पर महिला शक्ति  का कैमल कारवां। होंसलो की उड़ान 

बाड़मेर सरहदीगांवों में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बीएसएफ के पचासवें स्थापना दिवस के मौके शुरू हुई कैमल सफारी का सोमवार को बाड़मेर जिले से राजस्थान में प्रवेश हुआ। इस कैमल सफारी की खास बात यह है कि इसमें सभी 27 सदस्य महिलाएं है। इसमें से चौदह बीएसएफ की है।

भारत की पहली एवरेस्ट पर्वतारोही बछेंद्री पाल और पदमश्री सम्मान से सम्मानित प्रेमलता अग्रवाल के नेतृत्व में ऊंटों पर सवार होकर शाम को जब महिलाओं ने गुजरात से बाड़मेर जिले में भारत-पाक सरहद स्थित ब्राह्मणों की ढाणी पोस्ट पर प्रवेश किया तो बीएसएफ अधिकारियों और जवानों समेत ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। ऊंटों के कारवां ने राजस्थान में प्रवेश किया तो सफारी में शामिल इन महिलाओं के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था।24 फरवरी को गुजरात से रवाना हुई कैमल सफारी 2300 किमी का सफर तय कर पंजाब के वाघा बॉर्डर पर सम्पन्न होगी। इस मौके डीआईजी प्रतुल गौतम समेत कई अधिकारी मौजूद थे। गोधूलि वेला में बाड़मेर पहुंची कैमल सफारी की सदस्यों का गांव बीएसएफ अधिकारियों समेत स्थानीय ग्रामीणों ने फूलमालाएं पहनाकर गर्मजोशाी से स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत इन महिलाओं ने स्थानीय महिलाओं से गले मिलकर वापस आभार जताया। ब्राह्मणों की ढाणी पोस्ट पर स्वागत की रस्म करीब एक घंटे भर तक चली। बीएसएफ के स्थानीय बैंड की धुनों पर जवानों ने देश भक्ति तरानों से समां बांध दिया। देश क्ति गीतों पर यहां मौजूद सब लोग झूमने लग गए। इसके बाद स्थानीय कलाकारों ने गीत और नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद पंजाबी गीतों पर जवानों के साथ कैमल सफारी में शामिल सदस्यों ने नृत्य में इस कदर धमाल मचाया कि पूरे माहौल में रौनक घुल गई।

^गुजरात के साबरकांठा जिले के गांव की रहने वाली हूं। पूरे गांव में कोई महिला बीएसएफ में नहीं है। अभी बीएसएफ की 46 बटालियन में तैनात हूं। कई विपरीत परिस्थितियों से मुकाबला करने का बीएसएफ हौसला देता है। महिलाएं आगे बढ़ने लग जाए तो कोई उसको पीछे नहीं कर सकता। मित्तलप्रजापति

^यूपी के वाराणसी की रहने वाली और राजस्थान के श्रीगंगानगर में बीएसएफ की 193 बटालियन में तैनात संगीता के अनुसार इस कैमल सफारी के दौरान कोई परेशानी नहीं आई। शुरुआत में झिझक हुई,लेकिन बाद में हौसला बढ़ा। महिला मजबूत है। बेटी को अवसर दें तो वह अवश्य मंजिल तक पहुंच सकती है। संगीता

^बीएसएफ में अधिकारी हूं। महिलाएं देश की ताकत है। वे सक्षम है। शुरुआत में झिझक हुई अब एकदम सक्षम है। महिलाएं हर कदम पर आगे है। पुुुरुषों से मुकाबला कर सकती है। अब महिलाएं कमजोर नहीं है। वे अब शक्तिशाली है। वे हर परिस्थिति का मुकाबला करने को तैयार है। डाॅ.सरोज

^गुजरातमें 131 बटालियन में तैनात हूं। वर्ष 2013 में बीएसएफ बतौर इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति हुई। मूलतः नागौर की रहने वाली हूं। कैमल सफारी में शामिल होने के लिए चयन हुआ। बेहद रोमांचित करने वाला सफर है। कई बातें सीखने को मिली है। नया आत्मविश्वास आया है। हर रोज नई जगह ,नई चुनौतियां और नई सीख मिलती है। पिंटूचौधरी



ब्राह्मणों की ढाणी (बीकेडी). 'हटादो सब बाधाएं मेरे पथ की, मिटा दो आशंकाएं सब मन की। मेरी शक्ति को समझो, कदम से कदम मिला के चलने तो दो मुझको' जब बीएसएफ की महिला विंग का काफिला गुजरात से बीकेडी पहंुचा तो शायद उनके जांबाज इरादों में यहां की फ्लड लाइटों ने भांप लिया और उनके साथ आगे बढ़ने के लिए इस तरह रोशनी बिखेर दी।


महिलाएं अभियान में 
जानिए क्या सोचती है बीएसएफ में तैनात महिलाएं 
सरहद-सरहद काफिला | गुजरात से रवाना हुई बीएसएफ की महिला कैमल सफारी का सीमा पर जोरदार स्वागत, वाघा बॉर्डर पर होगा समापन 
घूंघट हटा लो नहीं तो मैं भी चेहरा छिपा दूंगी : बछेंद्री 
स्थानीयमहिलाओं की ओर से घूंघट में स्वागत के दौरान बछेंद्री ने कहा कि चेहरों से घूंघट हटा लो नहीं तो मै भी मेरा चेहरा घूंघट में छिपा दूंगी। बछेंद्री के यह कहने के बाद कई महिलाओं की झिझक कम हुई। इसके बाद संवाददाताओं से बातचीत में बछेंद्री पाल ने कहा कि नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बीएसएफ और टाटा कंपनी की ओर से कैमल सफारी का आयोजन किया गया है। इसका सरहद पर स्थित गांवों में बेहतर संदेश जाएगा। मानते है कि बदलाव रातों-रात नहीं होगा। बेटियों काे अच्छी शिक्षा और को अवसर दीजिए फिर देखिए वह हर मंजिल पर पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि बेटियों में भी कुछ कर गुजरने का जज्बां होना चाहिए। महिलाएं भी बड़ी सेाच रखें। शुरुआत करें तो मंजिल अवश्य मिलेगी। 
हम किसी से कम नहीं : प्रेमलता 

पदमश्रीसे सम्मानित प्रेमलता अग्रवाल के मुताबिक महिलाएं किसी से कम नहीं है। इस कैमल सफारी का मकसद यही है कि यह प्रेरणादायक बनें। कोई भी कार्य कठिन नहीं है। कार्य पूरा करने में मेहनत करें और कार्य से प्यार करे तो उसे पूरा करने से कोई नहीं रोक सकेगा। कार्य में ईमानदारी रखे। स्वयं का उदाहरण देतीं हुई प्रेमलता ने कहा कि परिवार साथ दे तो कुछ भी असंभव नहीं है। सातों महाद्वीपों के सबसे उच्च स्थानों पर सर्वाधिक आयु में पहुंचने के रिकार्ड से सम्मानित प्रेमलता के अनुसार जब महिला एवरेस्ट पर पहुंच सकती है तो कोई भी लक्ष्य उसकी पहुंच से बाहर नहीं हो सकता। 

foto..सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी बाड़मेर सरहद पर- -----

सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी सरहद पर- -----











सीमा सुरक्षा बल महिला कैमल सफारी बाड़मेर सरहद पर- -----

बाड़मेर बछेन्द्री पाल के नेतृत्व में महिला कैमल सफारी दल भारत पाकिस्तान सरहद गुजरात से राजस्थान सीमा बी के डी में प्रवेश किया।सताईस सदस्यीय महिला कैमल सफारी दल का भव्य स्वागत उप महानिरीक्षक प्रतुल गौतम सहित सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो ने और ग्रामीणों ने कियाअर्जुन पुरस्कार ज़ से नवाजी बछेंद्री पाल प्रेमलता और डॉ सरोज के नेतृत्व में गुजरात पाकिस्तान सरहद का सात सौ पचास किलोमीटर का सफ़र तय कर बी जी डी पोस्ट में प्रवेश किया।जंहा दल के समनं में सांस्कृतिक कार्यक्रम जा आयोजन किया किया।मुख्य आरक्षी राजेश कुमार ने देश भक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।इस वसर पर मुनाबाव कमांडेंट रविन्द्र ठाकुर ,शेर सिंह ,विजय चाहर सहित सीमा सुरक्षा बल के कई अधिकारी मौजूद थे ,बाखासर के जन प्रतिनिधियों और बड़ी तादाद में उपस्थित ग्रामीणो ने दल का स्वागत किय। 



यह पहला अवसर होगा कि सीमा सुरक्षा बल की महिला कैमल सफारी इन दिनों सरहद पर है।- यह महिला टीम करीब 2300 किमीका सफर तय करेगी। सीमा सुरक्षा बल के स्थापना के स्वर्ण जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृखला में वृहद महिला कैमल सफारी इन दिनों सरहद के दौरे पर है। महिला कैमल सफारी 2015 का शुभारम्भ- 24 फरवरी को 30 बटालियन सीमा सुरक्षा बल भुज (गुजरात) में- एम के सिघंला (आईपीएस) अपर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल द्वारा ध्वज दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर- सन्तोष मेहरा (आईपीएस) महानिरीक्षक, गुजरात सीमान्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी , अधीनस्थ अधिकारी, बल के अन्य कार्मिक तथा उनके परिवारजन उपस्थित थे।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटीयर के सूत्रों अनुसार कैमल सफारी के रवानगी से पूर्व एक रंगारंग और भव्य समारोह आयोजित किया गया जिसमें कैमल परेड और टैटू शो का भी आयोजन किया गया। इसके पश्चात् मुख्य अतिथि द्वारा महिला ऊँट सवारों- का परिचय प्राप्त किया गया। महिला कैमल सफारी का नेतृत्व डॉ. सुजाता शिंदे, सहायक कमाण्डेंट, पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किया जा रहा है। सफारी में- सीमा सुरक्षा बल की 13 महिला आरक्षक और टाटा फांउडेशन की 14 महिलायें भी हिस्सा ले रही है।
सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटीयर के सूत्रों अनुसार कैमल सफारी भुज (गुजरात) से शुरू होकर पाकिस्तान के साथ लगी अन्तरराष्ट्रीय सीमा मे भारत के सीमाई गाँवों से गुजरती हुई 22 मार्च- को अपने समापन स्थल पंजाब में भारत पाक सीमा पर स्थित अट्टारी- पर रीट्रिट परेड के दौरान होगा। कैमल सफारी 3 राजयों गुजरात ( लगभग 900 किलोमीटर), राजस्थान ( लगभग 1100 किलोमीटर) एवं पंजाब (लगभग 300 किलोमीटर)े कुल लगभग 2300 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि- ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से महिलाशक्ति को बढावा मिलता है। यह कैमल सफारी- सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करेगी। साथ ही सीमाई गांव के लोग सीमा सुरक्षा बल द्वारा कठिन परिस्थ्तियों में की जा रही- ड्यूटी के बारे में अवगत होगें। कैमल सफारी-2  मार्च- को राजस्थान सीमान्त में प्रवेश कर गयी 

सोमवार, 2 मार्च 2015

मप्र की मंत्री ने मांगी घरों में शेर पालने की इजाजत



नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की पशुधन, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदेले ने देश में शेर और बाघ की संख्या बढ़ाने के लिए एक नायाब सुझाव दिया है। इसके लिए वह अन्य घरेलू जानवरों की तरह इन दोनों खूंखार जानवरों का पालन करने की इजाजत चाहती हैं। उन्होंने इस बारे में कानून बनाने की वकालत की है।

बकौल कुसुम, 'ऐसा कानून बने, जो लोगों को शेर और बाघ पालने की मंजूरी दे। इससे इन जानवरों को बेहतर संरक्षण संभव होगा।' कुसुम मेहदेले ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव राज्य के वन विभाग को भेजा है। उन्होंने कुछ अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे थाइलैंड आदि का हवाला दिया है, जहां इस जानवर की जनसंख्या बढ़ाने के लिए यह कानूनन वैध है।

अपने प्रस्ताव में मेहदेले ने कहा है कि बाघों के संरक्षण के लिए देशभर में कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, बावजूद इसके इस जानवर की संख्या में कोई अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज नहीं हुई है।

मंत्री के सुझाव पर मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) से उनकी प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। भोपाल स्थित आरटीआइ कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा मांगी गई जानकारी से उपरोक्त सच्चाई उजागर हुई।

बरसाना की होली के बारे में ये अद्भूत बातें आपने आज तक नहीं सुनी होगी



बरसाना/ मथुरा। 'थकित भये रवि चन्द्र भी अहो हरि होली हैÓ सैकड़ों वर्ष पहले किसी विद्वान ने ये पद यूं ही नहीं लिखा होगा। द्वापर युग में रंग-रंगीले बरसाना में छैल-छबीली हुरियारिनों और मस्ती में डूबे हुरियारों की जीवंत परंपरा आज भी कायम है। ग्रंथों में जिक्र है कि बरसाना की होली देखने के लिए देवगण भी आते हैं।



अंग्रेजों के जमाने में ब्रिटिश कलक्टर एफएस ग्राउस को होली के रंगों से जलन थी, मगर बाद में उसे हुरियारिनों की दैवी शक्ति का आभास हो गया था। लठामार होली जब तक होती रही, सूरज अपनी जगह पर टिके रहे थे। पौराणिक तथ्य कुछ भी रहे हों, मगर होली देखने को आसमां में सूरज और चंद्रमा की तनातनी शुक्रवार को भी देखी गई। सूरज तभी अस्ताचल को गए, जब हुरियारिनों के हाथों की शोभा बने अगले बरस फिर हुरियारों पर बरसने की तमन्ना के साथ घर लौट गए।

चंद्रमा तो होली का आनंद उठाने के लिए सूरज के सामने ही आसमान में आ डटे। बरसाना की होली की गाथा सुन मथुरा के तत्कालीन अंग्रेज कलक्टर एफएस ग्राउस 22 फरवरी 1877 को पहली बार लठामार होली देखने बरसाना आए थे। अपने शोध ग्रंथ 'ए डिस्टिक्ट मेमोयरÓ में इस आंखों देखी होली का वर्णन उन्होंने कुछ इस तरह किया था। लिखा था कि ग्रामीण बिदूषकों की ठिठोलियां, कामुक युवा सुलभ नृत्य और हास्योत्पादक ढंग से हस्त संचालन के साथ उछल-कूद आदि पारंपरिक क्रियाकलाप काफी मनोरंजन दृश्य उपस्थित कर रहे हैं।

ये जानकर आश्चर्य हुआ कि होली खत्म होने के बाद ही सूरज अस्त हुए। बरसाना की रंगीली गली निवासी 85 वर्षीय चेतराम पहलवान बताते हैं कि उन्हें बुजुर्गों ने बताया था कि अंग्रेज कलक्टर ग्राउस ने इम्तिहान बतौर लठामार होली को जारी रखवाया था। वो देखना चाहता था कि सूरज अपने निर्धारित समय पर अस्त हुए या नहीं। बकौल चेतराम, ग्राउस ये देखकर चमत्कृत हो गया कि काफी देर होने के बावजूद सूरज अस्त नहीं हुए थे। जब उसने होली बंद कराई तो तत्काल बाद सूरज भी धीरे-धीरे अस्ताचल की ओर चले गए थे।

शुक्रवार को भी यही हुआ। बरसाना की धरा पर तड़ातड़ लाठियां बरस-गरज रही थीं, तो आसमान में चंद्रमा सूरज के सामने ही आसमान में आ चुके थे। ब्रह्मंड में घटित ये वाकया बरसाना वासियों के लिए नया नहीं था। विद्वतजन तो शुक्रवार को इस नजारे का पुराणों में वर्णित तथ्यों से मिलान कर रहे थे। ब्रज की होली को लेकर ग्रंथों में उल्लिखित है- श्रीजी बरसाना की रंगीली होली को देखते-देखते सूरज भी थक गए। 'थकित भये रवि-चंद्र अहो हरी होरी है।Ó विद्वतजन कहते हैं कि जब तक बरसाना में होली होती है, सूरज भी निहारते रहते हैं। होली देखते-देखते इतने मस्त हो जाते हैं कि उन्हें अस्ताचल की ओर जाने की सुधि ही नहीं रहती या फिर ये कहा जाए कि वे जाना ही नहीं चाहते, बल्कि इस नजारे को निहारने के लिए सूरज के अस्त होने का इंतजार करते हैं! शाम करीब साढ़े छह बजे हुरियारिनों ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। छोटों को आशीर्वाद दिया। सब लौटने लगे अपने-अपने घर की ओर और नंदगांव के हुरियारे चल दिए अपने नंदगांव की ओर।

तभी सूरज ने भी रुख बदल लिया। किरणों धीरे-धीरे अस्त होती गईं और चंद्रमा ने चांदनी रोशनी बिखेर जताई अपनी खुशी।

राष्ट्रपति भवन में पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर मारपीट



नई दिल्ली, नई दुनिया। राष्ट्रपति भवन परिसर में पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर मारपीट करने का मामला प्रकाश में आया है। राष्ट्रपति भवन में काम करने वाले स्टॉफ के परिवार ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर उनकी वर्दी फाड़ दी। बचने के लिए पुलिसकर्मियों ने खुद को राष्ट्रपति भवन के गेट पर बने पुलिस बूथ में बंद कर लिया था। आरोपियों ने दोनों को बाहर निकालकर पीटने के लिए बूथ का शीशा भी तोड़ दिया। भारी पुलिस बल को वहां बुलाकर बंधक पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया जा सका। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह वारदात 27 फरवरी मध्यरात्रि में हुई। राष्ट्रपति भवन परिसर में मौजूद रीक्रिएशन क्लब में एक शादी समारोह चल रहा था। इसी बीच रात करीब साढ़े 11 बजे वहां से झगड़े की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मिली। झगड़ा डीजे वाले व शादी में आए कुछ लोगों के बीच गाना बजाने को लेकर हुआ था। मामला शांत करने के लिए चाणक्यपुरी थाने से एएसआइ रोहताश और सिपाही अश्विनी वहां पहुंचे। उनसे लोगों ने मारपीट की।

कहां थे सुरक्षाकर्मी

इस घटना से राष्ट्रपति भवन के भीतर मौजूद रहने वाले सुरक्षाकर्मियों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिसकर्मियों को जान बचाने के लिए पंद्रह मिनट तक बूथ के अंदर पनाह लेनी पड़ी। वे मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सुरक्षाकर्मी उनकी मदद करने नहीं आया।

जान लीजिए शिव,शंकर और शंभु के बीच का भेद



शास्त्रानुसार काल पर शिव का नियंत्रण है, अतः शिव महाकाल भी कहलाए जाते हैं। ऐसे शिव स्वरूप में लीन रहकर ही काल पर विजय पाना भी संभव है।सांसारिक मनुष्य के दृष्टिकोण से शिव व काल के संबंधों में छिपा संकेत यही है कि काल अर्थात् समय की महत्वता समझते हुए उसके साथ बेहतर तालमेल व गठजोड़ ही जीवन व मृत्यु दोनों ही स्थिति में सुखद है।



अतः जीवन में शिव भाव में रम जाना ही महत्वपूर्ण है।शिव भाव से जुडऩे हेतु वेदों में वर्णित शिव के अतिरिक्त अन्य दो नाम शंकर व शंभु के अर्थ को भी समझना आवश्यक है।इस लेख के माध्यम से जान लीजिए कि एक ही होने पर भी इन तीन नामों के बीच क्या भेद हैं।




वेद अनुसार: शंभु मोक्ष देने वाले हैं।वहीं शंकर शमन करने वाले और शिव कल्याण करने वाले हैं।इस भांति शंभु नाम ऐसे भाव जागृत करता है कि शांति हेतु सद्‍भावना व सुकर्म का मार्ग ही अपनाएं।इनसे मन भय से व तन रोगों से दूर रहेगा तथा मनोवांछित लक्ष्य प्राप्ति संभव होगी।शंकर का अर्थ है शमन करने वाला।शंकर नाम स्मरण यही भाव जागृत करता है कि शंकर के योगी स्वरूप की भांति मन को सैदेव शांत, संयमित व संकल्पित रखें।संकल्पों से मन को जागृत रखने से ही अशांति का शमन होता है।शिव नाम का अर्थ है कल्याणकारी।शिव नाम से कर्म, भाव व व्यवहार में पावनता का संदेश मिलता है।




इसके लिए जीवन में हर प्रकार से पवित्रता, आनन्द, ज्ञान, मंगल, कुशल व क्षमा को अपनाएं, ताकि अपने साथ दूसरों का भी शुभ हो।शिव नाम के साथ जब मंगल भावों से जुड़ते हैं, तो मन की कई बाधाएं, विकार, कामनाएं और विकल्प नष्ट हो जाते हैं।व्यक्ति मजबूत संकल्पों से जुड़ जाता है।इस प्रकार शिव, शंकर और शंभु तीनों ही नाम हमेशा जीवन में सोम्यस्य सुंदरता व सफलता प्रदान करते हैं।




पुराण अनुसार: शिव परम पिता और परमेश्वरी (शक्ति) जगजननी तथा जगदम्बा कहलाती हैं।अपनी संतान पर उनकी असीम करुणा और कृपा है।उनका नाम ही आशुतोष है।दानी और उदार ऐसे हैं कि नाम ही पड़ गया औढ़नदानी।उनका भोलापन भक्तों को बहुत ही भाता है।अकारण अनुग्रह करना, अपनी संतान से प्रेम करना भोलेबाबा का स्वभाव है।उनके समान कल्याणकारी व प्रजा रक्षक और कौन हो सकता है।शिव ही समस्त प्राणियों के अंतिम विश्रामस्थान भी है।उनकी संहारिका शक्ति प्राणियों के कल्याण के लिए प्रस्फुटित होती है।शंकर ही सबसे बड़े ज्ञानी है क्योंकि वे ही समस्त विद्याओं, वेदादि शास्त्रों, आगमों तथा कलाओं के मूल स्रोत है। इसलिए उन्हें विशुद्ध विज्ञानमय, विद्यापति तथा सस्त प्राणियों का ईश्वर कहा गया है।शंभु स्वयं नीतिस्वरूप हैं।




अपने प्राणों की बलि देकर भी जीवों की रक्षा करना,सदा उनके हित चिंतन में संलग्न रहना- इससे बड़ी नीति और क्या हो सकती है।कृपालु शंभु ने यह सब कर दिखाया।ऐसा कह वे हलाहल पी गए और नीलकंठ कहलाए।तीनों लोकों की रक्षा हो गई।साधुजन, नीतिमान जन अपने क्षणभंगुर जीवन की बलि देकर भी प्राणियों की रक्षा करते हैं।कल्याणी ! जो पुरुष प्राणियों पर कृपा करता है, उससे सर्वात्मा कहते हैं।




रामचरितमानस अनुसार: "जासु नाम बल संकर कासी। देत सबहि सम गति अबिनासी"।। अर्थात् भगवन्नाम के बल से शंकर जी काशी में मरनेवालों को मुक्ति देते हैं। "कासी मरत जन्तु अवलोकी। जासु नाम बल करउँ बिसोकी"।। अर्थात् शंभु स्वरुप में वह कहते है की काशी में मरते हुए जीव को यदि मैं देख लेता हूँ तो हे पार्वती ! उन परमप्रभु के नाम अर्थात् ओम् के बल से मैं उसे अविनाशी पद प्रदान कर देता हू।अतः शिव शरण जो कोई आया, जैसे– कागभुशुण्डि, उन सबको भगवान की भक्ति प्रदान कर उद्धार किया गया।




आदि शंकराचार्य मत: शिव आदि योगेश्वर हैं।शिव से ही योग-साधना प्रारम्भ होती है अतः उन्हें माता-पिताविहीन, स्वयंभू, स्वरूपस्थ, परमात्मस्वरूप इत्यादि विशेषणों से अलंकृत किया जाता है।उन्हें भूतनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वे प्राणिमात्र की शरणस्थली हैं।उनके शरण बिना कोई मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सकता।




आदि शंकराचार्य प्रश्नोत्तरी अनुसार वह पूछते हैं कि सृष्टि में पूजनीय कौन है ? उत्तर है - जो शिवतत्त्व में स्थित है वह महापुरुष! जो प्रकृति की सीमाओं से उपराम है उसे शिव कहते हैं।ऐसा महापुरुष पूजनीय है।उनके गणों अर्थात् सेवकों की एक लम्बी परम्परा है उनमें गणेश भी हैं, कार्तिकेय हैं, समस्त प्राणी एवं देवता भी हैं।




आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल kamal.nandlal@gmail.com