मंगलवार, 13 जनवरी 2015

मिहिर जैन अपहरण केस में 5 अभियुक्तों को उम्रकैद



जयपुर। सात साल पुराने मिहिर जैन अपहरण मामले में मंगलवार को सती निवारण मामलों की विशेष कोर्ट ने पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।




कोर्ट ने सोमवार को पाचों आरोपियों राजकिशोर सिंह, रमेश अडवानी, वीरेन्द्र सिंह, अजय दीक्षित और मनीष अग्रवाल को फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण करने, बंधक बनाने और आपराधिक षड्यंत्र का दोषी माना था। दो आरोपियों प्रमोद मित्तल व ललित सक्सेना को कोर्ट ने बरी कर दिया।
mihir Jain kidnapping case in jaipur five accused life imprisonment


गोपालपुरा स्थित महावीर नगर निवासी राजेन्द्र जैन ने कहा कि बेटे मिहिर के अपहरण कांड में न्यायालय ने जिन दो लोगों को बरी किया है। उनके खिलाफ हाईकोर्ट में सरकार को अपील करनी चाहिए।




सरकार ही यह मुकदमा लड़ रही है। सरकार अपील नहीं करेगी तो वे बरी होने वालों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि अब पुलिस से यही उम्मीद है कि वह अपहरण कांड में फरार चल रहे सागरसिंह को भी गिरफ्तार करे।




जनवरी 2008 में हुआ था अपहरण

11 जनवरी 2008 को महावीर नगर निवासी व्यवसायी राजेश जैन के बेटे मिहिर का अपहरण किया गया था। मिहिर जैसे ही स्कूल से घर लौटा सफेद मारूती में आरोपी उसे जबरन बैठाकर ले गए।




अपहरणकर्ताओं ने मिहिर के घर वालों से एक करोड़ की फिरौती की मांगी की थी। बाद में पुलिस ने मिहिर को 18 जनवरी 2008 को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के साथ ही अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया था। -  

राष्ट्रपति के लिए नहीं तो सरपंच के लिए क्यों



जयपुर। पंचायत चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता तय करने का मामला सोमवार को हाईकोर्ट में छाया रहा।

Why not for the President to presidents

सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने श्ौक्षणिक योग्यता तय करने का विरोध करते हुए कहा कि जब राष्ट्रपति तक किसी जनप्रतिनिधि की श्ौक्षणिक योग्यता तय नहीं है तो सरपंच व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के लिए क्यों लागू की जा रही है?




उधर, सरकार ने तर्क दिया है कि अनपढ़ होने के कारण पंचायत प्रतिनिधियों को आपराधिक मामलों में फंसने से बचाने के लिए यह प्रावधान किया गया है।




कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुनील अंबवानी व न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खण्डपीठ ने सोमवार को नौरती व अन्य की ओर से दायर करीब डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर करीब पांच घंटे तक सुनवाई की, मंगलवार सुबह इस मामले में फिर सुनवाई होगी।




सोमवार को याचिकाकर्ताओं की बहस पूरी हो गई, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता नरपतमल लोढ़ा ने बहस की शुरूआत की, लेकिन समय पूरा होने के कारण अधूरी रह गई।




सरपंचों के लिए नामांकन तो 17 से हैं

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कहा गया कि सरपंच लोकतंत्र के लिए पाठशाला है और याचिकाकर्ता महिलाएं पहले सरपंच-प्रधान रह चुकी हैं, लेकिन अब श्ौक्षणिक योग्यता के कारण चुनाव नहीं लड़ पा रही हैं।




सरपंच चुनाव की प्रक्रिया 17 जनवरी से शुरू होगी, जिला परिष्ाद व पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के एक चरण के लिए अभी नामांकन होना है। ऎसे में हाईकोर्ट दखल कर सकता है।




पहले दो चरणों के लिए नामांकन की तारीख बढ़ाई जाए। हाल ही हुए शहरी निकाय चुनाव में ऎसी कोई श्ौक्षणिक योग्यता नहीं थी और सांसद- विधायक अनपढ़ बन सकते हैं, तो पंचायत प्रतिनिधियों के लिए ऎसी बाध्यता क्यों की गई? ऎसी क्या आपात स्थिति थी जो विधानसभा का सत्र बुलाए बिना ही अध्यादेश लाकर कानून में संशोधन करना पड़ा।




अनपढ़ होकर भी 700 को कम्प्यूटर प्रशिक्षण

"मैं अनपढ़ हूं, लेकिन बीस साल से कम्प्यूटर पर काम कर रही हूं और 700 महिलाओं को काम सिखा चुकी हूं।" अजमेर जिले के हरमाड़ा की सरपंच नौरती ने सोमवार को पंचायत चुनाव में श्ौक्षणिक योग्यता के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में यह प्रतिक्रिया दी।




नौरती ने कहा कि उन्होंने सरपंच रहते पंचायत का ऑडिट कराया, कम्प्यूटर पर वर्ड और टेली में काम करती है। पचास साल में उनसे पहले वाले सरपंचों से अधिक काम किया। उन्होंने श्ौक्षणिक योग्यता के मुद्दे पर कहा, मुश्किल से महिला घूंघट से निकलने लगी थी, सरकार पढ़ने का मौका देती तो पढ़कर फिर चुनाव लड़ती।




अजमेर जिले की तिलोनिया ग्राम पंचायत की सरपंच कमला भी श्ौक्षणिक योग्यता के कारण चुनाव के लिए अयोग्य हो गई है। नौरती और कमला ने एक साथ याचिका दायर की है।




याचिकाकर्ता ने विरोध में कहा

पंचायत प्रतिनिधि ब्यूरोक्रेट नहीं हैं, पंचायतों का अलग सचिवालय होता है।

अध्यादेश लाकर लोगों को राजनीतिक भागीदारी से रोका गया है।

58-59 साल की उम्र में कहां पढ़ने जाएं

महिला, वंचित वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा।

याचिकाकर्ता अनपढ़ महिलाओं को तो प्रेरणास्त्रोत बनाया जाए।

अध्यादेश लाने से पहले पढ़ने के लिए मौका नहीं दिया।

राजनीतिक कारणों से अध्यादेश लाया गया।

अनुसूचित क्षेत्रों में भी श्ौक्षणिक योग्यता की बाध्यता लागू कर दी है।

पंच की योग्यता ही तय नहीं की, जबकि वह उप सरपंच और कार्यवाहक सरपंच बन सकता है।




जवाब में सरकार के तर्क

अनपढ़ प्रतिनिधि होने के कारण जमीनी स्तर पर लोकतंत्र का लाभ नहीं मिल रहा। अनपढ़ होने के कारण बड़ी तादाद में प्रतिनिधि मुकदमे या अन्य कार्रवाई में फंसे हैं।

पंचायतों को 10 हजार करोड़ रूपए के कार्य आवंटित किए हैं, जिनके चेक सरपंच जारी करेंगे।

ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिष्ाद वाçष्ाüक कार्ययोजना व बजट तैयार करेंगे।




जिला परिष्ाद सीईओ व विकास अधिकारी की वाçष्ाüक रिपोर्ट पढ़े-लिखे जिला प्रमुख व प्रधान ही सही भर पाएंगे।

प्रमुख, प्रधान व सरपंच आरटीआई में अपील सुनते हैं, इनके अनपढ़ होने से कानून का सही पालन नहीं।

राजस्थान सेवा प्रदायगी की गारंटी अधिनियम में सरपंच को जिम्मेदारी, अनपढ़ होने से मकसद पूरा नहीं होगा। अनपढ़ प्रतिनिधि नेता होंगे तो शिक्षा से जुड़ी समस्याएं दूर नहीं होंगी।




चुनाव लड़ना मूलभूत अधिकार नहीं, राज्यपाल ने संविधान के तहत अध्यादेश जारी किया है।

सरपंच पढ़ा लिखा होगा, तो सरकार से जारी निर्देश और परिपत्रों को पढ़ पाएगा। - 

सोमवार, 12 जनवरी 2015

समदड़ी। भारी भीड़ के साथ माजी नन्द प्रकाश ने नामांकन दाखिल किया

समदड़ी। भारी भीड़ के साथ माजी नन्द प्रकाश ने नामांकन दाखिल किया


रिपोर्टर :- सुनिल दवे / समदड़ी

समदड़ी। पंचायतीराज चुनाव के नामांकन के दिन उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामांकन दाखिल किये। समदड़ी वार्ड न.16  के कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी माजी नन्द प्रकाश  ने अपने समर्थकों के साथ पूरे जोश-खरोश से नामांकन किया। माजी नन्द प्रकाश के सर्मथक  उत्साह से भरे थे। 



पूर्व मंत्री गोपाराम मेघवाल व पंचायत समिति सदस्य पुरषोतम सोनी सहित  गाँव  के प्रतिष्ठित लोग भी नामांकन जुलूस में थे। माजी नन्द प्रकाश का नामांकन जुलूस मुख्य मार्ग से होता हुआ तहसील कार्यलय पहुँचा। जहाँ उन्होने अपना नामांकन तहसीलदार बद्रीदान सारण के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

कटने के लिए यूपी ले जाए जा रहे ऊटों से भरा ट्रक पकडा

कटने के लिए यूपी ले जाए जा रहे ऊटों से भरा ट्रक पकडा


— तस्करी करके काटने के लिए ले जाया जा रहा था यूपी
— बाडमेर​ पुलिस ने तस्करों को किया गिरफ्तार
— नहीं थम रहा ऊंटों की तस्करी का सिलसिला



बाडमेर| एक तरफ राजस्थान की सरकार ने रेगिस्तान के जहाज ऊठ को राज्य पशु घोषित किया है वही पशु तस्करो की निगाहो पर इसके आने के एक और मामला पश्चिमी राजस्थान में सामने आया है। बाड़मेर में देर रात पुलिस ने एक ट्रक को रुकवाकर तस्करी कर ले जाये जा रहे छब्बीस ऊठ बरामद कर तीन तस्करो को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करो ने इन सभी ऊटो को वध के लिए उत्तरप्रदेश ले जाना स्वीकारा है। आरोपी तीनो उत्तरप्रदेश के रहने वाले है।

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विख्यात रेगिस्तानी जहाज ऊंट पर संकट लगातार गहराता जा रहा है तथा देश मे तस्करो के कई गिरोह सक्रिय है जो ऊंट की तस्करी कर उसकी प्रजाति को समाप्त करने मे तुले हुए है। देर रात को बाड़मेर सदर थाना पुलिस ने गश्त के दौरान उत्तरलाई रोड़ के पास एक ऐसे ही तस्करो के गिरोह का भंडाफोड़ कर हरियाणा मे तस्करी तथा वध करने के लिए ले जाए जा रहे एक ट्रक मय कंटेनर से दो दर्जन से अधिक ऊंटो को बरामद कर उत्तरप्रदेश के तीन तस्करो को गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की है।

राजस्थान की वसुन्धरा राजे सरकार राज्य में कानून पास कर रेगिस्तान के जहाज ऊंटो के वध पर प्रतिबंध लगा दिया हो लेकिन इस कानून का तस्करो मे किसी तरह का भय नही है। इसका ताजा उदाहरण बाड़मेर का देर रात को हुई 26 उठो की बरामदगी का है इससे पूर्व बीते सप्ताह निकटवर्ती जैसलमेर जिले के पोकरण कस्बे में पुलिस ने भी नाकाबंदी के दौरान कार्रवाही कर 19 ऊंटो को बुचड़ खाने ले जाते हुए बचाया और उत्तरप्रदेश निवासी तीन तस्करो को भी गिरफ्तार किया था। लेकिन देर रात बाड़मेर सदर थाना पुलिस ने भी अवैध तरीके से कंटेनर मे ठूस-ठूस कर ले जा रहे दो दर्जन से अधिक ऊंटो को बरामद करने मे सफलता हासिल की है।

पुलिस ने बताया की उत्तरलाई रोड़ पर रात्रि गश्त के दौरान एक कंटेनर को रूकवा कर तलाशी ली तो उसमे दो दर्जन से अधिक ऊंट ठूस-ठूस कर भरे हुए थे। बाद मे तीन आरोपियो को हिरासत मे लेकर पुछताछ की तो उन्होने चौहटन क्षेत्र से ऊंटो को तस्करी कर हरियाणा मे वध करने के लिए ले जाना बताया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस वृताधिकारी ओमप्रकाश गौतम के मुताबित तस्करो ने इन उठो को बाड़मेर के चोह्टन से उत्तरप्रदेश ले जाया जा रहा था जहां इनका वध किया जाना था। पुलिस अब इन ऊटो के रहने और खाने के इंतजाम किये जा रहे है। गौरतलब है की धरती पर ऊंटो की लगातार कमी होती जा रही है तथा इसके बुचड़ खाने मे ले जाने व तस्करी की गतिविधियो मे भारी इजाफा हो रहा है। इसके अलावा विशेषज्ञो ने यह भी आशंका व्यक्त की है की अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनो मे ऊंट धरती से लुप्त हो जायेंगे।

विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब दबाकर बैठे सरकारी विभाग

विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब दबाकर बैठे सरकारी विभाग


विधानसभा के सवालों का ही जवाब नहीं दे रहे सरकारी विभाग

— विधानसभा की सख्ती हटते ही अफसरों ने कम की तवज्जो
— सरकारी विभाग नहीं दे रहे 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब
— ​ तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने दिखाई थी सख्ती
— मुख्य सचिव सहित आला अफसरों को किया था तलब
— उर्जा के सबसे ज्यादा 254 सवालों के जवाब लंबित तो पीएचईडी के 232, यूडीएच के 219, स्वायत्त शासन के 218, शिक्षा के 186, चिकित्सा व स्वास्थ्य के 182, चिकित्सा शिक्षा के 56, राजस्व के 118 सवालों के जवाब लंबित


सरकारी विभागों ने विधानसभा को ही तवज्जो देना बंद कर दिया है। सरकारी अफसर विधानसभा के सवालों का ही समय पर जवाब नहीं दे रहे। हालत यह है कि विभागों में विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब अभी तक नहीं दिए हैं, जिनका अब तक जवाब विधायकों को मिल जाना चाहिए था।



विधानसभा के सवाल हो या विधानसभा से जुडा अन्य मुददा सरकारी विभाग अब उसका जवाब तैयार करने में सुस्ती बरत रहे हैु। सुस्ती का आलम यह है कि उर्जा विभाग 250 से ज्यादा सवालों के जवाब अब तक नहीं दे रहा है, यही हालत यूडीएच और स्वायत्त शासन की है, दोनों विभागों ने 200 से ज्यादा सवालों क जवाब अभी तक नहीं दिया है। 10 विभाग तो ऐसे हैं ​जिनमें 100 से ज्यादा सवालों के जवाब लंबित चल रहे हैं। उर्जा के सबसे ज्यादा 254 सवालों के जवाब लंबित तो पीएचईडी के 232, यूडीएच के 219, स्वायत्त शासन के 218, शिक्षा के 186, चिकित्सा व स्वास्थ्य के 182, चिकित्सा शिक्षा के 56, राजस्व के 118 सवालों के जवाब अभी तक विधानसभा को नहीं भिजवाए हैं।

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विधानसभा के सवालों के जवाब देने में विशेष परिस्थितियों को छोड 2 माह से ज्यादा का डिले नहीं होना चाहिए। कांग्रेस राज के समय तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष दपेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा के सवालों का समय पर जवाब नहीं देने वाले विभागों पर जबर्दस्त सख्ती दिखाई थी। उस समय तत्कालीन मुख्य सचिव सहित विधानसभा के सवालों और दूसरे मामलों के समय पर जवाब भेजने में लापरवाही करने वाले अफसरों को कई बार विधानसभा तलब किया था। विधानसभा अध्यक्ष की सख्ती का असर यह हुआ कि हर विभाग समय से पहले ही जवाब भेजने लग गया। उस समय कई लावरवाह अफसरों को विधानसभा अध्यक्ष ने संस्पेंड तक किया। अब जब से सख्ती कम हुई है सरकारी विभागों का विधानसभा के प्रति वही रवैया हो गया है जो पहले किसी समय हुआ करता था। जाहिर है भय बिन प्रीत नहीं, इसी कहावत पर चलते हैं सरकारी विभाग।


विधानसभा के 2500 से ज्यादा सवालों के जवाब नहीं दे रहे विभाग



विधानसभा के सवालों की स्थिति

— दिसंबर तक कुल तारांकित सवाल लगे : 2401
— जवाब आया : 1086 का
— अब तक तारांकित सवालों का जवाब नहीं आया : 1315 का
— कुल अतारांकित सवाल : 2318
— जवाब दिया : 1090 का
— जवाब आना बाकी : 1228 सवालों का
— कुल सवाल जिनका सरकार विभागों ने जवाब नहीं दिया : 2543

विधानसभा के सवालों का जवाब नहीं देने वाले टॉप विभाग

उर्जा : 254
पीएचईडी : 232
यूडीएच : 219
स्वायत्त शासन : 218
शिक्षा : 186
चिकित्सा व स्वास्थ्य : 182
चिकित्सा शिक्षा : 56
राजस्व : 118
गृह विभाग : 88
वन : 85
उच्च शिक्षा : 79
सामाजिक न्याय व अधिकारिता : 72
पंचायतीराज : 51
ग्रामीण विकास : 49
परिवहन : 53
उद्योग : 38
खान : 29

डॉक्टर की लापरवाही के चलते काटने होंगे महिला के हाथ-पैर

डॉक्टर की लापरवाही के चलते काटने होंगे महिला के हाथ-पैर


भीलवाड़ा| भीलवाड़ा में एक निजी चिकित्सालय के डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला के शरीर में जहर फैल गया है| अब महिला के हाथ-पैर काटने तक की नौबत आ गयी है। इसी बात को लेकर सोमवार को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन करके डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

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भीलवाड़ा के दादाबाडी में रहने वाले जे.पी. खटीक ने कहा कि रामस्नेही चिकित्सालय में 3 माह पूर्व बबली देवी खटीक को बुखार आने पर भर्ती करवाया गया था। जहां उसका उपचार के दौरान डॉक्टर विजय वर्गीय ने इंजेक्शन लगाये। इसी दौरान उसे दिखायी देना बन्द हो गया। इस पर जब डॉक्टर से बात की गयी तो उसने कहा कि इनकी किडनिया फैल हो गयी है। डॉक्टर ने सलाह दी कि महिला को उदयपुर ले जाया जाये|
rajasthan bhilwara hospital doctor negligence costs woman her all four limbs

जब परिवार वाले महिला को अहमदाबाद ले गये तो पता चला कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाये हैं, जिसके कारण महिला के शरीर में जहर फैल गया है और अब हाथ-पैर काटने तक की नौबत आ गयी है। खटीक ने यह भी कहा कि ऐसे डॉक्टर की डिग्री छिन लेनी चाहिए और पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए।वहीं अस्पताल के जनरल मैनजेर डॉ. सुरेश पोरवाल ने कहा कि पीड़िता का ईलाज तो यहां हुआ है, लेकिन डॉक्टर ने लापरवाही की ये मुझे पता नहीं है और मामले की जांच करवायी जायेगी।

आसाराम के नौकर की गोली मारकर हत्या

आसाराम के नौकर की गोली मारकर हत्या
लखनऊ। आसाराम दुष्कर्म मामले में एक नया मोड़ आया है जिसमें उनके नौकर की रविवार देर रात उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में दो अज्ञात बाईकसवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को अब आसाराम के खिलाफ जांच में और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं क्योंकि मारा गया शख्स अहम गवाहों में से एक था। फिलहाल पुलिस घटना की जांच में लगी हुई है। गौरतलब है कि बलात्कार के आरोप में आसाराम जेल में बंद हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सात साल तक आसाराम के नौकर रहे अखिल पर रविवार देर रात दो बाईकसवारों ने हमला कर दिया और उसे गोली मारकर भाग गए।

आसाराम के नौकर की गोली मारकर हत्या

आसाराम पर सूरत की दो बहनों ने यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था जिसमें अखिल मुख्‍य गवाह था। इस रिपोर्ट के बाद ही सूरत पुलिस उसे मुजफ्फरनगर से गवाह बनाने के लिए सूरत लेकर भी गई थी। कुछ दिन पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने एम्‍स के डॉक्‍टरों द्वारा भेजी गयी आसाराम की रिपोर्ट देखने के लि‍ए उनके वकील को दो हफ्ते का समय दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही आसाराम का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण करने का निर्देश एम्स अस्पताल को दिया था। एम्‍स ने सात डॉक्‍टरों द्वारा जांच की गई इस रिपोर्ट को जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट को जमा की गयी रिपोर्ट के मुताबिक 'आसाराम को किसी तरह की सर्जरी की जरूरत नहीं है, बल्कि उनकी बीमारी सिर्फ दवा खाकर ही ठीक हो सकती है।'

गांवों की 'जमीन' बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती

गांवों की 'जमीन' बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती


विधानसभा, लोकसभा और निकाय चुनाव में करारी हार का मुहं देखने वाली कांग्रेस के सामने गांवों की सरकार बनाने की बेहद बड़ी चुनौती है| इन तीनों चुनावों में गिरा मतदान प्रतिशत पार्टी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है| विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोटिंग पर्सेंट 33.71 प्रतिशत रहा, जिसके चलते पार्टी 21 सिटों पर सिमटकर रह गई|

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लोकसभा चुनाव में पार्टी को 30.72 फीसदी वोट मिले और पार्टी का खाता भी नहीं खुला| हाल ही हुए निकाय चुनाव में पार्टी का मतदान प्रतिशत और नीचे गिरा| 46 निकायों के चुनाव में पार्टी का मतदान प्रतिशत 30.35 फीसदी रहा| अगर पंंचायत चुनाव में मतदान प्रतिशत का ट्रेंड 30 और 33 फीसदी के करीब रहा तो कांग्रेस की एक बार फिर लुटिया डुबना तय है|

पिछले पंचायत चुनाव में पार्टी का वोट पर्सेंट जिला परिषद के चुनाव में 46.37 फीसदी और पंचायत समिति चुनाव में 41.70 फीसद रहा था, जिसके चलते पार्टी के 24 जिला प्रमुख और 149 प्रधान बने थे| ऐसे में अगर वोटिंग पर्सेटं 30 और 33 फीसदी के करीब रहता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कांग्रेस की क्या परफोर्मेंस रहेगी| हालांकि पार्टी नेता इस बार वोटिंग पर्सेंट बढ़ने का दावा करते हुए गांवों की सरकार पर पंजे की पकड़ होने की बात कह रहे हैं|

बाडमेरपंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव सूखा दिवस घोषित


बाडमेरपंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव सूखा दिवस घोषित
बाडमेर, 12 जनवरी। कलक्टर एवं जिला मजिटेªट मधुसूदन शर्मा द्वारा एक आदेश जारी कर पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव 2015 के मद्दे नजर जिले में चुनावी क्षेत्रों में सूखा दिवस घोषित किया गया है।
 
आदेशानुसार प्रथम चरण में पंचायत समिति सिवाना, बालोतरा, पाटोदी, धोरीमना, गिडा एवं गुडामालानी चुनाव क्षेत्र तथा ऐसे क्षेत्रों के 5 कि.मी. परिधि में 14 जनवरी को सायं 5.00 बजे से 18 जनवरी तक सूखा दिवस घोषित किया गया है। इसी प्रकार द्वितीय चरण में पंचायत समिति कल्याणपुर, समदडी, गडरारोड, सिणधरी, शिव एवं बाडमेर चुनाव क्षेत्र तथा ऐसे क्षेत्रों के 5 किलोमीटर परिधि क्षेत्र में 20 जनवरी को सायं 5.00 बजे से 24 जनवरी तक तथा तृतीय चरण में पंचायत समिति धनाऊ, सेडवा, बायतु, चैहटन एवं रामसर चुनाव क्षेत्र तथा ऐसे क्षेत्रों के 5 कि.मी. परिधि क्षेत्र में 28 जनवरी को सायं 5.00 बजे से 1 फरवरी, 2015 तक सूखा दिवस घोषित किया गया है। इस दौरान उपरोक्त चुनाव क्षेत्रों में किसी भी प्रकार से मदिरा का विक्रय किया जाना, दिया जाना अथवा वितरित किया जाना पूर्णतः निषेद्ध होगा।

पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव सोमवार को 41 नामांकन पत्र दाखिल किए



पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव सोमवार को 41 नामांकन पत्र दाखिल किए
बाडमेर, 12 जनवरी। पंचायती राज आम चुनाव 2015 के तहत सोमवार को द्वितीय चरण के अन्तिम दिन जिला परिषद सदस्यों के निर्वाचन हेतु 41 नामांकन पत्र दाखिल किए गयें।

जिला निर्वाचन अधिकारी मधुसूदन शर्मा ने बताया कि सोमवार को जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या 1 में निर्दलीय विमला कंवर व इंडियन नेशनल कांग्रेस से विमला कंवर ने अपना नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किया। इसी प्रकार निर्वाचन क्षेत्र संख्या 12 में निर्दलीय मोहनलाल, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 13 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से मृदू रेखा, भारतीय जनता पार्टी से जोगाराम, भारतीय जनता पार्टी से चैनाराम, निर्दलीय प्रेमाराम व निर्दलीय मुकेश कुमार, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 17 में भारतीय जनता पार्टी से खेताराम, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 19 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से अनुदेवी, भारतीय जनता पार्टी से मीनादेवी व निर्दलीय कमला, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 20 में निर्दलीय उगराराम गोदारा, भारतीय जनता पार्टी से नरसिंह ने 2, इंडियन नेशनल कांग्रेेस से बींजाराम, निर्दलीय बींजाराम, निर्दलीय पोलाराम, भारतीय जनता पार्टी से पनाराम, निर्दलीय पनाराम, भारतीय जनता पार्टी से प्रमोद, निर्दलीय हीराराम व भारतीय जनता पार्टी से धरमाराम, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 21 में भारतीय जनता पार्टी से देवेन्द्र चैधरी, इंडियन नेशनल कांग्रेस से सोहनलाल, निर्दलीय जेठाराम, निर्दलीय भगवानाराम ने 2 व इंडियन नेशनल कांग्रेस से भुवनेश, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से गीता व भारतीय जनता पार्टी से विजयलक्ष्मी, निर्वाचन क्षेत्र संख्या 36 से निर्दलीय नरपतसिंह व बहुजन समाज पार्टी से चन्द्र प्रकाश तथा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 37 में भारतीय जनता पार्टी से निर्मला ने 2, भारतीय जनता पार्टी से सुमित्रा ने एक, निर्दलीय ममता , इंडियन नेशनल कांग्रेस से ममता, बहुजन समाज पार्टी से नीता, निर्दलीय नीता व निर्दलीय सुमित्रा ने अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया।

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बाडमेर मेगा लोक अदालत का आयोजन

बाडमेर मेगा लोक अदालत का आयोजन
बाडमेर, 12 जनवरी। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशा नुसार बाड़मेर स्थित सभी न्यायालयों में दिनांक 12-01-2015 से 17-01-2015 तक मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।

सोमवार 12.जनवरी को मेगा लोक अदालत के पहले दिन अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय, अति0 मुख्य न्यायिक मजि0 न्यायालय, न्यायिक मजि0 न्यायालय, अति0 न्यायिक मजि0 न्यायालय, ग्राम न्यायालय, बाड़मेर व चैहटन स्थित सभी न्यायालयों में कुल 59 प्रकरणों का निस्तारण मेगा लोक अदालत में किया गया।

इसी संदर्भ में सोमवार को मेगा लोक अदालत का आयोजन करते हुए पीठासीन अधिकारी एम. आर. सुथार, अध्यक्ष, तालुका विधिक सेवा समिति,(अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), बाडमेर, हरिवल्लभ खत्री मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर, सूश्री शैल कुमारी सोलंकी, अति0मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर, शेर सिंह मीणा, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर, ललित डाबी, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, चैहटन, सूश्री अनुराधा दाधीच, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाडमेर, श्रीमती स्वाति परेवा, न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय, बाड़मेर के अतिरिक्त मेगा लोक अदालत के सदस्यगण एवं स्थानीय बार एसोसियेशन के अध्यक्ष धनराज जोशी ,वरिष्ठ अधिवक्तागण मदनलाल सिंघल, करनाराम चैधरी, कन्हैयालाल जैन, किरण मंगल, यज्ञदत जोशी व अपर लोक अभियोजक गणपत गुप्ता, सहायक लोक अभियोजक व बड़ी संख्या में अन्य अधिवक्तागण एवं पक्षकारान ने रूची लेकर कई प्रकरणों में आपसी समझाईश से राजीनामा करवाते हुए फैसले करवाये ।

 

बाडमेर गणतन्त्र दिवस एवं शहीद दिवस पर शुष्क दिवस घोषित


बाडमेर गणतन्त्र दिवस एवं शहीद दिवस पर शुष्क दिवस घोषित
बाडमेर, 12 जनवरी। राज्य सरकार द्वारा 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस एवं 30 जनवरी शहीद दिवस पर शुष्क दिवस घोषित किया गया है।

अतिरिक्त आबकारी आयुक्त जोन जोधपुर ने बताया कि उक्त दिवस में मदिरा, डोडा पोस्त एवं भांग की समस्त दुकाने बन्द रहेगी तथा मदिरा, डोडा पोस्त एवं भांग का क्रय विक्रय नहीं होगा। शुष्क दिवस की पालना के लिए सभी जिला आबकारी अधिकारियों एवं सहायक आबकारी अधिकारी निरोधक दल को निर्देश दिए गए है तथा उन्हें एवं उनके अधीनस्थ कार्यरत आबकारी निरीक्षकों, प्रहराधिकारियों, जमादारों एवं सिपाहियों को इस कार्य हेतु लगाया गया है। आबकारी विभाग के अनुज्ञाधारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे अपनी समस्त दुकाने/ गोदाम आदि बन्द रखेंगे और कही पर भी दुकान खुली पाई जाने पर अनुज्ञा पत्र की शर्तो की अवहेलना मानते हुए उनके विरूद्ध आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।

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बाडमेर स्वाइनफ्लू की आंशका के मद्दे नजर एहतियात बरतने की हिदायत

बाडमेर स्वाइनफ्लू की आंशका के मद्दे नजर एहतियात बरतने की हिदायत
बाडमेर, 12 जनवरी। जिलें में स्वाइनफलू की आशंका के मद्दे नजर जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने एहतियात बरतते हुए तुरन्त प्रभाव से चिकित्सा विभाग को आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित करने की हिदायत दी है। वह सोमवार को अपने कक्ष में पानी, बिजली, चिकित्सा व्यस्थाओं की साप्ताहिक समीक्षा कर रहे थे।

इस अवसर पर जिला कलक्टर ने बताया कि स्वाइनफ्लू के ताजा मामले प्रकाश में आने के पश्चात् सभी आंशका वाले लोगों को तुरन्त प्रभाव से टेमीफ्लू का वितरण किया जाए तथा उन्होने दस हजार केप्सूल के टेमीफ्लू स्टोर को अपर्याप्त मानते हुए 50 हजार अतिरिक्त केप्सूल मंगाने के निर्देश दिए। उन्होने जिले में परिवार कल्याण के लक्ष्यों के विपरित धीमी प्रगति पर चिन्ता जताते हुए विशेष कार्ययोजना बनाकर इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए है।

जिला कलक्टर ने बताया कि बाडमेर जिला परिवार कल्याण के मामलें में उपलब्धियों पर राज्य के 34 जिलों में सबसे निचले स्थान पर है जो कि चिन्ता जनक है। उन्होने इस योजना में अगले दोमाह में 50 फीसदी लक्ष्य हासिल करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होने जिले के प्रत्येक ग्राम सेवकों तथा पटवारियों को 2-2 का लक्ष्य आवंटित करने को कहा। साथ ही इसकी सुनिश्चितता के लिए विकास अधिकारियों तथा तहसीलदारों को पाबन्द करने के निर्देश दिए। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाडी के कार्मिकों तथा आशा सहयोगिनियों की सहायता लेकर परिवार नियोजन के प्रति प्रोत्साहन की हिदायत दी। इसके अलावा परिवार नियोजन के प्रोत्साहन के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं की सहायता लेने के भी निर्देश दिए। इसके लिए संस्थाओं को चिन्हित करने के अलावा आकर्षक पुरस्कारों के जरिये प्रोत्साहित करने को कहा।

जिला कलक्टर ने मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत जिले के ग्रामीण चिकित्सा संस्थानों में सरकार द्वारा निर्धारित जांचों तथा निःशुल्क दवाईयों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कहा।

जिला कलक्टर ने पेयजल योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिले में नियमित तथा सुचारू पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होने स्वीकृत हैण्डपम्पों की खुदाई कार्य में गति लाने तथा खराब हैण्डपम्पों की शीध्र मरम्मत कराने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि भौतिक सत्यापन के दौरान समस्याओं के समाधान में किसी प्रकार की कमी या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेवारी तय कर सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में पेयजल योजनाओं के विद्युतिकरण आदि की प्रगति की समीक्षा पश्चात् जिला कलेक्टर ने बकाया विधुतिकरण का कार्य शीध्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होने जिले में अवैध नल कनेक्शन को हटाने तथा आरोपियों के विरूद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश दिए।

बैठक में प्रभारी अधिकारी तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरडा, अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. विश्नोई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.के.एस. बिष्ट, जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियन्ता नेमाराम परिहार समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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यूपी : जहरीली शराब ने ली 12 लोगों की जान



लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि कई लोग बीमार हैं। पुलिस के अनुसार राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के खड़का तथा दतली गांव में सात लोगों तथा उन्नाव के हसनगंज क्षेत्र के तलवासरांय गांव में पांच लोगों की जहरीली शराब पीने से मृत्यु हो गई।
11 people died after drinking poisonous liquor in lucknow


उन्होंने बताया कि खड़का तथा दतली गांव में दस लोगों की शराब पीने के बाद रविवार रात हालत खराब हो गई और पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दो की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। वहीं दूसरी ओर जलवासरांय गांव में 12 लोग शराब पीकर बीमार हो गए।




सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां राम सागर (40), किशन कुमार (30), सतीश (28), राम स्नेही (30) और रघुनन्दन (45) की सोमवार को अस्पताल में मृत्यु हो गई।




मलिहाबाद और उन्नाव सभी बीमार लोगों को लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल तथा ट्रामा सेन्टर में भर्ती कराया गया है। तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और कहा की दोषियाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - 

बाड़मेर बंद होंगे पोस्त के ठेके, 2015 के बाद नहीं होगा डोडा परमिट नवीनीकरण

बाड़मेर बंद होंगे पोस्त के ठेके, 2015 के बाद नहीं होगा डोडा परमिट नवीनीकरण



बाड़मेर डोडा पोस्त का नशा करने वालों के लिए बुरी खबर है। प्रदेश समेत पूरे देश में अब सिर्फ एक साल तक ही दुकानों पर डोडा पोस्त मिलेगा। इसके बाद पूरे देश में डोडा पोस्त की दुकानें बंद हो जाएगी और इसका ठेका भी नहीं होगा।

सरकार की ओर से इस साल दिए गए डोडा पोस्त के ठेके 31 मार्च 2015 तक ही चलाए जा सकेंगे। केन्द्र सरकार की एक अधिसूचना के तहत 31 मार्च 2015 के बाद किसी भी डोडा परमिटधारी के परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। साथ ही पूरे देश में डोडा पोस्त की दुकानें बंद कर दी जाएगी। ऐसे में यदि डोडा का नशा करने वाले अभी से नहीं चेते तो आने वाले दिनों में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। केन्द्र सरकार की अधिसूचना के तहत आबकारी विभाग ने भी डोडा पोस्त का सेवन करने वाले नशेड़ियों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए अभी से एनजीओ की मदद लेने की कवायद शुरू कर दी है ताकि डोडा मिलना बंद होने पर नशेड़ियों की हालत नहीं बिगड़े।

सरकार किसी भी सूरत में अगले साल के बाद डोडा पोस्त की बिक्री नहीं करेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों से स्पष्ट कर दिया है कि ये अपने स्टेट में डोडा पोस्त का नशा करने वाले लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने का प्रयास करें।

सरकार ने आबकारी महकमे को कहा कि 2015 को ध्यान में रखते हुए अभी से डोडा का सेवर करने वाले नशेड़ियों को एनजीओ के माध्यम से नशा छुड़ाने का प्रयास शुरू कर देना चाहिए ताकि डोडा पोस्त की दुकानें बंद होने के बाद उन्हें ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े। इस संबंध में सरकार ने स्पष्ट किया है कि नशा मुक्त भारत योजना के तहत वर्ष 2015 के बाद किसी भी डोडा पोस्त परमिट धारी के परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इसके बाद यदि कोई डोडा पोस्ट के परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इसके बाद यदि कोई डोडा पोस्त के साथ पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एनडीपीसी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आबकारी विभाग ने वर्ष 2001 में आखिरी बार लोगों को डोडा पोस्ट सेवन के परमिट जारी किए थे। आबकारी विभाग के अनुसार 2001 में डोडा पोस्त परमिट का अंतिम सेट जारी किया गया था। इसके बाद से कोई नया परमिट जारी नहीं किया गया। परमिट धारक को प्रतिवर्ष इसका नवीनीकरण कराना होता है। केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार 31 मार्च 2015 के बाद किसी परमिट का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इस तिथि तक डोडा पोस्ट की बिक्री पर रोक लगा दी जाएगी।