जयपुर। सात साल पुराने मिहिर जैन अपहरण मामले में मंगलवार को सती निवारण मामलों की विशेष कोर्ट ने पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने सोमवार को पाचों आरोपियों राजकिशोर सिंह, रमेश अडवानी, वीरेन्द्र सिंह, अजय दीक्षित और मनीष अग्रवाल को फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण करने, बंधक बनाने और आपराधिक षड्यंत्र का दोषी माना था। दो आरोपियों प्रमोद मित्तल व ललित सक्सेना को कोर्ट ने बरी कर दिया।
गोपालपुरा स्थित महावीर नगर निवासी राजेन्द्र जैन ने कहा कि बेटे मिहिर के अपहरण कांड में न्यायालय ने जिन दो लोगों को बरी किया है। उनके खिलाफ हाईकोर्ट में सरकार को अपील करनी चाहिए।
सरकार ही यह मुकदमा लड़ रही है। सरकार अपील नहीं करेगी तो वे बरी होने वालों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि अब पुलिस से यही उम्मीद है कि वह अपहरण कांड में फरार चल रहे सागरसिंह को भी गिरफ्तार करे।
जनवरी 2008 में हुआ था अपहरण
11 जनवरी 2008 को महावीर नगर निवासी व्यवसायी राजेश जैन के बेटे मिहिर का अपहरण किया गया था। मिहिर जैसे ही स्कूल से घर लौटा सफेद मारूती में आरोपी उसे जबरन बैठाकर ले गए।
अपहरणकर्ताओं ने मिहिर के घर वालों से एक करोड़ की फिरौती की मांगी की थी। बाद में पुलिस ने मिहिर को 18 जनवरी 2008 को अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के साथ ही अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया था। -
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