बाड़मेर :- बाड़मेर - जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बायतु मुख्यालय को गोद लिया। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार 11 अक्टूबर 2014 को शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बाड़मेर जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने बायतु मुख्यालय को गोद लिया। योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा। मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की थी.
शनिवार, 8 नवंबर 2014
बाड़मेर - जैसलमेर सांसद ने लिया बायतु गाव को लिया गोद
बाड़मेर :- बाड़मेर - जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बायतु मुख्यालय को गोद लिया। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार 11 अक्टूबर 2014 को शुरू की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बाड़मेर जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने बायतु मुख्यालय को गोद लिया। योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा। मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की थी.
सोने की कीमत में गिरावट, 25,800 प्रति 10 ग्राम
नई दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार के बीच सोने की कीमत शुक्रवार को राजधानी में घटकर प्रति 10 ग्राम 25,800 रूपए रह गई।
नेमिचंद बमलवा एंड संस के संस्थापक साझेदार बछराज बमलवा ने कहा कि वैश्विक बाजार में डॉलर राशि में सोने की कीमत चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है और रूपए राशि में यह 15 महीने के निचले स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हो रही सुधार के कारण सोने की कीमत घट रही है। अमेरिका ने क्वांटिटेटिव ईजिंग समाप्त कर दिया है। 2008 के बाद इस साल को वैश्विक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जा रहा है। इसलिए लोग मान रहे हैं कि वे शेयर जैसी जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश कर सकते हैं और इनमें सोने से बेहतर निवेश मिल सकता है।
बमलवा के मुताबिक, सोने में हालांकि और अधिक गिरावट की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि सोने में और गिरावट होगी, तो दुनियाभर में सोने के कई छोटे खदानों को बंद कर दिया जाएगा।
चांदी की कीमत शुक्रवार को प्रति किलोग्राम 34,900 रूपए दर्ज की गई।
स्वर्ण कारोबारियों को मानना है कि लग्न के पहले कीमत घटने से सोने की बिक्री बढ़ेगी। -
नेमिचंद बमलवा एंड संस के संस्थापक साझेदार बछराज बमलवा ने कहा कि वैश्विक बाजार में डॉलर राशि में सोने की कीमत चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है और रूपए राशि में यह 15 महीने के निचले स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हो रही सुधार के कारण सोने की कीमत घट रही है। अमेरिका ने क्वांटिटेटिव ईजिंग समाप्त कर दिया है। 2008 के बाद इस साल को वैश्विक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जा रहा है। इसलिए लोग मान रहे हैं कि वे शेयर जैसी जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश कर सकते हैं और इनमें सोने से बेहतर निवेश मिल सकता है।
बमलवा के मुताबिक, सोने में हालांकि और अधिक गिरावट की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि सोने में और गिरावट होगी, तो दुनियाभर में सोने के कई छोटे खदानों को बंद कर दिया जाएगा।
चांदी की कीमत शुक्रवार को प्रति किलोग्राम 34,900 रूपए दर्ज की गई।
स्वर्ण कारोबारियों को मानना है कि लग्न के पहले कीमत घटने से सोने की बिक्री बढ़ेगी। -
प्रदेश में पर्यटन के साथ बढ़ रहा देह व्यापार
जयपुर। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष प्रो. लाडकुमारी जैन ने 14 जिलों के रेड लाइट क्षेत्रों के दौरे के बाद बताया कि राज्य में पर्यटन और औद्योगिकीकरण के साथ देह व्यापार भी बढ़ रहा है।
उन्होंने देह व्यापार को वैधता की राष्ट्रीय महिला आयोग की राय का विरोध किया, यह भी कहा कि देह व्यापार के लिए राज्य की लड़कियां मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, जबलपुर, गुड़गांव जैसे शहरों के साथ खाड़ी व यूरोपीय देशों में भी भेजी जा रही हैं।
प्रो. जैन ने शुक्रवार को यहां देह व्यापार की वैधता पर उठ रहे सवालों को लेकर संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयोग को देह व्यापार की वैधता पर बयान जारी करने से पहले राज्यों के महिला आयोग अध्यक्ष व सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व सिविल सोसायटी संगठनों को बुलाकर खुली चर्चा करनी चाहिए थी।
उन्होंने देह व्यापार को वैधता की राष्ट्रीय महिला आयोग की राय का विरोध किया, यह भी कहा कि देह व्यापार के लिए राज्य की लड़कियां मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, जबलपुर, गुड़गांव जैसे शहरों के साथ खाड़ी व यूरोपीय देशों में भी भेजी जा रही हैं।
प्रो. जैन ने शुक्रवार को यहां देह व्यापार की वैधता पर उठ रहे सवालों को लेकर संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयोग को देह व्यापार की वैधता पर बयान जारी करने से पहले राज्यों के महिला आयोग अध्यक्ष व सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व सिविल सोसायटी संगठनों को बुलाकर खुली चर्चा करनी चाहिए थी।
यह हाल देखा...
आयोग अध्यक्ष ने कहा कि रेड लाइट क्षेत्रों में रहने वालों के पास पीने का पानी, बिजली, सड़क, सफाई, शौचालय, स्वास्थ्य सेवा, प्राथमिक शिक्षण संस्था व आंगनबाड़ी केन्द्र की सुविधा नहीं है। राशनकार्ड और जमीन के पट्टे नगण्य हैं। इन क्षेत्रों की महिलाओं ने उन्हें बताया कि वे पुराना काम छोड़ना चाहती हैं, लेकिन दूसरा काम करने पर कोई उनका साथ नहीं देता।...और ये दिए सुझाव
देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को अपराधी के बजाय पीडिता माना जाए, इसके लिए मौजूदा कानून में संशोधन किया जाए। इनके पुनर्वास की व्यवस्था कर आय के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराए जाएं, इनके बच्चों के लिए आवासीय स्कूल की व्यवस्था की जाए। -रात आठ बजे बाद भी छलकते जाम
अजमेर। आबकारी विभाग और पुलिस की मिलीभगत के कारण शहर में कई शराब की दुकानों पर देर रात तक शराब की बिक्री हो रही है। ठेकेदार व उसके कर्मचारी रात 8 बजे बाद "चोर खिड़की" से शराब बेचकर मुनाफा कूट रहे हैं।
शुक्रवार रात साढ़े 8 बजे पत्रिका टीम ने देहली गेट स्थित शराब के ठेके का जायजा लिया तो सच्चाई सामने आई। शुक्रवार रात साढ़े 8 बजे देहली गेट स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में नशेडियों का जमावड़ा लगा था।
ठेकेदार ने दिखाने के लिए शटर डाउन कर रखा था लेकिन दुकान की एक दीवार में बनी खिड़की से बिक्री बदस्तूर जारी थी। पत्रिका टीम के पहुंचने और कमरे की फ्लैश चमकते ही पियक्कड़ों में खलबली मच गई। नशेड़ी इधर-उधर हो गए।
वहीं खिड़की को तुरन्त बंद कर दिया। खास बात यह रही कि रात 8 बजे बाद शराब बिक्री के अलावा ठेका परिसर में ग्राहकों को बैठा कर जाम छलकाने की व्यवस्था कर रखी थी। शहर में कई शराब की दुकानों पर राजस्थान आबकारी अधिनियम की धज्जियां उड़ रही हैं।
शराब की दुकान में दरवाजे के अतिरिक्त खिड़की नहीं रखी जा सकती है। लेकिन कई दुकानों पर ठेकेदार ने सुविधानुसार चोर खिड़कियां बना देर रात तक शराब बेचने का तरीका ढूंढ निकाला है।
शुक्रवार रात साढ़े 8 बजे पत्रिका टीम ने देहली गेट स्थित शराब के ठेके का जायजा लिया तो सच्चाई सामने आई। शुक्रवार रात साढ़े 8 बजे देहली गेट स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान में नशेडियों का जमावड़ा लगा था।
ठेकेदार ने दिखाने के लिए शटर डाउन कर रखा था लेकिन दुकान की एक दीवार में बनी खिड़की से बिक्री बदस्तूर जारी थी। पत्रिका टीम के पहुंचने और कमरे की फ्लैश चमकते ही पियक्कड़ों में खलबली मच गई। नशेड़ी इधर-उधर हो गए।
वहीं खिड़की को तुरन्त बंद कर दिया। खास बात यह रही कि रात 8 बजे बाद शराब बिक्री के अलावा ठेका परिसर में ग्राहकों को बैठा कर जाम छलकाने की व्यवस्था कर रखी थी। शहर में कई शराब की दुकानों पर राजस्थान आबकारी अधिनियम की धज्जियां उड़ रही हैं।
शराब की दुकान में दरवाजे के अतिरिक्त खिड़की नहीं रखी जा सकती है। लेकिन कई दुकानों पर ठेकेदार ने सुविधानुसार चोर खिड़कियां बना देर रात तक शराब बेचने का तरीका ढूंढ निकाला है।
पुष्कर मेला: धमकी देने वाले की पहचान
अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले के अंतरराष्ट्रीय विख्यात पुष्कर मेले के दौरान टेलीफोन कर सिलसिलेवार विस्फोट करने की धमकी देने वाले शख्स की पहचान कर ली गई है।
पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि फोन करने वाला आरोपी पुष्कर के आसपास का रहने वाला है और वर्तमान में खाड़ी देश में नौकरी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस की एटीएस टीम ने इंटरनेट कालिंग से कथित नौ डिजिट के फोन काल के आधार पर छानबीन की तो पता लगा कि आरोपी पीसांगन और पुष्कर के आसपास का निवासी है। चौधरी ने बताया कि मामले की जांच अपराध प्रभारी हस्तीमल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अमीरात से फोन किया था। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने आरोपी के घर जाकर भी पड़ताल की है। उल्लेखनीय है कि आरोपी ने गत एक नवम्बर को अपने आप को पाकिस्तान का अब्दुल रहमान बताते हुए पुष्कर में बनाए गए अस्थायी पुलिस कंट्रोलरू म में फोन कर पुलिस के दूरसंचार संसाधनों में कभी भी सिलसिलेवार विस्फोट होने की धमकी थी।
पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि फोन करने वाला आरोपी पुष्कर के आसपास का रहने वाला है और वर्तमान में खाड़ी देश में नौकरी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस की एटीएस टीम ने इंटरनेट कालिंग से कथित नौ डिजिट के फोन काल के आधार पर छानबीन की तो पता लगा कि आरोपी पीसांगन और पुष्कर के आसपास का निवासी है। चौधरी ने बताया कि मामले की जांच अपराध प्रभारी हस्तीमल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने अमीरात से फोन किया था। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने आरोपी के घर जाकर भी पड़ताल की है। उल्लेखनीय है कि आरोपी ने गत एक नवम्बर को अपने आप को पाकिस्तान का अब्दुल रहमान बताते हुए पुष्कर में बनाए गए अस्थायी पुलिस कंट्रोलरू म में फोन कर पुलिस के दूरसंचार संसाधनों में कभी भी सिलसिलेवार विस्फोट होने की धमकी थी।
हड़ताल की जिद दे गई महीनों का दर्द
जयपुर । रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का दूसरा दिन मरीजों पर कहर बनकर टूटा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसएमएस, जेके लोन, जनाना, महिला, गणगौरी, श्वांस रोग, मनोरोग अस्पतालों में करीब 250 निर्घारित ऑपरेशन टाल दिए गए।
अब मरीजों को सात दिन से एक महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा। यही नहीं पहले से चल रही ऑपरेशन की सूची में संख्या का और इजाफा तय है। ऎसे में वार्ता, आश्वासन और सुलह से हड़ताल भले समाप्त हो जाए, लेकिन प्रभावित मरीजों और परिजनों को महीनों तक दर्द सहना ही पड़ेगा। उधर, हड़ताल से ओपीडी सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा। सुबह 10 बजे वरिष्ठ चिकित्सकों के आने के बाद ही मरीजों को देखा गया।
ऑपरेशन में रेजीडेंट की भूमिका महत्वपूर्ण
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक सभी विभागों में किए जाने वाले ऑपरेशनों में रेजीडेंट डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऑपरेशन से पहले एवं बाद में मरीज की देखभाल एवं आवश्यक तैयारी इनके जिम्मे होती है। वरिष्ठ डॉक्टरों का योगदान मुख्य ऑपरेशन के समय ही होता है।
सरकारी में सन्नाटा, निजी की मौज
एसएमएस के ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर आम दिनों में दोपहर तक मरीजों और परिजनों की लंबी कतार होती है। लेकिन शुक्रवार दोपहर एक बजे यहां के सभी काउंटर खाली थे।
पंजीकरण परिसर में सन्नाटा पसरा था। लोगों ने बताया कि सुबह अस्पताल खुलते ही यहां भारी भीड़ थी, लेकिन अधिकांश ओपीडी में डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीज निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में चले गए। इससे उनकी मौज हो गई और उनके आउटडोर में 20 से 50 फीसदी का इजाफा हो गया।
वार्ड और आईसीयू में अधिक असर
हड़ताल का सर्वाधिक असर इमरजेंसी सहित वार्ड और आईसीयू में नजर आया। एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए 50 अतिरिक्त डॉक्टर लगाने का दावा किया, लेकिन प्रमुख स्थानों पर मरीज परेशान दिखे।
भर्ती मरीजों को उपचार और दवा की पर्चियां लिखवाने में ज्यादा दिक्कतें हुई। कई जगह नर्सिगकर्मियों के भरोसे उपचार चलता रहा।
व्यवस्था सम्भालने को अतिरिक्त डॉक्टर लगाए
जनस्वास्थ्य निदेशक बी आर मीणा ने बताया 102 अतिरिक्त डॉक्टर लगाए हैं। इनमें शामिल हैं।
एसएमएस कॉलेज जयपुर --45
उदयपुर --20
कोटा --15
अजमेर --10
इमरजेंसी में तैनात हों वरिष्ठ चिकित्सक
रेजीडेंट्स ने इमरजेंसी वार्ड में सुरक्षा फोर्स के साथ वरिष्ठ चिकित्सकों के लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मारपीट की घटनाएं इमरजेंसी में होती हैं, जबकि वहां कोई सीनियर डॉक्टर नहीं होता।
हालांकि राज्य सरकार ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू करने की घोष्ाणा पहले ही कर दी है। इसके तहत सीनियर डॉक्टरों सहित पूरी यूनिट तैनात होगी। सूत्रों के मुताबिक विभाग के दिसम्बर तक अस्तित्व में आने की तैयारी है।
फेकल्टी मेम्बर मिलेंगे
एसएमएस के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह के अनुसार सभी विभागों में फैकल्टी मेंबर्स, चिकित्सा अधिकारियों, एवं सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स ने इमरजेंसी विभाग, आउटडोर और आईसीयू में सेवाएं दी। चिकित्सा विभाग की ओर से भेजे गए 30 चिकित्सक भी विभिन्न स्थानों पर नियुक्त रहे। शुक्रवार को ओपीडी में 8742 मरीज आए।
अलग-अलग होंगे डॉक्टर
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के तहत इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों की यूनिट में एक मेडिसिन, एक अस्थि रोग, एक निश्चेतना एवं एक अन्य विशेष्ाज्ञता का डॉक्टर होगा। इस तरह का एक प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया गया है। इसके 13 दिसम्बर से लागू होने की संभावना है।
सुरक्षा फोर्स में नियुक्तियों पर गतिरोध
प्रदेश भर से आए रेजीडेंट डॉक्टर्स प्रतिनिधियों की शुक्रवार को सचिवालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। इसमें तीन प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई, जिसमें कोटा के आरोपियों की गिरफ्तारी होने एवं इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों की नियुक्ति 13 दिसम्बर तक करने के आश्वासन को रेजीडेंट्स ने माना।
तीसरी मांग अस्पतालों में सुरक्षा फोर्स के गठन की थी। इसमें सरकार की ओर से बताया कि 17 पुलिस चौकियों की स्थापना को मंजूरी मिल चुकी है। ये चौकियां पूर्व में चल रही चौकियों से अलग होंगी। इनमें स्टाफ नियुक्तियां शीघ्र गृह विभाग की ओर से की जाएंगी।
प्रदेश का हाल
कोटा : शहर के तीनों अस्पतालों में 35 ऑपरेशन टले और 25 ऑपरेशन हुए।
उदयपुर : वरिष्ठ चिकित्सकों की छुटि्टयां रद्द कर काम पर बुलाया। गुरूवार दोपहर से शुक्रवार रात तक करीब 20 रोगियों की मौत हो गई। इनमें से कुछ बुखार पीडित और अन्य स्थानों से रैफर किए गए थे। परिजनों का आरोप समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिली। 30-35 ऑपरेशन टले।
अजमेर: जवाहर लाल नेहरू एवं जनाना अस्पताल में इमरजेंसी ऑपरेशन ही हुए लेकिन इनकी संख्या भी बहुत कम रही। रूटीन के ऑपरेशन फिलहाल रोक दिए गए हैं।
जोधपुर : डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालयों में 23 ऑपरेशन टाले गए तथा 20 ऑपरेशन किए गए।
बीकानेर : प्रसव केस सहित करीब 67 माइनर ऑपरेशन हुए। -
अब मरीजों को सात दिन से एक महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा। यही नहीं पहले से चल रही ऑपरेशन की सूची में संख्या का और इजाफा तय है। ऎसे में वार्ता, आश्वासन और सुलह से हड़ताल भले समाप्त हो जाए, लेकिन प्रभावित मरीजों और परिजनों को महीनों तक दर्द सहना ही पड़ेगा। उधर, हड़ताल से ओपीडी सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा। सुबह 10 बजे वरिष्ठ चिकित्सकों के आने के बाद ही मरीजों को देखा गया।
ऑपरेशन में रेजीडेंट की भूमिका महत्वपूर्ण
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक सभी विभागों में किए जाने वाले ऑपरेशनों में रेजीडेंट डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऑपरेशन से पहले एवं बाद में मरीज की देखभाल एवं आवश्यक तैयारी इनके जिम्मे होती है। वरिष्ठ डॉक्टरों का योगदान मुख्य ऑपरेशन के समय ही होता है।
सरकारी में सन्नाटा, निजी की मौज
एसएमएस के ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर आम दिनों में दोपहर तक मरीजों और परिजनों की लंबी कतार होती है। लेकिन शुक्रवार दोपहर एक बजे यहां के सभी काउंटर खाली थे।
पंजीकरण परिसर में सन्नाटा पसरा था। लोगों ने बताया कि सुबह अस्पताल खुलते ही यहां भारी भीड़ थी, लेकिन अधिकांश ओपीडी में डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीज निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में चले गए। इससे उनकी मौज हो गई और उनके आउटडोर में 20 से 50 फीसदी का इजाफा हो गया।
वार्ड और आईसीयू में अधिक असर
हड़ताल का सर्वाधिक असर इमरजेंसी सहित वार्ड और आईसीयू में नजर आया। एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए 50 अतिरिक्त डॉक्टर लगाने का दावा किया, लेकिन प्रमुख स्थानों पर मरीज परेशान दिखे।
भर्ती मरीजों को उपचार और दवा की पर्चियां लिखवाने में ज्यादा दिक्कतें हुई। कई जगह नर्सिगकर्मियों के भरोसे उपचार चलता रहा।
व्यवस्था सम्भालने को अतिरिक्त डॉक्टर लगाए
जनस्वास्थ्य निदेशक बी आर मीणा ने बताया 102 अतिरिक्त डॉक्टर लगाए हैं। इनमें शामिल हैं।
एसएमएस कॉलेज जयपुर --45
उदयपुर --20
कोटा --15
अजमेर --10
इमरजेंसी में तैनात हों वरिष्ठ चिकित्सक
रेजीडेंट्स ने इमरजेंसी वार्ड में सुरक्षा फोर्स के साथ वरिष्ठ चिकित्सकों के लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मारपीट की घटनाएं इमरजेंसी में होती हैं, जबकि वहां कोई सीनियर डॉक्टर नहीं होता।
हालांकि राज्य सरकार ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग हर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू करने की घोष्ाणा पहले ही कर दी है। इसके तहत सीनियर डॉक्टरों सहित पूरी यूनिट तैनात होगी। सूत्रों के मुताबिक विभाग के दिसम्बर तक अस्तित्व में आने की तैयारी है।
फेकल्टी मेम्बर मिलेंगे
एसएमएस के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह के अनुसार सभी विभागों में फैकल्टी मेंबर्स, चिकित्सा अधिकारियों, एवं सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स ने इमरजेंसी विभाग, आउटडोर और आईसीयू में सेवाएं दी। चिकित्सा विभाग की ओर से भेजे गए 30 चिकित्सक भी विभिन्न स्थानों पर नियुक्त रहे। शुक्रवार को ओपीडी में 8742 मरीज आए।
अलग-अलग होंगे डॉक्टर
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के तहत इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों की यूनिट में एक मेडिसिन, एक अस्थि रोग, एक निश्चेतना एवं एक अन्य विशेष्ाज्ञता का डॉक्टर होगा। इस तरह का एक प्रस्ताव मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया गया है। इसके 13 दिसम्बर से लागू होने की संभावना है।
सुरक्षा फोर्स में नियुक्तियों पर गतिरोध
प्रदेश भर से आए रेजीडेंट डॉक्टर्स प्रतिनिधियों की शुक्रवार को सचिवालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ वार्ता हुई। इसमें तीन प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई, जिसमें कोटा के आरोपियों की गिरफ्तारी होने एवं इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टरों की नियुक्ति 13 दिसम्बर तक करने के आश्वासन को रेजीडेंट्स ने माना।
तीसरी मांग अस्पतालों में सुरक्षा फोर्स के गठन की थी। इसमें सरकार की ओर से बताया कि 17 पुलिस चौकियों की स्थापना को मंजूरी मिल चुकी है। ये चौकियां पूर्व में चल रही चौकियों से अलग होंगी। इनमें स्टाफ नियुक्तियां शीघ्र गृह विभाग की ओर से की जाएंगी।
प्रदेश का हाल
कोटा : शहर के तीनों अस्पतालों में 35 ऑपरेशन टले और 25 ऑपरेशन हुए।
उदयपुर : वरिष्ठ चिकित्सकों की छुटि्टयां रद्द कर काम पर बुलाया। गुरूवार दोपहर से शुक्रवार रात तक करीब 20 रोगियों की मौत हो गई। इनमें से कुछ बुखार पीडित और अन्य स्थानों से रैफर किए गए थे। परिजनों का आरोप समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिली। 30-35 ऑपरेशन टले।
अजमेर: जवाहर लाल नेहरू एवं जनाना अस्पताल में इमरजेंसी ऑपरेशन ही हुए लेकिन इनकी संख्या भी बहुत कम रही। रूटीन के ऑपरेशन फिलहाल रोक दिए गए हैं।
जोधपुर : डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालयों में 23 ऑपरेशन टाले गए तथा 20 ऑपरेशन किए गए।
बीकानेर : प्रसव केस सहित करीब 67 माइनर ऑपरेशन हुए। -
राजे सरकार ने दिया झटका, भर्तियां स्थगित
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि व प्रौद्योगिकी विवि (एमपीयूएटी) जिन कर्मचारी भर्तियों की आस लेकर बैठा था, उनको राज्य सरकार ने रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं।
भर्ती स्थगित करने के पीछे सरकार का तर्क है कि विवि के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बोम) के सदस्यों की नियुक्ति बाकी है। सच्चाई यह कि बोम सदस्यों की नियुक्ति भी राज्य सरकार को ही करनी है।
खास बात यह है कि भर्ती प्रक्रिया में बोम सदस्यों की कोई भूमिका नहीं होती है। केवल भर्ती के लिफाफे बोम में खोलने भर की औपचारिकता होती है। इसके लिए पहले से ही बोम में निर्घारित सदस्य संख्या है।
सरकार ने गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती पर भी रोक के आदेश दिए हैं। कुछ शिकायतों को आधार बनाकर विवि को फिलहाल भर्ती स्थगित करने के आदेश कर दिए हैं।
सरकार ने फिलहाल भर्तियों को स्थगित रखने का आदेश मिला है। पहले चुनाव आचार संहिता के कारण भर्तियां नहीं हो सकी थीं।
प्रो. ओपी गिल, कुलपति, एमपीयूएटी -
भर्ती स्थगित करने के पीछे सरकार का तर्क है कि विवि के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बोम) के सदस्यों की नियुक्ति बाकी है। सच्चाई यह कि बोम सदस्यों की नियुक्ति भी राज्य सरकार को ही करनी है।
खास बात यह है कि भर्ती प्रक्रिया में बोम सदस्यों की कोई भूमिका नहीं होती है। केवल भर्ती के लिफाफे बोम में खोलने भर की औपचारिकता होती है। इसके लिए पहले से ही बोम में निर्घारित सदस्य संख्या है।
सरकार ने गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती पर भी रोक के आदेश दिए हैं। कुछ शिकायतों को आधार बनाकर विवि को फिलहाल भर्ती स्थगित करने के आदेश कर दिए हैं।
सरकार ने फिलहाल भर्तियों को स्थगित रखने का आदेश मिला है। पहले चुनाव आचार संहिता के कारण भर्तियां नहीं हो सकी थीं।
प्रो. ओपी गिल, कुलपति, एमपीयूएटी -
शुक्रवार, 7 नवंबर 2014
धोरीमन्ना। देश के विकास में युवाओं की महत्वपुर्ण भुमिका : जोसी
धोरीमन्ना। देश के विकास में युवाओं की महत्वपुर्ण भुमिका : जोसी
प्रकाश चंद विश्नोई
धोरीमन्ना। नेहरू युवा केन्द्र बाङमेर के ब्लोक मुख्यालय धोरीमन्ना पर जिला युवा समन्यवक ओम प्रकाश जोशी ने शुक्रवार को विषय आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में कहा की युवा जागरूक होकर देश समाज एव जनहित के कार्या में अपनी महत्वपुर्ण भुमिका अदा करे तथा पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ पुनमाराम बेनीवाल ने सामाजिक कुरूतियो का उन्मुलन एव समाज को नशा मुक्त बनाने की बात कही वहीं बाल विकास परियोजना अधिकारी रूपसिंह जाखङ ने महिला एव बाल विकास के बारे मे जानकारी दी तथा ग्रामीण विकास सस्थान के निर्देशक डुगराराम विश्नोई ने स्वास्थ्य शिक्षा पर्यावरण एव खाघ सुरक्षा अधिकार विषय पर चर्चा की वही नेहरू युवा समिति धोरीमन्ना के अध्यक्ष सिमरथाराम सेवदा ने मतदाता जागरूकता के बारे मे बताया इसी प्रकार नरसिगाराम विरट ने नव युवक मण्डल के बारे मे जानकारी दी इस दौरान राष्टऊीय स्वय सेवक भुवनेश राव हरीराम गोदारा देविका चौधरी नेहरू युवा मण्डल धोरीमन्ना के सचिव डी आर गोयल सहित धोरीमन्ना ब्लोक के समस्त नेहरू युवा मण्डलो के प्रतिनिधि उपस्थ्ति थे कार्यक्रम का सचालन लक्ष्मणाराम सारन बामणोर ने कीया।
शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र सिंह शनिवार से बाड़मेर दौरे पर
शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र सिंह शनिवार से बाड़मेर दौरे पर
बाड़मेर शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र सिंह शनिवार से बाड़मेर दौरे पर। शनिवार को शिक्षक संघ के समापन समारोह में करेंगे शिरकत। नौ नवम्बर को सामाजिक कार्यक्रमों में चाड़ी और निम्बला गाँव जायेंगे। इसी दिन रामसर और गडरा रोड में जन सुनवाई करेंगे। जन सुनवाई में उप खंड अधिकारी भी रहेंगे उपस्थित। इसी दिन शाम को मानवेन्द्र सिंह का नयी तामालियार ग्राम पंचायत बनाने पर ग्रामीणों द्वारा किया जायेगा अभिनन्दन। सफी खान सम्मा ने बताया की मानवेन्द्र सिंह का गाँव की और से सम्मान किया जायेगा। दस को मानवेन्द्र सिंह जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मुलाक़ात करेंगे। रात को जसोल विश्राम करेंगे। ग्यारह को जयपुर के लिए रवाना होंगे
बाड़मेर शिव विधायक कर्नल मानवेन्द्र सिंह शनिवार से बाड़मेर दौरे पर। शनिवार को शिक्षक संघ के समापन समारोह में करेंगे शिरकत। नौ नवम्बर को सामाजिक कार्यक्रमों में चाड़ी और निम्बला गाँव जायेंगे। इसी दिन रामसर और गडरा रोड में जन सुनवाई करेंगे। जन सुनवाई में उप खंड अधिकारी भी रहेंगे उपस्थित। इसी दिन शाम को मानवेन्द्र सिंह का नयी तामालियार ग्राम पंचायत बनाने पर ग्रामीणों द्वारा किया जायेगा अभिनन्दन। सफी खान सम्मा ने बताया की मानवेन्द्र सिंह का गाँव की और से सम्मान किया जायेगा। दस को मानवेन्द्र सिंह जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मुलाक़ात करेंगे। रात को जसोल विश्राम करेंगे। ग्यारह को जयपुर के लिए रवाना होंगे
बाड़मेर 108 वाहन का इंजन बेच दिया सत्तर हज्जार में?
बाड़मेर 108 वाहन का इंजन बेच दिया सत्तर हज्जार में?
बाड़मेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में भरष्टाचार कोई नया मामला नहीं हे। भरष्टाचार की फेहरिस्त में कार्यालय के बाहर खड़ी एम्बुलेंस 108 का विभागीय कार्मिको द्वारा इंजन और स्टेयरिंग सतर हज़ार रुपये में बेचने का सनसनी खेज मामला सामने आया हें। विभाग की नाक के निचे खडी इस एम्बुलेंस का इंजन और स्टेयरिंग बेच दिया ।चूँकि यह वाहन लम्बे समय से कार्यालय के बाहरडेमेज स्थति में खड़ा था। इस वाहन पर विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं था इस वाहन का अधिकार जयपुर की एक संस्था के पास हें ।कार्मिको ने इसके सारे कल पुर्जे कब्बडी में बेच दिए। विभागीय सूत्रानुसार स्टोर कीपर की मिली भगत से इस काम को अंजाम दिया गया। विभागीय कार्मिक बहाना बना एअहे हे की इसका इंजन अन्य 108 में शिफ्ट किया हें जबकि नियमानुसार ऐसा हो नहीं सकता ।इसके लिए विभाग अधिकृत नहीं हे ।साथ ही जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से उसे स्थानांतरित करवाना होता हे जो नहीं हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनील कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बाड़मेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में भरष्टाचार कोई नया मामला नहीं हे। भरष्टाचार की फेहरिस्त में कार्यालय के बाहर खड़ी एम्बुलेंस 108 का विभागीय कार्मिको द्वारा इंजन और स्टेयरिंग सतर हज़ार रुपये में बेचने का सनसनी खेज मामला सामने आया हें। विभाग की नाक के निचे खडी इस एम्बुलेंस का इंजन और स्टेयरिंग बेच दिया ।चूँकि यह वाहन लम्बे समय से कार्यालय के बाहरडेमेज स्थति में खड़ा था। इस वाहन पर विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं था इस वाहन का अधिकार जयपुर की एक संस्था के पास हें ।कार्मिको ने इसके सारे कल पुर्जे कब्बडी में बेच दिए। विभागीय सूत्रानुसार स्टोर कीपर की मिली भगत से इस काम को अंजाम दिया गया। विभागीय कार्मिक बहाना बना एअहे हे की इसका इंजन अन्य 108 में शिफ्ट किया हें जबकि नियमानुसार ऐसा हो नहीं सकता ।इसके लिए विभाग अधिकृत नहीं हे ।साथ ही जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से उसे स्थानांतरित करवाना होता हे जो नहीं हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनील कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
शिक्षा विभाग के फरमान से लाखों स्कूलों की मुश्किलें बढ़ी
जयपुर। शिक्षा विभाग की लापरवाही से प्रदेशभर में एक लाख से अधिक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर तलवार लटक गई है।
विभाग ने स्कूलों को यू-डाइस कोड लेने के लिए डेटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) भरकर जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए स्कूलों को चंद घंटों का ही समय दिया गया।
अचानक मिली इस सूचना के बाद अधिकतर स्कूल डीसीएफ जमा नहीं करवा सके, जबकि विभाग ने निर्घारित समय तक डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी थी।
विभाग के शासन सचिव ने 5 नवबंर को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य में संचालित सभी स्कूलों को श्ौक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए डीसीएफ जमा करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए सिर्फ एक ही दिन का समय दिया और विज्ञप्ति जारी होने वाले दिन ही नोडल केंद्रों पर डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।
स्कूलों को 30 सितंबर 2014 तक की सूचना के आधार पर यह फॉरमेट भरने के लिए कहा गया था। 25 पृष्ठ के इस फॉरमेट में स्कूलों से संस्थापन, नामांकन, भौतिक संसाधन समेत अन्य कई तरह की जरूरी सूचनाएं मांगी गई थीं।
विभाग ने दी ये हिदायत
डीसीएफ नहीं भरा तो एसएसए और आरएमएसए के अंतर्गत मिले वाली सहायता नहीं मिलेगी।
सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्राइवेट स्कूलों को नि:शुल्क प्रवेश की 25 फीसदी सीटों के बदले पुनर्भरण राशि नहीं मिलेगी।
यू डाइस के बिना स्कूल बोर्ड परीक्षा आवेदन नहीं कर सकेंगे। -
विभाग ने स्कूलों को यू-डाइस कोड लेने के लिए डेटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) भरकर जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए स्कूलों को चंद घंटों का ही समय दिया गया।
अचानक मिली इस सूचना के बाद अधिकतर स्कूल डीसीएफ जमा नहीं करवा सके, जबकि विभाग ने निर्घारित समय तक डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी थी।
विभाग के शासन सचिव ने 5 नवबंर को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य में संचालित सभी स्कूलों को श्ौक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए डीसीएफ जमा करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए सिर्फ एक ही दिन का समय दिया और विज्ञप्ति जारी होने वाले दिन ही नोडल केंद्रों पर डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।
स्कूलों को 30 सितंबर 2014 तक की सूचना के आधार पर यह फॉरमेट भरने के लिए कहा गया था। 25 पृष्ठ के इस फॉरमेट में स्कूलों से संस्थापन, नामांकन, भौतिक संसाधन समेत अन्य कई तरह की जरूरी सूचनाएं मांगी गई थीं।
विभाग ने दी ये हिदायत
डीसीएफ नहीं भरा तो एसएसए और आरएमएसए के अंतर्गत मिले वाली सहायता नहीं मिलेगी।
सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्राइवेट स्कूलों को नि:शुल्क प्रवेश की 25 फीसदी सीटों के बदले पुनर्भरण राशि नहीं मिलेगी।
यू डाइस के बिना स्कूल बोर्ड परीक्षा आवेदन नहीं कर सकेंगे। -
विदेशी ने की मोदी की वाराणसी यात्रा की रेकी, पुलिस ने पकड़ा
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की कथित रूप से रेकी करने के आरोप में पुलिस ने एक संदिग्ध विदेशी सैलानी को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस ने बताया कि वह सैलानी यूके्रन का रहने वाला है। उसका नाम युवानक्रोवोक खाटको है। उसे दशाश्वमेध घाट से हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि उसके लैपटाप से मोदी की वाराणसी यात्रा का नक्शा बरामद हुआ है। वे लोग पूरे मामले की जांच कर रही है।
यूक्रेन के इस नागरिक को फिलहाल अभी होटल में ही रखा गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी शुक्रवार से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वह आज सुबह ही वाराणसी पहुंचे हैं।
पीएम की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उनको लगातार आतंकवादी संगठनों की ओर से धमकी मिल रही है। -
पुलिस ने बताया कि वह सैलानी यूके्रन का रहने वाला है। उसका नाम युवानक्रोवोक खाटको है। उसे दशाश्वमेध घाट से हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने बताया कि उसके लैपटाप से मोदी की वाराणसी यात्रा का नक्शा बरामद हुआ है। वे लोग पूरे मामले की जांच कर रही है।
यूक्रेन के इस नागरिक को फिलहाल अभी होटल में ही रखा गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी शुक्रवार से अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वह आज सुबह ही वाराणसी पहुंचे हैं।
पीएम की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उनको लगातार आतंकवादी संगठनों की ओर से धमकी मिल रही है। -
जैसलमेर। 108 बरस बाद इस राजस्थानी गांव से उठी दुल्हन की डोली
जैसलमेर। यहां से 80 किलोमीटर दूर देवरा गांव में जब बैंड बाजा बारात ने प्रवेश किया तो वह एक ऎतिहासिक पल बन गया।
7 मई 1998 वाला दिन इस गांव के बाशिंदों के लिए न भूलने वाला दिन था।
मौका था गांव के सरपंच इंद्रजीत सिंह की बेटी जवन कंवर के ब्याह का। यह पल ऎतिहासिक इसलिए बन गया क्योंकि गांव में 108 बरस में पहली बार कोई लड़की दुलहन बनी थी।
गांव में आखिरी बार 1890 में लड़की ब्याही गई थी लेकिन इसके बाद यह फिर कभी नहीं हो पाया। कारण कि इस गांव में लड़कियों को जन्म लेते ही मार दिया जाता था।
पूरे 108 सालों तक यहां कन्या भ्रूण हत्या का नृशंस खेल चलता रहा। लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था।
दूसरा ब्याह 2010 में
कन्या भ्रूण हत्या की मिसाल बना यह गांव 16 दिसंबर 2010 के दौरान दुबारा चर्चा में आया जब यहां दूसरी बार बारात आई।
शगुन कंवर नामक युवती के ब्याह पर इस बार इस गांव को मीडिया पर काफी कवरेज मिला। शगुन कंवर बीकानेर के शैलेंद्र सिंह राठौड़ के साथ विवाह बंधन में बंधी।
फ्रांस के एक पत्रकार सिलिया मेसिअर को तो गांव की यह कहानी इतनी रोचक लगी कि उन्होंने इस पर एक किताब लिख डाली।
फ्रैंच में लिखी इस किताब के शीर्षक अंग्रेजी में अर्थ था "सिंगल गर्ल ऑफ माई विलेज"। इस किताब को हाल ही में रिलीज किया गया।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में काफी वक्त गुजारने के बाद मेसिअर बरसों से हो रही कन्या भ्रूण हत्या का इतिहास लिखने के लिए खास तौर से देवरा आए।
मात्र 600 से 700 की जनसंख्या वाले इस गांव में कन्या भ्रूण हत्या सदियों से प्रथा के तौर पर चली आ रही है।
समय के साथ बदले हालात
कभी लड़की को तरसने वाले इस गांव के हालात अब काफी बदल गए हैं। समय ने यहां पर भी करवट ली है और एक बढिया पहल का ही परिणाम है कि आज यहां के परिवारों में कुल 25-30 लड़कियां मौजूद हैं। -
7 मई 1998 वाला दिन इस गांव के बाशिंदों के लिए न भूलने वाला दिन था।
मौका था गांव के सरपंच इंद्रजीत सिंह की बेटी जवन कंवर के ब्याह का। यह पल ऎतिहासिक इसलिए बन गया क्योंकि गांव में 108 बरस में पहली बार कोई लड़की दुलहन बनी थी।
गांव में आखिरी बार 1890 में लड़की ब्याही गई थी लेकिन इसके बाद यह फिर कभी नहीं हो पाया। कारण कि इस गांव में लड़कियों को जन्म लेते ही मार दिया जाता था।
पूरे 108 सालों तक यहां कन्या भ्रूण हत्या का नृशंस खेल चलता रहा। लड़कियों को पैदा होते ही मार दिया जाता था।
दूसरा ब्याह 2010 में
कन्या भ्रूण हत्या की मिसाल बना यह गांव 16 दिसंबर 2010 के दौरान दुबारा चर्चा में आया जब यहां दूसरी बार बारात आई।
शगुन कंवर नामक युवती के ब्याह पर इस बार इस गांव को मीडिया पर काफी कवरेज मिला। शगुन कंवर बीकानेर के शैलेंद्र सिंह राठौड़ के साथ विवाह बंधन में बंधी।
फ्रांस के एक पत्रकार सिलिया मेसिअर को तो गांव की यह कहानी इतनी रोचक लगी कि उन्होंने इस पर एक किताब लिख डाली।
फ्रैंच में लिखी इस किताब के शीर्षक अंग्रेजी में अर्थ था "सिंगल गर्ल ऑफ माई विलेज"। इस किताब को हाल ही में रिलीज किया गया।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में काफी वक्त गुजारने के बाद मेसिअर बरसों से हो रही कन्या भ्रूण हत्या का इतिहास लिखने के लिए खास तौर से देवरा आए।
मात्र 600 से 700 की जनसंख्या वाले इस गांव में कन्या भ्रूण हत्या सदियों से प्रथा के तौर पर चली आ रही है।
समय के साथ बदले हालात
कभी लड़की को तरसने वाले इस गांव के हालात अब काफी बदल गए हैं। समय ने यहां पर भी करवट ली है और एक बढिया पहल का ही परिणाम है कि आज यहां के परिवारों में कुल 25-30 लड़कियां मौजूद हैं। -
दो लाख रूपए की मोहताज हुई मासूम की सांसें
बीकानेर। छह साल के पौत्र को दुलारते-दुलारते दादी की आंखें आंसू से भर आती है। कहती है इसके दादा का रो-रो कर बुरा हाल है, उनकी आंखों ने तो जवाब ही दे दिया। घर कर्ज की पटरी पर कब आ गया, पता ही नहीं चला।
यह दुखभरी दास्तां हैं हरियाणा के जमुनानगर निवासी हरजीत कौर की, जिसके छह साल के पौत्र को ब्लड कैंसर की बीमारी ने जकड़ लिया है। इलाज में घर की सारी जमा पूंजी पानी की तरह बह गई। हरजीत के पौत्र इसप्रीत का यहां आचार्य तुलसी रिजनल कैंसर ट्रीटमेंट एण्ड रिसर्च सेंटर में इलाज चल रहा है।
इसप्रीत की मम्मी संदीप कौर कहती है करीब डेढ़ साल पहले उन्हें अपने बेटे की बीमारी का पता चला, जब उसका काफी दिनों से बुखार नहीं उतर रहा था। इलाज के लिए हरियाणा के चिकित्सालय में दिखाया तो वहां के चिकित्सकों ने दवा दे दी।
फिर भी बुखार नहीं उतरा तो चंडीगढ़ दिखाया गया। वहां के चिकित्सकों ने इसप्रीत को ब्लड कैंसर होना बताया। यह सुन घर वालों की मानों पांव तले जमीन ही खिसक गई। जब तक पैसा था, तब तक चंडीगढ़ में इलाज करवाया, लेकिन पैसा खत्म हुआ तो अस्पताल के चिकित्सकों ने भी जवाब दे दिया। अब यहां बीकानेर में इसका इलाज करवा रहे हैं।
"साब मरीजों का ध्यान रखना"
ब्लड कैंसर से पीडित मासूम इसप्रीत दिखने में बहुत ही सुन्दर और चंचल स्वभाव का है। यह अपने उपचार के दौरान अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिग स्टाफ को हिदायत देते भी संकोच नहीं करता। अक्सर कहता है, डॉक्टर साहब मरीजों का ध्यान रखना। इतना ही नहीं मरीजों के साथ आने वाले रिश्तेदारों को अस्पताल में साफ-सफाई रखने के लिए भी टोक देता है। कहता है, जब देश के प्रधानमंत्री लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर सकते हैं, तो मैं क्यूं नहीं कर सकता।
इलाज के लिए चाहिए दो लाख
इसप्रीत के इलाज को लेकर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया करीब दो लाख रूपए का खर्च बताया है। लेकिन परिवार की माली हालत के चलते परिजनों की हिम्मत अब टूट चुकी है। इसप्रीत की दादी हरजीत कौर कहती है, बेटा ड्राइवरी करता था, लेकिन अपने बेटे की बीमारी को देख अब वह भी घर बैठने के लिए मजबूर हो गया है। माली हालत के चलते अब इसप्रीत के लिए दवाइयों का खर्च भी भारी पड़ रहा है। -
यह दुखभरी दास्तां हैं हरियाणा के जमुनानगर निवासी हरजीत कौर की, जिसके छह साल के पौत्र को ब्लड कैंसर की बीमारी ने जकड़ लिया है। इलाज में घर की सारी जमा पूंजी पानी की तरह बह गई। हरजीत के पौत्र इसप्रीत का यहां आचार्य तुलसी रिजनल कैंसर ट्रीटमेंट एण्ड रिसर्च सेंटर में इलाज चल रहा है।
इसप्रीत की मम्मी संदीप कौर कहती है करीब डेढ़ साल पहले उन्हें अपने बेटे की बीमारी का पता चला, जब उसका काफी दिनों से बुखार नहीं उतर रहा था। इलाज के लिए हरियाणा के चिकित्सालय में दिखाया तो वहां के चिकित्सकों ने दवा दे दी।
फिर भी बुखार नहीं उतरा तो चंडीगढ़ दिखाया गया। वहां के चिकित्सकों ने इसप्रीत को ब्लड कैंसर होना बताया। यह सुन घर वालों की मानों पांव तले जमीन ही खिसक गई। जब तक पैसा था, तब तक चंडीगढ़ में इलाज करवाया, लेकिन पैसा खत्म हुआ तो अस्पताल के चिकित्सकों ने भी जवाब दे दिया। अब यहां बीकानेर में इसका इलाज करवा रहे हैं।
"साब मरीजों का ध्यान रखना"
ब्लड कैंसर से पीडित मासूम इसप्रीत दिखने में बहुत ही सुन्दर और चंचल स्वभाव का है। यह अपने उपचार के दौरान अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिग स्टाफ को हिदायत देते भी संकोच नहीं करता। अक्सर कहता है, डॉक्टर साहब मरीजों का ध्यान रखना। इतना ही नहीं मरीजों के साथ आने वाले रिश्तेदारों को अस्पताल में साफ-सफाई रखने के लिए भी टोक देता है। कहता है, जब देश के प्रधानमंत्री लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर सकते हैं, तो मैं क्यूं नहीं कर सकता।
इलाज के लिए चाहिए दो लाख
इसप्रीत के इलाज को लेकर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया करीब दो लाख रूपए का खर्च बताया है। लेकिन परिवार की माली हालत के चलते परिजनों की हिम्मत अब टूट चुकी है। इसप्रीत की दादी हरजीत कौर कहती है, बेटा ड्राइवरी करता था, लेकिन अपने बेटे की बीमारी को देख अब वह भी घर बैठने के लिए मजबूर हो गया है। माली हालत के चलते अब इसप्रीत के लिए दवाइयों का खर्च भी भारी पड़ रहा है। -
पीएम मोदी बोले, "बनारस ने मुझे तो अपना बना लिया है"
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। वहां पर बावतपुर हवाई अड्डे पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनकी अगवानी की।
पीएम मोदी सुबह दस बजे वाराणसी पहुंचे, जहां नगर के गणमान्यनागरिकों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
उसके बाद वह लालपुर के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने बुनकरों के लिए सुविधा केंद्र का शिलान्यास किया।
शिलान्यास के बाद उन्होंने कहा कि बनारस ने तो उनको अपना बना लिया है और अपनों के बीच में आने का आनंद ही अलग होता है। उन्होंने कहा कि वह आप सबके सेवक के तौर पर यहां पर उपस्थित हैं। वह आपके सुख और दुख के साथी हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बनारसी साड़ी के ब्रांडिंग की जरूरत नहीं है। देश में ऎसा कोई नहीं है जिसने इस साड़ी के बारे में न सुना हो।
उन्होंने कहा कि दुनिया से प्रतिस्पर्घा करने के लिए तकनीकी तौर पर बेहतर होने की जरूरत है। सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने खास तौर पर बुनकरों से कहा कि कि इस बात को गंभीरतापूर्वक सोचने की जरूरत है कि नई पीढ़ी कैसे इस उद्योग में शामिल हो सकती है, वह बाध्य होकर नहीं बल्कि गर्व से इससे उद्योग से जुड़ सकें।
पीएम ने कहा कि कृषि के बाद कपड़ा उद्योग ही ऎसा क्षेत्र है जिसमें अधिक संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।
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