जयपुर। शिक्षा विभाग की लापरवाही से प्रदेशभर में एक लाख से अधिक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर तलवार लटक गई है।
विभाग ने स्कूलों को यू-डाइस कोड लेने के लिए डेटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) भरकर जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए स्कूलों को चंद घंटों का ही समय दिया गया।
अचानक मिली इस सूचना के बाद अधिकतर स्कूल डीसीएफ जमा नहीं करवा सके, जबकि विभाग ने निर्घारित समय तक डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी थी।
विभाग के शासन सचिव ने 5 नवबंर को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य में संचालित सभी स्कूलों को श्ौक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए डीसीएफ जमा करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए सिर्फ एक ही दिन का समय दिया और विज्ञप्ति जारी होने वाले दिन ही नोडल केंद्रों पर डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।
स्कूलों को 30 सितंबर 2014 तक की सूचना के आधार पर यह फॉरमेट भरने के लिए कहा गया था। 25 पृष्ठ के इस फॉरमेट में स्कूलों से संस्थापन, नामांकन, भौतिक संसाधन समेत अन्य कई तरह की जरूरी सूचनाएं मांगी गई थीं।
विभाग ने दी ये हिदायत
डीसीएफ नहीं भरा तो एसएसए और आरएमएसए के अंतर्गत मिले वाली सहायता नहीं मिलेगी।
सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्राइवेट स्कूलों को नि:शुल्क प्रवेश की 25 फीसदी सीटों के बदले पुनर्भरण राशि नहीं मिलेगी।
यू डाइस के बिना स्कूल बोर्ड परीक्षा आवेदन नहीं कर सकेंगे। -
विभाग ने स्कूलों को यू-डाइस कोड लेने के लिए डेटा कैप्चर फॉरमेट (डीसीएफ) भरकर जमा करवाने के निर्देश दिए, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए स्कूलों को चंद घंटों का ही समय दिया गया।
अचानक मिली इस सूचना के बाद अधिकतर स्कूल डीसीएफ जमा नहीं करवा सके, जबकि विभाग ने निर्घारित समय तक डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दी थी।
विभाग के शासन सचिव ने 5 नवबंर को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए राज्य में संचालित सभी स्कूलों को श्ौक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए डीसीएफ जमा करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसीएफ जमा करवाने के लिए सिर्फ एक ही दिन का समय दिया और विज्ञप्ति जारी होने वाले दिन ही नोडल केंद्रों पर डीसीएफ जमा नहीं करवाने पर कार्रवाई करने की हिदायत भी दी।
स्कूलों को 30 सितंबर 2014 तक की सूचना के आधार पर यह फॉरमेट भरने के लिए कहा गया था। 25 पृष्ठ के इस फॉरमेट में स्कूलों से संस्थापन, नामांकन, भौतिक संसाधन समेत अन्य कई तरह की जरूरी सूचनाएं मांगी गई थीं।
विभाग ने दी ये हिदायत
डीसीएफ नहीं भरा तो एसएसए और आरएमएसए के अंतर्गत मिले वाली सहायता नहीं मिलेगी।
सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्राइवेट स्कूलों को नि:शुल्क प्रवेश की 25 फीसदी सीटों के बदले पुनर्भरण राशि नहीं मिलेगी।
यू डाइस के बिना स्कूल बोर्ड परीक्षा आवेदन नहीं कर सकेंगे। -
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