बाड़मेर 108 वाहन का इंजन बेच दिया सत्तर हज्जार में?
बाड़मेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में भरष्टाचार कोई नया मामला नहीं हे। भरष्टाचार की फेहरिस्त में कार्यालय के बाहर खड़ी एम्बुलेंस 108 का विभागीय कार्मिको द्वारा इंजन और स्टेयरिंग सतर हज़ार रुपये में बेचने का सनसनी खेज मामला सामने आया हें। विभाग की नाक के निचे खडी इस एम्बुलेंस का इंजन और स्टेयरिंग बेच दिया ।चूँकि यह वाहन लम्बे समय से कार्यालय के बाहरडेमेज स्थति में खड़ा था। इस वाहन पर विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं था इस वाहन का अधिकार जयपुर की एक संस्था के पास हें ।कार्मिको ने इसके सारे कल पुर्जे कब्बडी में बेच दिए। विभागीय सूत्रानुसार स्टोर कीपर की मिली भगत से इस काम को अंजाम दिया गया। विभागीय कार्मिक बहाना बना एअहे हे की इसका इंजन अन्य 108 में शिफ्ट किया हें जबकि नियमानुसार ऐसा हो नहीं सकता ।इसके लिए विभाग अधिकृत नहीं हे ।साथ ही जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से उसे स्थानांतरित करवाना होता हे जो नहीं हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनील कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बाड़मेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में भरष्टाचार कोई नया मामला नहीं हे। भरष्टाचार की फेहरिस्त में कार्यालय के बाहर खड़ी एम्बुलेंस 108 का विभागीय कार्मिको द्वारा इंजन और स्टेयरिंग सतर हज़ार रुपये में बेचने का सनसनी खेज मामला सामने आया हें। विभाग की नाक के निचे खडी इस एम्बुलेंस का इंजन और स्टेयरिंग बेच दिया ।चूँकि यह वाहन लम्बे समय से कार्यालय के बाहरडेमेज स्थति में खड़ा था। इस वाहन पर विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं था इस वाहन का अधिकार जयपुर की एक संस्था के पास हें ।कार्मिको ने इसके सारे कल पुर्जे कब्बडी में बेच दिए। विभागीय सूत्रानुसार स्टोर कीपर की मिली भगत से इस काम को अंजाम दिया गया। विभागीय कार्मिक बहाना बना एअहे हे की इसका इंजन अन्य 108 में शिफ्ट किया हें जबकि नियमानुसार ऐसा हो नहीं सकता ।इसके लिए विभाग अधिकृत नहीं हे ।साथ ही जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से उसे स्थानांतरित करवाना होता हे जो नहीं हुआ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुनील कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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