नई दिल्ली। द नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) की तरफ से सरकार को एसओएस भेज कर कोयले की कमी का जानकारी देने के बाद केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने भी माना कि देश में कोयले की कमी है और इस संकट से निपटने के लिए कार्य किया जा रहा है। गोयल से संकेत दिए कि दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ सकते हैं। दोपहर तीन बजे डीईआरसी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।
मॉनसून में देरी और गर्मी बढ़ने से बिजली की डिमांड बढ़ गई है। उधर द नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन(एनटीपीसी) ने सरकार को एसओएस भेजकर यह सूचना दी है कि उनके पास केवल दो दिन से भी कम के लिए कोयला बचा है। 17000 मेगावॉट की क्षमता वाले एनटीपीसी के छह प्लांट कोयले के स्टॉक की कमी के कारण बंद कर दिए गए हैं।
इन छह में से पांच थर्मल प्लांट उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में स्थित हैं। पश्चिम में कोयले पर निर्भर 13 पावर प्लांट और पूर्व में 4 प्लांट की भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। एनटीपीसी के एयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अरूप रॉय चौधरी ने लिखा, "यह बता देना उचित होगा कि मॉनसून में देरी के चलते कोल स्टॉक की पूर्ति करना बेहद मुश्किल हो जाएगा और कोयले की कमी से स्टेशंस पर बुरा असर होगा।"
रॉय चौधरी की तरफ से पावर सचिव को दिए गए पत्र के मुताबिक छह में से तीन प्लांट्स में 1 दिन से कम का कोयला बचा है जबकि बेस्ट स्टॉक्ड प्लांट के पास भी केवल दो दिन का ही कोयला बचा है। नॉर्थन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में समस्या की वजह से रिहंद और विंद्याचल प्लांट में सप्लाई बाधित हुई है। उधर गांववालों के विरोध के चलते महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की टेलकर माइन्स में खनन रोक दिया गया है जिसका सीधा असर सिमहद्री प्लांट पर हुआ है।
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