कराची। भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक सीमा विवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर ही ठनती रही है लेकिन एक नई चौंकाने वाली रिपोर्ट से दोनों पड़ोसी देशों के बीच कटुता के और अधिक बढ़ने की संभावना है।
पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उसके 5.6 अरब पाकिस्तानी रूपए लौटाने हैं। पाकिस्तान के अनुसार यह भारी भरकम बकाया राशि बंटवारे के समय की है। बंटवारे के समय यह रकम 49 करोड़ रूपए थी जो आजादी के 67 साल बाद बढ़कर 5.6 अरब रूपए हो गई है।
पाकिस्तान और भारत के बीच हुई किसी भी वार्ता में पाकिस्तान ने बकाया रकम का उललेख नहीं किया लेकिन स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान साल दर साल अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत के बकाया रकम का जिक्र करता रहा है। लेकिन अब पाकिस्तानी मीडिया ने इस मसले को तेजी से उछालना शुरू कर दिया।
एक्सप्रेस ट्रिव्यून में प्रकाशित काजिम आलम की रिपोर्ट मुताबिक आजादी के समय की 49 करोड़ रूपए की रकम महंगाई, मुद्रा विनिमय दर, प्रतिभूति दरों के बदलाव के कारण तेजी से बढ़ गई।
स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के अनुसार भारत पर उसका 4.1 अरब रूपए के सोने के सिक्के. 50 करोड़ रूपए की स्ट्रगलिंग प्रतिभूति, भारत सरकार की 24 करोड़ रूपए की प्रतिभूति और 49 लाख रूपए के सिक्के बकाया हैं।
पाकिस्तान का यह दावा 1947 में हुए समझौते के कारण है। समझौते के तहत बंटवारे के बाद भी दोनों देशों का एक ही बैंक भारतीय रिजर्व बैंक था और 30 सितंबर 1948 तक पाकिस्तान में भारतीय रूपया मान्य था।
पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उसके 5.6 अरब पाकिस्तानी रूपए लौटाने हैं। पाकिस्तान के अनुसार यह भारी भरकम बकाया राशि बंटवारे के समय की है। बंटवारे के समय यह रकम 49 करोड़ रूपए थी जो आजादी के 67 साल बाद बढ़कर 5.6 अरब रूपए हो गई है।
पाकिस्तान और भारत के बीच हुई किसी भी वार्ता में पाकिस्तान ने बकाया रकम का उललेख नहीं किया लेकिन स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान साल दर साल अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत के बकाया रकम का जिक्र करता रहा है। लेकिन अब पाकिस्तानी मीडिया ने इस मसले को तेजी से उछालना शुरू कर दिया।
एक्सप्रेस ट्रिव्यून में प्रकाशित काजिम आलम की रिपोर्ट मुताबिक आजादी के समय की 49 करोड़ रूपए की रकम महंगाई, मुद्रा विनिमय दर, प्रतिभूति दरों के बदलाव के कारण तेजी से बढ़ गई।
स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के अनुसार भारत पर उसका 4.1 अरब रूपए के सोने के सिक्के. 50 करोड़ रूपए की स्ट्रगलिंग प्रतिभूति, भारत सरकार की 24 करोड़ रूपए की प्रतिभूति और 49 लाख रूपए के सिक्के बकाया हैं।
पाकिस्तान का यह दावा 1947 में हुए समझौते के कारण है। समझौते के तहत बंटवारे के बाद भी दोनों देशों का एक ही बैंक भारतीय रिजर्व बैंक था और 30 सितंबर 1948 तक पाकिस्तान में भारतीय रूपया मान्य था।
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