नई। केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में धर्म के आधार पर हो रहे अत्याचार के कारण वहां से वैध वीजा पर भारत आए हिंदू परिवार वापस नहीं जा रहे हैं।
विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार को ऎसी घटनाओं की जानकारी मिलती रही है कि पाकिस्तान मे अल्पसंख्यक समुदायों, जिनमें हिन्दू भी शामिल हैं, के सदस्यगण वैध वीजा पर भारत आते हैं परन्तु धर्म के आधार पर हो रहे अत्याचार के कारण पाकिस्तान वापस नहीं जाते।
इनमें कुछ लोगों से वीजा की अवधि बढाने और साथ ही भारत में रहने के लिये दीर्घावधिक वीजा आवेदन करने की अनुमति प्रदान करने के बाबत अभ्यावेदन भी प्राप्त हुये हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पकिस्तान के बीच जुलाई 1972 में संपन्न शिमला समझौते के तहत एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की व्यवस्था है।
इसके बावजूद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार की रिपोर्टो के आधार पर सरकार ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है।
इसके प्रत्युत्तर में पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह इस स्थिति से पूर्णत: वाकिफ है और वह सभी नागरिकों, विशेषत: अल्पसंख्यक समुदयों की भलाई का ध्यान रखती है। -
विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार को ऎसी घटनाओं की जानकारी मिलती रही है कि पाकिस्तान मे अल्पसंख्यक समुदायों, जिनमें हिन्दू भी शामिल हैं, के सदस्यगण वैध वीजा पर भारत आते हैं परन्तु धर्म के आधार पर हो रहे अत्याचार के कारण पाकिस्तान वापस नहीं जाते।
इनमें कुछ लोगों से वीजा की अवधि बढाने और साथ ही भारत में रहने के लिये दीर्घावधिक वीजा आवेदन करने की अनुमति प्रदान करने के बाबत अभ्यावेदन भी प्राप्त हुये हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पकिस्तान के बीच जुलाई 1972 में संपन्न शिमला समझौते के तहत एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की व्यवस्था है।
इसके बावजूद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचार की रिपोर्टो के आधार पर सरकार ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है।
इसके प्रत्युत्तर में पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह इस स्थिति से पूर्णत: वाकिफ है और वह सभी नागरिकों, विशेषत: अल्पसंख्यक समुदयों की भलाई का ध्यान रखती है। -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें