अहमदाबाद। दक्षिण गुज रात के प्रचीन शिव मंदिर परिसर से साईं बाबा की मूर्ति हटाई जाएगी। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा था कि हिंदुओं को साईं की पूजा नहीं क रनी चाहिए।
शंकराचार्य के निर्देश पर मंदिर के पुजारियों ने साईं की मूर्ति हटाने का फैसला किया है। मंदिर के महंत शिवजी महाराज ने कहा है कि हम पूरी तरह से शंकराचार्य से सहमत हैं। हम उनकी बात को स्वीकार करते हैं। वैदिक सनातन धर्म के मुताबिक साईं बाबा को भगवान नहीं माना जा सकता। ऎसा कोई लिखित दस्तावेज नहीं है जिससे यह साबित हो कि साईं बाबा ईश्वर हैं। हमारा मंदिर शंकराचार्य के निर्देशों का पालना करेगा।
शंकराचार्य सनातन धर्म के प्रमुख हैं। शिवजी महाराज आदिवासी बहुल धरमपुर में स्थित शिव मंदिर के ट्रस्टी भी हैं। शिव मंदिर वलसाड जिले में आया हुआ है। शिवजी महाराज ने स्पष्ट किया है कि वे साईं की मूर्ति को न तो विसर्जित करेंगे और न ही उसे अपवित्र करेंगे। साईं की मूर्ति को उनके भक्तों को सौंप देंगे ताकि वे उसे साईं मंदिर में स्थापित कर सकें।
धरमपुर मंदिर में तीन महीने पहले ही साईं की मूर्ति स्थापित की गई थी। गौरतलब है कि यूपी के देवरिया जिले में देवराही मंदिर से साईं की मूर्ति गायल हो गई थी। साईं भक्तों ने आरोप लगाया था कि हिन्दू महासभा के सदस्यों ने साईं की मूर्ति हटाई है। साईं भक्तों ने मूर्ति हटाने के विरोध में आंदोलन चलाने की धमकी दी थी।
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