गुरुवार, 17 जुलाई 2014

सरकार ने दिया विद्यार्थी मित्रों को झटका

जयपुर। एक ओर संविदा पर नियुक्त विद्यार्थी मित्र स्थाई होने का इंतजार कर रहे हैं।
Rajasthan Government says Vidyarthi Mitra not permanent

वहीं विधानसभा में सरकार ने संविदा पर नए विद्यार्थी मित्र नियुक्त करने से साफ इंकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने विद्यार्थी मित्रों की नियुक्ति को अवैध एवं असंवैधानिक करार दिया है। ऎसे में नए विद्यार्थी मित्र नियुक्त नहीं किए जा सकते हैं।

राजकीय विद्यालयों में अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने विद्यार्थी मित्र नियुक्त किए थे। इनको मामूली मानदेय पर प्राथमिक स्तर के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा सौंपा था।

लंबे समय से कार्यरत विद्यार्थी मित्र सरकार से स्थाई करने की मांग कर रहे हैं। हर साल विधानसभा सत्र के दौरान विद्यार्थी मित्र उद्योग मैदान या आस-पास धरना प्रदर्शन भी करते हैं।

विधानसभा में विधायक गौतम कुमार के अतारांकित सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने संविदा पर नए विद्यार्थी मित्र नियुक्त करने की संभावना से भी इंकार किया।

यह दिया हवाला
सरकार ने हाईकोर्ट की एकल पीठ में दायर रिट नंबर 10339/12 त्रिलोक सिंह एवं अन्य व राज्य सरकार में पारित निर्णय का हवाला दे कहा कि हाईकोर्ट विद्यार्थी मित्र की नियुक्ती को अवैध एवं असंवैधानिक ठहरा चुकी है। सरकार ने वर्तमान में कार्यरत विद्यार्थी मित्रों को स्थाई करने की मंशा एवं समय सीमा के संबंध में कोई जवाब नहीं दिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें