जयपुर। लंका के राजा रावण ने सीता माता का अपहरण किया था, इस बात की जानकारी सभी को है। लेकिन रावण ने श्रीराम की माता कौशल्या का अपहरण किया था, यह बहुत कम लोग जानते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण को इस बात की जानकारी मिल गई थी कि उसका विनाश अयोध्या के राज दशरथ और पत्नी कौशल्या से विष्णु अवतार रूप में जन्मी संतान से होगी। इस बात से घबराए रावण ने राजा दशरथ और कौशल्या के विवाह पूर्व ही उनको मारने की सोची।
सबसे पहले रावण ने अयोध्या राज्य पर हमला कर राजा दशरथ को परास्त किया। युद्ध सरयू नदी के पास लड़ा गया और हार के समय राजा दशरथ को नदी की शरण लेनी पड़ी। अंतत: वह समुद्र में जा पहुंचे।
इसके बाद रावण ने राजा दशरथ की होने वाली पत्नी कौशल्या को निशाना बनाया। रावण ने कोशल देश के राजा पर आक्रमण कर दिया। युद्ध में कोशल के राजा को हराकर रावण ने कौशल्या का अपहरण कर लिया। आकाशमार्ग से होते हुए रावण कौशल्या को लंका ले जा रहा था।
रास्ते में रावण ने कौशल्या माता को बक्से में बंद कर तिमिंगिल मछली को सौंप दिया। ऎसा करने का उसका मकसद कौशल्या को कैद और दुनिया से गुप्त रखने का था। लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। तिमिंगिल मछली का किसी अन्य विशाल मछली से युद्ध हुआ जिसमें उसके हाथ से वह बक्सा छूट गया। यह बक्सा राजा दशरथ को समुद्र में मिल गया। कौशल्या ने राजा दशरथ को पूरी कहानी सुनाई और दोनों जैसे-तैसे करके अपने स्थान पर पहुंच गए।
उधर रावण का अहंकार चरम पर पहुंच गया। उसे लग रहा था कि उसने अपने विनाशक के जन्मदाताओं को समाप्त कर दिया है। इसी बीच ब्रह्माजी ने आकाशवाणी कर रावण को बताया कि राजा दशरथ और कौशल्या का विवाह हो चुका है। और उसका नाश निश्चित है।
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