बुधवार, 11 जून 2014

जानिए क्यों और कैसे हो गई देवी-देवताओं की संख्या 33 करोड़



उज्जैन। ऐसा माना जाता है कि कण-कण में भगवान विराजमान हैं, लेकिन परमात्मा सिर्फ एक ही है जो हर कण में विराजित हैं। भगवान के रूप अलग-अलग बताए गए हैं, जो व्यक्ति भगवान को जिस रूप में पसंद करता है, उसका ईष्टदेव वही रूप हो जाता है। आमतौर एक प्राचीन धारणा प्रचलित है कि हमारे 33 करोड़ देवी-देवता हैं, यानी देवी-देवताओं की संख्या 33 करोड़ बताई जाती है। ये बात कम ही लोग जानते हैं कि 33 करोड़ देवी-देवता कैसे बताए गए हैं और इनमें कौन-कौन से देवता शामिल हैं।पुराने समय से ही 33 कोटि देवता की गणना 33 करोड़ देवी-देवताओं के रूप में की जाती रही है। इन 33 कोटियों में आठ वसु, ग्यारह रुद्र, बारह आदित्य, इंद्र और प्रजापति शामिल हैं। इन्हीं देवताओं को 33 करोड़ देवी-देवता माना गया है।

जानिए क्यों और कैसे हो गई देवी-देवताओं की संख्या 33 करोड़ 
 यहां इंद्र और प्रजापति के स्थान पर कुछ विद्वानों द्वारा दो अश्विनी कुमारों को शामिल किया जाता है।

इस प्रकार कुल 33 करोड़ देवता नहीं हैं, बल्कि 33 प्रकार के प्रमुख देवता बताए गए हैं।



ये हैं 12 आदित्य के नाम
धाता, मित, अर्यमा, शक्र, वरुण, अंश, भग, विवस्वान, पूषा, सविता, त्वष्टा, विष्णु

ये हैं अष्ट वसु के नाम
धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभाष

ये हैं ग्यारह रुद्र
हर, बहुरूप, त्र्यम्बक, अपराजिता, वृषाकपि, शम्भू, कपर्दी, रेवत, म्रग्व्यध, शर्व, कपाली

बारह आदित्य, ग्यारह रुद्र और अष्ट वसु के साथ ही 2 अश्विनी कुमार भी हैं। इन सभी देवताओं की संख्या का योग 33 है और इन्हीं 33 प्रकार के देवताओं को 33 करोड़ देवी-देवता माना जाता है। कोटि शब्द के दो अर्थ हैं पहला है करोड़ और दूसरा अर्थ है प्रकार। अत: यहां कोटि शब्द का अर्थ करोड़ माना जाने लगा, जिससे देवताओं की संख्या 33 करोड़ हो गई।

मंगलवार, 10 जून 2014

बाड़मेर गोपाल होटल के कमरे में युवक ने फंदा लगाया

बाड़मेर गोपाल होटल के कमरे में युवक ने फंदा लगाया 

बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित नेहरू नगर में गोपाल होटल में मंगलवार रात्री एक युवक ने फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। पुलिस सूत्रानुसार हरियाणा का मूल निवासी यह युवक तेल गैस कंपनी के नागाणा आयल फिल्ड में कार्यरत था ,होटल गोपाल में रहता था ,मंगलवार शाम साइट से वापस आने के बाद उसने अपने कमरे में फंडा लगा आत्महत्या कर ली ,होटल मालिक को पता चलने पर पुलिस कोतवाली  दी ,जिस पर पुलिस ने मौके पर पहुँच शव को फंदे से उतारा। पुलिस को अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया ,बुधवार को युवक के शव का अन्त्य परिक्षण होगा

श्रीगंगानगर दुष्कर्म-हत्या के दोषी के मृत्युदंड पर रोक -

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान में चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के लिए दोषी ठहराए गए कालू खान के मृत्युदंड पर मंगलवार को रोक लगा दी।
stay on rape and killing accused death penalty of shriganganagar 
न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ ने खान की याचिका पर राजस्थान सरकार को नोटिस भी जारी किया।

खान ने अपनी सजा को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। खान को 18 जून को फांसी दी जानी थी।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए एक विशेष अदालत ने राजस्थान के श्रीगंगानगर में खान को दोषी करार दिया था और उसके अपराध को जघन्यतम करार देते हुए उसे मृत्युदंड सुनाया था।

राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने नौ अप्रैल को सजा की पुष्टि कर दी थी।

इस मामले में आरोप लगाया गया था कि खान ने बच्ची को उसके पिता के घर से कथित रूप से बुलाया और बेर देने का वादा करके उसे अपने घर ले गया।

घर ले जाकर उसने अपने किशोर बेटे से कहा कि वह बच्ची के साथ दुष्कर्म करे, और बाद में उसने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। खान ने बाद में बच्ची की हत्या कर दी।

खान के बेटे के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में मामला चला। बच्ची का शव उसके दादा को उस समय मिला, जब उन्होंने देखा कि खान का बेटा अपने पिछवाड़े एक गढ्ढे में कुछ गाड़ रहा है।

जब बेटे ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो गढ्ढे को खोदा गया और वहां से बच्ची का शव बरामद हुआ।

खान के वकील ने न्यायालय से कहा कि हो सकता है कि अपराध बेटे ने किया हो और गढ्ढे के पास पकड़े जाने पर उसने अपराध के लिए अपने पिता का नाम बता दिया हो।

मृत्युदंड को स्थगित करते हुए न्यायालय ने कहा कि सिर्फ एक बात हमें परेशान कर रही है कि यदि पिता किसी बच्ची के साथ दुष्कर्म करता है, तो क्या वह अपने बच्चे से भी कहेगा कि वह उसके साथ दुष्कर्म करे? -  

बाडमेर जिले की भाजपा संगठन इकाईयां भंग



भारतीय जनता पार्टी ने बाडमेर जिला संगठन इकाईयों को तुरन्त प्रभाव से मंगलवार को भंग कर दिया।

rajasthan bjp dissolves barmer units 
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के आदेशानुसार लोकसभा चुनाव 2014 एवं उसके पश्चात सभी परिस्थितियों के प्राप्त तथ्यों, स्पष्टीकरणों के बाद बाडमेर जिला संगठन इकाई को भंग करने के आदेश जारी किए हैं।

बाडमेर जिले की सभी संगठनात्मक इकाईयों एवं मोर्चे प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। परनामी ने बताया कि बाडमेर जिले के भाजपा संगठन, कार्यकर्ता एवं जन प्रतिनिधियों से व्यापक विचार-विमर्श कर नई संगठनात्मक इकाईयों का गठन किया जाएगा।

इधर, निलम्बित विधायक मानवेन्द्र सिंह कार्रवाई के सवाल पर परनामी ने कहा कि अभी उनका कोई जवाब नहीं आया है। जवाब आने के बाद मामले को अनुशासन समिति को सौंपा जाएगा। अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी।

मानवेन्द्र पर हो सकती है मेहरबानी!

इस बीच खबर यह भी है कि बाड़मेर से बागी चुनाव लड़े जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई टल सकती है। यह चर्चा जारों पर है कि वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल में मानवेन्द्र को फिर जगह मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल एक वरिष्ठ प्रचारक ने हाल ही जसवंत सिंह से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली में केन्द्र सरकार व संगठन को सहयोग करने तथा राजे सरकार में उनके पुत्र मानवेंद्र को शामिल कराने की बात कही, लेकिन जसवंत ने उन्हें इनकार कर दिया।

आसाराम के खिलाफ अहम गवाह प्रजापति की मौत



नई दिल्ली
आसाराम केस में अहम गवाह रहे वैद्य अमृत प्रजापति की मंगलवार की सुबह मौत हो गई। गुजरात के राजकोट में पिछले 23 मई को प्रजापति को गोली मारी गई थी। पुलिस ने इस मामले में आसाराम के 6 शिष्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

amrit-pajapati 
 ध्यान रहे कि रेप केस में गिरफ्तार होने के बाद आसाराम पर अमृत प्रजापति ने कई आरोप लगाए थे। अमृत प्रजापति ने कई चैनलों पर दावा किया कि आसाराम अफीम का सेवन करते थे। प्रजापति ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने आसाराम को कई बार लड़कियों के साथ आपत्तिनजक हालत में देखा था। प्रजापति का कहना था कि आसाराम उनसे कई तरह की सेक्सवर्धक दवाएं भी मंगवाया करते थे। हालांकि, अमृत प्रजापति के आरोपों को आसाराम के बेटे नारायण साईं ने खारिज कर दिया था। नारायण का कहना था कि प्रजापति ने आश्रम से निकाले जाने की वजह से झूठे आरोप लगाए।

गौरतलब है कि अमृत प्रजापति पेशे से वैद्य थे। एक वक्त वह आसाराम के आश्रम में प्रमुख वैद्य हुआ करते थे। लेकिन, बाद में उन्हें आश्रम से निकाल दिया गया था। 23 मई को उनको गोली मारने वाले बदमाश भी मरीज बनकर उनके यहां आए थे।

मुजफ्फरनगर में एक और बीजेपी नेता ओमवीर सिंह की हत्या



नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में बीजेपी नेता विजय पंडित की हत्या के बाद मंगलवार को मुजफ्फरनगर में एक और बीजेपी नेता ओमवीर सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मंगलवार को मुजफ्फरनगर में मीरपुर शहर के बीजेपी अध्यक्ष ओमवीर सिंह पर दो अज्ञात हमलावरों ने हमला किया। दोनों हमलावर बाइक से पहुंचे थे।

यूपी में एक और बीजेपी नेता की हत्या 
 जानकारी के मुताबिक 40 वर्षीय ओमवीर अपने गांव मीरपुर जा रहे थे, इसी दौरान घात लगाए बैठे दो बाइकसवार बदमाशों ने उन पर हमला बोला। ओमवीर ने भी जवाब में अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं। ओमवीर की हत्या के बाद बदमाश उनका रिवॉल्वर लेकर फरार हो गए। हत्या की वजह निजी रंजिश है या फिर राजनीतिक दुश्मनी, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

उधर, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बीजेपी नेताओं की हत्या को लेकर अखिलेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'विजय पंडित की हत्या के बारे में कुछ पता नहीं चला है और अब ओमवीर सिंह का हत्या हो गई। यूपी के सीएम कर क्या रहे हैं?'कानून व्यवस्था के मसले पर उत्तर प्रदेश में चौतरफा घिरी अखिलेश यादव सरकार की लिए यह एक और झटका है। प्रदेश में लगातार खराब होती कानून व्यवस्था के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज टॉप अधिकारियों की आपातकालीन बैठक बुलाई थी। इसी दिन एक और बीजेपी नेता की हत्या से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं।

अखिलेश यादव ने बैठक में डिविजनल कमिश्नर, डीएम, आईजी, डीआईजी और डिस्ट्रिक्ट पुलिस चीफ को बुलाया है। मंगलवार शाम तक यह मीटिंग चलेगी। जहां एक तरफ सरकार कानून व्यवस्था सुधारने के लिए आपातकालीन बैठक कर रही है, वहीं अपराधी भी बेखौफ हैं। इस बैठक के बारे में अखिलेश यादव के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने कहा कि हम कानून व्यवस्था के मसले पर हर एंगल से विचार कर रहे हैं।

राजे मंत्रिमंडल में जसवंत सिंह के बेटे की होगी वापसी?



जयपुर। बाड़मेर से बागी चुनाव लड़े जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई टल सकती है।

vasundhara raje cabinet will be return to manvendra singh 
चर्चा है कि मानवेंद्र सिंह को वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जसवंत सिंह को पत्र लिखकर आशीर्वाद और अनुभव का फायदा देने का आग्रह करने के बाद अब संघ के एक वरिष्ठ प्रचारक की ओर से सिंह से पुत्र मानवेंद्र को राजे सरकार में शामिल कराने के प्रस्ताव की चर्चा चल रही है।

सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल एक वरिष्ठ प्रचारक ने हाल ही जसवंत सिंह से मुलाकात कर उन्हें दिल्ली में केन्द्र सरकार व संगठन को सहयोग करने तथा राजे सरकार में उनके पुत्र मानवेंद्र को शामिल कराने की बात कही, लेकिन जसवंत ने उन्हें इनकार कर दिया।

मानवेंद्र पर टालमटोल
इधर, निलम्बित विधायक मानवेन्द्र सिंह कार्रवाई के सवाल पर परनामी ने कहा कि अभी उनका कोई जवाब नहीं आया है।

जवाब आने के बाद मामले को अनुशासन समिति को सौंपा जाएगा। अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी आगे की कार्रवाई करेगी।

पाली: दो नाबालिग लड़कियों के साथ गैंगरेप

पाली। जिले के सादड़ी थाना इलाके में बस-स्टैण्ड पर जीप के इंतजार मे खड़ी दो आदवासी नाबालिग लड़कियों को घर छोड़ने का झांसा देकर तीन युवक उन्हें अपने साथ एक खाली मकान ले गए।
three men gangrape two minor girls in pali rajasthan 
वहां पर उनके साथ तीनों ने उसने साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरापी वहां से फरार हो गए। देर रात पुलिस ने पीडिताओं रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

पुलिस ने बताया कि बाली थानार्गत गांव कुडंला निवासी दो नाबालिग लड़कियां इनकी उम्र 14 और 15 साल की है।

सादड़ी थाना क्षेत्र में बैरा सिफटा गांव मे शादी समारोह में शामिल होकर वापस जाने के लिए शाम 6 बजे सादड़ी बस-स्टैण्ड पर खड़ी थी। तभी उनके गांव के उमेश, गजाराम और उमदाराम जीप लेकर वहां पर आए और उन्होंने गांव जाने की बात कही।

इस पर दोनों लड़कियां उनके साथ जीप में बैठ गई। इसके बाद आरोपियों ने उनको जंगल में ले गए और उनके साथ बलात्कार किया। बदहवास हालत मे पहुची पीडिताओं ने परिजनों को आपबीती बताई। 

तीन पुलिसवालों ने किन्नर से किया दुष्कर्म

अजमेर। राजस्थान के अजमेर जिले में तीन पुलिसवालों ने एक किन्नर के साथ दुष्कर्म कर डाला।

पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के अनुसार 4 जून को किन्नरों की एक टोली मुंबई से अजमेर आई।

three Police man raped by shemale woman in ajmer 
इन्होंने शहर में जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद दरगाह थाना पुलिस ने राजकार्य में बाधा और लोकसेवक से मारपीट का का मामला दर्ज कर आठ किन्नरों को गिरफ्तार कर लिया।

इनमें एक किन्नर का आरोप है कि 5 जून सुबह 3 बजे एक एएसआई लक्ष्मीनारायण और दो अन्य कांस्टेबलों ने कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया तो संगीन मामलों में फंसाकर जेल में डलवा देंगे।

इसके बाद सोमवार को पीडिता की जमानत हो गई। पीडित किन्नर जब शाम को जब्त सामान लेने थाने पहुंचा तो वहां आरोपी एएसआई लक्ष्मीनारायण मौजूद था।

एएसआई ने कहा कि चुपचाप अपना सामान ले जाओ किसी को कुछ बताने की जरूरत नहीं है। इसके बाद पीडित ने एडीशन एएसपी शहर शरद चौधरी को इसकी शिकायत की। 

अशोक गहलोत, सचिन पायलट के खिलाफ मामला दर्ज



जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मुसीबत में फंसते नजर आ रहे है। प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भाजपा नेता घोटालों के आरोप लगाते रहे थे। अब सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज निशाने पर आ गए है।

fir lodge against ashok gehlot and sachin pilot 
राजस्थान मे 108 एंबुलेंस घोटाला मामले पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति चिदंबरम, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रू मियां, पीसीसी चीफ सचिन पायलट सहित 7 लोगों के खिलाफ जयपुर के अशोक नगर पुलिस थाने मे मामला दर्ज हुआ है।

मामले की जांच सीबी सीआईडी कर रही है।

प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही कंपनी पर फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों यपए के घपले का आरोप है।

गौरतलब है कि भाजपा नेता घनश्याम तिवाड़ी ने उत्तर प्रदेश के एनआरएचएम घोटाले की तरह प्रदेश में घोटाले का अंजाम देने का आरोप लगाया था। तिवाड़ी ने सीबीआई से मामले की जांच की मांग की थी। -

राजस्थान में मिला पाकिस्तानी नागरिक का शव



जोधपुर। जोधपुर रेलवे स्टेशन के वेटिंग हॉल में सोमवार रात एक पाकिस्तानी नागरिक का शव मिला। शव की शिनाख्त कर ली गई है। शव मोर्चरी में रखवा कर उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

Pakistani citizen found dead in Jodhpurजीआरपी के हैड कांस्टेबल प्रेमसिंह ने बताया कि रात करीब नौ बजे वेटिंग हॉल में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद अली (66) पुत्र कादिर बख्श का शव मिला। वह पाकिस्तान के करकसिंध का रहने वाला है। उसके पास कोई बैग नहीं मिला। उसकी जेब से उसका पासपोर्ट, वीजा, मोबाइल व अन्य कागजात मिले हैं।

रेलवे पुलिस इसकी जांच कर रही है। मुम्बई में उसका भांजा रहता है। उसे इस बारे में सूचित कर दिया गया है। मृत्यु के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। शव एमजीएच अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

जैसलमेर दुनिया का अनूठा गजेटेड़ हनुमान मंदिर


जैसलमेर दुनिया का अनूठा गजेटेड़ हनुमान मंदिर

जैसलमेर अब तक आपने सरकारी तंत्र में अफसरों की गजेटेड़ या नॉन गजेटेड़ (राजपत्रित अथवा अराजपत्रित) किस्मों के बारे मंी सुना होगा। मगर अब ऐसे हनुमानजी महाराज का पता चला है जो 'गजेटेड़' हैं। जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मन्दिर में विराजित बजरंग बली 'गजेटेड़ हनुमान' के नाम से जाने और पूजे जाते हैं। जन-जन में इनके प्रति अगाध आस्था और श्रृद्धा भाव हिलोरें लेता है। पूरी दुनिया में यह अपनी तरह के अन्यतम हनुमान हैं।


राजस्थान के ठेठ पश्चिम में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में गजेटेट हनुमान जी का मन्दिर भक्तों की आस्था का बड़ा भारी केन्द्र है। यह मंदिर जैसलमेर शहर में मुख्य डाकघर के सामने पुराने बिजली घर स्थित जोधपुर विद्युत वितरण निगम कार्यालय परिसर में है जहाँ हनुमान भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
सदियों पुरानी है हनुमान प्रतिमा
निज मन्दिर में गजेटेड़ हनुमानजी की पाँच फीट की भव्य मूर्ति सदियों पुरानी बतायी जाती है। जिस स्थान पर मन्दिर बना है वहाँ पहले घना जंगल था जहाँ इस प्राचीन मूर्ति की तपस्वियों और सिद्ध संतों द्वारा एकान्त सेवन के साथ ही पूजा-अर्चना की जाती रही।
शहर का विस्तार होने से हनुमान भक्तों का ध्यान इस ओर गया। बाद में मन्दिर बनाया गया जो अब लगातार विस्तार पाता जा रहा है। मन्दिर के गर्भगृह में भगवान श्री हनुमानजी के सम्मुख पिछले ढाई दशक से अखण्ड दीपक जल रहा है। निज मन्दिर के द्वार के समीप गोवद्र्धन(शिलालेख स्तंभ) है जिससे इस क्षेत्र की प्राचीनता का बोध होता है।
हिन्दुस्तान का यह पहला हनुमान मंदिर है जिसमें बिराजित हनुमान जी महाराज गजेटेड़ यानि राजपत्रित हैं। हनुमान भक्तों की गजेटेड़ हनुमान पर अटूट आस्था है। भक्तों का मानना है कि हनुमानजी हर किसी की मुराद जरूर पूरी करते हैं। चूंकि बिजली विभाग के परिसर में हैं अत: इन हनुमानजी को भक्तगण 'करंट बालाजी' के नाम से भी पुकारते हैं। इन भक्तों की पक्की मान्यता है कि जो भी भक्त हनुमान दादा के दरबार में आ जाता है, हनुमानजी उनकी सारी मनोकामनाएं करंट की मानिंद पूर्ण करते हैं।
सरकारी नुमाइन्दों ने बनाया गजेटेड़
हनुमानजी को गजेटेड़ क्यों कहा जाता है और वे गजेटेड़ कब बने, इसका कोई धार्मिक या शास्त्रीय प्रमाण तो नहीं मिलता लेकिन माना जाता है कि ज्यादातर सरकारी लोगों की आवाजाही तथा चमत्कारिक प्रतिमा की वजह से उन्हें यह नाम मिला। गजेटेड़ होने की वजह से ख़ासकर राज-काज से जुड़े कामों में हनुमान जी विशेष मदद करते हैं। यही कारण है कि यहाँ आने वाले हनुमान भक्तों में सरकारी सेवाओं में जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या भी खूब रहती है।
हनुमान मन्दिर में पिछले 25 बरस से पूजा करते आ रहे मुख्य पुजारी किशनलाल के अनुसार वर्षों पूर्व हनुमान भक्त शिक्षक एवं ज्योतिषाचार्य हेमराज व्यास ने यहाँ बड़े-बड़े अफसरों की श्रद्धा को देख इसे गजेटेड हनुमान नाम दे दिया, तभी से यह नाम चल निकला है।
बरसों पहले तक जैसलमेर मूल शहर से बाहर होने की वजह से शहरी लोगों का आवागमन यहाँ कम था। जबकि कलक्ट्री-कचहरी और दूसरे सरकारी दफ्तरों के यह खूब करीब है और इस वजह से हनुमान उपासक कई गजेटेट ऑफिसर यहाँ नियमित रूप से दर्शन करने के लिए आते रहते।
एकांत में होने की वजह से दशकों पूर्व छोटे से स्थल में बिराजमान हनुमान जी के दर्शन व पूजन के लिए पास के दफ्तरों में काम करने वाले सरकारी लोगों का आना-जाना बढऩे लगा। इन लोगों के लिए यही पड़ोसी भगवान हुआ करते थे जहां फुर्सत पाकर शोर-शराबे से दूर तल्लीनता से उपासना हो सकती थी। इनमें कई भक्तगण यहीं बैठकर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकाण्ड आदि करते।
ट्रांसफर-प्रमोशन और नौकरी का सुकून मिलता है यहाँ
इनमें कई सारे ऐसे होते जो अपने ट्राँसफर, प्रमोशन के लिए हनुमान जी से प्रार्थना करते। कई सरकारी अधिकारी ऐसे भी होते, जिन्हें सजा के तौर पर दूरस्थ जैसलमेर दिखा दिया जाता है, इनके लिए यही हनुमानजी आशा की किरण साबित हुए थे। इस वजह से ये सरकारी नुमाइन्दे यहीं आकर मिन्नतें करते व हनुमान जी की साधना करते। इनकी मनोकामनाएँ पूरी होती रही। इसकी चर्चा एक से लेकर दूसरे अफसरों तक होने लगी। इससे सरकारी क्षेत्र के लोगों का विश्वास गजेटेड़ हनुमानजी पर जमता गया। इस वजह से हनुमानजी गजेटेड हनुमान के रूप से प्रसिद्ध हो गये।
कृपा बरसाते हैं राम-लक्ष्मण-जानकी
गजेटेड़ हनुमान मन्दिर परिसर में ही राम मन्दिर बना हुआ है जिसमें भगवान श्रीराम, भगवती सीता तथा लक्ष्मण की श्वेत पाषाण से बनी मनोहारी मूर्तियाँ हैं जिनके सम्मुख विनय मुद्रा में बैठे हुए हनुमानजी की आकर्षक मूर्ति है। कई भक्त ऐसे हैं जो अपने कर्मयोग की शुरूआत गजेटेड़ हनुमान मन्दिर से करते हैं। यहां हनुमानजी, भैरव तथा राम दरबार के दर्शन के बाद ही वे अपने काम-धंधों की ओर रुख करते हैं।
नींव से निकली भैरव प्रतिमा
मन्दिर प्रवेश करते ही वाम पाश्र्व में पौन फीट की भैरवमूर्ति है जिसके पास अखण्ड दीपक है। भैरव की यह प्राचीन मूर्ति शहर में किसी सेठ के घर नींव खोदते वक्त निकली थी जिसे यहाँ लाकर प्रतिष्ठित किया गया। यहीं एक्वेरियम में श्रीराम सेतु की पानी में तैर रही वाली एक शिला आकर्षण जगाती है।
हर कोना दर्शाता है हनुमानजी की लीलाओं को
पूरा मन्दिर परिसर हनुमानजी की लीलाओं भरे चित्रों और रामायण की चौपाइयों से अटा पड़ा है। मन्दिर के बाहर पवित्र शमी का प्राचीन वृक्ष होने के साथ ही अब पीपल, तुलसी आदि भी पल्लवित हो रहे हैं।
दूर-दूर तक मशहूर हैं गजेटेड़ हनुमान जैसलमेर शहर के निरंन्तर विस्तार से अब यह मंदिर शहर के बीच प्रतीत होता है। भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी और कालान्तर में विकास व विस्तार के चलते अब गजेटेड़ हनुमान मंदिर दर्शनीय श्रृद्धास्थल के रूप में बदल गया हैं।
मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों का जमघट लगा रहता है। इन दोनों ही दिनों में हनुमानजी का विशेष श्रृंगार होता है। मंगल-शनि को वाद्यों की संगत पर सुन्दरकाण्ड व हनुमानचालीसा के सामूहिक पारायण के साथ ही वर्ष में अनेक अवसरों पर अखण्ड रामायण पारायण और अन्य वृहत हनुमान उपासनापरक अनुष्ठानों का आयोजन होता है जिनमें बड़ी संख्या में हनुमान भक्त हिस्सा लेते हैं।
देशी-विदेशी सैलानी भी पहुँचते हैं शरण में
हर वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय विशाल समारोह होता है जिनमें रामचरित मानस का अखण्ड पारायण, हनुमान पंचामृत स्नान, कलश-शोभायात्रा, हनुमान यज्ञ तथा विशेष श्रृंगार, श्रीराम भण्डारा आदि का आयोजन जैसलमेर की धार्मिक परम्परा में शामिल है। जैसलमेर शहर भर से भक्त यहाँ उमड़ते हैं।
भक्तों की अगाध श्रद्धा और आस्था के कारण गजेटेड़ हनुमान अब जैसलमेर के हनुमान तीर्थ के रूप में दूर-दूर तक मशहूर हो चुका है। भक्तों ने हनुमान धाम के रूप में इसके विकास में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। जैसलमेर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक भी अब गजेटेड़ हनुमानजी आकर अपने आपको धन्य मानते हैं।

सताए हुए पुरुषों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी



अहमदाबाद : घरेलू और अन्य वजहों से कानूनी मुसीबतों से घिरे पुरुषों के मार्गदर्शन और परामर्श के लिए एक हेल्पलाइन का लोकापर्ण किया गया है. जो पुरुष कानून संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं उन्हें सुरक्षा देने के प्रयास के तहत सेव इंडियन फैमिली (एसआइएफ) 50 गैर सरकारी संस्थाओं के समूह ने अपने गुजरात खंड और हेल्पलाइन का लोकार्पण किया है. ताकि शोषित पुरुषों की सहायता की जा सके.

clipएसआइएफ वन-होप फॉर मेन हेल्पलाइन नंबर के साथ शुरु हो गई है और इसका नंबर अब शहर के पुरषों की पहुंच में हो सकेगा. पुरुष अधिकार कार्यकार्ता और एनजीओ नेशनल कोलिशन फॉर मेन के अध्यक्ष, अमित गुप्ता ने कहा, जब महिलाओं के साथ कुछ गलत किया जाता है तो उन्हें सुरक्षा दी जाती है. तो पुरुषों के साथ ऐसा क्यों नहीं किया जाता? देश के 62 करोड़ पुरुषों को सुरक्षा दी जानी चाहिए.

गुजरातः विवाहिता का 8 लोगों ने किया गैंगरेप



गुजरात के भरूच जिले में 26 वर्षीय एक विवाहिता का आठ लोगों ने दो महीने में तीन बार रेप किया. महिला ने इस मामले में शिकायत दर्ज करा दी है.

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 महिला ने शिकायत में कहा कि दो महीने पहले जब वह पास के एक गांव जा रही तो इकबाल ट्रैक्टरवाला नाम के एक व्यक्ति ने उसे अपनी मोटरसाइकिल पर लिफ्ट की पेशकश की. चूंकि वह उसे जानती थी इसलिए वह उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गई.

इकबाल उसे राजपर्दी गांव के पास एक सुनसान स्थान पर ले गया और उसका रेप किया. उसने उसे धमकी दी कि उसने अगर इस बारे में किसी को बताया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.



दो हफ्ते पहले इकबाल के भाई अबरान और उसके पांच मित्रों ने उसकी चुप्पी का लाभ उठाते हुए उसका गांव के बाहर गैंगरेप किया. महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उन सभी ने उसे धमकी दी कि वह अपना मुंह बंद रखे नहीं तो वह उसके बच्चों की हत्या कर देंगे.

6 आरोपियों और एक और व्यक्ति अशरफ ने उसका राजपर्दी गांव के पास एक हफ्ते पहले फिर गैंगरेप किया. झागाड़िया पुलिस थाने के निरीक्षक बी आर बारिया ने कहा, ‘आखिरकार महिला ने इस बारे में अपने पति को बताया और दोनों आज (सोमवार) हमारे पास आए. प्राथमिक जांच के बाद हमने पाया कि जो उसने कहा उसमें कुछ आधार है. हमने आठों व्यक्तियों के खिलाफ रेप और आपराधिक धमकी की शिकायत दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी.’

बीवी-बच्चों को सैलरी देकर बचाइए टैक्स

जयपुर। अक्सर कहा जाता है कि बीवी-बच्चे बहुत टेंशन देते हैं और खर्चा बढ़ाते हैं।
save tax giving salary to wife and child 
लेकिन क्या आपको पता है कि टैक्स की बचत के मामले में आपके बीवी-बच्चे बड़े काम के साबित हो सकते हैं?

जी हां, यह सच है। अगर आप कारोबारी हैं, कारोबार में परिवार वालों की मदद लेते हैं और उन्हें सैलरी नहीं देते, तो आज से ही उन्हें सैलरी देनी शुरू कर दीजिए।

उन्हें दी जाने वाली पगार आपके टैक्स में बड़ी बचत कर सकती है। आयकर के जानकारों का कहना है कि अगर आपके परिवार के सदस्य आयकर के दायरे में नहीं आते या आयकर के निचले दायरे में आते हैं, तो उन्हें मासिक वेतन का भुगतान करने से निश्चित तौर पर आयकर में आपको खासी बचत हो सकती है। वैसे, आपको इन कुछ बातों का ध्यान रखना ही होगा।

यह कहता है कानून
फैमिली बिजनेस के मामले में सिर्फ पति, पत्नी, बच्चे, भाई, बहन व खून के रिश्ते को ही आयकर छूट के लिहाज से वैध माना जाता है

पार्टनरशिप कम्पनी में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले साझीदारों के संबंधियों पर किए गए खर्च में ही आयकर मे छूट मिलेगी

लिमिटेड कंपनी के मामले में कंपनी में 20 फीसदी से ज्यादा वोटिंग अधिकार रखने वालों को ही संबंधियों में गिना जाएगा

अगर बीवी तकनीकी रूप से शिक्षित या योग्य नहीं है, तो उसे दी जाने वाली सैलरी पर टैक्स में छूट मिलने की संभावना कम हो जाती है
अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि किया गया खर्च समझ के परे या ज्यादा है, तो वह इस खर्च को नकार भी सकता/सकती है

सैलरी या खर्च हमेशा चेक से किया जाना चाहिए न कि कैश से, तथा टैक्स दायरे में आने वाले कर्मचारी को आयकर रिटर्न भरना चाहिए