जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में दो ध्रुव बने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी के बीच चल रही खींचतान के चलते टिकटों की तीसरी सूची में लगातार देरी हो रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल नेताओं का मानना है कि 95 नामों की सूची जारी करने में थोड़ी देर कर दी जाए तो हो सकता है बागियों का खतरा कम हो जाए। आज देर रात तक तीसरी सूची जारी होने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री आज दिल्ली जा रहे हैं।
अपनों की पैरवी ने बढ़ाई उलझन
पाली की सुमेरपुर से अशोक गहलोत पर्यटन मंत्री बीना काक को टिकट दिलाना चाहते हैं, तो डॉ. सीपी जोशी पूर्व मंत्री माधो सिंह दीवान को। इसी प्रकार लाडनूं से गहलोत निर्दलीय विधायक और सरकार में कृçष्ा मंत्री हरजीराम बुरडक को टिकट दिलाना चाहते हैं, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान यहां से मुकेश भाकर को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं। गहलोत पेशे से वकील व उनके करीबी अभिनेष्ा महçष्ाü को रतनगढ़ से टिकट दिलाने की कोशिश में हैं, वहीं राजाखेड़ा में पूर्व मंत्री प्रद्युमन सिंह के टिकट पर भी कशमकश चल रही है। मंडावा से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को मैदान में उतारा जाता है, तो मौजूदा विधायक रीटा चौधरी बागी हो सकती हैं।
जयपुर शहर की छह सीटों पर संकट
किशनपोल :
जयपुर में किशनपोल सीट से डीसीसी अध्यक्ष सलीम कागजी के पुत्र अमीन कागजी के अलावा सीपी जोशी के करीबी नेता इकबाल भी टिकट की मांग कर रहे हैं।
सांगानेर
सांगानेर सीट से सुरेश मिश्रा आज अपने दर्जनों समर्थकों के साथ सीएम हाउस पहुंचे और ज्ञापन दिया। इस सीट से संजय बाफना, बिरधीचंद्र, सुनील परवानी भी टिकट की कतार में हैं।
विद्याधर नगर
विद्याधर नगर से पिछली बार के हारे प्रत्याशी विक्रम शेखावत दावा पेश कर रहे हैं। उद्योगपति पवन गोयल और सरिया कारोबारी सीताराम अग्रवाल का दावा भी मजबूत माना जा रहा है।
आदर्श नगर
आदर्श नगर से अल्पसंख्यक दावे के सामने पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा का दावा कुछ कमजोर पड़ता दिख रहा है। अरोडा ने गुरूवार को समर्थकों के साथ प्रदर्शन भी किया है। इस सीट से माहिर आजाद और बाबा रियाजुद्दीन का नाम भी सामने आ रहा है।
आमेर
आमेर से वर्तमान विधायक गंगासहाय खुद को सबसे सेफ मान रहे हैं। सहाय को सीपी गुट का माना जा रहा है।
झोटवाड़ा
झोटवाड़ा से ग्रामीण सांसद लालचंद कटारिया के भाई गोपाल कटारिया समेत राजेश चौधरी और हरसहाय यादव भी कांगे्रस से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। फिलहाल झोटवाड़ा सीट को लेकर भी केंद्रीय नेताओं में सहमति नहीं बन सकी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल नेताओं का मानना है कि 95 नामों की सूची जारी करने में थोड़ी देर कर दी जाए तो हो सकता है बागियों का खतरा कम हो जाए। आज देर रात तक तीसरी सूची जारी होने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री आज दिल्ली जा रहे हैं।
अपनों की पैरवी ने बढ़ाई उलझन
पाली की सुमेरपुर से अशोक गहलोत पर्यटन मंत्री बीना काक को टिकट दिलाना चाहते हैं, तो डॉ. सीपी जोशी पूर्व मंत्री माधो सिंह दीवान को। इसी प्रकार लाडनूं से गहलोत निर्दलीय विधायक और सरकार में कृçष्ा मंत्री हरजीराम बुरडक को टिकट दिलाना चाहते हैं, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान यहां से मुकेश भाकर को टिकट देने की पैरवी कर रहे हैं। गहलोत पेशे से वकील व उनके करीबी अभिनेष्ा महçष्ाü को रतनगढ़ से टिकट दिलाने की कोशिश में हैं, वहीं राजाखेड़ा में पूर्व मंत्री प्रद्युमन सिंह के टिकट पर भी कशमकश चल रही है। मंडावा से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को मैदान में उतारा जाता है, तो मौजूदा विधायक रीटा चौधरी बागी हो सकती हैं।
जयपुर शहर की छह सीटों पर संकट
किशनपोल :
जयपुर में किशनपोल सीट से डीसीसी अध्यक्ष सलीम कागजी के पुत्र अमीन कागजी के अलावा सीपी जोशी के करीबी नेता इकबाल भी टिकट की मांग कर रहे हैं।
सांगानेर
सांगानेर सीट से सुरेश मिश्रा आज अपने दर्जनों समर्थकों के साथ सीएम हाउस पहुंचे और ज्ञापन दिया। इस सीट से संजय बाफना, बिरधीचंद्र, सुनील परवानी भी टिकट की कतार में हैं।
विद्याधर नगर
विद्याधर नगर से पिछली बार के हारे प्रत्याशी विक्रम शेखावत दावा पेश कर रहे हैं। उद्योगपति पवन गोयल और सरिया कारोबारी सीताराम अग्रवाल का दावा भी मजबूत माना जा रहा है।
आदर्श नगर
आदर्श नगर से अल्पसंख्यक दावे के सामने पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा का दावा कुछ कमजोर पड़ता दिख रहा है। अरोडा ने गुरूवार को समर्थकों के साथ प्रदर्शन भी किया है। इस सीट से माहिर आजाद और बाबा रियाजुद्दीन का नाम भी सामने आ रहा है।
आमेर
आमेर से वर्तमान विधायक गंगासहाय खुद को सबसे सेफ मान रहे हैं। सहाय को सीपी गुट का माना जा रहा है।
झोटवाड़ा
झोटवाड़ा से ग्रामीण सांसद लालचंद कटारिया के भाई गोपाल कटारिया समेत राजेश चौधरी और हरसहाय यादव भी कांगे्रस से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। फिलहाल झोटवाड़ा सीट को लेकर भी केंद्रीय नेताओं में सहमति नहीं बन सकी है।