जैसलमेर रूपाराम मेघवाल, सुनीता भाटी।
जयपुर कांग्रेस प्रत्याशियों की तीसरी सूची शुक्रवार को जारी कर सकती है। प्रदेश के सभी प्रमुख नेता और पार्टी हाईकमान के लिए भंवरी कांड में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की जगह ओसियां और मलखानसिंह की जगह लूणी में उम्मीदवार तय करने की चुनौती रहेगी। पार्टी हाईकमान ने फैसला कर लिया है कि वे इन दोनों जगहों पर इन दोनों ही परिवारों से बाहर नए चेहरों की तलाश करें, लेकिन राज्य के रेवेन्यू मिनिस्टर हेमाराम चौधरी ने इस पर बगावती तेवर अपना लिए हैं। इसीलिए गुढ़ामालानी से अब तक उनका नाम घोषित नहीं हुआ है। चौधरी ने हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि या तो लीला मदेरणा और अमरीदेवी या कुसुम बिश्नोई को टिकट दो या फिर उन्हें ही मत दो। इन दोनों सीटों को लेकर कांग्रेस में साफ विभाजन हो गया है।
इन नामों पर है आम सहमति
इन पर भी फैसला आज
> सुमेरपुर से कौन? बीना काक या माधोसिंह दीवान।
> चंद्रभान मंडावा से लड़ें या नहीं, यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया गया है।
> राजाखेड़ा : प्रद्युम्रसिंह या अशोक सिंह
> खींवसर : राघवेंद्र मिर्धा या महेंद्र चौधरी
> लाडनूं : हरजीराम बुरड़क या मुकेश भाकर
> रतनगढ़ : अभिनेष महर्षि या फूसाराम
> लोहावट : नारायणसिंह डाबड़ी, मालाराम या मृगेंद्रसिंह
सीपी संभवत: नहीं लड़ेंगे, और भी हैं नाम
संकेत हैं कि सीपी चुनाव नहीं लडेंगे। उनकी जगह नाथद्वारा से देवकीनंदन काका प्रत्याशी संभव हैं। जैसलमेर रूपाराम मेघवाल, सुनीता भाटी। नागौर माइनोरिटी के लिए तय कर दी गई है। नाम का फैसला सीईसी पर छोड़ा गया है। जमवारामगढ़ में विधायक के विकल्प पर सीईसी को मुहर लगानी है। अजमेर साउथ श्रीगोपाल बाहेती को मिल सकती है, लेकिन एक विकल्प यह है कि यह सीट किसी सिंधी महिला के लिए छोड़ दी जाए।
सांसद चुनाव लड़ें या नहीं, यह सीईसी को तय करना है। इसी वजह से दूदू, झोटवाड़ा, विद्याधरनगर, जैतारण, खंडेला आदि सीटें अटकी हैं। सांगानेर में कांग्रेस घनश्याम तिवाड़ी के लिहाज से उपयुक्त उम्मीदवार तलाश रही है। यह सीट संभवत: संजय बापना को दी जाएगी।
भाजपा के अनिल जैन को मिल सकता है खानपुर से कांग्रेस का टिकट
जयपुर कांग्रेस प्रत्याशियों की तीसरी सूची शुक्रवार को जारी कर सकती है। प्रदेश के सभी प्रमुख नेता और पार्टी हाईकमान के लिए भंवरी कांड में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की जगह ओसियां और मलखानसिंह की जगह लूणी में उम्मीदवार तय करने की चुनौती रहेगी। पार्टी हाईकमान ने फैसला कर लिया है कि वे इन दोनों जगहों पर इन दोनों ही परिवारों से बाहर नए चेहरों की तलाश करें, लेकिन राज्य के रेवेन्यू मिनिस्टर हेमाराम चौधरी ने इस पर बगावती तेवर अपना लिए हैं। इसीलिए गुढ़ामालानी से अब तक उनका नाम घोषित नहीं हुआ है। चौधरी ने हाईकमान पर दबाव बना रखा है कि या तो लीला मदेरणा और अमरीदेवी या कुसुम बिश्नोई को टिकट दो या फिर उन्हें ही मत दो। इन दोनों सीटों को लेकर कांग्रेस में साफ विभाजन हो गया है।
इन नामों पर है आम सहमति
इन पर भी फैसला आज
> सुमेरपुर से कौन? बीना काक या माधोसिंह दीवान।
> चंद्रभान मंडावा से लड़ें या नहीं, यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया गया है।
> राजाखेड़ा : प्रद्युम्रसिंह या अशोक सिंह
> खींवसर : राघवेंद्र मिर्धा या महेंद्र चौधरी
> लाडनूं : हरजीराम बुरड़क या मुकेश भाकर
> रतनगढ़ : अभिनेष महर्षि या फूसाराम
> लोहावट : नारायणसिंह डाबड़ी, मालाराम या मृगेंद्रसिंह
सीपी संभवत: नहीं लड़ेंगे, और भी हैं नाम
संकेत हैं कि सीपी चुनाव नहीं लडेंगे। उनकी जगह नाथद्वारा से देवकीनंदन काका प्रत्याशी संभव हैं। जैसलमेर रूपाराम मेघवाल, सुनीता भाटी। नागौर माइनोरिटी के लिए तय कर दी गई है। नाम का फैसला सीईसी पर छोड़ा गया है। जमवारामगढ़ में विधायक के विकल्प पर सीईसी को मुहर लगानी है। अजमेर साउथ श्रीगोपाल बाहेती को मिल सकती है, लेकिन एक विकल्प यह है कि यह सीट किसी सिंधी महिला के लिए छोड़ दी जाए।
सांसद चुनाव लड़ें या नहीं, यह सीईसी को तय करना है। इसी वजह से दूदू, झोटवाड़ा, विद्याधरनगर, जैतारण, खंडेला आदि सीटें अटकी हैं। सांगानेर में कांग्रेस घनश्याम तिवाड़ी के लिहाज से उपयुक्त उम्मीदवार तलाश रही है। यह सीट संभवत: संजय बापना को दी जाएगी।
भाजपा के अनिल जैन को मिल सकता है खानपुर से कांग्रेस का टिकट
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