नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत अर्जी खारिज हो गई। उन्हें 15 सितंबर तक जेल में ही रहना होगा, आसाराम के वकील अब हाई कोर्ट जाएंगे। आसाराम के चेले शिवा की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए पुलिस ने कोर्ट में कहा कि उसके पास आसाराम की सीडी और क्लिपिंग है। इनकी बरामदगी के लिए अहमदाबाद जाना पड़ेगा। इसलिए पांच दिन का रिमांड बढ़ाया जाए।
आसाराम के खिलाफ कोर्ट में दलील दी गई कि उन्होंने पीड़ित का धारा 164 में बयान दर्ज होने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।उनकी तरफ से पीड़ित और परिवार को लगातार धमकी दी जा रही है। दो दिनों तक तमाम दलीलों को सुनने के बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज मनोज कुमार व्यास ने आसाराम को जमानत नहीं देने का ऐलान कर दिया।
पुलिस बार बार ये दावा कर रही है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं। और फिलहाल साक्ष्यों, फोन कॉल्स के अलावा उसके पास अहम गवाह और सबूत के तौर है आसाराम का खास सेवादार शिवा है। शिवा से आसाराम का हर राज उगलवाने के लिए पुलिस को तीन दिन का वक्त मिल गया, कोर्ट ने उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। पुलिस सूत्रों का दावा है शिवा पहले ही कई बड़े खुलासे कर चुका है। सूत्रों की माने तो और शिवा के बयानों और फोन कॉल्स के डिटेल्स के आधार पर नाबालिग के यौनशोषण की पूरी साजिश का खाका खींच लिया गया है। शिवा हर वक्त आसाराम के साथ ही रहता है। और पुलिस सूत्रों की माने तो वो ये बता चुका है कि आसाराम महिलाओं से अकेले में मिलते हैं।
सरकारी वकील आनंद पुरोहित के मुताबिक शिवा ने जो पुलिस को बयान दिया है उसमें कहा गया है कि पीड़िता को आश्रम में बुलाया गया था और शिवा का बयान हमारे लिए अहम है। वहीं आसाराम के वकील के के मनन का कहना है कि पुलिस शिवा को टॉर्चर कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस पूरी साजिश में आसाराम के अलावा तीन अहम किरदार और हैं।
आसाराम का विश्वासपात्र उनका रसोइया प्रकाश, दूसरा आसाराम का सेवादार शिवा और तीसरा छिंदवाड़ा आश्रम के हास्टल की वॉर्डन शिल्पी। प्रकाश और शिल्पी फरार हैं। वो कहां हैं ये कोई नहीं जानता। लेकिन पुलिस सूत्रों की माने तो प्रकाश आसाराम का इतना खासमखास है कि उनका मोबाइल वो खुद अपने पास रखता है। आसाराम से किसी को भी बात करनी होती है तो वो प्रकाश के जरिए ही बात करते थे। जोधपुर पुलिस की माने तो अगर प्रकाश मिल गया तो सारी गुत्थी सुलझ जाएगी। आसाराम बेनकाब हो जाएंगे।
मालूम हो कि 15 अगस्त यानि आरोपों के मुताबिक यौनशोषण के दिन तक प्रकाश, शिवा और शिल्पी के बीच कुल 16 बार फोन पर बात चीत हुई। पुलिस ने इस आधार पर साजिश के सिलसिले का पूरा खाका भी खींचा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले प्रकाश ने फोन किया शिवा को, फिर शिवा ने फोन किया शिल्पी यानि छिंदवाड़ा में मौजूद लड़कियों के हॉस्टल की वॉर्डन को। इसके बाद शिल्पी फोन करती थी नाबालिग के पिता को। पुलिस के मुताबिक जब भी नाबालिग के पिता से बात हो जाती तो शिल्पी वापस शिवा को फोन करती, और शिवा प्रकाश को फोन करता। प्रकाश इसलिए अहम है क्योंकि आसाराम का मोबाइल फोन उसी के कब्जे में रहता था।
पीड़ित के पिता के मुताबिक शिल्पी सारे राज जानती है। उसी ने हमको फोन किया था। अपनी बेटी को ले जाओ। शिल्पी ने कहा था कि बेटी बीमार है इसका इलाज कराना जरुरी है। बापू के पास ले जाओ। पुलिस को यकीन है नाबालिग साजिश का शिकार हुई है। क्योंकि जब उसका मेडिकल टेस्ट हुआ तो उसमें किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। उसकी मानसिक हालत भी ठीक पाई गई।
तो सवाल ये है कि अगर वो बीमार ही नहीं थी तो आसाराम इलाज किस बात का कर रहे थे। आखिर शिल्पी ने बार बार नाबालिग के परिवार को भूत के नाम पर डराया क्यों। आखिर वो बार-बार लड़की के पिता से बात करने के बाद आसाराम के खासमखास शिवा और प्रकाश तक अपनी बात क्यों पहुंचाती थी। पुलिस को प्रकाश और शिल्पी की तलाश है।