गुरुवार, 5 सितंबर 2013

आसाराम के चेले शिवा के पास CD और क्लिपिंग!



नई दिल्ली। दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत अर्जी खारिज हो गई। उन्हें 15 सितंबर तक जेल में ही रहना होगा, आसाराम के वकील अब हाई कोर्ट जाएंगे। आसाराम के चेले शिवा की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए पुलिस ने कोर्ट में कहा कि उसके पास आसाराम की सीडी और क्लिपिंग है। इनकी बरामदगी के लिए अहमदाबाद जाना पड़ेगा। इसलिए पांच दिन का रिमांड बढ़ाया जाए।


आसाराम के खिलाफ कोर्ट में दलील दी गई कि उन्होंने पीड़ित का धारा 164 में बयान दर्ज होने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।उनकी तरफ से पीड़ित और परिवार को लगातार धमकी दी जा रही है। दो दिनों तक तमाम दलीलों को सुनने के बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज मनोज कुमार व्यास ने आसाराम को जमानत नहीं देने का ऐलान कर दिया।



पुलिस बार बार ये दावा कर रही है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं। और फिलहाल साक्ष्यों, फोन कॉल्स के अलावा उसके पास अहम गवाह और सबूत के तौर है आसाराम का खास सेवादार शिवा है। शिवा से आसाराम का हर राज उगलवाने के लिए पुलिस को तीन दिन का वक्त मिल गया, कोर्ट ने उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। पुलिस सूत्रों का दावा है शिवा पहले ही कई बड़े खुलासे कर चुका है। सूत्रों की माने तो और शिवा के बयानों और फोन कॉल्स के डिटेल्स के आधार पर नाबालिग के यौनशोषण की पूरी साजिश का खाका खींच लिया गया है। शिवा हर वक्त आसाराम के साथ ही रहता है। और पुलिस सूत्रों की माने तो वो ये बता चुका है कि आसाराम महिलाओं से अकेले में मिलते हैं।



सरकारी वकील आनंद पुरोहित के मुताबिक शिवा ने जो पुलिस को बयान दिया है उसमें कहा गया है कि पीड़िता को आश्रम में बुलाया गया था और शिवा का बयान हमारे लिए अहम है। वहीं आसाराम के वकील के के मनन का कहना है कि पुलिस शिवा को टॉर्चर कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस पूरी साजिश में आसाराम के अलावा तीन अहम किरदार और हैं।



आसाराम का विश्वासपात्र उनका रसोइया प्रकाश, दूसरा आसाराम का सेवादार शिवा और तीसरा छिंदवाड़ा आश्रम के हास्टल की वॉर्डन शिल्पी। प्रकाश और शिल्पी फरार हैं। वो कहां हैं ये कोई नहीं जानता। लेकिन पुलिस सूत्रों की माने तो प्रकाश आसाराम का इतना खासमखास है कि उनका मोबाइल वो खुद अपने पास रखता है। आसाराम से किसी को भी बात करनी होती है तो वो प्रकाश के जरिए ही बात करते थे। जोधपुर पुलिस की माने तो अगर प्रकाश मिल गया तो सारी गुत्थी सुलझ जाएगी। आसाराम बेनकाब हो जाएंगे।



मालूम हो कि 15 अगस्त यानि आरोपों के मुताबिक यौनशोषण के दिन तक प्रकाश, शिवा और शिल्पी के बीच कुल 16 बार फोन पर बात चीत हुई। पुलिस ने इस आधार पर साजिश के सिलसिले का पूरा खाका भी खींचा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले प्रकाश ने फोन किया शिवा को, फिर शिवा ने फोन किया शिल्पी यानि छिंदवाड़ा में मौजूद लड़कियों के हॉस्टल की वॉर्डन को। इसके बाद शिल्पी फोन करती थी नाबालिग के पिता को। पुलिस के मुताबिक जब भी नाबालिग के पिता से बात हो जाती तो शिल्पी वापस शिवा को फोन करती, और शिवा प्रकाश को फोन करता। प्रकाश इसलिए अहम है क्योंकि आसाराम का मोबाइल फोन उसी के कब्जे में रहता था।



पीड़ित के पिता के मुताबिक शिल्पी सारे राज जानती है। उसी ने हमको फोन किया था। अपनी बेटी को ले जाओ। शिल्पी ने कहा था कि बेटी बीमार है इसका इलाज कराना जरुरी है। बापू के पास ले जाओ। पुलिस को यकीन है नाबालिग साजिश का शिकार हुई है। क्योंकि जब उसका मेडिकल टेस्ट हुआ तो उसमें किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। उसकी मानसिक हालत भी ठीक पाई गई।



तो सवाल ये है कि अगर वो बीमार ही नहीं थी तो आसाराम इलाज किस बात का कर रहे थे। आखिर शिल्पी ने बार बार नाबालिग के परिवार को भूत के नाम पर डराया क्यों। आखिर वो बार-बार लड़की के पिता से बात करने के बाद आसाराम के खासमखास शिवा और प्रकाश तक अपनी बात क्यों पहुंचाती थी। पुलिस को प्रकाश और शिल्पी की तलाश है।

आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर,जय रुनिचे रा धनिया

आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर




 ये .बाबा तेरी जय बोलेंगे ,खम्मा खम्मा अज्मल्जी रा कंवारा ,जय रुनिचे रा धनिया के उद्घोष के साथ मेले का आगाज़ हुआ .चक चौबंद पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्थाओ के बीच लखी मेले में राजस्थान ,गुजरात और अन्य प्रान्तों से श्रद्धालु पहुंचे .

बाबा रामदेव जिसके दर पर हिन्दू-मुसलमान दोनों ही श्रद्धा और आस्था से सिर नवाते हैं ऐसे देवता कम ही होंगे। परमाणु विस्फोट के कारण देश-वि,देश में हलचल मचा देने वाला पोकरण इन दिनों ऐसी ही श्रद्धा, आस्था और विश्वास की स्वर लहरियों से गूँजता हुआ साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता का प्रतीक बना हुआ है।
पोकरण से १३ किलोमीटर दूर रामदेवरा में हिन्दू, मुस्लिम एकता एवं पिछडे वर्ग के उत्थान के लिए पहल कर क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव की श्रद्धा में डूबे लगभग 15 लाख अनुयाई भक्ति सागर में गोते लगा रहे हैं। देश में ऐसे अनूठे मंदिर कम ही हैं जो हिन्दू मुसलमान दोनों की आस्था के केन्द्र बिन्दु हैं। बाबा रामदेव का मंदिर इस दृष्टि से भी अनुपम है कि वहां बाबा रामदेव की मूर्ति भी है और मजार भी। यह मंदिर इस नजरिये से भी सैकडों श्रद्धालुओं को आकृष्ट करता है कि बाबा के पवित्रा राम सरोवर में स्नान से अनेक चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है। इन्हीं रामसा पीर का वर्णन लोकगीतों में ’’आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर‘‘ कह कर किया जाता है। श्रद्धालु केवल आसपास के इलाकों से ही नहीं आते वरन् गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी सैंकडों की संख्या में आते हैं। 

आधुनिक परिवहन सुविधाओं के बावजूद बीकानेर और जोधपुर जैसे इलाकों से १००-२०० किलोमीटर पैदल चल कर आने वाले भक्तजन भी आस्था की अलग ही कहानी कहते नजर आते हैं। प्रतिवर्ष भादवा शुक्ला द्वितीया से चलने वाला यह मेला भादवा शुक्ला एकादशी को सम्पन्न होता है। इस बार मेला 11 सितम्बर तक चलेगा। इन दिनों पैदल और वाहनों से सैंकडों यात्राी प्रतिदिन मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। बाबा रामदेव १४०९ विक्रम संवत की शुक्ल पंचमी को तोमर वंशीय अजमल जी और मैणादे के यहां जन्मे थे। किंवदन्ती है कि ये भगवान श्री कृष्ण का अवतार थे। श्रद्धालु इनके जन्म की कथा को कुछ यूँ बयान करते हैं। दिल्ली के शासक अनंगपाल के पुत्रा नहीं था। पृथ्वीराज चौहान उनकी पुत्राी का पुत्रा था। एक बार अनंगपाल तीर्थयात्राा को निकलते समय पृथ्वीराज चौहान को राजकाज सौंप गये। तीर्थयात्राा से लौटने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने उन्हें राज्य पुनः सौंपने से इन्कार कर दिया। अनंगपाल और उनके समर्थक दुखी हो जैसलमेर की शिव तहसील में बस गये। इन्हीं अनंगपाल के वंशजों में अजमल और मेणादे थे। निसंतान अजमल दम्पत्ति श्री कृष्ण के अनन्य उपासक थे। एक बार कुछ किसान खेत में बीज बोने जा रहे थे कि उन्हें अजमल जी रास्ते में मिल गये। किसानों ने निसंतान अजमल को शकुन खराब होने की बात कह कर ताना दिया। दुखी अजमल जी ने भगवान श्री कृष्ण के दरबार में अपनी व्यथा प्रस्तुत की। भगवान श्री कृष्ण ने इस पर उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं उनके घर अवतार लेंगे। 

बाबा रामदेव के रूप में जन्में श्री कृष्ण पालने में खेलते अवतरित हुए और अपने चमत्कारों से लोगों की आस्था का केन्द्र बनते गये। लोक भावनाओं के अनुसार उन्होंने पीरों को उनके बर्तन मक्का मदीना से मंगवा कर चमत्कृत किया, भैरव राक्षस के आतंक से रामदेवरा के लोग को मुक्त कराया, बोयता महाजन के डूबते जहाज को बचाया। सगुना बाई के बच्चों को जीवित करना, अंधों को दृष्टि प्रदान करना और कोढयों को रोगमुक्त करना उनके अन्य चमत्कारों में से कुछ थे इसलिए आज भी लोग उनसे मनौतियाँ मांगते हैं और मनौती पूरी होने पर भेंट चढाते हैं। यहां माघ महिने में भी मेला भरता है जिसमें आस-पास के गांवों के लोग इकट्ठे होते हैं। रामदेवरा अथवा रूंणीचा धाम असल में रामदेव जी की कार्यस्थली रही है। यहीं उन्होंने रामसर तालाब खुदवाया, यहीं समाधि ली और अपने ३३ वर्ष के छोटे से जीवन में दीनदुखियों और पिछडे लोगों के कल्याण के लिए काम करके देवत्त्व प्राप्त किया। रामदेवरा किसी समय जोधपुर राज्य का गांव था जो जागीर में मंदिर को दे दिया गया था। इस गांव के ऐतिहासिक व प्रामाणिक तथ्य केवल यही तक ज्ञात हैं कि इसकी स्थापना रामदेवजी की जन्म तिथि और समाधि दिवस के मध्य काल में हुई होगी। वर्ष १९४९ से यह फलौदी तहसील का अंग बन गया और बाद में जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील बन जाने पर उसमें शामिल कर दिया गया। रामदेव जी के विवाह की गाथा लोकगीतों में आती है पर संतान व अन्य तथ्यों की पुष्टि नहीं होती। इनका विवाह निहाल दे नामक महिला से हुआ था। 

डाली बाई और हरजी भाटी इनके अनन्य भक्तों में से थे। डालीबाई का मंदिर रूंणीचे में बाबा की समाधि के पास बना है। कहते हैं कि डालीबाई बाबा रामदेव को टोकरी में मिली थी। रामदेवजी के वर्तमान मंदिर का निर्माण १९३१ में बीकानेर के महाराजा श्री गंगासिंह जी ने करवाया था। इस पर उस समय ५७ हजार रुपये की लागत आई थी। भादवा शुक्ला द्वितीया से भादवा शुक्ला एकादशी तक भरने वाले इस मेले में सुदूर प्रदेशों के व्यापारी आकर हाट व दूकानें लगाते हैं। पैदल यात्रिायों के जत्थे हफ्तों पहले से बाबा की जय-जयकार करते हुए अथक परिश्रम और प्रयास से रूंणीचे पहुंचते हैं। लोकगीतों की गुंजन और भजन कीर्तनों की झनकार के साथ ऊँट लढ्ढे, बैलगाडयां और आधुनिक वाहन यात्रिायों को लाखों की संख्या में बाबा के दरबार तक पहुंचाते हैं। यहां कोई छोटा होता है न कोई बडा, सभी लोग आस्था, भक्ति और विश्वास से भरे, रामदेव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते हैं। यहां मंदिर में नारियल, पूजन सामग्री और प्रसाद की भेंट चढाई जाती है। मंदिर के बाहर और धर्मशालाओं में सैकडों यात्रियों के खाने-पीने का इंतजाम होता है। 

प्रशासन इस अवसर पर दूध व अन्य खाद्य सामग्री की व्यवस्था करता है। विभिन्न कार्यालय अपनी प्रदर्शनियां लगाते हैं। प्रचार साहित्य वितरित करते हैं और अनेक उपायों से मेलार्थियों को आकृष्ट करते हैं। मनोरंजन के अनेक साधन यहां उपलब्ध रहते हैं। श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ मेलार्थी अपना मनोरंजन भी करते हैं और आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी भी। निसंतान दम्पत्ति कामना से अनेक अनुष्ठान करते हैं तो मनौती पूरी होने वाले बच्चों का झडूला उतारते हैं और सवामणी करते हैं। रोगी रोगमुक्त होने की आशा करते हैं तो दुखी आत्माएं सुख प्राप्ति की कामना और यू एक लोक देवता में आस्था और विश्वास प्रकट करता हुआ यह मेला एकादशी को सम्पन्न हो जाता है

बुधवार, 4 सितंबर 2013

रघुराम राजन ने आरबीआई के गवर्नर का पद संभाला

मुंबई।। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रघुराम गोविंद राजन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर का पदभार बुधवार को संभाल लिया।Raghuram-Rajan

राजन (50) इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री और वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं। उन्होंने डी. सुब्बाराव से गवर्नर पद संभाला। सुब्बाराव का 5 साल का कार्यकाल बुधवार को सम्पन्न हो गया।

राजन ने रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर का कार्यभार संभालने के लिए जरूरी पत्रों पर हस्ताक्षर करने के बाद सुब्बाराव से हाथ मिलाया तथा दोनों ने गर्मजोशी से एक दूसरे को गले लगाया। सुब्बाराव ने रिजर्व बैंक मुख्यालय से निकलते हुए कहा, '10 मिनट पहले मैंने राघुराम राजन को कार्यभार सौंप दिया है।' उन्होंने कहा, 'देश को ऐसे मुश्किल दौर में रिजर्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए इनसे अधिक समर्थ व्यक्ति नहीं मिल सकता था।'

बाप, भाई ने 9 साल तक किया रेप



लखनऊ।। यूपी की राजधानी लखनऊ में हैवानियत का एक घिनौना मामला सामने आया है। इस घटना ने बाप-बेटी के रिश्ते के साथ तमाम रिश्तों को बेमानी कर दिया है। रेलवे की लोको फैक्ट्री में काम करने वाला 52 साल का एक शख्स 9 सालों से अपनी बेटी के साथ रेप कर रहा था। यही नहीं लड़की के साथ उसका भाई भी रेप कर रहा था।
gang-rape
लखनऊ के एक मुहल्ले में लोको फैक्टरी में काम करने वाला यह शख्स अपने 2 बेटों और एक बेटी के साथ रहता है। 2004 में एक रात इस शख्स की हवस इस कदर बढ़ गई कि इसने अपनी बेटी के साथ ही सोना शुरू कर दिया। बेटी ने मां से इसकी शिकायत की। मां ने परिवार और समाज में बदनामी होने की बात कहकर बेटी को इस हवस की आग में पूरी तरह धकेल दिया। घर में मां और दोनों ‌बेटे इस घिनौनी हरकत को देखते रहे। बाद में बड़ा भाई भी बाप के साथ शामिल हो गया।

छोटे भाई ने इसका विरोध किया, लेकिन उसे भी डरा-धमका कर खामोश करा दिया गया। जब वह ज्यादा हंगामा करता तो बाप-बेटा मिलकर उसकी पिटाई कर डालते।घर में यह खौफनाक सिलसिला 9 साल तक चलता रहा। इस दौरान, बेटी को न दोस्त बनाने की इजाजत थी और न ही घर की चौखट से कदम बाहर निकालने की। वह प्रेगनेंट भी हुई, लेकिन चुपचाप उसका अबॉर्शन करा दिया गया।

बाद में जब बाप, बेटे को यकीन हो गया कि बेटी रेप की आदी हो चुकी है, तो उन्होंने उसे ब्यूटीशियन का कोर्स करने की इजाजत दे दी। वह घर से निकली और पहुंच गई मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जनता दरबार में। यहां उसने बुधवार को डीएम और एसएसपी से मुलाकात की और अपनी दर्दनाक दास्तां सुना डाली। इसके बाद बाप और बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मां की भी हिरासत ली गई है।

भारत ने जिन्ना के भाषणों की रिकॉर्डिंग पाकिस्तान को सौंपी

इस्लामाबाद : भारत ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के दो अहम भाषणों की रिकॉर्डिंग पाकिस्तानी सरकार के सुपुर्द कर दी है। इस कदम का यहां स्वागत किया गया है। जिन्ना के इन भाषणों में से एक बंटवारे से दो महीने पहले तीन जून, 1947 को दिया गया था। इसमें जिन्ना पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पाकिस्तान अथवा भारत के साथ जाने को लेकर जनमत संग्रह कराए जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। दूसरा भाषण 14 अगस्त, 1947 को दिया गया था। इसमें जिन्ना ‘पाकिस्तान में सभी समुदायों की भलाई’ के बारे में बात कर रहे हैं।भारत ने जिन्ना के भाषणों की रिकॉर्डिंग पाकिस्तान को सौंपी
पाकिस्तान रेडियो के समसामयिक मामलों के प्रमुख जावेद खान जदून ने बताया, ‘हमें दोनों भाषण मिल गए हैं। हम बहुत खुश हैं और आकाशवाणी के शुक्रगुजार हैं।’ उन्होंने कहा कि दोनों भाषण इंटरनेट के जरिए मिले तथा अधिकारियों ने इन्हें डाउनलोड किया और फिर इनकी एक सीडी बनाई।

जदून ने कहा, अब यह हमारे अभिलेखागार का हिस्सा होगा। मैंने आकाशवाणी के निदेशक से कल बात की और उन्होंने 1947 के पहले के भाषणों की जरूरत पड़ने पर हमें पूरी मदद मुहैया कराने का वादा किया है।’ यह पूछे जाने पर कि इन भाषणों को पाकिस्तान में कब प्रसारित किया जाएगा, तो जदून ने कहा कि इस बारे में संपादकीय निर्णय अभी लिया जाना बाकी है।

पिछले साल 29 मार्च को पाकिस्तान प्रसारण निगम के तत्कालीन प्रमुख मुर्तजा सोलांगी ने आकाशवाणी महानिदेशक लीलाधर मंदलोई से आग्रह किया था कि कराची में जिन्ना द्वारा राष्ट्रपति के तौर पर दिए गए पहले भाषण की रिकॉर्डिंग मुहैया कराई जाए। सोलांगी ने नवंबर, 2011 में आकाशवाणी का दौरा किया था और उस दौरान उन्हें बताया गया था कि जिन्ना के भाषणों की रिकॉडिंग मौजूद है

पर्वाधिराज पयर्ुशण पर्व के तीसरे दिन दिखा श्रद्धालुओं में उत्साह।



पर्वाधिराज पयर्ुशण पर्व के तीसरे दिन दिखा श्रद्धालुओं में उत्साह।

परमात्मा की अंगरचना देखने उमड़ी भीड़।


बाड़मेर, 4 सितम्बर। पर्वाधिराज पयर्ुशण महापर्व के तीसरे दिन षहर के विभिन्न जिनमनिदरों में दर्षन-पूजन एवं उपाश्रयों में प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह नजर आया तथा हर मंदिर में भीड़ नजर आर्इ।

गुरूभक्त गौतम संखलेचा ने बताया कि पयर्ुशण के अन्तर्गत तीसरे दिन मोक्षमार्ग सिथत विधापीठ मंदिर में भव्यातिभव्य अंगरचना की गर्इ रात्री में विमलनाथ भगवान की आरती एवं भकित में भक्तों की भीड़ लगी रही। दिन में कल्याणपुरा जैन मंदिर में दादागुरूदेव की बड़ी पूजा का आयोजन किया गया।

दादा गुरूदेव के पूजन के दौरान लूणकरण गोलेच्छा, भूरचंद संखलेचा स्टील, अषोक धारीवाल, रमेष मालू, केवलचंद छाजेड़, सुनिल बोथरा, राजू वडेरा, कपिल मालू, भरत सहित गुरूभक्त उपसिथत थे।

बाड़मेर हत्या के फरार आरोपी सहित चालीस गिरफतार


बाड़मेर हत्या के फरार आरोपी सहित चालीस गिरफतार




बाड़मेर जिले में वांछित अपराधियों एवं वारनिटयों की गिरफतारी के लिए जिला पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर द्वारा चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत पिछले 24 घण्टों में पुलिस थाना शिव बाड़मेर द्वारा अवैध रूप से कब्जा जमाने के मामले में न्यायालय में वांछित स्थार्इ वारन्टी नारणाराम पुत्र जगमाल राम जाति जाट निवासी मण्डालिया तथा वर्ष 2012 से हत्या का फरार आरोपी मोहन सिंह पुत्र रामसिह जाति राजपुत निवासी आंरग पुलिस थाना शिव को गिरफतार किया गया। पुलिस थाना बालोतरा द्वारा दहेज प्रताड़ना के आरोपी कानाराम पुत्र लक्ष्मण राम जाति भील निवासी सिमालिया को गिरफतार किया गया। पुलिस थाना पचपदरा द्वारा दहेज प्रताडना के लमिबत प्रकरण में आरोपी शंकर लाल पुत्र मांगी लाल जाति- भील निवासी बौरानाडा, जोधपुर को गिरफतार किया गया। पुलिस थाना सदर बाड़मेर द्वारा 07 वारन्टी, रागेश्वरी आरजीटी द्वारा 06, गुडामालानी द्वारा 05, पचपदरा द्वारा 04, बाड़मेर गा्रमीण, धोरीमन्ना, बालोतरा, मण्डली, सिवाना द्वारा दो-दो वारण्टी एवं नागाणा, गिडा, रामसर व सिणधरी द्वारा एक-एक वारण्टी (योग- 36) गिरफतार किये गये।

जैसलमेर 40-45 लाख की अवैध शराबसेभराट्रकजब्त

जैसलमेर 40-45 लाख की अवैध शराबसेभराट्रकजब्त

ट्रक में अवैध अंग्रेजी शराब एवं बीयर के 1025 काटर्ून बरामद


जैसलमेर जिलेमें शराब तस्करी एवं अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने हेतु पुलिस अधीक्षक जिलाजैसलमेर द्वारा जिले के समस्त वृताधिकारियों थानाधिकारियों को अपने-अपनेहल्का क्षेत्र में शराबत स्करों के विरूद्ध अधिक से अधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये निर्देशों की पालना में लदिनांक सहीराम उ0नि0 प्रभारी पुलिसथाना पोकरण को जरीेये टेलीफोन खासमुखबीर सेर् इतला मिलने पर पुलिसथानापोकरण के हल्का में नाकाबंदी की गर्इ दौराने नाकाबंदी जैसलमेर रोड से सांकडा फांटासे 2 किलोमीटर अंदर एक ट्रक खडा हुआ दिखार्इ दिया।जिस के पास जाकर देखा तो ट्रकट्रर्बो न0 जी.जे.12 ए.वार्इ. 0815 मेअवैध अग्रेजी शराब भरी हुर्इ पार्इ गर्इ जिसमें रोयलस्टेग विस्की कीबोतलो के 49 कार्टुन, पार्टी स्पेशल विस्की की बोतलो के 58 कार्टुन, ब्लूमून ड्रार्इजिन की बोतलो के 39 कार्टुन, ब्लूमूड विस्की की बोतलो के 58 कार्टुन, ब्लूमून ड्रार्इजिन के पव्वो के 39 कार्टुन आफिसर चाइस विस्की के पव्वो के 346 कार्टुन, हेवर्ड 5000 स्ट्रोगंबियर 500 एमएल के केन की 436 काटर्ुन इसप्र कार कुल 1025 काटर्ून अवैध अग्रेजी शराब व बियर बरामद कर परिवहन में प्रयुक्त वाहन ट्रकट्रर्बो न0 जी.जे.12 ए.वार्इ. 0815 कोजब्तकरपुलिसथानापोकरणमेंआबकारीअधिनियमके तहत मुकदमा दर्ज किया गया।मुलिजमान ट्रक काचालक अंधे रे का फायदा उठाकर भागने मेंसफल होगया जिसकी तलाश एवं मुकदमा में अनुसंधान जारी है।

रामदेवरा मेले में डीएफपी का दस दिवसीय प्रचार अभियान कल से



रामदेवरा मेले में डीएफपी का दस दिवसीय प्रचार अभियान कल से
बाड़मेर। रामदेवरा मेले में क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय की बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर इकाईयों द्वारा 6 सितम्‍बर से 15 सितम्‍बर तक दस दिवसीय प्रचार अभियान की शुरूआत कल से की जाएगी। प्रचार अभियान के दौरान करीब 300 से अधिक प्रतियोगिताएं चित्र प्रदर्शनी, फिल्म-शो, 30 से अधिक गीत एवं नाटक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय राजस्थान की संयुक्त निदेशक ऋतु शुक्ला द्वारा क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय की बाड़मेर इकाई के नरेन्द्र कुमार को दस दिवसीय प्रचार अभियान का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

नोडल अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि रामदेवरा मेले में राजस्थान सहित देश के विभिन्न कोनों से लाखों श्रद्धालु आते है, इस लिहाज से यह मेला केन्द्र सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण है। नरेन्द्र कुमार ने बताया कि इस प्रचार अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं, कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करना एवं लोगों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने यथा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम,राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव, सूचना का अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं मनरेगा जैसी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।

नरेन्द्र कुमार ने बताया कि दस दिवसीय प्रचार अभियान के दौरान गीत, नाटक, चित्र प्रदर्शनी जैसी प्रतियोगिताओं के द्वारा मनोरंजक गतिविधियों के जरिए रोचकपूर्ण तरीके से लागों में सरकार के श्रेष्ठ कार्यक्रमों का संदेश दिया जाएगा। प्रचार अभियान के दौरान क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय जैसलमेर इकाई का नेतृत्व नरेश कुमार और बीकानेर इकाई का नेतृत्व थानाराम करेंगे। नरेन्‍द्र कुमार ने बताया कि कार्यक्रमों के आयोजन में स्‍थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत का सहयोग लिया जाएगा।

दागी नेताओं पर नहीं पलटेगा फैसला: सुप्रीम कोर्ट



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें सरकार ने दागी नेताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी नेता को जिस तारीख को सजा सुनाई जाएगी, उसी दिन से उस विधायक या सांसद की सदस्यता निरस्त मानी जाएगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जेल से चुनाव न लड़ सकने के अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली है और संबंधित पक्षों को नोटिस दिया है। चुनाव आयोग, बिहार सरकार और एनजीओ ‘जन-चौकीदार’ को नोटिस जारी किया गया है।





सुप्रीम कोर्ट में ये भी कहा है कि उसने ये फैसला काफी सोच-समझकर दिया है। उसपर पुनर्विचार की जरूरत नहीं इसलिए सरकार की याचिका खारिज की जाती है। मौजूदा कानून के तहत अगर किसी नेता को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो वो भविष्य में तब तक अगला चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक कि उसकी सजा निरस्त न हो जाए या फिर वो ऊपरी अदालत द्वारा निर्दोष न साबित हो जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में ये आदेश दिया कि किसी नेता को जिस दिन सजा होगी, उसी दिन उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी।



सरकार ने कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सरकार का तर्क था कि कई बार निचली अदालत में सजा मिलने के बाद आरोपी ऊपरी अदालत में निर्दोष साबित होता है। अगर निचली अदालत में सजा सुनाए जाने के साथ ही सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर उसकी जगह भरने के लिए दोबारा चुनाव कराए जाएं और उसके बाद ऊपरी अदालत में वही नेता निर्दोष साबित हो जाए तो ऐसे में व्यवस्था का संकट खड़ा होगा लेकिन कोर्ट ने सरकार की ये याचिका ये कहकर खारिज कर दी कि उसने बहुत सोच-समझकर निर्णय दिया था और वो अपने फैसले पर कायम है।

बाड़मेर आदर्श शिक्षक गुरु ईश्वर का दूसरा रूप पुखराज गुप्ता

आदर्श शिक्षक गुरु ईश्वर का दूसरा रूप पुखराज गुप्ता


बाड़मेर मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। इस नाते उनके लिए कुछ ऐसेकर्तव्य निर्धारित है जिसका पालन करना अति आवश्यक है।अध्यापक / गुरु ईश्वर का दूसरा रूप माना गया है। हमारे धर्म मेंतीन ऋण माने गये है। पितृ ऋण, ऋषि ऋण और देव ऋण। इनतीनों ऋणों को पूर्ण करने से मनुष्य का जीवन सफल हो जाता है।जब मनुष्य अपने माता-पिता की सेवा तन और मन से करता हैतब वह पितृ ऋण से मुक्त होता है उसी प्रकार ऋषि ऋण तभी पूर्णहोता है जब विद्यार्थी शिक्षा अध्ययन कर अपने माता-पिता औरअध्यापक को सम्मान देता है। प्राचीन काल में विद्यार्थी गुरु कुल में शिक्षा करते थे
शिक्षक बनाना कोई बड़ी बात नहीं हें मगर शिक्षक बन कसर पथ प्रदशक बनाना बहुत कठिन हें ,बाड़मेर के आदर्श शिक्षको में श्री पुखराज गुप्ता आज भी छोटे बड़े सभी लोगो के मन में समाये हें ,कठोर अनुशं ,मृदुभाषी ,सहज ,सरल ,सादगी की बानगी उनके व्यक्तित्व से निखरती हें ,सरकारी सेवा के बाद उन्होंने एक निजी कोचिंग सेंटर खोला ,उनके अनुशासन प्रियता और छात्रो के उज्जवल भविष्य के लिए की गयी कड़ी मेहनत ने कई आदर्श नागरिक तैयार किये ,राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ को समर्पित पुखराज जी गुप्ता जैसा आकर्षक शिक्षक व्यक्तित्व और कोई नहीं ,आज भी उनके चहरे पे वो ही तेज़ हें। कठोर अनुशासन के कारण छात्रो में उनका सम्मानित खौफ रहता था। उनकी डांट सुनाने की बजाय कमजोर छात्र भी नियमित पढ़ के पूर्ण तयारी के साथ आते थे ,राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को बाड़मेर सदा याद। आज के समय पुखराज गुप्ता जैसे चाँद शिक्षक समाज और देश को मिल जाए तो भारत का भविष्य फिर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा सकता हें ,अध्यापक अपने संयम, सदाचार, आचरण, विवेक, सहनशीलता से बच्चों को महान् बनातेहैं। मनुष्य का जीवन बार बार नहीं मिलता इसीलिए मनुष्य अपने कर्तव्य से मुंह नहीं फिरसकता। अध्यापन एक उत्तम कार्य है। अध्यापन कार्य से आशीर्वाद मिलता है और हमारा जीवनसफल हो जाता है।

यौन उत्पीड़न : आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज, फिलहाल जेल में रहेंगे



जोधपुर: जोधपुर की जेल में बंद आसाराम की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसका अर्थ है कि वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे। नाबालिग लड़की पर यौन हमले के आरोपी आसाराम 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत अर्जी पर मंगलवार के बाद आज भी सुनवाई जारी रही, जिसके दौरान अभियोजन पक्ष को बहस का मौका दिया गया था। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद याचिका खारिज कर दी।
यौन उत्पीड़न : आसाराम बापू की जमानत याचिका खारिज, फिलहाल जेल में रहेंगे
बताया जा रहा है कि अपराध गैर-जमानती होने के कारण कोर्ट ने जमानत की याचिका खारिज कर दी है। अब आसाराम के पास हाईकोर्ट में जाने का रास्ता खुला है। कानून के जानकार बता रहे हैं कि अब कम से कम चार-पांच और दिन आसाराम को जेल में रहना होगा।

बहस के दौरान जमानत का विरोध करने वाले सरकारी वकील ने अदालत में जोधपुर पुलिस को आसाराम के पक्ष द्वारा धमकाने और घूस देने का लालच दिए जाने की बात कही। जांच अधिकारी चंचल मिश्रा ने भी माना है कि डीसीपी अजय लांबा को धमकी दी गई। उन्होंने रिश्वत की पेशकश की भी बात मानी।

आसाराम की जमानत पर सुनवाई के बीच सरकारी वकील ने आज कहा कि आसाराम के सेवादार शिवा ने यह माना है कि आसाराम अकेले में लड़कियों से मिला करते थे। सेवादार ने यह बात पुलिस के सामने कबूल की है। आसाराम का बेहद करीबी होने के चलते शिवा इस मामले का मुख्य गवाह है।

आसाराम के वकीलों की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया कि पुलिस ने आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का गैर-जमानती आरोप लगाने में गलती की है।

वहीं, यौन हमले के आरोप में घिरे आसाराम के मामले में जांच कर रहे जोधपुर पुलिस को धमकियां मिलनी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जोधपुर पुलिस के डीसीपी अजय लांबा को धमकी-भरे फैक्स भेजे गए हैं।

बताया जा रहा है कि यह धमकी भरा फैक्स उत्तर प्रदेश से भेजा गया है, जिसके बारे में आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे आसाराम के समर्थकों का हाथ हो सकता है।

निष्काम सेवा भावी शिक्षक देवी सिंह चौधरी

निष्काम सेवा भावी शिक्षक देवी सिंह चौधरी 

बाड़मेर तन-मन से स्वस्थ एक शिक्षक ऎसा है जो सौवां वष्ाü पूरा करने वाला है और अपने गौरवशाली तेजस्वी प्रभामंडल द्वारा शिक्षकों में उत्साह और प्रेरणा भर रहा है। ऎसे चमत्कारी आदर्श शिक्षक का नाम है देवी सिंह चौधरी। आदर्श शिक्षक नए समाज का निर्माण करता हें। समाज में शिक्षा क्रांति के अग्रणी रहे देवी सिंह चौधरी का नाम सबसे पहले आता हें। सेवानिवृत हो चुके देवी सिंह आज भी छात्रो को शिक्षा का पथ दिखा रहे हें ,एक आदर्श शिक्षक जो छोटे बड़े सभी लोगो के बीच प्रिय रहे हें। उनकी लोक प्रियता आज भी हें। उनका आज की पीढी उतना सम्मान करती हें। देवी सिंह आज भी शिखने में जुटे हें। समय पर पढ़ते हें। जो पढ़ते हें वो अपने अनुयायीयो के बीच ज्ञान का भंडार बना कर बांटते हें। आज भी विद्यालयों में जाकर ज्ञान बांटते हें ,स्वछता ,साक्षरता और स्वास्थ्य शिक्षा की अलख आज भी जगा रहे हें बिना किसी भेद भाव के ,सामाजिक सरोकार से ओत प्रोत शिक्षा देने में देवी सिंह जी माहिर हें ,उनका ज्ञान भण्डार यथार्थ जीवन का दर्शन हें। शिक्षकों का हित-चिंतन भी उनके स्वभाव का अभिन्न अंग रहा है।
उनमें प्रेरणा, उत्साह और कर्तव्यपरायणता का अपूर्व समन्वय है। राजस्थान शिक्षक संघ के निर्माण में उनका पूरा हाथ रहा।अपने परिश्रम और तप से छात्रो के चरित्र का निर्माण कर वे उन का प्रेरक बने । अपनी श्रद्धा और विवेक से वे बच्चों के जीवन में ज्योति जलाई जिससे परिवार, समाज और देश छात्रो के प्रकाश से चमकता रहे। बच्चे वे फूलहोते हैं जिसकी सुगन्ध से सारा संसार सुगन्धित होता है।

बाड़मेर निष्काम सेवा भावी शिक्षक देवी सिंह चौधरी

निष्काम सेवा भावी शिक्षक देवी सिंह चौधरी

बाड़मेर तन-मन से स्वस्थ एक शिक्षक ऎसा है जो सौवां वष्ाü पूरा करने वाला है और अपने गौरवशाली तेजस्वी प्रभामंडल द्वारा शिक्षकों में उत्साह और प्रेरणा भर रहा है। ऎसे चमत्कारी आदर्श शिक्षक का नाम है देवी सिंह चौधरी। आदर्श शिक्षक नए समाज का निर्माण करता हें। समाज में शिक्षा क्रांति के अग्रणी रहे देवी सिंह चौधरी का नाम सबसे पहले आता हें। सेवानिवृत हो चुके देवी सिंह आज भी छात्रो को शिक्षा का पथ दिखा रहे हें ,एक आदर्श शिक्षक जो छोटे बड़े सभी लोगो के बीच प्रिय रहे हें। उनकी लोक प्रियता आज भी हें। उनका आज की पीढी उतना सम्मान करती हें। देवी सिंह आज भी शिखने में जुटे हें। समय पर पढ़ते हें। जो पढ़ते हें वो अपने अनुयायीयो के बीच ज्ञान का भंडार बना कर बांटते हें। आज भी विद्यालयों में जाकर ज्ञान बांटते हें ,स्वछता ,साक्षरता और स्वास्थ्य शिक्षा की अलख आज भी जगा रहे हें बिना किसी भेद भाव के ,सामाजिक सरोकार से ओत प्रोत शिक्षा देने में देवी सिंह जी माहिर हें ,उनका ज्ञान भण्डार यथार्थ जीवन का दर्शन हें। शिक्षकों का हित-चिंतन भी उनके स्वभाव का अभिन्न अंग रहा है।
उनमें प्रेरणा, उत्साह और कर्तव्यपरायणता का अपूर्व समन्वय है। राजस्थान शिक्षक संघ के निर्माण में उनका पूरा हाथ रहा।अपने परिश्रम और तप से छात्रो के चरित्र का निर्माण कर वे उन का प्रेरक बने । अपनी श्रद्धा और विवेक से वे बच्चों के जीवन में ज्योति जलाई जिससे परिवार, समाज और देश छात्रो के प्रकाश से चमकता रहे। बच्चे वे फूलहोते हैं जिसकी सुगन्ध से सारा संसार सुगन्धित होता है।

बाड़मेर आदर्श शिक्षक गरिमा सद्व्यवहार और अनुशासन के आदर्श कमल सिंह महेचा

बाड़मेर आदर्श शिक्षक गरिमा सद्व्यवहार और अनुशासन के आदर्श कमल सिंह महेचा 


बाड़मेर गुरूवार को सारा देश शिक्षक दिवस के रूप में मनायेगा। सरहदी जिले बाड़मेर में कई ऐसे शिक्षक हें जो अपने आप में परिपूर्ण शिक्षक कहलाने के हकदार हें। इन आदर्श शिक्षको ने हजारो छात्रो को जिंदगी जीने के काबिल बनाया। बाड़मेर में आदर्श शिक्षक के रूप में कमल सिंह महेचा का कोई सानी नहीं। एक शिखर पुरुष जिसके आदर्श उनके आगे चलते हें। सदा जीवन उच्च विचार की कहावत को चरितार्थ करते हें ,कमल सिंह। मल्लिनाथ छात्रावास में व्यवस्थापक के रूप में निरंतर तीन दशको से अपनी सेवाए दे रहे कमल सिंह अपने अनुशसन्प्रिओयत के लिए पुरे राजस्थान में खासतौर से पहचाने जाते हें। बाड़मेर जिले की में अपनी सेवाएं देने वाले कमल सिंह ने शिक्षक पद की गरीमा को भलीभांति समझा। 



उनके अपने आदर्श हें जिन पर उनके अनुयायी चलते हें। कठोर अनुशासन ,सद्व्यवहार और गरिमा उनके व्यक्तित्व को निखारते हें ,आज भी बाड़मेर जिला उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में जनता हें चाहे वो सरकारी सेवा से निवृत हो गए ,शिक्षको की जमात बड़ी हें मगर आदर्श शिक्षक बहूत कम मिल पाते हें। समाज सेवा के साथ मजलूमों और गरीबो की सेवा उनका लक्ष्य रहा हें। उनकी वाणी में सरस्वती माँ खुद विराजमान हें। राजस्थानी भाषा के प्रकां ज्ञाता। तो हिंदी के वे शिक्षक रहे ,शिक्षक दिवस पर उन जैसे शिक्षको को समानित नहीं किया जता क्यूंकि ऐसे लोग चमकदार और चापलूसी भरे वातावरण से खुद को कोसों दूर रख छात्रो के जीवन का निर्माण करते हें निश्वार्थ भाव से। जिले में शिक्षा की जो ज्योत जलाई उसे निरंतर आगे बाधा रहे हें। उन्होंने आदर्श नागरिक तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किये उनके लिए इससे बड़ा शकुन क्या होगा। स्वभाव में और नित्यकर्म में अनुशासन न हो तो, यह स्वास्थ्य प्राप्त करना कदापि संभव नहीं। चारित्रिक विशेष्ाताओं का प्रतिबिंब होता है श्रेष्ठ स्वास्थ्य। व्यवहार, वेशभूषा, रहन-सहन और चाल-चलन सभी उनके नियंत्रण में रहा है। तन-मन दोनों में सही संतुलन से ही उनका व्यक्तित्व इतना उत्कृष्ट और आदर्श बना है। गरीबी में पले, मामूली शिक्षा प्राप्त कर शिक्षक बने और अनवरत अध्ययन व अध्यवसाय द्वारा ऊंची शिक्षा प्राप्त की, ख्याति प्राप्त शिक्षक बने और सक्षम श्रेष्ठ शिक्षा प्रशासक की शोहरत भी प्राप्त की। हर जगह मौलिक सूझ-बूझ का परिचय दिया।