बुधवार, 4 सितंबर 2013

दागी नेताओं पर नहीं पलटेगा फैसला: सुप्रीम कोर्ट



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें सरकार ने दागी नेताओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की गुहार लगाई थी।


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी नेता को जिस तारीख को सजा सुनाई जाएगी, उसी दिन से उस विधायक या सांसद की सदस्यता निरस्त मानी जाएगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जेल से चुनाव न लड़ सकने के अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर ली है और संबंधित पक्षों को नोटिस दिया है। चुनाव आयोग, बिहार सरकार और एनजीओ ‘जन-चौकीदार’ को नोटिस जारी किया गया है।





सुप्रीम कोर्ट में ये भी कहा है कि उसने ये फैसला काफी सोच-समझकर दिया है। उसपर पुनर्विचार की जरूरत नहीं इसलिए सरकार की याचिका खारिज की जाती है। मौजूदा कानून के तहत अगर किसी नेता को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो वो भविष्य में तब तक अगला चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक कि उसकी सजा निरस्त न हो जाए या फिर वो ऊपरी अदालत द्वारा निर्दोष न साबित हो जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में ये आदेश दिया कि किसी नेता को जिस दिन सजा होगी, उसी दिन उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी।



सरकार ने कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सरकार का तर्क था कि कई बार निचली अदालत में सजा मिलने के बाद आरोपी ऊपरी अदालत में निर्दोष साबित होता है। अगर निचली अदालत में सजा सुनाए जाने के साथ ही सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर उसकी जगह भरने के लिए दोबारा चुनाव कराए जाएं और उसके बाद ऊपरी अदालत में वही नेता निर्दोष साबित हो जाए तो ऐसे में व्यवस्था का संकट खड़ा होगा लेकिन कोर्ट ने सरकार की ये याचिका ये कहकर खारिज कर दी कि उसने बहुत सोच-समझकर निर्णय दिया था और वो अपने फैसले पर कायम है।

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