रविवार, 13 जनवरी 2013

सड़क हादसे में एक की मौत

सड़क हादसे में एक की मौत


बाड़मेर शंकरलाल पुत्र मूलाराम माली नि. बलदेव नगर ने मुलजिम ट्रक नम्बर आरजे 04 जीए 1213 का चालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन को तेजगति व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के पुत्र जुंजाराम के टक्कर मारना जिससे मृत्यु होना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


मारपीट का मामला

बाड़मेर जबरसिंह पुत्र तगसिंह राजपूत नि. मोडावास ने मुलजिम दानाराम पुत्र महिगाराम मेगवाल नि. मोडावास वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के चाचा के खेत में प्रवेश कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

सेवानिवृत बी डी ओ के खिलाफ मामला

दहेज़ की खातिर प्रताड़ित कर हत्या का मामला दर्ज ,

सेवानिवृत बी डी ओ के खिलाफ मामला


बाड़मेर गिरधारीराम पुत्र किसनाराम मेगवाल नि. जूना पतरासर ने मुलजिम अशोककुमार पुत्र केवलचंद मेगवाल नि. ाणी बाजार बाड़मेर वगेरा 6 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की पुत्री को दहेज के लिए प्रताड़ित कर मृत्यु कारित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व महिला पुलिस थाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

जलदाय कर्मचारियों की पिटाई मामला दर्ज

जलदाय कर्मचारियों की पिटाई मामला दर्ज


बाड़मेर सुरेशचंद्र हाल जेईएन पीएचईडी खण्ड बालोतरा ने मुलजिम मानवेन्द्रसिंह पुत्र हजारीमल माली नि. बालोतरा वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस व उसके कर्मचारियों के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुंचाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

बाड़मेर चालीस किलो डोडा बरामद

चालीस किलो डोडा बरामद

बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में अवैध मादक पदार्थो की रोकथाम हेतु दिये गये श्री सहदेव उ.नि. थानाधिकारी पुलिस थाना सिणधरी मय पुलिस पार्टी द्वारा सरहद खारा महेचान में मुलजिम नारणा पुत्र भूराराम जाट निवासी खारा महेचान को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लाईसेन्स का 40 किलो डोडा पोस्त बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिणधरी पर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।

लोक जीवन में आलोक भरता अनूठा सूर्य पर्व कई रूपों में मनती है मकर संक्रान्ति


प्रकाशनार्थ लेख(संदर्भ - मकर संक्रांति)
लोक जीवन में आलोक भरता अनूठा सूर्य पर्व
कई रूपों में मनती है मकर संक्रान्ति
अनिता महेचा
नया साल आ गया है। इस नये साल का सबसे पहला पर्व है मकर संक्रान्ति। हमारे ज्योतिष विज्ञान में 12 राशियां मानी गई हैं। उनमें से एक राशि है - मकर। पौष मास में 14जवनरी को सूर्य मकर राशि पर आ जाता है। इस दिन को संक्रान्ति कहते हैं। इस दिन से सूर्य उत्तर की ओर झुकता दिखाई देता है। दिन बड़े और रातें छोटी होनी प्रारंभ हो जाती हैं।
उजाला भरता है यह पर्व
अंधकार पर प्रकाश और जाड़े पर धूप की विजय पाने की यात्रा इसी दिन से शुरू हो जाती है। इसे सूर्य पर्व भी कहा जाता है। यह महोत्सव पारस्परिक स्नेह और मधुरता का प्रतीक है। इसीलिए इस दिन तिल और गुड़ बांटा जाता है। देश के विभिन्न प्रांताें में मकर संक्रान्ति का पर्व अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है।
कहीं पोंगल की धूम
तमिलनाडु में यह दिन पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन वहां गांवों के नज़ारे देखने लायक होते हैं। अत्यन्त उत्साह और उमंग के वातावरण में यह पर्व मनाया जाता है। पोंगल का अर्थ है सूर्य की किरण। अब इसका अर्थ पोंग यानि उफान से लिया जाता है। पाेंगल के दिन दूध में चावल-दाल डालकर पकाये जाते हैं। पकाते समय इस पर सूर्य की रोशनी पड़ती रहे इसलिए इसे घर के खुले आंगन में पकाया जाता है। उफान आने पर परिवार के सभी सदस्य -’’पौंगालो-पौंगालोपालू पेंगिंटूला’’ कहते हुए उबलते दूध का अभिनन्दन करते हैं। इस दिन यहां पशुओं की पूजा करने की भी परम्परा है। शाम को कहीं-कहीं बैलों की लड़ाई का लोग आनंद उठाते हैं।
आसमान की ऊँचाई दिखाते हैं पतंग
सूर्य का पर्यायवाची पतंग भी है। पतंग सूर्य के आकाश में ऊँचा उड़ाने  के उपलक्ष में कहीं-कहीं पतंग का उत्सव भी मनाया जाता है। मकर संक्रन्ति पर राजस्थानगुजरात और उत्तर भारत के कई इलाकों में पतंगें उड़ा कर भरपूर आनन्द लूटा जाता है। सुबह से शाम तक आकाश में रंग-बिरंगी पतंगों का मेला सा लग जाता है। इस दिन कई स्थानों पर पतंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। कन्याओं एवं अविवाहित बालिकाओं को माता-पिताभाई-भाभीचाचा-चाची,ताऊ-ताईदादा-दादी आदि द्वारा विशेष रूप से उपहार देकर स्नेह प्रदर्शित किया जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन तिलआटे एवं मूंग की दाल के लड्डू तथा फल बड़े प्रेम भाव से पड़ोसियों एवं सम्बन्धियों में बांटे जाते हैं। बालिकाएं एवं महिलाएं मेहन्दी रचाकर संक्रान्ति पर्व का स्वागत करती है।
सामाजिक परम्पराओं का दिग्दर्शन
यह पर्व उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में ’’खिचड़ी’’ के नाम से प्रसिद्ध है। संक्रान्ति के दिन प्रातः यहां मूंग-चावल की खिचड़ी पकाई जाती है। वे लोग इस दिन स्नानपूजा करके खिचड़ी खाते हैं और खिचड़ी और तिल का दान करते हैं।
महाराष्ट्र में नवविवाहित स्ति्रयां अपनी पहली संक्रान्ति को तिल का तेलकपास और नमक का दान सौभाग्यवती स्ति्रयों का देती है। वे सौभाग्यवती स्ति्रयां भी अपनी सखियों को हल्दी-रोलीतिल-गुड़ प्रदान करती हैं।
पुण्य संचय के अवसर देता है मकर संक्रमण
इस पर्व में बंगाल में स्नान-पूजन करके तिल का दान किया जाता है। पंजाब से यह पर्व’’लोहड़ी’’ के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। गंगासागर में एक भव्य मेला भी लगता है।
असम के अंचलों में खिल उठता है बिहू नृत्य। गुजरातमध्यप्रदेशहरियाणा और दूसरे क्षेत्रों में भी खिचड़ी दान करने के साथ चिड़ियाओं को तिलचावल और दाल खिलाने की परम्परा है। सभी जगह सूर्योदय से पूर्व स्नान किया जाता है। देश की सभी पवित्र नदियों में मुंह अंधेरे नहाते हैं।
सूर्य रश्मियां देती हैं जन-जन को सुकून
विभिन्न परम्पराओं के रूप में मनाये जाने वाली मकर संक्रान्ति का सबसे बड़ा आधार है सूर्य। इसे सूर्य पूजा का पर्व भी कहा जाता है। मकर संक्रान्ति भ्रातृत्व भावना व आपसी स्नेह का प्रतीक है। इस दिन पारस्परिक वैमनस्य भुलाकर लोग आपस में भाई-चारे से मिलते है और सूर्य की भांति देश की सौभाग्य वृद्धि की मंगल कामना करते हैं।
यों देखा जाए तो मकर संक्रांति है तो एक पर्व लेकिन सूर्य की सहस्र रश्मियों की तरह यह अनेक रूपों और परंपराओं के साथ इस प्रकार मनाया जाता है कि भारतीय संस्कृति में अनेकता में एकता और भास्कर के समान लोक जीवन में चमक-दमक लाने का यह पैगाम देता है।
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अनिता महेचा )
कलाकार कॉलोनीजैसलमेर-345001
मो.- 9414391179

हिन्दी फॉण्ट कन्वर्टर


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ये वेब ब्राउजर में चलने वाले प्रोग्राम हैं जिन्हें किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम पर प्रयोग में लाया जा सकता है। इन्हें सेव करके ऑफलाइन भी प्रयोग किया जा सकता है। वाँछित कन्वर्टर को खोजने हेतु Ctrl+F दबाकर खोज बक्से में फॉण्ट का नाम लिखें।

वर्ड मैक्रो
ओपनऑफिस/लिब्रेऑफिस मैक्रो
लिपि परिवर्तक

इस तरह आसानी से बनवाएं पासपोर्ट



दुनिया सिमट कर छोटी हो गई है। इसे छोटा करने का बड़ा काम किया है देश-विदेश के आसान सफर ने। विदेश जाने के लिए सबसे पहली जरूरत है पासपोर्ट की। पासपोर्ट बनवाने पर पूरी जानकारी दे रहे हैं ललित वत्स :
indian-passport
पासपोर्ट के बगैर विदेश जाना मुमकिन नहीं। विदेश जाने के अलावा आईडी/अड्रेस प्रूफ के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। 1. नीला : रेग्युलर और तत्काल। साधारण लोगों के लिए। 2. सफेद : ऑफिशल। सरकारी कामकाज से विदेश जाने वालों के लिए।
3. मरून : डिप्लोमैटिक। भारतीय डिप्लोमैट्स और सीनियर सरकारी अधिकारियों के लिए।

बनने की अवधि के आधार पर
1. सामान्य: 40-45 दिन
2. तत्काल: 3-7 दिन (इसका 2000 रु. ज्यादा खर्च है)

अगर आपको फौरन पासपोर्ट की जरूरत है तो एक हफ्ते के भीतर तत्काल पासपोर्ट बनाने की भी सुविधा है। रेग्युलर पासपोर्ट की तरह ही इसमें सारी जानकारियां ऑनलाइन भरनी होती हैं। साथ में और भी कुछ बातें हैं। एक तो आवेदक को एनेग्जर-आई भरना होता है , जिसमें वह अपने बारे में सारी घोषणा करता है। दूसरे एक फर्स्ट क्लास गजेटेड ऑफिसर की तरफ से वेरिफिकेशन देना होता है। वह ऑफिसर वेरिफाई करता है कि वह आवेदक को जानता है। तत्काल पासपोर्ट अप्लाई करने के तीन से सात दिन के अंदर मिल जाता है , जबकि सामान्य कैटिगरी का पासपोर्ट बनने में आमतौर पर 40-45 दिन तक लग जाते हैं। इसके बाद रजिस्टर्ड डाक से पासपोर्ट को आवेदक के घर भेजा जाता है।

पेजों के आधार पर
1. 36 पेज (बच्चों को 36 पेज की ही बुकलेट इशू होती है)
2. 60 पेज

वलिडिटी के आधार पर
1. 10 साल: सामान्य अडल्ट का पासपोर्ट 10 साल के लिए बनता है।
2. वयस्क होने तक: 18 साल से कम उम्र वालों का 5 साल या 18 साल का होने तक में जो भी कम हो , उसके लिए बनता है। 15 साल के किशोर 10 साल के लिए भी सामान्य पासपोर्ट बनवा सकते हैं।

कौन बनवा सकता है
- कोई भी भारतीय नागरिक।
- एक दिन की उम्र के बच्चे से लेकर किसी भी उम्र के लोग।
- पैरंट्स का पासपोर्ट होने पर बच्चे का पासपोर्ट सिर्फ ऐफिडेविट के आधार पर बनाया जा सकता है।

कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी
एज प्रूफ: बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं क्लास के पास सर्टिफिकेट की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी। जिन लोगों के पास डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है , उन्हें फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट (एसडीएम और सीनियर अफसर) से अटेस्टेड सर्टिफिकेट की कॉपी लगानी होती है।

अड्रेस प्रूफ: वोटर आई कार्ड , पैन कार्ड , बैंक पासबुक या स्टेटमेंट , ड्राइविंग लाइसेंस , इंश्योरेंस पॉलिसी ,जरनल पावर ऑफ अटर्नी , बिजली-पानी आदि के बिल की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी। किराए के मकान में रहनेवालों को रजिस्टर्ड रेंट अग्रीमेंट के साथ एक और प्रूफ देना होता है। दूसरे प्रूफ के तौर पर पैन कार्ड , पासबुक, डीएल आदि की कॉपी दे सकते हैं।

आईडी प्रूफ: वोटर आई कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस , पैन कार्ड , आधार कार्ड , फोटो लगी पासबुक।

लेटेस्ट फोटो: फोटो पासपोर्ट सेवा केंद्र में ही खींचा जाता है।

फीस
1500 रुपए: 10 साल की वलिडिटी वाला 36 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर।
2000 रुपए: 10 साल की वलिडिटी वाला 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर।
3500 रुपए: तत्काल स्कीम के तहत 10 साल की वलिडिटी वाला 36 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर।
4000 रुपए: तत्काल स्कीम के तहत 10 साल की वलिडिटी वाला 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने या रिन्यू कराने पर।
3000 रुपए: पासपोर्ट खोने , चोरी होने आदि होने पर 36 पेज का ड्यूप्लिकेट पासपोर्ट बनवाने पर।
3500 रुपए: पासपोर्ट खोने , चोरी होने आदि होने पर 60 पेज का नया पासपोर्ट बनवाने पर।
1000 रुपए: 18 साल से कम उम्र वालों के लिए।

फॉर्म अब ऑनलाइन ही
कुछ समय पहले तक पासपोर्ट ऐप्लिकेशन जमा कराने के लिए घंटों लंबी लाइन लगती थी। कई बार चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा के बाद यह झंझट खत्म हो गया है। अब सभी जगह ऑनलाइन ही फॉर्म भरे जा रहे हैं।

कैसे करें ऑनलाइन अप्लाई
वेबसाइट www.passportindia.gov.in/ पर राइट साइड में Online Application Filing कॉलम में New User के सामने Register पर क्लिक करें। इसके बाद आप यहां मांगी गई जानकारी भरकर यूजर आईडी बनाएं। इसके बाद आपको ई-फॉर्म का ऑप्शन मिल जाएगा। अब अप्लाई करने की दो ही कैटिगरी हैं:

फ्रेश ऐप्लिकेशन: नए पासपोर्ट के लिए आवेदन।
री-इशू कैटिगरी: नए के अलावा बाकी सभी वजहों से आवेदन।

नए और री-इशू , दोनों के लिए ही साधारण फॉर्म है और एक तत्काल सेवा का फॉर्म है।

सही जानकारी जरूरी
अगर आप पहली बार अप्लाई कर रहे हैं , तो फ्रेश कैटिगरी के लिए बना फॉर्म भरें। आपसे पूछा जाता है कि आपको क्या चाहिए ? आपकी जरूरत का फॉर्म खुल जाएगा। पहली बार पासपोर्ट बनवा रहे हैं या दोबारा अप्लाई कर रहे हैं , सबसे पहले फॉर्म को ठीक से पढ़ें। अपनी पढ़ाई , जन्म , पते आदि के कागजात भी सामने रखें। हर शब्द , हर स्पेलिंग वही भरें , जैसा आपके कागजात में लिखा गया है , वरना ऐप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है या करेक्शन कराने के लिए आपको चक्कर काटने पड़ सकते हैं।

कैसे-कैसे कॉलम
फॉर्म में पहला कॉलम नाम का है। इसमें अपने कागजात की स्पेलिंग के हिसाब से ही नाम लिखें। एक भी अक्षर का फर्क न हो। प्रूफ के दस्तावेजों में आपका नाम जैसे लिखा है , ठीक वैसे ही इसमें भरें। अगर आपने कभी अपना नाम बदला है , तो इस कॉलम में ये सब लिखें। जन्मस्थान का नाम , पुलिस स्टेशन , जिला , राज्य आदि लिखें। जन्म विदेश में हुआ है , तो लिखें। उससे संबंधित कागजात आपको अपॉइंटमेंट के समय दिखाने पड़ेंगे। अपना वर्तमान और स्थाई पता लिखें। दोनों एक ही हैं , तो एक ही जगह पर लिखें। रेफरेंस के लिए अपने जानकार किन्हीं दो लोगों के नाम , पते , फोन नंबर आदि लिखें। पहले कहां , कितने दिन रहे , इसका ब्योरा भी लिखें।

1989 के बाद जन्म
1989 से पहले जन्म लेने वालों को पासपोर्ट केंद्र में अपॉइंटमेंट के समय 10 वीं क्लास के उस सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करानी होती है , जिसमें डेट ऑफ बर्थ भी लिखी होती है। 1989 के बाद जन्मे लोगों के लिए 10 वीं के सर्टिफिकेट की कॉपी के अलावा म्यूनिसिपल्टी आदि द्वारा जारी किए गए बर्थ सर्टिफिकेट की कॉपी लगाना भी जरूरी है।

कोर्ट केस की दें जानकारी
फॉर्म में दो कॉलम क्रिमिनल रेकॉर्ड के बारे में भी होते हैं। अगर किसी केस में सजा हुई है तो उसकी सही जानकारी देनी चाहिए। इसी तरह , अगर किसी के खिलाफ कोर्ट में केस पेंडिंग है , तो वह भी पासपोर्ट बनवा सकता है। लेकिन इसकी जानकारी फॉर्म में दी जानी चाहिए। ऐसे मामले में पासपोर्ट बनवाने के लिए संबंधित कोर्ट का एनओसी (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जरूरी है।

ईसीआर कैटिगरी
दसवीं से कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ लोगों के लिए ईसीआर कैटिगरी होती है। इसमें विदेश मंत्रालय जांच कराता है कि आवेदक कहां जा रहा है , किस मकसद से जा रहा है आदि ? दसवीं पास हैं , 50 साल से ज्यादा उम्र है और टैक्स चुकाते हैं तो ईसीआर (इमिग्रेशन क्लीयरेंस रिपोर्ट) की जरूरत नहीं होती। 10वीं का सर्टिफिकेट लगने के बाद ऑटोमैटिक तरीके से ऑनलाइन ही ईसीआर लग जाता है। ईसीआर के बारे में पूरी जानकारी moia.gov.inपर पा सकते हैं।

अपॉइंटमेंट लेकर मिलें
सारी जानकारियां सही-सही भरकर फॉर्म को अपलोड कर दें। फॉर्म के अपलोड होने के तुरंत बाद ही आपका ऐप्लिकेशन रेफरेंस नंबर (एआरएन) बन जाएगा। इसके बाद अपॉइटमेंट में शेड्यूल करें और अपॉइंटमेंट की रसीद का प्रिंट आउट लेकर अपने पास रख लें। इस स्लिप के साथ आवेदक को अपने इलाके के पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) ऑफिस पहुंचना होगा।

ऑनलाइन फॉर्म भरने के दौरान ही आपको पासपोर्ट सेवा केंद्र का ऑप्शन भी मिलेगा। यहां आवेदक को अपने सभी ऑरिजिनल डॉक्युमेंट्स (जो ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त बताए गए थे) को अपने साथ लेकर आना जरूरी है। इसके साथ ही हर डॉक्युमेंट की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी भी साथ में होना जरूरी है। काउंटर पर बैठे कर्मचारी एआरएन के साथ ऑरिजिनल डॉक्युमेंट्स देखने के बाद उनकी फोटोकॉपी फॉर्म के साथ जमा कर लेंगे।

कुछ दिक्कतें भी हैं ऑनलाइन सिस्टम की
ऑनलाइन अप्लाई करने के तमाम फायदों के बीच कुछ नुकसान भी हैं:
- अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोगों के खुद ऑनलाइन फॉर्म भरना मुमकिन नहीं है। फिर हर घर में कम्प्यूटर-इंटरनेट भी नहीं है। गांव-देहात में तो और भी ज्यादा परेशानी है।

- हरियाणा में दिल्ली के पास के नौ जिलों के लोगों की समस्या तो और बढ़ गई है। पहले सिस्टम में सोनीपत ,रोहतक , झज्जर , गुड़गांव , रेवाड़ी , महेंद्रगढ़ , फरीदाबाद , नूह , पलवल के लोग अपने जिले में ही फॉर्म जमा करा देते थे। लेकिन अब उन्हें पहले तो ऑनलाइन अप्लाई करने का जुगाड़ करना पड़ता है , फिर वेरिफिकेशन के लिए पहले से कहीं ज्यादा दूर जाना पड़ता है। इन इलाकों के लोगों के लिए भी दिल्ली स्थित तीन और गुड़गांव स्थित एक पासपोर्ट सेवा केंद्र में ही वेरिफिकेशन के लिए जाने का विकल्प है। गुड़गांव को छोड़ कर बाकी सभी जिलों के लोगों को अब कहीं ज्यादा दूर जाना पड़ रहा है और वहां उनका वक्त भी कहीं ज्यादा लगता है।

- लोगों की एक बड़ी समस्या वेरिफिकेशन के लिए जाने का अपॉइंटमेंट लेने की है। अपॉइंटमेंट लेने के लिए आमतौर पर शाम 6 बजे के आस-पास ही साइट खुलती है , वह भी 5-10 मिनट के लिए। इतना प्रेशर होता है कि कुछ ही देर में साइट बंद हो जाती है और लोगों को फिर अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है।

- अब लोग अपनी मर्जी के दिन पासपोर्ट ऑफिस नहीं जा सकते। उन्हें अपॉइंटमेंट की डेट के हिसाब से तय टाइम पर जाने के लिए छुट्टी तक करनी पड़ती है।

- वेरिफिकेशन में लगने वाला टाइम भी काफी ज्यादा है। समय पर जाने के बाद काम पूरा होने में ढाई-तीन घंटे भी लग जाते हैं।

- एक और बड़ी समस्या पहले फीस की रसीद काटने की है। फीस लेने के बाद सरकारी अफसर कागजात आदि की जांच करते हैं। कागजात में कमी या रिजेक्शन आदि होने पर फीस बेकार हो जाती है। दोबारा अप्लाई करने पर फिर से फीस भरनी होगी।

- पासपोर्ट के इच्छुक हर किसी को खुद जाना पड़ता है। ऐसे में मरीजों , बुजुर्गों , छोटे बच्चों के लिहाज से बड़ी दिक्कतें हैं। महीने भर के बच्चे को लेकर जाना आखिर कितना सही है ?

नोट: गंभीर मरीजों और इमर्जेंसी मामलों में अपॉइंटमेंट के बिना भी पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट सेवा केंद्र जा सकते हैं। अगर आवेदक को कोई गंभीर बीमारी है तो उसे उपस्थिति की छूट मिल सकती है। लेकिन इमर्जेंसी का मतलब इमर्जेंसी ही होना चाहिए और उसके सपोर्ट में कागजात भी साथ में होने चाहिए। इस तरह के मामलों में आरके पुरम स्थित ऑफिस में संपर्क किया जा सकता है।

जिनके पास है पासपोर्ट
पासपोर्ट री-इशू कराना
किसी भी वजह से पासपोर्ट री-इशू कराना हो तो उसके लिए एक ही फॉर्म है। पासपोर्ट आमतौर पर इन वजहों से फिर से इशू कराया जाता है:
पासपोर्ट की अवधि खत्म हो जाने पर : पासपोर्ट की अवधि खत्म होने से एक साल पहले या तीन साल बाद तक आप अप्लाई करते हैं तो पुलिस वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद अप्लाई करेंगे या पता आदि बदला होगा तो फिर से पुलिस वेरिफिकेशन होगा। स्टूडेंट अगर पढ़ाई आदि के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो दो साल पहले तक अप्लाई कर सकते हैं , लेकिन इसके लिए उन्हें दाखिले संबंधी सबूत देने होंगे।

बुकलेट भर जाने पर : सारी डीटेल्स पहले जैसी ही हैं , तो बुकलेट भरने पर फॉर्म के साथ पुरानी बुकलेट की सेल्फ अटेस्टेड फोटो कॉपी लगानी होती है। इसके बाद फिर से 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी होगा।

नाम या पते में बदलाव : इसके लिए सभी संबंधित कागजात की कॉपी जरूरी है।

पासपोर्ट फट जाने या खराब हो जाने पर : री-इशू कैटिगरी के तहत ड्यूप्लिकेट पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना होगा।

पासपोर्ट खो जाने या चोरी हो जाने पर : अपने पास के पुलिस स्टेशन और पासपोर्ट ऑफिस में जानकारी दें। अगर विदेश में हैं तो भारतीय दूतावास को खबर करें। इसके बाद री-इशू के लिए अप्लाई करें।

शादी के बाद नाम और पता बदलना : ऐसी महिलाओं को मैरेज सर्टिफिकेट , पति के साथ फोटो , नए पते के प्रूफ के साथ दो भाषाओं के अखबारों में नाम बदलने संबंधी ऐड की कॉपी देनी होती है।

स्टेटस बदल जाने पर : अगर शादी के बाद आप पासपोर्ट री-इशू कराना चाहते हैं तो आपको पत्नी के साथ फोटो और उसके साइन के साथ हलफनामा दायर करना चाहिए कि अब आप शादीशुदा हैं। यह कंप्लसरी नहीं है लेकिन ऐसा करने से आगे बच्चे का पासपोर्ट बनवाने में मदद मिलेगी।

पासपोर्ट केंद्र कहां-कहां हैं
देश में पासपोर्ट बनाने के लिए कुल 114 केंद्र हैं , जिनमें फिलहाल सालाना करीब 60 लाख पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं। इनमें 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) और केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय के तहत 37 पासपोर्ट ऑफिस हैं। दिल्ली में पासपोर्ट कागजात के वेरिफिकेशन और फीस जमा कराने के लिए तीन केंद्र बनाए गए हैं

1. पासपोर्ट सेवा केंद्र , हुडको , त्रिकूट- 3, भीकाजी कामा प्लेस , आर. के. पुरम , नई दिल्ली- 110066
2. पासपोर्ट सेवा केंद्र , ग्राउंड ऐंड फर्स्ट फ्लोर , हेराल्ड हाउस , 5 ए , बहादुर शाह जफर मार्ग , नई दिल्ली-110002
3. पासपोर्ट सेवा केंद्र , अग्रवाल ऑटो मॉल , प्लॉट नं. 2, डिस्ट्रिक्ट सेंटर शालीमार प्लेस , आउटर रिंग रोड ,नई दिल्ली-110088

टाइमिंग: सोमवार से शुक्रवार , सुबह 9:30 से शाम 4:30 बजे तक , लंच: दोपहर 1:30 बजे से 2 बजे तक

नोट: इन सभी सेंटरों पर एटीएम की सुविधा भी है।

ऐसे होता है पीएसके में काम
पहला काउंटर : पासपोर्ट सेवा केंद्र में पहला काउंटर कस्टमर सर्विस एग्जेक्युटिव (सीएसई) का होगा। यहां आपको पासपोर्ट की किस्म के हिसाब से फीस जमा करने के बाद उसकी रसीद मिलेगी। आपके कागजात की स्कैनिंग होगी , आपके फोटो खींचे जाएंगे , फिंगर प्रिंट लिए जाएंगे और इसी के साथ सीएसई का काम खत्म।

दूसरा काउंटर : सीएसई से अगला काउंटर वीओ का है। वीओ सरकारी अफसर है। वह आपके फॉर्म की जांच करेगा। कागजात का वेरिफिकेशन करेगा। ऑरिजनल कागजात देखेगा। वेरिफिकेशन सही है , तो आप अगले काउंटर पर जाएंगे।

तीसरा काउंटर : यह ग्रांटिंग ऑफिसर (जीओ) का काउंटर है। जीओ जांच करते हैं कि क्या आपने पहले भी कभी अप्लाई किया था , क्या पहले की ऐप्लिकेशन और मौजूदा ऐप्लिकेशन में दी गई जानकारी में कोई फर्क है ,फॉर्म में और कोई गलती तो नहीं है आदि। संतुष्ट होने पर जीओ आपकी ऐप्लिकेशन को मंजूरी दे देगा।

इस मंजूरी के बाद आपका आवेदन पुलिस क्लियरेंस के लिए भेज दिया जाएगा।

नाम या पता गलत हो तो...
तैयार पासपोर्ट में अगर आपका नाम या पता पासपोर्ट सेवा केंद्र की गलती से सही नहीं छपा है तो फौरन संबंधित पासपोर्ट सेवा केंद्र में शिकायत करें। वे गलती सुधार कर पासपोर्ट जारी करेंगे। इसके लिए अलग से कोई फीस नहीं देनी होगी।

एनसीआर में कहां-कहां बनता है पासपोर्ट
गाजियाबाद
कहां है पासपोर्ट सेवा केंद्र
पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) , ब्लॉक-ए ग्राउंड फ्लोर , पैसिफिक बिजनेस पार्क , प्लॉट नंबर 37/1 , साइट 4 ,साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया , गाजियाबाद-201010
टाइमिंग: सोमवार से शुक्रवार , सुबह 10 से शाम 5 बजे तक , लंच : दोपहर 1:30 से 2 बजे तक
कहां करें शिकायत: 0120-272-1876/779

कई जिलों के बनते हैं पासपोर्ट: यहां पर 13 जिलों के पासपोर्ट बनाए जाते हैं। अलीगढ़ , आगरा , बागपत ,बुलंदशहर , गौतमबुद्धनगर , गाजियाबाद , हाथरस , मथुरा , मेरठ , मुजफ्फरनगर , सहारनपुर , हापुड़ ,शामली (प्रबुद्धनगर) जिलों के नागरिकों के पासपोर्ट पीएसके से बनाए जाते हैं।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोई पासपोर्ट ऑफिस नहीं है , इसलिए यहां के लोगों को ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद वेरिफिकेशन आदि के लिए गाजियाबाद पासपोर्ट सेवा केंद्र (पता लेफ्ट में) जाना होता है।

कहां करें शिकायत
पासपोर्ट समय पर नहीं मिलने पर गाजियाबाद में पासपोर्ट ऑफिसर से शिकायत की जा सकती है। समय से वेरिफिकेशन नहीं होने पर एसएसपी ऑफिस में शिकायत की जा सकती है।

गुड़गांव और फरीदाबाद
हरियाणा में भी सिर्फ ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। ऑनलाइन अप्लाई करने के बाद गुड़गांव के लोग पासपोर्ट सेवा केंद्र , एमएम टॉवर्स , प्लॉट नं. 8,9 , उद्योग विहार फेज-4 , ओल्ड दिल्ली रोड , गुड़गांव -122002 में जाकर औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं।
टाइमिंग: सोमवार से शुक्रवार , सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक , लंच: दोपहर 1:30 बजे से 2 बजे तक ,छुट्टी : शनिवार और रविवार।

फरीदाबाद के अलावा सोनीपत , रोहतक , झज्जर , रेवाड़ी , महेंद्रगढ़ , गुड़गांव , पलवल और नूह जिले के लोगों के पासपोर्ट संबंधी काम दिल्ली के 3 केंद्रों में भी करा सकते हैं।
टाइमिंग: सोमवार से शुक्रवार , सुबह 9 से शाम 4 बजे तक।

कहां करें शिकायत
रीजनल पासपोर्ट ऑफिस , हुडको , त्रिकूट-3 , भीकाजी कामा प्लेस , आरके पुरम , नई दिल्ली-110066 फोन : 011-2616-6292

प्रस्तुति : नोएडा से आशीष दूबे, ग्रेटर नोएडा से पवन सिंह, गायिजाबाद से रानू पाठक, गुड़गांव से बीपी पाण्डेय और फरीदाबाद से अखिल सक्सेना।

पासपोर्ट ऑफिस में अलग-अलग रहा अनुभव
रोमांचक लगा प्रॉसेस
रेनू की शादी हाल में हुई और वह आरके पुरम स्थित पासपोर्ट ऑफिस में बैठी हैं। रेनू पहली बार अपने पति के साथ विदेश जाएंगी। रेनू बताती हैं कि पासपोर्ट बनवाने की पूरी प्रक्रिया से गुजरना मेरे लिए काफी रोमांचकारी रहा। रेनू जैसे ही कई लोग विदेश यात्रा के लिए हजारों अरमान लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए इस ऑफिस में बैठे थे। अब हर किसी को अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए खुद ही जाना होता है। अपने-अपने टोकन नंबर का इंतजार करते लोगों का अनुभव अलग-अलग था।

बच्चे को संभालना है मुश्किल
विशू... अंदर आओ , नंबर आने वाला है। अपने बेटे के लिए पासपोर्ट बनवाने आए ललित और पत्नी संगीता के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी 4 साल के बेटे विशेष को संभालना। संगीता बताती हैं कि यहां इंतजार करते हुए करीब 45 मिनट हो चुके हैं और अभी एक घंटा और लगेगा। छोटे बच्चे के लिए इतनी देर यहां रुकना काफी मुश्किल है।

बुजुर्गों रियायत की दरकार
ऐसी ही समस्या 78 साल के रघुवीर जी के साथ भी थी , जो अपने बेटे-बहू के पास पहली बार विदेश जा रहे हैं। रघुवीर सिंह घुटनों में तकलीफ की वजह से ज्यादा देर तक पैर लटका कर नहीं बैठ सकते। रघुवीर कहते हैं कि यहां इतनी देर तक बैठना काफी परेशानी भरा हो जाता है। मुझे लगता है कि 10 साल से छोटे बच्चों और सीनियर सिटिजंस को इस नियम में छूट मिलनी चाहिए। नहीं तो , बुजुर्गों बच्चों के लिए एक रेस्ट रूम तो होना ही चाहिए।

वक्त की बचत से खुश
पासपोर्ट बनवाने का आधे से ज्यादा प्रॉसेस पूरा कर चुके विवेक बेहद खुश नजर आ रहे थे। एमबीए की पढ़ाई के लिए लंदन जाने की तैयारी कर रहे विवेक कहते हैं कि मैं काफी खुश हूं और इस पूरे प्रॉसेस में ज्यादा टाइम भी नहीं लगा।
प्रस्तुति : दीपिका शर्मा

वर्ल्ड क्लास सिस्टम है यह
भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 1995 बैच के अधिकारी अनुराग भूषण इस समय आरके पुरम , दिल्ली स्थित रीजनल पासपोर्ट ऑफिस के हेड (आरपीओ) हैं। इस ऑफिस में दिल्ली के अलावा हरियाणा के नौ जिलों के पासपोर्ट संबंधी काम होते हैं। भूषण कहते हैं कि यहां का सिस्टम वर्ल्ड क्लास है। ऑनलाइन सिस्टम बिल्कुल परफेक्ट है। इसमें सारी सूचनाएं 2437 उपलब्ध हैं। यह सिस्टम आपको एक तरह से गाइड भी करता चलता है कि कैसे क्या भरें ? साथ ही , कागजात के आधार पर यह भी बता देता है कि आपने किस कॉलम में क्या गलत भर दिया है ?

पासपोर्ट भरने के दौरान कॉमन गलतियां
- अक्सर लोग पूरा नाम नहीं देते या नाम की स्पेलिंग गलत लिख देते हैं।
- वेरिफाई करने पुलिस घर आती है तो लोग घर पर नहीं मिलते।
- दोबारा अप्लाई करते वक्त पुराने पासपोर्ट की जानकारी नहीं देते।
- दोबारा अप्लाई करते दी गई जानकारी पहले से अलग होती है।

नोट: जानकारी में कोई फर्क हो तो उसका सबूत जरूर दें। गलत जानकारी देने पर जुर्माने से लेकर कैद तक हो सकती है।

पुलिसकर्मी रिश्वत मांगे तो...
दिल्ली में पुलिस वेरिफिकेशन करने आनेवाला पुलिसकर्मी अगर परेशान करे , रिश्वत मांगे तो आप शिकायत कर सकते हैं :

डीसीपी स्पेशल ब्रांच
फोन: 2323-6208
ईमेल: dcpsbdelhi@gmail.com

डीसीपी विजिलेंस
पुलिस भवन , आसफ अली रोड , नई दिल्ली-2
फोन: 2323-4091
फोन (विजिलेंस कंट्रोल रूम): 2321-3355

कुछ ही दिनों में पुलिस रिपोर्ट आने के बाद आपकी जानकारी आगे बढ़ जाएगी और आपका पासपोर्ट ऑटोमैटिक तरीके से प्रिंट होने चला जाएगा।

वेबसाइट
www.passportindia.gov.in

हेल्पलाइन नंबर
1800-258-1800 ( टोल फ्री नंबर 24 घंटे सातों दिन) से अपनी ऐप्लिकेशन का स्टेटस जानने के साथ ही दूसरी दिक्कत हो तो उसकी जानकारी ले सकते हैं।

शिकायत कहां करें
अगर कोई शिकायत हो तो किसी भी पासपोर्ट सेवा केंद्र पर शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट पर नाम और पते दिए गए हैं। फिर भी सुनवाई न हो तो नीचे लिखे नंबर पर शिकायत कर सकते हैं:

क्षेत्रीय पासपोर्ट या उप पासपोर्ट अधिकारी ,
हुडको , त्रिकूट-3 , भीकाजी कामा प्लेस , आर. के. पुरम , नई दिल्ली-110066
फोन: 011-2616-5870

सवाल हो तो पूछें
पासपोर्ट पर यह पेज आपको कैसा लगा , हमें बताएं। कुछ कमी-बेशी हो तो वह भी लिखें। अब भी कोई सवाल बचा हो तो हमें इंग्लिश या हिंदी में लिखें , हम एक्सपर्ट से पूछ कर आप तक जानकारी पहुंचाएंगे।

SMS: टाइप करें bol स्पेस passport स्पेस और फिर अपनी राय या सवाल अपने नाम के साथ 58888 पर भेजें।
सैंपल: boll passport good

EMAIL: sundaynbt@gmail.com पर भेजें। सब्जेक्ट में लिखें: passport

हेल्पलाइन
अगर सारा प्रोसेस सही-सही पूरा करने पर भी आपका पासपोर्ट नहीं बनता तो आप कारण पूछें। वाजिब वजह न बताई जाए तो शिकायत के लिए पेज पर दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन करें। फिर भी काम न हो तो आप एक महीने के अंदर यानी 13 फरवरी 2013 तक हमें sundaynbt@gmail.com पर ई-मेल इंग्लिश या हिंदी में भेज सकते हैं। सब्जेक्ट में लिखें: passport. हम उन समस्याओं को संबंधित अधिकारियों के सामने उठाएंगे और उनका जवाब छापेंगे। कृपया नोट करें कि हम मामला-विशेष न उठाकर सिस्टम की खामियों पर फोकस करेंगे।

शहीद हेमराज के परिजनों ने अनशन तोड़ा, सिर लेने की मांग पर अड़ें

Martyr's Hemraj family to end the hunger strike

पाक फौज की बर्बरता का शिकार हुए दो भारतीय फौजी में से एक शहीद हेमराज के परिजनों ने अनशन समाप्त कर दिया है। मथुरा के सांसद हेमंत चौधरी ने उनका अनशन तुड़वाया। परिजन अनशन तोड़ने के बाद भी हेमराज का सिर लाने की मांग पर अड़ें हैं। वह शनिवार को हेमराज की अंत्येष्टि के साथ ही उसके सिर को लाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए थे। इस अनशन में अन्य गांववाले भी उनके साथ थे। गांववाले राज्य सरकार और केंद्र सरकार की बेरुखी से दुखी हैं।

जनप्रतिनिधियों की बेरुखी व सरकार की उदासीनता शहीद हेमराज की मां व पत्नी के नश्तर सी चुभ रही है। यही कारण है कि अंतिम समय में बेटे-पति की सूरत न देख पाने की पीड़ा आक्रोश बन गई है। शहीद की पत्नी व मां हेमराज के शीश [सिर] के लिए अंत्येष्टि स्थल पर ही भूख-हड़ताल पर बैठ गई हैं।

मथुरा के कोसी क्षेत्र के गांव खैरार में शनिवार को शहीद हेमराज की अंत्येष्टि स्थल पर परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठे। मां मीना देवी व पत्‍‌नी धर्मवती ने केंद्र सरकार से हेमराज का सिर लाकर देने की मांग की।

परिजन व ग्रामीणों को मनाने मौके पर एसडीएम एके मिश्रा पहुंचे। मिश्रा ने शहीद के नाम से डिग्री कॉलेज बनवाने, सड़क निर्माण, बतौर मुआवजा 25 लाख रुपये, तीन एकड़ जमीन देने का आश्वासन दिया, लेकिन कोई भी सौगात उन्हें मनाने में कामयाब नहीं रही। ग्रामीणों व परिजनों का कहना था कि जब मध्य प्रदेश के शहीद सुधाकर सिंह के अंत्येष्टि में वहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंच सकते हैं तो हेमराज के अंत्येष्टि में केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि क्यों नहीं शामिल हुए।

मालूम हो कि इन दोनों जवानों की हत्या पाकिस्तानी सेना ने गत मंगलवार को कर दी थी और दोनों शवों को क्षत विक्षत करते हुए सुधाकर का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। मथुर में गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि दाह संस्कार से पूर्व शहीद का चेहरा उन्हें नहीं दिखाया गया। अंत्येष्टि के लिए चंदन की लकड़ी तक की व्यवस्था नहीं की गई। रात को दाह संस्कार कराया गया।

धरने में बैठे परिजनों को मनाने मांट के विधायक श्याम सुंदर शर्मा भी पहुंचे। उनकी गुजारिश पर ग्रामीणों ने तो भूख हड़ताल समाप्त कर दी, लेकिन शहीद की मां व पत्‍‌नी की जारी है। इसकी वजह से शहीद की पत्‍‌नी की हालत बिगड़ गई है।

शनिवार पूरे दिन केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के शहीद के गांव में आने की सूचना हवा में तैरती रही। प्रशासनिक अमला भी सक्रिय रहा, लेकिन शाम को जिलाधिकारी समीर वर्मा ने बताया कि रक्षा राज्य मंत्री का आगमन फिलहाल निरस्त हो गया है। मुख्यमंत्री के आगमन की घोषणा है, लेकिन कब तक आएंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

नकली घी बनाने की फैक्ट्री पकड़ी, संचालक गिरफ्तार


जोधपुर।पुलिस ने बोरानाडा थाना क्षेत्र में संचालित नकली घी बनाने की एक फैक्ट्री पकड़ कर संचालक शंकरलाल पटेल को गिरफ्तार किया है। बोरानाडा थानाधिकारी पंकज राज माथुर ने बताया कि शनिवार शाम सूचना मिली कि थार ड्राइपोर्ट के सामने एक मकान में नकली घी बनाने का कारखाना चल रहा है।

पुख्ता जानकारी के आधार पर माथुर के साथ एएसआई गंगासिंह, कांस्टेबल मदनलाल, प्रदीप, जीवन, मांगीलाल, रामचरण व सोहनलाल की टीम ने शंकरलाल पटेल के मकान पर दबिश दी। तलाशी में पुलिस को कई नामी कंपनियों के अलग-अलग ब्रांड का तैयार माल, रॉ-मैटीरियल के कुल 107 टिन बरामद हुए। इसके अलावा यहां से विभिन्न कंपनियों के 57 खाली टिन व 200 नए कार्टन मिले। इन पर कृष्णा, डेयरी बेस्ट, तिरुपति, पारस सहित अन्य कंपनियों के नाम अंकित हैं। पुलिस के अनुसार आरोपी पाम ऑयल में असली घी और उसका एसेंस मिलाकर नकली घी तैयार करता था। बाद में इसे ग्रामीण इलाकों में सप्लाई करता था। पुलिस पटेल से पूछताछ कर इस गोरखधंधे की तह तक जाने का प्रयास कर रही है।

अब दंगा रोकेगा "मिर्ची बम"

अब दंगा रोकेगा "मिर्ची बम"

जयपुर। अब बात-बात पर दंगा और आंदोलन करने वाले सावधान हो जाएं! पुलिस ने दंगों से निपटने और दंगाइयों को काबू में करने के लिए अब नया हथियार "मिर्ची बम" तैयार कर लिया है। इस हथियार से न तो किसी का हाथ टूटेगा, न पैर और न ही किसी अन्य तरह की चोट पहुंचेगी। लेकिन उपद्रवी कुछ ही समय में घबराकर भागने को मजबूर हो जाएंगे।

इसे प्रायोगिक तौर पर काम में लेने के लिए सबसे पहले जयपुर और भरतपुर के अलावा दो एसटीएफ कंपनियों को दिया जा रहा है। अब तक पुलिस अश्रुगैस का इस्तेमाल करती थी। गीले कपड़े से ढक कर आंदोलनकारियों ने अश्रुगैस की काट निकाल ली। ऎसे में पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ता था। इस दौरान पथराव में दोनों पक्षों को चोट आ जाती थी।

फूटते ही आंखों में जलन...और कुछ समय तक दिखना बंद
दंगों और आन्दोलनों के दौरान पुलिस स्थिति नियंत्रण में करने के लिए इसे फेंकेगी। इसमें से निकलने वाली गैस मिर्च को जलाने पर होने वाली गंध जैसा वातावरण पैदा करेगी। इसे दंगाइयों को तेज खांसी, आंखों में जलन होगी और वे कुछ देर के लिए देख भी नहीं पाएंगे। इस स्थिति में पुलिस आसानी से उपद्रवियों को पकड़ सकेगी।

जयपुर एवं भरतपुर में इसे लागू किया जा रहा है। इसके लिए एक करोड़ का बजट रखा है। प्रयोग सफल हुआ तो अन्य जिलों में लागू करेंगे। यू. आर. साहू, आईजी आधुनिकीकरण, आयोजना-कल्याण

बीकानेर के अस्पताल में आग,3शिशु जख्मी

बीकानेर के अस्पताल में आग,3शिशु जख्मी

बीकानेर। बीकानेर के राजकीय पीबीएम अस्पताल की नर्सरी के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू)में रविवार तड़के आग लग गई। आग की वजह एसी में शार्ट सर्किट होना बताया गया है। समय रहते आग पर काबू पाने से नर्सरी में भर्ती 22 शिशु बाल-बाल बच गए हालांकि तीन शिशु मामूली रूप से झुलस गए। तीनों की स्थिति खतरे से बाहर है।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ सतीश कछावा और पुलिस सूत्रों के अनुसार अस्पताल की नर्सरी (शिशु वार्ड)के गहन चिकित्सा कक्ष में तड़के तीन बजे एसी में शार्ट सर्किट होने से आईसीयू में धुआं भर गया। मौके पर मौजूद कर्मियों ने तुरंत उच्चाधिकारियों को और अग्निशमन दल को सूचित किया। अग्निशमन दल ने तुरंत आग पर काबू पा लिया।

अस्पतालकर्मियों ने नर्सरी में भर्ती 22 शिशुओं को सुरक्षित अन्य वार्ड में पहुंचा दिया। इस बीच तीन शिशुओं पर चिंगारी पड़ने से वे मामूली रूप से झुलस गए। बीकानेर संभागीय आयुक्त आनंद कुमार और जिला कलेक्टर आरती डोगरा और पीबीएम अस्पताल अधीक्षक सतीश कछावा घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे।

जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने आग के कारणों की जांच के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन)की अध्यक्षता में तीन-सदस्यीय कमेटी गठित की है,जो जल्द रिपोर्ट सौंपगी। राजस्थान के गृह राज्यमंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने भी मौके का जायजा लेकर भविष्य में ऎसी घटना नहीं होने देने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं।

झुका पाक,फ्लैग मीटिंग के लिए राजी

झुका पाक,फ्लैग मीटिंग के लिए राजी

नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा पर लगातार फायरिंग से उपजे तनाव के बीच पाकिस्तान ने फ्लैग मीटिंग के लिए हामी भर दी है। सोमवार दोपहर एक बजे पुंछ के पास सीमा पर दोनों देशों के बीच ब्रिगेडियर लेवल की बातचीत होगी।

शनिवार को फ्लैग मीटिंग के भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने कोई जवाब नहीं दिया गया था। जब वायुसेना अध्यक्ष एयरचीफ मार्शल एनएके ब्राउन ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने फायरिंग नहीं रोकी तो दूसरे विकल्पों पर विचार करना होगा। इसके बाद पाकिस्तान मीटिंग के लिए तैयार हुआ। मीटिंग में भारत दो भारतीय सैनिकों की हत्या और एक सैनिक के सिर को कलम किए जाने का मामला उठाएगा।

सीमा पर तनाव बरकरार
इस बीच भारत-पाक सीमा पर अब भी तनाव बना हुआ है। पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध घुसपैठियों के एक समूह की गतिविधियों को भांपने के बाद भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच भारी गोलीबारी हुई। रक्षा प्रवक्ता कर्नल आरके पालटा ने कहा कि शनिवार रात पौने 10 बजे के करीब पुंछ सेक्टर के कृष्णाघाटी सब सेक्टर के दूसरी तरफ नियंत्रण रेखा के नजदीक छह से सात लोगों की गतिविधि देखी गई। सेना ने एक बार फिर कहा है कि आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सेना फायरिंग कर रही है।

राजस्थान से लगती सीमा पर चौकसी बढ़ी

पाकिस्तान की ओर से लगातार किए जा रहे युद्धविराम के उल्लंघन के बाद सीमा पर गश्त गढ़ा दी गई है और सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ चल रही गोलाबारी को देखते हुए राजस्थान में पाक से लगने वाली सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक बीएसएफ की और से पाक से लगती सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और गश्त बढ़ा दी गई है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए बीएसएफ की ओर से अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा डीआईजी लेवल के अधिकारियों को हालात पर नजर रखने के लिए कहा गया हैए जिसकी रिपोर्ट दिल्ली तक दी जा रही है।

इन उपायों द्वारा करें दैनिक जीवन में ज्योतिषीय उपचार-

इन उपायों द्वारा करें दैनिक जीवन में ज्योतिषीय उपचार----


पंडित दयानन्द शास्त्री
Mob.--
---09411190067(UTTARAKHAND);;---09024390067(RAJASTHAN);;
--- 09711060179(DELHI);;


एक कुशल गृहिणी चूल्हा जलाने के बाद पहली रोटी गाय के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बचाकर रखती है। घर की सफाई के दौरान जब पोंछा लगाती है तो बाल्टी के पानी में नमक मिलाती है। शाम के समय मंदिर जाते हुए चीटिंयों के लिए थोड़ा आटा और चीनी लेकर निकलती है। 

देखने में ये दैनिक जीवन का हिस्सा दिखाई दे सकते हैं, लेकिन अधिकांश महत्वपूर्ण ज्योतिषीय उपचार इन्हीं से जुड़े हुए हैं। महंगे रत्नों या पुरोहितों के सानिध्य में यज्ञ हवन करवाने की तुलना में रोजाना का यह मौन यज्ञ आपको कई तरह की बाधाओं से बचाकर रखता है। दिनचर्या से जुड़े ये नियम सामान्य नियम न होकर ज्योतिषीय उपचारों के नियम हैं।

सूर्य : करें काली गाय की सेवा

किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है। शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नकारा होने लगते हैं। ऎसे जातकों को सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्य देना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने पर सफेद गाय के बजाय लाल या काली गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है।

चंद्र : बुजुर्गो का लें आशीर्वाद

माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलने शुरू होते हैं। घर के बुजुगोंü, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरूस्त होता है। घर का उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।

मंगल : भाइयों की करें सहायता

आंख में किसी भी तरह की खराबी हो या फिर लंबे समय से संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो तो इसे मंगल के खराब प्रभाव के तौर पर देखा जाता है। भाइयों की सहायता और ताऊ और ताई की सेवा करे तो मंगल का अच्छा प्रभाव मिलता है। लाल रंग का रूमाल पास में रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडियां, लाल सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है। इन्हें सुहाग से भी जोड़ा गया है।

बुध : घर में जमे कचरे को हटाएं

गंध का पता न लगे और सामने के दांत गिरने लगे तो समझ लीजिए कि बुध का खराब प्रभाव आ रहा है। ऎसे में फिटकरी से दांत साफ करने से बुध का खराब प्रभाव कम होता है। बुध खराब होने से व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है। गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से मिलने लगता है। छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसे हटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।

गुरू : ईष्ट देव को पूजें
रमते साधु को पीले वस्त्र दान करने और भोजन कराने से गुरू के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं। जिन जातकों की गुरू की दशा चल रही हो, अगर वे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं और पीपल में जल सींचें तो गुरू की दशा में अच्छे लाभ हासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्म स्थान में नियमित दान करना भी भाग्य को बढ़ाता है।

शुक्र : गाय को दें गुड़

चमड़ी के रोग और अंगूठे पर चोट से शुक्र के खराब प्रभाव का पता चलता है। अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गाय को दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी से बढ़ती है। शुक्र का खराब प्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़ देना लाभदायक होता है। सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र के प्रभाव बढ़ता है।

शनि : साधु को दें दान

जूते खोने, घर में नुकसान, पालतू पशु मरने और आग लगने से शनि का खराब प्रभाव देखा जाता है। डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधु को लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है। शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिर जाना चाहिए।

राहू : हरियाली का रखें वास

अनचाही समस्याएं राहू से आती हैं। घर का दक्षिणी पश्चिमी कोना राहू का है। इस कोने में कभी गंदगी नहीं रहनी चाहिए। घर के दक्षिणी पूर्वी कोने में आवश्यक रूप से हरियाली का वास रखना चाहिए। परिवार का जो सदस्य राहू से पीडित हो उसे हरियाली के पास रखें। अंधेरे और गंदगी वाले कोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोने को साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।

केतू : घर में रखें पालतू जानवर

जोड़ों का दर्द और पेशाब की बीमारी मुख्य रूप से केतू की समस्या के कारण आते हैं। कान बींधना, पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू के खराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट में काला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूर होता है।

ये भी हैं घरेलू उपचार----

इन उपचारों के अलावा बहुत से घरेलू नुस्खे ऎसे भी हैं जो हम दैनिक जीवन में इस्तेमाल करते रहते हैं। मसलन खाने में हल्दी का इस्तेमाल गुरू को दुरूस्त करता है। सात्विक खाने में यदि नियमित रूप से हींग का इस्तेमाल किया जाए तो राहू के प्रभाव को कम किया जा सकता है। चौके में बैठकर खाना खाने से राहू की दशा का खराब प्रभाव तक कम हो सकता है।

साधना और दान जरूरी----

किसी भी जातक की कुंडली में पीड़ा देने वाले ग्रहों में राहू, केतू और शनि शामिल है। इसके अलावा हर लग्न के लिए बाधक स्थानाधिपति और मारक ग्रहों की पीड़ा भी शामिल होती है। इन समस्याओं का समाधान हमारे घर में मौजूद है।

किसी ग्रह का प्रभाव बढ़ाने या खराब प्रभाव को खत्म करने के लिए रत्न पहनाए जाते हैं, लेकिन पीड़ादायी ग्रहों का उपचार करने के लिए दो ही साधन प्रमुख हैं, इनमें पहला है दान और दूसरा है साधना। साधना किसी समय विशेष पर की जा सकती है, लेकिन दान का महत्व हर दिन है। जैसे जैसे दान का क्रम आगे बढ़ता है पूर्वजन्म के कमोंü का बंधन भी ढीला होने लगता है और जातक क्रमश: अधिक सुखी होता जाता है। हर ग्रह से संबंधित उपचार पूर्व में ही तय हैं।

पंजाब में महिला से सामूहिक दुष्कर्म,5 अरेस्ट

पंजाब में महिला से सामूहिक दुष्कर्म,5 अरेस्ट
गुरदासपुर। पंजाब के गुरदासपुर मे 29 साल की एक महिला के साथ कथित रूप से सात लोगों द्वारा दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है।


पुलिस के अनुसार पीडिता बस से अपने गांव गुखला जा रही थी। ड्राइवर व कंडक्टर ने उसका अपहरण कर लिया। वे शुक्रवार रात उसे अज्ञात स्थान पर ले गए जहां इन दोनों व उनके पांच साथियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।


सात में पांच अभियुक्त गिरफ्तार कर लिए गए हैं जबकि दो अभी पकड़ से बाहर हैं। उनकी पहचान की जानी है। पीडिता ने अपनी शिकायत में कहा,वह पठानकोट के जगतपुर में अपने माता-पिता के गांव से लौट रही थी। बस के ड्राइवर दलेर सिंह ने गुखला में बस स्टॉप पर गाड़ी नहीं रोकी। बस रोकने की पीडिता की बात को उसने अनसुना कर दिया। वह उसे गुरदासपुर के पास किसी स्थान पर ले गया जहां अभियुक्तों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।


दलेर पीडिता को शनिवार सुबह उसके गांव के पास छोड़ गया। पीडिता पहले अपने घर गई फिर पुलिस थाने जाकर शिकायत लिखवाई। अभियुक्तों की पहचान दलेर सिंह,रवि,जसविंदर सिंह,जगप्रीत सिंह व सतवंत सिंह के तौर पर हुई है।

चालानी गार्ड को गच्चा देकर भागा बंदी

चालानी गार्ड को गच्चा देकर भागा बंदी
मेड़तासिटी (नागौर)/भीलवाड़ा। पांच राज्यों का वांछित अपराधी राजेन्द्र सिंह शुक्रवार तड़के चालानी गार्ड को गच्चा देकर न्यायिक अभिरक्षा से भाग छूटा। राजेन्द्र पिछले कुछ समय से केन्द्रीय कारागृह अजमेर में कैद था। विचाराधीन बंदी कोटड़ी थाने के बड़ला निवासी राजेन्द्र सिंह को चालानी गार्ड आनंद प्रकाश, महावीर सिंह, सुनील, सुखाराम व सुशील जैकब पंजाब स्थित फिरोजपुरा एडीजे कोर्ट में तारीख पेशी पर ले गए।

पेशी के बाद जम्मूतवी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से 11 जनवरी सुबह 4 बजे मेड़तारोड पहुंचे। वहां से मेड़तासिटी रेलवे स्टेशन के बाहर बस का इंतजार करते समय करीब सवा 5 बजे बंदी राजेन्द्र सिंह चालानी गार्ड महावीर सिंह को धक्का देकर हथकड़ी निकालते हुए भाग गया। वह गांधी चौक के पास पहले से तैयार खड़े एक मोटरसाइकिल सवार के साथ फरार हो गया। चालानी गार्ड के दीवान आंनद प्रकाश ने मेड़ता सिटी थाने में मामला दर्ज कराया है। सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक पूनाराम डूडी व सीआई मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। फरार बंदी को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमों को रवाना कर शहर सहित पड़ोसी जिले पाली व अजमेर में नाकाबंदी करवाई। फिलहाल उसका कोई सुराग नहीं मिला है।

राजेन्द्र इससे पहले चार बार पुलिस को गच्चा दे चुका है। भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी क्षेत्र में बड़ला गांव निवासी राजेन्द्र के आने की संभावना के चलते जिले में भी नाकाबंदी कर दी गई।

पुलिस अधीक्षक नितिन ब्लग्गन ने बताया कि राजेन्द्र के खिलाफ भीलवाड़ा जिले में आधा दर्जन से अधिक संगीन प्रकरण दर्ज हैं। उसके खिलाफ सोनीपत (हरियाणा), महोबा (उत्तरप्रदेश), जावद व मंदसौर (मध्यप्रदेश) व फिरोजपुर (पंजाब) में तस्करी, लूट, कातिलाना हमले और फरारी के मामले दर्ज हैं। राजेन्द्र 22 मई 2012 को भीलवाड़ा में एडीजे कोर्ट संख्या दो से फरार हो गया था।

यहां से भागा चार बार
4 वष्ाü 2010 में महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा के बंदी वार्ड से अपने साथी महेश पाटीदार के साथ।
4 वष्ाü 2011 में पुर बाई पास पर पुलिस को नजर आने के बाद पिकअप में भागा।
422 मई 2012 को एडीजे कोर्ट-2, भीलवाड़ा से।
4 आरोपी एक बार पंजाब पुलिस की हिरासत से भी भाग चुका है।