सहयोगी दल भी एफडीआई पर खफा
नई दिल्ली। विपक्ष के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दलों ने भी मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को किसानों, छोटे व्यापारियों और आम आदमी के खिलाफ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में इस फैसले को वापस लेने की पुरजोर मांग की मगर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मतदान के सवाल पर अपने पžो नहीं खोले।
सदस्यों ने सदन में एफडीआई के मुद्दे पर मतदान के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार चाहे जो तर्क दे उसका निर्णय देश हित के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इससे देश में करोड़ों लोग बेरोजगार होंगे, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा और विदेशी कंपनियां सिर्फ लूट मचाएंगी। दूसरी ओर विपक्ष के विरोध को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि एफडीआई के उसके फैसले से किसानों, उपभोक्ताओं और युवाओं को लाभ होने के अलावा देश की अर्थव्यवस्था भी दुरूस्त होगी।
सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने विभिन्न देशों के आंकडे देते हुए कहा कि एफडीआई और बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी गई हैं वहां छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका तक में वालमार्ट जैसी कंपनियों का विरोध हो रहा है लेकिन हम उन्हें अपने देश में आने की अनुमति दे रहे हैं। स्वराज ने प्रधानमंत्री से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से हम आपको हराना नहीं बल्कि मनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी जीत आपको हराने में नहीं बल्कि आपको मनाने में है। उन्होंने सरकार के सहयोगी दलों से अपील की कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो वे देशहित में विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन करें। सपा के मुलायम सिंह यादव ने भी इस निर्णय को गरीबों के साथ धोखाधड़ी और देशहित के खिलाफ बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। लेकिन वह इस सवाल पर चुप्पी साधे रहे कि प्रस्ताव पर मतदान के दौरान उनकी पार्टी का रूख क्या होगा।
बसपा के दारा सिंह चौहान ने इस निर्णय को देश को दूसरी ओर गुलामी की ओर धकेलने वाला आत्मघाती कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमती स्वराज के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी अपना फैसला मतदान के समय ही करेगी। सरकार में शामिल द्रमुक केटीएस एलनगोवन ने भी एफडीआई का विरोध किया। लेकिन उन्होंने कहा कि सिर्फ एक गलती के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता।
तृणमूल कांग्रेस ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था एवं करोड़ों छोटे खुदरा कारोबारियों की आजीविका पर घातक प्रभाव पडेगा। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि मल्टीब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देने से तीन करोड़ से अधिक खुदरा कारोबारियों एवं छोटे व्यापारियों की आजीविका बर्बाद हो जाएगी।
भाषण के मुख्य अंश
पेप्सीको आज भी बाहर से आलू-टमाटर मंगाती है
पेप्सीको ने पंजाब के आलू-टमाटर रिजेक्ट कर दिए
मैकडोनल्ड भारतीय किसानों से आलू नहीं लेती है
रिटेल में एफडीआई से नए बिचौलिए खड़े हो जाएंगे
जब कई दुकानदार होते हैं तो ग्राहक को ठग नहीं सकते
कर्मचारियों को कम सैलरी देकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
किसानों से सस्ता अनाज खरीदकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
छोटे और मझौले किसानों से अनाज नहीं खरेदेगी विदेशी कंपनियां
प्रतियोगी बाजार ही उपभोक्ता के हित में होता है न कि एकाधिकार वाला
वॉलमार्ट के एक स्टोर में सवा दो सौ कर्मचारी होते हैं तो वो 40 लाख नौकरियां कैसे देगा
एक शहर में 600 स्टोर खुलेंगे तब मिल पाएगी 40 लाख लोगों को रोजगार
रिटेल में एफडीआई से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें बंद हो जाएगी
कारखाने खुलेंगे चीन में और अंधेरा होगा हमारे यहां 12 करोड़ लोगों के घर में
नौकरियां मिलेगी चीन में और हमारे यहां होगी बेरोजगारी
जहां जहां रिटेल में एफडीआई की अनुमति मिली वहां-वहां छोटे दुकानदार खत्म हुए
90 फीसदी सामान चीन से लाएंगी बड़ी रिटेल में कंपनियां
एफडीआई को गिराइए देश को बचाए
हम आपको हराना नहीं बचाना चाहते हैं
पीएम अपनों के लिए लड़ें गैरों के लिए नहीं
विकास की सीढ़ी नहीं विनाश की सीढ़ी है एफडीआई
वॉलमार्ट मजबूर है लेकिन हम क्यों मजबूरी दिखा रहे हैं
वॉलमार्ट के बारे में खबर है कि उसने बड़ी राशि घूस के रूप में दी
एनडीए शासनकाल के दौरान भी आया था एफडीआई का प्रस्ताव
तब कांग्रेस सांसद प्रियरंजन दासमुंशी ने इसे देशविरोधी बताया था
नई दिल्ली। विपक्ष के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दलों ने भी मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को किसानों, छोटे व्यापारियों और आम आदमी के खिलाफ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में इस फैसले को वापस लेने की पुरजोर मांग की मगर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मतदान के सवाल पर अपने पžो नहीं खोले।
सदस्यों ने सदन में एफडीआई के मुद्दे पर मतदान के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार चाहे जो तर्क दे उसका निर्णय देश हित के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इससे देश में करोड़ों लोग बेरोजगार होंगे, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा और विदेशी कंपनियां सिर्फ लूट मचाएंगी। दूसरी ओर विपक्ष के विरोध को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि एफडीआई के उसके फैसले से किसानों, उपभोक्ताओं और युवाओं को लाभ होने के अलावा देश की अर्थव्यवस्था भी दुरूस्त होगी।
सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने विभिन्न देशों के आंकडे देते हुए कहा कि एफडीआई और बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी गई हैं वहां छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका तक में वालमार्ट जैसी कंपनियों का विरोध हो रहा है लेकिन हम उन्हें अपने देश में आने की अनुमति दे रहे हैं। स्वराज ने प्रधानमंत्री से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से हम आपको हराना नहीं बल्कि मनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी जीत आपको हराने में नहीं बल्कि आपको मनाने में है। उन्होंने सरकार के सहयोगी दलों से अपील की कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो वे देशहित में विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन करें। सपा के मुलायम सिंह यादव ने भी इस निर्णय को गरीबों के साथ धोखाधड़ी और देशहित के खिलाफ बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। लेकिन वह इस सवाल पर चुप्पी साधे रहे कि प्रस्ताव पर मतदान के दौरान उनकी पार्टी का रूख क्या होगा।
बसपा के दारा सिंह चौहान ने इस निर्णय को देश को दूसरी ओर गुलामी की ओर धकेलने वाला आत्मघाती कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमती स्वराज के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी अपना फैसला मतदान के समय ही करेगी। सरकार में शामिल द्रमुक केटीएस एलनगोवन ने भी एफडीआई का विरोध किया। लेकिन उन्होंने कहा कि सिर्फ एक गलती के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता।
तृणमूल कांग्रेस ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था एवं करोड़ों छोटे खुदरा कारोबारियों की आजीविका पर घातक प्रभाव पडेगा। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि मल्टीब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देने से तीन करोड़ से अधिक खुदरा कारोबारियों एवं छोटे व्यापारियों की आजीविका बर्बाद हो जाएगी।
भाषण के मुख्य अंश
पेप्सीको आज भी बाहर से आलू-टमाटर मंगाती है
पेप्सीको ने पंजाब के आलू-टमाटर रिजेक्ट कर दिए
मैकडोनल्ड भारतीय किसानों से आलू नहीं लेती है
रिटेल में एफडीआई से नए बिचौलिए खड़े हो जाएंगे
जब कई दुकानदार होते हैं तो ग्राहक को ठग नहीं सकते
कर्मचारियों को कम सैलरी देकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
किसानों से सस्ता अनाज खरीदकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
छोटे और मझौले किसानों से अनाज नहीं खरेदेगी विदेशी कंपनियां
प्रतियोगी बाजार ही उपभोक्ता के हित में होता है न कि एकाधिकार वाला
वॉलमार्ट के एक स्टोर में सवा दो सौ कर्मचारी होते हैं तो वो 40 लाख नौकरियां कैसे देगा
एक शहर में 600 स्टोर खुलेंगे तब मिल पाएगी 40 लाख लोगों को रोजगार
रिटेल में एफडीआई से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें बंद हो जाएगी
कारखाने खुलेंगे चीन में और अंधेरा होगा हमारे यहां 12 करोड़ लोगों के घर में
नौकरियां मिलेगी चीन में और हमारे यहां होगी बेरोजगारी
जहां जहां रिटेल में एफडीआई की अनुमति मिली वहां-वहां छोटे दुकानदार खत्म हुए
90 फीसदी सामान चीन से लाएंगी बड़ी रिटेल में कंपनियां
एफडीआई को गिराइए देश को बचाए
हम आपको हराना नहीं बचाना चाहते हैं
पीएम अपनों के लिए लड़ें गैरों के लिए नहीं
विकास की सीढ़ी नहीं विनाश की सीढ़ी है एफडीआई
वॉलमार्ट मजबूर है लेकिन हम क्यों मजबूरी दिखा रहे हैं
वॉलमार्ट के बारे में खबर है कि उसने बड़ी राशि घूस के रूप में दी
एनडीए शासनकाल के दौरान भी आया था एफडीआई का प्रस्ताव
तब कांग्रेस सांसद प्रियरंजन दासमुंशी ने इसे देशविरोधी बताया था