बुधवार, 5 दिसंबर 2012

शहर की सफाई व्यवस्था का मामला उच्च न्यायलय पंहुचा


बाड़मेर कलक्टर सहित अन्य से जवाब मांगा 

शहर की सफाई व्यवस्था का मामला उच्च न्यायलय पंहुचा
बाड़मेर जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय ने बाड़मेर शहर की सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं की अनदेखी के मामले में बाड़मेर जिला कलक्टर सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्रा एवं न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की खण्डपीठ ने बाड़मेर निवासी पारसमल मेहता की जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। 

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक छंगाणी का कहना था कि बाड़मेर शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जगह-जगह अतिक्रमण हो रहा है। पार्किग एवं आवारा जानवरों को हटाने भी व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद द्वारा नगर पालिका अधिनियम 2009 के प्रावधानों की पालना नहीं की जा रही। ऎसे में जनता को स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण नहीं मिल रहा। इस पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग के सचिव, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं बाड़मेर नगर परिषद को नोटिस जारी जवाब तलब करने के आदेश दिए।

जैसलमेर अश्लील क्लिप बना कर विवाहिता को ब्लेक मेल कर लूटा

जैसलमेर अश्लील क्लिप बना कर विवाहिता को ब्लेक मेल कर लूटा 
फलसूंड कस्बे के पुलिस थाने में सोमवार रात्रि को ब्लैकमेल करने तथा चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्लेकमेल कर महिला से 1.80 लाख व 24 तोला सोना लूटा 

दिनेश कुमार पुत्र गणेशमल राठी निवासी फलसूंड ने मुकदमा दर्ज करवाया कि मेरे छोटे भाई की पत्नी की जैसलमेर निवासी लीलू माली पुत्र जुगताराम माली निवासी अमरसागर ने अश्लील वीडियो क्लिप बनाई थी। जिसको दिखाकर तथा उस क्लिप को सभी को दिखा देने की बात को लेकर ब्लैकमेल करते हुए पूर्व में 1 लाख 80 हजार रुपए तथा 14 तोला सोने के आभूषण ले चुका है।

गत 27 नवंबर को घर में मौका पाकर वह घर में घुस गया तथा चाकू दिखाकर 10 तोला सोने के आभूषण ले गया। साथ ही धमकी दी कि अगर इस चोरी की बात किसी को बताई तो वह उसकी वीडियो क्लिप सभी को बता देगा। जिस पर दिनेश कुमार ने सोमवार रात्रि को पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई। दर्ज रिपोर्ट के आधार पर थाना प्रभारी मोहन सिंह राठौड़ ने मय जाब्ता लीलू माली तथा महेश निवासी जैसलमेर को गिरफ्तार कर जांच शुरू की।

मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

मार्च 2013 से नहीं लगेगा रोमिंग चार्ज

 No Roaming Charges From March

नई दिल्‍ली। अपने राज्‍य से बाहर जाते समय अब आपको कॉल करने से पहले सोंचना नहीं पड़ेगा क्‍योंकि अब टेलीकॉम विभाग रोमिंग को समाप्‍त करने के लिए मोबाईल कंपनियों से बात कर रहा है जिसके अनुसार मार्च 2013 से मोबाईल उपभोक्‍ताओं को कोई रोमिंग चार्ज नहीं देना पड़ेगा। हालांकि मोबाइल कंपनियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि रोमिंग से उनका दस प्रतिशत लाभ आता है अत: विभाग का यह कदम कंपनियों के हित मे नहीं होगा। ऐसे में रोमिंग के हटने पर टैरिफ के महंगे होने की संभावना है।

टेलीकॉम विभाग मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी पर भी कंपनियों से बात कर रहा है। अगर इस पर बात बन जाती है तो उपभोक्‍ताओं को किसी दूसरे राज्‍य में जाने पर रोमिंग का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उन्‍हें अब अपना नम्‍बर बदलने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

इस पर जीएसएम के एक्‍जीक्‍यूटिव का कहना है कि रोमिंग हट जाने की स्थिति में कं‍पनियां अपने होने वाले नुकसान की भरपायी के लिए नये टैरिफ प्‍लान तैयार करेंगी जो कि रोमिंग चार्ज के बराबर होगा। यह टैरिफ देश के कुछ हिस्‍सों में महंगा तो कुछ हिस्‍सों में सस्‍ता हो सकता है।

कंपनियों के इस ऐतराज के बावजूद टेलीकॉम विभाग इस पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है जिससे मोबाइल के इस्‍तेमाल में उपभोक्‍ताओं को और भी आसानी हो।

86 की उम्र में खायी वियाग्रा, चली गई आंखें!


 86 Year Old Claims Viagra Made Him Go Blind
मैनहैटन। जो लोग वियाग्रा को खाकर लोग अपने बुढ़ापे को रंगीन बनाने का सपना देख रहे हैं, या अपनी रातों को रंगीन बनाते हैं, उनके लिये यह खबर चेतावनी से कम नहीं है। जी हां चौंकिये नहीं, यह खबर बिलकुल सही है।अमेरिका के एक 86 वर्षीय व्‍यक्ति एंथनी एंड्रेसाकिस ने दावा किया है कि जब से उसने वियाग्रा का सेवन शुरू किया है तब से उसकी आंखों की रौशनी कम होने लगी और अब लगभग पूरी तरह आंखों की रौशनी खोने की कगार पर है। उसने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मामला दर्ज करने से पहले जब उसका बयान लिया तो उसने कहा, "मैंने अप्रैल 2012 से वियाग्रा का सेवन शुरू किया, तब से मेरी आंखों में जलन होने लगी और फिर आंखों की रौशनी कम हो गई।"उसने डॉक्‍टर से संपर्क किया और कुछ दिन इलाज के बाद आंखों की रौशनी पूरी तरह चली गई। एंथनी का दावा है कि ये सब वियाग्रा खाने से हुआ है। उसने मैनहैटन फेडरल कोर्ट में वियाग्रा बनाने वाली एक कंपनी फाइजर के खिलाफ केस भी ठोक दिया है।एंथनी ने कोर्ट से मांग की है कि इस दवा की बिक्री पर तत्‍काल रोक लगायी जाये। न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की खबर के मुताबिक एंथनी ने कोर्ट से कहा कि उसने इस संबंध में फाइजर कंपनी को भी पत्र लिखा, जिसमें जवाब आया कि हो सकता है वो दवा का साइड इफेक्‍ट हो, थोड़े दिन में ठीक हो जायेगा, लेकिन अब मैंने दवा लेना बंद कर दी है, तब भी आंखें ठीक नहीं हुई हैं। कोर्ट ने फिलहाल मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं। यानी जब तक मामला कोर्ट में है, तब तक वियाग्रा की विश्‍वस्‍नीयता पर सवाल उठाना गलत होगा।हम आपको बता दें कि वियाग्रा फाइजर कंपनी की वो दवा है, जिसे खाकर शरीर में यौन उत्‍तेजना पैदा होती है। यह खास तौर से उन लोगों के लिये बनायी गई है, बुढ़ापे में जिनके लिंग में तनाव नहीं आता है।





रेस्‍त्रां जहां निर्वस्‍त्र लड़कियों के ऊपर परोसते हैं स्‍नैक्‍स



इससे पहले वनइंडिया पर आपने पढ़ा उन रेस्‍त्रां के बारे में जहां कमोड में भोजन परोसा जाता है और लोग चाव से खाते हैं। आज हम आपको सैर करायेंगे उस रेस्‍त्रां की, जहां निर्वस्‍त्र लड़कियों के शरीर पर स्‍नैक्‍स परोसे जाते हैं और लोग मजे ले-ले कर खाते हैं।

भारत के परिप्रेक्ष्‍य में यह अश्‍लीलता से कम नहीं, लेकिन जापान में ऐसे रेस्‍त्रां काफी प्रचलित हैं। इन रेस्‍त्रां को नयोटियामोरी रेसत्रां कहा जाता है। इन रेस्‍त्रां में बड़ी-बड़ी डाइनिंग टेबल पर यहां की खास डिश सुशी सा साशिमी को लड़कियों के ऊपर परोसा जाता है। ये रेसत्रां खास तौर से इसी काम के लिये एक से एक सुंदर मॉडलों को पैसा देकर बुलाते हैं, ताकि वो अपने यहां बनायी जाने वाली सुशी का अच्‍छा प्रदर्शन कर सकें।

इसके लिये रेस्‍त्रां खुलने से पहले ही लड़कियां आती हैं और कस्‍टमर आने के पहले टेबल पर नग्‍न लेट जाती हैं। फिर बाकी के कर्मचारी उनके शरीर पर एक-एक कर हरी सब्जियों, सलाद और सुशी से डेकोरेशन करते हैं। सभी तैयारियां के बाद फिर डाइनिंग टेबल पर लड़की के चारों तरफ वाइन ग्‍लास रखे जाते हैं, ताकि यदि कोई सुशी के साथ शराब या वाइन पीना चाहते तो पी सकता है।

इस डाइनिंग टेबल के चारों तरफ कुर्सियां सजा दी जाती हैं। फिर जब कस्‍टमर आते हैं तो वो अपनी पसंद की टेबल चुन कर भोजन मंगवाते हैं। सुशी का टेस्‍ट लेने के लिये वो सीधे लड़की के शरीर के ऊपर से स्‍नैक्‍स उठाते हैं और खाते हैं। इस दौरान लड़की के गुप्‍तांग व वक्ष सिर्फ पत्‍तों और हरी सब्जियों से ढके होते हैं। इसे यहां के कल्‍चर की बुराई कहिये या अच्‍छायी जब किसी होटल में पार्टी का आयोजन होता है तो बीच में लड़की लेटी रहती है और लोग चारों ओर बैठकर मजे ले-लेकर सुशी का स्‍वाद लेते हैं और मजे करते हैं।ये तो रही न्‍योटियामोरी रेस्‍त्रां की कहानी, इसी प्रकार जापान में ननटाईमोरी रेस्‍त्रां होते हैं, जहां लड़की की जगह लड़के टेबल पर होते हैं।

तस्वीरों में देखिये हिल्टन पहुंची सिद्धी विनायक के दरबार



हॉलीवुड सेलिब्रिटी पेरिस हिल्टन हाल ही में इंडिया आईं। पेरिस इंडिया में गोवा में चल रहे फैशन वीक में भाग लेने के लिए आई थीं गोवा के बाद वो मुंबई आईं और वहां पर उन्होंने अनाथ बच्चों के साथ काफी वक्त गुजारा। उन्होंने अनाथ बच्चों के लिए काफी तोहफे भी लिए और उन तोहफों को बच्चों में बांटने के बाद बच्चों के साथ डांस भी किया। अनाथालय के बाद पेरिस मुंबई के सिद्धीविनियाक मंदिर पर पहुंची। वहां पर उन्होंने दर्शन किये और साथ ही भगवान का आशीर्वाद भी लिया।

सिद्धीविनायक मंदिर के दर्शन करने के बाद पेरिस ने ट्विटर पर लिखा "मैं आशीर्वाद के सिद्धिविनायक मंदिर गयी थी और इस तरह के आध्यात्मिक और विशेष स्थान पर पहुंचना अद्भुत था।" पेरिस हिल्टन अपने ब्वॉय फ्रैंड रिवर विपेरी के साथ इंडिया आई थीं। सिद्धिविनाय मंदिर में पेरिस ने हिन्दू गॉड गणपति की तस्वीर के साथ फोटो भी खिंचवाई।

मंदिर जाते वक्त पेरिस ने हिन्दू ट्रेडीशन के मुताबिक अपने माथे पर तिलक लगाया और साथ ही भगवे रंग का एक स्कार्फ ओढ़ा। पूरे दिन पेरिस अपने ब्वॉय प्रैंड के साथ मुंबई के दर्शन करती रहीं और साथ ही उन्होंने कई तस्वीरें भी खींची। मुंदिर के बाहर मौजूद लोगों ने पेरिस को काफी समय तक घेरे रखा और पेरिस की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम भी किये गये थे। पेरिस ने अनाथ बच्चों के साथ रा.वन फिल्म के छम्मक छल्लो गाने पर डांस भी किया। देखिये सिद्धीविनायक मंदिर में पेरिस की कुछ तस्वीरें

आईओसी ने भारत को करा सस्पेंड


नई दिल्ली। भारतीय खेलों के इतिहास में चार दिसंबर 2012 की तारीख काले दिन के रूप में दर्ज हो गई। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के चुनावों में सरकारी हस्तक्षेप को ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन बताते हुए मंगलवार को आईओए को ओलंपिक आंदोलन से निलंबित कर दिया।

आईओसी के कार्यकारी बोर्ड की स्विट्जरलैंड के लुसाने में शुरू हुई दो दिवसीय बैठक में आईओए को निलंबित करने का फैसला किया गया। आईओसी ने आईओए के चुनाव खेल संहिता के तहत कराने पर पहले ही नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भारत के निलंबन का प्रस्ताव पेश करेगा और उसने आखिर अब आईओए को निलंबित कर दिया।

आईओए के निलंबन के फैसले का मतलब है कि भारत की सर्वोच्च खेल संस्था को आईओसी से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलेगी और उसके अधिकारी ओलंपिक बैठकों में हिस्सा लेने तथा खिलाडी ओलंपिक स्पर्द्धाओं में हिस्सा लेने से वंचित हो जाएंगे। भारतीय एथलीट अपने राष्ट्रध्वज के तहत ओलंपिक स्पर्द्धाओं में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि आईओसी उन्हें ओलंपिक ध्वज के तहत भाग लेने की अनुमति दे सकता है।

भारत के खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह, आईओए के निर्विरोध अध्यक्ष बने अभय सिंह चौटाला और कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने आईओसी के इस फैसले को गलत और एकतरफा कदम बताया है। हालांकि खेल मंत्रालय और आईओए की तरफ से आईओसी को इस मामले को सुलझाने के लिए पत्र भी लिखे गए थे और आईओए दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने को तैयार था लेकिन आईओसी ने इन पत्रों का न तो कोई जवाब दिया और न ही प्रतिनिधिमंडल को लुसाने आने की मंजूरी दी।

आईओसी का आरोप है कि भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनावों में पिछले दो सालों से सरकार का हस्तक्षेप रहा है। आईओसी की नवंबर के आखिर में दी गई इस चेतावनी के बावजूद आईओए के अधिकारी दावा करते रहे थे कि आईओसी के साथ बातचीत कर मामला सुलझा लिया जाएगा। आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने खेल संहिता के प्रति अपना विरोध व्यक्त करते हुए आईओसी के गत 29 नवंबर को पत्र लिखा था कि उनके लिए यह चुनाव दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के तहत कराना मजबूरी है।

आईओसी ने मल्होत्रा के इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और आईओए के दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भी लुसाने आने के लिए अपनी मंजूरी नहीं दी। हालांकि आईओए ने लुसाने जाने वाली उड़ान के लिए तीन दिन के अपने टिकट बुक करा रखे थे। इस प्रतिनिधिमंडल में हाकी इंडिया के महासचिव नरेन्द्र बत्रा और एडवोकेट आर के आनंद शामिल थे। इस बीच आईओए के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए अभय सिंह चौटाला ने आईओसी के इस फैसले को पूरी तरह गलत और एकतरफा बताया है। चौटाला ने मीडिया में निलंबन का फैसला आते ही अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि हमें इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।

आईओए के चुनाव गत 25 नवंबर को होने थे लेकिन चुनाव पैनल के अध्यक्ष के इस्तीफा देने के बाद इन चुनावों के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की गई। आईओए का चुनाव बुधवार को होना है लेकिन इससे पहले ही आईओसी का यह फैसला आ गया।

अध्यक्ष पद के लिए आईओए के महासचिव और आईओसी के सदस्य रणधीर सिंह के अपना नामांकन वापस लिए जाने के बाद चौटाला निर्विरोध अध्यक्ष बन गए थे। चौटाला के साथ-साथ दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल घोटालों के आरोपी ललित भनोट निर्विरोध महासचिव, वीरेन्द्र नानावटी वरिष्ठ उपाध्यक्ष और एन रामचंद्रन कोषाध्यक्ष चुन लिए गए थे। इन चार पदाधिकारियों के चयन के बावजूद आईओए पर निलंबन की तलवार लटकी हुई है।

आईओए के अधिकारी हालांकि यह तो बराबर कहते रहे कि वे खेल संहिता का विरोध करते रहेंगे लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के तहत चुनावों को खेल संहिता और आईओए संविधान के तहत कराया जाना था। मल्होत्रा ने खेल संहिता वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था और आईओए का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह से मिला था।

इस बीच मल्होत्रा ने कहा कि आईओए को अभी तक निलंबन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। आईओए के निलंबन का मतलब है कि भारत की सर्वोच्च खेल संस्था को आईओसी से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलेगी और उसके अधिकारी ओलंपिक बैठकों में हिस्सा लेने तथा खिलाड़ी ओलंपिक स्पर्द्धाओं में हिस्सा लेने से वंचित हो जाएंगे। भारतीय एथलीट अपने राष्ट्रध्वज के तहत ओलंपिक स्पर्द्धाओं में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि आईओसी उन्हें ओलंपिक ध्वज के तहत भाग लेने की अनुमति दे सकता है।

आईओसी ने हाल ही में कुवैत की ओलंपिक समिति को भी निलंबित करने की धमकी दी थी लेकिन इस खाड़ी देश ने आईओसी के प्रतिबंध से बचने के लिए पिछले सप्ताह अपने खेल कानून में संशोधन कर लिया था। मल्होत्रा ने आईओसी को जो पत्र लिखा था उसका कोई जवाब हमारे पास नहीं आया है। इसलिए मेरा मानना है कि यह बिल्कुल गलत और एकतरफा फैसला है। हम इस मामले को लेकर फिर से आईओसी के पास जाएंगे।

सहयोगी दल भी एफडीआई पर खफा

सहयोगी दल भी एफडीआई पर खफा
नई दिल्ली। विपक्ष के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे दलों ने भी मल्टी ब्रांड खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को किसानों, छोटे व्यापारियों और आम आदमी के खिलाफ करार देते हुए मंगलवार को लोकसभा में इस फैसले को वापस लेने की पुरजोर मांग की मगर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मतदान के सवाल पर अपने पžो नहीं खोले।

सदस्यों ने सदन में एफडीआई के मुद्दे पर मतदान के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार चाहे जो तर्क दे उसका निर्णय देश हित के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इससे देश में करोड़ों लोग बेरोजगार होंगे, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा और विदेशी कंपनियां सिर्फ लूट मचाएंगी। दूसरी ओर विपक्ष के विरोध को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि एफडीआई के उसके फैसले से किसानों, उपभोक्ताओं और युवाओं को लाभ होने के अलावा देश की अर्थव्यवस्था भी दुरूस्त होगी।

सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने विभिन्न देशों के आंकडे देते हुए कहा कि एफडीआई और बहुराष्ट्रीय कंपनियां जहां भी गई हैं वहां छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका तक में वालमार्ट जैसी कंपनियों का विरोध हो रहा है लेकिन हम उन्हें अपने देश में आने की अनुमति दे रहे हैं। स्वराज ने प्रधानमंत्री से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से हम आपको हराना नहीं बल्कि मनाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी जीत आपको हराने में नहीं बल्कि आपको मनाने में है। उन्होंने सरकार के सहयोगी दलों से अपील की कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो वे देशहित में विपक्ष के प्रस्ताव का समर्थन करें। सपा के मुलायम सिंह यादव ने भी इस निर्णय को गरीबों के साथ धोखाधड़ी और देशहित के खिलाफ बताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। लेकिन वह इस सवाल पर चुप्पी साधे रहे कि प्रस्ताव पर मतदान के दौरान उनकी पार्टी का रूख क्या होगा।

बसपा के दारा सिंह चौहान ने इस निर्णय को देश को दूसरी ओर गुलामी की ओर धकेलने वाला आत्मघाती कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमती स्वराज के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी अपना फैसला मतदान के समय ही करेगी। सरकार में शामिल द्रमुक केटीएस एलनगोवन ने भी एफडीआई का विरोध किया। लेकिन उन्होंने कहा कि सिर्फ एक गलती के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता।

तृणमूल कांग्रेस ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था एवं करोड़ों छोटे खुदरा कारोबारियों की आजीविका पर घातक प्रभाव पडेगा। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि मल्टीब्रांड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति देने से तीन करोड़ से अधिक खुदरा कारोबारियों एवं छोटे व्यापारियों की आजीविका बर्बाद हो जाएगी।

भाषण के मुख्य अंश
पेप्सीको आज भी बाहर से आलू-टमाटर मंगाती है
पेप्सीको ने पंजाब के आलू-टमाटर रिजेक्ट कर दिए
मैकडोनल्ड भारतीय किसानों से आलू नहीं लेती है
रिटेल में एफडीआई से नए बिचौलिए खड़े हो जाएंगे
जब कई दुकानदार होते हैं तो ग्राहक को ठग नहीं सकते
कर्मचारियों को कम सैलरी देकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
किसानों से सस्ता अनाज खरीदकर कीमतें घटाती है विदेशी कंपनियां
छोटे और मझौले किसानों से अनाज नहीं खरेदेगी विदेशी कंपनियां
प्रतियोगी बाजार ही उपभोक्ता के हित में होता है न कि एकाधिकार वाला
वॉलमार्ट के एक स्टोर में सवा दो सौ कर्मचारी होते हैं तो वो 40 लाख नौकरियां कैसे देगा
एक शहर में 600 स्टोर खुलेंगे तब मिल पाएगी 40 लाख लोगों को रोजगार
रिटेल में एफडीआई से मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटें बंद हो जाएगी
कारखाने खुलेंगे चीन में और अंधेरा होगा हमारे यहां 12 करोड़ लोगों के घर में
नौकरियां मिलेगी चीन में और हमारे यहां होगी बेरोजगारी
जहां जहां रिटेल में एफडीआई की अनुमति मिली वहां-वहां छोटे दुकानदार खत्म हुए
90 फीसदी सामान चीन से लाएंगी बड़ी रिटेल में कंपनियां
एफडीआई को गिराइए देश को बचाए
हम आपको हराना नहीं बचाना चाहते हैं
पीएम अपनों के लिए लड़ें गैरों के लिए नहीं
विकास की सीढ़ी नहीं विनाश की सीढ़ी है एफडीआई
वॉलमार्ट मजबूर है लेकिन हम क्यों मजबूरी दिखा रहे हैं
वॉलमार्ट के बारे में खबर है कि उसने बड़ी राशि घूस के रूप में दी
एनडीए शासनकाल के दौरान भी आया था एफडीआई का प्रस्ताव
तब कांग्रेस सांसद प्रियरंजन दासमुंशी ने इसे देशविरोधी बताया था

शादी के लिए प्रेमी के घर गई तो जम कर पीटा और फिर जहर देकर दोनों की ले ली जान!




मुरादाबाद. यूपी में एक और प्रेमी जोड़े की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जाता है कि यह इज्‍जत के नाम पर जान लेने का केस है।

संजीव मुरादाबाद के थाना छज्लेट में कुरी रवाना का रहने वाला था। उसे पढाई के दौरान अंजुम से प्रेम हो गया। करीब तीन साल तक दोनों छुप-छुप कर मिलते रहे। फिर दोनों ने शादी करने की ठान ली। लेकिन ये बात अंजुम के परिजनों को मंजूर नहीं थी। परिजनों के डर से अंजुम अपने प्रेमी के घर जा पहुंची। इसकी भनक लगते ही उसके परिजन संजीव के घर पहुंचे। वहां से उसे जबरन साथ ले आए और उसकी खूब पिटाई की। उसके पीछे-पीछे संजीव भी आ गया। उन लोगों ने संजीव को भी मारा-पीटा। बाद में दोनों को जहर दे दिया।

अंजुम के घरवालों का कहना है कि उसकी मौत ज़हर खाने से हुई है। लेकिन लाश पर चोट के कई निशान हैं। संजीव के परिजनों के मुताबिक युवती के भाई, चाचा और पिता ने दोनों को बेरहमी से पीटा और बाद में जहर दे दिया। प्रेमी के परिजनों ने प्रेमिका के घरवालों पर हत्या का आरोप लगाकर थाने में मामला दर्ज कराया है।

मुरादाबाद के एसएसपी विजय सिंह मीना का कहना है कि अंजुम और संजीव का पोस्‍टमॉर्टम करा लिया गया है और विसरा को जांच के लिए भेजा गया है। लड़की के परिजनों के खिलाफ अंजुम की ह्त्या और संजीव को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा भी दर्ज किया गया है। अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

बीकानेर में खोला जायें बैंकिग परीक्षा केन्द्र - अर्जुन राम मेघवाल,

बीकानेर में खोला जायें बैंकिग परीक्षा केन्द्र - अर्जुन राम मेघवाल,

बीकानेर संासद ने लोकसभा मे उठाया शून्य काल मे मुद्दा,
देष में बने पॉलिसी 5 लाख की आबादी से बड़े शहरों मे हो सभी तरह की परीक्षाओं के केन्द्र
नई दिल्ली। 04 दिसम्बर 2012। मंगलवार को लोक सभा में बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने शून्यकाल के दौरान मुद्दा उठाते हुये बीकानेर शहर में बैंकिग परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्र खोलने की मांग रखी। सांसद मेघवाल ने कहा कि बीकानेर संसदीय क्षेत्र का मुख्यालय बीकानेर है, जो संभाग मुख्यालय भी है। बीकानेर के आसपास श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चुरू एवं नागौर जिले की सीमाऐं लगती है, लेकिन बीकानेर में इन्स्टीट्यूट ऑफ बैंकिग कार्मिक चयन का सेन्टर नहीं होने से अभ्यार्थियों को जयपुर, जोधपुर व अन्य स्थानों पर परीक्षा देने जाना पड़ता है, जो की बेरोजगार युवाओ पर दोहरी मार पड़ती है। सांसद ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय से मांग की कि Institute of Banking – Perssonnel (Selection) का परीक्षा केन्द्र बीकानेर मे खुलवाने की व्यवस्था करे जिससे प्रतिवर्ष हजारो छात्र - छात्राओं को जो बैंकिग की परीक्षा देना चाहते है, उन्हें राहत मिल सकें तथा इसके साथ ही एक ऐसी पॉलिसी बनाई जाये जिससे जिन शहरों में 5 लाख से ज्यादा आबादी हो उनमे लगभग सभी परीक्षाओ के परीक्षा केन्द्र खोले जायें।

चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं करने को ले कर चिकित्सा मंत्री का पुतला ग्रुप फॉर पीपुल से फूंका


चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं करने को ले कर चिकित्सा मंत्री का पुतला ग्रुप फॉर पीपुल से फूंका 


कलेक्टर ने प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं करने का दिया आश्वासन

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय चिकित्सालय के चिकितासको की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को ग्रुप फॉर पीपुल्स ने चिकित्सा मंत्री दुर्रु मिंया का कलेक्ट्रेट परिसर के आगे पुतला फूंक मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया .ग्रुप फॉर पीपुल्स ने जन हित में मंगलवार को राजकीय चिकित्सालय के तीन चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति समाप्त ना करने की मांग को लेकर चिकित्सा मंत्री दुर्रु मिंया का पुतला फूंका ,ग्रुप के संयोजक चन्दन सिंह भाटी के नेतृत्व में रमेश सिंह इन्दा ,हिन्दू सिंह तामलोर ,दिग्विजय सिंह चुली ,स्वरुप सिंह कपुरडी ,दिलीप सिंह ,लेखराज गोयल ,मांगीलाल ,दिनेश्पाल सिंह लखा ,अशोक सिंह ,ठान सिंह ,सहित कई लार्यकर्ताओ ने चिकत्सको की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के निर्णय का विरोध जताते हुए चिकित्सा मंत्री का पुतला फूंका ,ग्रुप के कार्यकर्ताओ ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया ,जिला कलेक्टर ने आश्वस्त किया की बुधवार तक प्रतिनियुक्त चिकितासको को हटाने के निर्णय पर सकारात्मक आदेश आने की संभावना हें ,ज्ञापन में लिखा हें राज्य सरकार के आदेशानुसार प्रतिनियुक्ति पर लगे सरकारी कारिंदों को गृह विभाग में भेजा हें ,निःसंदेह सरकार का बेहतरीन कदम हें ,मगर बाड़मेर जिले के राजकीय चिकितास्लय में लम्बे अरसे बाद प्रतिनियुक्ति पर तीन चिकित्सक लगे हें जिसमे डॉ सुरेन्द्र चौधरी के आने के बाद पहली बार बाड़मेर के अस्थि रोग पीडितो को जिलो और प्रान्तों में इलाज़ हेतु , बाड़मेर जिले में अस्थि के ओप्रेसन सपने जैसा था मगर इस सपने को सुरेन्द्र चौधरी ने साकार किया ,अस्थि रोगिये के ओप्रेसन बाड़मेर के अस्पताल में बड़ी तादाद में हुए वो भी सफलता ,पूर्वक सुविधा के आभाव के बावजूद इस युवा चिकितासक ने सेवा भाव से कार्य कर जनता का दिल और विशवास जीता हें ,जहा बाड़मेर कोई नया चिकित्सक आना नहीं चाहता जो आये उन्हें हटा दिया जाए यह उचित नहीं ,बाड़मेर जिले की परिस्थितियों को भली भांति जानते हें ऐसे में बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय में नियुक्त चिकित्सको को किसी भी सूरत में नहीं हटाया जाए ,आपसे निवेदन हें की राजकीय चिकित्सालय के तीन होनहार और सेवा भावी चिकितस्क प्रतिनियुक्ति पर हें ,उने हटाया नहीं जाए ,बाड़मेर जिले की जनता की मांग हें की इन चिकित्सको की प्रतिनियुक्ति को स्थाई सेवा में बदल दिया जाये ,.यदि इन चिकित्रसको को हटाया गया तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी

कांग्रेस में बगावत,अमीन ने छोड़ी पार्टी

कांग्रेस में बगावत,अमीन ने छोड़ी पार्टी
अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नरहरी अमीन ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अमीन ने कांग्रेस की ओर से घोषणा पत्र जारी करने के कुछ ही देर बाद पार्टी छोड़ने का ऎलान किया।

अमीन टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे थे। लगातार दो बार हारने के कारण कांग्रेस ने अमीन को टिकट नहीं दिया था। वे गांधीनगर दक्षिण से चुनाव लड़ना चाहते थे। अमीन के कांग्रेस का साथ छोड़ने से नरेन्द्र मोदी को फायदा हो सकता है।

टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था। अमीन को मनाने के लिए कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। केन्द्रीय मंत्री राजीव शुक्ला भी उन्हें मनाने के लिए गए थे। कांग्रेस ने अमीन समर्थक और पूर्व मंत्री नरेश रावल को भी टिकट नहीं दिया था।

अमीन ने अपने समर्थकों से अपने अपने पदों से इस्तीफा देने को कहा था। इस पर अमीन समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अर्जुन मोडवाडिया को इस्तीफे सौंप दिए थे। अमीन का पटेल समुदाय में अच्छा खासा प्रभाव है।

पटवारी 5 हजार रूपए रिश्वत लेते गिरफ्तार

पटवारी 5 हजार रूपए रिश्वत लेते गिरफ्तार
जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को श्रीगंगानगर में पटवारी रामप्रताप मेघवाल को 5 हजार रूपए की रिश्वत लेेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। एसीबी महानिरीक्षक उमेश मिश्र ने बताया कि अनुपगढ़ निवासी राजेन्द्र सिंह नाम के एक व्यक्ति शिकायत पर कार्रवाई की गई।

राजेन्द्र ने शिकायत की थी उसकी माताजी महेन्द्र कौर के नाम तीस बीघा जमीन है। इस कृषी भूमी पर पानी की बारी की पर्ची बनाने की एवज में रामप्रताप ने 10 हजार रूपए की मांग की जिसमें तीन हजार रूपए पहले ले लिए थे और पांच हजार रूपए और की मांग कर रहा है। इस बीच राजेन्द्र ने एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी ने जाल बिछाकर रामप्रताप को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

अपहरण मामला: आरयू के छात्र नेता गिरफ्तार

अपहरण मामला: आरयू के छात्र नेता गिरफ्तार
जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनावों के बाद पिछले महीने मारपीट और अपहरण के मामले में आरोपी 3 छात्र नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में छात्रसंघ के पूर्व महासचिव अमित शर्मा भी शामिल है। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से झगड़े और अपहरण के इस मामले में खुलासे की उम्मीद जताई है। मामले में जयपुर पुलिस को अब भी छात्र नेता मुकेश भाकर और अन्य की तलाश है।

मुरलीपुरा थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि अमित कुमार शर्मा(26),सुनील बेनीवाल(22)और अरविन्द गौतम(25) को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन मामले में अभी मुकेश भाकर व अन्य की तलाश चल रही है। हालांकि,भाकर खुद को निर्दोष साबित करते हुए मामले में फंसाए जाने की बात कह रहा है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार छात्र नेताओं से पूछताछ के बाद ही मामले का खुलासा होगा।

यह था मामला:

मुरलीपुरा थाना इलाके का यह मामला पिछले महीने 18 तारीख का है। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार दातारामगढ़ पचार निवासी महेंद्र खींचड़ पुत्र भगवान सहाय के साथ रात को करीब नौ बजे केडिया पैलेस चौराहे पर कुछ युवकों ने मारपीट की। मारपीट के बाद उसे गाड़ी में डालकर ले गए और सीकर रोड स्थित राजावास के पास सुनसान क्षेत्र में पटक कर चले गए। बाद में पीडित ने थाने पहुंच घटना की जानकारी दी। पीडित ने पूर्व महासचिव अमित शर्मा,मुकेश भाकर सहित अन्य छात्रनेताओं के खिलाफ मारपीट व अपहरण का मामला दर्ज करवाया।

अधिवक्‍ता संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्‍य न्‍यायाधीश से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा

अधिवक्‍ता संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्‍य न्‍यायाधीश से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा



बाड़मेर। नव सृजित एडीजे कोर्ट बाड़मेर में रखने की मांग को लेकर पिछले एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर चल रहे बाड़मेर बार एशोसिएसन के अधिवकताओं के एक प्रतिनिधि मण्‍डल ने मंगलवार को राजस्‍थान के मुख्‍य न्‍यायाधीश अरूण मिश्रा से मुलाकात कर नव सृजित एडीजे कोर्ट बाड़मेर में रखने की मांग की।

बाड़मेर बार एशोसिएसन के अध्‍यक्ष एडवोकेट सोहन चौधरी ने बताया कि मुख्‍य सचिव ने बार एशोसिएशन की मांग को न्‍यायोचित्‍त बताते हुए नव सृजित एडीजे कोर्ट बाड़मेर में रखे जाने का आश्‍वासन दिया। चौधरी ने कहा कि मुख्‍य सचिव को दिए गए ज्ञापन में नव सृजित एडीजे कोर्ट बाड़मेर में रखने की मांग के साथ कई अन्‍य मांगे भी शामिल थी। पांच सूत्री मांग पत्र में अतिरिक्‍त जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश विशेष न्‍यायालय अनूसचित जाति जन जाति कोर्ट बाड़मेर में खोलने, जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश कोर्ट का मुख्‍यालय बाड़मेर में करने, ग्रामीण न्‍यायालयों में न्‍यायाधीशों की नियुक्ति संबधी मांगें शामिल थी।

बाड़मेर बार एशोसिएशन के सचिव एडवोकेट अमृत जैन ने बताया कि जब तक बाड़मेर बार एशोसिएशन की सभी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्‍होनें बताया कि मंगलवार से मुंशी एशोसिएसन, स्‍टांप वेंडर और टाइप एशोसिएसन ने भी वकीलों की हड़ताल को समर्थन देते हुए अपना कामकाज बंद कर दिया है।



मुख्‍य न्‍यायाधीश को मिले प्रतिनिधि मंडल में बाड़मेर बार एशोसिएशन के सचिव एडवोकेट अमृत जैन, एडवोकेट जसवंत बोहरा, एडवोकेट गोपालसिंह राजपुरोहित एवं जोधपुर के राजेश पंवार सहित कई अधिवक्‍ता शामिल थे।