मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

शाही परिवार को जल्द मिलेगा नया वारिस

शाही परिवार को जल्द मिलेगा नया वारिस

लंदन। ब्रिटेन के शाही परिवार में जल्द ही नन्हा मेहमान आने वाला है। प्रिंस विलियम की पत्नी कैट मिडल्टन प्रेगनेंट है। सेंट जेम्स पैलेस की ओर से यह जानकारी दी गई है।

इस खबर से शाही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। पैलेस के अधिकारियों ने बताया कि डचेज ऑफ कैम्ब्रिज को सुबह की कमजोरी महसूस हुई। वह फिलहाल लंदन के अस्पताल में है। उनके साथ प्रिंस विलियम हैं।

समझा जाता है कि केट को कुछ दिन अस्पताल में ही रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी जाएगी। शाही परिवार में नन्हे मेहमान आने की खबर जैसे ही मीडिया में आई दुनिया भर से बधाईयों का तांता शुरू हो गया है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डिवेड कैमरून ने ट्वीट किया कि कैट और विलियम अच्छे माता पिता साबित होंगे। साल 1981 में डायना के मां बनने के बाद शाही परिवार को इस बच्चे का बेसब्री से इंतजार है।

पैलेस के अधिकारियों ने बताया कि केट का गर्भ अभी 12 वें सप्ताह में नहीं पहुंचा है। डचेज ऑफ कैम्ब्रिज हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम से ग्रसित है। इससे ग्रसित महिलाएं उल्टियां करती है और खाना पेट में नहीं टिकता।


कैबिनेट कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक चाहे लड़का हो या लड़की वह प्रिंस विलियम और प्रिंस चार्ल्स के बाद राजगद्दी का तीसरा वारिश बन जाएगा। पिछले साल 29 अप्रेल को केट और विलियम की शाही शादी हुई थी। दोनों का यह पहला बच्चा होगा।

अगर राष्ट्रमण्डल और 15 अन्य देश नए प्रस्ताव को मंजूरी दे देते हैं तो चाहे लड़का हो या लड़की वह एक दिन सशस्त्र सेनाओं का प्रमुख,ब्रिटेन का राज्यप्रमुख और चर्च ऑफ इंग्लैण्ड का प्रमुख गर्वनर बनेगा। 

वार्डन ने हॉस्टल में छात्राओं से उतरवाए कपड़े

वार्डन ने हॉस्टल में छात्राओं से उतरवाए कपड़े

तिरूनेलवेल्ली। तमिलनाडु के तिरूनेलवेल्ली में छात्राओं से जबरन कपड़े उतरवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप सरकारी हॉस्टल की वॉर्डन पर लगा है।

रिपोर्ट के अनुसार जिले के पलायमकोट्टई स्थित सरकारी छात्रावास में करीब 100 लड़कियां रहती हैं। इनमें से किसी छात्रा ने शौचालय में सेनेटरी नैपकिन डाल दिया जिससे शौचालय की नाली जाम हो गई।

इससे गुस्साई हास्टल वार्डन ने पहले तो छात्राओं से पूछा कि यह किसने किया। बाद में उसने छात्राओं के कपड़े उतरवा कर खुद ही मामले की जांच की। वार्डन की हरकत से आहत छात्राओं ने अपने अभिभावकों से इसकी शिकायत की।

मामले को गंभीरता से लेते हुए हॉस्टल के उच्च अधिकारियों और पुलिस ने अभिभावकों से बातचीत की। शिकायत के आधार पर वार्डन और दो अन्य स्टॉफ कर्मियों के निलंबन के आदेश दे दिए गए हैं।

सड़क हादसों में 2 की मौत,24 घायल

सड़क हादसों में 2 की मौत,24 घायल

जयपुर/अलवर। मंगलवार को दो अलग-अलग जगह पर हुए सड़क हादसों में दो की मौत हो गई जबकि 24 अन्य घायल हो गए। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराय गया है। पहली घटना जयपुर के मुहाना क्षेत्र में टीलावाला गांव के पास की है,यहां सुबह करीब पौने पांच बजे रोडवेज बस अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई।

घटना में बस में सवार डेढ़ दर्जन से अधिक सवारियां घायल हो गई। दुर्घटना में बस चालक और परिचालक भी गंभीर रूप से जख्मी हुए। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाल कर सांगानेर के एक निजी अस्पताल व एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। बस उदयपुर से जयपुर आ रही थी।

दूसरी घटना अलवर के घासोली गांव के पास की है। यहां रोडवेज बस बेकाबू होकर एक मकान में जा घुसी। हादसे में बस चालक व एक अन्य यात्री की मौके पर मौत हो गई,जबकि 7 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बस हिडौंन से दिल्ली जा रही थी। बताया जा रहा है कि चालक को झपकी आ गई थी इस वजह से हादसा हुआ। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। करीब आधा दर्जन यात्रियों को गंभीर हालत में अलवर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सांसदों ने कहा,मोदी को मत दो वीजा

सांसदों ने कहा,मोदी को मत दो वीजा

वाशिंगटन। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बड़ा झटका लगा है। 25 अमरीकी सांसदों ने मोदी पर वीजा बैन जारी रखने की मांग की है। अमरीका के 25 सांसदों ने अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिखकर कहा है कि मोदी को वीजा न दिया जाए।

इन सांसदों का आरोप है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2002 के दंगा पीडितों को इंसाफ नहीं दिलाया। हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव के इन 25 सदस्यों का ये भी आरोप है कि अगर मोदी को वीजा दिया गया तो गुजरात दंगों की जांच पर असर पड़ेगा। क्लिंटन को ये पत्र 29 नवंबर को लिखा गया था।

पत्र में कहा गया है कि मोदी लगातार सत्ता में हैं। ऎसे में अमरीकी वीजा नीति में बदलाव से मोदी सरकार की उन कोशिशों को बल मिलेगा जिनकी वजह से दंगों की जांच और दोषियों को सजा दिलाने में मुश्किलें पैदा हो रही हैं। सांसदों का ये खत रिपब्लिकन पार्टी के सांसद जो पिट्स और फ्रैंक वूल्फ ने मीडिया को जारी किया।

मोदी को 2005 में जब वीजा देने से इनकार किया गया था तब जॉर्ज बुश अमरीकी राष्ट्रपति थे। हालांकि बीते कुछ दिनों में अमरीका ने अपने रूख में नरमी के संकेत दिए हैं और ये कहा है कि मोदी अगर वीजा के लिए अर्जी देते हैं तो वो इस पर विचार कर सकता है।

कांग्रेस सदस्यों ने पत्र में लिखा है कि भारत एक सफल लोकतंत्र है जो उच्च स्तर के नेतृत्व और प्रगति की आकांक्षा रखता है। यह परेशान करने वाली बात है कि गुजरात हमलों से उनका नाम जुड़ा होने के बावजूद भारत में कुछ राजनीतिक दल मोदी को बढ़ावा दे रहे हैं। अमरीका आने की मंजूरी मिलने से उन्हें 2002 के मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में अपनी जिम्मेदारी से बच निकलने में और मदद मिलेगी।

जुए में बीवी को ही लगा दिया दांव पर

जुए में बीवी को ही लगा दिया दांव पर

नोएडा। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने जुए में अपनी बीवी को ही दांव पर लगा दिया। वह यह दांव हार गया। पुलिस ने आरोपी शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीडिता की ओर से दर्ज कराई शिकायत के मुताबिक दस दिन पहले उसके पति ने जुए में दांव पर लगा दिया। इसके बाद कई लोग उसे अगवा करने के लिए घर पर आ धमके। किसी तरह वह बदमाशों के चंगुल से भागने में कामयाब हो गई।

इसके बाद उसने नोएडा के जारचा पुलिस स्टेशन में पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पीडिता ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही पति उसे प्रताडित करने लगा। वह छोटे भाई के साथ सेक्स के लिए दबाव बनाने लगा। जब उसने ऎसा करने से मना कर दिया तो उसकी जमकर पिटाई की गई।

रेत पर नाम लिखते नहीं


 रेत पर नाम लिखते नहीं 

रेत पर लिखे नाम कभी 

टिकते नहीं लोग कहते हैं 

पत्थर दिल हैं हम लेकिन 


पत्थरों पर लिखे नाम 

कभी मिटते नहीं.

foto....1971 भारत-पाक युद्धः भारतीय सेना की अमर गाथा







भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ 1971 का युद्ध भारतीय इतिहास में हमेशा अमर रहेगा। लगभग दो हफ्ते (3-16 दिसंबर) तक चले इस युद्ध के बाद दुनिया के पटल पर बांग्लादेश नामक नए मुल्क का उदय हुआ। भारतीय जाबांजों के साहस और जीवटता के आगे पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए थे। इसे हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी युद्ध विजय कहा जाता है।

25 मार्च, 1971 को पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया खां ने पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैन्य ताकत से कुचलने का आदेश दिया। पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश के बड़े नेता शेख मुजीबुर्रहमान को गिरफ्तार कर दमन चक्र शुरू कर दिया। इधर परेशान और आहत पूर्वी पाकिस्तान के लोगों का हिंदुस्तान आने का सिलसिला शुरू हुआ।

पाकिस्तानी सेना के दमन चक्र बढ़ने के बाद भारत पर दबाव पड़ने लगा कि वह पूर्वी पाकिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप करे। तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मसले पर थलसेना अध्यक्ष जनरल मानकेशॉ से राय मांगी। मानेक शॉ ने इंदिरा गांधी को साफ कर दिया कि वह पूरी तैयारी के साथ ही जंग के मैदान में उतरना चाहेंगे।

3 दिसंबर 1971 को अचानक पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सीमा पर पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर और आगरा के सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराने शुरू कर दिए। कलकत्ता में जनसभा कर रहीं इंदिरा गांधी ने उसी समय दिल्ली लौटने का फैसला किया। मंत्रिमंडल की आपात बैठक में इंदिरा ने देश को संबोधित किया। और फिर शुरू हुई भारतीय सेना की अमर गाथा...।

पूर्व में तेजी से आगे बढ़ते हुए भारतीय सेना ने जेसोर और खुलना पर कब्जा कर लिया। तंगेल पर कब्जा और पाकिस्तानी सेना के ढाका भागने वाले मार्गों को बंद करने के तुरंत बाद मानके शॉ ने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल नियाजी को अपना संदेश भेजकर आत्मसमर्पण करने को कहा। इस युद्ध में पूर्वी कमान के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब की भी अहम भूमिका रही।

15 दिसंबर को पाकिस्तानी सेनापति जनरल एके नियाजी ने युद्धविराम की प्रार्थना की। 16 दिसंबर 1971 को करीब 90,000 पाकिस्तानी फौजों ने आत्मसमर्पण कर दिया। याहिया खां पूरी तरह हार मान चुके थे। इस तरह बांग्लादेश नामक नए मुल्क का उदय हो गया।

foto...खतरे में जैसलमेर का किला






खतरे में जैसलमेर का किला


उपेक्षा के दंश, प्रकृति के बदलते तेवर और इंसान की बढ़ती जरूरतों ने विश्व की अनमोल धरोहरों में से एक सोनार किले को जर्जर हालात में पहुंचा दिया है. हालियां रिपोर्टों और आए दिन इसकी गिरती दीवारों ने यहां रहने वालों की पेशानी पर बल लाना तो शुरू कर दिया है पर प्रशासनिक उपेक्षा का आलम बरकरार है.
जैसलमेर का किला 
ज्‍योलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एक उच्च अधिकारी बताते हैं कि किले के पहाड़ की मिट्टी 154 लाख साल पुरानी है. अब जहां मिट्टी का 'हृास' हो रहा है, वहीं सीवरेज का पानी नींव में जा रहा हैं. और तो और, किले में चल रहे नए निर्माण कार्य से पहाड़ पर बढ़े भार ने आग में घी का काम किया है.

बॉम्बे कोलेबरेटी अर्बन डिजाइनिंग ऐंड कंजर्वेशन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर, स्ट्रक्चरल ज्‍योटेकनीकल वर्क एस.सी. देशपांडे बताते हैं कि किले के पहाड़ में हो रही हलचल की जांच के लिए करीब 9 स्थानों पर टेस्टिंग की गई थी. इसके डाटा का आकलन यूके में किया गया था. इसकी स्टडी रिपोर्ट सचमुच चौंकाने वाली है. किले की हालत बहुत खराब है. इसके पहाड़ खिसक रहे हैं. करीब 3 स्थानों पर पहाड़ में न केवल मूवमेंट हो रहा है बल्कि कोटड़ी पाड़ा, ढूंढा पाड़ा और एक अन्य स्थान पर भूकंप की फॉल्ट लाइन की पहचान की गई है.

वर्ल्ड वॉच मॉन्युमेंट की भारत में प्रतिनिधि अमिता बेग दुनिया की चुनिंदा 100 धरोहरों में शुमार इस विख्यात किले के दिनोदिन खतरनाक हालत में तब्दील होने से खासी दुखी हैं. वे बताती हैं ''किले की नींव में लगातार पानी जाने से पहाड़ीनुमा ढलान धंसती जा रही है. इसमें झुकाव शुरू हो गया है. किले के पत्थर अंदर ही अंदर मिट्टी में बदलते जा रहे हैं.''

किले के साथ की जा रही छेड़छाड़ और बारिश से 99 बुर्जों वाले इस किले के 16 बुर्ज पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं. उधर, किले के बारे में स्टडी, रिसर्च व योजनाएं बनाने में पिछले 8 साल से बैठकें और दौरे हो रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्य शुरू नहीं हो सका है. हर छह माह में एएसआइ के उच्चाधिकारी बदल जाते हैं. पिछले तीन साल में जैसलमेर में पांच जिला कलेक्टर बदले जा चुके हैं. इसी कारण संरक्षण कार्य सही ढंग से नहीं हो पा रहा है.

केंद्र सरकार ने सोनार किले के संरक्षण के लिए किए जाने वाले खर्च के लिए नोडल एजेंसी नेशनल कल्चर फंड बना रखा है. उसने 4 करोड़ रु. दिए थे जबकि 2.5 करोड़ रु. वर्ल्ड वॉच मॉन्युमेंट ने मुहैया करवाए थे, यह राशि उनके बैक खातों में 2003 से पड़ी है. इस प्रकार 6.5 करोड़ रु. आठ साल से नेशनल कल्चर फंड के बैंक खातों में जमा हैं. लेकिन उनका कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

गौरतलब है कि भाटी राजपूतों की आठवीं राजधानी लुद्रवापुर में थी. मगर वह हर लिहाज से असुरक्षित थी. मुगलों के बार-बार होने वाले हमलों से दुखी तत्कालीन राजा जैसल ने लुद्रवा से करीब 18 किमी दूर त्रिकुट पर्वत पर 1212 में 99 बुर्जों वाला एक शानदार किला बनवाया. इस किले की संरचना इस तरह की गई थी कि दुश्मन लाख चाहे तो इस पर हमला नहीं कर सकता था.

आज इस किले में एक पूरा शहर समाया हुआ है. यहां करीब 5,000 की आबादी, छोटे बड़े 30 से ज्‍यादा होटल, एक दर्जन रेस्तरां, 100 से ज्‍यादा छोटी-मोटी दुकानें हैं. पुरातत्व प्रशासनिक अधिकारी व अन्य संस्थाएं इसके संरक्षण को लेकर कभी-कभी होने वाली बैठकों में घड़ियाली आंसू बहा कर अपने फर्ज की इतिश्री कर लेते हैं.

जैसलमेर में 8 नवंबर, 1991 और 26 जनवरी, 2001 को जबरदस्त भूकंप आया था. इस दौरान भी सोनार किले को भारी नुकसान पहुंचा था. यहां के मकानों में दरारें आई थीं और कई जर्जर इमारतों की दीवारें ढह गई थीं. पिछले साल आए भूकंप से भी सोनार किले में बड़ी संख्या में मकानों में दरारें आई थीं.

इन सारे हालात को देखते हुए अगर सरकार समय रहते हरकत में नहीं आती तो ऐतिहासिक महत्व के इस किले को कभी भी बड़ा नुकसान होने की पूरी संभावना है. खास यह है कि यहां रहने वाले लोग भी खतरे के साये में हैं.



 

ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर भजन संध्या

ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर भजन संध्या
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रोहट बांडाई गांव के पास ओमबन्ना की पुण्यतिथि पर गुरुवार को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को महाप्रसादी होगी। भजन संध्या में रमेश माली सहित अनेक भजन गायक प्रस्तुतियां देंगे। आयोजन की तैयारियों को लेकर भीमसिंह चोटिला,चामुंडरायसिंह रोहट, मनोहरसिंह निंबली, गणपतसिंह चोटिला सहित भक्तगण तैयारियों में जुटे हुए हैं।

भू-माफियाओं पर मेहरबानी!



जयपुर। प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी समितियों पर लगी रोक के बाद भी सुविधा क्षेत्र को ताक पर रखकर अवैध तौर पर कॉलोनी की 70 फीसदी भूमि पर भूखंड काटने वाले भू-माफियाओं को राज्य सरकार ने उपकृत करने का फैसला किया है। इसके तहत सरकार अब प्रशासन शहरों के संग अभियान में प्रदेश भर में कृषि भूमि पर बसी ऎसी सैकड़ों कॉलोनियों का नियमन करेगी, जिनमें सुविधा क्षेत्र 40 के बजाय 30 फीसदी ही बचा हो। अभियान से जुड़े मामलों पर निर्णय के लिए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के संयोजन मेंं गठित राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी ने सोमवार को यह फैसला किया।
 
नियमों के अनुसार भूखंड और सुविधा क्षेत्र में 60:40 का अनुपात रखना जरूरी है। गृह निर्माण सहकारी समितियों की कॉलोनियों के नियमन की कट ऑफ डेट 17 जून 1999 के बाद भी भू-कारोबारियों ने अवैध कॉलोनियां काटने का गोरखधंधा जारी रखा। इसके कारण कॉलोनियों में 40 के बजाय 30 फीसदी ही सुविधा क्षेत्र बच पाया है।

80 फीसदी निर्माण जरूरी
कमेटी के फैसले के मुताबिक 17 जून 1999 के बाद इस वर्ष 2 मई तक बसी कॉलोनियों के भूखंडधारियों को भी पट्टे मिल सकेंगे। लेकिन कॉलोनी में 80 फीसदी या इससे अघिक भूखंडों पर निर्माण जरूरी है। कॉलोनी में सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई भी 30 फीट हो। अगर मौके पर इससे कम चौड़ाई की सड़क है तो भूखंडधारी को पट्टा तो 30 फीट के हिसाब से ही मिलेगा। पट्टा लेने के लिए उसे यह शपथ पत्र देना होगा कि तीस फीट में आ रहे निर्माण को वह हटा लेगा और भविष्य में निर्माण नहीं करेगा।

जैसलमेर जिला प्रमुख अनाधिकृत रूप से अशोक स्तंभ का प्रयोग कर रहे हैं


जैसलमेर जिला प्रमुख अनाधिकृत रूप से अशोक स्तंभ का प्रयोग कर रहे हैं


प्रमुख के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी


जैसलमेरजिला परिषद के जिला प्रमुख अब्दुला फकीर द्वारा अपने व्यक्तिगत लेटर हेड पर राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) का प्रयोग करने को लेकर स्वच्छ सेवा संस्थान के अध्यक्ष ने गृहमंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर जिला प्रमुख के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है।

संस्थान के अध्यक्ष डॉ. बी.पी.सिंह ने गृहमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग एवं प्रयोग राष्ट्रीय संप्रतीक (अनुचित प्रयोग निषेध) अधिनियम 2005 की अनुसूची प्रथम, द्वितीय, तृतीय में नामित पदाधिकारियों द्वारा ही किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिला प्रमुख अब्दुला फकीर द्वारा बिना स्वीकृति के अपने व्यक्तिगत लेटर हेड पर अशोक स्तंभ को अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति के छापकर इस राष्ट्रीय संप्रतीक का दुरुपयोग कर इस कानून के अधीन अपराध जानबूझ कर खुलेआम किया जा रहा है। डॉ. बी.पी.सिंह ने जिला प्रमुख अब्दुला फकीर के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है।

राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन



राजस्थानी भाषा रो हैलो जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन


पोस्टकार्ड अभियान का दूसरा चरण 

बारह साल की बच्ची पर टूटा भाई-बाप का कहर, अकेली पाकर किया रेप

सवाई माधोपुर.कुंडेरा गांव के एक परिवार में रविवार शाम बारह वर्षीया बालिका से उसके पिता और भाई ने ज्यादती की। घटना से कस्बे एवं आसपास के गांवों में सनसनी फैल गई। घटना के समय बालिका की मां बड़ी बेटी के हालचाल पूछने गई थीं। शाम को पिता और भाई नशे में धुत्त घर लौटे। 
बालिका ने उन्हें गरम खाना बनाकर खिलाया। सोते समय भाई और पिता ने उसके कमरे घुसकर ज्यादती की। सूचना पर कोतवाली थानाधिकारी रामगोपाल पारीक स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे।

दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए थाने पर लाए। पुलिस अधीक्षक परम ज्योति ने भी थाने पहुंचकर पीड़िता और उसकी मां से बात की। थानाधिकारी को शीघ्र जांच पूरी करने के निर्देश दिए। कोतवाली थानाधिकारी रामगोपाल पारीक ने बताया कि मेडिकल जांच में बालिका की उम्र १२ साल व उससे ज्यादती होने की पुष्टि हुई है।

रविवार शाम कुंडेरा गांव में बारह वर्षीया बालिका से उसके पिता और भाई द्वारा ज्यादती किए जाने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही वे एएसआई वीरेंद्र सिंह और थाने के स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे।

इस दौरान पड़ोसियों एवं गांव के लोगों ने बालिका के पिता और भाई को पकड़कर बिठा रखा था। लोगों ने पुलिस को समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया और पुलिस तफ्तीश के लिए आरोपी पिता और भाई को पकड़कर थाने पर ले आई। मामले की जांच थानाधिकारी द्वारा की जा रही है।

मां गई थी बड़ी बेटी से मिलने

घटना के अनुसार कुंडेरा गांव के एक परिवार में शाम के समय बारह वर्षीया बालिका, उसका भाई और पिता मौजूद थे।

मां उसकी बड़ी बेटी के हालचाल पूछने गई थी। शाम होने के बाद पिता और भाई दोनों नशे में धुत्त होकर घर लौटे, बालिका ने उन्हें गरम खाना बनाकर खिलाया। जब सोने का समय हुआ तो बालिका का भाई और उसका पिता उसके कमरे में घुस गए और उसके साथ ज्यादती की।

भाई ने किया भागने का प्रयास

बालिका के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी एवं गांव के अन्य लोग दौड़ते हुए आए और कमरे को खुलवाने का प्रयास किया। काफी देर तक भी कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो कुछ लोगों ने दीवार की हटी हुई ईंट वाले स्थान से भीतर देखा। यहां बालिका खून से लथपथ पड़ी थी। उसके कपड़े फटे हुए थे तथा चिल्ला रही थी। लोगों ने घर को चारों ओर से घेर लिया।

भाई ने पीछे की दीवार को तोड़कर भागने का प्रयास किया। उसे लोगों ने पकड़ लिया। दीवार में बनाए गए रास्ते से गांव के लोगों ने भीतर घुसकर बाप को भी पकड़ लिया। दोनों नशे में थे। ग्रामीणों ने पिता और भाई को पकड़कर बिठा लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस द्वारा बालिका की मेडिकल जांच करवाई गई। जांच के दौरान चिकित्सकों ने बालिका की उम्र लगभग 12 साल तथा उसके साथ ज्यादती होने की पुष्टि की है। अस्पताल में काफी देर प्रयासों के बाद चिकित्सकों को खून का बहाव रोका जा सका। चिकित्सकों ने बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई है।

चाची से लिया पर्चा बयान

पीड़िता का चिकित्सा मुआयना करवाया गया है। उसका उपचार करवाया जारहा है। पीड़िता की चाची से बयान लिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक परम ज्योति ने भी कोतवाली थाने पर पहुंच कर पूरी घटना की जानकारी ली।

पहले भी लग चुका है आरोप

लोगों ने थानाधिकारी को बताया कि पीड़िता के भाई पर पूर्व में भी किसी लड़की से ज्यादती का आरोप लग चुका है। थानाधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों से मामले के बारे पूछताछ की जा रही है।

नाबालिग युवती से ज्यादती: SP व डिप्टी SP कोर्ट में पेश

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक व गुड़ामालानी के उप पुलिस अधीक्षक सोमवार को जोधपुर हाईकोर्ट में पेश हुए। इन पुलिस अधिकारियों को एक नाबालिग युवती के साथ ज्यादती की जांच से संबंधित मामले में प्रार्थी जगराम की ओर से दायर विविध याचिका की सुनवाई के तहत तलब किया गया था।
 
अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित व प्रद्युम्न सिंह के माध्यम से पेश हुए बाड़मेर के एसपी राहुल बारहठ और गुड़ामालानी के डिप्टी एसपी अर्जुनसिंह ने कोर्ट में बताया कि प्रार्थी की नाबालिग पुत्री ने दर्ज बयान में एक व्यक्ति पर, जबकि बाद में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए बयान में चार लोगों पर ज्यादती का आरोप लगाया है।

पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की पहचान नहीं हो रही है। वैसे कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। इस पर अदालत ने संतोष प्रकट करते हुए दोनों अधिकारियों को अगली सुनवाई पर पेश होने से छूट दे दी।

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

अलवर में फेल हुई कैश सब्सिडी योजना

गरीबों के खाते में सीधे नगद जमा कराने की केंद्र सरकार की भारी-भरकम 'गेमचेंजर' योजना उसके लिए उल्टी भी पड़ सकती है. कम से कम राजस्थान के अलवर में इसके एक साल पुराने पायलट प्रोजेक्ट का अनुभव तो यही दर्शाता है. योजना से जुड़ी मुसीबतों को लेकर कई लोग सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं.

केंद्र सरकार कैश सब्सिडी योजना को अपना ब्रह्मास्त्र बता रही है और इसे पूरे देश में लागू करने का ऐलान भी कर चुकी है. इसी योजना के बूते सरकार 2014 के चुनावी रण में विरोधियों को पटखनी देने का मनसूबा भी पाल रही है.

अगले साल 1 जनवरी से योजना लागू करने से पहले इसका पायलट प्रोजेक्ट भी राजस्थान के अलवर जिले में एक साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन अलवर की हकीकत पर गौर करें तो यूपीए 2 का यही ट्रंप कार्ड उसके ही खिलाफ असंतोष की वजह बन सकता है.

ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी तादाद में लोग शिकायत कर रहे हैं कि साल भर हो गया उनके खाते में पैसे ही नहीं आए हैं. इसके अलावा बहुत सारे लोगों के खाते ही नहीं खुले हैं. कहीं बैंक गांव से दूर हैं तो कहीं खाते खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं हैं.

योजना के बारे में अलवर के एक किसान भजन यादव कहते हैं, 'क्या अच्छी है, पैसे देने की योजना. मजदूरी छोड़कर पैसे के लिए बैंक के चक्कर लगाते रहो. वो भी मिलती नही. हमें कोई फायदा नही है. वहीं किसान श्रीराम यादव की शिकायत है कि पहली बार पैसे दिए थे. उसके बाद तो कभी पैसे नहीं मिले. उनका कहना है, 'हमने बैंक में खाते भी खुलवा लिए लेकिन आज दिन तक पैसे नहीं आए.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में सभी 13,458 उपभोक्ताओं के खाते में पैसे दिए थे लेकिन दूसरी तिमाही में महज 7415 और तीसरी तिमाही में 3164 उपभोक्ताओं के ही खाते में पैसे जमा हुए. प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों ने दिए गए पैसे से केरोसिन नहीं खरीदा उनका पैसा बंद कर दिया गया है.

अलवर के रसद अधिकारी रामचंद्र मीणा का कहना है कि जिन लोगों ने दिए गए पैसे से केरोसिन नहीं खरीदा उनका पैसा हमने बंद कर दिया है.

सवाल उठता है कि अगर किसी महीने में कोई किसी वजह से केरोसिन नहीं ले पाए तो क्या उसका नाम गरीबी लिस्ट से काट देना उचित है. इस योजना के बाद केरोसिन की खपत में 70 फीसदी की कमी आई है लेकिन केरोसिन की कीमत भी 50 रुपये प्रति लीटर हो गई है. जिन्हें खरीदना है वो लोग इस बढ़ी कीमत के लिए सरकार को दोषी मान रहे हैं.