शनिवार, 12 मई 2012

पुलिस अधीक्षक दम्पति जुटे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण में

पुलिस अधीक्षक दम्पति जुटे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण में 





बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जैसलमेर की सुरक्षा राजस्थान सरकार ने एक होनहार पुलिस अधीक्षक दम्पति के हवाले की हें .इस दम्पति ने हाल ही में पुरे देश में चल रहे कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान को अपनी जिंदगी का एक हिस्सा बना दिया हें .यह पुलिस अधीक्षक दम्पति बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट और जैसलमेर की पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई हें जिन्होंने अपने अपने जिलो में कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनजागरण की कमान संभाली हें हालांकि देश में ऐसे कई अधिकारी दम्पति होंगे मगर यह दम्पति खास हें राहुल ने पुलिस के जवानो को इस कुरीति के खिलाफ कमर कसने का सन्देश दिया यह पहला अवसर हें जब कोई पुलिस अधिकारी कन्या भ्रूण ह्त्या के जन जागरण के लिए बोले हो .पुलिस अधिकारी ममता विश्नोई ने भी उस गाँव में जाकर कन्या भ्रुन्हात्य के खिलान जनजागरण का सूत्रपात किया जो गाँव कन्या हत्या के लिए कुख्यात रहा इन गाँवो में प्रशासन का कोई अधिकारी जाना  पसंद नहीं करता जैसलमेर पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने देवड़ा गाँव में जाकर कन्या हत्या के खिलाफ ना केवल जनजागरण किया बल्कि बेटियों को  पढ़ाने की शपथ भी दिलाई अपने गाँव में पहली बार महिला पुलिस अधिकारी को आई देख ग्रामीण ख़ास तौर से महिलाए बड़ी खुश हुई उन्होंने दिल खोल कर कन्या भ्रूण ह्त्या पर अपने अनुभव रखे यह बड़ी व् अनूठी पहल थी ,इस पहल के दूरगामी सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे ,इसी तरह बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने भी इस अभियान को जन जागरण का मुद्दा बनाने का साहस  दिखाया राहुल का व्यक्तित्व आकर्षक हे युवा वर्ग में कम समय में काफी लोकप्रिय हो गए उनका सन्देश लोगो ने हाथो हाथ लिया हें एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर जहां देश पूरा एक साथ खड़ा नज़र आ रहे वन्ही सरहदी जिलो में कन्या भ्रूण ह्त्या के खिलाफ पुलिस अधीक्षक दम्पति ने हुंकार भरी हें जो काबिले तारीफ़ हें उनके जज्बे और हौंसले को सलाम  

भारत ने खोले पाकिस्तान क्रिकेट के लिए दरवाजे!

चेन्नई.जल्द ही पाकिस्तान की टीम भारत की ज़मीन पर खेलती नज़र आ सकती है। बीसीसीआई ने शनिवार को ऐलान किया है कि उसे चैंपियंस लीग टी-20 टूर्नामेंट में पाकिस्तान के शामिल होने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है। लेकिन इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की कोई टीम खेलेगी या नहीं, यह पूरी तरह से भारत सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।
 
गौरतलब है कि नवंबर, 2008 में मुंबई पर हुए हमले के बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट के रिश्ते खत्म हो गए थे। इस वजह से आईपीएल में पाकिस्तानी क्रिकेटरों के लिए दरवाजे बंद कर दिए गए थे। बीसीसीआई के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने इस बारे में कहा, 'वर्किंग कमिटी ने पाकिस्तान से एक टीम को अक्टूबर में भारत में होने वाले इस टूर्नामेंट में बुलाने का फैसला किया है।' इस फैसले का मतलब है कि शोएब मलिक की कप्तनी वाली सियालकोट स्टेलियंस चैंपियंस लीग टी-20 में खेल सकती है क्योंकि यही टीम पाकिस्तान में घरेलू टी-20 चैंपियन है।

जोधपुर स्थापना दिवस देखिये जोधपुर की तस्वीरे सूर्यनगरी : 553 साल का ओजपूर्ण सफर











जोधपुर स्थापना दिवस देखिये जोधपुर की तस्वीरे 

आज हम आपको राजस्थान के दूसरे बड़े शहर जोधपुर लेकर चलते हैं। राजस्थान की राजधानीजयपुर के बाद सर्वाधिक चहल-पहल वाला शहर है जोधपुर। 1459 में राठौड़ वंश के प्रमुख राव जोधा ने जोधपुर की स्थापना की। राजस्थान के बीचोंबीच होने से इस शहर को राजस्थान का दिल भी कहते हैं।





राठौड़ वंश के मुगलों के साथ अच्छे संबंध थे। महाराजा जसवंतसिंह (1678) ने शाहजहाँ को सम्राट के सत्तायुद्ध में मदद की थी। औरंगजेब के काल में मुगलों के साथ इनके संबंध बिगड़ गए। औरंगजेब की मृत्यु के बाद महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों को अजमेर से खदेड़ दिया। महाराजा उमेदसिंह के काल में जोधपुर एक आधुनिक शहर के रूप में विकसित हुआ। मध्ययुगीन काल से जोधपुर के शाही परिवारों का पारंपरिक खेल पोलो रहा है। जोधपुर में थलसेना और वायुसेना की बड़ी छावनी है।

प्रमुख पर्यटन स्थल

उमेद भवन पैलेस : महराजा उमेदसिंह (1929-1942) ने उमेद भवन पैलेस बनवाया था। यह महल छित्तर महल के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह महल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। हाथ से तराशे गए पत्थरों के टुक़डे अनोखे ढंग से एक-दूसरे पर टिकाए गए हैं। इनमें दूसरा कोई पदार्थ नहीं भरा गया है। महल के एक हिस्से में होटल और दूसरे में संग्रहालय है, जिसमें आधुनिक हवाई जहाज, शस्त्र, पुरानी घड़ियाँ, कीमती क्रॉकरी तथा शिकार किए जानवर रखे गए हैं।

मेहरानगढ़ किला : 150 मीटर ऊँचे टीले पर स्थित मेहरानगढ़ किला राजस्थान का बेहतरीन और अजेय किला है। राव जोधा ने 1459 में इसका निर्माण किया, लेकिन समय-समय पर शासकों ने उसमें बढ़ोतरी की। शहर से 5 किमी दूर घुमावदार रास्ते से किले में प्रवेश किया जा सकता है।

जयपुर की सेना के दागे तोपगोलों के निशान आज भी दिखाई देते हैं। बाईं ओर किरतसिंह सोड़ा नामक सिपाही की छतरी है, जिसने आमेर की सेना के खिलाफ लड़ते हुए प्राण त्याग दिए थे। विजय द्वार महाराजा अजीतसिंह ने मुगलों को मात देने की स्मृति में बनवाया था।

यहाँ फूल महल, झाँकी महल भी दर्शनीय है। किले से नीचे जाते हुए महाराजा जसवंतसिंह द्वितीय की संगमरमर की छतरी है। यहाँ तक जाने का रास्ता पथरीले टीलों से होकर गुजरता है।

महिला बनने की चाहत रखने वाले पुरुषों का अविश्सनीय आंकड़ा

गांधीधाम (गुजरात)। हाल ही में आदिपुर के एक प्रोफेसर द्वारा लिंग परिवर्तन के बहुचर्चित मामले के बाद ऐसे लोगों की भारी तादात सामने आई है, जो लिंग परिवर्तन की इच्छा रखते हैं। दरअसल यहां काम करने वाली एक सामाजिक संस्था से कई लोगों ने इस हेतु संपर्क किया है। दरअसल इस संस्था से संपर्क करने वाले होमोसेक्सुअल का कहना है कि वे लिंग परिवर्तन कराना चाहते हैं लेकिन सर्जिकल ऑपरेशन में अधिक खर्च आने के कारण वे ऐसा नहीं कर सकते।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिपुर के एक प्रोफेसर ने हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल में लिंग परिवर्तन का सफल ऑपरेशन करवाया है। अब यह प्रोफेसर पूर्ण महिला है। इसके बाद जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की बड़ी संख्या सामने आई है। यहां की एक सामाजिक संस्था ‘प्रयास’ के ऑन रिकॉर्ड में अब तक लगभग 600 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। इन पुरुषों ने खुलेआम होमोसेक्सुअल होने की बात स्वीकारी है।


विज्ञान की मानें तो बचपन से ही हॉर्मोस में कुछ ऐसे बदलाव आ जाते हैं, जिसके चलते पुरुष खुद को स्त्री मानने लगते हैं। इनमें कुछ व्यक्तियों के दिमाग पर तो इतना असर होता है कि वे अक्सर एकांत में महिलाओं के वस्त्र पहनने, महिलाओं की तरह व्यवहार करके खुद को संतुष्ट करने का प्रयास करने लगते हैं। इसके साथ ही अनेकांे बार ऐसे पुरुष सेक्स के लिए दूसरे पुरुष की तलाश भी करते हैं। इसलिए इस स्थिति में जरूरी हो जाता है कि जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों को मानसिक रूप से तैयार किया जाए, जिससे कि ये एचआईवी एड्स जैसी घातक बीमारी की चपेट में आने से बचे रहें।



गांधीनगर में हाई-प्रोफाइल गे ग्रुप :

गुजरात के गांधीनगर में होमोसेक्सुअल लोगों का एक हाई-प्रोफाइल ग्रुप भी है। उच्च वर्ग से संबंधित ये लोग आमतौर पर अनजान व्यक्तियों से संबंध बनाने से बचते हैं। इनका अपना ही एक ग्रुप है और ये अक्सर महंगी होटलों या शहर के बाहर स्थित फॉर्म हाउस में एकत्रित होते हैं।

पाकिस्तान में अब पुरुषों पर हो रहे तेजाब से हमले

लंदन।। पाकिस्तान में अब तक महिलाओं की शक्ल सूरत को बिगाड़ने के लिए असमाजिक तत्वों द्वारा तेजाब से हमला किया जाता था। लेकिन अब यहां महिलाएं भी बदला लेने के लिए पुरुषों पर तेजाब फेंक रही हैं।Noman.jpg 
समाचार पत्र 'डेली मेल' ने महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था औरत फाउंडेशन के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में 2011 के दौरान महिलाओं पर तेजाब फेंकने, जबरन विवाह सहित करीब 8500 अन्य अपराध हुए हैं। सरकार ने तेजाब फेंकने के दोषियों को कम से कम 14 वर्ष की सजा प्रावधान किया है।

पत्र के अनुसार पाकिस्तान के पुरुषवादी समाज में महिलाओं द्वारा पुरुषों पर तेजाब फेंकने के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है।

वेबसाइट 'सीएनएसडॉट कॉम' के अनुसार ऐसे ही एक पीड़ित शेख मोहम्मद नोमान ने अपनी पत्नी पर तेजाब फेंकने का आरोप लगाया। शेख ने कहा कि तलाक देने से मना करने पर पत्नी ने उस पर तेजाब फेंक दिया। खबर के अनुसार, उसकी पत्नी अपने पहले पति के पास वापस जाना चाहती थी इसलिए उनसे नोमान से तलाक मांगा था।

नोमान ने बताया, उसकी पत्नी ने उससे कहा कि मैं तुम्हारे लिए कुछ लाई हूं, मुझे माफ कर देना। और जैसे ही वह उसकी तरफ पलटा उसने उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया। नोमान ने कहा, तेजाब की जलन और दर्द आज भी है, लेकिन इससे ज्यादा दर्द मुझे इस बात का है कि जिसे मैं प्यार करता था, उसने मेरे प्यार के बदले यह दर्द दिया।

नोमान हमेशा के लिए अपनी आंखों की रोशनी खो चुका है और उसके शरीर पर तेजाब से जलने के कभी न मिटने वाले निशान हैं। गौरतलब है कि उसकी पत्नी पर इस हमले के लिए अगले साल केस चलेगा।

पाकिस्तान ह्यूमन राइट्स कमिशन की कार्यकर्ता उज़मा नूरानी पुरुषों पर हाल ही में बढ़े एसिड अटैक की निंदा करती हैं लेकिन साथ ही यह भी कहती हैं कि महिलाओं पर इस तरह के हमले ज्यादा हो रहे हैं। सीएनएन से नूरानी ने कहा, ज्यादातर मामलों में पुरुष महिलाओं पर तेजाब से हमले कर रहे हैं क्योंकि हमारे समाज का जो ढांचा है उसमें आज भी महिलाओं को एक उपभोग की वस्तु समझा जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों पर तेजाब फेंकने की घटना पाकिस्तानी डांसर द्वारा आत्महत्या करने के बाद से बढ़ी हैं। फखरा यूनुस नाम की इस महिला पर 12 साल पहले तेजाब फेंककर बुरी तरह जला दिया गया था। आरोपी महिला का पति था, जो पूर्व सांसद है।

तावड़े में टसके रामप्यारी

यह कविता आदरणीय ओम पुरोहित कागद भाई सब ने मेरे एक समाचार पर लिखी हें जो आपके लिए पेश हें बा कविता पढ'र देखो म्हैं आप नै ई भेंट करी है

तावड़े में टसके रामप्यारी
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तपा सूरज
झुलसी धरती
तपी गैंती
तपी तगारी
फिर भी चलता
काम सरकारी
तपे तावड़े
नत्थू खोदै
तपी तावड़ै
लाल तगारी
भरती माटी
जोड़ायत उसकी
टसके रामप्यारी !

टूटे तन
लगी प्यास तो
देख खेजड़ी
बैठ गई सुस्ताने
छाता ले कर
बाबू आया
तपता गुर्राया
काम करो
छोड बहाना
लगती जादा
तुझ को गर्मी
कल से मत आना !

टंगी खेजड़ी
छागळ रीती
पानी की सब
बातें बीती
आंखो टपका
नत्थू बोला
भोली-गैली
जोड़ायत मेरी
माफ करो
साहब इसको
काम करेगी
जम कर सारे
मानेगी सब
इशारे थारे !

हाथ जोड़ कर
नत्थू बोला
गर्मी का क्या
पड़ती रहती है
सूरज का क्या
तपता रहता है
धरती को ये
नित झुलसाते हैं
आग पेट की
इन से भारी
नहीं रुकेगा
काम सरकारी
कंठ हमारे
जब तक गीले
नहीं पड़ेंगे
हम दोनों ढीले !
Om Purohit Kagad

मालिकाना हक को तरसे बंधुआ मजदूर

मालिकाना हक को तरसे बंधुआ मजदूर
बालोतरा। तीन दशक से अधिक समय पहले हरियाणा की पहाडियों में से मुक्त करवाए व हाऊसिंग बोर्ड में बसाए दर्जनों बंधुआ मजदूर अपने रहवासी मकान के मालिकाना हक को तरस गए है। दिहाड़ी मजदूरी कर जीवन बसर करने वाले ये परिवार मालिकाना हक के लिए कई बार सरकार व प्रशासन से मांग कर चुके हैं,लेकिन किसी भी स्तर पर आज तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई है।

पचास वर्ष पहले दिहाड़ी मजदूरी के लिए क्षेत्र से सैकड़ों जने हरियाणा गए थे। यहां की गद्दा खोल पहाडियों में पत्थर तोड़ने के काम करने वाले इन श्रमिकों में से अधिकांश को ठेकेदार ने कर्ज देकर बंधुआ मजदूर बना लिया था। देश में चले बंधुआ मुक्ति आंदोलन पर केन्द्र सरकार ने इन्हें यहां से मुक्त करवाया। वहीं इनमें से अस्सी परिवारों द्वारा इच्छा जताए जाने पर उन्हें हाऊसिंग बोर्ड व जसोल में बसाया। ग्राम पंचायत जसोल ने चालीस परिवारों को भूखंड उपलब्ध करवाने के साथ मकान निर्माण के लिए धन भी आवंटित किया। दूसरी तरफ तत्कालीन जिला कलक्टर ने चालीस परिवारो को हाऊसिंग बोर्ड में मकान आवंटित किया।

उन्होंने इन परिवारों के मुखियाओं को शीघ्र स्वामित्व का हक देने का भरोसा भी दिया। कुछ माह बाद ही उक्त जिला कलक्टर का अन्यत्र तबादला होने पर बाद में आए किसी एक भी कलक्टर ने इनकी सुध नहीं ली। तब से आज तक ये परिवार अपने मालिकाना हक को तरस रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आवासन मण्डल किश्तों की बकाया राशि का नोटिस समय समय पर इन परिवारों को भिजवाकर इसे जमा करवाने को लेकर दबाव बना रहा है। ऎसे में बमुश्किल पेट भर कर जीवन यापन कर रहे इन परिवारों को हर वक्त भय सताता रहता है कि कहीं आवासन मण्डल उन्हें घर से बेदखल नहीं कर दें।

मदद के लिए पत्र लिखा है
99 वर्ष की लीज पर इन मकानों को आवçंटत किया गया था। आवासन मण्डल को इसके लिए सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए पत्र लिखा गया है। अधिकारियों की आगामी बैठक में इस बात को समाधान के लिए रखा जाएगा।
जमदेश अली सहायक श्रम आयुक्त बालोतरा

हम भी बनाएंगी बेटियों को अफसर"

"हम भी बनाएंगी बेटियों को अफसर"
देवड़ा (जैसलमेर)। सरहदी जैसलमेर जिले की कलक्टर श्रीमती शुचि त्यागी व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने कन्या व कन्या भू्रण हत्या रोकने की अपनी मुहिम की शुरूआत शुक्रवार को जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर देवड़ा गांव से की। दोनों अधिकारी राजीव गांधी सभा भवन में देवड़ा गांव की महिलाओ से मिली और उनसे कहा कि हम भी बेटियां हैं, वे पढ़ी और आगे बढ़ी। जब महिलाओ ने घूंघट हटाकर भरोसा दिलाया कि वे भी अपनी बçच्चयो को पढ़ाकर अफसर बनाएंगी तो दोनो अधिकारियो की आंखे खुशी से चमक उठी।

पर्दा मत करो, हम बात करने आए हैं
पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने घूंघट में बैठी महिलाओं से कहा कि हम बात करने आए हैं, हमसे पर्दा मत करो। यहां मौजूद किसी व्यक्ति से उन्हे शर्म है तो वे उन्हे बाहर भेज देंगी। इस पर महिलाओ ने अपने घंूघट हटा दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे भी ग्रामीण परिवेश से हैं और उनके समाज मे भी बेटियो को नहीं पढ़ाया जाता। बावजूद इसके वे पढ़ी और आगे बढ़ी और आज उनकी माता को उन पर गर्व है। वहां मौजूद बालिकाओ मे से किसी ने वकील तो किसी ने डॉक्टर बनने की इच्छा जताई।

मेरा मन भारी है..
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कहा कि उन्हे जिला कलक्टर का पद संभाले, चंद दिन हुए हैं। जब उन्हे कार्यशाला की जानकारी मिली तो उसकी वजह जानकर दु:ख से मन भारी हो गया। उन्होने कन्या हत्या की कुप्रथा का कारण पूछा तो महिलाओ ने कहा कि वे बच्चियो को नहीं मारते। कभी-कभी बçच्चयो की स्वाभाविक मौत हो जाती है। कलक्टर ने यह सवाल किया कि तो फिर ऎसी मौत बच्चो की क्यो नहीं होती।

ऎसा क्यो
जिला कलक्टर ने कहा आजकल विवाह के लिए बहुएं मुश्किल से मिल रही है । जब प्रकृति के साथ छेड़छाड़ होती है तो परिणाम भुगतना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल बुनकर ने कहा कि बेटी के बिना समाज की कल्पना संभव नहीं। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रतिभा फौजदार ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम मे ग्राम संरपच, फतेहगढ़ एसडीएम, फतेहगढ़ तहसीलदार, देवड़ा के मौजीज व्यक्ति सुमेरसिंह, समाजसेवी दिनेशपालसिंह मौजूद थे। संचालन सम समिति के विकास अधिकारी रामनिवास बावल ने किया।

देवड़ा ही क्यो
देवड़ा गांव से मुहिम शुरू करने के पीछे प्रशासन की मंशा यह थी कि कन्या हत्या के मामलो को लेकर देवड़ा वष्ाोü पहले सुर्खियो मे था। पिछले वष्ाü गांव मे हुई कन्या हत्या के मामले से इसकी पुष्टि ह ुई। ग्रामीणों का कहना है कि आज माहौल बदल गया है। उनका आरोप है कि कुछ तत्व उनके गांव को बदनाम कर रहे हैं।

एसडीएम ने दलित युवक का सिर मुंडवा कर घुमवाया, बगावत पर उतरे वकील

कौशाम्बी.यूपी में पुलिस अफसरों के अजीबोगरीब बयान देने के बाद अब इसका जिम्‍मा प्रशासनिक अफसरों ने उठा लिया है। कौशाम्‍बी जिले के चायल तहसील के एसडीएम रामदत्‍त राम ने एक दलित युवक को जमानत देने की शर्त रखते हुए कहा कि वह पहले सिर मुंडवा कर आये। इस युवक रामप्रकाश पर अपनी बीवी की पिटाई करने का आरोप था। पुलिस उसे शांतिभंग करने के आरोप में एसडीएम के पास ले गयी थी। इतना ही नहीं इस युवक को तहसील में घुमाया गया। सरेआम मजाक बनवाने के बाद एसडीएम अपने कार्यालय मे ताला लगा गायब हो गये हैं ।   
समझ में नहीं आने वाले इस फैसले के कारण वकील सड़क पर उतर आये हैं। वकीलों का कहना है उन्‍होंने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है । उधर एसडीएम के कृत्‍य पर डीएम ने निराशाजनक बताया है

52 साल के भाजपा विधायक की 15 गर्लफ्रैंड, सबको दिया अलग मोबाइल



भोपाल. शेहला मसूद हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि शेहला की हत्या में शामिल जाहिदा परवेज के भाजपा विधायक ध्रुव नारायण सिंह से जिस्मानी रिश्ते थे।
 

वेबसाइट फर्स्ट पोस्ट पर सीबीआई सूत्रों के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जाहिदा ध्रुव नारायण के प्यार में इतनी पागल थी कि उसने अपने दफ्तर में विधायक के साथ सेक्स करते हुए अपने वीडियो भी बना लिए थे। ये वीडियो सीबीआई के कब्जे में हैं।


जांच में सीबीआई के हाथ ऐसा कोई साक्ष्य नहीं लगा है जिसके आधार पर कहा जा सके कि भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह भी हत्या में शामिल हैं। लेकिन 52 वर्षीय विधायक ध्रुव नारायण सिंह के निजी जीवन को लेकर सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। लाई डिटेक्टर टेस्ट और पूछताछ में सीबीआई को पता चला कि विधायक ध्रुव नारायण सिंह की 15 गर्लफ्रैंड रह चुकी हैं और उन्होंने सभी को सिम कार्ड और मोबाइल भी खरीद कर दिए।


ध्रुवनारायण की खबर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर पेशे से ब्रांड मैनेजर महेश मूर्ति ने लिखा- भाजपा विधायक की 15 गर्लफ्रैंड थी, प्रत्येक को उन्होंने मोबाइल और सिम कार्ड दिया। भारत की टेलीकॉम क्रांति का राज यही है।


ध्रुव नारायण शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं। वो मध्य प्रदेश के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता गोविंद नारायण सिंह 1967 से 1969 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थी और फिर 1988-89 में बिहार के राज्यपाल भी रहे।


ध्रव नायारण फिलहाल भोपाल से भाजपा विधायक हैं और भोपाल डिविजन क्रिकेट एसोशिएसन के अध्यक्ष भी हैं। वो मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास कार्पोरेशन के भी अध्यक्ष हैं। हालांकि शेहला हत्याकांड में नाम आने के बाद उन्हें भाजपा के मध्य प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।


अब तक सीबीआई ने शेहला हत्याकांड में भाड़े के हत्यारों इरफान, शाकिब अली (डेंजर) और तबिश खान समेत जाहिदा परवेज और शबा फारूकी को चार्जशीट में आरोपी बनाया है।

पाली अपराध समाचार

अपराध समाचार 

युवती से किया दुष्कर्म
पाली  आनंदपुर कालू गांव की एक युवती को युवक ने पहले प्रेमजाल में फांस कर अपने साथ भगाया, बाद में वह उसको लेकर जोधपुर से मेहसाणा ले गया, लेकिन वहां आईडी कार्ड नहीं होने के कारण होटल में कमरा नहीं मिल पाया। इस पर आरोपी ने चलती हुई स्लीपर कोच बस में युवती से दुष्कर्म किया। पीडि़ता की रिपोर्ट पर कालू थाना पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की है।

आनंदपुर कालू गांव की 19 वर्षीया युवती ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि गत 11 अप्रैल की सुबह 4 बजे गांव का राहुल जोशी पुत्र नरेंद्र कुमार उसे कार में भगाकर जोधपुर ले गया। कार चालक समेत उसके तीन दोस्त उनको जोधपुर में छोड़कर लौट गए। जोधपुर से आरोपी उसे सूरत ले गया, लेकिन उसके पास आईडी कार्ड नहीं होने पर किसी भी होटल में उसे कमरा नहीं मिल पाया। इसके बाद वे जोधपुर लौट गए, लेकिन बाद में स्लीपर कोच बस में मेहसाणा के लिए रवाना हुए। पीडि़ता का आरोप है कि इतने दिन साथ रहने के कारण युवक पर उसे भरोसा हो गया। जोधपुर से मेहसाणा जाते हुए रात के समय चलती स्लीपर कोच बस में आरोपी ने उससे दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल भी कराया है।

डोडा पोस्त से भरी जीप पकड़ी
सेंदड़ा



नेशनल हाइवे 14 पर शुक्रवार सुबह सेंदड़ा थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान जीप को पकड़ कर उसमें 365 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद किया है। पुलिस ने घेराबंदी कर मंदसौर (मध्यप्रदेश) के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो चित्तौडग़ढ़ से यह खेप लेकर जोधपुर जा रहे थे। आरोपियों से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने खरीदार की तलाश में जोधपुर में दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लग पाया।

पुलिस क अनुसार एसपी केबी वंदना के निर्देश पर हाइवे पर दिन-रात की चौकसी के लिए नाकाबंदी कराई गई है। शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे सेंदड़ा थाना प्रभारी भूराराम खिलेरी पुलिस दल के साथ नाकाबंदी कर वाहनों की तलाशी ले रहे थे। इस दौरान ब्यावर की ओर से आ रही जीप (एमपी 43 ई 0256) को रुकने का इशारा किया, लेकिन आरोपी जीप लेकर भाग गए। पीछा कर पुलिस ने जीप को पकड़ कर घेराबंदी कर मंदसौर जिले के गांधीसागर निवासी देवीलाल मीणा (32) पुत्र चतुर्भुज तथा झगाखेड़ी निवासी मुकेश हरिजन (22) पुत्र मगनलाल को गिरफ्तार किया। जीप में 18 बोरों में भरा 365 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद किया। दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि चित्तौडग़ढ़ से डोडा की यह खेप जोधपुर में गोपाल नाम के व्यक्ति को सौंपनी थी। पुलिस ने जोधपुर में आरोपी की तलाश के लिए दबिश दी, लेकिन उनका सुराग नहीं मिल पाया। दोनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

धूप से तपते गैंती-फावड़े जला रहे श्रमिकों के हाथ

धूप से तपते गैंती-फावड़े जला रहे श्रमिकों के हाथ


तेज धूप के बीच भरी दुपहरी में काम करते हैं मनरेगा श्रमिक, धूप के कारण गर्म हो जाते हैं गैंती फावड़े, श्रमिकों ने की समय बदलवाने की मांग




गुडा बालोतान

तन झुलसाने वाली तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच 133 रुपए प्रतिदिन कमाई के जुगाड़ में तपते फावड़े गेती एवं तगारी का प्रयोग करने वाले नरेगा श्रमिकों के लिए काम करना मुश्किल भरा हो रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के अधिकांश गांवों में मनरेगा का काम चल रहा है। इसमें खासकर महिला श्रमिक ज्यादा हैं।

ये श्रमिक सवेरे से लेकर शाम तक तपती धूप में काम करते हैं। तेज धूप से दोपहर तक फावड़ा गेती व तगारी इतनी तप जाती हैं कि उनको छूना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण श्रमिक बड़ी मुश्किल से काम कर पा रहे हैं। पिछले वर्ष नरेगा के समय में अप्रैल में ही समय बदल दिया गया था। इस वर्ष अप्रैल बीत जाने के साथ ही आधा मई भी बीतने को आ गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन श्रमिकों का समय बदलने की सजगता नहीं दिखा रहा है। जिससे नरेगा कार्य के दौरान कई महिला श्रमिक गर्मी से बचने के लिए नरेगा कार्य को छोड़कर दूसरे कार्यों में लगना पंसद कर रही हैं।

छाया-पानी व झूले का अभाव

जहां पर भी नरेगा कार्य चल रहे हैं, वहा पर वास्तविक स्थिति को देखा जाए तो नरेगा स्थल पर छाया की व्यवस्था के लिए टेंट लगा हुआ नहीं मिलता है। इसका कारण श्रमिकों से पूछा गया तो सामने आया कि तेज हवाएं चलने के कारण खुले में टेंट लगाना असंभव है। इस कारण से नरेगा श्रमिक पेड़ व झाडिय़ों की छांव में बैठना उचित मानते हैं। दूसरी बात 70 श्रमिक से अधिक होने पर ही पानी के टैंकर की व्यवस्था होती है, लेकिन कम श्रमिक होने पर नरेगा श्रमिकों को ही मटके में पानी लाना पड़ता है। इसके साथ ही कार्य स्थलों पर झूलों की भी व्यवस्था नहीं होती।

गुडाबालोतान. निकटवर्ती अगवरी गांव में मनरेगा के तहत कार्य करते श्रमिक।

तेज धूप में काम करना मुश्किल

वर्तमान में नरेगा कार्य स्थल पर कार्य समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का चल रहा है। पूरे दिन में देखा जाए तो तीन चार घंटे ही कार्य हो पाता है। दोपहर में तेज गर्मी होने के कारण एक बजे के बाद कार्य करना मुश्किल है। इसलिए श्रमिकों की मांग है कि सवेरे सात बजे से दोपहर एक बजे तक का समय निर्धारित किया जाए। रकबाराम मेघवाल, मेट अगवरी, जयसिंह चारण मेट दयालपुरा

आदेश नहीं मिले

पंचायत समिति की करीब 20 से अधिक ग्राम पंचायतों में नरेगा कार्य चल रहा है। जिसका समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक का है। अभी तक नरेगा समय में परिवर्तन करने के बारे में आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही समय में परिवर्तन कर दिया जाएगा। मोहनलाल चौधरी, विकास अधिकारी, आहोर

जांच के नाम पर गर्भवती से वसूल रहे रुपए


योजनाओं के बावजूद गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा फायदा


जालोर मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाएं कितनी ही कारगर क्यों न हो, लेकिन उन योजनाओं का फायदा आज भी जिले की गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। राजकीय अस्पताल में जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से सोनोग्राफी जांच के बदले में शुल्क वसूला जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री की ओर से शुरू किए गए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नौ माह तक की गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच राजकीय अस्पताल में मुफ्त में किए जाने का प्रावधान है। राजकीय अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श के बाद जांच के लिए पहुंचने वाली महिलाओं से काउंटर पर सोनोग्राफी जांच के लिए (एमआरएस) मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम पर दो सौ रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। खास बात तो यह है कि इस बारे में चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क लेने का प्रावधान ही नहीं है।

सिफारिश पर नहीं लेते शुल्क

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं में अगर किसी ने सिफारिश लगा रखी है, उससे यह शुल्क नहीं लिया जाता। वहीं बिना रसूखात के आने वाली प्रसूताओं से मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम पर यह शुल्क बेहिचक लिया जा रहा है। हालांकि अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को यह सेवा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन नियमानुसार जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से भी शुल्क लेना गलत है।
अब तक नहीं दिया कोई बिल

इधर, एनआरएचएम के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर से इस संबंध में बात करने पर बताया गया कि पीएमओ कार्यालय से ऐसी गर्भवती महिलाओं की जांच को लेकर अभी तक कोई बिल पेश ही नहीं किया गया है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि अब तक अस्पताल में आने वाली जितनी भी गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच की गई, उनसे राशि वसूली गई है जो नियम विरुद्ध है।

नहीं ले सकते शुल्क

मुख्यमंत्री की योजना के तहत राजकीय अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता। अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। वैसे इसके लिए पीएमओ कार्यालय से निर्धारित शुल्क का बिल बनाकर हमें पेश किया जाता, जिसके बाद हमारी ओर से इस राशि का भुगतान किया जाता है। हमारे पास फिलहाल पीएमओ कार्यालय से ऐसा कोई बिल पेश नहीं किया गया है। चरणसिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर, एनआरएचएम, जालोर

पूरे समय में छूट

राजकीय अस्पताल में फुल टाइम प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली महिलाओं से सोनोग्राफी जांच का शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अलावा सामान्य तौर पर जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से इस प्रकार का शुल्क लिया जा सकता है। वैसे हमारी ओर से गर्भवती महिलाओं की जांच से संबंधित किसी भी प्रकार का बिल बनाकर नहीं भिजवाया गया है। - डॉ. पी.आर. चुंडावत, पीएमओ, राजकीय अस्पताल, जालोर



यह है नियम

नियमों की बात करें तो जिला अस्पताल में आने वाली नौ माह तक की गर्भवती महिला की रक्त, पेशाब व सोनोग्राफी जांच के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। वहीं डॉक्टर जितनी बार गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच के लिए लिखेंगे, उतनी ही बार राजकीय अस्पताल में उसकी निशुल्क जांच की जाएगी। जहां तक सोनोग्राफी शुल्क की बात है तो इसके लिए एनआरएचएम के तहत पीएमओ कार्यालय को एडवांस में राशि का आवंटन किया जाता है। जांच के लिए निर्धारित शुल्क का बिल बनाकर पीएमओ कार्यालय से एनआरएचएम को भिजवाया जाता है और इसके बाद एनआरएचएम द्वारा इस राशि का भुगतान किया जाता है। जबकि सामान्य महिला या अन्य किसी भी व्यक्ति की सोनोग्राफी जांच के लिए यह शुल्क लिया जा सकता है।

सितंबर तक सभी किसानों को केसीसी देने के निर्देश


सितंबर तक सभी किसानों को केसीसी देने के निर्देश


गरीबों के उत्थान में बैंकर्स सकारात्मक सहयोग करें

जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैंकर्स समिति की बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि गरीबों के स्वरोजगार के लिए संचालित सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में समय पर ऋ ण स्वीकृत एवं वितरण की कार्रवाई करें ताकि पात्र व्यक्ति समय पर स्वरोजगार के लिए अपना व्यवसाय प्रारंभ कर सके।

उन्होंने अधिकारियों एवं बैंकर्स को निर्देश दिए कि वे अपनी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्यप्रणाली में सुधार लाकर लोगों को राहत पहुंचाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। बैठक में जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, आर.बी.आई के सहायक महाप्रबन्धक एस.एस.शर्मा, जयप्रकाश, कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद देवाराम सुथार के साथ ही बैंकर्स अधिकारी एवं विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

बैंक योजनाओं की जानकारी पहुंचें लोगों तक: जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने बैंक अधिकारियों को कहा कि वे किसानों को ऋण सुविधा का लाभ देने में किसी प्रकार की कमी नहीं रखें। उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे धंधों के लिए जो ऋण योजनाएं चल रही हैं उसकी लोगों को जानकारी नहीं है इसलिए ऐसी ऋण योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करें।

मापदंडों के अनुसार करें ऋण वितरण: सहायक महाप्रबंधक एस.एस.शर्मा ने जिन बैंकों की ऋण जमा अनुपात कम रहा है उन्हें बढ़ाने, अल्पसं यक वर्ग को निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ऋण वितरण करवाने के साथ ही सरकार की प्रायोजित योजनाओं में समय पर ऋण वितरण की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लीड बैंक अधिकारी बी.वी.पुरोहित ने बैठक में वार्षिक साख योजना 2012-13 को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जिसे सदस्य ने सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। उन्होंने बैठक में एजेण्डेवार सभी बिन्दुओं को प्रस्तुत किया।

क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलेगी

कलेक्टर ने सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सितंबर ,2012 तक जिले के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवा दें एवं इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतें।

लक्ष्य नहीं तो कार्रवाई

कलेक्टर ने बैंकों की धीमी प्रगति को गंभीरता से लिया एवं हिदायत दी कि वे भविष्य में रिजर्व बैंक के मापदंड के अनुरूप प्रगति हासिल करें। उन्होंने सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में जिन बैंकों ने लक्ष्य अर्जित नहीं किए हैं उनके विरुद्ध भी नियंत्रण अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

टीचर लगातार करता रहा रेप, दोस्‍तों से सेक्‍स के लिए भी लड़की को किया मजबूर

पलवल .यहां के एक टयूशन सेंटर की छात्रा को अंगरेजी पढ़ाने वाले उसके शिक्षक ने ही कई बार हवस का शिकार बनाया । शिक्षक ने उसे धमकी दी थी कि अगर इस बारे में घरवालों को कुछ बताया गया तो उन्‍हें जान से मार देगा । इतना ही नहीं इस वहशी शिक्षक ने छात्रा पर दबाव डाला कि वह उसके दोस्‍तों के साथ जिस्‍मानी रिश्‍ते बनाए ।
 
तब छात्रा ने इस दर्दनाक घटना की दास्‍तान अपने घरवालों को बताई । परेशान घरवालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी टयूटर ताहिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया है।