शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

सोनिया का ऑपरेशन, आईसीयू में भर्ती

सोनिया का ऑपरेशन, आईसीयू में भर्ती 
 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ऑपरेशन पर तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया है कि सोनिया गांधी की सर्जरी हो चुकी है और उन्हें फिलहाल आईसीयू में रखा गया है।

कांग्रेस ने आज बयान जारी कर कहा है कि सोनिया गांधी की 4 अगस्त को अमरीका के एक अस्पताल में सफल सर्जरी हो चुकी है। उन्हें फिलहाल आईसीयू में रखा गया है। और दो तीन-हफ्ते आराम की सलाह दी गई। कांग्रेस ने कहा कि सोनिया गांधी की देखरेख के लिए कांगेस महासचिव राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा भी उनके साथ हैं। हालांकि कांग्रेस ने अभी यह साफ नहीं किया है कि सोनिया को बीमारी क्या है।

गौरतलब है कि गुरूवार को कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि सोनिया का सफल ऑपरेशन हो चुका है। हालांकि बाद में द्विवेदी ने अपने बयान में बदलाव लाते हुए कहा कि अभी सोनिया का ऑपरेशन नहीं हुआ है। इस गुरूवार को दिनभर सोनिया के ऑपरेशन को लेकर असमंजस भरी स्थिति बनी रही। मीडिया में भी उनका ऑपरेशन होने और कहीं-कहीं अगले कुछ दिनों में होने की खबर आती रही।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने सोनिया के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

17 घंटे रोजाना काम
देश को चला रही कांग्रेस की मुखिया 64 वर्षीय सोनिया गांधी की दिनचर्या सुबह जल्दी शुरू होती है। वे रात 11 बजे तक 17 घंटे कामकाज में व्यस्त रहती हैं। इस दौरान वे पार्टी के साथ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की फाइलें भी निपटाती हैं। लोगों से मुलाकात भी करती हैं। वे नियमित रूप से एक घंटे योगा करती हैं।

2008 में इलाज हुआ था: सोनिया का दो साल पहले सीने में संक्रमण की शिकायत के बाद दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज चला था। तब अस्थमा के इलाज की बात कही गई थी।

दुनिया का सबसे रहस्यमयी 'गांव' इसको बसाने वाले एक दिन...

उत्तरी न्यू मैक्सिको के चाको कल्चर नेशनल हिस्टोरिकल पार्क का ये ग्रेट हाउस है प्यूएब्लो बोनिटो। 828 ईसवी से 1126 ईसवी के बीच यहां रहने वाले प्यूएब्लो लोगों ने इसे बनाया था, जिन्हें एनासाज़ी भी कहा जाता है। जितने ये घर टिकाऊ थे उतने टिकाऊ इन्हें बनाने वाले नहीं थे।

1200 ईसवी तक ये इलाका खाली हो गया था। यही सवाल हमेशा से इतिहासकारों को सताता रहा है। जिन घरों को बनाने में एनासाज़ी लोगों ने इतनी मेहनत की, उसे बनाने के इतने कम समय बाद ही क्यों वीरान कर दिया। वे लोग यहां से क्यों गए और कहां गए ये राज़ है।

अमेरिका के लेफ्टिनेंट जेम्स एच सिंपसन और कारावहल 1849 में एक सैन्य अभियान पर यहां आए थे। उन्होंने यहां के आठ प्रमुख अवशेषों का अध्ययन किया था। कारावहल ने स्पेनिश भाषा में इस जगह का नाम सुंदर गांव रख दिया था।

राज़ है गहरा

1896 में न्यू मैक्सिको में प्राचीन गांव प्यूएब्लो बोनिटो के अवशेष तलाशे थे। अब तक यहां से तीन लाख से ज्यादा अवशेष मिल चुके हैं। फिर भी ये समझ नहीं आता कि इतना सब बनाने के बाद इसे बनाने वाले क्यों और कहां चले गए।

शादी करने से मना किया तो महिला कांस्‍टेबल को गोली मारी, खुदकुशी की

नई दिल्ली. यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर तैनात सीआईएसएफ के एक कांस्‍टेबल ने साथी महिला सिपाही की गोली मारकर हत्या कर दी और खुद को भी गोली मार ली। महिला कांस्टेबल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि हमलावर कांस्टेबल ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया।

घटना शुक्रवार सुबह करीब 7.20 बजे  की है। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। दरअसल एन बी एस तेजा (25) नामक महिला कांस्टेबल को स्टेशन पर तैनात एक पुरुष कांस्टेबल एम पिल्लई (27) ने एके-47 राइफल से गोली मार दी। उसके बाद हमलावार कांस्टेबल ने खुद को भी गोली मार ली। महिला कांस्टेबल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से जख्‍मी पुरुष कांस्‍टेबल ने लाल बहादुर अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया।

सूत्रों के अनुसार प्रेम प्रसंग के चलते इस घटना को अंजाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि तेजा पहले पिल्लई से प्यार करती थी। लेकिन जब उसे पिल्लई के आचरण के बारे में पता चला तो उसने पिल्लई से रिश्ता खत्म कर दिया। पिल्लई काफी दिनों से तेजा को शादी के लिए मजबूर कर रहा था। और जब तेजा ने शादी के लिए मना कर दिया तो जुनून में आकर पिल्लई ने तेजा को गोली मार दी।
एडिशनल डीसीपी (मेट्रो) भैरों सिंह गुर्जर ने बताया कि घटना के दौरान कुल सात राउंड फायरिंग हुई है। फायरिंग के दौरान चली गोलियां किसी और को नहीं लगीं हैं। महिला कांस्‍टेबल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अस्पताल ले जाते समय पुरुष कांस्‍टेबल की भी मौत हो गई। इनके शव लाल बहादुर अस्पताल में रखे गए हैं। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि किसे कितनी गोलीं लगी हैं।  

प्रत्‍यक्षदर्शियों के मुताबिक सीआईएसएफ की महिला कॉन्स्टेबल अपने साथी कॉन्स्टेबल से प्लेटफार्म नंबर दो पर बेंच पर बैठ कर बात कर रही थी। फिर अचानक दोनों में किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। गुस्से में आपा खो बैठे कॉन्स्टेबल ने अपने सर्विस रायफल से लेडी कॉन्स्टेबल पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसके बाद उसने वहीं खुद को भी गोली मार ली। स्टेशन पर सुबह-सुबह जिस वक्‍त यह घटना हुई उस समय वहां यात्रियों की काफी भीड़ मौजूद थी। आनंद विहार और नोएडा लाइन के लिए लोग ट्रेनें बदल रहे थे। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सीआईएसएफ के प्रवक्ता रोहित कटियार ने बताया कि महिला कांस्‍टेबल आंध्र प्रदेश की, जबकि पुरुष कांस्‍टेबल केरल का रहने वाला है। दोनों 2009 में सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे। हमलावर कांस्‍टेबल की यमुना बैंक स्टेशन पर तैनाती थी, जबकि लड़की किसी अन्य स्टेशन पर नाइट ड्यूटी पूरी कर यमुना बैंक स्टेशन पहुंची थी। यहां से उसे इंदिरापुरम में सीआईएसएफ कैंप जाने वाली बस लेनी थी। लेकिन इससे पहले ही यह हादसा हो गया।

गायकी के साथ लोक सेवा का संगीत सुना रहे हैं दरबारी कलाकार उस्ताद अकबर खाँ

डॉ. दीपक आचार्य, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी, जैसलमेर


भारत की पश्चिमी सरहद पर रेतीले धोरों की धरती जैसलमेर कलाकारों की खान है, जहाँ विभिन्न विधाओं में माहिर एक से बढ़कर एक कलाकारों की सुदीर्घ श्रृंखला विद्यमान है। कलाकारों की इस खान में बहुमूल्य हीरा है - उस्ताद अकबर खाँ। बहत्तर साल के अकबर खाँ का उत्साह किसी युवा से कम नहीं है।
    आज भी वे कला और संस्कृति के लिए जीते हुए बहुत कुछ कर गुजरने के ज़ज़्बे के साथ जुटे हुए हैं। अकबर खाँ में वे सभी गुण हैं जो एक अच्छे कलाकार की पहचान होते हैं। कोमल भावनाओं से भरे और दिल के साफ अकबर खाँ का सर्वस्पर्शी व्यक्तित्व हर किसी को प्रभावित किए बिना नहीं रहता।
    शैशव से ही कलाकार के रुप में मशहूर रहे अकबर खाँ का मौलिक हुनर बचपन से ही झरने लगा था। निरंतर अभ्यास की बदौलत रियासत काल में दरबारी लोक गायक कलाकार के रुप में ख्याति पाने वाले अकबर खाँ उम्र के इस पड़ाव में भी लोक गायकी के प्रति समर्पित जीवन का पर्याय बने हुए हैं।
    ग्याह जुलाई 1939 को जैसाण की सरजमीं पर पैदा हुए उस्ताद अकबर खॉं ’’जैसलमेरी आलम खाँ’’ आज कला जगत में जानी-मानी हस्ती हैं। साधारण साक्षर अकबर खाँ को संगीत का उहुनर  विरासत में मिला। संगीत की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा उन्हें पिता आरब खाँ से मिली।
    अकबर खाँ ने घर-परिवार चलाने के लिए शिक्षा विभाग में नौकरी की और वहीं से जमादार के रूप में सेवानिवृत्त हुए। राजकीय सेवा के साथ-साथ संगीत व संस्कृति जगत की सेवा तथा हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने व करने का जो ज़ज़्बा यौवन पर रहा, वह आज भी पूरे उत्साह से लवरेज दिखाई देता है।
    वंश परम्परा से पारिवारिक लोक संगीत में दक्ष कलाकारों की श्रृंखला में जुड़े उस्ताद अकबर खाँ वास्तव में उस्ताद हैं जिनकी रगों में पीढ़ियों से सांगीतिक लहू बह रहा है।
    सन् 1973  में पहली बार मांगणियार गायकों का सम्मेलन आयोजित करने में अकबर खाँ की सराहनीय भूमिका रही। इस पर रूपायन संस्थान बोरुंदा की ओर से उन्हें सराहना पत्रा भी भेंट किया गया।
    आकाशवाणी और दूरदर्शन के कई केन्द्रों से उस्ताद अकबर खाँ के कार्यक्रमों का प्रसारण हो चुका है।  इसके साथ ही लोक चेतना, सामाजिक एवं राष्ट्रीय सरोकारों के कई कार्यक्रमों, योजनाओं, परियोजनाओं के जागरुकता कार्यक्रमों से जुड़े रहे अकबर खाँ ने अनगिनत स्कूलों व अन्य संस्थाओं में वार्ताओं, लोकगीत गायन, संगीतिक प्रस्तुतियों आदि के माध्यम से अपनी सशक्त व ऐतिहासिक भागीदारी का इतिहास कायम किया है।
 हर कहीं पाया सम्मान
        अद्भुत कला कौशल व माधुर्य से परिपूर्ण गायकी को लेकर प्रदेश तथा देश की कई हस्तियों व संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित व अभिनन्दित किया जा चुका है। लोक कला के संरक्षण व विकास में प्रशंसनीय सेवाओं के उपलक्ष में अकबर खाँ का को स्वाधीनता दिवस -1999 के जिला स्तरीय समारोह में जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया गया। इसी प्रकार जैसलमेर स्थापना दिवस  पर विगत 26 अगस्त, 1996 को कवि तेज लोक कला विकास समिति द्वारा उत्कृष्ट आलमखाना (राजगायक ) एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार के रूप में उन्हें सम्मानित किया गया।
        भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर में 28 अप्रेल 1979 को हुए राजस्थान लोकानुरंजन मेले में पद्मश्री देवीलाल सामार ने उस्ताद अकबर खाँ का अभिनन्दन किया व लोक कला के उन्नयन, विकास व प्रचार-प्रसार में उनके  बहुमूल्य योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
       उस्ताद अकबर खाँ का बोध वाक्य है- ’’ जागो-जगाओ, काम की ज्योति जगाओ, सुस्ती, नशा, क्रोध हटाओ, देश बचाओ ’’, एक अकेला थक जाएगा, मिल कर बोझ उठाओ ।’’
      इस बोध वाक्य की उन्होंने बाकायदा मोहर बनवा रखी है जिसे वे पत्रा व्यवहार में इस्तेमाल करते रहे हैं। माण्ड गायक उस्ताद अकबर खाँ को सन् 1996 में माड सम्मान से नवाजा जा चुका है।
      एक मशहूर कलाकार के साथ ही निष्काम समाजसेवी के रुप में अकबर खाँ की अलग ही पहचान है। जैसलमेर जिले में स्वच्छता, नशा मुक्ति, पॉलिथीन पर पाबंदी के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान ‘जागो और जगाओ’ चलाने वाले अकबर खाँ ने लोक चेतना के लिए अपने खर्च से पेम्पलेट भी छपवा कर खूब बंटवाए हैं।
     अकबर खाँ मुम्बई में सुर सिंगर संसद द्वारा सन् 1989 में हुए आचार्य बृहस्पति सम्मेलन सहित कई विराट आयोजनों में शिरकत कर चुके हैं। सुर सिंगर संसद मुम्बई ने आपको सुमणि अवार्ड प्रदान किया है। पद्मश्री कोमल कोठारी ने भी उनकी सराहना की है।
 कलाकारों को प्रोत्साहन में मदद
      देश-दुनिया में मशहूर कलाकार अकबर खाँ ने लंगा और मांगणियार कलाकारों को मंच देकर प्रोत्साहित करने, जैसलमेर को लोक संगीत में प्रसिद्धि दिलाने आदि में उनकी अहम् भूमिका रही है। वे सेवाभावी कलाकार और लोक कला के सिद्ध साधक हैं।
     माड और शास्त्रीय गायन व संगीत के विकास तथा कलाकारों को प्रोत्साहन के लिए उस्ताद अकबर खां ने आरबा संगीत संस्थान की स्थापना की हुई है। सन् 1950 से वे संगीत की सेवा में समर्पित हैं।  विलक्षण प्रतिभा के धनी अकबर खाँ कुशल माड गायक होने के साथ ही पश्चिमी राजस्थान के लोक संगीत को बखूबी पेश करने एवं सिखाने का अद्भुत सामर्थ्य रखते हैं।
हस्तियों के समक्ष प्रस्तुति दे धाक जमायी
        उस्ताद अकबर खाँ देश की कई नामी हस्तियों के समक्ष अपनी गायकी का प्रदर्शन कर चुके हैं। भारत के राष्ट्रपति  स्व. ज्ञानी जैलसिंह, स्व. नीलम संजीव रेड्डी, एम. हिदायतुल्ला, प्रधानमंत्राी श्रीमती इंदिरा गांधी, विश्व विख्यात स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर सहित देश-विदेश की कई हस्तियों  के समक्ष वे  अपने  फन की धाक जमा चुके हैं।
       हिन्दी फिल्म रुदाली, नन्हे जैसलमेर, लम्हे, कृष्णा, सात रंग के सपने, जोर, मीनाक्षी , रेशमा और शेरा, रजिया सुल्तान सहित कई भारतीय एवं विदेशी फिल्मों में उन्होंने अपनी लोक संगीत की शानदार प्रस्तुतियों का रिकार्ड बनाया है।  यूनेस्को वर्ल्ड म्यूजिक वैबसाईट पर भी अकबर की प्रस्तुति समाहित है।
     महारावल श्री गिरधर स्मारक धर्मार्थ न्यास ट्रस्ट, इन्टेक, अल्ला जिलाही बाई मांड गायिकी और प्रशिक्षण संस्थान, बीकानेर द्वारा सम्मान के साथ ही शिक्षा विभाग बीकानेर द्वारा इन्हें राज्यस्तरीय मंत्रालयिक कर्मचारी सम्मान भी प्रदान किया गया है। स्टेट फैडरेशन ऑफ यूनेस्को द्वारा सम्मानित अकबर खॉं को राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर ने भी कला पुरोधा अवार्ड देकर प्रोत्साहित किया है।
दूसरों के लिए जीने की भावना
       उस्ताद अकबर खाँ उन बिरले फनकारों में हैं जो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जीते हैं। सांस्कृतिक आयोजन हों या कलाकारों के प्रोत्साहन-कल्याण का कोई प्रयोजन, कलाकारों को संगठित कर उनके सामाजिक एवम् आर्थिक विकास के लिए उन्होंने हर संभव संघर्ष किया और कभी पीछे नहीं रहे।
       पुरानी पीढ़ी से लेकर नई पीढ़ी के कलाकार भी अकबर खाँ को खूब इज्जत देते हैं। आम आदमी की पीड़ाओं के प्रति संवदेनशील उस्ताद अकबर खाँ की पहल पर कई जन समस्याओं का समाधान हुआ है। उस्ताद अकबर खाँ अपनी 72 वर्ष की आयु में भी कला और संस्कृति जगत की सेवाओं के लिए समर्पित हैं।

अकाल की आशंका से सिहरे किसान

अकाल की आशंका से सिहरे किसान 
 

बालोतरा। वर्षा देरी से अकाल पड़ने की बलवती होती संभावनाओं ने इन दिनों किसानों, पशुपालकों सहित आमजन को परेशानियो में डाल दिया है। दिन में तेज पड़ती गर्मी, उमस व रात में चलती ठण्डी हवाओं पर शीघ्र वर्षा होने के आसार दूर दूर तक दिखाए नहीं दे रहे हैं। इस पर गांव की चौपालों व बैठकों में अकाल के अंदेशे को लेकर जोर शोर से चर्चाएं जारी है।

लक्ष्य से अब तक नाममात्र की 63 फीसदी हुई बुवाई के साथ वर्षा अभाव में खेतों में खड़ी फसलों के सूखने से गांवों में हंसी खुशी गायब हो गई है।

पिछले लंबे समय से एक समान मौसम नहीं होने के साथ दिन में तेज पड़ती गर्मी, उमस व रात में तेज चलती ठण्डी हवाओं पर अच्छी वर्षा होने की उम्मीद पर पानी सा फिर गया है। दोपहर में तेज गर्मी,उमस से हर शाम आसमान में उमड़ने वाले बादलों पर किसान, पशुपालक व आमजन वर्षा होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन शाम होते ही चलने वाली ठण्डी हवाएं सभी के अरमानों पर पानी फेर देती है। इससे शीघ्र वर्षा होने के दूर दूर तक नजर नहीं आते आसार पर अकाल पड़ने की संभावनाएं बलवती दिखाई दे रहे हैं। गांव की चौपालों, बैठकों में इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर जारी है। अकाल के डर की छाया से किसान, पशुपालक वहीं आमजन परेशान दिखाई दे रहा है।

जिले में अब तक कृषि विभाग के लक्ष्य की एवज में नाममात्र 65 फीसदी ही बुवाई हुई है। वहीं खेतों में खड़ी फसलें पानी अभाव में सूख रही है। ऎसे में अकाल पड़ता है तो अनाज के नहीं होने वाले उत्पादन से इसके भावों में ओर बढ़ोतरी होगी। पहले से ही अनाज, दाल के भाव तेज होने से आमजन की हालत खस्ता हुई जा रही है। इसके
अलावा किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। चारे की कमी के साथ इसके महंगे बिकने पर पशुपालकों की कमर पहले से ही टूटी हुई है।

नाममात्र हुई बुवाई
जिले में अब तक 4 लाख 86 हजार हैक्टयर में बाजरा, 1 लाख 49 हजार, 400 हैक्टयर में ग्वार, 1 लाख 13 हजार 500 हैक्टयर में मोठ, 72 हजार 200 हैक्टयर में मूंग, 10 हजार 500 हैक्टयर में अरण्डी, की बुवाई हुई है, जो कृषि विभाग के लक्ष्य की मात्र 63.22 फीसदी है। 

सरेआम भाई को दौड़ा-दौड़ाकर घोंपे चाकू, देखते रहे लोग


जयपुर। न्यू सांगानेर रोड पर सुबह 10 बजे..बाजार खुल चुका था, चाय की दुकान पर भीड़ के बीच चचेरे भाई को ही चाकू मारा।

अफरातफरी मची, मगर किसी ने विरोध नहीं किया। घायल युवक भागा और आरोपी खून से सना चाकू लेकर उसके पीछे दौड़ा। उसने 11 वार किए, पर सैकड़ों की भीड़ में न किसी ने उसे रोका, न ही पुलिस बुलाई। उसने खुद ही राह चलती किसी की बाइक रुकवाई और हाथ में चाकू लिए हुए सोढाला थाने पहुंच गया। इधर, करीब बीस मिनट तक युवक की लाश सड़क के समीप फुटपाथ पर पड़ी रही। उसके चारों तरफ खड़ी भीड़ पुलिस का इंतजार करती रही।
दरअसल, धनराज प्रजापत (23) ने अपने चचेरे भाई घनश्याम उर्फ श्यामा प्रजापत (28) की पत्नी से करीब तीन माह पहले अवैध संबंध बनाया। इसके बाद उसकी वीडियो क्लिपिंग बनाकर घनश्याम को ही भेज दी। इतना ही नहीं, वह उसे इसके ताने भी देने लगा। इससे अवसाद में आए घनश्याम ने दो माह पहले पत्नी को टोंक स्थित अपने गांव पवालियां भेज दिया और धनराज से बदला लेने की योजना बनाई। पांच दिन पहले वह चाकू खरीदकर ले आया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घनश्याम की न्यू सांगानेर रोड पर राजश्री पब्लिक स्कूल के समीप स्थित चाय की दुकान पर धनराज अकसर बैठता था। गुरुवार सुबह 10 बजे भी वह आकर बैठा। दोनों में कुछ कहासुनी हुई और घनश्याम ने चाकू निकालकर धनराज की गर्दन पर वार कर दिया। इससे वहां बैठे लोग भाग खड़े हुए। धनराज भी चिल्लाता हुआ भागा और घनश्याम उसके पीछे दौड़ा। चंद कदम दूर डेयरी की दुकान के बाहर घनश्याम ने धनराज को पकड़कर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। इससे अचेत होकर धनराज वहीं गिर पड़ा। फिर खून से लथपथ हालत में ही उसने चाकू हाथ में लिए एक बाइक सवार को रुकवाया और उस पर बैठकर वहां से चला गया।
पुलिस के अनुसार दुकान पर धनराज ने घनश्याम को उसकी पत्नी के अनैतिक संबंधों की बातें कहकर ही उकसाया था। उधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने जीप में लहुलुहान धनराज के शव को जीप में रखा, तभी वहां पहुंची 108 एंबुलेंस भी पहुंच गई और शव को एसएमएस अस्पताल पहुंचाया।
दिनदहाड़े हुई हत्या तमाशबीन बनी भीड़
दिनदहाड़े भीड़भाड़ वाले बाजार में घनश्याम ने धनराज के सीने, गर्दन, हाथ, पेट व अन्य हिस्सों में ताबड़तोड़ 11 वार किए। धनराज बचाव के लिए चीख रहा था, मगर बाजार में मौजूद राहगीर, स्थानीय लोग व दुकानदार हत्या की वारदात को इस तरह से देख रहे थे मानो सड़क पर कोई तमाशा चल रहा हो।
..ताकि कोई क्लिपिंग बनाने की हिम्मत न करे
पत्रकारों के पूछने पर आरोपी ने कहा- धनराज को इसलिए ऐसी मौत दी ताकि कोई और अश्लील क्लिपिंग बनाने की हिम्मत न जुटा पाए।

बिन बरसात बाढ़ के हालात

बिन बरसात बाढ़ के हालात 
 

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बालोतरा)बाड़मेर। डोली गांव में जोधपुर जिले के कारखानों व सीवरेज के पानी से लबालब कच्चा बांध बुधवार देर रात ओवरफ्लो होने के बाद धाराशायी हो गया। तेज बहाव के साथ पानी गांव में घुस गया। अचानक आए पानी के कारण निचले इलाके में रहने वाले रहवासियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में उन्होंने सामान को सुरक्षित रख बाड़े में बंधे मवेशियों को बाहर निकाला। गांव में गुरूवार को बिन बरसात बाढ़ जैसे हालात नजर आए।

बाड़मेर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क करीब दो किमी तक पानी में डूबी रही। राष्ट्रीय राजमार्ग तथा गोदावास मार्ग पर दोपहर तक डेढ़ से दो फीट पानी तेज गति से पानी का बहाव जारी रहा। सुबह लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक सड़क पर जाम रहा। घटना की सूचना मिलने के बाद उपखंड अधिकारी ओ.पी.विश्नोई, पचपदरा तहसीलदार शैतानसिंह राजपुरोहित ने डोली पहुंचकर हालात का जायजा लिया। बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से पर रेत से भरे कट्टे रखवाए गए हैं।

गत वर्ष भी उत्पन्न हुए थे हालात
जोधपुर जिले के कारखानों व सीवरेज का पानी पिछले लंबे समय से डोली क्षेत्र में बह रहा है। गत वर्ष भी यहां पर बिन बरसात बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। ग्रामीणों ने प्रशासन के सहयोग से पानी के बहाव को रोकने के लिए कच्चे बांध का निर्माण करवाया था।

प्रशासन की संवेदनहीनता
डोली में चल रही बहाव की यह समस्या आज कल की बात नहीं है। पिछले करीब दो वर्ष से ग्रामीण इस कहर को भुगत रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने कानों में रूई ठूंसकर मानो आंखों पर पट्टी बांध ली है। परेशान हाल ग्रामीणों ने जिला कलक्टर से लेकर सचिवालय तक अपनी आवाज पहुंचा दी। लेकिन सुनवाई किसी ने नहीं की।


जल निकासी शुरू
प्रशासन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने गुरूवार को डोली पहुंचकर राहत उपाय शुरू किए। सड़क के समीप जेसीबी से चैनल खुदवाकर जल निकासी का कार्य शुरू करवाया गया। मध्याह्न बाद हाइवे से पानी की पूरी तरह से निकासी कर ली गई। इससे यातायात सामान्य हुआ, लेकिन निचले इलाकों की बस्तियों व गोदावास मार्ग पर हालात सुधर नहीं पाए थे। 

शराब से भरा टैंकर पकड़ा, तस्कर फरार

जोधपुर। लोहावट क्षेत्र से गुजरने वाले मेगा हाइवे पर गुरुवार अलसुबह शराब से भरे एक टैंकर चालक ने पुलिस की नाकाबंदी तोड़कर भागने की कोशिश की। कुछ दूरी पर टैंकर असंतुलित होकर पलटी खा गया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही चालक व खलासी वहां से भाग निकले। वहां पहुंची पुलिस ने करीब 10 लाख रुपए कीमत की शराब के साथ टैंकर जब्त कर लिया, जबकि हजारों की शराब सड़क पर बह गई।

एसपी (ग्रामीण) नवज्योति गोगोई ने बताया कि लोहावट पुलिस ने गुरुवार अलसुबह कोलू-पाबूजी मेगा हाइवे पर नाकाबंदी की थी। इसी दौरान करीब साढ़े तीन बजे पुलिस की नाकाबंदी देखकर एक टैंकर चालक ने गाड़ी भगा ले गया। इस पर पुलिस ने टैंकर का पीछा किया। तेज गति से भागते टैंकर का संतुलन बिगड़ा और वह पलटी खा गया।

एक साल के बेटे को कुएं में फेंका

एक साल के बेटे को कुएं में फेंका
 

पहाड़ी (भरतपुर)। गोपालगढ़ थाने के गांव पथराली में पिता ने अपने एक वर्षीय पुत्र की कुएं में फेंककर हत्या कर दी। पथराली निवासी जमशेद की पत्नी सहरूना ने दहेज प्रताड़ना व भरण-पोषण का मुकदमा दायर कर रखा था। कुछ दिन पहले सामाजिक पंचायत में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद सहरूना अपने एक वर्षीय पुत्र फरहान के साथ पथराली आकर रहने लगी थी। उसने पति व ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा भी वापस ले लिया।
गुरूवार तड़के जमशेद अपने पुत्र को ले गया और कुएं में फेंक कर उसकी हत्या कर दी। बाद में परिजनों के साथ फरार हो गया। सहरूना ने पति सहित चार जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है

कांग्रेस के झंडे से टॉयलेट की सफाई?

कांग्रेस के झंडे से टॉयलेट की सफाई? 
 
कोरबा। निर्माणाधीन पॉवर प्लांट में कांग्रेस के झंडे से टॉयलेट की सफाई किए जाने का मामला सामने आया है। इसके विरोध में कांग्रेसियों ने थाने में शिकायत कर भेल व पॉवर कम्पनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हसदेव ताप विद्युत विस्तार परियोजना का निर्माण सरकारी कम्पनी बीएचईएल (भेल) कर रही है।

भेल के दर्री स्थित कार्यालय में टॉयलेट की सफाई में कांग्रेस के झंडे का इस्तेमाल किया जा रहा था। जानकारी मिलने पर जिला कांग्रेस कमेटी, ग्रामीण के अनेक कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया। उन्होंने झंडे को अपने कब्जे में ले लिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने भेल के जीएम और छत्तीसगढ़ पॉवर जनरेशन कम्पनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को दोषी ठहराते हुए दर्री थाने में शिकायत की है।


उनका कहना है कि भेल और विद्युत कम्पनी के अधिकारियों ने कांग्रेस के झंडे का अपमान किया है। थाना प्रभारी एस. सिदार ने बताया कि शिकायत पर जांच शुरू की गई है। कम्पनी के अधिकारियों के बयान लिए जा रहे हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

बाड़मेर तीन साल बाद तस्कर गिरफ्तार


बाड़मेर तीन साल बाद तस्कर गिरफ्तार
बाड़मेर में सन 2009 में हथियारोंकी बड़ी खेप  को पकिस्तान से भारत लाने के आरोपी कुख्यात तस्कर गुल्ले खान को आखिरकार राजस्थान ऐ टी एस ने इस आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया ! यह आरोपी दर्जनों बार अवेध रूप से सीमा पार  कर पाकिस्तान जा चुका हैं, इस ,इसकी पुलिस और गुप्तचर एजेंसियों को लम्बे वक़्त से तलाश थी !
यह बड़ी सफलता ATS के लिए मानी जा रही हैं साथ ही आतंकी संगठन बब्बर खालसा के कई आतंकियो के नाम इस में सामने आया सकते हैं ! पूर्व में इस मामले में आधा दर्ज़न गिरफ्तारिया हो चुकी हैं ! बाड़मेर में सन 2009  में भरी मात्र में विस्फोटक पदार्थो ,हेरोइन ,आर डी एक्स एवं  विदेशी पिस्टल पकड़ी गई थी बाड़मेर में सन 2009  में भारी  मात्र में विस्फोटक के साथ विदेशी पिस्टल पकड़ी गई थी जिसको लन्दन में बैठे परमिन्द्र पम्मा नामक बब्बर खालसा के आतंकी ने पंजाब में आतंक फैलाने के लिए राजस्थान के रास्ते मंगवाया था !यह खेफ पाकिस्तान से बाड़मेर की सरहद तक स्थानीय तस्कर लाये थे ,जिसमे से छः स्थानीय आरोपी पकडे जा चुके हें ,जबकि गुल्ले खान तब से फरार चल रहा था ऐ टी एस को उसके गुजरात होने की जानकारी मिलाने पर दबिशे दे कर कल उसे गिरफ्तार किया गया ,उसे शुक्रवार प्रातः बाड़मेर लाया गया हें,ऐ टी एस बाड़मेर के तस्करों के गुजरात में पालनपुर ,दीसा ,सीतपुर ,ककुसी,भुज ,मेहसाना ,हिम्मतनगर जैसे क्षेत्रो  में ठिकानो पर दबिसे दी जा रही है ,बाड़मेर तस्करों का नेटवर्क गुजरात के इन क्षेत्रो में खुले आम काम कर रहा है .चूँकि बाड़मेर के चौहटन ,बखासर,बीजरद,गडरा,सज्जन का पार ,मपुरी,बूथिया के तस्करों का सीधा जुडाव गुजरात में है ,उसी नेटवर्क से यह कम करते है,गुल्ले खान की गिरफ़्तारी से तस्करी के कई राज खुलने की संभावना है

अनुठे हैं थार के झोंपड़े,सिन्ध शैली के झोंपे लोकप्रिय


अनुठे हैं थार के झोंपड़े,सिन्ध शैली के झोंपे लोकप्रिय 









बिना कूलर एयर कण्डीसनर के  शीतलता का अहसास

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिला रेगिस्तान के विशाल भूु भाग में विषम परिस्थितियों में बसा सपनो के सुन्दर चित्रो से जुदा नहीं हैं।थार वासियों की कठिन किन्तु रंगीन जीवन शैली हर एक को प्रभावित करती हैं।रेगिस्तानी धोरो के बीच बने तरह तरह के झोपे आकर्षित करते हैं।पाकिस्तान से सटी सरहद क्षैत्रा में ग्रामिणो द्धारा बनाए सिन्धशली के अनुठे झौंपे मरुस्थल की रंगीन जीवनशैली को दर्शाता हैं।वहीं थार के रेगिस्तान में पड रही भीषण गर्मी का मुहॅ तोड जवाब ये देसी झौंपे हैं।जो 48-50 डिग्री की गर्मी में बिना कुलर एयर कण्डीशनर के शीतलता का अहसास कराता हैं।रेगिस्तनी गर्मी को मुॅह चिढातें देशी शैली के ये झौंपे बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं।राजस्थानो मरुस्थल क्षैत्र में किसी भी दिशा में चले जांए झौंपो के अलग अलग प्रकार के सैकडों झांकियां आखों को शकुन देती हैं।कई गांव झौंपो की ना-ना प्रकार की छटा लिये हुए मिलेंगं तो कुछ गांव झोंपड़े,पड़वे,गड़ाल,छान,ओळा,आदि रुपों में अपनी बनावट,मण्डाई,रुपाकंन,और सुख सुविधाओं के सुन्दर स्वरुप सहेजे मिलेंगे।गांव ढाणियों मेंगोबर के गारे से निर्मित झोंपो की दीवार में मुरड़,खड़ी,राख या फिर  सीमेंट का उपयोग किया जाता हैं।झोंपों की दीवारो के उपरी भाग की मण्डाई का कार्य क्षैत्र में उपलब्ध पैड़-पौधें,घास,और झाड़ियों के अनुरुप किया जाता हैं।छाण या ढॉचा तैयार करने मेंकैर,खैजड़ी,देसी बबुल,या रोहिड़े की घोड़ियॉ तो बाण के रुप में आक,फोग,की पतली टहनियों तथा छावण का उपरी भाग बाजरें के पुळों एव। घास की पुळियों या खींप और सिणियों से किया जाता हैं।भीतरी ढांचे और छिवाई के जोड़ों को मजबूती प्रदान करने के लिए बांधी जाने वाली डोरियों कों जूण कहा जाता हैं,जो सिणियों ,खींप या फिर मूंज से बनाया जाता हैं।झोंपे के भीतरी भाग की छत को सुन्दर रुप देने के लिए सरकण्डों का उपयोग किया जाता हैं।इसके मण्डाण में परम्परागत षिल्प और शगुन का ध्यान रखा जाता हैं।झौंपो का फर्श परम्परागत रुप से गोबर का नीपा जाता हैं।झौंपों की बसावट खेत की उॅचाई वाले स्थान या धोरे पर की जाती हैं। स्थान तय करने से पहले हवा पानी  तथा खेतों की रखवाली को ध्यान में रखा जाता हैंझोंपे के निर्माण के वक्त हवा के रुख का पूर्ण ध्यान रखा जाता हैंआमने-सामने की दिवारो। पर मोखे खिड़कियां रखी जाती हैं जिसमें शानदार हवा अनवरत आती हैं।सरहदी क्षैत्रा में बने झौंपे सिन्ध शैली के अधिक हैं।सिन्ध क्षैत्रा के झौंपो की तरह झौंपो को आर्कषक बनाने के लिए उनके भीतरी भाग को पाण्डु और गेरु की भांतो से रंग दिया जाता हैं।उसके सूखने पर आळो और मोखों के चारों ओर तथा खाली स्थानों पर लोक संस्कृति के माण्डणे मांण्डे जातेहैं ।ये माण्ड़णे बहुररंगी तथा चटकीले रंगो में होते हैं।पाण्डु और कलाई के प्रभाव से उनकी छआ देखते बनती हैं।इन माण्ड़णोमेंलोक शैली में पैड़-पौधे,वनस्पति,सूरज,चान्द,बेल-बूटे पशु-पक्षी, लोक वाद्य यंत्रो,लोक देवताओं के मन मोहक चित्राण होते हैं।कहीं कहीं रंगों की बजाए पाण्डु के श्वेत धरातल पर गेरु के चितराम उकेरे जाते हैं।झोंपे का आंगन भी कम नहीं सजाया जाता हैं।चिकनी मिटी और गोबर के लेप से आंगन में गैरु और पाण्डु की झालर और बीच बीच में माण्डणे माण्ड कर आ।गन को आकर्षक बनाया जाता हैं।झोंपे सामान्य धरो से पॉच सितारा होटलो की शान बन चुके हैं,देशी विदेशी पर्यटक खास तौर से झौंपों की मांग करते हैं।सरकारी अधिकारीयों को भी झापों का शौक चर्राया हेेै,अमुमन हर अधिकारी के बंगले में दो तीन झौंपें अवश्य नजर आते  हैं।ग्रामीण क्षैत्रों में झौंपों की साज सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं।पाक की सरहद से सटे सीमावर्ती गांवों के झौंपे इतने आकर्षक होते हैं कि वो सिर्फ देखने से ताल्लुक रखते हैं। 

गुरुवार, 4 अगस्त 2011

अमेरिका ने किया अब तक के सबसे बड़े सेक्स-स्कैंडल का भंडाफोड़


अमरीका ने विश्व भर में फैले बच्चों की पोर्नोग्राफी के एक रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है और इस मामले में 72 लोगों पर आरोप तय किए हैं। अमरीका ने ऑपरेशन डेलेगो के नाम से 20 महीने तक अभियान चलाया था और अब इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि ड्रीमबोर्ड नाम की वेबसाइट का इस्तेमाल करने वाले 600 लोगों की जांच भी चल रही है।
अमरीकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने बताया कि इस वेबसाइट पर जो चित्र हैं उनमें बच्चों और नवजातों के साथ यौन प्रताड़ना का आभास होता है।इस मामले में 43 लोगों को हिरासत में लेकर आरोप तय किए गए हैं जबकि नौ लोगों को विदेशों में गिरफ़्तार किया गया है।अमरीका ने कुछ और देशों में 20 लोगों पर आरोप तय किए हैं लेकिन ये लोग पकड़े नहीं जा सके हैं।आंतरिक सुरक्षा मामलों के मंत्री जैनेट नेपोलितानो ने कहा है कि इन 20 लोगों को केवल उनके छद्म नाम से ही जाना जा रहा है।
नेपोलितानो के अनुसार जो पोर्नोग्राफ़िक सामग्री बरामद हुई है वो 16000 डीवीडी में भरी जा सकती है।अधिकारियों ने कनाडा, डेनमार्क, इक्वेडोर, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, कीनिया, हॉलैंड, फिलीपींस, सर्बिया, स्वीडन और स्विटज़रलैंड में भी गिरफ़्तारियाँ की हैं।
अमरीका के न्याय विभाग के अनुसार ड्रीमबोर्ड वेबसाइट के यूज़र्स ने 12 या 12 साल से कम उम्र के बच्चों की प्रताड़ना के वीडियो और चित्र लोगों को बेचे हैं।इस वेबसाइट का इस्तेमाल करने वालों ने बच्चों के साथ सेक्स की हज़ारों तस्वीरें और वीडियो जमा किए थे।
एरिक होल्डर का कहना था, "ऐसा लगता है कि इस वेबसाइट का इस्तेमाल करने वाले एक ऐसा ऑनलाइन समुदाय बना रहे थे जो बच्चों के साथ सेक्स को बढ़ावा देता। इनमें बच्चों का इस्तेमाल किया गया है वो घृणित है.ये उन बच्चों के लिए दुस्वप्न जैसा है।"न्याय विभाग के बयान के अनुसार अमरीका में जिन 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उसमें से 13 लोगों ने दोष स्वीकार किया है।

शादी प्‍यार का द एंड है।


अगर आप यह सोचते हैं कि शादी के बाद प्‍यार परवान चढ़ता है तो आप गलत सोच रहे हैं। हाल ही में हुए सर्वे में कपल ने स्‍वीकार किया है कि शादी प्‍यार का द एंड है।
ज्‍यादातर कपल ने कहा है कि शादी के बाद प्यार दम तोड़ने लगता है और उनमे रोमांस के लिए कोई जगह नहीं होती है।
3 हजार शादीशुदा जोड़ों पर किए गए सर्वे में 80 प्रतिशत जोड़ों के मुताबिक शादी के बाद उनकी रोमांस में दिलचस्पी खत्म हो जाती है। 10 में से 6 ने माना कि शादी के बाद रोमांस बिल्कुल ही खत्म हो जाता है।
सर्वे के दूसरे हिस्से में 43 प्रतिशत लोगों के मुताबिक उनके पार्टनर उनसे शादी के बाद काफी कम रोमांस करते हैं। वहीं सर्वे के तीसरे दौर में 50 प्रतिशत जोड़ों ने माना कि उनमें शादी के बाद आपसी सम्बंध पति-पत्नी जैसे नहीं रह जाते।
सर्वे के चौथे दौर में 79 प्रतिशत जोड़ों ने माना कि रात में रोमांस से बेहतर अच्छी नींद लेना है।

समझते हैं कि सड़क पर चलने वाली सबसे छोटी कार केवल टाटा नैनो है। दोस्तो, हम आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। अपनी नैनो भले ही कई खूबियों से लैस स्मॉल कार हो लेकिन इस श्रेणी में फास्ट, एफ़िशंट, इन्वाइरनमेंट फ्रेंडली कार, खूबसूरत कारें और भी हैं।

सोनिया गांधी कैंसर अस्पताल में भर्ती!

सोनिया गांधी कैंसर अस्पताल में भर्ती! 
 

नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अमरीका के एक कैंसर अस्पताल में भर्ती है। तहलका मैगजीन ने टि्वटर पर जारी संदेश में कहा है कि सोनिया गांधी को गुरूवार को न्यूयॉर्क मेमोरियल स्लोन कैटरिंग कैंसर सेंटर में भर्ती कराया गया था। अस्पताल की वेबसाइट के मुताबिक स्लोन कैटरिंग दुनिया का सबसे बड़ा कैंसर सेंटर है। तहलका के मुताबिक कैंसर सेंटर के निदेशक और मशहूर डॉक्टर दत्तात्रेयुडू नोरी की देखरेख में सोनिया गांधी का इलाज चल रहा है। हालांकि कांग्रेस और गांधी परिवार की ओर से इस संबंध में अभी तक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि मीडिया रिपोर्टो में सोनिया गांधी के कैंसर अस्पताल में भर्ती होने संबंधी खबरें छन कर आ रही है।

इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन दि्वेदी ने बताया कि डॉक्टरों की सलाह पर सोनिया गांधी विदेश गई हुई हैं। सोनिया गांधी के पुत्र एवं पार्टी महासचिव राहुल गांधी उनके साथ गए हैं। सोनिया गांधी अगले दो तीन हफ्ते विदेश में रहेगी। अगले एक दो दिन में उनकी सर्जरी होगी। सर्जरी के बारे में फैसला उनकी देखरेख कर रहे डॉक्टर ही लेंगे। दि्वेदी ने सोनिया गांधी की बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया।

साथ ही यह भी नहीं बताया कि वह इलाज के लिए किस देश में गई हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले दि्वेदी ने कांग्रेस अध्यक्ष की सफल सर्जरी की जानकारी दी थी। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सोनिया गांधी की बीमारी से संबंधित सवालों के जवाब में कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्तियों को अपनी व्यक्तिगत बातों खासकर चिकित्सा से जुडे मामलों की गोपनीयता बनाए रखने का अधिकार होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया भी इन बातों से जुड़ी संवेदनशीलता को ध्यान में रखेगा। इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्टो में कहा गया था कि सोनिया गांधी की अमरीका के एक अस्पताल में सफल सर्जरी हो गई है।

गांधी ने अपनी अनुपस्थिति में सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में पार्टी का रोजमर्रा का कामकाज देखने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें राहुल गांधी, रक्षामंत्री ए के एंटनी, कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और श्री जनार्दन द्विवेदी शामिल हैं।