शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

अकाल की आशंका से सिहरे किसान

अकाल की आशंका से सिहरे किसान 
 

बालोतरा। वर्षा देरी से अकाल पड़ने की बलवती होती संभावनाओं ने इन दिनों किसानों, पशुपालकों सहित आमजन को परेशानियो में डाल दिया है। दिन में तेज पड़ती गर्मी, उमस व रात में चलती ठण्डी हवाओं पर शीघ्र वर्षा होने के आसार दूर दूर तक दिखाए नहीं दे रहे हैं। इस पर गांव की चौपालों व बैठकों में अकाल के अंदेशे को लेकर जोर शोर से चर्चाएं जारी है।

लक्ष्य से अब तक नाममात्र की 63 फीसदी हुई बुवाई के साथ वर्षा अभाव में खेतों में खड़ी फसलों के सूखने से गांवों में हंसी खुशी गायब हो गई है।

पिछले लंबे समय से एक समान मौसम नहीं होने के साथ दिन में तेज पड़ती गर्मी, उमस व रात में तेज चलती ठण्डी हवाओं पर अच्छी वर्षा होने की उम्मीद पर पानी सा फिर गया है। दोपहर में तेज गर्मी,उमस से हर शाम आसमान में उमड़ने वाले बादलों पर किसान, पशुपालक व आमजन वर्षा होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन शाम होते ही चलने वाली ठण्डी हवाएं सभी के अरमानों पर पानी फेर देती है। इससे शीघ्र वर्षा होने के दूर दूर तक नजर नहीं आते आसार पर अकाल पड़ने की संभावनाएं बलवती दिखाई दे रहे हैं। गांव की चौपालों, बैठकों में इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर जारी है। अकाल के डर की छाया से किसान, पशुपालक वहीं आमजन परेशान दिखाई दे रहा है।

जिले में अब तक कृषि विभाग के लक्ष्य की एवज में नाममात्र 65 फीसदी ही बुवाई हुई है। वहीं खेतों में खड़ी फसलें पानी अभाव में सूख रही है। ऎसे में अकाल पड़ता है तो अनाज के नहीं होने वाले उत्पादन से इसके भावों में ओर बढ़ोतरी होगी। पहले से ही अनाज, दाल के भाव तेज होने से आमजन की हालत खस्ता हुई जा रही है। इसके
अलावा किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। चारे की कमी के साथ इसके महंगे बिकने पर पशुपालकों की कमर पहले से ही टूटी हुई है।

नाममात्र हुई बुवाई
जिले में अब तक 4 लाख 86 हजार हैक्टयर में बाजरा, 1 लाख 49 हजार, 400 हैक्टयर में ग्वार, 1 लाख 13 हजार 500 हैक्टयर में मोठ, 72 हजार 200 हैक्टयर में मूंग, 10 हजार 500 हैक्टयर में अरण्डी, की बुवाई हुई है, जो कृषि विभाग के लक्ष्य की मात्र 63.22 फीसदी है। 

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