शुक्रवार, 3 जून 2011

बीकानेर की पूर्व कलेक्टर ने सरकारी पैसे से चुकाया घर का बिजली बिल

बीकानेर की पूर्व कलेक्टर ने सरकारी पैसे से चुकाया घर का बिजली बिल



बीकानेर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने घर के बिजली बिल को ऑफिस का बताकर जमा करवाने के मामले में बीकानेर की पूर्व कलेक्टर श्रेया गुहा सहित सात लोगों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज कर ली है। आरटीआई कार्यकर्ता गोवर्धनसिंह पड़िहार ने ब्यूरो को शिकायत की थी कि 27 जुलाई, 10 को कलेक्टर श्रेया गुहा ने अपने घर के कई महीनों के बकाया बिजली के बिल 33,392 रु. व 36,691 रु. का भुगतान विभाग को किया था।

इनमें से 33,392 रुपए का घर का बिल कार्यालय का बताते हुए चैक से बिजली विभाग को भुगतान कर दिया। आरोप है कि 36,691 रु. भी अन्य सरकारी खातों से दिलाए गए। इस काम को अंजाम देने में अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की भी भूमिका रही। ब्यूरो ने पिछले साल दिसंबर माह में मिली शिकायत की छानबीन की और मामला जांच के योग्य माना। बीकानेर की तत्कालीन कलेक्टर श्रेया गुहा सहित आरएएस केसरलाल मीणा, अशरफ अली, सहायक लेखाधिकारी श्रवण कुमार छींपा, लेखाकार सुशील कुमार ओझा, जूनियर एकाउंटेंट मूलाराम व रामेश्वर के खिलाफ ‘पी’ (प्राथमिक जांच) दर्ज कर ली है। मामले की जांच बीकानेर चौकी के एएसपी रविदत्त गौड़ करेंगे।

वक्‍फ बोर्ड की जमीन पर बना मुकेश अंबानी का बंगला? सीबीआई करेगी जांच




वक्‍फ बोर्ड की जमीन पर बना मुकेश अंबानी का बंगला? सीबीआई करेगी जांच


रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के 27 मंजिला ‘शाही महल’ एंटिलिया से विवादों का साया हटतानहीं दिख रहा है। केंद्र सरकार ने कथित रूप से एंटिलिया का निर्माण वक्‍फ बोर्ड की जमीन पर किए जाने के मामले कीसीबीआई जांच के लिए महाराष्‍ट्र सरकार से सिफारिश की है।






पीएमओ ने अल्‍पसंख्‍यक मामले मंत्रालय से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी कि क्‍या महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के पूर्व सीईओ को इस जमीन के सौदे का विरोध करने के लिए 'परेशान' तो नहीं किया जा रहा है। पीएमओ की इस पहल के बाद सरकार ने राज्‍य सरकार से मामले की सीबीआई जांच के लिए कदम उठाने की सलाह दी है। 
महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के सदस्य एवं पुणे के वकील अहमद खान पठान का कहना है कि उन्होंने 1 मई 2008 को अल्पसंख्यक मामलों के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ए.आर. अंतुले के पास एक लिखित आरोप शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि एंटिलिया का निर्माण वक्फ बोर्ड की 4,532 वर्ग मीटर जमीन का अवैध तरीके से अधिग्रहण कर किया जा रहा है। पठान का आरोप है कि महाराष्ट्र राज्य वक्‍फ बोर्ड ने इस जमीन को 2003 में महज 210.50 मिलियन रुपए में एंटिलिया कमर्शियल को बेच डाला, जबकि इसकी उस वक्त खुले बाजार में कीमत 5 हजार मिलियन से कम नहीं थी।


आदर्श हाउसिंग सोसायटी का मामला सामने आने के बाद सीवीसी ने एंटिलिया का निर्माण वक्फ बोर्ड की जमीन पर किए जाने की शिकायत को संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से पठान के उस दावे को सिरे से खारिज किया गया है। जिसमें उन्होंने अंबानी का ‘शाही महल’ वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने होने का दावा किया है। रिलायंस ने कहा है कि इस जमीन को खरीदते वक्त उसे मालिक को उचित मुआवजा दिया गया है और एंटिलिया का निर्माण महाराष्ट्र राज्य वक्त बोर्ड की जमीन पर नहीं हुआ है।

आलीशान 27 मंजिला एंटिलिया दक्षिण मुंबई के पॉश कुलाबा इलाके के अल्टामॉन्ट रोड पर स्थित है। बिजनेस टायकूनमुकेश अंबानी के इस ‘शाही महल’ की ऊंचाई करीब 550 फीट है। इसके सबसे ऊपरी मंजिल पर तीन हैलीपैड हैं। इसकीपहली छह मंजिलों में सिर्फ पार्किंग है।

शिरडी में रैना के साथ रेप के आरोपी कुख्‍यात सट्टेबाज की तस्‍वीर दिखने से हड़कंप


शिरडी में रैना के साथ रेप के आरोपी कुख्‍यात सट्टेबाज की तस्‍वीर दिखने से हड़कंप



भारतीय टीम के मौजूदा कप्‍तान सुरेश रैना का हाल में शिरडी दौरा इस बार गलत वजह से चर्चा में है। पहले तो केंद्रीय मंत्री प्रफुल्‍ल पटेल की बेटी पूर्णा पटेल को रैना के साथ शिरडी में साईं बाबा के दर्शन करते देखा गया लेकिन अब खबर आ रही है कि क्रिकेटर के साथ खड़ा एक शख्‍स सट्टेबाज है।

तस्‍वीर में सफेद कमीज पहने एक शख्‍स रैना का हाथ पकड़े हुए है जिसे लेकर रैना मुश्किल में पड़ सकते हैं। यह शख्‍स और कोई नहीं बल्कि दीपक नारायणी उर्फ बालाजी है जो कुख्‍यात सट्टेबाज है। यह सट्टेबाजी के आरोप में 2002 और 2008 में गिरफ्तार भी हो चुका है। बताया जाता है कि इस पर बलात्‍कार का आरोप भी लग चुका है।

कार्यवाहक कप्‍तान रैना फिलहाल वेस्‍टइंडीज दौरे पर हैं। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब रैना को किसी सट्टेबाज के साथ देखा गया हो। रैना को 2009 में भारत के श्रीलंका दौरे पर एक सटोरिए के सहयोगी से जुड़ी एक महिला के साथ देखा गया था। हालांकि उस वक्‍त आईसीसी के वरिष्‍ठ सूत्र ने कहा था कि मामले की जांच के बाद पता चला कि रैना ने कोई गलती नहीं की थी। लेकिन इस बार रैना की बालाजी के साथ तस्‍वीर क्रिकेटरों के सटोरियों से संबंधों का मामला एक बार फिर सुर्खियां बन सकता है।

रैना अभी टीम के साथ वेस्‍टइंडीज दौरे पर हैं। मामला तूल पकड़ने पर उनसे सफाई मांगी जा सकती है और इसका तात्‍कालिक असर  टीम इंडिया के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है।

कौन है बालाजी
महाराष्‍ट्र के उल्‍हासनगर का रहने वाला बालाजी 1985 तक चॉकलेट बनाने वाली छोटी कंपनी चलाता था। बाद में उसने स्‍थानीय अखबार 'एटम' चलाने वाले अनिल जयसिंघानी से दोस्‍ती कर ली। सूत्रों के मुताबिक ये दोनों (बालाजी और जयसिंघानी) बड़े सट्टेबाज हैं और बड़ी राजनीतिक हस्तियों से नजदीकी के चलते इलाके में इनकी तूती बोलती है। बालाजी को अमरनाथ यात्रा जा रही 30 साल की एक महिला के साथ कथित रेप के आरोप में 2008 में गिरफ्तार किया गया था। 


कभी जीते थे एक-दूसरे की बाहों में, आज बन गए भाई-बहन


कभी जीते थे एक-दूसरे की बाहों में, आज बन गए भाई-बहन


बुलंदशहर जिले के अगोता गांव में घटी इस अनोखी घटना में खाप पंचायत के एक तुगलकी फरमान के बाद यहां एक पति-पत्‍नी अब भाई-बहन बन गए हैं। पंचों के अनुसार उन्‍होंने यह फैसला इस जोड़े के सगोत्रीय होने की वजह से लिया है। पंचायत तो इन्‍हें अलग रहने का फरमान सुना ही दिया है वहीं दूसरी ओर इनके परिजनों ने भी इन्‍हें जान से मारने की धमकी दी है। 

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार इस जोड़े ने एक माह पहले ही चोरी-छिपे आर्य समाज में शादी की थी और 15-20 दिन एक साथ रहने के बाद ये सोचकर घर लौट आए कि परिजन शायद उनके रिश्‍ते को स्‍वीकार कर लेंगे। लेकिन हुआ ठीक इसका उल्‍टा और परिजनों ने इन्‍हें जान से ही मारने की धमकी दे डाली है। दूसरी तरफ पंचायत के फरमान के बाद तो अब इनका साथ रहना लगभग नामुमकिन हो चला है।
 

इसीलिए इस प्रेमी युगल ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। खबर है कि एसएसपी ने भी घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।

शराबी बाप की हैवानियत


शराबी बाप की हैवानियत


नशे की लत किसी इंसान को किस तरह हैवान बना सकती है। शायद इसका जीता-जागता उदाहरण है उत्तरप्रदेश, शाहजहांपुर जिले के रायपुर गांव की यह घटना, जहां एक बाप ने अपनी 11 महीने की मासूम बेटी को भी नहीं बख्शा। शराबी पिता ने पत्नी और बच्ची को जिंदा जला देने का प्रयास किया। पत्नी तो किसी तरह वहां से बच निकली लेकिन 11 माह की मासूम पिता की इस हैवानियत से नहीं बच पाई। बुरी तरह झुलसी हुई हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार चार वर्ष पूर्व कमल सिंह का विवाह सुषमा के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही दहेज की मांग पर कमल का सुषमा से विवाद हुआ करता था। कमल शराब का आदी है और इसीलिए वह अपनी जमीन भी बेच चुका है। इसलिए पैसों की तंगी होने पर वह आए दिन सुषमा पर मायके से पैसे लाने के लिए दबाव डालता है।
 

बीते रविवार की शाम को भी किसी बात पर पति-पत्नी के बीच विवाद हो गया। इसी बीच कमल पर ऐसी हैवानियत सवार हो गई कि उसने पत्नी के साथ-साथ अपनी 11 महीने की मासूम पर भी मिट्टी का तेल छिड़क दिया। किसी तरह सुषमा तो वहां से बच निकली, लेकिन कमल ने मासूम को ही आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से झुलसी मासूम को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने कमल को गिरफ्तार कर लिया है।

गुरुवार, 2 जून 2011

नहीं दिखा चांद, उर्स कल से

नहीं दिखा चांद, उर्स कल से
 

अजमेर। सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में गुरूवार तड़के जन्नती दरवाजा खोल दिया गया। गुरूवार को चांद नजर नहीं आया। इस हिसाब से शनिवार को रजब की पहली तारीख मानी जाएगी और 9 जून को कुल की रस्म के साथ उर्स सम्पन्न होगा।

इस्लामिक माह रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक दरगाह कमेटी कार्यालय में हुई। दरगाह नाजिम अब्दुल मजीद खान ने बताया कि गुरूवार रात नौ बजे तक चांद की शहादत का इंतजार किया गया लेकिन कहीं से भी चांद नजर आने की सूचना नहीं मिली। अब शुक्रवार को चांद दिखना तय है।

शुक्रवार को चांद नजर आने पर बडे पीर की पहाड़ी से तोप दागी जाएगी और दरगाह परिसर में शदियाने बजाए जाएंगे। इसी के साथ उर्स की धार्मिक रस्में शुरू हो जाएंगी। खुद्दामें ख्वाजा मजार शरीफ पर गुसल की रस्म अदा की जाएगी। ख्वाजा साहब दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजे के प्रति श्रद्धालुओं में बड़ी आस्था है।

बताया जाता है कि ख्वाजा साहब इसी दरवाजे से आते जाते थे। ख्वाजा साहब जब इस दरवाजे से अपने निवास स्थल के लिए रवाना हुए तो उन्होंने कहा कि यदि छह दिन तक वह बाहर नहीं आए तो इसे खोल दिया जाए। इसके बाद जब इसे खोला गया तो ख्वाजा साहब का इंतकाल हो गया था। तभी से श्रद्धालुओं में यह आस्था है कि यह जन्नत दरवाजा है और इससे गुजरने वाला शख्स अवश्य ही जन्नत को जाता है।

उर्स के मद्देनजर बुधवार रात दरगाह की मजार से संदल उतारने का कार्य पूरा कर लिया गया मजार से उतारे गए संदल को पाने के लिए जायरीनों में होड़ मच गई। उर्स में शिरकत करने के लिए जायरीन की आगमन शुरू हो गई है। उर्स शुरू होने का संदेश लेकर महरौली स्थित ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह से पैदल रवाना हुआ मलंगों का जत्था बुधवार रात यहां पहुंच गया। इस जत्थे का गगवाना पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। मलंगों का यह जत्था जुलूस के रूप में शाम को ख्वाजा साहब के चिल्ले से रवाना होगा और गरीब नवाज की दरगाह में छडिया पेश करेगा। 

हथियार-हेरोइन तस्करी मोस्ट वांटेड पिता-पुत्र गिरफ्तार

भारत-पाक सीमा से हथियार व हेरोइन की तस्करी को अंजाम देने में पिता मूसा खां व पुत्र रधवा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सीमा पार से अवैध रूप से हथियारों की खेप पंजाब के बब्बर खालसा सरगना को भेजनी थी। इस दौरान पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर हथियारों का जखीरा तो पकड़ लिया था। मगर आरोपी मूसा व रधवा मौके से फरार हो गए थे।

एमपी में खदान ढही, 5 महिलाओं की मौत

एमपी में खदान ढही, 5 महिलाओं की मौत
 

शहांजहांपुर। जिले के शोयत कला गांव के पास मिट्टी खदान ढहने पांच महिलाओं की मौत की खबर है।



जानकारी के मुताबिक यह घटना शाम करीब पौने सात बजे की है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। इस बीच हादसे में और मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई गई है। 

आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित

आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित
 

अजमेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस 2010 मुख्य परीक्षा का परिणाम गुरूवार देर शाम जारी कर दिया। आयोग के अध्यक्ष एम.एल. कुमावत ने बताया कि आयोग की ओर से साक्षात्कार 27 जून से आयोजित किए जाएंगे।

इसमें 821 पदों के लिए 2015 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। साक्षात्कार 27 जून से अगस्त के अंतिम सप्ताह तक चलेंगे। सभी सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलावा पत्र भेजा जाएगा। आयोग ने पिछले साल 28 दिसम्बर से 13 जनवरी 2011 तक मुख्य परीक्षा का आयोजन किया था।

परिणाम के साथ ही कट ऑफ भी जारी
लोक सेवा आयोग ने परिणाम के साथ ही कट ऑफ भी जारी कर दी है। सामान्य वर्ग में सामान्य तथा सामान्य महिला वर्ग की कट ऑफ 640 अंक रखी गई है। टीएसपी अनुसूचित जाति महिला वर्ग में आयोग को योग्य उम्मीदवार ही नहीं मिली।

16 अभ्यर्थियों के परिणाम सीलबंद
हाइकोर्ट के आदेश की पालना में लोक सेवा आयोग की ओर से कई अभ्यर्थियों का परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखा गया है। इस श्रेणी में 16 अभ्यर्थी शामिल हैं। 

"बेबी फैक्ट्री" का भंडाफोड़

आबुझा। नाईजीरिया के दक्षिण इलाके में पुलिस ने एक "बेबी फैक्ट्री" का भंडाफोड़ किया है जहां युवतियों को जबरन गर्भवती करके उनसे पैदा होने वाले बच्चों को यौन बाजार में और बंधक मजूदर बनाने के लिए बेच दिया जाता था।

आबिया राज्य के पुलिस आयुक्त बाला हासन ने इस जघन्य अपराध का खुलासा करने का दावा करते हुए बताया कि अबा इलाके में छापेमारी के दौरान इस फैक्ट्री का पता चला।

यहां पर 15 से 16 साल की युवतियों के साथ जबरन शारीरिक सम्बंध बना कर उन्हें गर्भवती कर दिया जाता था और इस तरह से पैदा हुए बच्चों को खुले बाजार में बेच दिया जाता था।

बाद में इन बच्चों का इस्तेमाल शरीर की भूख मिटाने और धार्मिक क्रियायों को संपन्न कराने के लिए किया जाता था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऎसी 32 लड़कियों को वहां से मुक्त कराया है। उनके बच्चों को करीब 192 अमरीकी डालर में बेच दिया जाता था। 

प्रेम विवाह: नाराज पिता ने बेटे को मार मासूमों को किया अनाथ

रायपुर.बांगो थाना अंतर्गत ग्राम एतमानगर में प्रेम विवाह से नाराज पिता ने चार साल बाद पुत्र की हत्या कर दो मासूमों को अनाथ कर दिया। मृतक विश्वनाथ के नवजात पुत्र की छठी एक दिन पहले ही हुई थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार पेशे से लोहार सोनसाय विश्वाकर्मा (55) के 35 साल के पुत्र विश्वनाथ ने चार वर्ष पहले गांव की ही युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था।

इसके बाद वह छुरी में वंदना पावर प्रोजेक्ट में वेल्डर का काम करते हुए पिता से अलग होकर किराए के मकान में गुजरबसर कर रहा था। इस बीच उसकी डेढ़ साल की पुत्री साक्षी भी हो गई थी। 12 दिन पहले ही उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

विश्वनाथ तीन दिन पूर्व पत्नी व दो बच्चे समेत गृह ग्राम एतमानगर गया। जहां उसने पुत्र प्राप्ति की खुशी में मंगलवार को छट्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया।

इसमें शामिल होने गांव समेत सभी रिश्तेदार पहुंचे थे। छट्ठी खुशी-खुशी निपट गई। वहीं बुधवार को करीबी रिश्तेदारों को खाने-खिलाने का दौर चल रहा था। दोपहर लगभग 2.30 बजे विश्वनाथ अपने बहन दमाद इतवार विश्वकर्मा के साथ फर्श पर बैठकर बात कर रहा था।

इसी दौरान एकाएक पीछे से टंगिया लेकर आए विश्वनाथ के पिता सोनसाय ने उसके गर्दन पर हमला कर दिया। घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान बीच-बचाव का प्रयास कर रहे इतवार को भी सिर में चोट लगी।

सोनसाय मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल विश्वनाथ ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि इतवार का उपचार जारी है। चौकी पुलिस ने मामले की सूचना पर आरोपी सोनसाय के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।समाचार लिखे जाने तक बांगो थाना में घटना की सूचना नहीं दी गई थी।

प्रेम विवाह का था विवाद

विश्वनाथ की बड़ी मां श्रीमती मीना बाई के मुताबिक विश्वनाथ ने गैर जाति की युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था। इसी कारण बाप-बेटे में विवाद होता रहता था। बुधवार को भी इसी बात पर उनके बीच कहासुनी हो गई थी।

बड़ा विवाद नहीं हुआ था, लेकिन सोनसाय ने एकाएक आक्रोशित होकर टंगिए से विश्वनाथ पर हमला कर दिया। परिजन यह भी बताते हैं कि घटना के दौरान सोनसाय ने महुआ शराब पी रखी थी।

वट सावित्री के दिन मिटा सिंदूर 

बुधवार को जहां एक ओर सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत रखा था। वहीं दूसरी ओर रंजीता का सुहाग ही उजड़ गया। सुहाग उजाड़ने वाला भी कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर है, जिसे वह पिता व देवता तुल्य मानती थी। घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है।

रामदेव को अनशन नहीं करने देगी सरकार, पीएम के घर बैठक

नई दिल्‍ली. बाबा रामदेव के 4 जून से शुरू हो रहे 'सत्याग्रह' पर विचार करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रधानमंत्री के निवास 7, रेस कोर्स रोड पर जुट गए हैं। कांग्रेस की कोर ग्रुप की बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, गृहमंत्री पी. चिदंबरम, रक्षा मंत्री एके एंटनी शामिल हैं।  कांग्रेस ने अपने सभी नेताओं को ताकीद की है कि कोर ग्रुप की बैठक होने तक कोई बयान न दें। इस बीच, केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने योग गुरु से गुरुवार को दो बार फोन पर बातचीत की है। इस बातचीत का क्या नतीजा निकला, यह साफ नहीं हो सका है।        

बाबा रामदेव शुक्रवार की सुबह 'सत्याग्रह' के मुद्दे पर मीडिया को संबोधित करेंगे और सरकार से होने वाली बातचीत के नतीजे बताएंगे। गुरुवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस को यह कहते हुए टाल दिया गया है कि इस मुद्दे पर सरकार से 'गंभीर' बातचीत हो रही है। योग गुरु की ओर से मीडिया को इस बाबत एसएमएस भेजकर यह जानकारी दी गई। 

उधर, योग गुरु बाबा रामदेव भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ चार जून से शुरू हो रहे अनशन पर अब भी अडिग हैं। बाबा रामदेव ने गुरुवार को गुड़गांव में अपना संकल्प दोहराया। उन्होंने काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने, इसे राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में रखने और भ्रष्‍टाचारियों को मौत की सजा देने की मांग एक बार फिर दोहराई। उन्‍होंने अन्‍ना के साथ होने का भी ऐलान किया और अन्‍ना ने भी उनका पूरा साथ देते हुए 5 जून को उनके साथ अनशन पर बैठने की घोषणा की।

लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार उन्‍हें किसी भी तरह अनशन पर बैठने से रोकना चाहती है। बातचीत से मना कर और जरूरी हुआ तो कोई अन्‍य तरीका अपना कर भी।   इससे पहले योग गुरु ने कहा कि उनका आंदोलन सत्ता नहीं, व्यवस्था परिवर्तन के लिए है। उन्होंने कहा कि सत्ता किसी भी पार्टी की हो व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी देश के साथ भ्रष्टाचार करने की हिम्मत न करे। रामदेव ने कहा कि लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है, इसलिए लोग तत्काल कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'हम लोगों के आक्रोश को दिशा देना चाहते हैं। यह लड़ाई केवल भ्रष्टाचार के खात्मे और ब्लैक मनी को वापस लाने तक ही सीमित नहीं है। हम व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई की जरूरत है।' उन्होंने 2011 को युग परिवर्तन का साल बताया। 

क्या 2014 (अगले लोकसभा चुनाव) में परिवर्तन होगा? इस सवाल पर रामदेव ने कहा कि इस तरह का बदलाव खुद इसी साल होगा लेकिन उन्होंने तुरंत कहा कि उनका विरोध कोई राजनीतिक उद्देश्य हासिल करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, 'मेरा विरोध किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। यह व्यवस्था में परिवर्तन के लिए है। चाहे किसी भी पार्टी का शासन हो, हमारी जरूरत एक ऐसी व्यवस्था की है जो समस्याओं का हल प्रदान करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जो देश को लूटते हैं और धोखा देते हैं।' रामदेव ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर कहा कि उनके और अन्ना हजारे के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों साथ-साथ हैं। रामदेव ने कहा, 'यहां आने से पहले मैंने अन्ना हजारे से बात की है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है।' 

अन्‍ना हजारे ने बाबा रामदेव के आंदोलन को पूरा समर्थन देने की घोषणा की। जन लोकपाल बिल की मांग को लेकर पिछले दिनों जंतर-मंतर पर अनशन करने वाले अन्‍ना ने गुरुवार को पुणे में मीडिया से बातचीत में कहा, 'उन्‍हें (रामदेव को) हमारा पूरा समर्थन है।' अन्‍ना हजारे ने रामदेव का समर्थन करने का ऐलान करते हुए कहा, 'सरकार बाबा रामदेव के साथ धोखा कर रही है। हम मिलकर भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ेंगे। हमने जंतर मंतर पर अनशन नहीं तोड़ा होता तो सरकार गिर जाती।'  अन्‍ना 5 जून को रामदेव के अनशन में शामिल होंगे।

गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा, 'हम संगठित हैं। लोकपाल बिल बनने तक हम किसी की नहीं सुनेंगे कि कौन क्‍या कहता है। बाबा रामदेव ने काला धन के साथ लोकपाल की भी बात रखी है। हम भी दो मत नहीं है। इस देश से भ्रष्‍टाचार मिटाना है तो पीएम को दायरे में आने में क्‍या हर्ज है। इससे सरकार की छवि ही साफ होगी।' 

यह पूछे जाने पर कि बाबा रामदेव से मिलने कल दिल्‍ली एयरपोर्ट पर सरकार के 4 मंत्री गए थे, अन्‍ना ने कहा, 'इतने मंत्री एयरपोर्ट पर जाते हैं इस‍का मतलब है कि बाबा के खिलाफ धोखाधड़ी का कोई प्‍लान है।' 

दोनों खेमों में हलचल
बाबा रामदेव के अनशन में सिर्फ दो दिन बचे हैं। इसे लेकर सरकार और कांग्रेस में हलचल है और बैठकों का सिलसिला हर खेमे में जारी है। बाबा रामदेव ने गुड़गांव जाने से पहले अपने करीबियों के साथ बैठकर प्रस्तावित सत्याग्रह और सरकार के रुख को लेकर रणनीति पर विचार किया। दूसरी ओर, मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बात से खफा हैं कि बाबा रामदेव और केंद्र सरकार के चार मंत्रियों के बीच बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई बैठक में हुई बातचीत का ब्योरा उन्हें नहीं बताया गया। पार्टी नेताओं के बीच योग गुरु की चार केंद्रीय मंत्रियों द्वारा अगुवानी किए जाने के मामले पर गहरे मतभेद हैं। कांग्रेस और सरकार में भी मंथन का सिलसिला चल रहा है। कांग्रेस कोर ग्रुप शाम को बैठक करने वाली है। सूत्र बताते हैं कि इसमें इस पर फैसला होगा कि बाबा रामदेव को अनशन करने से रोकने के लिए क्‍या किया जाए और अगर इसमें कामयाबी नहीं मिली तो स्थिति से निपटने की रणनीति क्‍या हो। लेकिन इससे पहले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर बाबा रामदेव पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि आमरण अनशन और आंदोलन से न तो काला धन वापस आएगा और भ्रष्‍टाचार मिटेगा। इसलिए बाबा रामदेव को सरकार की बात मान कर अनशन का कार्यक्रम छोड़ देना चाहिए। उनका कहना था कि बाबा से कांग्रेस को कोई डर नहीं है। बकौल दिग्विजय, 'अगर कांग्रेस बाबा रामदेव से डरी होती तो पार्टी उन्‍हें सलाखों के पीछे बंद कर देती।'  

शादी का झांसा देकर बनाए संबंध, आरोपी की जमानत खारिज


आरोपी ने शादी की बात घरवालों से छुपाने के लिए लड़की पर बनाया था दबाव

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अनुसूचित जाति की लड़की को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाने व बाद में लड़की के गर्भवती होने पर उसे अपनाने से इनकार करने के आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। यह आदेश अवकाश कालीन न्यायाधीश कैलाश चन्द्र जोशी ने प्रार्थी आरोपी राजेश भाटी उर्फ रिंकू के आवेदन की सुनवाई में दिए।

अदालत में आवेदन कर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि प्रार्थी ने लड़की से 28 अक्टूबर 2010 को विवाह किया था। हालांकि इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। इस मामले में उसे गलत फंसाया गया है तथा उसे जमानत पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

जबकि राजकीय अधिवक्ता महीपाल विश्नोई ने आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि लड़की के बयानों के अनुसार आरोपी ने लड़की को बहला फुसला कर दो ढाई वर्ष पूर्व ही संबंध बना लिए थे। उन्होंने कहा कि आरोपी ने शादी की बात उसके घर वालों से छुपाने के लिए भी दबाव डाला था।

झूठी शान (ऑनर किलिंग) की खातिर बेटी का कत्ल करने वाले बाप को फांसी की सजा

तिहरे हत्याकांड में एक और को फांसी की सजा
लखनऊ। झूठी शान (ऑनर किलिंग) की खातिर बेटी का कत्ल करने वाले बाप को अदालत ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। पिता को अपनी बेटी का गैर बिरादरी के युवक से शादी मंजूर नहीं थी, लेकिन वह प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी। ऑनर किलिंग में किसी को फांसी की सजा का संभवत: यह पहला मामला है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अपने एक फैसले में ऑनर किलिंग के मामले में अदालतों को फांसी की सजा सुनाने का सुझाव दिया था।

मामला 19 जून 2009 का है। मिलक कोतवाली क्षेत्र के गांव क्रमचा निवासी शौकत सैफी की बेटी नसीम जहां (18) गांव के ही अपने प्रेमी यासीन से निकाह करना चाहती थी। प्रेमी के भुर्जी बिरादरी का होने से शौकत को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इस बीच, एक दिन नसीम पिता का घर छोड़कर प्रेमी के घर चली गई। बाद में शौकत उसे वापस घर लाया।

यासीन से निकाह न करने के लिए उसने बेटी को समझाया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही। इस पर शौकत ने बेटी की धारदार हथियार से गर्दन काट दी और पेट फाड़ दिया। नसीम की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना की नामजद रिपोर्ट शौकत के पड़ोसी इस्माइल ने दर्ज कराई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कामिनी पाठक ने शौकत को दोषी मानते हुए मौत की सजा सुना दी

निजी कंपनियां परियोजनाओं के लिए किसानों से सीधी बातचीत करके भूमि खरीदेंगे

 उत्तर प्रदेश में जमीन अधिग्रहण को लेकर उठे विवाद और दबाव के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री मायावती ने किसानों की एक पंचायत बुलाकर उनसे बातचीत करने के बाद नयी भूमि अधिग्रहण नीति की घोषणा की, जिसमें अब निजी कंपनियां परियोजनाओं के लिए किसानों से सीधी बातचीत करके भूमि खरीदेंगे। इसमें अब शासन व प्रशासन की भूमिका सिर्फ मध्यस्थ (फैसिलिटेटर) ही होगी
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किसान पंचायत में आए प्रतिनिधियों से सीधा संवाद कर समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए किसानों के सुझाव को अमल में लाते हुए प्रदेश सरकार ने भूमि अधिग्रहण की एक किसान हितैषी नयी नीति की घोषणा की है और नयी अधिग्रहण नीति तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दी गयी।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने गुरुवार को प्रदेश में नयी भूमि अधिग्रहण नीति की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी प्रकार के भूमि अधिग्रहण के मामलों में करार नियमावली का पालन करेगी तथा राज्य सरकार की नीति केन्द्र सरकार की प्रस्तावित नीति से कई गुना ज्यादा बेहतर व किसान हितैषी साबित होगी।
उन्होंने केन्द्र सरकार से राज्य सरकार की तर्ज पर भूमि अधिग्रहण की नीति पूरे देश के लिए लागू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण की नयी नीति का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित इस नीति को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें प्रदेश के विकास के लिए बड़ी निजी कंपनियों द्वारा स्थापित की जानी वाली विद्युत परियोजनाओं एवं अन्य कार्यों हेतु भूमि अधिग्रहण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

मायावती ने बताया कि नयी भूमि अधिग्रहण नीति के तहत विकासकर्ता को परियोजना के लिए चिन्हित भूमि से प्रभावित कम से कम 70 प्रतिशत किसानों से गांव में बैठक कर आपसी सहमति के आधार पर पैकेज तैयार कर के सीधे जमीन प्राप्त करनी होगी और जिला प्रशासन मात्र मध्यस्थ की भूमिका निभायेगा।
उन्होंने बताया कि यदि 70 प्रतिशत किसान सहमत नहीं होते है तो परियोजना पर पुनर्विचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण पैकेज के तहत किसानों को दो विकल्प उपलब्ध होंगे। वे 16 प्रतिशत विकसित भूमि ले सकते है, जिसके साथ-साथ 23 हजार रुपए प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी। वहीं, किसान यदि चाहें तो 16 प्रतिशत भूमि में से कुछ भूमि के बदले नकद प्रतिकर भी ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नयी नीति में किसानों को दी जाने वाली विकसित भूमि नि:शुल्क मिलेगी और उसमें कोई स्टांप ड्यूटी नहीं लगेगी। यदि नकद मुआवजे से एक वर्ष के भीतर प्रदेश में कहीं भी कृषि भूमि खरीदी जाती है तो उसमें भी स्टैम्प ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत के बाद जो किसान बचते है उनके लिए केवल उनकी भूमि अधिग्रहण के लिए धारा 6 इत्यादि के तहत कारवाई की जाएगी।
नयी नीति के दूसरे हिस्से की जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राजमार्ग व नहर आदि जैसी जनता की तमाम बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य करार नियमावली के तहत आपसी सहमति से तय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की भूमि ऐसी परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत की जायेगी, उन्हें शासन की पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना नीति के लिए लाभ दिये भी जायेंगे।
उन्होंने भूमि अधिग्रहण नीति के तीसरे हिस्से के संबंध में बताया कि कुछ भूमि विकास प्राधिकरणों, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों आदि द्वारा ली जानी वाली जमीन का मास्टर प्लान बनाया जाता है। ऐसी भूमि भी राज्य सरकार की करार नियमावली के तहत आपसी समझौते से ही ली जायेगी।
मायावती ने बताया कि इस संबंध में उनकी सरकार ने किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के इरादे से अधिग्रहित भूमि के बदले किसानों को दो विकल्प उपलब्ध कराने का भी फैसला लिया गया है। पहले विकल्प में प्रतिकर की धनराशि करार नियमावली के तहत आपसी समझौते से निर्धारित की जायेगी और इस मामले में संबंधित सार्वजनिक उपक्रम द्वारा उदार रवैया अपनाया जायेगा तथा प्रभावित किसानों को पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना नीति से भी लाभ उपलब्ध कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि दूसरे विकल्प में अधिग्रहीत भूमि के कुल क्षेत्रफल का 16 प्रतिशत भूमि विकसित करके नि:शुल्क दी जायेगी और इसके साथ-साथ 23 हजार रुपए प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी। उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण अथवा अंतरण किसी कंपनी के प्रयोजन हेतु होगा तो किसानों को पुनर्वास अनुदान की एकमुश्त धनराशि में से 25 प्रतिशत के समतुल्य कंपनी शेयर लेने का विकल्प उपलब्ध होगा।
उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र हेतु भूमि अधिग्रहण से पूरी तरह भूमिहीन हो रहे परिवारों के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुरूप निजी क्षेत्र की संस्था कंपनी में नौकरी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यदि परियोजना प्रभावित परिवार खेतिहर मजदूर अथवा गैर खेतिहर मजदूर की श्रेणी का होगा तो उसे 625 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के तौर पर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी