रायपुर.बांगो थाना अंतर्गत ग्राम एतमानगर में प्रेम विवाह से नाराज पिता ने चार साल बाद पुत्र की हत्या कर दो मासूमों को अनाथ कर दिया। मृतक विश्वनाथ के नवजात पुत्र की छठी एक दिन पहले ही हुई थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पेशे से लोहार सोनसाय विश्वाकर्मा (55) के 35 साल के पुत्र विश्वनाथ ने चार वर्ष पहले गांव की ही युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था।
इसके बाद वह छुरी में वंदना पावर प्रोजेक्ट में वेल्डर का काम करते हुए पिता से अलग होकर किराए के मकान में गुजरबसर कर रहा था। इस बीच उसकी डेढ़ साल की पुत्री साक्षी भी हो गई थी। 12 दिन पहले ही उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
विश्वनाथ तीन दिन पूर्व पत्नी व दो बच्चे समेत गृह ग्राम एतमानगर गया। जहां उसने पुत्र प्राप्ति की खुशी में मंगलवार को छट्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसमें शामिल होने गांव समेत सभी रिश्तेदार पहुंचे थे। छट्ठी खुशी-खुशी निपट गई। वहीं बुधवार को करीबी रिश्तेदारों को खाने-खिलाने का दौर चल रहा था। दोपहर लगभग 2.30 बजे विश्वनाथ अपने बहन दमाद इतवार विश्वकर्मा के साथ फर्श पर बैठकर बात कर रहा था।
इसी दौरान एकाएक पीछे से टंगिया लेकर आए विश्वनाथ के पिता सोनसाय ने उसके गर्दन पर हमला कर दिया। घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान बीच-बचाव का प्रयास कर रहे इतवार को भी सिर में चोट लगी।
सोनसाय मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल विश्वनाथ ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि इतवार का उपचार जारी है। चौकी पुलिस ने मामले की सूचना पर आरोपी सोनसाय के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।समाचार लिखे जाने तक बांगो थाना में घटना की सूचना नहीं दी गई थी।
प्रेम विवाह का था विवाद
विश्वनाथ की बड़ी मां श्रीमती मीना बाई के मुताबिक विश्वनाथ ने गैर जाति की युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था। इसी कारण बाप-बेटे में विवाद होता रहता था। बुधवार को भी इसी बात पर उनके बीच कहासुनी हो गई थी।
बड़ा विवाद नहीं हुआ था, लेकिन सोनसाय ने एकाएक आक्रोशित होकर टंगिए से विश्वनाथ पर हमला कर दिया। परिजन यह भी बताते हैं कि घटना के दौरान सोनसाय ने महुआ शराब पी रखी थी।
वट सावित्री के दिन मिटा सिंदूर
बुधवार को जहां एक ओर सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत रखा था। वहीं दूसरी ओर रंजीता का सुहाग ही उजड़ गया। सुहाग उजाड़ने वाला भी कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर है, जिसे वह पिता व देवता तुल्य मानती थी। घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पेशे से लोहार सोनसाय विश्वाकर्मा (55) के 35 साल के पुत्र विश्वनाथ ने चार वर्ष पहले गांव की ही युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था।
इसके बाद वह छुरी में वंदना पावर प्रोजेक्ट में वेल्डर का काम करते हुए पिता से अलग होकर किराए के मकान में गुजरबसर कर रहा था। इस बीच उसकी डेढ़ साल की पुत्री साक्षी भी हो गई थी। 12 दिन पहले ही उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
विश्वनाथ तीन दिन पूर्व पत्नी व दो बच्चे समेत गृह ग्राम एतमानगर गया। जहां उसने पुत्र प्राप्ति की खुशी में मंगलवार को छट्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया।
इसमें शामिल होने गांव समेत सभी रिश्तेदार पहुंचे थे। छट्ठी खुशी-खुशी निपट गई। वहीं बुधवार को करीबी रिश्तेदारों को खाने-खिलाने का दौर चल रहा था। दोपहर लगभग 2.30 बजे विश्वनाथ अपने बहन दमाद इतवार विश्वकर्मा के साथ फर्श पर बैठकर बात कर रहा था।
इसी दौरान एकाएक पीछे से टंगिया लेकर आए विश्वनाथ के पिता सोनसाय ने उसके गर्दन पर हमला कर दिया। घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान बीच-बचाव का प्रयास कर रहे इतवार को भी सिर में चोट लगी।
सोनसाय मौके से फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल विश्वनाथ ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि इतवार का उपचार जारी है। चौकी पुलिस ने मामले की सूचना पर आरोपी सोनसाय के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।समाचार लिखे जाने तक बांगो थाना में घटना की सूचना नहीं दी गई थी।
प्रेम विवाह का था विवाद
विश्वनाथ की बड़ी मां श्रीमती मीना बाई के मुताबिक विश्वनाथ ने गैर जाति की युवती रंजीता से प्रेमविवाह किया था। इसी कारण बाप-बेटे में विवाद होता रहता था। बुधवार को भी इसी बात पर उनके बीच कहासुनी हो गई थी।
बड़ा विवाद नहीं हुआ था, लेकिन सोनसाय ने एकाएक आक्रोशित होकर टंगिए से विश्वनाथ पर हमला कर दिया। परिजन यह भी बताते हैं कि घटना के दौरान सोनसाय ने महुआ शराब पी रखी थी।
वट सावित्री के दिन मिटा सिंदूर
बुधवार को जहां एक ओर सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु के लिए वट सावित्री का व्रत रखा था। वहीं दूसरी ओर रंजीता का सुहाग ही उजड़ गया। सुहाग उजाड़ने वाला भी कोई और नहीं बल्कि उसका ससुर है, जिसे वह पिता व देवता तुल्य मानती थी। घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है।
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