लखनऊ। झूठी शान (ऑनर किलिंग) की खातिर बेटी का कत्ल करने वाले बाप को अदालत ने बुधवार को फांसी की सजा सुनाई। पिता को अपनी बेटी का गैर बिरादरी के युवक से शादी मंजूर नहीं थी, लेकिन वह प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी थी। ऑनर किलिंग में किसी को फांसी की सजा का संभवत: यह पहला मामला है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अपने एक फैसले में ऑनर किलिंग के मामले में अदालतों को फांसी की सजा सुनाने का सुझाव दिया था।
मामला 19 जून 2009 का है। मिलक कोतवाली क्षेत्र के गांव क्रमचा निवासी शौकत सैफी की बेटी नसीम जहां (18) गांव के ही अपने प्रेमी यासीन से निकाह करना चाहती थी। प्रेमी के भुर्जी बिरादरी का होने से शौकत को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इस बीच, एक दिन नसीम पिता का घर छोड़कर प्रेमी के घर चली गई। बाद में शौकत उसे वापस घर लाया।
यासीन से निकाह न करने के लिए उसने बेटी को समझाया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ी रही। इस पर शौकत ने बेटी की धारदार हथियार से गर्दन काट दी और पेट फाड़ दिया। नसीम की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना की नामजद रिपोर्ट शौकत के पड़ोसी इस्माइल ने दर्ज कराई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कामिनी पाठक ने शौकत को दोषी मानते हुए मौत की सजा सुना दी
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