गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

कुलधरा,खाभा अवशेषों के साथ ही गुम हो जाएंगे




































कुलधरा,खाभा अवशेषों के साथ ही गुम हो जाएंगे


पशिचमी सरहदी जेसलमेर जिले का वैभवाली इतिहास इसकी कहानी खुद कहता हैं।जैसलमैर जिले के प्राचीन ,समृद्धाली,विकसित और वैभवाली इतिहास के साथ पालीवालों कें 84 गांवों की दर्दनाक किंदवन्तिया भी जुडी हैं।जैसलमेर जिला मुख्यालय सें 18 से 35 किलो मीटर के दायरे में पालीवालों कें वीरान और उजडे 84 गांवों की दास्तान आम आदमी कें रोंगटे खडे कर देता हैं।कुलधरा में हनुमान और खाभा में श्री कृश्णा मन्दिर आज भी वीरानी के साक्षी हैं।मेरा पुतैनी गांव खाभा जहॉ किलें की तलहटी पर मेरें परदादा पूज्य श्री शोभ सिंह जी की मूर्ति आज भी विद्यमान हैें।

कुलधरा पालीवालों का गांव था और पता नहीं क्‍या हुआ कि एक दिन अचानक यहां फल-फूल रहे पालीवाल अपनी इस सरज़मीं को छोड़कर अन्‍यत्र चले गये । उसके बाद से कुलधरा,खाभा,नभिया,धनाव सहित 84 गांवों  पर कोई बस नहीं सका । कोशिशें हुईं पर नाकाम हो गयीं । कुलधरा के अवशेष आज भी विशेषज्ञों और पुरातत्‍वविदों के अध्‍ययन का केंद्र हैं । कई मायनों में पालीवालों ने कुलधरा को वैज्ञानिक आधार पर विकसित किया था 
कुलधरा जैसलमेर से तकरीबन अठारह किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है । पालीवाल समुदाय के इस इलाक़े में चौरासी गांव थे और ये उनमें से एक था । मेहनती और रईस पालीवाल ब्राम्‍हणों की कुलधार शाखा ने सन 1291 में तकरीबन छह सौ घरों वाले इस गांव को बसाया था । पालीवालों का नाम दरअसल इसलिए पड़ा क्‍योंकि वो राजस्‍थान के पाली इलाक़े के रहने वाले  थे । पालीवाल ब्राम्‍हण होते हुए भी बहुत ही उद्यमी समुदाय था । अपनी बुद्धिमत्‍ता, अपने कौशल और अटूट परिश्रम के रहते पालीवालों ने धरती पर सोना उगाया था । हैरत की बात ये है कि पाली से कुलधरा आने के बाद पालीवालों ने रेगिस्‍तानी सरज़मीं के बीचोंबीच इस गांव को बसाते हुए खेती पर केंद्रित समाज की परिकल्‍पना की थी । रेगिस्‍तान में खेती । पालीवालों के समृद्धि का रहस्‍य था जिप्‍सम की परत वाली ज़मीन को पहचानना और वहां पर बस जाना । पालीवाल अपनी वैज्ञानिक सोच, प्रयोगों और आधुनिकता की वजह से उस समय में भी इतनी तरक्‍की कर पाए थे ।
पालीवाल समुदाय आमतौर पर खेती और मवेशी पालने पर निर्भर रहता था । और बड़ी शान से जीता था ।
 पालीवाल खेती और मवेशियों पर निर्भर रहते थे और इन्‍हीं से समृद्धि अर्जित करते थे । दिलचस्‍प बात ये है कि रेगिस्‍तान में पालीवालों ने सतह पर बहने वाली पान या ज़मीन पर मौजूदपानी का सहारा नहीं लिया । बल्कि रेत में मौजूद पानी का इस्‍तेमाल किया । पालीवाल ऐसी जगह पर गांव बसाते थे जहां धरती के भीतर जिप्‍सम की परत हो । जिप्‍सम की परत बारिश के पानी को ज़मीन में अवशोषित होने से रोकती और इसी पानी से पालीवाल खेती करते । और ऐसी वैसी नहीं बल्कि जबर्दस्‍त फसल पैदा करते । पालीवालों के जल-प्रबंधन की इसी तकनीक ने थार रेगिस्‍तान को इंसानों और मवेशियों की आबादी या तादाद के हिसाब से दुनिया का सबसे सघन रेगिस्‍तान बनाया । पालीवालों ने ऐसी तकनीक विकसित की थी कि बारिश का पानी रेत में गुम नहीं होता था बल्कि एक खास गहराई पर जमा हो जाता था ।
कुलधरा की वास्‍तुकला के बारे में कुछ दिलचस्‍प तथ्‍य कि कुलधरा में दरवाज़ों पर ताला नहीं लगता था । गांव का मुख्‍य-द्वार और गांव के घरों के बीच बहुत लंबा फ़ासला था । लेकिन ध्‍वनि-प्रणाली ऐसी थी कि मुख्‍य-द्वार से ही क़दमों की आवाज़ गांव तक पहुंच जाती थी । दूसरी बात उन्‍होंने ये बताई कि गांव के तमाम घर झरोखों के ज़रिए आपस में जुड़े थे इसलिए एक सिरे वाले घर से दूसरे सिरे तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सकती थी । घरों के भीतर पानी के कुंड, ताक और सीढि़यां कमाल के हैं । कहते हैं कि इस कोण में घर बनाए गये थे कि हवाएं सीधे घर के भीतर होकर गुज़रती थीं । कुलधरा के ये घर रेगिस्‍तान में भी वातानुकूलन का अहसास देते थे । 


ऐसा उन्नत और विकसित 84 गांव एक दिन अचानक खाली कैसे हो गया । ये एक रहस्‍य ही है ।

कहते हैं कि जैसलमेर की राजा सालम सिंह को कुलधरा की समृद्धि बर्दाश्‍त नहीं हो रही थी । उसने कुलधरा के बाशिंदों पर भारी कर/टैक्‍स लगा दिये थे । पालीवालों का तर्क था कि चूंकि वो ब्राम्‍हण हैं इसलिए वो ये कर नहीं देंगे । जिसे राजा ने ठुकरा दिया । ये बात स्‍वाभिमानी पालीवालों को हज़म नहीं हुई और मुखियाओं के विमर्श के बाद उन्‍होंने इस सरज़मीं से जाने का फैसला कर लिया । इस संबंध में एक कथा और है । कहते हैं कि जैसलमेर के दिलफेंक दीवान को कुलधरा की एक लड़की पसंद आ गयी थी । ये बात पालीवालों को बर्दाश्‍त नहीं हुई और रातों रात वो यहां से हमेशा हमेशा के लिए चले गये । अब सच क्‍या है ये जानना वाक़ई बेहद मुश्किल है । लेकिन कुलधरा के इस वीरान खंडहर में घूमकर मुझे बहुत अजीब- सा लगा । इन घरों, चबूतरों, अटारियों को देखकर पता नहीं क्‍यों ऐसा लग रहा था कि अभी कोई महिला सिर पर गगरी रखे निकल पड़ेगी या कोई बूढ़-बुजुर्ग चबूतरे पर हुक्‍का गुड़गुड़ाता दिखेगा । बच्‍चे धूल मिट्टी में लिपटे खेलते नज़र आएंगे । पगड़ी लगाए पालीवाल अपने खेतों पर निकल रहे होंगे । पर सच ये है कि सदियों से पालीवालों का ये गांव पूरी तरह से वीरान है ।
अफ़सोस के पालीवालों के वैज्ञानिक रहस्‍य कुलधरा के अवशेषों के साथ ही गुम हो जाएंगे ।

Apnapan (1977)Terah Dil mein jagah mileh -Swarg hameh kya Karnah Hai ?

प्यार शायद दुनिया के सभी प्राणियों को कुदरत की तरफ से दिया गया सबसे बेहतरीन तोहफा है। यही जीवन में रंग भरता है और जीवन तथा इस सृष्टि की ...

Khamma Khamma - Gopal Bajaj

JAY RAMDEV PEER BAPA.....

बुधवार, 20 अप्रैल 2011

सीएम निवास पर महिला ने जहर खाया


जयपुर। दहेज के लिए ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग एक महिला ने आज मुख्यमंत्री आवास को हिला कर रख दिया। महिला ने सीएम आवास पर जहर खा लिया। उसकी तबीयत बिगड़ती देख तुरंत ही वहां मौजूद पुलिस अमला हरकत में आया और महिला को लेकर अस्पताल की ओर दौड़ गया। महिला बेहोश है और उसकी हालत स्थिर बतायी जा रही है।
इस बारे में मुख्यमंत्री आवास पर तैनात अधिकारियों का कहना है कि महिला पहले से ही जहर खाकर आयी थी। यहां तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इस बात का पता चला। जबकि महिला के साथ आयी उसकी मां का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास पर बाहर ही रोके जाने से खफा महिला ने उनके सामने ही तैश में आकर जहर खा लिया था। घटना की सूचना पाकर मौके पर बड़े पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। फिलहाल, वे मामले में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आज सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर एक निजी संस्था का कार्यक्रम था। इस दौरान मुख्य द्वार पर आने वाले लोगों के पास बनाए जा रहे थे। एक महिला हष्ााü कंवर अपनी मां मंजू कंवर के साथ पास बनवाने के लिए पहुंची। इस पर काउंटर पर तैनात पुलिस अघिकारी और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अघिकारी ने उससे पूछताछ की। इस दौरान महिला की तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश हो गई। इस पर पास काउंटर के पास हंगामे की स्थिति हो गई। सीएम आवास में नियुक्त चिकित्सक को बुलाकर महिला को प्राथमिक उपचार दिया गया और सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराने के लिए भेजा गया। महिला को एसएमएस में 3 डीई वार्ड में भर्ती कराया गया है।
बताया जाता है कि महिला हष्ााü कंवर की शादी सोलह जनवरी 2011 को गुजरात के एक युवक से हुई थी। शादी के बाद से महिला को ससुराल में प्रताडित किया जा रहा था। इससे परेशान होकर महिला ने जयपुर में 24 मार्च को अपने ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। मामले में गिरफ्तारी नहीं होने से परेशान महिला आज सीएम के निवास पर पहुंची थी।
महिला के पास एक पत्र था जिसमें उसने तमाम वाकये का हवाला देते हुए जहर खाने की बात लिखी थी। साथ ही मामले में कुछ भी होने पर ससुराल पक्ष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी। उसने लिखा था कि ससुराल पक्ष के लोगों के प्रभावशाली होने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, इससे वह परेशान है और जहर खा रही है।

मुख्यमंत्री निवास के प्रवक्ता के अनुसार, जहर खाकर महिला मुख्यमंत्री निवास पहुंची थी। हालांकि, महिला की मां मंजू कंवर के अनुसार उन्हें नहीं पता था कि वह अपने साथ जहर लेकर आयी है। उसने तो रोके जाने पर ही अचानक कुछ निकाला और खा लिया, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। बीस लाख दहेज की थी मांग : पीडिता की मां मंजू कंवर की मानें तो ससुराल पक्ष शादी के बाद से ही 20 लाख रूपए दिये जाने की मांग कर रहा था। पैसा नहीं मिलने पर उन्होंने हर्षा को बुरी तरह प्रताडित किया। इसकी शिकायत हर्षा ने जयपुर में मामला दर्ज करवाया था। गौरतलब है कि हर्षा की शादी गुजरात में हुई थी।

JAISALMER MAI SAHITYA SANGAM...PHOTO





















Utaro Arti Shri Krishna Gher Aya - krishna Kanayo Part -1 Hamant Chuhan ...

फर्जी वसीयतनामा से हड़प ली करोड़ों की जमीन


फर्जी वसीयतनामा से हड़प ली करोड़ों की जमीन
बाड़मेर 

जिंदा बहनो को मृत बता भूमि हड़पने के बाद फर्जी वसीयतनामा के जरिए करोड़ों रुपए की जमीन का नामांतरण अपने नाम करवाने के एक मामला प्रकाश में आया है। कपूरड़ी लिग्नाइट परियोजना के लिए भूमि अवाप्ति के दौरान हल्का पटवारी से सांठ गांठ कर गैर खातेदारों ने कपूरड़ी निवासी हफीजो की खातेदारी भूमि अपने नाम करवा ली। यह मामला भूमि अवाप्ति की मुआवजा राशि भुगतान के एन वक्त पर पकड़ में आया। कलेक्टर ने मुआवजा रोक मामले की जांच एसडीएम बाड़मेर को सौंपी है।

कपूरड़ी में खसरा न. 337 में 55.17 बीघा भूमि हफीजो पत्नी स्व. मिया तेली की खातेदारी भूमि दर्ज थी। हफीजो की मृत्यु हो जाने के बाद रोशन खां पुत्र नैना खां, सिकंदर पुत्र गफूर खां जाति तेली निवासी बाड़मेर ने वसीयतनामा पेश कर उक्त खातेदारी भूमि का नामांतरण हल्का पटवारी के समक्ष पेश किया। इस पर हल्का पटवारी वीरचंद जैन ने 12 अप्रैल 09 वसीयतनामा प्रमाणित होने का हवाला देते हुए नामातंरण रोशन व सिकंदर के नाम भरकर उक्त 55 बीघा भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दी। इधर, ग्राम पंचायत कपूरड़ी के सरपंच ने बैठक कार्यवाही में हफीजो की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार से किसी सदस्य की आपत्ति दर्ज नहीं होने का हवाला देते हुए उक्त भूमि का नामांतरण वसीयतनामा पेश करने वाले रोशन व सिकंदर के नाम दर्ज करने पर सहमति जताई। इसके बाद भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होने पर आरएसएमएम ने खातेदारों को 1 करोड़ 65 लाख रुपए का मुआवजा राशि भुगतान की तैयारी कर दी। इस बीच हफीजो के नजदीकी रिश्तेदारों की ओर से आपत्ति जताने के बाद पता लगाया तो फर्जी वसीयतनामा पेश कर भूमि का नामांतरण दर्ज करने का खुलासा हो गया।
 

एसडीएम को सौंपी जांच : कलेक्टर गौरव गोयल ने फर्जी वसीयतनामा के जरिए भूमि हड़पने का मामला प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच एसडीएम बाड़मेर सी.आर. देवासी को सौंपी है। उन्होंने तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए ,साथ ही आरएसएमएम को उक्त खातेदार के नाम से स्वीकृत मुआवजा राशि के चैक का भुगतान रोकने को कहा है।
पटवारी का दूसरा कारनामा
कपूरड़ी के तत्कालीन पटवारी वीरचंद जैन ने भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सरकारी भूमि का नामांतरण फर्जी तरीके से गैर खातेदारों के नाम दर्ज कर दिया था। यह मामला प्रकाश में आने के बाद पटवारी को निलंबित कर दिया था। यह उसका दूसरा कारनामा है, जिसमें उसने खातेदारी भूमि को दूसरे काश्तकारों के नाम दर्ज कर दी।

भू अभिलेख निरीक्षक ने जताई थी आपत्ति 
हफीजो की मृत्यु के बाद वसीयतनामा पेश करने पर तत्कालीन भू अभिलेख निरीक्षक ने आपत्ति जताते हुए वसीयतनामा रजिस्टर्ड नहीं होना बताया। बिना रजिस्टर्ड वसीयतनामा में तहसीलदार से प्रकरण दर्ज कर जांच करने के बाद ही नामांतरण दर्ज करने के पटवारी को निर्देश दिए। साथ ही सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर निर्णय के लिए तहसीलदार बाड़मेर के समक्ष पेश करने को कहा था।
ञ्चपूरड़ी में भूमि अवाप्ति का मुआवजा उठाने के लिए फर्जी वसीयतनामा के जरिए खातेदारी भूमि अपने नाम करने का मामला सामने आया है। स्वीकृत मुआवजा रोकने के साथ मामले की जांच एसडीएम बाड़मेर को सौंपी है। दोषी कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

गौरव गोयल, जिला कलेक्टर, बाड़मेर

विवाहिता व किशोरी के साथ दुष्कर्म 

बाड़मेर & सदर थानातंर्गत एक विवाहिता व किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि कपूरड़ी निवासी पीडि़ता ने मामला दर्ज करवाया कि मालाराम पुत्र नरिंगाराम जाट निवासी जालीपा ने रात को घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी तरह गंगासरा निवासी एक किशोरी ने मामला दर्ज करवाया कि रात को वह अपने घर में सो रही थी। इस दौरान हनुमानराम पुत्र जेठाराम जाट (बीएसएफ जवान) ने उसके साथ दुष्कर्म किया। विवाहिता व किशोरी का मेडिकल मुआयना करवाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इसकी जांच एसआई गोविंदराम कर रहे हैं।

खुली रात्रि गश्त की पोल,
मीडियाकर्मी की कार को आग के हवाले करने की घटनाओं
बाड़मेर 

रात की खामोशी को चिरती सिलसिलेवार हो रही वारदातों ने आम शहरी के मन में दहशत फैला दी है। कुछ ही माह पहले नए साल के जश्न में डूबी रात सुबह होने तक खूनी खेल को अंजाम दे गई। खाकी पर सरेआम दहशतगर्दों ने गोलियां दाग दी। यातायात पुलिस के सिपाही को मारने के लिए सरेआम तलवार लेकर हमला करने की कोशिश, कवास क्षेत्र में खनन माफियाओं की ओर से भास्कर संवाददाता पर हमला व कैमरा छीनने की घटना और अब बीती रात को एक इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी की कार को आग के हवाले करने की घटनाओं ने पुलिस की रात्रि गश्त पर सवालिया निशान लगा दिया है।

सोमवार आधी रात के बाद शहर के सबसे अहम अफसर कॉलोनी में एक मीडिया कार्यालय के बाहर खड़ी कार को किसी ने आग के हवाले कर दिया। आरोपी वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल गया लेकिन किसी को खबर तक नहीं लगी।
जलती आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आग बुझाने के प्रयासों तक कार राख हो चुकी थी।

प्रशासनिक अधिकारियों के आवास करीब : मौका स्थल के ठीक सामने एडीएम और कुछ ही दूरी पर जिला कलेक्टर का आवास है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि इस इलाके में आपराधिक घटना को अंजाम देना इतना आसान नहीं है।

इतना ही नहीं सोमवार की रात पौने दो बजे तक जिला कलेक्टर के निवास पर मीडियाकर्मी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब है कि अस्पताल में एक घायल को समय पर इलाज नहीं मिलने और बाद में उसकी मौत से आक्रोशित लोग देर रात तक कलेक्टर निवास के सामने डेरा डाले बैठे थे। कार जलाने की घटना इसके कुछ ही देर बाद हुई।

मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

एशिया का सबसे लम्बा टावर



जैसलमेर जैसलमेर तनोट सड़क मार्ग पर स्थित रामगढ़ कसबे में 

एशिया का सबसे लम्बा दूरदर्शन टावर स्थित हें जिसकी ऊंचाई तीन 

सौ मीटर हें ,भारत पाकिस्तान की सरहद पसर लगे इस तवेर की 


क्षमता भी बेहतरीन हें ,यह एशिया  का सबसे लम्बा टावर हें 

ग्रामीणों का आक्रोश फूटा


ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार की मौत
बाड़मेर सदर थानातंर्गत हाइवे न. 15 पर जालीपा के पास ट्रक की चपेट में आने से मोटरसाइकिल सवार गंभीर रूप से घायल हो गया। जोधपुर रेफर करने पर बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि हाइवे न. 15 पर जालीपा के पास दानसिंह पुत्र लखसिंह राजपूत निवासी साजीतड़ा बाड़मेर से घर लौट रहा था। सामने से आ रहे ट्रक न. आरजे 19 जीए 6786 के चालक ने तेज गति व लापरवाही से चलाते हुए टक्कर मार दी। जिससे मोटरसाइकिल सवार घायल हो गया। सूचना मिलने पर सदर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर लाया गया। जहां पर हालत गंभीर होने पर जोधपुर रेफर किया गया। इस दौरान घायल ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
ऑक्सीजन के अभाव में घायल ने दम तोड़ा!
सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए दानसिंह को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय लाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने जोधपुर रेफर कर दिया। लेकिन घायल को आपात स्थिति में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो समूचा हॉस्पिटल प्रशासन लाचार नजर आया। घायल के परिजनों ने दूरभाष पर पीएमओ से बात की तो उन्होंने डॉ. एस आर भंडारी से मिलने को कहा। इस बारे में भंडारी को अवगत करवाया तो उन्होंने पीएमओ से अनुमति लाने की बात कही। इस तरह करीब आधे घंटे तक जिम्मेदार ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। इस बीच घायल की हालत बिगड़ गई। बाद में बमुश्किल ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाया गया। परिजनों ने इस बीच अपना रोष जाहिर किया। बाद में घायल को जोधपुर के लिए रेफर किया गया लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल में शव रखकर विरोध जताया :घायल को जोधपुर रेफर करने में देरी के चलते बीच रास्ते में ही उसकी मौत होने के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए परिजन शव को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पर शव रखकर विरोध जताया। कोटड़ा सरपंच ईश्वरसिंह राठौड़ के नेतृत्व में परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही से घायल की मौत का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी तादाद में लोग एकत्रित हो गए। इधर, माहौल गरमाने के बाद जिला कलेक्टर गौरव गोयल, डीएसपी नाजिम अली, कोतवाल मनोज कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जहां परिजनों से समझाइश कि प्रयास किए लेकिन वे हॉस्पिटल की अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जिद पर अड़ गए। देर रात तक शव नहीं उठाया गया। परिजन हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर पड़ाव डाले बैठे रहे।
वार्ता के बाद देर रात उठाया शव
राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर जालीपा नाडी के पास शाम को एक सड़क हादसे में बाइक सवार साजीतड़ा निवासी दानसिंह की अस्पताल में इलाज में हुई देरी और रेफर के दौरान रास्ते में हुई मौत के बाद परिजन और रिश्तेदारों का आक्रोश फुट पड़ा। गुस्साए लोगों ने देर रात तक अस्पताल से शव उठाने से मना कर दिया। लोग पीएमओ के खिलाफ मामला दर्ज करने और निलंबन की मांग पर अड़ गए। मौत के बाद अस्पताल में माहौल गरमा गया। रात 12 बजे तक गुस्साए लोग अस्पताल में शव के साथ डेरा डाले बैठे रहे। इस दौरान कलेक्टर के निर्देश पर बाड़मेर एसडीएम सीआर देवासी और डिप्टी नाजीमअली अस्पताल पहुंचे। अधिकारियों ने इन लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। 

डीएम बंगले के आगे पहुंचे
 

आधी रात में गुस्साए लोग जिला कलेक्टर गौरव गोयल के निवास पर पहुंचे और पीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद हीरसिंह भाटी, एडवोकेट स्वरूपसिंह राठौड़, तनसिंह चौहान, गणपतसिंह, कोटड़ा सरपंच ईश्वर सिंह व स्वरूपसिंह खारा का प्रतिनिधी दल के रूप में जिला कलेक्टर के निवास वार्ता करने पहुंचे। प्रतिनिधी मंडल ने कलेक्टर से पीएमओ के खिलाफ मामला दर्ज करने और उनके निलंबन की मांग की।
 

कलेक्टर से करीब 20 मिनट की वार्ता के बाद तीन सदस्यीय अधिकारियों की जांच कमेटी बनाई गई। जिसमें सीएमएचओ, एसडीएम और सीओ सिटी को शामिल करते हुए मंगलवार तक जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए । जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों की खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रात पौने एक बजे अस्पताल से शव उठाने को सहमत हुए।



जीप की टक्कर से एक की मौत, 11 घायल 

बाड़मेर. सदर थानातंर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग न. 15 पर खेतसिंह की प्याऊ के पास किनारे पर खड़ी बोलेरो गाड़ी को ट्रेलर ने अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में एक की मौत हो गई और 11 जने घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय में भर्ती किया गया। पुलिस ने ट्रेलर को जब्त कर ड्राइवर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार खेतसिंह की प्याऊ के पास अलसुबह खड़ी जीप को एक ट्रेलर के चालक ने टक्कर मार दी। हादसे में जीप में बैठे समदड़ी निवासी हीरालाल की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं नारायणलाल पुत्र देवीलाल ब्राह्मण, भवानी शंकर पुत्र मोहनलाल, श्रीमती चंपा पत्नी कैलाशचन्द्र, गंगा पत्नी रमेशचंद्र, परमेश्वरी पत्नी नारायणलाल, धूड़ी पत्नी मोहनलाल निवासी मुकने का तला, राजूराम पुत्र मूलाराम जाट निवासी हाथी तला, गोकुलचंद पुत्र विरजूराम मीणा, गुलाबचंद पुत्र रामसुख, जगदीश पुत्र भाखराराम, हुकमाराम पुत्र नारायणराम जाट घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को गाड़ी से बाहर निकालकर राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया। ट्रेलर को जब्त कर ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 






टॉवर गिरने से हुई श्रमिक की मौत ग्रामीणों का आक्रोश फूटा

 जैसलमेर फतेहगढ़ उपखंड मुख्यालय की ग्राम पंचायत देवीकोट के ग्राम पंचायत परिसर में लगे टावर के गिरने से उस परिसर में नरेगा के तहत कार्य कर रहे श्रमिक की मौत हो गई वहीं एक अन्य घायल हो गया। जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे कबीराराम पुत्र बाबूराम मेघवाल ग्राम पंचायत भवन परिसर में बन रहे राजीव गांधी सेवा केन्द्र के निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहा था कि अचानक वहां लगा टावर उस पर गिर गया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। वहीं एक अन्य श्रमिक हरखाराम पुत्र मुराराम भी घायल हो गया।

सड़क पर लगाया जाम : घटना की जानकारी मिलते ही थोड़ी ही देर में मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। इस दौरान ग्रामीणों को आक्रोश फूट पड़ा और सड़क पर उतर आए। प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। देखते ही देखते ग्राम पंचायत भवन को ग्रामीणों ने पूरी तरह से घेर लिया।


लोक साहित्य होता है इतिहास का आइना’


साहित्य की रचना इतिहास को प्रदर्शित करती है’
स्वर्णनगरी जैसलमेर ख्यातकार मुहणौत नैणसी की ४००वीं जयंती पर साहित्यकार एवं इतिहासकारी की दो दिवसीय संगोष्ठी
पदमश्री डॉ सीपी देवल ने कहा कि इतिहास का लोक व लोक का इतिहास एक दूसरे के सामने होते हैं। उन्होंने कहा कि लोक साहित्य की रचना अपने आप में इतिहास को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि ख्यातकार मुहणौत नेणसी ने राजस्थानी गद्य के क्षेत्र में जो विशिष्ट कार्य किया है, वह अविस्मरणीय एवं प्रेरणा का स्त्रोत है। 

पद्मश्री देवल स्थानीय पंचायत समिति जैसलमेर के सभागार में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। साहित्य अकादमी नई दिल्ली और राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में ‘ख्यातकार मुहणौत नैणसी की 400वीं जयंती पर पंचायत समिति जैसलमेर के सभागार में दो दिवसीय साहित्यकारों एवं इतिहासकारों की विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
 

इस राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घघाटन सत्र के मुख्य अतिथि कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा थे। समारोह की अध्यक्षता पद्मश्री डॉ. सीपी देवल ने की। सत्र के विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति कोटा विश्वविद्यालय डॉ. जीएसएल देवड़ा, इतिहास विभाग जेएनवी विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रोफेसर दिलबाग सिंह, विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग डूंगर महाविद्यालय डॉ. शिवकुमार भुनौत, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर थे।
 

नैणसी की ख्याति के लिए करें प्रयास
 

विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. जीएसएल देवडा ने मुहणौत नैणसी के चरित्र एवं व्यक्तित्व के साथ उनके द्वारा लिखित ख्यात, विगत एवं परगनों के इतिहास वृतांत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने राजस्थानी भाषा एवं शब्दों के माध्यम से नैणसी की ख्यात को और अधिक ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए साहित्यकारों से विशेष प्रयास करने का आग्रह किया।
 

साहित्य एवं इतिहास एक दूसरे के पूरक
 

प्रो. दिलबागसिंह ने ख्यातकार नैणसी की जयंती पर आयोजित की गई राष्ट्रीय सेमीनार के प्रति आभार व्यक्त जताया

मुहणौत नैणसी पर डाक टिकट जारी करवाने का प्रयास हो 

कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा ने कहा कि ख्यातकार मुहणौत नैणसी की ४००वीं जयंती पर जैसलमेर में जो राष्ट्रीय सेमिनार रखी गई है, उससे यहां के इतिहासकारों एवं साहित्यकारों को शोध कार्य करने में सहयोग मिलेगा। वहीं इस राष्ट्रीय सेमिनार में इतिहासकारों एवं साहित्यकारों को परिचर्चा से राजस्थानी साहित्य को अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मुहणौत नैणसी पर डाक टिकट जारी करने के लिए राष्ट्रीय साहित्य अकादमी एवं राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी के साथ ही इतिहासकारों एवं साहित्यकारों को प्रयास करने का आग्रह किया ताकि मुहणौत नैणसी की याद को और अधिक चिर स्थाई बनाया जा सके। उन्होंने जैसलमेर में राजस्थानी साहित्य फेस्टीवल की शुरूआत करने की भी आवश्यकता जताई




ख्यात गोठ के दूसरे दिन जामिया मिलिया विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. इनायत अली जैदी की अध्यक्षता में आयोजित प्रथम सत्र में पुष्पलता कश्यप, शैलेन्द्र उपाध्याय व बुलाकी शर्मा ने बीसवीं सदी में राजस्थानी काव्य, उपन्यास व अन्य विधाओं की विकास यात्रा पर अपने परचे पढ़े। जिसका संयोजन एवं समाहार नंद भारद्वाज ने किया। इस गोष्ठी में जिला कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा ने उपस्थित होकर समस्त साहित्यकारों एवं इतिहासकारों से ऐसे आयोजन करवाने की मंशा जाहिर की। 

संगोष्ठी का दूसरा सत्र अर्जुन देवचारण की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमें
मीठेश निर्मोही  मालचंद तिवाड़ी, डॉ. चेतन, श्याम जांगिड़ ने अपने विचार रखे। वहीं भगवतीलाल व्यास की अध्यक्षता में आयोजित अंतिम सत्र में ओम प्रकाश भाटिया, भंवरलाल भ्रमर, कमल रंगा ने अपनी राजस्थानी कहानियों का पठन किया जिस पर व्यापक चर्चा की गई। सत्र के मध्य में जिला कलेक्टर द्वारा साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। वहीं स्थानीय बुद्धिजीवियों व साहित्यकार मोहनलाल बरसा, चंद्रशेखर पुरोहित, सांगीदास भाटिया व सतीश छंगाणी द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम में विशेष सहयोग के लिए जिला कलेक्टर द्वारा स्थानीय सहित्यकार आनंद जगाणी को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

सोमवार, 18 अप्रैल 2011

कई ट्रेन को ट्रैक पर रूक दिया है




 बाड़मेर कालका एक्सप्रेस के बायतु में ठहराव की मांग को लेकर सोमवार का राजस्था के बाड़मेर जिले के बायतु उपखंड इलाके में सकडो की तादाद में जाटो ने कई ट्रेन को ट्रैक पर रूक दिया है
दिल्ली  से बाड़मेर चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को सुबह 9  बजे से ही रोक कर  रखा  है इन लोगो की माग है की यह अब ट्रेक से जब हटे गए जब इन्हें लिखित में यह आश्वाशन दिया जाए  कि  कालका एक्सप्रेस को आन वाले कुछ दिनों में यह पर ठहराव किया जाएगा
राजस्थान बाड़मेर जिले के बायतु के आस पास के तीन सो  गाव के लोगो कि लम्बे समय से यह माग है कि बाड़मेर से हरिद्वार चलने वाली कालका एक्सप्रेस का ठहराव दो मिनट के लिए बायतु में किया जाए लेकिन इन लोगो का कहाँ है कि रेलवे के अधिकारिओ  कि लापरवाई के चलते कई सालो से यह माग नहीं मानी जा रही है  बायतु के जाट नेता केलाश चोधरी के अनुसार आज हमने अपना आन्दोलन शरू किया है जिसमे हमने सबसे पहले सुबह कालका एक्सप्रेस को १ घंटे के लिए राव था अब हमने तीन घंटो से इंटरसिटी को यहाँ पर रूक रखा है जब तक हमें लिखित आदेश नहीं मिलेगा तब तक हम अब किसी भी ट्रेन को जाने नहीं देगे ............ इंटरसिटी में आने वाले सकडो यात्री यह फसे है यात्री हनुमान के अनुसार हम लोग दो घंटे से यह फसे हुए है और हमारे छोटे छोटे बच्चे परेशान हो रहे है और अब कब यह से तरीन निकलेगी इसका कोई भी रेलवे अधिकारी जबाब नहीं दे रहा है अब यह से बाड़मेर  केसे जावे कोई साधन नहीं है 
......बायतु के उपखंड अधिकारी महेश महेता  के अनुसार इन लोगो कि वाजिब माग है हमने अपने अधिकारियो से बात कर रहे है जल्द है ट्रेन शरू कर दी जाएगी अभी तक आज दो तरीन को रूक है ............. जाटो के इस आन्दोलन से अब तक करीब आधा दर्जन ट्रेने प्रभवित है जिसमे कई ट्रेनों  को बालोतरा है रोक दिया गया है जिसमे गुहावटी एक्सप्रेस भी  घंटो से बालोतरा  खड़ी है इस आन्दोलन से सकडो मुसाफिर परेशान है 

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

ख्यात्कार मुन्ह्नोत नैनसी की ४०० वीं जयंती पर स्वर्ण नगरी जैसलमेर मैं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार जैसलमेर न्यूज़- जैसलमेर न्यूज़- राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर तथा साहित्य अकादमी दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान मैं ख्यात्कार मुन्ह्नोत नैनसी की ४०० वीं जयंती पर स्वर्ण नगरी जैसलमेर मैं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का उदघाटन सत्र जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा के मुख्या आतिथ्य, साहित्य कार घनश्याम देवड़ा, प्रोफ़ेसर दिलबाग सिंह के विशिष्ठ आतिथ्य तथा पदमश्री चन्द्र प्रकाश देवल की अध्यक्षता मैं आरम्भ हुआ. इस अवसर पर साहित्य अकादमी बीकानेर के अध्यक्ष डा. महेंद्र खडगावत, नन्द भारद्वाज, नगर पालिका के चेयर मैन अशोक तंवर , श्याम सिंह राजपुरोहित के साथ साथ पूरे राजस्थान और भारत के इतिहासकार और साहित्यकार उपस्थित रहे. उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए पदम् श्री चन्द्र प्रकाश देवल ने कहा की मुन्ह्नौत नेनसी की ख्यातें अमर इतिहास है. जिस पर विभिन्न आयामों पर शोध की आवश्यकता है. राजस्थानी भाषा के विकास मैं नेनसी की महती भूमिका थी. सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए इतिहासकार घश्यम देवड़ा ने कहा की मुन्ह्नोत नेनसी की ख्यातों मैं राजस्थानी शब्दों की महानतम व्याख्या की गयी है. उनकी ख्यातों मैं सरल भाषा, शब्दों का नापा तुला चयन राजस्थानी भाषा को नया आयाम प्रदान करता है. उन्होंने कहा की नेनसी की ख्यातें मारवाड़ परगने की संस्कृति को उल्लेखित करती है. १८ वीं शताब्दी मैं राजस्थानी भाषा के विकास की शुरुआत कर नेनसी ने राजस्थानी भाषा के विकास के बीज बोये. सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथी जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा ने कहा की मुन्ह्नोत नेनसी की ४०० वीं जयन्ती पर उनके सम्मान मैं डाक टिकट जारी कराने के संयुक्त प्रयास किये जाने चाहिए तथा जोधपुर मैं उनको समर्पित शोध संसथान का गठन कर राजस्थानी भाषा के शोधार्थीयों को छात्रवृति देने के प्रयास किये जाने चाहिए. उन्होंने आगे कहा की जैसलमेर मैं लिट्रे चर फेस्टिवल के आयोजन की पहल की जायेगी. सत्र को वरिष्ठ इतिहासकार पोफ्फेसर डा. दिलबाग सिंह तथा शिव प्रकाश भनोत ने भी संबोधित किया. ध्यान रहे की ये सेमीनार जैसलमेर मैं २ दिन के लिए हो रहा है और दोनों ही दिन राजस्थानी साहित्य और इतिहास पर चर्चा के अलावा राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए भी किये जा रहे प्रयासों पर विचार कर उसे पुख्ता किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल सके.

ख्यात्कार मुन्ह्नोत नैनसी की ४०० वीं जयंती पर स्वर्ण नगरी जैसलमेर मैं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार
जैसलमेर न्यूज़-
जैसलमेर न्यूज़- राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर तथा साहित्य अकादमी दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान मैं ख्यात्कार मुन्ह्नोत नैनसी की ४०० वीं जयंती पर स्वर्ण नगरी जैसलमेर मैं दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का उदघाटन सत्र जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा के मुख्या आतिथ्य, साहित्य कार घनश्याम देवड़ा, प्रोफ़ेसर दिलबाग सिंह के विशिष्ठ आतिथ्य तथा पदमश्री चन्द्र प्रकाश देवल की अध्यक्षता मैं आरम्भ हुआ. इस अवसर पर साहित्य अकादमी बीकानेर के अध्यक्ष डा. महेंद्र खडगावत, नन्द भारद्वाज, नगर पालिका के चेयर मैन अशोक तंवर , श्याम सिंह राजपुरोहित के साथ साथ पूरे राजस्थान और भारत के इतिहासकार और साहित्यकार  उपस्थित रहे.
उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए पदम् श्री चन्द्र प्रकाश देवल ने कहा की मुन्ह्नौत नेनसी की ख्यातें अमर इतिहास है. जिस पर विभिन्न आयामों पर शोध की आवश्यकता है. राजस्थानी भाषा के विकास मैं नेनसी की महती भूमिका थी. सेमीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए इतिहासकार घश्यम देवड़ा ने कहा की मुन्ह्नोत नेनसी की ख्यातों मैं राजस्थानी शब्दों की महानतम व्याख्या की गयी है. उनकी ख्यातों मैं सरल भाषा, शब्दों का नापा तुला चयन राजस्थानी भाषा को नया आयाम प्रदान करता है. उन्होंने कहा की नेनसी की ख्यातें मारवाड़ परगने की संस्कृति को उल्लेखित करती है. १८ वीं शताब्दी मैं राजस्थानी भाषा के विकास की शुरुआत कर नेनसी ने राजस्थानी भाषा के विकास के बीज बोये.
सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथी जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा ने कहा की मुन्ह्नोत नेनसी की ४०० वीं जयन्ती पर उनके सम्मान मैं डाक टिकट जारी कराने के संयुक्त प्रयास किये जाने चाहिए तथा जोधपुर मैं उनको समर्पित शोध संसथान का गठन कर राजस्थानी भाषा के शोधार्थीयों को छात्रवृति देने के प्रयास किये जाने चाहिए. उन्होंने आगे कहा की जैसलमेर मैं लिट्रे चर फेस्टिवल के आयोजन की पहल की जायेगी.
सत्र को वरिष्ठ इतिहासकार पोफ्फेसर डा. दिलबाग सिंह तथा शिव प्रकाश भनोत ने भी संबोधित किया.
ध्यान  रहे की ये सेमीनार जैसलमेर मैं २ दिन के लिए हो रहा है  और दोनों ही दिन राजस्थानी साहित्य और इतिहास पर चर्चा के अलावा राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए भी किये जा रहे प्रयासों  पर विचार कर उसे पुख्ता किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द राजस्थानी भाषा को मान्यता मिल सके.

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

Nindiya se jagi bahar (Hero)

श्री भादरिया राय मन्दिर स्थान जैसलमेर


श्री भादरिया राय मन्दिर,जैसलमेर 


श्री भादरिया राय मन्दिर स्थान जैसलमेर से करीब ८० की. मी. जोधपुर रोड धोलिया ग्राम से १० की. मी. उतर की तरफ़ हें ! उक्त स्थान के पास एक भादरिया नमक राजपूत रहता था उसका पुरा परिवार आवड़ा माता का भक्त था ! जिसमे उक्त महाशय की पुत्री जिसका नाम बुली बाई था वह मैया की अनन्य भक्त थी ! उसकी भक्ति की चर्चाए सुनकर माड़ प्रदेश के महाराजा साहब पुरे रनिवास सहित उक्त जगह पधारे , बुली बाई से महारानी जी ने साक्षात रूप मे मैया के दर्शन कराने का निवेदन किया ! उक्त तपस्वनी ने मैया का ध्यान लगाया , भक्तो के वस भगवान होते हें ! मैया उसी समय सातो बहने व भाई के साथ सहित पधार गई ! सभी मे गद गद स्वर मे मैया का अभिवादन किया तब रजा ने मैया से निवेदन किया मैया आप सभी परिवार सहित किस जगह विराजमान हें तब मैया ने फ़रमाया मे काले उचे पर्वत पर रहती हू ! इस प्रकार मैया वहा से रावण हो गई , मैया के दर्शन पाने से सभी का जीवन धन्य हुवा ! उसी स्थान पर भक्त भादरिये के नाम से भादरिया राय मन्दिर स्थान महाराजा की प्रेणना से बनाया गया !